hotaks444
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रेखा--ग़लती,,,,,मेरी चूत ऑर गान्ड का बुरा हाल कर दिया ऐसा चोदा जैसे तेरी रंडी हूँ मैं ऑर
पूछता है मैने ऐसा क्या कर दिया,,,,,,,चल अब मुझे आराम करने दे तू जा यहाँ से,,,,
सन्नी--ठीक है तू आराम कर ,,मैं तो बस ये पूछना आया था कि मोटर को कार से निकाल कर यहीं रख
दूं तेरे घर मे ताकि कल भी मोटर के बहाने तुझे मिलने आ सकूँ,,,,,,
रेखा ने गुस्से से मुझे देखा,,,,,कोई ज़रूरत नही ले जा उस मनहूस मोटर को यहाँ से उसकी वजह
से हुआ है मेरी चूत ऑर गान्ड का ये हाल,,,,,अब ना तेरे हाथ आउन्गी मैं कुछ दिन,,,,,वो गुस्से
से हल्की मुस्कान के साथ मुझे बोलने लगी,,,,
सन्नी-ठीक है तू आराम करले मैं जाता हूँ वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया है,,मैने मोबाइल मे टाइम
देखा तो 6 बजे थे जबकि मैं इसके साथ 2 -3 बजे के करीब आया था,,3 घटने मे मस्त चुदाई
की थी मैने इसकी,,,,,,,,,,,,तभी रूम से जाते टाइम मेरी नज़र बेड के पीछे बनी एक शेल्व पर पड़ी
जिसपे एक तस्वीर रखी हुई थी,,,,वो तस्वीर मुझे जानी पहचानी लगी लेकिन समझ नही आ रहा
था कि ये तस्वीर किसकी है तभी उसने मुझे तस्वीर की तरफ देखते हुए देखा तो जल्दी से उठ कर तस्वीर को
नीचे कर दिया ऑर मेरे से छुपा लिया,,,,,,,मैं उसकी इस हरकत को समझ नही पाया लेकिन मुझे
कुछ ठीक नही लगा खैर मैं उसको अलविदा बोला ऑर वहाँ से चला गया,,,,लेकिन वो तस्वीर मेरे
दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,, मुझे कुछ अजीब लगा वो तस्वीर देख कर,,घर तक आते आते
मैं उसी तस्वीर के बारे मे सोचता रहा,,,,,,
एक तो आज बड़ा खुश था रेखा जैसी मस्त औरत की चुदाई करके लेकिन साथ मे मुझे थोड़ी
टेन्षन भी होने लगी थी यही सोच कर कि रेखा कॉन है ओर इतना सब कुछ कैसे जानती है मेरे
परिवार के बारे मे ऑर मेरे घर वाले भी उसके पास क्यूँ जाते है इतनी चुदाई करने के लिए ऑर
सबसे बड़ी बात कि वो तस्वीर किसकी थी ,,तस्वीर मे 5 लोग थे जिनमे से 2 को मैं बिल्कुल भी नही
पहचान सका लेकिन 3 लोग जाने पहचाने लग रहे थे,,,,उस तस्वीर ने तो दिमाग़ ही खराब
कर दिया था मेरा,,,,,,,
मैं घर पहुँचा ऑर नये घर का गेट खोलके कार घर मे खड़ी की ऑर मोटर लेके जैसे ही
बाहर आने लगा तो देखा कि सोनिया के रूम मे दरवाजा खुला हुआ था ऑर वो बेड पर लेट कर टीवी
देख रही थी तभी उसका ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो उठकर दरवाजे की तरफ आई ऑर मुझे गुस्से
से देखते हुए दरवाजा बंद कर लिया,,,,मैं भी डर गया ऑर मोटर हाथ मे लेके जल्दी से वहाँ
से बाहर चला गया ,,,,मैं चाचा के घर गया मोटर लेके तो मामा बाहर अंगान मे ही
बैठा हुआ था ऑर माँ भी उसके पास बैठी हुई थी,,,,,,,,
मेरे हाथ मे मोटर देख कर मामा बोला,,,,,,,,क्यू भान्जे मोटर ठीक हो गई क्या,,उसने हँसते
हुए शरारती अंदाज़ मे पूछा तभी मैने मामा के साथ साथ माँ की तरफ देखा ऑर बोला
हां मामा एक दम ठीक हो गई है ,,,,खुद पास खड़े रहके ठीक करवाई है अब कुछ
दिनो तक कोई परेसानि नही देगी मोटर,,,,,,मैं भी उसी अंदाज़ से हँसते हुए मामा की बात
का जवाब देने लगा ऑर तभी मैने माँ की तरफ देखा तो माँ उठकर रसोई की तरफ चली
गई,,,,,,
तो कितना टाइम लगा मोटर ठीक होने मे भान्जे,,,,मामा ने फिर हँसते हुआ पूछा,,,,,
सन्नी--मामा मोटर जल्दी ठीक हो गई थी लेकिन मेरा दिल नही भरा जब तक मोटर को अच्छी तरह से
चला कर परख नही लिया,,,,अब तो बिल्कुल ठीक चलेगी,,,,
तभी मामा चारपाई से उठा ऑर मेरे करीब आ गया,,,,,,,मोटर को ज़्यादा नुकसान तो नही
पहुँचाया तूने भान्जे,,,,
सन्नी--नही मामा ज़्यादा नही बस कुछ दिनो तक मेरे पास नही आने वाली आपकी मोटर,,,ऑर हो सकता है
आपको भी कुछ दिन अपने करीब नही आने देगी वो,,,,,मैं अब हँस रहा था ऑर मामा चुप हो
गया था,,,,,,
मामा--क्या भानजे इतना क्यू परखा तूने मोटर को चला चला कर ,,,अब मेरे काम भी नही आई कुछ
दिन तो क्या होगा मेरा,,,,,,
तभी मैने देखा माँ रसोई से पानी का ग्लास लेके हमारी तरफ़ आ रही थी,,,,,,मैने माँ की
तरफ इशारा करते हुए बोला,,,कोई बात नही मामा तेरे पास दूसरी मोटर है ना,,,,,,
मामा ने मेरा इशारा समझा ऑर बोला,,,,,,हाँ ये बात तो ठीक है लेकिन वो मोटर भी अच्छी चलती
है भानजे ,,,,इसी मोटर की तरह काफ़ी तेज है वो मोटर,,,,,
मैने माँ के हाथ से पानी का ग्लास लिया ऑर माँ की तरफ देखते हुए बोला,,,,,नही मामा ये
मोटर ज़्यादा अच्छी है ,,वो मोटर भला इस मोटर का क्या मुक़ाबला करेगी,,,,मैने देखा कि माँ
थोड़ी शरमा गई ऑर वहाँ से चली गई ,,,ऑर जाते हुए बोल गई कि खाना तैयार करने जा रही है
रसोई मे ,,तभी मामा ने मेरे हाथ से मोटर पकड़ी ऑर बाहर चला गया,,,,,,,तू रुक यही बेटा
मैं अभी मोटर फिट करके आता हूँ,,,,,,,,,,
सन्नी--ठीक है मामा तू अपनी मोटर फिट कर ऑर मैं अपनी
फिट करता हूँ,,,,मैने मामा को रसोई की तरफ इशारा किया ऑर मामा हंस कर वहाँ से चला
गया ऑर मैं रसोई मे ग्लास रखने के बहाने चला गया,,,,
रसोई मे माँ खाना पकाने की त्यारी कर रही थी,,,,,मैने माँ को पीछे से पकड़ लिया ऑर माँ
के गले के नीचे किस करदी,,,,,,,,,
माँ--हट बदमाश कोई आ जाएगा,,,,,,,,कुछ तो शरम कर,,,,
सन्नी--कॉन आएगा माँ,,,,,,चाचा ऑर चाची तो अपने रूम मे है,,,ऑर मामा गया मोटर फिट करने,,
ऑर किसने आना है यहाँ,,,,,,
माँ-सोनिया भी तो यहीं है भूल गया,,,,,
सन्नी--वो तो दूसरे घर मे आराम से बैठ कर टीवी देख रही है माँ,,,,तुम टेंशन मत लो तुम्हारा
बेटा सब कुछ देख परख कर ही करता है,,,,,मैं अभी भी मस्ती मे था मैने माँ को अपनी
बाहों मे जकड़ा ऑर हाथ माँ के बूब्स पर रहे ऑर मसल्ने लगा,,,,,
माँ--सबर कर रात तो होने दे इतनी भी क्या आग लगी है,,,थका नही क्या मोटर ठीक करवा कर,,,
सन्नी--नही माँ मैं नही थका लेकिन मोटर कुछ ज़्यादा ही थक गई ठीक होते होते,,अब दूसरी मोटर
की बारी है मैने माँ के बूब्स दबाते हुए बोला,,,,,,,
माँ--अभी नही बेटा रात होने दे फिर जितना
दिल करे इस मोटर को ठीक करता रहना,,,,,
माँ ने मेरी बात का जवाब दिया तो मैं समझ गया कि माँ भी जानती थी कि मैं रेखा के
साथ कहाँ जाने वाला हूँ,,,,माँ को भी सब पता था,,,,
सन्नी--लेकिन माँ रात को तो तुम सोनिया के साथ सोने वाली हो ओर मैं मामा के साथ फिर कैसे होगा,,
माँ--तू टेन्षन मत ले बेटा मैं रात को मामा को चाचा के पास सुला दूँगी ऑर चाची को भेज दूँगी
सोनिया के पास तू टेन्षन मत ले ऑर रात का इंतजार कर,,,,ऑर अब जा यहाँ से मुझे खाना पकाने
दे,,,वैसे भी टाइम बहुत हो गया है गाओं मे लोग अक्सर खाना जल्दी खा लेते है ऑर जल्दी सो
जाते है तुझे तो अब तक पता चल ही गया होगा,,,,,
सन्नी--हां माँ बहुत कुछ पता चल गया है ,,ऑर अभी बहुत कुछ पता करना बाकी है,,,तभी माँ
मेरी तरफ पलटी ऑर कुछ परेशान हो गई,,,,,,,,मैने माँ के लिप्स को हल्के से किस किया ऑर बोला
जल्दी खाना पका लो माँ फिर मस्ती भी तो करनी है ,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया ऑर
माँ परेशानी भरी नज़रो से मुझे देखती रही,,,,
पूछता है मैने ऐसा क्या कर दिया,,,,,,,चल अब मुझे आराम करने दे तू जा यहाँ से,,,,
सन्नी--ठीक है तू आराम कर ,,मैं तो बस ये पूछना आया था कि मोटर को कार से निकाल कर यहीं रख
दूं तेरे घर मे ताकि कल भी मोटर के बहाने तुझे मिलने आ सकूँ,,,,,,
रेखा ने गुस्से से मुझे देखा,,,,,कोई ज़रूरत नही ले जा उस मनहूस मोटर को यहाँ से उसकी वजह
से हुआ है मेरी चूत ऑर गान्ड का ये हाल,,,,,अब ना तेरे हाथ आउन्गी मैं कुछ दिन,,,,,वो गुस्से
से हल्की मुस्कान के साथ मुझे बोलने लगी,,,,
सन्नी-ठीक है तू आराम करले मैं जाता हूँ वैसे भी टाइम काफ़ी हो गया है,,मैने मोबाइल मे टाइम
देखा तो 6 बजे थे जबकि मैं इसके साथ 2 -3 बजे के करीब आया था,,3 घटने मे मस्त चुदाई
की थी मैने इसकी,,,,,,,,,,,,तभी रूम से जाते टाइम मेरी नज़र बेड के पीछे बनी एक शेल्व पर पड़ी
जिसपे एक तस्वीर रखी हुई थी,,,,वो तस्वीर मुझे जानी पहचानी लगी लेकिन समझ नही आ रहा
था कि ये तस्वीर किसकी है तभी उसने मुझे तस्वीर की तरफ देखते हुए देखा तो जल्दी से उठ कर तस्वीर को
नीचे कर दिया ऑर मेरे से छुपा लिया,,,,,,,मैं उसकी इस हरकत को समझ नही पाया लेकिन मुझे
कुछ ठीक नही लगा खैर मैं उसको अलविदा बोला ऑर वहाँ से चला गया,,,,लेकिन वो तस्वीर मेरे
दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,, मुझे कुछ अजीब लगा वो तस्वीर देख कर,,घर तक आते आते
मैं उसी तस्वीर के बारे मे सोचता रहा,,,,,,
एक तो आज बड़ा खुश था रेखा जैसी मस्त औरत की चुदाई करके लेकिन साथ मे मुझे थोड़ी
टेन्षन भी होने लगी थी यही सोच कर कि रेखा कॉन है ओर इतना सब कुछ कैसे जानती है मेरे
परिवार के बारे मे ऑर मेरे घर वाले भी उसके पास क्यूँ जाते है इतनी चुदाई करने के लिए ऑर
सबसे बड़ी बात कि वो तस्वीर किसकी थी ,,तस्वीर मे 5 लोग थे जिनमे से 2 को मैं बिल्कुल भी नही
पहचान सका लेकिन 3 लोग जाने पहचाने लग रहे थे,,,,उस तस्वीर ने तो दिमाग़ ही खराब
कर दिया था मेरा,,,,,,,
मैं घर पहुँचा ऑर नये घर का गेट खोलके कार घर मे खड़ी की ऑर मोटर लेके जैसे ही
बाहर आने लगा तो देखा कि सोनिया के रूम मे दरवाजा खुला हुआ था ऑर वो बेड पर लेट कर टीवी
देख रही थी तभी उसका ध्यान मेरी तरफ आया ऑर वो उठकर दरवाजे की तरफ आई ऑर मुझे गुस्से
से देखते हुए दरवाजा बंद कर लिया,,,,मैं भी डर गया ऑर मोटर हाथ मे लेके जल्दी से वहाँ
से बाहर चला गया ,,,,मैं चाचा के घर गया मोटर लेके तो मामा बाहर अंगान मे ही
बैठा हुआ था ऑर माँ भी उसके पास बैठी हुई थी,,,,,,,,
मेरे हाथ मे मोटर देख कर मामा बोला,,,,,,,,क्यू भान्जे मोटर ठीक हो गई क्या,,उसने हँसते
हुए शरारती अंदाज़ मे पूछा तभी मैने मामा के साथ साथ माँ की तरफ देखा ऑर बोला
हां मामा एक दम ठीक हो गई है ,,,,खुद पास खड़े रहके ठीक करवाई है अब कुछ
दिनो तक कोई परेसानि नही देगी मोटर,,,,,,मैं भी उसी अंदाज़ से हँसते हुए मामा की बात
का जवाब देने लगा ऑर तभी मैने माँ की तरफ देखा तो माँ उठकर रसोई की तरफ चली
गई,,,,,,
तो कितना टाइम लगा मोटर ठीक होने मे भान्जे,,,,मामा ने फिर हँसते हुआ पूछा,,,,,
सन्नी--मामा मोटर जल्दी ठीक हो गई थी लेकिन मेरा दिल नही भरा जब तक मोटर को अच्छी तरह से
चला कर परख नही लिया,,,,अब तो बिल्कुल ठीक चलेगी,,,,
तभी मामा चारपाई से उठा ऑर मेरे करीब आ गया,,,,,,,मोटर को ज़्यादा नुकसान तो नही
पहुँचाया तूने भान्जे,,,,
सन्नी--नही मामा ज़्यादा नही बस कुछ दिनो तक मेरे पास नही आने वाली आपकी मोटर,,,ऑर हो सकता है
आपको भी कुछ दिन अपने करीब नही आने देगी वो,,,,,मैं अब हँस रहा था ऑर मामा चुप हो
गया था,,,,,,
मामा--क्या भानजे इतना क्यू परखा तूने मोटर को चला चला कर ,,,अब मेरे काम भी नही आई कुछ
दिन तो क्या होगा मेरा,,,,,,
तभी मैने देखा माँ रसोई से पानी का ग्लास लेके हमारी तरफ़ आ रही थी,,,,,,मैने माँ की
तरफ इशारा करते हुए बोला,,,कोई बात नही मामा तेरे पास दूसरी मोटर है ना,,,,,,
मामा ने मेरा इशारा समझा ऑर बोला,,,,,,हाँ ये बात तो ठीक है लेकिन वो मोटर भी अच्छी चलती
है भानजे ,,,,इसी मोटर की तरह काफ़ी तेज है वो मोटर,,,,,
मैने माँ के हाथ से पानी का ग्लास लिया ऑर माँ की तरफ देखते हुए बोला,,,,,नही मामा ये
मोटर ज़्यादा अच्छी है ,,वो मोटर भला इस मोटर का क्या मुक़ाबला करेगी,,,,मैने देखा कि माँ
थोड़ी शरमा गई ऑर वहाँ से चली गई ,,,ऑर जाते हुए बोल गई कि खाना तैयार करने जा रही है
रसोई मे ,,तभी मामा ने मेरे हाथ से मोटर पकड़ी ऑर बाहर चला गया,,,,,,,तू रुक यही बेटा
मैं अभी मोटर फिट करके आता हूँ,,,,,,,,,,
सन्नी--ठीक है मामा तू अपनी मोटर फिट कर ऑर मैं अपनी
फिट करता हूँ,,,,मैने मामा को रसोई की तरफ इशारा किया ऑर मामा हंस कर वहाँ से चला
गया ऑर मैं रसोई मे ग्लास रखने के बहाने चला गया,,,,
रसोई मे माँ खाना पकाने की त्यारी कर रही थी,,,,,मैने माँ को पीछे से पकड़ लिया ऑर माँ
के गले के नीचे किस करदी,,,,,,,,,
माँ--हट बदमाश कोई आ जाएगा,,,,,,,,कुछ तो शरम कर,,,,
सन्नी--कॉन आएगा माँ,,,,,,चाचा ऑर चाची तो अपने रूम मे है,,,ऑर मामा गया मोटर फिट करने,,
ऑर किसने आना है यहाँ,,,,,,
माँ-सोनिया भी तो यहीं है भूल गया,,,,,
सन्नी--वो तो दूसरे घर मे आराम से बैठ कर टीवी देख रही है माँ,,,,तुम टेंशन मत लो तुम्हारा
बेटा सब कुछ देख परख कर ही करता है,,,,,मैं अभी भी मस्ती मे था मैने माँ को अपनी
बाहों मे जकड़ा ऑर हाथ माँ के बूब्स पर रहे ऑर मसल्ने लगा,,,,,
माँ--सबर कर रात तो होने दे इतनी भी क्या आग लगी है,,,थका नही क्या मोटर ठीक करवा कर,,,
सन्नी--नही माँ मैं नही थका लेकिन मोटर कुछ ज़्यादा ही थक गई ठीक होते होते,,अब दूसरी मोटर
की बारी है मैने माँ के बूब्स दबाते हुए बोला,,,,,,,
माँ--अभी नही बेटा रात होने दे फिर जितना
दिल करे इस मोटर को ठीक करता रहना,,,,,
माँ ने मेरी बात का जवाब दिया तो मैं समझ गया कि माँ भी जानती थी कि मैं रेखा के
साथ कहाँ जाने वाला हूँ,,,,माँ को भी सब पता था,,,,
सन्नी--लेकिन माँ रात को तो तुम सोनिया के साथ सोने वाली हो ओर मैं मामा के साथ फिर कैसे होगा,,
माँ--तू टेन्षन मत ले बेटा मैं रात को मामा को चाचा के पास सुला दूँगी ऑर चाची को भेज दूँगी
सोनिया के पास तू टेन्षन मत ले ऑर रात का इंतजार कर,,,,ऑर अब जा यहाँ से मुझे खाना पकाने
दे,,,वैसे भी टाइम बहुत हो गया है गाओं मे लोग अक्सर खाना जल्दी खा लेते है ऑर जल्दी सो
जाते है तुझे तो अब तक पता चल ही गया होगा,,,,,
सन्नी--हां माँ बहुत कुछ पता चल गया है ,,ऑर अभी बहुत कुछ पता करना बाकी है,,,तभी माँ
मेरी तरफ पलटी ऑर कुछ परेशान हो गई,,,,,,,,मैने माँ के लिप्स को हल्के से किस किया ऑर बोला
जल्दी खाना पका लो माँ फिर मस्ती भी तो करनी है ,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया ऑर
माँ परेशानी भरी नज़रो से मुझे देखती रही,,,,