hotaks444
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मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये तभी उसके हाथ भी मेरी पीठ पर तेज़ी से कसने लगे लेकिन प्यार से नही ज़ोर से वो मेरी पीठ को बुरी तरह से कुरेद रही थी अपनी नखूनो से,मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं अब क़ाबू मे नही था,,
मेरे लिप्स जैसे ही उसके लिप्स से टच हुए मैं उसके लोवर लिप को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,उसकी गरम साँसे मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी जो बहुत गर्म थी ऑर मुझे भी
गर्म कर रही थी,,,तभी मैने उसके खुले मूह मे अपनी ज़ुबान डाल दी ऑर उसके मूह को अंदर से अपनी ज़ुबान से अच्छी
तरह से हर तरफ से टच करने लगा महसूस करने लगा,,वो मुझे किस का रेस्पॉन्स तो नही दे रही थी लेकिन मुझे
रोक भी नही रही थी,,,लेकिन मेरी पीठ पर जखम ज़रूर लगा रही थी अपने नखून से,,,,हम दोनो ऐसे ही खड़े हुए
थे एक दूसरे को बाहों मे भरके ,,,एक दूसरे के लिप्स को टच कर रहे थे अपने लिप्स से ,,तभी मैने अपनी ज़ुबान से जो
कि उसके मूह मे थी उस से उसकी ज़ुबान को पकड़ने की कोशिश की ओर हल्के से उसकी ज़ुबान को अपनी ज़ुबान से लड़ने लगा ओर लड़ते हुए उसकी ज़ुबान बाहर निकालने लगी ओर मेरे दाँतों तक पहुँच गई तभी मैने उसकी ज़ुबान को अपने दाँतों से पकड़ा ऑर अपने मूह मे खींच लिया ओर अपने मूह मे भरके चूसने लगा,,,इतने मे उसके हाथ मेरी पीठ पर ऑर भी ज़्यादा कस
गये शायद उसको अच्छा लगने लगा था या शायद वो मुझे रुकने को बोल रही थी मुझे मना कर रही थी,,,,मैं अभी मस्ती
मे था ऑर उसकी हॉल्ट पर कन्फ्यूज़ भी था क्यूकी वो मुझे रोक नही रही थी पीछे नही कर रही थी लेकिन मुझे पीठ पर
हर्ट ज़रूर कर रही थी ऑर तभी सब कुछ ग़लत हो गया,,,,
बाहर डोर बेल बजने लगी तो उसे मुझे दूर करने की कोशिश की लेकिन मैं उसको दूर नही जाने दे रहा था ऑर उसके लिप्स
को किस कर रहा था ऑर तभी उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया तो मैं हैरान रह गया शायद उसको भी ये सब अच्छा
लगने लगा था लेकिन अभी ही क्यूँ ,,,अभी ही क्यूँ उसको ये सब अच्छा लगने लगा जब बाहर दरवाजे पर कोई आ गया था पहले क्यूँ
नही,,,,पहले क्यूँ नही उसने मेरा साथ दिया क्यूँ मुझे किस का रेस्पॉन्स नही दिया,,,,ऑर दरवाजे पर जो कोई भी था वो कुछ
देर बाद नही आ सकता था क्या,,,,लेकिन मैं ग़लत था उसने मुझे किस करने के लिए नही मुझसे दूर होने के लिए मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड़ा था क्यूकी उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने लिप्स से भरके चूसा या चूमा नही बल्कि अपने दाँतों
मे दबा कर ज़ोर से काट दिया था ,,लेकिन मैने फिर भी उसको अपने से दूर नही किया,,
फिर दोबारा से बेल बजी तो उसने मुझे ज़ोर लगा कर पीछे कर दिया,,मैं भी सपने की हसीन दुनिया से वापिस अपनी दुनिया
मे आ गया,,,मैं उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया ऑर वो थोड़ा पीछे हो गई ,वो मेरे से दूर तो थी लेकिन अभी भी उसकी
हालत खराब थी वो तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,उसकी आँखें बंद थी ऑर दिल तेज़ी से धड़क रहा था उसके हाथ नीचे की तरफ
लटके हुए थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों को आपस मे जोड़ कर कभी मुट्ठी बंद कर रही थी ऑर कभी हाथ को खोल रही
थी,,,ऐसा लड़की तभी करती है जब वो बहुत ज्याद डर जाती है,,,सहम जाती है,,कन्फ्यूज़ हो जाती है,,,,वो ऐसा करके खुद
पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रही थी ऑर बाहर बेल बजती जा रही थी,,,,
तभी उसने आँखें खोल कर मेरी तरफ देखा तो मैने अपने लोवर लिप्स पर हाथ लगाया जहाँ उसने अभी काटा था ,,,मैने
वहाँ हाथ लगाया तो वहाँ से खून निकल रहा था जो मेरे लिप्स से होते हुए मेरी चिन तक आ गया था मैने अपने हाथ
से अपनी चिन पर लगा हुआ खून सॉफ किया ऑर अपने हाथ को मूह मे भरके चूसने लगा फिर अपने लोवर लिप्स को वापिस
बेंड करके अपने मूह मे भर लिया ओर जहाँ से खून निकल रहा था उस जगह को अच्छी तरह से चूसने लगा,,
वो दूर खड़ी मुझे देख रही थी ऑर तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,,तेज़ी से साँसे लेने की वजह से उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी
छाती पर उपर नीचे हो रहे थे तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया ,,उसने मुझे अपने बूब्स देखते पकड़
लिए ओर जल्दी से अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखा ऑर वहाँ से उपर की तरफ भाग गई,,,,,उसके उपर जाने के बाद
मैं दरवाजे की तरफ गया ऑर दरवाजा खोल दिया,,,,,,
सामने माँ थी,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया ,,क्या कर रहा था,,,कब्से बेल बजा रही हूँ मैं,,,,
कुछ नही माँ बस टीवी देख रहा था आवाज़ तेज थी तो बेल की आवाज़ सुनाई नही दी,,,,,
इतना बोलकर मैं साइड हो गया ऑर माँ अंदर आ गई,,,,,,माँ अंदर आते ही अपने रूम मे चली गई ऑर मैं वापिस सोफे
पर बैठ कर टीवी देखने लगा ,,,,,,,,,
टीवी क्या देखना मैं तो किसी ऑर ही दुनिया मे खोया हुआ था अभी कुछ देर पहले जब सोनिया के गले लग्के उसको चूम रहा
था ,,उसके सॉफ्ट लिप्स मुझे ऐसे लग रहे थे जैसे मेरे मूह मे मक्खन की तरह पिघल रहे थे,,उसकी मखमली पीठ
पर मेरा हाथ अपने आप फिसलता जा रहा था,,उसके बालों मे मेरी उंगलियाँ ऐसे आराम से घूम रही थी जैसे रेशम
का कीड़ा रेशम मे धागो मे आराम से इधर उधर टहलता है,,,,,अब वो उपर चली गई थी लेकिन मेरे जिस्म मे जो सनसनी
अभी तक फैली हुई थी उस से यही लग रहा था जैसे मैं अभी भी उसके पास खड़ा हूँ ,,उसके बदन की खुश्बू अभी
भी मेरी साँसों मे समा रही है,,उसके लिप्स अभी भी मेरे लिप्स मे जकड़े हुए है ,,,,मैं तो बस उसी हसीन दुनिया मे
खोया हुआ था ,,तभी माँ अपने रूम से कपड़े चेंज करके बाहर आ गई,,,,
आज फिर लेट हो गई मैं,,डिन्नर का टाइम भी हो रहा है,,,इतना बोलके माँ जल्दी जल्दी किचन मे चली गई,,,,
मैं नींद से जगा ऑर मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया जो मस्ती मे ओकात मे सर उठा कर खड़ा हुआ था,,,मैने जल्दी से
सोफे पर पड़ा हुआ छोटा सा पिल्लो उठाया ऑर उसको अपने लंड पर रख लिया ताकि माँ को मेरा खड़ा लंड नही दिख जाए
वरना उस चुड़क्कड़ औरत ने डिन्नर के बारे मे भूल जाना है ऑर मस्ती के मूड मे आ जाना है,,,,,ऑर अगर ऐसा हो गया
तो बहुत पंगा हो जाना है क्यूकी सोनिया घर पर है,,,,
लेकिन मेरी भी हालत कुछ खराब थी ,मेरे लंड मे भी भी रह रह कर एक तूफान उठ रहा था ,,मेरा भी दिल कर रहा था
एक बार किचन मे माँ के पास चाल जाउ ,,चुदाई नही तो ना सही एक ब्लोवजोब से ही खुद को शांत करवा लूँ माँ से
लेकिन हिम्मत नही हो रही थी,,,,मैने जैसे तैसे खुद पर क़ाबू किया,,,,,
अरे वाह ये सब्जी किसने काटी आज,,,,,लगता है आज भी मेरी बेटी ने मेरी हेल्प की है,,उसको पता होगा कि माँ ने लेट हो जाना
है तो उसने सब्जी काट दी होगी,,,कितना ख्याल रखती है मेरी बेटी,,,,,
सन्नी सोनिया कहाँ है बेटा,,,,,माँ ने किचन के दरवाजे पर खड़े होके पूछा,,,,
व उपर अपने रूम मे है माँ,,,,मैं सोफे पर ठीक से बैठते हुए ऑर अपने लंड पर पड़े पिल्लो को ठीक करते हुए बोला
ठीक है अभी उसको आराम करने दो,,वैसे भी सब्जी काट कर थक गई होगी मेरी लाडली,,,इतना काम करने की आदत जो नही,,,,,चलो
मैं अब खाना तैयार करती हूँ शोबा भी आती ही होगी,,,,,ऑर तेरा मामा भी,,,इतना बोलकर माँ वापिस किचन मेचली गई
ऑर मैं सोफे पर बैठा खुद पर क़ाबू करता हुआ टीवी देखने की कोशिश करने लगा,,,,
तभी कुछ देर बाद मामा ऑर शोबा भी आ गये,,,,,पहला मामा आया ऑर उसके 10-15 मिनट बाद शोबा आ गई,,,
मामा आते ही मेरे पास बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,,मुझे डर था कहीं मामा का ध्यान मेरे लिप्स पर ना चला जाए
जहाँ सोनिया ने ज़ोर से काटा था,,क्यूकी खून अभी भी हल्का हल्का निकल रहा था ऑर मैं बार बार अपने लिप्स को बेंड करके
वापिस मूह मे भरके चूस रहा था,,मामा से बचने के लिए मैने हाथ को अपने लिप्स के पास रखा हुआ था ऑर ऐसे
ही टीवी देख रहा था,,,,लिप्स पर हल्की हल्की सूजन भी आ गई थी,,,,,,
शोबा आते ही अपने रूम मे चली गई थी ऑर जल्दी ही फ्रेश होके नीचे आके माँ की हेल्प करने लगी थी किचन मे,,,,
क्यू सन्नी कहाँ बिज़ी रहा आज सारा दिन कॉलेज से वापिस आके,,,,,मामा ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा,,,,
अब मैं क्या बोलू इसको कि मैं तो कॉलेज ही नही गया बल्कि सूरज ऑर कामिनी भाभी के साथ मस्ती करता रहा,,,,,,,,कहीं नही मामा जी बस कॉलेज से आके कुछ देर अपने दोस्तो के साथ घूमता रहा ऑर अभी आपके आने से कुछ देर पहले ही घर आया हूँ,,,
बेकार मे दोस्तो के साथ घूमने से अच्छा था बुटीक पर आ जाता ओर हम लोगो के साथ मस्ती करता,,,,2-2 जवान लड़कियों
को अकेले संभालना मुश्किल हो जाता है,,तू साथ होता तो बात बन जाती,,,एक तू संभाल लेता ऑर एक को मैं,,,
क्या बोल रहे हो मामा ,,,,,आप तो एक साथ 4 को संभालने वाले बंदे हो 2 से ही हार गये क्या,,,,मैं हँसते हुए बोला लेकिन
हँसते हुए लिप्स मे हल्का दर्द हुआ इसलिए ज़्यादा खुश नही हो सका ऑर ना ही मैने हाथ दूर किया लिप्स से नही तो मामा को पता चल जाता,,,,
अरे बेटा संभाल तो लेता अगर वो नई खिलाड़ी होती,,,वो तो मेरे से भी कहीं आगे निकल गई है,,मैं थक जाता हूँ लेकिन वो
नही थकती,,,एक तो जवान खून उपर से चूत का उतावलापन जिसके चलते चूत का दाना हर टाइम मचलता रहता है
उनका,,मैं शांत कर देता हूँ तो वापिस दाना मचेलने मे टाइम नही लगता,,,,दोनो की दोनो बड़ी तेज है,,देख ज़रा 2-3
दिन मे तेरे मामा का क्या हाल हो गया है,,,,,
मेरी हँसी निकल गई,,,,लेकिन डर भी लग रहा था एक तो मामा को मेरे लिप्स ना नज़र आ जाए ऑर उपर सोनिया है कहीं वो एक दम से नीचे आ गई तो कहीं मामा ऑर मेरी बातें ना सुन ले,,,,,,,,,,,,,,,,आराम से बोलो मामा ऑर इतना क्यू डर रहे हो ,,आपका ही तो दिल था उन दोनो को चोदने का अब क्या हुआ,,इतनी जल्दी हार गये क्या,,,,
बेटा हारा नही हूँ लेकिन ये दोनो तो थोड़ा सा भी आराम नही करने देती,,,,एक की चूत का पानी निकालता हूँ तो दूसरी तैयार
हो जाती है,,,,,,अगर एक टाइम पर एक हो तो ऐसा हाल करू की याद करेंगी सुरिंदर मामा को,,,,लेकिन एक साथ 2 को खुश करनाथोड़ा मुश्किल है,,,,,,,कल तू चलना मेरे साथ बुटीक पर मज़ा करेंगे ,,एक को तो संभाल लेना एक को मैं,,,,,,बोल
क्या बोलता है,,,,,
मेरा दिल तो नही था लेकिन अभी कुछ देर पहले सोनिया की वजह से जो तूफान उठा था दिल मे ,,जो मस्ती चढ़ि थी उसी मस्ती मे
मैने मामा को हां करदी,,,,ठीक है मामा तूने मेरा इतना साथ दिया है तो कल मैं भी तेरा साथ देने आ जाउन्गा,,,
मामा खुश हो गया,,शुक्रिया भानजे ,,वैसे मेरा साथ तो दे देना फिर भी तेरे को शिखा बहुत याद कर रही थी,,उसने
भी बुलाया है तुझे कल बुटीक पर,,,मेरे लिए ना सही हो सके तो उसके लिए आ जाना कल बुटीक पर,,,,इतना बोलकर मामा
वहाँ से उठा ऑर अपने रूम मे चला गया,,,
मैं दिल ही दिल मे सोचने लगा कि मामा तो अपने आप को बड़ा खिलाड़ी बनता है 2 लड़कियों ने ही तेल निकाल दिया मामा का,,,
लेकिन इस बात की खुशी भी होने लगी कि शिखा मुझे याद करती है ऑर याद करे भी क्यू नही एक बार जो मेरे लंड से
चुद जाती है उसको फिर कहीं शांति नही मिलती मेरे लंड के अलावा,,,,सोचा कि कल मैं भी बुटीक पर चला ही जाउन्गा
मामा की हेल्प करने ऑर साथ ही शिखा के साथ कुछ मस्ती भी हो जाएगी,,,,,,इतना सोचकर मैं थोड़ा खुश हो गया ऑर
टीवी देखने लगा,,,,,,,
जब डिन्नर का टाइम हो गया तो माँ ने ऑर शोबा दीदी ने डिन्नर लगा दिया डाइनिंग टॅबेल पर,,,,मैं अभी भी टीवी देख रहा था,,,
सन्नी आ जाओ बेटा डिन्नर लग गया है,,,,माँ की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटके माँ की तरफ गया तो माँ चेर पर
बैठ चुकी थी,,,,
मैं सोफे से उठा ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ जाने लगा,,,सन्नी ज़रा उपर जाके सोनिया को भी बुला लाना ,,माँ ने इतना बोला
ही था कि मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगा,,,,मैं डर गया बुरी तरह से ,,,अभी कुछ देर पहले इतना सब किया था
सोनिया का साथ वो तो पूरे गुस्से मे होगी ऑर पता नही क्या हाल करेगी मेरा अगर मैं उसको बुलाने उपर चला गया उसके
कमरे मे,,,,पता चले मैं दरवाजा खोला ऑर वो हाथ मे अक47 लेके बैठी हुई थी ऑर दरवाजा खुलते ही मेरी छाती
मे गोलियाँ दागने लगी ऑर 1 मिनट से भी कम टाइम मे पूरी की पूरी मगज़ीन खाली करदी मेरी छाती मे ऑर भून कर
रख दिया मेरी छाती को गोलियों से,,,,
मैं तो डर से काँपने लगा था,,,,मुझे नही जाना माँ जिसको बुलाना है खुद जाके बुला ले,,,मैने थोड़ा गुस्से मे बोला
क्यूकी अगर गुस्से से नही बोलता तो मेरी घबराहट से थर थर काँपती आवाज़ का माँ ऑर शोबा को पता चल जाता,,,,
मेरे लिप्स जैसे ही उसके लिप्स से टच हुए मैं उसके लोवर लिप को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,उसकी गरम साँसे मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी जो बहुत गर्म थी ऑर मुझे भी
गर्म कर रही थी,,,तभी मैने उसके खुले मूह मे अपनी ज़ुबान डाल दी ऑर उसके मूह को अंदर से अपनी ज़ुबान से अच्छी
तरह से हर तरफ से टच करने लगा महसूस करने लगा,,वो मुझे किस का रेस्पॉन्स तो नही दे रही थी लेकिन मुझे
रोक भी नही रही थी,,,लेकिन मेरी पीठ पर जखम ज़रूर लगा रही थी अपने नखून से,,,,हम दोनो ऐसे ही खड़े हुए
थे एक दूसरे को बाहों मे भरके ,,,एक दूसरे के लिप्स को टच कर रहे थे अपने लिप्स से ,,तभी मैने अपनी ज़ुबान से जो
कि उसके मूह मे थी उस से उसकी ज़ुबान को पकड़ने की कोशिश की ओर हल्के से उसकी ज़ुबान को अपनी ज़ुबान से लड़ने लगा ओर लड़ते हुए उसकी ज़ुबान बाहर निकालने लगी ओर मेरे दाँतों तक पहुँच गई तभी मैने उसकी ज़ुबान को अपने दाँतों से पकड़ा ऑर अपने मूह मे खींच लिया ओर अपने मूह मे भरके चूसने लगा,,,इतने मे उसके हाथ मेरी पीठ पर ऑर भी ज़्यादा कस
गये शायद उसको अच्छा लगने लगा था या शायद वो मुझे रुकने को बोल रही थी मुझे मना कर रही थी,,,,मैं अभी मस्ती
मे था ऑर उसकी हॉल्ट पर कन्फ्यूज़ भी था क्यूकी वो मुझे रोक नही रही थी पीछे नही कर रही थी लेकिन मुझे पीठ पर
हर्ट ज़रूर कर रही थी ऑर तभी सब कुछ ग़लत हो गया,,,,
बाहर डोर बेल बजने लगी तो उसे मुझे दूर करने की कोशिश की लेकिन मैं उसको दूर नही जाने दे रहा था ऑर उसके लिप्स
को किस कर रहा था ऑर तभी उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया तो मैं हैरान रह गया शायद उसको भी ये सब अच्छा
लगने लगा था लेकिन अभी ही क्यूँ ,,,अभी ही क्यूँ उसको ये सब अच्छा लगने लगा जब बाहर दरवाजे पर कोई आ गया था पहले क्यूँ
नही,,,,पहले क्यूँ नही उसने मेरा साथ दिया क्यूँ मुझे किस का रेस्पॉन्स नही दिया,,,,ऑर दरवाजे पर जो कोई भी था वो कुछ
देर बाद नही आ सकता था क्या,,,,लेकिन मैं ग़लत था उसने मुझे किस करने के लिए नही मुझसे दूर होने के लिए मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड़ा था क्यूकी उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने लिप्स से भरके चूसा या चूमा नही बल्कि अपने दाँतों
मे दबा कर ज़ोर से काट दिया था ,,लेकिन मैने फिर भी उसको अपने से दूर नही किया,,
फिर दोबारा से बेल बजी तो उसने मुझे ज़ोर लगा कर पीछे कर दिया,,मैं भी सपने की हसीन दुनिया से वापिस अपनी दुनिया
मे आ गया,,,मैं उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया ऑर वो थोड़ा पीछे हो गई ,वो मेरे से दूर तो थी लेकिन अभी भी उसकी
हालत खराब थी वो तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,उसकी आँखें बंद थी ऑर दिल तेज़ी से धड़क रहा था उसके हाथ नीचे की तरफ
लटके हुए थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों को आपस मे जोड़ कर कभी मुट्ठी बंद कर रही थी ऑर कभी हाथ को खोल रही
थी,,,ऐसा लड़की तभी करती है जब वो बहुत ज्याद डर जाती है,,,सहम जाती है,,कन्फ्यूज़ हो जाती है,,,,वो ऐसा करके खुद
पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रही थी ऑर बाहर बेल बजती जा रही थी,,,,
तभी उसने आँखें खोल कर मेरी तरफ देखा तो मैने अपने लोवर लिप्स पर हाथ लगाया जहाँ उसने अभी काटा था ,,,मैने
वहाँ हाथ लगाया तो वहाँ से खून निकल रहा था जो मेरे लिप्स से होते हुए मेरी चिन तक आ गया था मैने अपने हाथ
से अपनी चिन पर लगा हुआ खून सॉफ किया ऑर अपने हाथ को मूह मे भरके चूसने लगा फिर अपने लोवर लिप्स को वापिस
बेंड करके अपने मूह मे भर लिया ओर जहाँ से खून निकल रहा था उस जगह को अच्छी तरह से चूसने लगा,,
वो दूर खड़ी मुझे देख रही थी ऑर तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,,तेज़ी से साँसे लेने की वजह से उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी
छाती पर उपर नीचे हो रहे थे तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया ,,उसने मुझे अपने बूब्स देखते पकड़
लिए ओर जल्दी से अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखा ऑर वहाँ से उपर की तरफ भाग गई,,,,,उसके उपर जाने के बाद
मैं दरवाजे की तरफ गया ऑर दरवाजा खोल दिया,,,,,,
सामने माँ थी,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया ,,क्या कर रहा था,,,कब्से बेल बजा रही हूँ मैं,,,,
कुछ नही माँ बस टीवी देख रहा था आवाज़ तेज थी तो बेल की आवाज़ सुनाई नही दी,,,,,
इतना बोलकर मैं साइड हो गया ऑर माँ अंदर आ गई,,,,,,माँ अंदर आते ही अपने रूम मे चली गई ऑर मैं वापिस सोफे
पर बैठ कर टीवी देखने लगा ,,,,,,,,,
टीवी क्या देखना मैं तो किसी ऑर ही दुनिया मे खोया हुआ था अभी कुछ देर पहले जब सोनिया के गले लग्के उसको चूम रहा
था ,,उसके सॉफ्ट लिप्स मुझे ऐसे लग रहे थे जैसे मेरे मूह मे मक्खन की तरह पिघल रहे थे,,उसकी मखमली पीठ
पर मेरा हाथ अपने आप फिसलता जा रहा था,,उसके बालों मे मेरी उंगलियाँ ऐसे आराम से घूम रही थी जैसे रेशम
का कीड़ा रेशम मे धागो मे आराम से इधर उधर टहलता है,,,,,अब वो उपर चली गई थी लेकिन मेरे जिस्म मे जो सनसनी
अभी तक फैली हुई थी उस से यही लग रहा था जैसे मैं अभी भी उसके पास खड़ा हूँ ,,उसके बदन की खुश्बू अभी
भी मेरी साँसों मे समा रही है,,उसके लिप्स अभी भी मेरे लिप्स मे जकड़े हुए है ,,,,मैं तो बस उसी हसीन दुनिया मे
खोया हुआ था ,,तभी माँ अपने रूम से कपड़े चेंज करके बाहर आ गई,,,,
आज फिर लेट हो गई मैं,,डिन्नर का टाइम भी हो रहा है,,,इतना बोलके माँ जल्दी जल्दी किचन मे चली गई,,,,
मैं नींद से जगा ऑर मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया जो मस्ती मे ओकात मे सर उठा कर खड़ा हुआ था,,,मैने जल्दी से
सोफे पर पड़ा हुआ छोटा सा पिल्लो उठाया ऑर उसको अपने लंड पर रख लिया ताकि माँ को मेरा खड़ा लंड नही दिख जाए
वरना उस चुड़क्कड़ औरत ने डिन्नर के बारे मे भूल जाना है ऑर मस्ती के मूड मे आ जाना है,,,,,ऑर अगर ऐसा हो गया
तो बहुत पंगा हो जाना है क्यूकी सोनिया घर पर है,,,,
लेकिन मेरी भी हालत कुछ खराब थी ,मेरे लंड मे भी भी रह रह कर एक तूफान उठ रहा था ,,मेरा भी दिल कर रहा था
एक बार किचन मे माँ के पास चाल जाउ ,,चुदाई नही तो ना सही एक ब्लोवजोब से ही खुद को शांत करवा लूँ माँ से
लेकिन हिम्मत नही हो रही थी,,,,मैने जैसे तैसे खुद पर क़ाबू किया,,,,,
अरे वाह ये सब्जी किसने काटी आज,,,,,लगता है आज भी मेरी बेटी ने मेरी हेल्प की है,,उसको पता होगा कि माँ ने लेट हो जाना
है तो उसने सब्जी काट दी होगी,,,कितना ख्याल रखती है मेरी बेटी,,,,,
सन्नी सोनिया कहाँ है बेटा,,,,,माँ ने किचन के दरवाजे पर खड़े होके पूछा,,,,
व उपर अपने रूम मे है माँ,,,,मैं सोफे पर ठीक से बैठते हुए ऑर अपने लंड पर पड़े पिल्लो को ठीक करते हुए बोला
ठीक है अभी उसको आराम करने दो,,वैसे भी सब्जी काट कर थक गई होगी मेरी लाडली,,,इतना काम करने की आदत जो नही,,,,,चलो
मैं अब खाना तैयार करती हूँ शोबा भी आती ही होगी,,,,,ऑर तेरा मामा भी,,,इतना बोलकर माँ वापिस किचन मेचली गई
ऑर मैं सोफे पर बैठा खुद पर क़ाबू करता हुआ टीवी देखने की कोशिश करने लगा,,,,
तभी कुछ देर बाद मामा ऑर शोबा भी आ गये,,,,,पहला मामा आया ऑर उसके 10-15 मिनट बाद शोबा आ गई,,,
मामा आते ही मेरे पास बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,,मुझे डर था कहीं मामा का ध्यान मेरे लिप्स पर ना चला जाए
जहाँ सोनिया ने ज़ोर से काटा था,,क्यूकी खून अभी भी हल्का हल्का निकल रहा था ऑर मैं बार बार अपने लिप्स को बेंड करके
वापिस मूह मे भरके चूस रहा था,,मामा से बचने के लिए मैने हाथ को अपने लिप्स के पास रखा हुआ था ऑर ऐसे
ही टीवी देख रहा था,,,,लिप्स पर हल्की हल्की सूजन भी आ गई थी,,,,,,
शोबा आते ही अपने रूम मे चली गई थी ऑर जल्दी ही फ्रेश होके नीचे आके माँ की हेल्प करने लगी थी किचन मे,,,,
क्यू सन्नी कहाँ बिज़ी रहा आज सारा दिन कॉलेज से वापिस आके,,,,,मामा ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा,,,,
अब मैं क्या बोलू इसको कि मैं तो कॉलेज ही नही गया बल्कि सूरज ऑर कामिनी भाभी के साथ मस्ती करता रहा,,,,,,,,कहीं नही मामा जी बस कॉलेज से आके कुछ देर अपने दोस्तो के साथ घूमता रहा ऑर अभी आपके आने से कुछ देर पहले ही घर आया हूँ,,,
बेकार मे दोस्तो के साथ घूमने से अच्छा था बुटीक पर आ जाता ओर हम लोगो के साथ मस्ती करता,,,,2-2 जवान लड़कियों
को अकेले संभालना मुश्किल हो जाता है,,तू साथ होता तो बात बन जाती,,,एक तू संभाल लेता ऑर एक को मैं,,,
क्या बोल रहे हो मामा ,,,,,आप तो एक साथ 4 को संभालने वाले बंदे हो 2 से ही हार गये क्या,,,,मैं हँसते हुए बोला लेकिन
हँसते हुए लिप्स मे हल्का दर्द हुआ इसलिए ज़्यादा खुश नही हो सका ऑर ना ही मैने हाथ दूर किया लिप्स से नही तो मामा को पता चल जाता,,,,
अरे बेटा संभाल तो लेता अगर वो नई खिलाड़ी होती,,,वो तो मेरे से भी कहीं आगे निकल गई है,,मैं थक जाता हूँ लेकिन वो
नही थकती,,,एक तो जवान खून उपर से चूत का उतावलापन जिसके चलते चूत का दाना हर टाइम मचलता रहता है
उनका,,मैं शांत कर देता हूँ तो वापिस दाना मचेलने मे टाइम नही लगता,,,,दोनो की दोनो बड़ी तेज है,,देख ज़रा 2-3
दिन मे तेरे मामा का क्या हाल हो गया है,,,,,
मेरी हँसी निकल गई,,,,लेकिन डर भी लग रहा था एक तो मामा को मेरे लिप्स ना नज़र आ जाए ऑर उपर सोनिया है कहीं वो एक दम से नीचे आ गई तो कहीं मामा ऑर मेरी बातें ना सुन ले,,,,,,,,,,,,,,,,आराम से बोलो मामा ऑर इतना क्यू डर रहे हो ,,आपका ही तो दिल था उन दोनो को चोदने का अब क्या हुआ,,इतनी जल्दी हार गये क्या,,,,
बेटा हारा नही हूँ लेकिन ये दोनो तो थोड़ा सा भी आराम नही करने देती,,,,एक की चूत का पानी निकालता हूँ तो दूसरी तैयार
हो जाती है,,,,,,अगर एक टाइम पर एक हो तो ऐसा हाल करू की याद करेंगी सुरिंदर मामा को,,,,लेकिन एक साथ 2 को खुश करनाथोड़ा मुश्किल है,,,,,,,कल तू चलना मेरे साथ बुटीक पर मज़ा करेंगे ,,एक को तो संभाल लेना एक को मैं,,,,,,बोल
क्या बोलता है,,,,,
मेरा दिल तो नही था लेकिन अभी कुछ देर पहले सोनिया की वजह से जो तूफान उठा था दिल मे ,,जो मस्ती चढ़ि थी उसी मस्ती मे
मैने मामा को हां करदी,,,,ठीक है मामा तूने मेरा इतना साथ दिया है तो कल मैं भी तेरा साथ देने आ जाउन्गा,,,
मामा खुश हो गया,,शुक्रिया भानजे ,,वैसे मेरा साथ तो दे देना फिर भी तेरे को शिखा बहुत याद कर रही थी,,उसने
भी बुलाया है तुझे कल बुटीक पर,,,मेरे लिए ना सही हो सके तो उसके लिए आ जाना कल बुटीक पर,,,,इतना बोलकर मामा
वहाँ से उठा ऑर अपने रूम मे चला गया,,,
मैं दिल ही दिल मे सोचने लगा कि मामा तो अपने आप को बड़ा खिलाड़ी बनता है 2 लड़कियों ने ही तेल निकाल दिया मामा का,,,
लेकिन इस बात की खुशी भी होने लगी कि शिखा मुझे याद करती है ऑर याद करे भी क्यू नही एक बार जो मेरे लंड से
चुद जाती है उसको फिर कहीं शांति नही मिलती मेरे लंड के अलावा,,,,सोचा कि कल मैं भी बुटीक पर चला ही जाउन्गा
मामा की हेल्प करने ऑर साथ ही शिखा के साथ कुछ मस्ती भी हो जाएगी,,,,,,इतना सोचकर मैं थोड़ा खुश हो गया ऑर
टीवी देखने लगा,,,,,,,
जब डिन्नर का टाइम हो गया तो माँ ने ऑर शोबा दीदी ने डिन्नर लगा दिया डाइनिंग टॅबेल पर,,,,मैं अभी भी टीवी देख रहा था,,,
सन्नी आ जाओ बेटा डिन्नर लग गया है,,,,माँ की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटके माँ की तरफ गया तो माँ चेर पर
बैठ चुकी थी,,,,
मैं सोफे से उठा ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ जाने लगा,,,सन्नी ज़रा उपर जाके सोनिया को भी बुला लाना ,,माँ ने इतना बोला
ही था कि मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगा,,,,मैं डर गया बुरी तरह से ,,,अभी कुछ देर पहले इतना सब किया था
सोनिया का साथ वो तो पूरे गुस्से मे होगी ऑर पता नही क्या हाल करेगी मेरा अगर मैं उसको बुलाने उपर चला गया उसके
कमरे मे,,,,पता चले मैं दरवाजा खोला ऑर वो हाथ मे अक47 लेके बैठी हुई थी ऑर दरवाजा खुलते ही मेरी छाती
मे गोलियाँ दागने लगी ऑर 1 मिनट से भी कम टाइम मे पूरी की पूरी मगज़ीन खाली करदी मेरी छाती मे ऑर भून कर
रख दिया मेरी छाती को गोलियों से,,,,
मैं तो डर से काँपने लगा था,,,,मुझे नही जाना माँ जिसको बुलाना है खुद जाके बुला ले,,,मैने थोड़ा गुस्से मे बोला
क्यूकी अगर गुस्से से नही बोलता तो मेरी घबराहट से थर थर काँपती आवाज़ का माँ ऑर शोबा को पता चल जाता,,,,