Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही - Page 19 - SexBaba
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Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही

रेखा--ग़लती,,,,,मेरी चूत ऑर गान्ड का बुरा हाल कर दिया ऐसा चोदा जैसे तेरी रंडी हूँ मैं ऑर
पूछता है मैने ऐसा क्या कर दिया,,,,,,,चल अब मुझे आराम करने दे तू जा यहाँ से,,,,

सन्नी--ठीक है तू आराम कर ,,मैं तो बस ये पूछना आया था कि मोटर को कार से निकाल कर यहीं रख
दूं तेरे घर मे ताकि कल भी मोटर के बहाने तुझे मिलने आ सकूँ,,,,,,

रेखा ने गुस्से से मुझे देखा,,,,,कोई ज़रूरत नही ले जा उस मनहूस मोटर को यहाँ से उसकी वजह
से हुआ है मेरी चूत ऑर गान्ड का ये हाल,,,,,अब ना तेरे हाथ आउन्गी मैं कुछ दिन,,,,,वो गुस्से
से हल्की मुस्कान के साथ मुझे बोलने लगी,,,,

सन्नी-ठीक है तू आराम करले मैं जाता हूँ वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया है,,मैने मोबाइल मे टाइम
देखा तो 6 बजे थे जबकि मैं इसके साथ 2 -3 बजे के करीब आया था,,3 घटने मे मस्त चुदाई
की थी मैने इसकी,,,,,,,,,,,,तभी रूम से जाते टाइम मेरी नज़र बेड के पीछे बनी एक शेल्व पर पड़ी
जिसपे एक तस्वीर रखी हुई थी,,,,वो तस्वीर मुझे जानी पहचानी लगी लेकिन समझ नही आ रहा
था कि ये तस्वीर किसकी है तभी उसने मुझे तस्वीर की तरफ देखते हुए देखा तो जल्दी से उठ कर तस्वीर को
नीचे कर दिया ऑर मेरे से छुपा लिया,,,,,,,मैं उसकी इस हरकत को समझ नही पाया लेकिन मुझे
कुछ ठीक नही लगा खैर मैं उसको अलविदा बोला ऑर वहाँ से चला गया,,,,लेकिन वो तस्वीर मेरे
दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,, मुझे कुछ अजीब लगा वो तस्वीर देख कर,,घर तक आते आते
मैं उसी तस्वीर के बारे मे सोचता रहा,,,,,,

एक तो आज बड़ा खुश था रेखा जैसी मस्त औरत की चुदाई करके लेकिन साथ मे मुझे थोड़ी
टेन्षन भी होने लगी थी यही सोच कर कि रेखा कॉन है ओर इतना सब कुछ कैसे जानती है मेरे
परिवार के बारे मे ऑर मेरे घर वाले भी उसके पास क्यूँ जाते है इतनी चुदाई करने के लिए ऑर
सबसे बड़ी बात कि वो तस्वीर किसकी थी ,,तस्वीर मे 5 लोग थे जिनमे से 2 को मैं बिल्कुल भी नही
पहचान सका लेकिन 3 लोग जाने पहचाने लग रहे थे,,,,उस तस्वीर ने तो दिमाग़ ही खराब
कर दिया था मेरा,,,,,,,

मैं घर पहुँचा ऑर नये घर का गेट खोलके कार घर मे खड़ी की ऑर मोटर लेके जैसे ही
बाहर आने लगा तो देखा कि सोनिया के रूम मे दरवाजा खुला हुआ था ऑर वो बेड पर लेट कर टीवी
देख रही थी तभी उसका ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो उठकर दरवाजे की तरफ आई ऑर मुझे गुस्से
से देखते हुए दरवाजा बंद कर लिया,,,,मैं भी डर गया ऑर मोटर हाथ मे लेके जल्दी से वहाँ
से बाहर चला गया ,,,,मैं चाचा के घर गया मोटर लेके तो मामा बाहर अंगान मे ही
बैठा हुआ था ऑर माँ भी उसके पास बैठी हुई थी,,,,,,,,

मेरे हाथ मे मोटर देख कर मामा बोला,,,,,,,,क्यू भान्जे मोटर ठीक हो गई क्या,,उसने हँसते
हुए शरारती अंदाज़ मे पूछा तभी मैने मामा के साथ साथ माँ की तरफ देखा ऑर बोला
हां मामा एक दम ठीक हो गई है ,,,,खुद पास खड़े रहके ठीक करवाई है अब कुछ
दिनो तक कोई परेसानि नही देगी मोटर,,,,,,मैं भी उसी अंदाज़ से हँसते हुए मामा की बात
का जवाब देने लगा ऑर तभी मैने माँ की तरफ देखा तो माँ उठकर रसोई की तरफ चली
गई,,,,,,

तो कितना टाइम लगा मोटर ठीक होने मे भान्जे,,,,मामा ने फिर हँसते हुआ पूछा,,,,,

सन्नी--मामा मोटर जल्दी ठीक हो गई थी लेकिन मेरा दिल नही भरा जब तक मोटर को अच्छी तरह से
चला कर परख नही लिया,,,,अब तो बिल्कुल ठीक चलेगी,,,,

तभी मामा चारपाई से उठा ऑर मेरे करीब आ गया,,,,,,,मोटर को ज़्यादा नुकसान तो नही
पहुँचाया तूने भान्जे,,,,

सन्नी--नही मामा ज़्यादा नही बस कुछ दिनो तक मेरे पास नही आने वाली आपकी मोटर,,,ऑर हो सकता है
आपको भी कुछ दिन अपने करीब नही आने देगी वो,,,,,मैं अब हँस रहा था ऑर मामा चुप हो
गया था,,,,,,

मामा--क्या भानजे इतना क्यू परखा तूने मोटर को चला चला कर ,,,अब मेरे काम भी नही आई कुछ
दिन तो क्या होगा मेरा,,,,,,

तभी मैने देखा माँ रसोई से पानी का ग्लास लेके हमारी तरफ़ आ रही थी,,,,,,मैने माँ की
तरफ इशारा करते हुए बोला,,,कोई बात नही मामा तेरे पास दूसरी मोटर है ना,,,,,,

मामा ने मेरा इशारा समझा ऑर बोला,,,,,,हाँ ये बात तो ठीक है लेकिन वो मोटर भी अच्छी चलती
है भानजे ,,,,इसी मोटर की तरह काफ़ी तेज है वो मोटर,,,,,

मैने माँ के हाथ से पानी का ग्लास लिया ऑर माँ की तरफ देखते हुए बोला,,,,,नही मामा ये
मोटर ज़्यादा अच्छी है ,,वो मोटर भला इस मोटर का क्या मुक़ाबला करेगी,,,,मैने देखा कि माँ
थोड़ी शरमा गई ऑर वहाँ से चली गई ,,,ऑर जाते हुए बोल गई कि खाना तैयार करने जा रही है
रसोई मे ,,तभी मामा ने मेरे हाथ से मोटर पकड़ी ऑर बाहर चला गया,,,,,,,तू रुक यही बेटा
मैं अभी मोटर फिट करके आता हूँ,,,,,,,,,,

सन्नी--ठीक है मामा तू अपनी मोटर फिट कर ऑर मैं अपनी
फिट करता हूँ,,,,मैने मामा को रसोई की तरफ इशारा किया ऑर मामा हंस कर वहाँ से चला
गया ऑर मैं रसोई मे ग्लास रखने के बहाने चला गया,,,,

रसोई मे माँ खाना पकाने की त्यारी कर रही थी,,,,,मैने माँ को पीछे से पकड़ लिया ऑर माँ
के गले के नीचे किस करदी,,,,,,,,,

माँ--हट बदमाश कोई आ जाएगा,,,,,,,,कुछ तो शरम कर,,,,

सन्नी--कॉन आएगा माँ,,,,,,चाचा ऑर चाची तो अपने रूम मे है,,,ऑर मामा गया मोटर फिट करने,,
ऑर किसने आना है यहाँ,,,,,,

माँ-सोनिया भी तो यहीं है भूल गया,,,,,

सन्नी--वो तो दूसरे घर मे आराम से बैठ कर टीवी देख रही है माँ,,,,तुम टेंशन मत लो तुम्हारा
बेटा सब कुछ देख परख कर ही करता है,,,,,मैं अभी भी मस्ती मे था मैने माँ को अपनी
बाहों मे जकड़ा ऑर हाथ माँ के बूब्स पर रहे ऑर मसल्ने लगा,,,,,

माँ--सबर कर रात तो होने दे इतनी भी क्या आग लगी है,,,थका नही क्या मोटर ठीक करवा कर,,,

सन्नी--नही माँ मैं नही थका लेकिन मोटर कुछ ज़्यादा ही थक गई ठीक होते होते,,अब दूसरी मोटर
की बारी है मैने माँ के बूब्स दबाते हुए बोला,,,,,,,

माँ--अभी नही बेटा रात होने दे फिर जितना
दिल करे इस मोटर को ठीक करता रहना,,,,,

माँ ने मेरी बात का जवाब दिया तो मैं समझ गया कि माँ भी जानती थी कि मैं रेखा के
साथ कहाँ जाने वाला हूँ,,,,माँ को भी सब पता था,,,,

सन्नी--लेकिन माँ रात को तो तुम सोनिया के साथ सोने वाली हो ओर मैं मामा के साथ फिर कैसे होगा,,

माँ--तू टेन्षन मत ले बेटा मैं रात को मामा को चाचा के पास सुला दूँगी ऑर चाची को भेज दूँगी
सोनिया के पास तू टेन्षन मत ले ऑर रात का इंतजार कर,,,,ऑर अब जा यहाँ से मुझे खाना पकाने
दे,,,वैसे भी टाइम बहुत हो गया है गाओं मे लोग अक्सर खाना जल्दी खा लेते है ऑर जल्दी सो
जाते है तुझे तो अब तक पता चल ही गया होगा,,,,,

सन्नी--हां माँ बहुत कुछ पता चल गया है ,,ऑर अभी बहुत कुछ पता करना बाकी है,,,तभी माँ
मेरी तरफ पलटी ऑर कुछ परेशान हो गई,,,,,,,,मैने माँ के लिप्स को हल्के से किस किया ऑर बोला
जल्दी खाना पका लो माँ फिर मस्ती भी तो करनी है ,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया ऑर
माँ परेशानी भरी नज़रो से मुझे देखती रही,,,,
 
मैं इसी घर के बाथरूम मे गया ऑर फ्रेश होके चाचा जी के रूम मे चला गया ऑर उन लोगो
से बातें करने लगा,,,कुछ देर बाद माँ सबको खाने के लिए बुलाने आई चाची तो बाद मे
उठी लेकिन मैं तभी माँ के पीछे पीछे चला गया मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा था
ताकि हाथ धो सकूँ लेकिन मैने देखा कि रसोई मे माँ के साथ कोई ऑर भी था तो मैं चुपके
से रसोई की तरफ गया ऑर बाहर से बातें सुनने लगा,,,,

माँ--मुझे लगता है सुरिंदर रेखा ने सन्नी को सब कुछ बता दिया है,,,,मुझे तो टेन्षन होने
लगी है,,,,

मामा--नही सरिता मैं रेखा को जानता हूँ उसने कुछ नही बताया होगा,,,,वैसे उसको इधर उधर की
बातें करने का बहुत शॉंक है लेकिन मेरी बात का यकीन करो उसने कुछ नही बताया होगा
सन्नी को,,,

माँ--मुझे लगता है कि बातों बातों मे बहुत कुछ बता दिया होगा रेखा ने,,,तभी सन्नी मेरे
से अजीब तरीके से बात कर रहा था,,उसकी बातों से लग रहा था कि रेखा ने उसको कुछ कुछ
बता दिया है,,,,,,मुझे डर लग रहा है ,,मैं नही चाहती कि बच्चों को कुछ भी पता
चले,,,ऑर ना ही अशोक चाहता है,,,,,

मामा--तू फ़िक्र मत कर सरिता मुझे पक्का यकीन है उसने कुछ नही बताया होगा सन्नी को,,,ऑर अगर
बता भी दिया तो क्या हो गया,,,विशाल भी तो सब जानता है ऑर एक ना एक दिन बाकी बच्चों को भी
सब सच पता चलना ही है,,,,,लेकिन फिर भी मैं कहता हूँ रेखा ने कुछ नही बताया होगा
उसने यही बोला होगा कि तुम जाके किसी ऑर से पूछ लेना,,,,,अब हो सकता है सन्नी तेरे को या मेरे
को कुछ पूछ सकता है ,,लेकिन अभी इस बात से कोई फ़ायदा नही मैं कल रेखा से पूछ लूँगा
कि उसने कुछ बताया है या नही तू बस आज रात सन्नी को खुश कर ऑर इतना खुश कर कि मस्ती
मे आके वो तेरे से कुछ पूछ ही ना सके,,,,,बाकी हम बाद मे देखते है कि क्या करना है,,,,,

माँ--वैसे सुरिंदर तुमको क्या ज़रूरत थी सन्नी को रेखा के पास भेजने की तुमको पता है कि
रेखा की ज़ुबान कुछ ज़्यादा ही चलती है ऑर वो कुछ ना कुछ बक देगी सन्नी के सामने,,,,

मामा--क्या करूँ बहना तेरी तरह रेखा भी एक नज़र मे ही सन्नी के लंड की दीवानी हो गई बोलने
लगी कि जब तक सन्नी का लंड उसकी चूत मे नही जाएगा तब तक उसको चैन नही मिलना ऑर तो
ऑर उसने मुझे भी मना कर दिया चूत देने से बोलने लगी कि पहले सन्नी का लंड जाएगा
चूत मे उसके बाद मेरे लंड की बारी आएगी वर्ना वो मुझे भी उसको चोदने नही देगी,,अब
भला मैं क्या करता ,,अगर यही बात तू करती मेरे साथ तो क्या मैं तेरी चूत के लिए सन्नी
को तेरे पास नही भेजता,,,,,,

माँ--ठीक है सुरिंदर,,,,,मैं कोशिश करूँगी कि उसको अभी कुछ ना पता चले लेकिन एक टाइम आने पर
तो सब कुछ बताना ही पड़ेगा जैसे विशाल को बताया था,,,,

मामा--हाँ सरिता लेकिन अभी नही,,,,अभी ठीक टाइम नही आया सन्नी को कुछ भी बताने के लिए,,,तू सही
टाइम आने दे फिर उसको सब कुछ बता देंगे हम लोग,,,,लेकिन तू अभी बस मस्ती कर उसके साथ
ऑर उसको भी खुश कर,,,,,,


माँ--ठीक है मैं आज रात इतना खुश करूँगी उसको कि वो कोई बात नही कर पाएगा मेरे साथ,,,,
लेकिन तू चाची जी को सोनिया के पास सुला देना ऑर खुद चाचा जी के पास रहना ,,तू मत आना रात
को हमारे रूम मे वर्ना कोई पंगा हो जाना है,,,,,

मामा--ठीक है मैं चाचा जी के पास सो जाउन्गा,,,,,ऑर चाची को भी सोनिया के पास भेज दूँगा ऑर
तुम माँ बेटा आज रात आराम से मस्ती करना ,,,,,,,,,,

मैं सोच मे डूब गया कि आख़िर मसला क्या है सारा ऑर ये लोग ऐसे चोरी चोरी बातें क्यूँ कर
रहे हैं ऑर ऐसी क्या बात है जो विशाल भाई को बता दी गई है लेकिन मैं अभी तक उस बात से
अंजान हूँ,,,कुछ तो गेम चल रही है पता लगाना ही होगा,,,

खैर मैं हाथ धोने चला गया ऑर हाथ धोके बाहर चारपाई पर बैठ गया तब तक मामा
ने चारपाई के सामने टेबल लगा दिया था ऑर माँ ने उसपे खाना भी रख दिया था,,,,सोनिया ऑर
चाची जी भी आ चुके थे ,,,,,,हम सब लोग खाना खाने लगे,,,,,लेकिन मैं नीवाला चबाते
हुए भी गहरी सोच मे डूबा हुआ था लेकिन किसी को इस बात का एहसास नही होने दे रहा था,,

रात को खाना ख़ाके हम लोग वैसे हो सोए थे जैसे माँ ने बोला था,,,,चाची जी सोनिया के
पास चली गई थी ऑर मामा चाचा जी के रूम मे चला गया था ऑर मैं माँ के रूम मे
चला गया ऑर चद्दर लेके लेट गया,,,,,

मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर माँ रसोई का काम कर रही थी,,,,,करीब 30 मिनट बाद माँ
कमरे मे आई,,उन्होने रूम मे आके दरवाजा बंद किया ऑर जल्दी से अपनी साड़ी निकालने लगी
फिर ब्लाउस ऑर पेटिकोट भी निकाल दिया ऑर नंगी होके मेरे पास बेड पर आ गई ऑर लाइट बंद
करके एक छोटा बल्ब ऑन कर लिया ,,,,

मेरे पास आते ही माँ बोली,,,,,,,,,

अरे तूने अभी तक कपड़े क्यू नही उतारे ,,,,मूड नही है क्या आज माँ को चोदने का,,,

सन्नी--मूड तो बहुत है माँ ऑर इतना मूड है कि सुबह तक चोदता रहूँगा तेरे को तू थक जाएगी
लेकिन मैं नही थकने वाला,,,,,इतना बोलते ही मैने अपने उपर से चद्दर हटा दी ऑर माँ
मुझे नंगा देख कर खुश हो गई,,,,,मैं पहले से ही नंगा होके चद्दर लेके लेटा हुआ
था,,,माँ ने मुझे ऐसे देखा ऑर जल्दी से मेरे करीब आ गई ऑर मेरी छाती पर हाथ रखके
हल्के से सहलाने लगी ऑर मैने भी माँ के बूब्स को अपने हाथों मे पकड़ लिया ऑर कस्के
दबाने लगा ऑर जल्दी ही माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर एक मस्त किस करने लगा मैं आज
रेखा की चुदाई से कुछ ज़्यादा ही मस्त हो गया था ऑर माँ को बड़े प्यार से किस करने लगा
था तभी माँ पीछे हटी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है माँ पर ,,, पहले तो कभी इतने प्यार से किस नही की
तूने मुझको,,,,,,,,,,,,,

सन्नी--माँ आज कुछ मत बोलो प्लज़्ज़्ज़ आज मैं बहुत मस्ती करने के मूड मे हूँ ,,,,,,,,,,,,,,,

माँ--क्यू आज ऐसा क्या ख़ास हो गया जो तू मस्ती के मूड मे है,,,,,,,,,

सन्नी--माँ तुम तो सब जानती हो फिर इतनी भोली क्यू बन रही हो,,,,,,

माँ चुप हो गई,,,,,,क्यूकी माँ उस बारे मे कोई बात नही करना चाहती थी ऑर डर रही थी
कहीं बातों ही बातों मे मैं माँ से कुछ पूछना ना शुरू कर्दु इसलिए मैं ऑर कुछ
बोलता माँ ने मुझे वैसे ही प्यार से किस करना शुरू कर दिया जैसे कुछ देर पहले मैं
माँ को किस कर रहा था ऑर माँ ने जल्दी से मुझे ऑर ज़्यादा मस्त करने के लिए मेरे लंड को
भी अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी थी जो लंड अभी तक पूरी ओकात मे आ चुका
था माँ के हाथ लगते ही उसमे एक तूफान उठने लगा था एक तेज तूफान जिस वजह से मेरे
लंड की नसों मे खून डबल स्पीड से दौड़ने लगा था ऑर मेरे लंड मे एक हल्का मीठा
दर्द होने लगा था माँ का हाथ मेरे लंड की पूरी लंबाई जितना उपर नीचे होने लगा ऑर
कभी कभी वो मेरे लंड की टोप्पी पर अपने नखुनो से हल्के से कुरेदने लग जाती ऑर कभी-2
लंड की टोपी को उंगलितों से दबा देती मेरी तो जान ही निकल जाती इतनी ज़्यादा मस्ती मे अब मेरे से
क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मैं जल्दी से उठकर बैठ गया ऑर लंड को माँ के मुँह के पास
कर दिया माँ ने भी जल्दी से मुँह खोला ऑर मेरे लंड को मुँह मे घुसने की इजाज़त दे दी ऑर एक
ही बार मे मैने लंड को माँ के गले तक उतार दिया ऑर अपनो हाथों को माँ के उपर से आगे
की तरफ ले गया ऑर बेड पर टिका कर खुद की कमर को उपर उठा लिया ऑर लंड को माँ के मुँह मे
पेलने लगा माँ ने भी अपने दोनो हाथ मेरी गान्ड पर रखे ऑर मुझे गान्ड से पकड़ कर
उपर नीचे करनी लगी ऑर मेरे लंड को मुँह मे लेने लगी,,,,,,मेरे लंड के हर एक धक्के से
मेरा लंड माँ के गले से नीचे तक उतर रहा था माँ ने भी अपने सर को थोड़ा अड्जस्ट किया
तो मैने देखा कि माँ के गले से नीचे तक जाता लंड मुझे सॉफ नज़र आ रहा था ऑर मुझे
मस्ती चढ़ने लगी थी क्यूकी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं माँ के गले को नही माँ की
मस्त गान्ड की चुदाई कर रहा हूँ उधर माँ ने अपने एक हाथ को मेरी गान्ड से उठा लिया
ऑर अपनी चूत पर ले गई ऑर अपनी चूत को तेज़ी से उंगली डालके खुद ही चोदने लगी तभी मैं
थोड़ा हिला ऑर अपने सर को माँ की चूत की तरफ ले गया माँ ने भी मुझे हिलते ही अपने हाथ को
चूत पर से हटा लिया ऑर मेरी कमर को पकड़ कर मुझे पलटने मे मदद की ऑर कुछ ही
पल मे मेरा फेस माँ की चूत पर था ऑर माँ की चूत पूरी गीली हो चुकी थी जिसको मैने मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया ऑर अपनी कमर को तेज़ी से हिलाते हुए माँ के मुँह मे अपने लंड
को पेलने लगा मेरा लंड माँ के गले से नीचे उतर रहा था ऑर इधर मेरी ज़ुबान माँ की चूत
से नीचे उतर रही थी,,,मैं माँ की चूत मे अपनी पूरी ज़ुबान डालके अच्छी तरफ से चाटते हुए
माँ की चूत को अपनी ज़ुबान से चोदने लगा था
 
माँ ने अपनी दोनो टाँगों को घुटनो सेमोड़ लिया ऑर मेरे सर को अपनी टाँगों से जाकड़
कर मुझे चूत पर होने वाली मस्ती का इशारा कर दिया मैं समझ गया कि माँ को
बहुत मज़ा आ रहा है इस बात का फ़ायदा उठाते हुए मैने
अपने दोनो हाथों को माँ की टाँगों के नीचे से घुमा कर माँ की गान्ड पर रख दिए ऑर
माँ की गान्ड को अपने हाथों से थोडा खोल दिया फिर अपने मुँह को माँ की चूत से उठाकर
थोड़ा थूक अपने हाथ पर थूक दिया ऑर दोनो हाथों की 1-1 उंगली अपने थूक से चिकनी करके
माँ की गान्ड मे घुसा दिया लेकिन माँ की गान्ड खुली थी इसलिए 2 उंगलियों का पता ही नही
चला कब अंदर चली गई इसलिए मैने दोनो हाथों की 2-2 उंगलिया माँ की गान्ड मे घुसा दी
तो माँ के जिस्म मे झटके लगने शुरू हो गये तभी मेरे दिमाग़ मे पता नही क्या आया मैने
माँ की गान्ड को अपने दोनो हाथों से अच्छी तरफ खोला ऑर जल्दी से 3-3 उंगलियाँ माँ की गान्ड
मे घुसा दी और गान्ड को थोड़ा और खोल दिया इस से शायद माँ को दर्द हुआ ऑर उनका जिस्म कुछ
तेज़ी से झटके खाने लगा ऑर वो बेड से उछलने लगी लेकिन मैने माँ को नही छोड़ा ऑर ज़्यादा
तेज़ी से 3-3 उंगलियाँ माँ की गान्ड मे घुसाने लगा कुछ ही देर मे माँ को ज़्यादा ही मस्ती आने
लगी ऑर वो मेरी कमर को अपने हाथों से तेज़ी से उपर नीचे करते हुए मेरे लंड को तेज़ी से अपने
मुँह मे लेने लगी मैने भी अपनी कमर को तेज़ी से उछालते हुए माँ के मुँह को अपने लंड से
चोदने लगा,,


कुछ देर बाद मैं उठा ऑर मुझे रेखा के साथ की चुदाई याद आ गई ऑर मैं जल्दी से माँ के
पेट पर चढ़ गया माँ मेरी तरफ देखने लगी कि मैं क्या कर रहा हूँ लेकिन जल्दी ही माँ भी
समझ गई ऑर उन्होने अपने दोनो बूब्स को अपने हाथों से पकड़ लिया ,,,,माँ ने पहले ऐसा
कभी नही किया था मेरे साथ ऑर ना ही मैने किया था लेकिन मेरे पेट पर बैठते ही माँ सब
कुछ समझ गई थी ,,जैसे ही माँ ने दोनो हाथों से अपने बूब्स को पकड़ा मैने भी अपने
लंड को माँ के बूब्स की लाइन पर रख दिया ऑर अपने मुँह से थोड़ा थूक माँ की बूब्स वाली लाइन
पर अपने लंड के उपर गिरा दिया तभी माँ ने अपने बूब्स को दोनो तरफ से मेरे लंड पर
जाकड़ लिया ऑर अपने हाथों को आगे पीछे करते हुए दोनो बूब्स से मेरे लंड की मूठ मारने
लगी ऑर मैने भी खुद की कमर को आगे पीछे करते हुए लंड को माँ के बूब्स मे चोदने
लगा मेरा लंड माँ के बूब्स से आगे निकल कर माँ की चिन पर टकराने लगा तभी माँ ने अपने
सर को थोड़ा अड्जस्ट किया ऑर मेरी तरफ देखते हुए अपने मुँह को खोल दिया जिस से मेरे लंड का
का वो हिस्सा जो बूब्स से आगे निकल कर माँ की चिन से टकरा रहा था वो माँ के मुँह मे घुसने
लगा ऑर माँ भी अपने सर को ठीक उसी टाइम आगे करती जब लंड उनने मुँह के पास जाता ऑर फिर मुँह
मे लंड लेके आगे पीछे करने लग जाती मैं फिर लंड की पीछे करता ऑर बूब्स को अपने हाथों
से माँ के हाथों के उपर से जाकड़ कर अपने लंड को तेज़ी से आगे पीछे करने लग जाता


मुझे अब 2-2 मज़े एक साथ आ रहे थे,,,एक तो बूब्स के बीच लंड पेलने से टाइट चूत का मज़ा ऑर
साथ ही मुँह मे लंड जाने से गान्ड चुदाई का मज़ा मेरी स्पीड काफ़ी तेज थी ऑर माँ भी अपने
हाथों को ऑर सर को तेज़ी से चला रही थी मेरे लंड पर जिस से मेरा पानी निकलने वाला हो गया
लेकिन मैं माँ को भी अपने साथ ही झड़ाना चाहता था इसलिए मैने माँ के बूब्स से अपने
हाथ उठा लिए ऑर जल्दी से पीछे हाथ ले जा कर माँ की चूत पर रख दिया ऑर तेज़ी से माँ की चूत
मे उंगली करने लगा माँ की चूत मे मेरी उंगली की स्पीड काफ़ी तेज थी जिस से माँ को मज़ा आने
लगा ऑर माँ ये भी समझ गई कि मैं झड़ने वाला हूँ इसलिए माँ ने भी अपने हाथों से
अपने बूब्स को तेज़ी से मेरे लंड पर चलाना शुरू कर दिया ,,,करीब 2-3 मिनट बाद ही माँ की
चूत ने पानी छोड़ दिया ऑर मेरा हाथ माँ की चूत के पानी से गीला हो गया मैने जल्दी से उस
हाथ को अपने फेस के पास किया ऑर माँ के देखते देखते अपने हाथ से माँ की चूत के पानी को
अच्छी तरह चाटने लगा माँ ने मुझे ऐसा करते देखा अपने दाँतों से मेरे लंड की टोपी को
हल्के से काटना शुरू कर दिया मुझे एक ही पल मे इतनी ज़्यादा मस्ती चढ़ गई कि मुझे लगा कि अब
एक ही पल मे मेरा लंड पिचकारी मार देगा लेकिन माँ ने तो मेरे लंड की टोपी को मुँह मे ही
रखा ऑर हाथों से बूब्स को बाकी लंड पर मसल्ति रही साथ ही मेरे लंड की टोपी पर लगातार
हल्के हल्के दाँतों से काटती रही मानो वो मेरे लंड से जल्दी पानी निकालना चाह रही थी ऑर हुआ
भी ऐसा ही माँ के दाँतों के हल्के हल्के काटने से मुझे बहुत ज़्यादा मस्ती चढ़ गई ऑर कुछ
ही पल मे मेरे लंड ने तेज तेज पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ऑर मेरा स्पर्म माँ के मुँह
मे निकलने लगा जिसको माँ ने गले से नीचे उतारना शुरू कर दिया,,, मेरे लंड ने करीब 8-10
पिचकारी मारी ऑर माँ ने मेरा सारा स्पर्म पी लिया लेकिन मेरे लंड को अभी तक मुँह से नही
निकाला जब तक कि लंड के पानी की लास्ट ड्रॉप तक नही निकल गई माँ के मुँह मे ऑर फिर मेरे लंड
को अच्छी तरह सॉफ कर दिया ,,,,,,,,,

मैं माँ के उपर से उतर गया ऑर साइड मे माँ के करीब ही लेट गया,,,,,,

माँ--आज तो बड़ी मस्ती मे है मेरा बेटा ,,,क्या बात है,,,,,नये नये तरीके आजमा रहा है अपनी माँ
पर ,,,,,

सन्नी--हाँ माँ आज कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे हूँ मैं,,,,जबसे रेखा की चुदाई की है तबसे बुरा हाल
है,,उसी ने ये नया तरीका भी सिखाया है मुझे,,,,,आप भी तो उसके साथ मस्ती करती हो तो फिर
आप को तो सब पता होगा ना माँ,

तभी माँ कुछ देर चुप रही,,,,,,,हां बेटा वो उमर मे मेरे से छोटी है लेकिन चुदाई मे एक
नंबर की रंडी है,,,काफ़ी तेज है मेरे से,,वो तो शुरू से ही ऐसी है मैने सुना है,,,,,तभी माँ
फिर से चुप कर गई,,,

सन्नी--माँ वो है कॉन ,,,,,,मैने सीधा माँ की आँखों मे आँखें डालके पूछ लिया,,,,लेकिन मुझे
जवाब नही मिला लेकिन कुछ ऑर मिल गया,,,,

तभी माँ कुछ बोलने से पहले ही मेरे लिप्स पर टूट पड़ी,,मानो माँ मेरी बात का जवाब नही
देना चाह रही थी,,,,,माँ ने पागलो की तरह मेरे लिप्स को चूसना शुरू कर दिया ऑर फिर से
मुझे मस्ती चढ़नी शुरू हो गई,,,,

उस रात मैने माँ को कम से कम 6 या 8 बार चोदा था लेकिन जब भी मैं माँ से रेखा के
बारे मे बात करता तो वो चुप हो जाती ऑर बात का जवाब ना देते हुए मुझे फिर से चुदाई के
लिए शुरू कर देती,,,,,माँ से उस रात कोई ढंग का जवाब नही मिला मुझे बस वो हर बार
मुझे चुदाई से खुश कर देती,,,,माँ ने रसोई मे भी मामा से यही बात की थी कि वो रात
भर मुझे खुश करेगी ऑर किसी बारे मे ज़्यादा बात नही करेगी ऑर माँ ने ऐसा किया भी,,,
 
सुबह मैं बहुत लेट उठा क्यूकी पूरी रात सोया जो नही था,,माँ की चुदाई ही करता रहा था ,,जब
उठा तो माँ वहाँ नही थी ऑर मेरे बदन पर मेरा बर्म्यूडा ऑर टी-शर्ट थी,,लेकिन मैं तो जब
सोया था नंगा ही था,,,शायद माँ ने मुझे कपड़े पहना दिए थे ताकि कोई मुझे नंगा ना
देख ले यहाँ पर,,,,,,,मैं उठकर बाहर गया ,,बाहर कोई नही था बहुत तेज धूप जो थी,,,सब
लोग शायद चाचा जी के पास होंगे इसलिए मैं भी वहाँ चला गया,,,,वहाँ सब लोग बैठे
बातें कर रहे थे,,,,,तभी माँ मेरे पास आ गई अपनी चेयर से उठकर,,,,,

माँ--उठ गया मेरा बेटा,,,,,,,लगता है रात को नींद ठीक से नही आई तुझे इसलिए इतना लेट उठा है तू,,

तभी मामा एक शहरती मुस्कान के साथ हँसते हुए बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ बेहन मुझे भी ऐसा
ही लगता है शायद रूम मे गर्मी कुछ ज़्यादा ही होगी रात को,,,,इसलिए सन्नी सो नही पाया होगा
रात भर,,,,,,,,,,,,

तभी चाची बोल पड़ी,,,,,,,,,,,मैं तो पहले ही कहती थी लड़का शहर से आया है इसको गाओं मे
रहने की आदत नही,,,बिना एसी के कहाँ नींद आती है शहर वालो को,,,,,आज तो बेटा तू वही सोना
सोनिया के साथ नये वाले घर मे एसी चला कर,,,,,वैसे भी मेरा तो सारी रात सर दर्द होता रहा
एसी की वजह से,,,,,,,सोचा कि एसी बंद कर दूं लेकिन एसी बंद करती तो सोनिया को नींद नही आती,,,,
इसलिए आज तू वहाँ सोना उसी घर मे,,,,,,,,,तभी नींद पूरी होगी तेरी,,,,,,,,,,ऑर मैं यहाँ सोउन्गी
तभी मेरी नींद पूरी होगी,,,,,,


माँ--हां चाची जी आज से ये दूसरे घर मे ही सोएगा एसी लगा कर,,,,,यहाँ नही सोने दूँगी इसको,,,ना
खुद सोता है ऑर ना मुझे सोने देता है,,रात भर करवटें बदल बदल कर मुझे भी नही
सोने देता ,,बहुत परेशान करता है,,माँ ने हंस कर मेरी तरफ देखा ऑर मेरे फॉरहेड पर एक किस
करके बोला,,,,,,,,,,,,जाओ अब फ्रेश हो जाओ मैं कुछ खाने को बना देती हूँ वैसे भी अब तो
तेरे लंच का टाइम हो गया है ,,इतना लेट जो उठा है,,,,,मैने क्लॉक की तरफ देखा तो दंग रह
गया टाइम तो दोपेहर 3 बजे का हो रहा था,,,,

मैं वहाँ से दूसरे घर मे चला गया ,,,,वहाँ देखा तो सोनिया बेड पर लेट कर टीवी देख रही
,,मैने उस से कोई बात नही की सीधा बाथरूम मे चला गया ऑर जल्दी से फ्रेश होके चेंज
करके वहाँ से चला गया,,,

खाना खा ही रहा था तभी एक आदमी अंदर आ गया,,,,वो वही आदमी था जो रेखा के साथ उस दिन
दूध निकाल रहा था ,,,,,,

वो आते ही चाची जी को बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मालकिन आज रेखा की तबीयत ठीक नही है इसलिए वो सुबह
नही आई ऑर शाम को भी नही आएगी,,,,इसलिए मैं अकेला आया हूँ दूध लेके चला जाउन्गा ऑर
शायद रेखा कल भी नही आए तो कल भी मैं अकेला ही आउन्गा,,,,,इतना बोल कर वो आदमी वहाँ से
चला गया,,,,उसके जाते ही मामा मेरी तरफ देखने लगा ऑर हल्का गुस्सा करने लगा,,,,,

लगता है उसकी तबीयत ज़्यादा ही खराब है,,,,चाची ने माँ को बोला,,,,,

हां चाची जी मुझे भी ऐसा ही लगता है,,,,,माँ ने जवाब दिया,,,,

किसी को उसकी खबर लेने जाना चाहिए,,,चाची ने माँ को बोला,,,

तभी माँ बोली ठीक है चाची जी मैं चली जाती हूँ ऑर उसको अगर कोई चीज़ की ज़रूरत हुई तो
वो भी ला दूँगी उसको,,,,

चाचा चाची के घर कोई कार या मोटर साइकल नही थी

चाची--तू कैसे जाएगी इतनी दूर ,,,,ऐसा कर सन्नी को अपने साथ ले जाओ ,,

तभी माँ के होश उड़ गये,,,,नही नही चाची जी मैं चली जाउन्गी सन्नी को तकलीफ़ क्यू देनी
इतनी सी बात पर,,,,वैसे भी ये रात को ठीक से नही सोया है अब आराम करने देते है इसको,,,,

तभी मामा बोल पड़ा ,,,,,हाँ सरिता इसको आराम करने दो तुमको मैं ले जाता हूँ,,,,मुझे
बड़ा गुस्सा आया मामा पर,,,साला थर्कि जाके मज़ा लेगा अब 2-2 चूत का,,,,,

चाची--ठीक है तुम दोनो चले जाओ,,,,ऑर सन्नी तुम आराम करो जाके बेटा,,,,,,

मैं चाची के सामने कुछ नही बोल पाया ऑर उठके वहाँ से चला गया,,,,,मामा ऑर माँ के
फेस पर हल्की राहत भरी मुस्कान थी,,,,,मैं समझ गया कि साले ये दोनो मुझे वहाँ नही
लेके जाना चाहते थे,,,लेकिन मैं भी इनका बाप हूँ,,,मैं जल्दी से घर गया और जाके कार की
वाइर्स निकाल दी,जिस से कार स्टार्ट होती थी,,,,,,मामा को कार चलानी तो कुछ हद तक आती थी लेकिन
उसके बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था मामा को,,,,,

उस दिन वो लोग नही जा सके क्यूकी कार स्टार्ट नही हुई ,,,लेकिन उन लोगो ने मुझे कार स्टार्ट करने को
या उनके साथ जाने को भी नही बोला,,,,,

साला ये लोग कमिने थे तो मैं भी कामीनेपन मे इनका बाप हूँ,,,,मेरे बिना नही जा सकते
ये लोग रेखा के पास,,,,पता नही ऐसी क्या बात है जो मेरे को बताने से डर रहे है ये लोग,,इसलिए
तो कार जब स्टार्ट नही हुई तो मामा ने एक बार भी मुझे नही बोला कार स्टार्ट करने को,,,,

उस दिन कुछ खास नही हुआ दिन भर भी मैं आराम करता रहा ऑर फिर जब रात हुई तो आराम हराम हो
गया मेरा,,,, रात को खाना ख़ाके मैं सोनिया के साथ वापिस नये वाले घर मे तो आ गया लेकिन सोना पड़ा
मुझे उपर वाले हॉल मे वो भी सोफे पर ,,,,,,इतनी ज़्यादा गर्मी मे बिना एसी के,,,,

अगली सुबह डॉक्टर चाचा जी के चेकप को आया तो उसने बताया कि चाचा जी अब काफ़ी हद तक ठीक है
ऑर उनको वेंट्लेटर की ज़रूरत नही है फिर भी कुछ दिनो तक इस मशीन को यही रहने देते
है क्यूकी तबीयत बिगड़ने मे भी देर नही लगती,,,,

चाची जी ऑर हम लोग भी डॉक्टर की बात से सहमत थे,,,

जब डॉक्टर जाने लगा तो चाची जी उनसे बोली,,,,,,,,,,,,,,डॉक्टर साहिब हमारे घर मे काम करने
वाली एक औरत भी बीमार है,,,,ज़रा आप उसको भी देख लोगे क्या,,,,

जी पुष्पा देवी जी क्यू नही,,,,कॉन है वो औरता,,,, डॉक्टर ने पूछा,,,

वो यहाँ नही है यहाँ से थोड़ा दूर रहती है,,,,,, चाची ने बताया

ठीक है कोई मुझे वहाँ ले चले तो मैं उसको भी देख लूँगा,,,,,, डॉक्टर बोला

तभी चाची ने माँ को बोला कि वो डॉक्टर के साथ उनकी कार मे चली जाए ऑर डॉक्टर को भी उसके
पास ले जाए ऑर खुद भी हाल चाल पता कर आए उसका,,,

माँ के साथ मामा भी तैयार हो गया जाने को ऑर वो दोनो डॉक्टर के साथ चले गये,,,

उनके जाने के 5 मिनट बाद ही मैं भी जल्दी से कार लेके वहाँ से रेखा के घर की तरफ चल
पड़ा,,,,
 
मैने वहाँ जाके देखा कि डॉक्टर की कार रेखा के घर के सामने खड़ी हुई थी ऑर घर का गेट
बंद था,,,,इसलिए मैं अपनी कार को थोड़ा पीछे झाड़ियों मे खड़ा करके खेतो के बीच से
घर के पिछले दरवाजे पर चला गया,,किस्मत अच्छी थी कि वो दरवाजा खुला हुआ था,,,मैं घर
के अंदर बड़े हल्के कदमो से गया लेकिन जैसे ही मैं अंदर जाने लगा तो मैने डॉक्टर ऑर
मामा की आवाज़ सुनी,,,,,,,

डॉक्टर--ठीक है अब मैं चलता हूँ ,,, मरीज को दवाई दे दी है ज़्यादा टेन्षन वाली बात नही है
बस हल्का बुखार है,,अभी कुछ ही देर मे ठीक हो जाएगा,,,,,

ठीक है शुक्रिया डॉक्टर,,,,,,अब आप जाइए मैं ओर दीदी खुद चले जाएँगे वापिस,,,,,

डॉक्टर--लेकिन पुष्पा देवी ने तो आपको मेरे साथ ही वापिस आने को बोला था,,,,,,

मामा--हाँ डॉक्टर लेकिन रेखा को दवाई के अलावा भी कुछ चाहिए होगा इसलिए हम लोग थोड़ी देर
बाद खुद चले जाएँगे ,,,,,,,,

डॉक्टर--ठीक है जैसे आपकी मर्ज़ी,,मैं चलता हूँ,,,,,,,,

डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर मामा गेट बंद करके वापिस रेखा के रूम मे चला गया,,मैं
भी हल्के कदमो से रेखा के रूम के बाहर पहुँच गया ऑर अंदर वो लोग आपस मे बातें करने
लगे ऑर मैं बाहर खड़ा सुनने लगा,,,,,,


अब तबीयत कैसी है रेखा,,,,,,,,सरिता ने रेखा से पूछा,,,,

रेखा हँसते हुए,,,,,,,,अब तो ऑर भी ज़्यादा बुरा हाल है सरिता दीदी,,,,,,

अभी डॉक्टर के सामने तो तुम बोल रही थी पहले से फ़र्क है तुमको,,अभी बोल रही हो ज़्यादा बुरा हॉल
है,,,,क्या फिर से बुला के लाउ डॉक्टर को,,,,,सरिता ने रेखा से पूछा,,,,,,,,,,,

रेखा फिर से हँसती हुई,,,,,,,,,,,,मेरे लिए डॉक्टर को नही सन्नी को बुला कर लाओ सरिता दीदी ,,,,,वही एक
है जो मेरा इलाज अच्छी तरह से कर सकता है,,,,,,,,,,,,,फिर रेखा ओर ज़ोर से हँसने लगी,,,,,,,

क्या मतलब ,,मैं कुछ समझी नही रेखा,,,,,,,,,,,

अरे दीदी तुम सब समझती हो ,,,सन्नी की वजह से तो बुरा हाल हुआ है मेरा,,,,उस दिन जब उसको अपने
साथ घर लेके आई थी तो क्या जबरदस्त चुदाई की उसने मेरी,,,,एक बार तो लगा कि जान ही निकाल देगा
मेरी ,,,इतना लंबा मूसल है उसका,,,,उसने तो सब लोगो को फैल कर दिया है,,,इतना मज़ा सुरिंदर ऑर
विशाल दोनो मिलकर नही दे पाते थे मुझे जितना इस अकेले सन्नी ने दिया है,,,,ऑर इतना दर्द भी नही
हुआ जितना उस दिन सन्नी की चुदाई से हुआ ,,,लेकिन उसी दर्द मे तो असली मज़ा आया था मुझे,,,,रेखा
हँसती रही ऑर बोलती रही,,,,,

देखा सरिता मैं नही बोलता था कि रेखा भी दीवानी हो जाएगी सन्नी के लंड की,,,,एक बार चुदाई
करके ये हाल हुआ है इसका कि दर्द से तड़प रही है फिर भी सन्नी को याद कर रही है,,,,सुरिंदर
ने सरिता को बोला,,,,,,,,

माँ--हां सुरिंदर मैं जानती थी,,इसको भी सन्नी का लंड बहुत पसंद आएगा,,,,वो है ही घोड़े का लंड
एक बार जिस औरत की चूत मे जाता है जन्नत का मज़ा देता है उसको,,,,कल रात उसने मेरी भी ऐसी
दमदार चुदाई की है कि क्या बताऊ ,,,,,पूरी रात सोने नही दिया,,,,उसके साथ चुदाई करके मज़ा
भी बहुत आता है लेकिन डर भी बहुत लगता है,,कभी कभी तो रंडी से भी बुरी चुदाई करता है मेरी
लेकिन दर्द के साथ एक मीठा मज़ा भी देता है,,,,,

रेखा--हाँ सही कहा सरिता दीदी,,,,

दीदी की लगती ,,,,तूने कुछ बका तो नही उसके सामने चुदाई करते टाइम,,,,वैसे भी तेरी ज़ुबान बहुत
ज़्यादा चलती है,,,,कहीं कुछ बता तो नही दिया सन्नी को,,,,,सरिता थोड़े गुस्से मे बोली,,,,,

रेखा--नही दीदी ,,,,,मैने कुछ नही बताया ,,,लेकिन थोड़ा बहुत मुँह से निकल गया,,,उसकी चुदाई मे एक अजीब
सी मस्ती ऑर मदहोशी थी कि मेरी ज़ुबान खुद ब खुद चलने लगी,,,,

तेरी चूत की तरह तेरी ज़ुबान को भी कभी चैन नही मिलता,,,सरिता फिर से गुस्से मे बोली,,,,,कहीं
मस्ती मे तेरी ज़ुबान ने सारा भेद तो नही खोल दिया,,,,,,,

रेखा--नही-नही दीदी मैने ज़्यादा कुछ नही बोला उसको,,,बस थोड़ा बहुत ही बताया था,,,,,वैसे दीदी तुम इतना
डरती क्यूँ हो,,,जब विशाल को सब पता है तो एक ना एक दिन सन्नी को भी पता तो लगना ही है,,,,,

माँ--जानती हूँ कि सन्नी को भी एक ना एक दिन सब पता चलना है लेकिन एक टाइम आने पर,,,,विशाल को भी
जब थोड़ी अकल आई थी तभी बताया था मैने उसको,,,,सन्नी अभी बच्चा है,,,नया नया जवान हुआ है
ऑर जवानी की मस्ती मे है लेकिन फिर भी बच्पना नही गया उसका अभी तक,,,,उसको सब कुछ बता तो
दूँगी लेकिन सही टाइम आने पर,,,,,

रेखा--उसका सही टाइम जब आना है तब आना है दीदी,,लेकिन अपना तो सही टाइम आ गया,,,


फिर रूम मे शांति हो गई,,लेकिन कुछ पल के लिए,,,,

माँ--ये क्या कर रही है पगली,,,अभी तो तुझे बुखार है फिर भी मस्ती चढ़ रही है तेरे को,,,,

रेखा--क्या करूँ दीदी चूत मे आग लगी हुई है,,,सोचा था सन्नी ये आग भुजा देगा लेकिन उसने तो इस आग
को भुजा कर ऑर भी ज़्यादा भड़का दिया है,,,

माँ--लेकिन तुझे तो बुखार है पगली,,,,,

रेखा--कैसा बुखार दीदी,,,,वो तो सुरिंदर ने मुझे फोन करके बोला था कि डॉक्टर आ रहा है इसलिए
मैने बगल मे प्याज दबा लिया था,,,,,,रेखा इतना बोलकर ज़ोर से हँसने लगी,,,,

बहुत तेज है तू रेखा कामिनी,,,,, माँ ने कहा

तभी फिर से रूम मे खामोशी हो गई,,,

मैने हल्का सा आगे होके देखा तो रेखा माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे भरके किस कर रही थी तभी
माँ ने रेखा को धक्का दिया,,,,,,,,,,,,,,मैं तो देख कर दन्ग रह गया था,,,,मैने अपनी माँ को
कभी किसी औरत को किस करते नही देखा था,,ये मेरा पहले तजुर्बा था कि मैं अपनी माँ को किसी
औरत को किस करते देख रहा था,,,इतने ही पल मे मेरे लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया था,,,,,

माँ--थोड़ा सबर कर पगली,,,,इतनी भी क्या जल्दी है,,,,

रेखा--जल्दी नही दीदी बहुत जल्दी है,,,सन्नी ने ऐसी आग लगा दी है कि पूछो मत,,,अब ऑर इंतेज़ार नही होता
चलो ना मस्ती करते है,,,,,

माँ--ठीक है बाबा लेकिन यहाँ नही,,,वही चलते है अपनी हमेशा वाली जगह पर,,,

रेखा--ठीक है तो चलो दीदी ,,,,इंतजार किस बात का कर रही हो,,,
 
वो लोग बाहर निकलते इस से पहले ही मैं जल्दी से वहाँ से चला गया,,,उन लोगो की बातें सुनकर
मुझे इतना तो पता लग गया था कि उनकी हमेशा वाली जगह कोई ऑर नही वही खेतो के बीच मे पेड़
के नीचे है जहाँ मैने रेखा की चुदाई की थी इसलिए मैं उन लोगो से पहले ही भाग कर वहाँ
की खड़ी फसल मे छुप गया था,,,,,,

कुछ 5 मिनट बाद ही मैने देखा कि तीनो लोग खेतो के बीच से निकल कर वहाँ पर आ गये,,,,
उन लोगो एक पास एक चद्दर थी जिसको माँ ने पकड़ा हुआ था,,,,साला इतनी जल्दी थी इन लोगो को कि आते टाइम
कपड़े भी घर पर खोल कर आए थे,,,,,,माँ ने अपनी साड़ी घर पर निकाल कर रख दी थी जबकि
रेखा तो पहले से ही पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे थी अब साड़ी निकालने के बाद माँ भी पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे
ही खड़ी हुई थी जबकि मामा ने अपना कुर्ता पयज़ामा घर मे रख दिया था ऑर खुद एक घर पर
बने अंडरवेर मे खड़ा हुआ था,,ऑर अंडरवेर के अंदर उसका लंड भी पूरा खड़ा हुआ था,,,,

तभी माँ ऑर रेखा ने जल्दी से चद्दर को पेड़ के नीचे ज़मीन पर बिछा दिया ,,,,,ऑर तीनो लोग
आके चद्दर पर खड़े हो गये,,,

जहाँ माँ गोरे चिट बदन की थी वहीं मामा ऑर रेखा साँवले रंग के थे,,,,,उन तीनो ने आपस
मे एक दूसरे को करीब आके हग किया ऑर तीनो लोग मिलकर आपस मे किस करने लगे हर एक के हाथ
दूसरे की कमर ऑर पीठ पर थे ऑर तीनो के लिप्स बारी बारी से एक दूसरे के लिप्स को चूम ऑर चाट
रहे थे ऑर कभी तीनो अपनी अपनी ज़ुबान निकाल कर हवा मे लहराते हुए एक दूसरे की ज़ुबान से मिला
रहे थे,,,,मैने पहले भी ऐसा कयि बार देखा था,,,,,,,,,देखा क्या मैने तो खुद ऐसा किया था


लेकिन इस बार एक नई चीज़ थी मेरे सामने,,,,,,,ऑर वो चीज़ थी मेरी माँ ,,,क्यूकी पहले माँ के साथ
2 मर्द होते थे ,,,कभी विशाल ऑर मामा जी,,,ऑर कभी मैं ऑर मामा जी,,लेकिन आज एक औरत भी शामिल
हो गई थी उन लोगो के बीच मे ,,,पहली बार माँ को ऐसे देख रहा था तो लंड का बुरा हाल था,,
कुछ देर ऐसे ही तीनो किस करते रहे ऑर एक दूसरे की पीठ को सहलाते रहे तभी मामा ने अपने
हाथ उन दोनो के बूब्स पर रख दिए,,,,वो अपने एक हाथ से माँ के बूब्स को बारी बारी मसल्ने
लगे ऑर एक हाथ से रेखा एक बूब्स को मसल्ने लगी थी,,,रेखा एक बूब्स बहुत बड़े थे मेरी माँ
से भी कहीं ज़्यादा बड़े,,नीचे माँ ऑर रेखा के हाथ भी मामा के लंड पर थे माँ ऑर रेखा अपने
एक एक हाथ से मामा के लंड को सहलाने मे लगी हुई थी जबकि दूसरे हाथ से अपने ही ब्लाउस के हुक को
खोलने मे लगी थी कुछ ही पल मे माँ ऑर रेखा का ब्लाउस नीचे चद्दर पर था ऑर मामा उन
दोनो के नंगे बूब्स को मसल्ने लगा था फिर मामा ने अपने सर को झुका कर नीचे किया ऑर माँ
के बूब्स को मुँह मे भर लिया ऑर दोनो हाथों को रेखा को बूब्स पर ले गया,,,,फिर माँ के दोनो
बूब्स को हल्के हल्के चूसने के बाद मामा अपने सर को रेखा के बूब्स की तरफ ले गया ऑर माँ के
बूब्स को हाथों मे भरके मसल्ने लगा,,,,मामा जब रेखा के बूब्स चूसने लगा था तब रेखा
ने अपने एक हाथ को मामा के लंड पर रखा जबकि दूसरे हाथ से मामा के सर को कस्के अपने बूब्स
पर दबा लिया मामा का मुँह रेखा के बूब्स की लाइन पे पूरा छुप ही गया था रेखा मस्ती मे मामा
के सर को अपने हाथ से सहलाने लगी थी ,,


उपर माँ ऑर रेखा के लिप्स आपस मे बुरी तरह जकड़े हुए थे ऑर दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के लिप्स
को चूमने ऑर चाटने लगी हुई थी,,,,रेखा तो जैसे पागल ही हो रही थी ऑर उसके पागल पॅन की वजह से
माँ की हालत भी खराब होने लगी थी इसलिए माँ भी उसी पागलपन मे रेखा को किस का रेस्पॉन्स
देने लगी हुई थी ,,,माँ का एक हाथ मामा के लंड पर था ऑर एक हाथ मामा की पीठ पर था जबकि
रेखा का एक हाथ मामा के सर पर ऑर दूसरा मामा के लंड पर अपना कमाल दिखा रहा था,,,तभी एक
दम से रेखा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद कर दिया ऑर जल्दी से मामा के सर को बालों से हल्का
सा खींच कर मामा के सर को अपने बूब्स से हटा दिया ऑर एक ही पल मे ज़मीन पर बिछी हुई चद्दर
पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर दोनो हाथों से मामा के अंडरवेर को नीचे करके मामा के बड़े
मूसल को अंडरवेर से बाहर निकाल लिया ऑर जल्दी से अपने मुँह मे भर लिया तब तक माँ का हाथ मामा
के लंड से हट गया था ऑर मामा के सर पर पहुँच गया था ऑर मामा के सर रेखा के बूब्स से हटते ही
माँ के बूब्स पर टिक गया था ऑर मामा ने माँ के बड़े बड़े गोरे बूब्स को हाथों से मसल्ते हुए मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया था ऑर माँ ने एक हाथ से मामा के सर को ओर एक हाथ से पीठ को प्यार
से सहलाना शुरू कर दिया था,,,मामा माँ के बूब्स को बारी बारी से मसल रहा था ऑर बारी बारी से दोनो
बूब्स को मुँह मे भरके चूस रहा था नीचे रेखा भूखी शेरनी की तरह मामा के लंड पर टूट
चुकी थी ऑर मुँह मे भरते ही पूरे लंड को गले से नीचे तक पेलने लगी थी उसके दोनो हाथ मामा की
कमर पर थे ऑर वो मामा की कमर को पकड़ कर तेज़ी से हिला रही थी ऑर मामा को अपना लंड उसके मुँह
मे पेलने को बोल रही थी मामा भी हल्की झुकी हुई हालत मे अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ अपने
लंड को रेखा के मुँह मे पेलने लगा था रेखा ने मुँह को पूरा खोला हुआ था ऑर ज़ुबान भी बाहर निकाली
हुई थी ताकि मामा के पूरे लंड को मुँह मे ले सके मामा भी तेज़ी से कमर हिला कर पूरे लंड को रेखा
के गले से नीचे उतरने लगा था मामा की दोनो बॉल्स रेखा की चिन पर टकराने लगी थी ,,,,,


कुछ देर बाद माँ ने मामा को पीछे हटने को बोला ऑर मामा ने अपने लंड को रेखा के मुँह से निकाल
लिया ऑर तभी रेखा नीचे बिछी हुई चद्दर पर लेट गई ऑर माँ भी रेखा के पास ही लेट गई ऑर मामा इस
कदर लेट गया था कि उसका मुँह रेखा की चूत पर था जबकि लंड माँ के मुँह के करीब था उधर माँ
की चूत रेखा के मुँह के करीब थी देखते ही देखते रेखा ने माँ की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर
माँ ने अपनी साइड की करवट लेके रेखा के सर को अपनी टाँगों मे दबा लिया ऑर उधर मामा ने रेखा
की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर एक हाथ की उंगली से रेखा की चूत को चोदते हुए रेखा की चूत को भी
मुँह मे भरके चूसने लगा दूसरी तरफ माँ की चूत पर रेखा के लिप्स की पकड़ बनी हुई थी ऑर रेखा
माँ की चूत को बड़ी मस्ती मे चूस रही थी ऑर माँ उसी मस्ती मे मदहोश होके मामा के लंड को
अपने मुँह मे लेके गले से नीचे तक उतार कर चूसने लगी हुई थी,,,,,,,,साला ये सब देख कर मैं तो
जैसे पागल हुआ जा रहा था अब ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था मेरे से दिल कर रहा था अभी जाके
उनके खेल मे शामिल हो जाउ लेकिन पता नही क्यू साली हिम्मत नही हो रही थी,,,ऑर उधर उन लोगो की मस्ती
बढ़ती जा रही थी हर कोई एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को ऐसे चूस ऑर चाट रहे थे जैसे मलाई लगी हो उनपे
,,,,,सब पागल हुए जा रहे थे मुझे तो इतना समझ मे नही आ रहा था कि ये लोग बिना किसी डर के यहाँ
खेतो मे नंगे लेटे हुए है इन लोगो को किसी के आने का डर नही है,,,,जानता हूँ उस दिन मैने भी काफ़ी
टाइम यहीं नंगे लेट कर रेखा की चुदाई की थी ऑर रेखा ने बोला भी था कि यहाँ कोई नही आता है फिर
भी अगर ग़लती से कोई आ जाता तो क्या होता,, ये लोग तो मस्ती मे खो चुके है इनको भी मेरी तरह डर नही
लग रहा जैसे उस दिन मुझे चुदाई की मस्ती मे किसी के आने का डर नही था ऑर मैं बिना किसी डर के
रेखा की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,,,
 
मैं यहाँ अपने ख्यालो मे खोया हुआ था ऑर उधर वो लोग मस्ती मे पागल हुए जा रही थी तभी
मैने देखा कि माँ के जिस्म ने कुछ तेज़ी से झटके खाने शुरू कर दिए मैं समझ गया की माँ का काम
होने ही वाला है तभी शायद रेखा को भी पता लग गया कि माँ का काम होने वाला है तो उसने मामा के
सर को कस्के अपनी चूत पर दबा लिया जिस से मामा समझ गया कि रेखा भी झड़ने को बेताब हो रही है
उधर माँ ने भी मामा के लंड को तेज़ी से मुँह मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो मामा को माँ
की तरफ से भी इशारा मिल गया कि माँ भी झड़ने वाली है तो मामा ने अपनी उंगली को तेज़ी से रेखा की चूत
मे पेलते हुए उसकी चूत को छोड़ना शुरू कर दिया साथ ही अपने लिप्स को कस्के दबा दिया रेखा की चूत
पर ऑर पागलो की तरह चूसने लगा उसकी चूत को साथ ही अपनी कमर हिला कर अपने लंड को माँ के मुँह मे
तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा माँ ने भी मामा का साथ देते हुए मामा की कमर को पकड़ा ऑर खुद
मामा की कमर को तेज़ी से हिलाते हुए मामा के लंड को मुँह मे पेलने लगी,,,करीब 2-3 मिनट बाद ही
सब लोगो के जिस्म को झटके लगने शुरू हो गये मैं समझ गया कि सब एक साथ झड़ने वाले है ऑर मैं
सही था मेरे देखते ही देखते माँ की चूत ने पानी निकालना शुरू कर दिया ऑर रेखा उसको पीने लगी



साथ ही रेखा ने भी चूत से पानी को बहाना सुरू कर दिया जिसको मामा ने पीना शुरू कर दिया ऑर उधर
मामा ने भी अपने लंड को तेज़ी से माँ के मुँह मे पेलते हुए अपने लंड से पिचकारिया मारना शुरू कर
दी ऑर मामा के लंड ने भी स्पर्म निकालना शुरू कर दिया मामा के लंड से निकलने वाला स्पर्म माँ के
मुँह से बाहर निकल कर उनके एक गाल की तरफ बहने लगा जिसको माँ ने जल्दी से अपने हाथ से सॉफ किया ऑर
जल्दी ही उस हाथ को भी चाटने लगी साथ ही मामा के पानी को पीने के बाद मामा के लंड को अच्छी तरह
से चाट कर सॉफ करने लगी मामा ने भी रेखा की चूत को तब तक अपने मुँह से अलग नही किया जब तक
रेखा के जिस्म ने आख़िरी झटके के साथ अपनी चूत के पानी की लास्ट ड्रॉप तक माँ के मुँह मे नही छुड़ा
दी थी ऑर मामा उसके पानी को पी नही गया था माँ की चूत ने भी जितना पानी निकाला था रेखा ने भी '
उसकी एक भी ड्रॉप नीचे नही गिरने दी थी ऑर सारा का सारा पानी पी गई थी,,,,,,,

एक दूसरे का पानी पीने का बाद तीनो लोग एक साथ एक दूसरे को हग करके लेट गये ,,मामा बीच मे था जबकि
रेखा ऑर माँ मामा की दोनो साइड पर लेटी हुई थी,,,,,

काफ़ी टाइम बाद इतना अच्छा लग रहा है,,,,क्यूँ सरिता मज़ा आया,,,,,,,,,,मामा ने माँ से पूछा,,,,

हाँ भाई बहुत मज़ा आया लेकिन असली मज़ा तो अभी बाकी है ये तो हल्की सी मस्ती थी बस,,,माँ ने हँसते हुए
बोला,,,,,,,,

सही कहा सरिता दीदी,,,,ये तो हल्की सी मस्ती थी बस लेकिन मैं तो इतनी हल्की मस्ती के लिए भी तरस के रह
जाती हूँ जब आप लोग आते हो या जब अशोक ऑर गीता आते है गाओं मे तभी इतनी मस्ती नसीब होती है मेरे
को वर्ना मैं तो बस मोमबत्ती से या उंगली से काम चलाती रहती हूँ,,,,,वैसे भी अब आप लोग काफ़ी
टाइम बाद आए हो गाओं मे,,,ऑर अशोक ऑर गीता को भी काफ़ी टाइम हो गया है,,,,,

तभी माँ हल्के गुस्से मे,,,,,,,,,,तुझे कितनी बार बोला है कि गीता का नाम मत लिया कर मेरे सामने तू
समझती क्यू नही,,,,,

अरे बेहन गुस्सा क्यू करती है अब तो बहुत टाइम बीत गया है सब बातों को अब तो गुस्सा ठंडा कर ले
अपना,,,,,,मामा माँ के माथे पर किस करते हुए माँ को समझाते हुए बोला,,,,

तभी रेखा मामा के उपर से निकल कर माँ की तरफ आ गई ऑर माँ के बड़े बड़े बूब्स को पकड़ कर
दबाते हुए माँ को बोली,,,,,,,,,,,,ठीक है बाबा नही नाम लेती उसका लेकिन उसकी वजह से मेरे पर गुस्सा मत
करो ऑर बस मस्ती करो,,,,इतना बोलते ही रेखा ने माँ के सर को मामा की तरफ से टर्न करके अपनी तरफ किया
ऑर जल्दी ही फिर से माँ के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया,,,माँ अभी कुछ देर पहले हल्के गुस्से मे थी
लेकिन रेखा के किस करते ही एक पल मे माँ ने हथियार डाल दिए थे,,,,,

मामा--तेरे को अच्छी तरह पता है रेखा कि सरिता को शांत कैसे किया जाता है,,,,,,,,,,,

नही सुरिंदर ये मेरे को शांत नही ऑर ज़्यादा मस्त करके मेरी आग को भड़का देती है ,,माँ ने एक पल
के लिए अपने लिप्स रेखा के लिप्स से हटा कर इतना बोला लेकिन तभी रेखा ने जल्दी से माँ के लिप्स को कस्के जाकड़
लिया अपने लिप्स मे ऑर दोनो हाथों से माँ के बूब्स को दबाते हुए माँ के उपर लेट गई ,,,,माँ ने भी
जल्दी से अपनी बाहों मे जाकड़ लिया रेखा को ऑर उसकी किस का रेस्पॉन्स देते हुए रेखा की पीठ को अपने
दोनो हाथों से सहलाने लगी ,,,,मामा ने भी अब तक अपने लंड को हाथ मे लेके मसलना शुरू कर दिया
ऑर देखते ही देखते मामा फिर से मैदान मे उतरने को तैयार हो गया,,,,तभी रेखा ने मामा के लंड
को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर कुछ देर हिलाने के बाद मामा को उठकर उसके पीछे जाने को बोला इतने मे
माँ ऑर रेखा दोनो ने अपनी टाँगें खोल ली ऑर मामा भी जल्दी से दोनो की टाँगो के बीच जाके अपने
घुटनो के बल बैठ गया ,,,माँ नीचे लेटी हुई थी जबकि रेखा माँ के उपर लेटी हुई थी उन दोनो के बड़े-2
बूब्स आपस मे एक दूसरे से चिपके हुए थे जिस तरह से उनके लिप्स एक दूसरे के लिप्स से चिपके हुए थे

,,
माँ के हाथ रेखा की पीठ पर थे जबकि रेखा का एक हाथ माँ के बूब्स पर ऑर दूसरा हाथ अपने ऑर
माँ के पेट के बीच दबके माँ की चूत पर पहुँच गया था ऑर रेखा ने माँ की चूत मे उंगली डाल
कर माँ की चूत को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया था माँ भी मस्ती मे उसी अंदाज़ मे रेखा की पीठ
को सहलाते हुए कभी रेखा के सर को सहलाते हुए रेखा की जबरदस्त किस कर रही थी इतने मे मामा ने
अपने लंड पर थूक लगाया ऑर जल्दी से रेखा की चूत पर रखा लेकिन तभी रेखा ने माँ के बूब्स से
अपना हाथ हटा कर पीछे जाके मामा के लंड को पकड़ लिया ऑर अपनी चूत से मामा के लंड को हटा कर
अपनी गान्ड पर रख दिया मामा ने भी लंड के गान्ड पर टिकते ही तेज़ी से धक्का लगा दिया ऑर मामा का
लंड एक ही बार मे पूरा उतर गया रेखा की गान्ड मे लेकिन मामा को धक्के मारने मे थोड़ी मुश्किल
हो रही थी इसलिए रेखा जल्दी से अपने घुटने मोड़ कर कुतिया बन गई ऑर अपनी गान्ड को थोड़ा हवा मे
उठा लिया लेकिन उसने अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग नही किया ऑर ना ही अपने हाथ को माँ की चूत से
दूर किया वो ऐसे ही माँ को किस करती रही ऑर ऐसे ही माँ की चूत मे उंगली भी करती रही,,,माँ ने भी
जल्दी से अपने एक हाथ को रेखा की पीठ से हटा लिया ऑर नीचे करके रेखा की चूत पर ले गई ऑर जैसे तेज़ी
से रेखा माँ की चूत मे उंगली कर रही थी उतनी ही तेज़ी से रेखा ने भी माँ की चूत मे उंगली करना
शुरू कर दिया रेखा एक दम मस्ती मे आ गई ऑर अपने लिप्स को माँ के लिप्स से अलग करके सिसकियाँ लेने लगी

आअहह उुउऊहह ससूउर्रीन्न्ड्दी र्रर आईसीए हहिि ज्जूओर्र ल्लाग्गाआ
क्कार्र छ्छूओद्दड़ म्मूउज़्झहीई ऊओरर त्टीजजिई ससीए घहुउस्साअ आपपन्ना म्मूस्साल्ल म्मीरीईइ
गगाआंन्ँदडड़ म्मीई क्कूवई रीहाम्म म्मांत्त क्काररन्ना म्मीररी पपीए ऊरर त्टीजज क्काार
ससूउर्रीन्न्ड्दी र्ररर आअहह पफाड्दड़ डदीए म्मीररीईई गगाणनद्दद्ड कककूऊऊऊ आहह
उूुुउऊहह हहययइईईई,,,,,,,मामा ने भी जल्दी से अपने दोनो हाथों को रेखा
की कमर पर रखा ऑर मजबूती से रेखा की कमर पर पकड़ बना कर अपनी स्पीड तेज करदी ऑर जैसे ही
मामा की स्पीड तेज हुई वैसे ही रेखा की सिसकियाँ भी ऑर तेज हो गई नीचे से माँ के हाथ की स्पीड भी रेखा
की चूत पर ऑर रेखा के हाथ की स्पीड माँ की चूत पर तेज हो गई आअहह ईस्स्स्सीई हहिईीईईईईई
ऊओररर त्टीजीीीइ ससीए छ्छूड़दूव म्मूउज़्ज्झहही ससूउर्रणनीयददीर्रर आर्र टीज्जिि ससीए ,,,,,,आईसीई हहिईिइ
म्मीरीई कच्छूत्त म्मी उउण्नग्ल्लीी काररूव स्साररित्ता दडियड्ड्डिईई ब्बाद्दा म्मांज़्जा आ र्रहहाअ
हहाइईइ आहह उउउहह ककब्बससी त्ताररास्स र्राहहिि टहिि मामैयिईन्न्न आपप ल्लूओगगूव सीसी
स्साआत्तह म्मांसस्त्तीी क्काररननी कककूऊव,,,आशूकक ऊओररर गीट्टा क्की स्साटतह इत्टना म्मांजा
न्नाहहीी अट्टाअ ईकक त्तूओ आअसशूकक क्का ल्ल्लुउन्न्ड्ड़ बभ्हुत्त् छ्छूटता हहाइी उप्परर सस्सीईए
ग्गीतटता क्की पपाससस ननाल्लक्किी र्रब्बारर व्वाल्लाअ ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइईइ ल्लेककिन्न्न वउूओ बभहिईीई
क्क्कीिससिईई क्कामम क्का न्नाहहिईिइ,,,,,ज्जूऊ म्मांज़्जाअ ससूउर्रणनीयददीर्रर क्की ल्लुउउन्न्ड्ड़ म्मईए हाइईइ
वउूओ आशूकक क्की छ्छूट्टी ल्लुउन्न्ड्ड़ ऊरर गीता क्की न्नाककल्ल्लीी ल्लुउन्न्ड्ड़ म्मी क्काहहानन्न
आहह ऊओररर त्तीज्ज क्काररू ससूउर्रणणनीयददीर्रर्र्ररर आहह ऊओरर त्तीईएज्ज्ज्ज्ज्ज्ज,,
बहुत्त् ंमज़्ज़जाआ आ र्राहहाअ हहाइईइ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सच म्मी रृीक्खहा ब्भ्हुउत्त्त
म्मांज़्जा आ र्रहहा हहाइी क्क्य्याअ,,,,,,,,,,

हहाआंन्न स्साररत्ता द्द्दीइद्दी बभ्हउुूत्त्त म्मांज़्जाअ आ र्रहहा हहाइी,,ऐसी ल्लग्गतता हहाऐईइ
ज्जाईस्सी 2 ल्लुउन्न्ड्ड़ सससी ईककक स्साटतह कच्छुूद्दाइ हहू र्रहहिी हहाइईइ कचूत्त म्मईए
आपपक्कीी उउन्नगगल्लिइी ओररर ग्गाअंन्दड़ म्मी ससूउर्रीन्न्ड्दीआर्र क्काअ लुउन्न्ड्ड़ भ्हुत्त म्मांज़्जाअ
एयाया र्राहहा हहाऐईयईई,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
क्कीइत्त्न्ना म्मामाजजा आ र्राहहाअ हहाइईइ ससुउन्नयी सीसी लूवंड्ड ज्जििट्त्न्ना य्या उसस्स ससी बहिी
ज्जय्याददाा,,,,,,,,,,,,,

क्कीिसकका नाआंम ल्ली ल्लीइययय्या स्साररित्ता दडिड्डिईइ ,,,,ससुउन्नयी क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ऊरर ससुउरिन्न्दीर्र
क्की ल्लुउन्न्द म्मी बभ्हुत्त् फ्फाररकक हहाइईइ,,,,क़ासशह वउूओ बभीी हूटता य्याहहानं ऊरर
म्मामिीन स्साक्च म्मी 2 ल्लुउन्न्ड्ड़ क्का ंमज़्ज़जा ल्ली स्साककक़त्तिईईई,,,यूयेसेस दिन ससुउन्नयी नी भ्हुत्त
मांज़्जा दीईयया त्ततहा म्मूउज़्झहही ल्लीककिन्न ददार्रद्द बभीी इट्त्न्ना क्कीिय्या त्तहा क्की प्पूउर्रीई
रात्त म्मामिन्न टहीकक ससी ससू नाहहीी पायईयी त्तहीी ,,,

तभी माँ बोली,,,,,,,,,,,हां क़ासशह ससुउन्नयी बभिि य्याहहानं हूत्ता म्मीर्रा बहिि दीइल्ल्ल्ल्ल्ल
क्काररतत्त्ताअ त्तहा उउस्स्क्क्कू य्याहहान ल्लीक्की आन्नी क्कूव ल्लेककिीन ददार्र्त्ती त्ीी काहहििईन्न्न तू
ककुउक्चह बाक्क ना द्दी उउस्स्क्की स्सांमन्नईए ,,,,,,,,,हहयययय क्क़ासशह ववूऊ य्याहन्न
हूटता त्तूओ क्कीिट्त्न्ना म्मांज़्जाअ आत्ता,,,,,,,,,,,,

इधर मैं खड़ा हुआ सब देख रहा था ऑर लंड को हाथ मे लेके मूठ मांर रहा था ऑर उन लोगो की
बातें सुन रहा था,,,,,,,,,,,साली रंडिया कितना याद कर रही है मेरे लंड को दिल करता है अभी जाके
घुसा दूं अपने मूसल को माँ की गान्ड मे ,,,,,,

तभी मैने मामा की आवाज़ सुनी,,,,,,,,आज पहली बार मामा चुदाई करते कुछ बोला था जिसको सुनकर मेरी
गान्ड फॅट गई थी,,,,,

मामा--ठीक है बेहन अगर सन्नी को भी यहाँ बुलाना है तो अभी बुला लेते है,,,,,

रेखा ऑर माँ दोनो मामा की बात सुनकर खुश हो गई ऑर दोनो एक साथ बोली,जल्दी बुलाओ सन्नी को यहाँ
सुरिंदर,,,,,,,,

तभी मेरा ध्यान मामा की तरफ गया जो सीधा मुझे ही देख रहा था ,,मैं तो सोच रहा था कि जिस
जगह मैं छुपा हूँ किसी का ध्यान नही जाएगा मेरी तरफ लेकिन मामा ने मुझे देख लिया ऑर
जल्दी से मुझे इशारा किया अपने पास आने के लिए मैं भी रेखा ऑर माँ के नंगे जिस्म को देख कर ऑर उन
लोगो की चुदाई को देख मस्ती मे खुद-ब-खुद खेंचा चला गया उन लोगो के पास ,,,तभी मेरे चलने
से झाड़ियों मे हल्की आवाज़ हुई तो माँ ऑर रेखा का ध्यान भी मेरी तरफ हो गया ऑर दोनो मुझे देखकर
खुश हो गई,,,उनके चेहरे की खुशी ऐसी थी मानो जैसे रेगिस्तान मे प्यासे को पानी मिल गया हो,,,मैं
भी हँसते हुए उनकी तरफ बढ़ने लगा ऑर कुछ ही पल मे मैं उनकी चद्दर के पास खड़ा हुआ था ऑर मेरा
लंड मेरे हाथ मे था मैं एक हाथ से मूठ मांर रहा था ऑर एक हाथ से पॅंट को उतारने मे लगा हुआ
था तभी रेखा माँ के उपर से उठी ऑर मामा के लंड को अपनी गान्ड से निकालते हुए खड़ी होके मेरे
पास आ गई ऑर देखते ही देखते उसने ज़मीन पर बैठ कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया था ऑर जल्दी
से मेरे पूरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया था,, मैने भी जल्दी से अपने कपड़े उतारने
शुरू कर दिए थे मेरी टी-शर्ट निकल गई थी जबकि पॅंट पैरो के बीच मे इकट्ठा होके ज़मीन पर
पड़ी हुई थी,,,उधर रेखा जब माँ के उपर से उठी थी ऑर मामा के लंड को अपनी गान्ड से निकाल दिया
था तो तभी मामा ने नीचे लेटी हुई माँ की चूत मे अपने लंड को घुसा दिया था ऑर माँ की चुदाई
शुरू कर दी थी,,,मैं उन लोगो को देख कर मस्त हो रहा था ऑर इधर मेरा पूरा लंड रेखा मुँह
मे अंदर बाहर होने से मस्ती डबल हो गई थी,,,मैने भी मस्ती मे रेखा के सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से
अपने लंड को उसके मुँह मे पेलते हुए उसके मुँह को चोदने लगा मेरा लंड पहले से ही पूरा उसके मुँह
मे जा रहा था लेकिन मैं तो ऑर भी ज़्यादा तेज़ी से ऑर जोरदार धक्के से लंड को उसके गले से नीचे उतारने
लगा था तभी मेरा ध्यान मेरी माँ की तरफ गया जो मुझे ऐसा करते देख हँस रही थी मैने भी माँ को
हँस कर देखा ओर फिर से रेखा के मुँह की चुदाई करने लगा था,,,कुछ देर बाद मैने रेखा के सर को अपने
लंड से दूर कर दिया ऑर जल्दी ही उसको झुकने को बोला वो भी मेरी बात सुनके जल्दी से घुटनो के बल झुक
गई उसका सर माँ की तरफ था जब गान्ड हवा मे उठकर मेरी तरफ थी ऑर मैने जल्दी से उसकी गान्ड पर
अपने थूक से चिकने लंड को रखा ऑर एक ही बार मे पूरा घुसा दिया तभी रेखा की एक तेज चीख
निकल गई रेखा की चीख निकलते ही माँ ऑर मामा का ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो दोनो चुदाई करते हुए
ही मुझे देख कर हँसने लगे थे,,जबकि रेखा तेज़ी से चीख रही थी लेकिन मेरे पर उसकी चीख का कोई
असर नही हो रहा था ऑर लंड को एक बार मे पूरा उसकी गान्ड मे पेलने के बाद ही जल्दी से मैने जोरदार
धक्के लगाने शुरू कर दिए थे,,ऑर वो बस चिल्लाती जा रही थी,,,,,

आराअंम्म्म ससीए क्कारररर न्ना क्काममिन्नईए क्क्ययूउ हहारर बाररर मीररीई गाणन्दड़ पफाड्ड़ने
म्मईए ल्लाग्गा रीहतता हाइईइ हहययईई म्मांरररर गगयइिीईईईई उूुउऊहह द्ढहीररीए क्कार्र
ससुउउन्नययययी बभ्हउुूथत् दर्र्द्द्द हूत्ताअ हहाइईईई ईकक त्तूओ ग्घहूड्दी ज्जििट्त्न्ना ब्बादददा
ल्ल्लुउउन्न्ड्ड़ उउप्पपाररर ससी जजूर्र्ददार्र द्ड़हाक्की ससीए ईईत्न्नी ज़्जब्बार्ददाससटत् च्छुअद्डिईईईई
क्काररत्तता हहाइईइ तततुउउ ककुउउक्च त्तूओ त्ताररास्स क्कीिय्या क्काअररर आआअहह हहयइीई
,,,,,,,,,कययउउू एब्ब क्क्य्या हहूउआअ अब्भीी त्तूओ ककुउक्च द्दीर्रर प्पीहील्ली म्मामममाम
क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी कच्छुद्दाइ क्काररतती टिम्मी ब्बाददीई क्क्हुउस्शह टहिि ऊरर बबारर बबार
म्मूउुज्झहही य्याद्द्ड़ क्कार्र र्राहहीी त्ीी म्माम क्की ल्लुउन्न्ड्ड़ ससी म्मांज़्जा क्कार्र र्राहहिि त्तिी
आब्ब्ब म्मेररा ल्लुउन्न्ड्ड़ पपाससांनदड़ न्नाहहीी आय्या क्काययययया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ससूउर्रीन्न्ड्दीकर्र
क्का ल्लुउउउन्न्द ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइी ल्लीककिन्न टतररा ल्लुउन्न्ड्ड़ त्तूओ ग्घहूड्दी का ल्लुउन्न्ड्ड़ हहाइईइ
इट्त्न्ना ब्बाद्दा म्मूस्साल्ल ज्जू बभीी ल्लीगगा गगाणन्दड़ म्मी उउस्स्ककिी ट्टू गाणनद्दद्ड पफाट
हिी ज्जायईज्गीइइ आहह हहययइईईईई द्ध्हीर्रीए क्कार्र न्नाअ
क्काममिन्नईए ददार्र्द्द्द हहू र्राहहा हहाऐईइ,,,,,,,,,वो ज़ोर से चिल्ला रही थी तभी उसकी चीखों को
दबाने के लिए माँ ने खुद की थोड़ा अड्जस्ट किया ऑर जल्दी से रेखा के सर को पकड़ कर अपनी तरफ खीच
लिया ऑर नीचे करके अपने लिप्स को रेखा के लिप्स मे जाकड़ दिया जिस से रेखा की आवाज़ बंद हो गई लेकिन फिर
भी हल्की हल्की सिसकियाँ निकल रही थी उसकी,,,,माँ ने उसके लिप्स को कस्के अपने लिप्स मे जकड़ा हुआ था ऑर उसके
सर को भी पूरे ज़ोर से अपने हाथों मे पकड़ा हुआ था फिर एक हाथ को माँ ने उसकी पीठ पर मारते हुए
मुझे अपनी स्पीड तेज करने को बोला माँ की इस हरकत से मामा भी एक शरारती मुस्कान से मुझे देखने
लगा ऑर माँ के साथ मिलकर मुझे स्पीड तेज करने का इशारा करने लगा,,,माँ ऑर मामा की बात मान कर
मैं रेखा के उपर झुक गया ऑर उसके दोनो शोल्डर्स को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर एक मजबूत
शहरा लेके उसकी गान्ड मे अपने लंड को तेज़ी से पेलने लगा उसने अपने हाथ पीछे करके मुझे हटने को
बोला लेकिन मैं नही रुका वो बार बार अपने हाथ से मुझे रुकने को बोलने लगी लेकिन मैं नही माना
ऑर ऐसे ही तेज़ी से उसकी गान्ड को चोदने लगा,,वो एक हाथ को ज़मीन पर रखकर शहरा लेके झुकी हुई थी
जबकि दूसरे हाथ को पीछे मोड़ कर मेरी पीठ पर थप्पड़ मांर रही थी ऑर मुझे रुकने को बोल रही थी
मैने जल्दी से उसके हाथ को पकड़ा ऑर उसकी पीठ से लगा दिया ऑर तेज़ी से उसको चोदता रहा,,,,,
 
कुछ देर बाद
उसने तड़पना बंद कर दिया ऑर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया मैने भी जब देखा कि अब उसने ज़ोर
लगाना बंद कर दिया है तो मैं समझ गया कि उसको मज़ा आने लगा है तो मैने भी उसके हाथ को अपने
हाथ से आज़ाद कर दिया,,अब उसने अपने उस हाथ को ज़मीन पर लगा लिया था ऑर माँ को किस करने मे
पूरा साथ देने लगी थी ,,,तभी मैने देखा कि मामा माँ के उपर से उतर गया ऑर उसने माँ को एक साइड
करवट लेके लेटा दिया जिस से माँ के लिप्स रेखा के लिप्स से अलग हो गये तभी मामा ने मुझे भी इशारा किया
ऑर मैने भी रेखा कि गान्ड से अपने लंड को निकाल लिया मेरे लंड निकालते ही रेखा भी माँ की तरह
एक साइड को करवट लेके नीचे लेट गई,,,



अब माँ ऑर रेखा दोनो एक साइड करवट लेके एक दूसरे की तरफ फेस करके लेट गई दोनो के फेस एक दूसरे
के करीब थे जबकि मैं ऑर मामा दोनो की पीठ पीछे उनकी तरफ करवट लेके लेटे हुए थे मामा ने
माँ की एक टाँग उठाई ऑर माँ ने भी मामा का साथ देते हुए अपनी टाँग को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर
मामा ने पीछे से अपने हाथ पर थोड़ा थूक लेके लंड पर लगाया ऑर माँ की गान्ड मे लंड घुसा दिया
ऑर तेज़ी से धक्के मारने शुरू कर दिए ,,इधर मैने भी रेखा के पीछे लेट कर अपने पेट को रेखा की
पीठ से लगा दिया ऑर मामा की तरह ही रेखा की टाँग को पकड़ कर उपर उठाने लगा लेकिन मेरे हाथ
लगाने से पहले ही रेखा ने अपने हाथ से अपनी एक टाँग को पकड़ा ऑर उपर हवा मे उठा लिया वो मेरे से
ज़्यादा ही तेज थी ऑर वैसे भी उमर मे बड़ी थी काफ़ी पुरानी खिलाड़ी थी इस खेल की,,,,

रेखा की टाँग उपर उठाते ही मैने भी लंड को उसकी गान्ड पर रखा लेकिन थूक नही लगाया ऑर ऐसे ही
एक झटके मे लंड को उसकी गान्ड मे आधे से ज़्यादा अंदर तक घुसा दिया वो हल्की सी उछल गई,,,,,,हयईी
काअमिईईन्नी त्तहूड्दा त्हूओक्क तटूऊ ल्लाग्गाअ ल्लेटीटाअ ऐसी हहीी ग्घुउस्सा दीईययाअ साररा
म्मांन्ंस्सस्स रराग्गाडड़ ददिईयया म्मीररीई गगाणन्दड़ क्काअ ,,,वो चिल्ला रही थी लेकिन मैं पीछे से
मस्ती मे हल्की स्माइल देता हूँ उसको चोदने लगा था उसका चिल्लाना ऑर मेरे होंठों की मुस्कान देख
कर मामा ऑर माँ मेरी तरफ़ देख कर हँसने लगे थे माँ ने अपनी टाँग को अपने हाथ मे पकड़ा हुआ
था ऑर मामा उसके पीछे लेट कर माँ की गान्ड मे अपना लंड डालके तेज़ी से चुदाई कर रहा था मामा का
एक माँ के पेट ऑर कमर से होता हुआ माँ के एक बूब्स को बारी-बारी से मसल रहा था ऑर माँ हल्की हल्की
सिसकियाँ लेती हुई मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी मैने भी मस्ती मे मामा की तरह अपना एक हाथ
रेखा के बूब्स पर रख दिया ऑर एक ही पल मे तेज़ी से बूब्स को मसल्ने लगा ,,,,,,,,,

क्काममिन्नी गगाणन्दड़ बभीी पफाड्दड़ र्राहहा हहाइईइ ऊरर आब्ब्ब म्मीर्रे ब्बूबबसस ककूऊव
बभहिि ब्बीररीहममी ससी म्मांस्साल्ल र्राहहाअ हहाइईइ कचहात्त्तिईइ ससी उऊउक्खहाआद्द्द्दद्ड
क्कारररर आल्लाग्ग क्काररीग्गा क्क्य्या म्मीररी ब्बूवबबसस ककूऊव ,,,,,,,वो हल्के दर्द से ऑर मस्ती
मे हल्का सा सिसकियाँ लेती हुई चिल्ला भी रही थी ऑर मैं उसके बूब्स को मसलता हुआ उसकी गान्ड की जबरदस्त
चुदाई कर रहा था तभी एक पल मे माँ ऑर रेखा दोनो की सिसकियाँ बंद हो गई मैने देखा की माँ ने
अपने उस टाँग को अपने हाथ से छोड़ दिया था ऑर मामा का हाथ माँ की उस टाँग पर चला गया था ऑर
मामा ने अपने हाथ से माँ की टाँग को शहरा देके हवा मे उठा रखा था ऑर माँ का हाथ रेखा के
बूब्स पर चला गया था ऑर माँ ने अपने सर को थोड़ा ऑर ज़्यादा करीब करके रेखा के लिप्स को अपने लिप्स
मे भर लिया था ऑर दोनो मे एक मस्ती भरी किस शुरू हो गई थी माँ अपने एक हाथ से अपनी चूत को
सहला रही थी ऑर एक हाथ से रेखा के बूब को ऑर रेखा ने भी अपनी टाँग को अपने हाथ से हटा कर माँ
की कमर पर रख दिया था ऑर अपने हाथ को माँ एक बूब्स पर रख दिया था रेखा की टाँग माँ की कमर
पर थी ऑर दोनो बहुद करीब हो गई थी मैं ऑर मामा भी खुद को अड्जस्ट करके उनके बिल्कुल पीछे से
उनकी पीठ के साथ चिपक गये थे हम सब लोग इतना करीब थे कि मेरे ऑर मामा के धक्के मारने से
माँ ऑर रेखा के बूब्स ऑर पेट आपस मे टकरा रहे थे ,,,,तभी मैने भी रेखा की गान्ड मारते हुए
अपने एक हाथ को रेखा की चूत पर रख दिया ऑर तेज़ी से उंगली करने लगा ,,,

माँ की गान्ड मे मामा का लंड चुदाई कर रहा था ऑर माँ का अपना एक हाथ उनकी चूत पर था जबकि
मैं रेखा की गान्ड मे लंड पेलते हुए रेखा की चूत पर अपने हाथ से सहला रहा था माँ ऑर रेखा
दोनो एक दूसरे के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस कर रही थी कुछ ही देर मे मस्ती इतनी ज़्यादा हो गई
थी माँ ऑर रेखा की वो दोनो किस करती हुई ही सिसकियाँ लेने लगी थी सिसकियों पर क़ाबू नही रहा था दोनो
ने अपने लिप्स को एक दूसरे के लिप्स से अलग कर लिया ऑर खुल कर सिसकियाँ लेने लगी थी रेखा का तो कुछ ज़्यादा
ही बुरा हाल था ऑर उसके ये हाल ज़्यादा देर तक टिका नही रहा ऑर जल्दी ही वो तेज़ी से झटके लेने लगी थी मैं
समझ गया कि अब इसका तो होने वाला है इसीलिए गान्ड मे लंड की ऑर चूत पर हाथ की स्पीड को तेज कर दिया
ऑर कुछ ही पल मे वो तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी छोड़ने लगी उसकी चूत से पानी निकालने के बाद भी मैं
उसकी चूत पर हाथ से सहलाता रहा ऑर गान्ड भी मारता रहा तभी उसने मुझे दूर हटने को बोला लेकिन
मैने उसकी बात को अनसुना कर दिया ऑर ऐसे ही उसकी चुदाई करता रहा ,,,,,,,,,,,हइईए राअंम्म्ममम
ब्बाअस्स क्कार्र आब्ब्ब्बब म्मेररा हहूऊ गग्यया हहाइईइ ककुउक्च्छ द्दीर्र रुउककजजा क्काममिन्नी
क्क्ययउउू जानं ल्लीन्नी् प्पीरर तुऊउल्ला हहूउआ हहाइईइ दडियड्डिईईईईई आप्प्प्प्प हहिि ककुउउक्च बूल्लू
न्ना ईईसस सुउउन्नययी कककूऊऊ म्म्मीूररीि जानं ननीककााल्ल र्राहहिि हाइईइ
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,रेखा माँ को मुझे
हटाने को बोल रही थी लेकिन मैं उसकी बात नही सुन रहा था तभी माँ ने अपनी चूत को अपनी उंगलियों
से खोला ऑर मुझे अपनी चूत की तरफ इशारा किया मेरा ध्यान अभी उसकी चूत की तरफ था कि रेखा जल्दी
से उठने लगी ऑर मैने भी उसको नही रोका वो उठी ऑर माँ को एक किस करके जल्दी से साइड पर हो गई जैसे
कि उसने माँ को किस करके थन्क्ष बोला था कि माँ ने उसको मेरे से बचा लिया है मैं भी माँ की चूत
मे इतना खो गया कि जल्दी से रेखा के साइड होते ही माँ की तरफ बढ़ गया ऑर लंड को माँ की चूत मे घुसा
दिया ऑर लंड घुसते ही तेज़ी से माँ की चूत को चोदने लगा माँ ने अपनी चूत से हाथ हटा लिया ऑर मेरी
कमर पर रख दिया ऑर मुझे अपने साथ चिपका लिया अब मैं माँ की चूत को आगे से ऑर मामा माँ की
गान्ड को पीछे से चोदने लगे थे माँ हम दोनो के बीच फसि हुई थी माँ ने मेरी कमर पर
हाथ रखके मुझे करीब किया ऑर मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया फिर जल्दी से मेरे लिप्स
को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया मैं भी मस्ती मे माँ की चूत को चोद्ते हुए माँ के बूब्स को दबाने लगा
ऑर माँ की किस का रेस्पॉन्स भी देने लगा माँ कुछ ज़्यादा ही मस्ती मे मेरे लिप्स को चूसने लगी थी क्यूकी
पहले वो सिर्फ़ मामा के लंड से चुद रही थी लेकिन अब 2 लंड की चुदाई से माँ की मस्ती कुछ ज़्यादा हो गई
थी वैसे भी माँ को तभी मज़ा आता था जब 2 लंड एक साथ उसकी चूत ऑर गान्ड की चुदाई करते थे ,,

कुछ देर ऐसे ही किस करके ओर चुदाई करने के बाद मामा ने माँ के सर को पकड़ा ऑर उसने फेस को पीछे
अपनी तरफ़ टर्न कर लिया मैने भी माँ के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद कर दिया ताकि माँ मामा की तरफ देख
सके माँ का सर पीछे की तरफ़ मुड़ते ही मामा ने माँ के लिप्स को चूसना शुरू कर दिया ऑर मेरे सर को
मामा ने अपने हाथ से माँ के बूब्स की तरफ बढ़ा दिया मैने भी माँ के लिप्स को अपने हाथ से दबाते
हुए चूसना शुरू कर दिया माँ की मस्ती बहुत ज़्यादा हो गई थी क्यूकी वो काफ़ी टाइम से मामा से चुदाई
कर रही थी इतने टाइम से चुदाई करवा रही थी कि उसके साथ साथ चुदाई शुरू करने वाली रेखा तो एक बार
पानी छोड़ भी चुकी थी लेकिन माँ की चूत ऑर गान्ड अभी भी चुदाई मे लगी हुई थी मामा ऑर मैं
भी तेज़ी से माँ की चुदाई कर रहे थे ना तो मैं थका था ऑर ना ही मामा रुकने का नाम ले रहा था
लेकिन माँ अब रुकने वाली थी क्यूकी माँ के जिस्म मे झटके लगने शुरू हो गये थे तभी माँ ने मेरी
पीठ पर हाथ मारने शुरू किए ऑर साथ ही मामा ने भी मुझे इशारा किया स्पीड तेज करने को ऑर मामा
'ने खुद भी स्पीड तेज करदी कुछ ही पॅलो मे माँ की चूत ऑर गान्ड ने एक ही टाइम पर पानी निकालना
शुरू कर दिया माँ का पानी तो निकल गया था लेकिन माँ चुदाई के खेल मे पड़ी हुई थी ऑर मस्ती मे मुझे
ऑर मामा को ऑर तेज़ी से चुदाई करने को बोल रही थी लेकिन मामा की मर्ज़ी कुछ ऑर थी उसने जल्दी से माँ की
गान्ड मे से लंड निकाल लिया ऑर माँ के पीछे से उठ गया ऑर मुझे भी सर पे हाथ मार कर उठने को बोला
मैं कुछ समझा नही लेकिन तभी माँ ने भी मुझे छाती से हाथ लगा कर पीछे किया ऑर हटने को बोला
तो मैने भी अपने लंड को माँ की चूत से निकाल लिया ऑर जब मूड कर मामा की तरफ देखा तो वो रेखा
के पास चला गया था
 
रेखा चद्दर पर लेटी हुई थी ऑर मामा घुटनो को मोड़ कर चद्दर पर बैठ कर अपने लंड को रेखा
के मुँह मे घुसा चुका था ऑर रेखा ने भी मामा के लंड को मुँह मे लेके चूसना शुरू कर दिया था
तभी मैं भी माँ की चूत से लंड निकाल कर खड़ा हो गया था ऑर इतने मे माँ भी घुटनो पर बैठ
कर मेरे लंड को मुँह मे ले चुकी थी ऑर प्यार से चूसने लगी थी कुछ देर मेरे लंड को चूसने के बाद
माँ ने लंड को मुँह से निकाला ऑर तभी मैने देखा कि मामा माँ को कुछ इशारा कर रही थी ऑर माँ
ने तभी मेरे लंड को मुँह से निकाला था ऑर मामा का इशारा मिलते ही माँ ने भी मुझे पीठ से हल्का
सा धक्का देके रेखा की तरफ बढ़ा दिया ऑर मामा ने भी मुझे रेखा की चूत पर हाथ रखके उसकी
चूत मे लंड घुसाने को बोला मैं तो पहले से पूरा भरा हुआ था ऑर जल्दी से रेखा की टाँगों को
खोल कर रेखा की टाँगों के बीच मे बैठ गया इस से पहले रेखा कुछ समझ पाती मैने रेखा की
चूत मे लंड घुसा दिया ऑर एक ही बार मे पूरा लंड पेल दिया रेखा की चूत मे लेकिन रेखा इस चुदाई
को तैयार नही थी ऑर थोड़ा हिलने डुलने लगी थी लेकिन मैने उसकी टाँगों को पकड़ा हुआ था जबकि मामा ने
उसके एक हाथ को पकड़ कर अपने जिस्म को उसके सर के उपर से आगे की तरफ बढ़ा दिया अपने कमर को उपर
नीचे करते हुए अपने लंड को रेखा के मुँह मे पेलने लगा रेखा की चूत मे लंड घुसते ही मैने तेज़ी
से रेखा की चूत को चोदना शुरू कर दिया जबकि मामा ने उसके मुँह मे लंड घुसा कर उसके मुँह को
चोदना शुरू कर दिया रेखा का एक हाथ तो मामा के हाथ मे था लेकिन एक हाथ फ्री था जिसको वो मामा की
पीठ ऑर कमर पर मार कर मामा को हटने को बोल रही थी लेकिन मामा उसके मुँह मे चुदाई करता जा रहा
था ,,,, मैं मस्ती मे पागल हो गया था ऑर पूरे जोश मे था मामा भी आज जोश मे लग रहा था मामा तो
चरस पीक जोश मे ही रहता था लेकिन मेरे जोश की वजह कुछ ऑर थी आज मैं माँ के साथ किसी ऑर औरत
की चुदाई कर रहा था इसलिए मेरे लंड मे कुछ ज़्यादा ही जोश भरा हुआ था ऑर मैं रेखा की दोनो
टाँगों को पकड़ कर तेज़ी से उसकी चूत चोदने मे लगा हुआ था रेखा कुछ देर हिलती जुलती रही लेकिन कुछ
देर बाद जब उसको मज़ा आने लगा तो उसने हिलना जुलना बंद कर दिया ऑर मामा की कमर को अपने एक हाथ से
पकड़ कर उपर नीचे करने लेगी मामा को भी जब पता चल गया कि रेखा मस्ती मे भरने लगी है तो
मामा जल्दी से उसके उपर से उठ गया ऑर मेरे को चेस्ट पर हाथ लगा कर पीछे होने को बोला ऑर उधर
रेखा के सर को पकड़ कर उपर उठाने लगा मैं मामा की बात समझ गया ऑर रेखा की टाँगों से अपने
हाथ हटा कर उसके शोल्डर पर ले गया ऑर उसको पकड़ कर उपर उठाते हुए खुद पीठ के बाल लेटने लगा
जिस से कुछ ही देर मे मैं पीठ के बल ज़मीन पर लेट गये ऑर रेखा मेरे उपर आ गई लेकिन इतने टाइम
मे मैने लंड को रेखा की चूत से नही निकाला ऑर रेखा के मेरे उपर आते ही फिर से मैने चुदाई शुरू
करदी तब तक मामा रेखा के पीछे चला गया ऑर रेखा की गान्ड को थोड़ा हवा मे उठाकर अपने लंड
को रेखा की गान्ड मे घुसा दिया रेखा ने मामा के लंड को अपनी गान्ड मे सहन कर लिया क्यूकी मामा
का लंड भले लंबा था लेकिन था मेरे लंड से बहुत ज़्यादा पतला ऑर रेखा ने उसको एक ही बार मे शायद
पूरा का पूरा निगल लिया था ,,

मामा ने पीछे से रेखा की गान्ड को मारना शुरू किया जबकि मैं रेखा की चूत को चोदने मे लगा
हुआ था रेखा मेरी तरफ़ मुस्कुरा कर देखती हुई सिसकियाँ ले रही थी तभी कुछ ऑर सिसकियों की आवाज़ आने
लगी मैने सर घूमा कर देखा तो माँ ने अपनी चूत मे उंगली करना शुरू कर दिया था ऑर हम लोगो
को चुदाई करते देख फिर से मस्ती मे आ गई थी रेखा ने मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी तरफ़ घमा लिया ऑर
मुझे मेरी माँ को देखने से रोक दिया मानो वो इशारे मे बोल रही हो कि अपनी माँ को नही मुझे देखो
ऑर जल्दी से मेरे लिप्स को चूसने लगी मैं भी मस्ती मे पागल होके उसको किस करने लगा ऑर उसके बड़े-2
बूब्स को हाथों से मसालने लगा तभी मेरे हाथ के साथ-साथ मामा के हाथ भी उसके बूब्स तक आ
गये थे ओर हम दोनो मिलकर रेखा के बूब्स को मसालने लगे थे रेखा के बूब्स थे ही इतने बड़े कि
हम लोगो को मिलकर उसको मसलना पड़ रहा था लेकिन तब भी मेरे ऑर मामा के हाथ मे एक पूरा बूब
नही आ रहा था फिर भी हम उसके बूब्स को मसल रहे थे मैने उसको किस करते हुए देखा कि माँ
हमारे पास आ गई थी ऑर घुटनो के बल बैठ कर अपनी चूत मे उंगली करने लगी थी जिस जगह वो बैठी
हुई थी उस से लग रहा था कि वो मामा को किस कर रही होगी मैने कुछ देर के लिए रेखा एक लिप्स से अपने
लिप्स अलग किए ऑर देखा तो सच मे माँ मामा को किस कर रही थी ऑर एक हाथ से अपने बूब्स को मसल्ति
हुई अपनी चूत मे उंगली कर रही थी मैं माँ को देख कर ज़्यादा ही मस्त हो गया ऑर रेखा के लिप्स को
वापिस अपने लिप्स मे जाकड़ कर किस करने लगा ऑर उसके बूब्स से हाथ हटा कर उसकी पीठ पर ले गया ऑर उसकी
पीठ पर पकड़ बना कर तेज़ी से अपनी कमर को उपर नीचे करने लगा कुछ ही पल मे मेरी स्पीड कुछ
ज़्यादा ही तेज हो गई थी मैने महसूस किया की मामा की स्पीड भी पहले से ज़्यादा तेज हो गई थी मैं ऑर
मामा पूरी स्पीड से रेखा की चूत ओर गान्ड की चुदाई कर रहे थे ऑर रेखा को मज़ा दे रहे थे ,,

 
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