Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही - Page 36 - SexBaba
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Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही

मैने उस दिन हॉस्पिटल मे देखा था जब तुम ख़ान भाई को उन सभी लोगो को रिहा करने को बोल रहे
थे ,,,तब तुम लोगो की बातें सुनी भी थी मैने,,,,

तो इसमे क्या,,,,,ख़ान भाई तो पहले से तुम्हारे भाई ऑर उसके दोस्तो के पीछे लगे हुए थे,,उनके पास
कोई सबूत नही था,,,ऑर मेरे पास कोई ज़रिया नही था तुम्हारे भाई तक पहुँचने का,,ख़ान भाई
ऑर मैं मिल गये,,अब मेरे पास ज़रिया है ऑर ख़ान भाई के पास सबूत है,,इसमे कोई बड़ी बात नही
,,,तुम ये सब क्यो पूछ रही हो वैसे,,,,

जानती हूँ मैं ,,,,,ख़ान भाई की बेहन अक़्सा मेरी बड़ी अच्छी दोस्त थी,,,,दोस्त कम मेरी बेहन ज़्यादा
थी वो,,ऑर ख़ान भाई मुझे सुरेश से कहीं बढ़ कर है,,,

अगर ऐसी बात है तो तुम ये सब क्यू पूछ रही हो,,,,तुमको क्या चाहिए ये बोलो,,,

मैं बस यही चाहती हूँ सन्नी कि मैं भी तुम लोगो का साथ दूं ताकि सुरेश को सज़ा दिलवाके
मैं अपनी बेहन अक़्सा की मौत का बदला ले सकूँ ,,,,मैं भी तुम लोगो का साथ शामिल होना चाहती
हूँ,,,,

नही ये नही हो सकता ,,,हम तुमको अपने प्लान मे शामिल नही कर सकते,,,,

तभी वो मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,,,,क्यूँ ,,मैं तुम लोगो
के प्लान मे शामिल क्यूँ नही हो सकती,,,,,क्या तुमको मुझपे यकीन नही है,,,,क्या तुमको लगता है
मैं तुम लोगो को धोखा दूँगी,,,ये बोलते टाइम वो मेरे हाथों को बड़े प्यार से सहला रही थी,,
मुझे समझ नही आ रहा था वो क्या कर रही है,,,

नही ऐसी बात नही है रितिका,,,इस सब मे बहुत ख़तरा है,,,,मुझे भी इस सब से बहुत डर लगता है
कभी कभी,,,ये तो ख़ान भाई मेरे साथ हो गये इसलिए मेरा डर थोड़ा कम हो गया है,,,,

तो मुझे भी साथ कर्लो ना सन्नी,,,,तुम्हारी वजह से मेरा डर भी कम हो जाएगा,,,,इतना बोलकर वो
मेरे ऑर करीब आ गई,,,,अब भी उसके हाथ मेरे हाथों मे थे ऑर वो मेरे हाथों को बड़े प्यार
से सहला रही थी ,,,,उसके माथे पर पसीना ऑर चेहरे पर डर सॉफ नज़र आ रहा था,,,वो अभी भी
बहुत डरी हुई थी बहुत परेशन थी,,,,लेकिन जो सब वो कर रही थी उस से मैं भी परेशान होने लगा
था ,,उसका मुझे छूने का ऑर मेरे हाथों को सहलाने का अंदाज़ बहुत हल्की मस्ती की तरफ लेके जा
रहा था,,,,,लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था वो ऐसा क्यूँ कर रही थी,,,वो मेरे इतने करीब थी की
उसका ऑर मेरा जिस्म बस 3-4 इंच दूर थे,,मेरे हाथ जो उसके हाथों मे थे ऑर हम दोनो के जिस्म
के बीच थे ऑर हम दोनो के पैट पर टच कर रहे थे,,,,तभी उसने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे
उम्मीद तक नही थी,,,,उसने मेरे हाथ पकड़े ऑर डरते हुए काँपते हाथों से मेरे हाथों को अपने
बूब्स की तरफ ले गई ऑर खुद अपने लिप्स को मेरे लिप्स के करीब ले आई,,,,इस से पहले मैं कुछ सोच
सकता या कुछ कर सकता मस्ती ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था,,,,उसने जैसे ही मेरे हाथ अपने
बूब्स पर रखे ऑर अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखे तो मुझे एक दम से झटका लगा ऑर मैने उसके
बूब्स को हल्के से मसल दिया तभी उसने मुँह खोल कर मेरे एक लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन
तभी एक दम से मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसको खुद से दूर कर दिया,,,,,

ये क्या कर रही हो तुम रितिका,,,,तुम्हारा दिमाग़ खराब है क्या,,,,ये क्या बत्त्मीजी है,,,,

तभी उसकी आँखों मे हल्के आँसू आ गये,,,,हां सन्नी मेरा दिमाग़ खराब है,,पता नही क्यूँ
जिस दिन से तुमको देखा है उसी दिन से मेरा दिमाग़ खराब हो गया है,,,अब तुम ही मेरा दिमाग़ ठीक
कर सकते हो,,,इतना बोलके वो फिर से मेरे पास आने लगी,,,लेकिन मैने उसको रोक दिया ऑर खुद उस से
दूर हो गया,,,,

क्या हुआ सन्नी ,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,क्या मैं तुमको खूबसूरत नही लगती,,,,

ये क्या कह रही हो रितिका,,,,ये सब क्यूँ कर रही हो तुम,,,,क्या हो गया है तुमको,,,

पहले मेरी बात का जवाब दो सन्नी,,,,वो रोने लगी थी,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,

ऐसी बात नही है रितिका तुम बहुत अच्छी हो,,,,मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुम जो सब कर रही हो वो ग़लत
है,,,,,तुम करण की गर्लफ्रेंड हो,,,,ऐसा करके तुम करण को धोखा दे रही हो,,,,ऑर ऐसा करके मैं भी
करण को धोखा दे दूँगा,,,,

धोका तो करण ने भी मुझको दिया था,,,,,रितिका रोते हुए बोली,,,,

करण ने वो सब बदले की आग मे किया था रितिका,,,,उस सब मे उसकी कोई ग़लती नही थी,,,,

तो मैं भी ये सब इसलिए कर रही हूँ क्यूकी मैं तुमको लाइक करती हूँ,,,,उसने रोते हुए जल्दबाज़ी
मे ये सब बोल दिया,,,,

उसकी बात सुनके मैं हैरान हो गया,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,तभी मैं उसके पास गया
ऑर उसके आँसू पोछने लगा,,,,,तुम बहुत अच्छी लड़की हो रितिका,,,,मैं जानता हूँ तुम ये सब अंजाने
मे कर रही हो,,,,मैं ये भी जानता हूँ तुम कारण से बहुत प्यार करती हो,,

हाँ मैं करण से बहुत प्यार करती हूँ ,,,ऑर शादी भी करूँगी करण के साथ,,,,,वो रोते हुए बोलने
लगी,,,

अगर करण से प्यार करती हो शादी करना चाहती हो तो मेरे साथ ये सब क्यूँ कर रही हो,,,,क्यूँ जवानी
के जोश मे पागलपन करने लगी हो,,,,

क्यूकी मैं तुमको भी लाइक करती हूँ,,,लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ या
तुमसे शादी करना चाहती हूँ,,,,मैं बस एक बार तुमको पाना चाहती हूँ,,,तुमको अपनी बहहों
मे भरना चाहती हूँ ,,,एक बार तुमसे वो सब करना चाहती हूँ जो लड़की अक्सर उस लड़के के साथ
करती है जिस पर वो विश्वास करती है,,,,

तभी मैं एक दम उसकी बातें सुनकर उस से दूर हो गया,,,ये क्या बक रही हो तुम ,तुमको होश तो
है,,,ऐसा करके तुम ना सिर्फ़ करण को बल्कि अपने आप को भी धोखा दे रही हो,,,,तुम समझती क्यू
नही ये सब ग़लत है,,,अगर करण को पता चल गया तो क्या होगा,,,

मुझे परवाह नही ,,,करण को पता लगता है तो लगने दो,,

तुम ये सब जवानी के जोश मे बोल रही हो रितिका,,,ये इस उमर का पागलपन है जो तुमको बहका रहा
है,,,अभी भी वक़्त है होश मे आ जाओ,,,,इस उमर की मद-होशी मे अगर कोई ग़लती हो गई तो उसको
सुधारना बहुत मुश्किल हो जाएगा ,,,,

तो जो ग़लती तुमने की थी उस दिन डॅन्स क्लब मे पायल भाभी के साथ,,,उसको सुधारना आसान था क्या तुम्हारे
लिए,,,,,,

मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुनके,,,,इसको कैसे पता वो सब का,,,शायद पायल भाभी ने ही बताया होगा
इसको,,,,

वो भी एक ग़लती थी ,,,मैं उदास होके बोला,,,,,उसको सुधारने का कोई मोका नही मिला मुझे,,,ऑर वैसे
भी वो कोई ग़लती नही थी,,,,मैं जवान लड़का हूँ अक्सर ऐसी ग़लतिया कर सकता हूँ ऑर इस सब मे पायल
भाभी की भी उतनी ही ग़लती थी जितनी मेरी,,,,

तो ऐसी ही एक ग़लती मेरे साथ भी कर्लो,,,,,वो फिर से मेरे करीब आने लगी,,,,

नही,,,वो ग़लती अंजाने मे हुई थी,,,लेकिन ये ग़लती तुम जान-भूज कर करने जा रही हो,,पायल भाभी
की बात है जहाँ तक वो शायद अपने पति से खुश नही है,,इसलिए वो मेरे साथ ,,,,,,,,,,

तो मेरी भी कोई ग़लती नही है सन्नी,,,मैं भी कुछ ऐसी ही वजह से तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती
हूँ,,,,,,,,तुमने मेरी इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा ,,,उस दिन करण के घर जब मैं नंगी दीवार के पास
बैठ कर रो रही थी तो तुम अगर चाहते तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे,,,जैसे चाहे वैसे मेरे
जिस्म से खेल सकते थे,,लेकिन तुमने मेरे नंगे जिस्म से खेलने की जगह मेरे उस नंगे जिस्म पर एक
चद्दर ओढ़ा दी थी,,,मैं उस टाइम वर्जिन थी ऑर आज मैं यही चाहती हूँ कि जिस इंसान ने मेरी
इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा मैं अपनी इज़्ज़त उसके हवाले कर दूं,,,,मैं अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स तुम्हारे
साथ करना चाहती हूँ सन्नी,,,,

तुम सच मे पागल हो गई हो रितिका,,,,मेरी एक अच्छी बात देख कर तुम मुझे अच्छा इंसान मत समझो
मैं कोई अच्छा इंसान नही हूँ,,,,मैं भी इस दुनिया का इंसान हूँ,,,मतलबी ऑर दगाबाज ,,,

नही सन्नी तुम ऐसे नही हो,,,मैं जानती हूँ,,,तुम बहुत अच्छे हो ,,,मैने अक्सर करण से भी तुम्हारे
बारे मे अच्छी बातें ही सुनी है,,,,,,लेकिन मुझे लगता है तुम मुझे अच्छी लड़की नही समझते या शायद
तुम मुझे खूबसूरत नही मानते ,,,,या मैं तुमको पायल भाभी की तरह हॉट ऑर सेक्सी नही लगती

प्ल्ज़्ज़ बस करो रितिका,,,,तुम बहुत अच्छी हो,,,बहुत खूबसूरत हो,,,हर कोई मर्द जो तुमको एक बार देख
लेता होगा मन मे यही सोचता होगा कि किस बहाने से वो तुमको एक बार अपने बिस्तेर तक लेके जा सकता
है,,,,हर कोई मर्द बहाने तलाशता होगा तुमसे बस एक बार सेक्स करने के लिए,,,ऑर शायद मैं भी ऐसा
हो सोचता हूँ ,,,लेकिन मैं तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही करना चाहता,,,ऑर ना ही अपने दोस्त को
धोखा देना चाहता हूँ,,,,

प्लज़्ज़्ज़ सन्नी ऐसे मत बोलो,,,तुम भी अगर बाकी मर्दो की तरह मुझे हॉट आंड सेक्सी मानते तो अब तक
मेरी बात मान लेते ,,,,

ओह्ह गॉड तुम समझती क्यू नही,,,,ये सब ग़लत है,,,,तुम करण से प्यार करती हो ऑर उस से शादी भी
करना चाहती हो ,,,फिर तुम अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स मेरे साथ क्यू करना चाहती हो,,,,जबकि तुमको
अपना पहला सेक्स करण के साथ करना चाहिए ऑर उसको शादी का सबसे अच्छा तोहफा देना चाहिए,,इस से
करण के दिल मे एक यकीन बन जाएगा तुम्हारे लिए जो सारी उमर तक बना रहेगा,,,,

करण मेरा यकीन करता है सन्नी,,लेकिन उस से भी ज़्यादा वो तुम्हारा यकीन करता है,,,ऑर अब मैं
भी करण से ज़्यादा तुम्हारा यकीन करने लगी हूँ,,तभी तो,,,,,,,,,,

बस बहुत हो गया रितिका,,,,अब ऑर नही,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ समझने की कोशिश करो,,,,ये सब ग़लत है,,,,

मुझे कुछ नही समझना सन्नी,,,जो मैं चाहती हूँ वही करती हूँ,,,

तो ठीक है,,,अभी करण को फोन करो ऑर बोलो उसको कि मैं सन्नी एक साथ सेक्स करने लगी हूँ एक
वही है जो तुमको समझा सकता है फिर,,,शायद उसकी बात तुम समझ जाओ,,,,,

करण तो खुद यही चाहता है सन्नी,,,,तभी तो उस दिन उसने मुझे कुछ नही कहा बल्कि मुझे
तुम्हारे लिए बचा कर रखा,,,,ताकि मेरे साथ पहली बार सेक्स तुम कर सको,,,,,ऑर मुझे कोई नही
समझा सकता करण भी नही,,,,

कोई तो होगा जो तुमको समझा सकता है,,,,,

नही सन्नी इसको कोई नही समझा सकता,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी,,,,बाल्कनी की तरफ से,,,मैने
पीछे मूड के देखा तो पायल भाभी हम दोनो के करीब आ रही थी,,,

इसको कोई नही समझा सकता सन्नी,,,,मैने भी बहुत कोशिश की लेकिन कोई फ़र्क नही पड़ा इसमे,,,ऑर वैसे
भी इसको समझाना क्या है,,,ये कॉन्सा कुछ ग़लत कर रही है,,,ये तो बस इतना ही चाहती है कि जिस इंसान
ने इसकी इज़्ज़त बच्चाई वही उसकी इज़्ज़त का असली हक़दार बने,,,,तो इसमे क्या ग़लत बात है सन्नी,,,,,,,,
 
ये क्या भाभी,,,,आप इसको समझाने की जगह इसका साथ दे रही हो,,,,,

नही सन्नी,,मैं इसका नही सही इंसान ऑर सही बात का साथ दे रही हूँ,,,,अभी मैने सुना जो तुमने
बोला था,कि पायल भाभी अपने पति से खुश नही होगी तभी उन्होने ऐसी हरकत की,,,ये बात सही है
सन्नी,,मेरे पति से कुछ नही होता,,,अगर होता ऑर मुझे टेस्ट-ट्यूब बेबी नही होता,,,ऑर ना ही मैं
तुम्हारे साथ वो सब करती,,,मैं किसी ऐसे की तलाश मे थी जिसका यकीन कर सकूँ ऑर जब मुझे
रितिका ने करण के घर हुई सारी बात बताई ऑर फिर तुम्हारे बारे मे बताया तो मुझे लगा तुम अच्छे
इंसान हो ,,,,इसलिए मैने तुम्हारे साथ वो सब किया,,,,,वैसे मैं चाहती थी कि रितिका उस दिन तुमको
अपने लिए मना ले लेकिन टेबल के नीचे से रितिका का पैर लगने के बावजूद तुम मेरे पर शक करते
रहे ऑर इसी बात का फ़ायदा उठा कर मुझे वो सब करने मे आसानी हुई,,,,

तो उस दिन आप दोनो का प्लान था,,,,वो सब आप दोनो ने मिलकर किया,,,,

हाँ सन्नी,,,,ओर आज भी मेरे कहने पर रितिका ने तुमको यहाँ बुलाया है,,,,,ताकि वो तुमको अपने दिल
की बात बोल सके,,,ओर जो सब ये बोल रही है वो सच है ओर मुझे ठीक भी लगता है,,

ये ठीक लगती है आपको,,,क्यूकी ये आपकी ननद है,,,,,मैं आपको ठीक नही लगता क्या,,,मैं ग़लत हूँ जो
अपने दोस्त करण को धोखा नही देना चाहता,,,,,,

नही सन्नी मैने ऐसा तो नही बोला,,,,,तुम भी अपनी जगह ठीक हो लेकिन ग़लत रितिका भी नही है,,,जो
वो बोल रही है ऐसा हर लड़की सोचती है,,,लड़की के लिए उसकी इज़्ज़त सबसे बड़ी चीज़ होती है ऑर उस इज़्ज़त
की क़दर करने वाला उस लड़की के दिल मे सबसे ज़्यादा जगह बना लेता है,,,,,,जैसे रितिका प्यार तो करण
से करती है लेकिन एक जगह जो उसने तुम्हारे लिए अपने दिल मे बना ली है वो करण के प्यार से कहीं
ज़्यादा है,,,,


नही भाभी वो जगह प्यार यकीन या किसी ऑर चीज़ की नही ,,,वो जगह है वासना की जवानी के जोश की
,,ये तो पागल हो चुकी है जवानी एक जोश मे ,,,,लेकिन आप तो इसको समझा सकती हो,,,आप तो बड़ी हो हम
दोनो से,,,,,,

नही मैं नही समझा सकती,,,,ना तुमको ऑर ना ही इसको,,,,,इतना बोलकर भाभी वहाँ से पीछे हो गई
अब तुम दोनो सॉल्व करो इस प्रोबलम को,,मुझे कुछ नही कहना,,,,

रितिका रोती जा रही थी,,,,तभी मैं उसके पास गया,,,देखो रितिका मैं जानता हूँ तुम अपनी जगह सही
हो लेकिन ग़लत मैं भी नही,,,तुम समझने की कोशिश करो,,,,ये सब मैं नही कर सकता,,मैं करण
को धोखा नही दे सकता ऑर मेरी अच्छी दोस्त होने की खातिर मैं तुमको भी करण को धोखा नही
देने दूँगा,,,,,,,इसके अलावा तुम कुछ भी कहो मैं करने को तैयार हूँ,,,,,

तभी रितिका हल्के गुस्से से,,,,तो ठीक है,,तुम कुछ भी कर सकते हो ना मेरे ऑर करण के लए,,,,तो तुम
हम दोनो की शादी करवा दो,,,,तुमको लगता है मेरे दिल मे तुम्हारे लिए कोई इज़्ज़त नही बस वासना
ऑर जवानी का जोश है ,,मेरे जिस्म मे जवानी की आग लगी हुई है तो ठीक है ऐसा ही समझो सन्नी ऑर जल्दी
से मेरी शादी करण से करवा दो नही तो मैं इस जवानी के जोश मे अपने जिस्म मे जलने वाली जवानी की
आग भुजाने के लिए किसी ऑर को तलाश कर लूँगी,,,इतना बोलकर रितिका जाके अपने बेड पर गिर गई ऑर एक पिल्लो
को अपने फेस पर रख कर रोने लगी,,इतने मे पायल भाभी उसके बेड के पास चली गई ऑर उसको चुप
करवाने लगी लेकिन रितिका चुप नही हो रही थी,,,तभी पायल भाभी ने मुझे इशारा किया ऑर मैं रितिका
के बेड के पास चला गया ओर जाके बेड की एक तरफ बैठ गया,,,मैने उसके चेहरे से पिल्लो उठाने की
कोशिश की लेकिन उसने पिल्लो को नही छोड़ा,,,,तो मैने पिल्लो के उपर से उसके हाथ पर अपना हाथ रखा
ऑर उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,तुम यही चाहती हो ना कि तुम्हारी ऑर कारण की
शादी जल्दी हो जाए,,,,,तो ठीक है मैं करवा दूँगा तुम दोनो की शादी ,,जितना जल्दी हो सकता है,,,लेकिन
प्लज़्ज़्ज़ तब तक कोई ऐसी ग़लती मत करना कि तुमको सारी उमर पछताना पड़े,,,,ये एक दोस्त अपने दोस्त से
वादा कर रहा है ओर बदले मे उस से भी वादे की उमीद करता है,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ से उठा
ऑर अपना बाइक लेके घर की तरफ चलने लगा,,,


रास्ते भर मैं यही सोचता रहा कि ये सब क्या हो गया आज,,,,रितिका वो सब क्यूँ कर रही थी ,,ऑर मैं जो
वादा करके आया हूँ रितिका के साथ उसकी ऑर करण की शादी का वो मैं कैसे पूरा करूँगा,,ये सब आख़िर
मेरे साथ ही क्यूँ हो रहा है,,,,जब एक मुश्किल से निकालता हूँ तो दूसरी मे फँसाने लगता हूँ,,,अब
मैं करूँ भी तो क्या करूँ,,,,,साला दिमाग़ फटा जा रहा था मेरा,,,,कुछ समझ नही आ रहा था
अब क्या होगा,,,,कैसे मैं करण ऑर रितिका की शादी करवा सकता हूँ,,,ऑर ये शादी करवाना अब मेरे
लिए बहुत ज़रूरी हो गया था क्यूकी रितिका ने मुझे धमकी दी थी वो कुछ भी ग़लती कर सकती थी ऑर अगर
सच मे वो कोई ग़लती कर देती जवानी के जोश मे तो वो ग़लती उसकी नही मेरी ग़लती होती,,,क्यूकी वो ये सब
मेरी वजह से करने वाली थी इसलिए मुझे ऑर भी ज़्यादा परेशान होना पड़ रहा था,,,,सला कुछ भी
समझ मे नही आ रहा था,,,,

नेक्स्ट डे कॉलेज मे एग्ज़ॅम के बाद मैं कॅंटीन मे गया जहाँ करण एग्ज़ॅम के बाद मेरा वेट कर
रहा था,,,,,

जैसे ही मैं कॅंटीन मे घुसा मैने देखा कि करण टेबल पर बैठा हुआ था ऑर उसके पास अमित
खड़ा हुआ था अपने 2-3 चमचो को लेके,,,,,

अमित करण से== कहाँ है तेरा दोस्त ऑर उसका वो हरामी कुत्ता,,,

अमित करण से मेरे ऑर सुमित के बारे मे पूछ रहा था इस से पहले करण कुछ जवाब देता मैं
वहाँ अमित के पीछे पहुँच गया ऑर करण ने मुझे देख लिया,,,,,

करण हँसते हुए,,,,मुझे नही पता वो कहाँ है

अमित हल्के गुस्से से,,,,साले हँसता क्या है,,,,सीधी तरह बता दे वर्ना मैं पूछने पे आया तो सब
उघलवा लूँगा तेरे से,,,,अमित ने हाथ ज़ोर से टेबल पर मारा,,,,,करण उसकी इस हरकत से उठकर उस
से फाइट करने वाला था लेकिन मेरी वजह से करण चुप रहा,,,,


साले हरामी मेरे से क्या पूछता है,,,,तेरा बाप तेऱे पीछे खड़ा है उसी से पूछ ले,,,,

करण ने इतना बोला था ऑर तभी मैने पीछे से अपने हाथ अमित के शोल्डर्स पर रख दिए,,,ऑर इतने
मे अमित मेरी तरफ पलट गया,,,,उसके चेहरे का रंग उड़ गया ऑर उसके जो चम्चे थे उसके साथ वो '
उसको छोड़ कर वहाँ से भाग गये,,,,,

क्या पूछना है अमित भाई मेरे से पूछ लो ना,,,,मैने अमित को बड़े प्यार से बोला,,,,

अमित का रंग पीला पड़ गया था,,,,साले मे दम नही था पानी भरा हुआ था,,,,साथ मे 2-4
लड़के लेके बदमाशी करता था लेकिन अकेले की गान्ड फॅट जाती थी,,,,

कुछ न्ंहिी ससुउन्नयी ब्बाहहीी म्मैलईन्न तो कररंण क्कू अपपक्की बररी म्मी पूच्छ र्राहा
था,,,,

ले मैं आ गया तेरे सामने अब पूछ ले मेरे बारे मे जो भी पूछना है,,,,ऑर किस कुत्ते की बात
कर रहा था तू,,,

कुउच्च नन्ही बाहहीी मायन्न तू उूओ ससूउम्मिट्त की बाररी म्मी पूच्छ राहहा था

उसके बारे मे करण से क्यूँ पूछ रहा था जो पूछना है मेरे से पूछ,,,सीधी तरह,,,

भाई मैं तो पूछ र्राहहा थ्हा क्कीी सम्मूउईत्त क्काहहन्न हाई मुउजझी उस से क्कुच्छ बात
काररननीी हाइी,,कब्बसी ढ़हूंदड़ राहहा हूँ कोल्लाग्गी बहीी नाहही आय्या क्यइी डिन्न ससीए
र ना हिी कीसीई क्कू पत्ता हाइी वू काहन हाई,,,,,,म्मूउजझी लग्गा स्शईीद्ड अप्पकू पाता
हूगा,,,,,,

मुझे नही पता अमित भाई ,,मैं उस से बड़े प्यार से बात कर रहा था,,,,ऑर अगर पता होता तो मैं
आपको नही बताता अमित भाई मैं आपके पिता जी को बता देता,,,,ऑर जिस दिन पता चला उस दिन मैं खुद
आपके पिता जी को सुमित के बारे मे बता दूँगा,,,,इतना बोलकर मैने अमित को छोड़ दिया ऑर वो जल्दी
से चलता हुआ कॅंटीन से बाहर की तरफ जाने लगा ऑर जाते जाते अपने अंदाज़ मे बोलने लगा,,

हां हान्ं ठीक है ,,,जब पता चले उस कुत्ते के बारे मे तो बता देना मुझे,,,,नही तो मेरे
बाप को,,,ऑर वैसे भी अब मेरा बाप ही तेरे से बात करेगा ,,,,,वो अपने नखरे वाले अंदाज़ से बोलता
हुआ कॅंटीन से बाहर चला गया,,,वो लोगो को अपना गुस्सा दिखा रहा था इसी लिए अपने अंदाज़ से बोल
रहा था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ा उसके गुस्से से लेकिन जाते जाते वो मुझे ऑर करण को गाली दे गया जो
मुझसे सुनी नही गई,,,,मैं बहुत गुस्से मे आ गया था एक दम से,,,,अभी तक मैं उसकी बातों को
मज़ाक मे टाल रहा था लेकिन गाली देने से मेरा गुस्सा भड़क गया ऑर मैं उसकी तरफ भागने लगा
तभी करण ने मेरा हाथ पकड़ लिया,,,

जाने डे सन्नी भाई,,,गुस्सा मत कर बेचारा अमित बावला हो गया है....

मैं करण की बात समझ गया ऑर मान भी गया ऑर उसके साथ भी बैठ गया लेकिन मुझे अभी भी अमित
पर बहुत गुस्सा था,,,मैं कुछ भी बर्दाश्त कर सकता था बट गाली नही,,,,

करण भी समझ गया था मैं गुस्से मे हूँ इसलिए वो बात घुमाने लगा,,,,,,अच्छा तो आज का क्या
प्लान है तेरा सन्नी भाई,,,,

क्या प्लान ऑर कैसा प्लान ,,,घर जाउन्गा ऑर जाके बोरियत से स्टडी करूँगा ऑर क्या करना है,,,,

अबे मतलब आज की पार्टी का क्या प्लान है,,,,

कॉन्सी पार्टी,,,,कैसी पार्टी,,,,,मैं करण से बात तो कर रहा था लेकिन अभी भी मैं गुस्से मे था

लगता है तुझे इन्वाइट नही किया है उसने तभी तू ऐसे बोल रहा है,,,जानता है वो पार्टी किसकी है

मुझे नही पता वो पार्टी किसकी है ऑर जिसकी भी है भाड़ मे जाए वो,,,अच्छा हुआ जो उसने मुझे इन्वाइट
नही किया वर्ना उसका इन्वाइट करना बेकार जाता ,,,मुझे नही जाना किसी पार्टी वार्टी मे,,,,,मैने ये बात
गुस्से मे बोली तो करण समझ गया कि मेरा मोड़ ऐसे ठीक होने वाला नही उसने फिर पार्टी की कोई बात
नही की,,,,
 
अच्छा भाई गोली मार पार्टी को,,,चल मूवी देखने चलते है,,,,तेरे फ़ेवरेट हीरो की मूवी लगी है,,ये
सुनकर मैं खुश हो गया क्यूकी मुझे वो हीरो बहुत अच्छा लगता था,,,,मेरा गुस्सा भी कम हो गया
था ,,,ये बात करण भी जानता था इसलिए उसने टॉपिक चेंज करके मूवी की बात की थी,,,फिर मैं
ऑर करण मूवी देखने चले गये ,,जब मूवी ख़तम हुई तो हम दोनो अपने अपने घर की तरफ
चले गये,,,,करंण चाहता तो मुझे अपने घर लेके चला जाता लेकिन उसको पता था गुस्से मे मेरा दिल
चूत मारने को भी नही करता इसलिए वो मूवी के लिए ले गया था मुझे,,

वापिस घर जाते टाइम करण ने मेरे से पार्टी की कोई बात नही की थी ऑर ना ही मैने उस से पूछा पार्टी
के बारे मे,,,,मैं सीधा अपने घर चला गया,,,,

घर पहुँचा तो देखा कि डॅड की कार घर पर थी,,,,डॅड आज जल्दी आ गये थे शायद ऑफीस से फिर
मेरी नज़र पड़ी अक्तिवा पर ये आक्टिव कविता की थी,,,,,,ये यहाँ क्या कर रही है,,,,शायद स्टडी करने
आई होगी,,,,मैं सोच ही रहा था तभी दरवाजा खुला ऑर सामने माँ थी,,माँ ने दरवाजा खोला
ऑर मैं अंदर चला गया,,,

बहुत ठीक टाइम पर आए हो बेटा,,,,मैने देखा कि सोफे पर डॅड बैठे हुए थे वो मेरे को बोल
रहे थे,,,,

क्या मतलब मैं सही टाइम पर आया,,,,ऑर आप आज ऑफीस से जल्दी कैसे आ गये डॅड,,,,

अरे बेटा वो सोनिया ऑर कविता की किसी फ्रेंड का बर्तडे है उनको लेके जाना है पार्टी मे,,,मैं तो
मना कर रहा था कि मैं पार्टी मे क्या करूँगा लेकिन वो नही मानी बोलने लगी कि हमे वहाँ
छोड़कर वापिस आ जाना,,,,

कविता अपने भाई सूरज को बोल देती वो ले जाता इन लोगो को वहाँ,,

डॅड कुछ बोलते इस से पहले ही कविता नीचे आ गई ऑर बोल पड़ी,,,,,सूरज भाई को ज़रूरी काम था वर्ना
मैं भाई को ही बोलती,,,,,ऑर वैसे भी अंकल आप सोनिया के डॅड हो तो क्या मेरा इतना भी हक़ नही बनता
आपको कुछ कहने का,,,,

मेरा ध्यान कविता पर गया ऑर मैं उसको देखता ही रह गया,,,,उसने आज स्काइब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई
थी जो उसमे बहुत जच रही थी,,,बाल खुले हुए ,,,शायद स्टेट किए थे,,,आँखों पर हल्का आइलाइनर ऑर हल्का
,,लिप्स पर हल्के पिंक कलर की लिपस्टिक ,,,पलटा सा फिगर ,,,ब्लाउस मे से झाँकते 2 छोटे छोटे बूब्स एक
दम कमाल लग रहे थे,,,,,मैं तो बस खो हो गया था कविता मे,,,,


तभी एक आवाज़ ऑर हुई,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यू नही बोल सकते ,,,मेरे डॅड है तो क्या हुआ तेरे भी तो कुछ लगते है
तेरा पूरा हक़ है इनको कुछ भी काम बोलने का,,,,ऑर वैसे आज तूने नही मैने इनको बोला है हमे पार्टी
मे लेके जाने के लिए,,,,हम खुद भी चले जाते अक्तिवा पर लेकिन कपड़े खराब हो जाते ऑर बाल भी आंड
वैसे भी पार्टी बहुत दूर है ऑर रात को अकेले आने से हमे डर लगता है वहाँ से,,,

ये आवाज़ थी सोनिया की,,,,ऑर जैसे ही मेरी नज़र पड़ी सोनिया पर तो मैं कविता को जैसे भूल ही गया,,,सोनिया
ने लाइट पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी,,उसका फिगर भी कविता जैसा ही था लेकिन वो बहुत ज़्यादा सेक्सी
लग रही थी,,,उसने कोई मेक-अप नही किया था,,ना फालतू का आइलाइनर ना कोई लिपस्टिक ,,उसके लिप्स वैसे ही
पिंक थे,,बाल खुले हुए जो बार बार फॅन की हवा से उड़ रहे थे ओर उसको तंग करते हुए उसके चेहरे
पर आ रहे थे,,,वो बार बरा अपने हाथ से अपने बालों को अपने कान के पीछे से अटका रही थी लेकिन
उसके रेशमी बाल कान से फिसल कर बाहर निकल रहे थे,,जितनी ज़िद्दी वो थी उस से कहीं ज़्यादा ज़िद्दी थे
उसके बाल जो उसको तंग कर रहे थे,,,,

2-2 जवान हुस्न देख कर दिल बावला होने लगा था लेकिन पता नही कैसे मैने खुद को क़ाबू मे किया
हुआ था,,,

अच्छा बाबा रहम करो मुझपर ,,,मैं तो सिर्फ़ इतना बोल रहा था कि मैं तुम लोगो के साथ जाके क्या करूँगा
तुम इस सन्नी को ले जाओ,,,,,ये तुम लोगो को वहाँ पार्टी मे छोड़ कर आएगा,,,,

नही ये हमे छोड़ कर नही आएगा,,,,ये बात सोनिया ने बोली थी,,,,ऑर तभी डॅड बोल पड़े,,,,लगता है
सोनिया बेटी तुम्हारा अक्तिवा ऑर बाकी सब समान कॅन्सल करना पड़ेगा क्यूकी तुमने अभी तक फाइट ख़तम नही
की,,,

नही नही डॅड मेरे कहने का मतलब था कि ये हमे छोड़ कर वापिस क्यूँ आएगा ये तो हम लोगो के साथ
वहीं रहेगा,,,क्यू सन्नी भाई हमारे साथ चलोगे ना,,,,सोनिया ने नकली प्यार से मेरे से पूछा था ऑर
ये बात सबको पता थी इसलिए सब लोग हँसने लगे,,,,

ठीक मैं चला जाउन्गा लेकिन मैं पार्टी मे नही जाने वाला ऑर मैं इन्ही कपड़ो मे जाउन्गा,,वैसे
जाना कहाँ है,,,,



इतना बोलते ही कविता ऑर सोनिया दरवाजे की तरफ चली गई ऑर डॅड ने पीछे से मुझे भी इशारा कर दिया उनके
साथ जाने का क्यूकी मैं उनको लेके जाता ऑर डॅड घर पर माँ के साथ पार्टी करते,,,,

मैं भी घर से बाहर आ गया ऑर आके कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ,,सोनिया ऑर कविता दोनो पीछे की
सीट पर बैठ गई,,,,

हेलो लिशिन,,,,मैं तुम्हारा ड्राइवर नही हूँ जो ऐसे बैठ कर जा रही हो,,,एक मेरे साथ आगे बैठो
वर्ना मैने नही जाना तुम लोगो के साथ,,,

तभी सोनिया बोली,,,,ड्राइवर ही लगता है और कपड़े भी ड्राइवर जैसे है ,,,ऑर नखरा देखो,,,उसने इतना बोला ऑर
दोनो हँसने लगी,,,,

कोई आएगा आगे या मैं उतर जाउ कार से,,,,

तभी कविता मेरी सीट के पीछे से मेरे करीब आई ऑर मुझे गले लगा लिया,,,,,चल ना सन्नी प्ल्ज़्ज़ ऐसे ही
चल हम दोनो को एक साथ बैठना है,,,,क्या तू एक दिन के लिए ड्राइवर नही बन सकता उसने इतना बोला ऑर मेरे
लिप्स पर हल्की सी ज़ुबान फिरा दी सोनिया से छुपकर,,,,,मेरे लिए इतना ही काफ़ी था,,,,तू तो कितना हॅंडसम है
सन्नी ऑर आज के बाद मैं तुझे ब्लॅकी भी नही बोलूँगी,,,,

ठीक है ठीक है ,,इतना मस्का भी मत लगा अब,,,बैठ जा आराम से ,,मैं ड्राइवर बन जाता हूँ आज के
लिए,,,

मैने कार स्टार्ट की ऑर वहाँ से चल पड़ा,,,,कविता ने कान पर ज़ुबान फिरा कर मुझे मना लिया था ऑर
सोनिया एक सामने झूठी तारीफ करके सोनिया को ये जता दिया था कि मैं झूठी तारीफ सुनके जाने को रेडी
हुआ हूँ,,,,,काफ़ी तेज थी कविता ,,मेरी सोच से भी ज़्यादा तेज,,,,अभी मैं सोच ही रहा था कविता के बारे
मे तभी मेरा ध्यान उपर वाले मिरर पर गया जिसमे मुझे कविता ऑर सोनिया दोनो नज़र आ रही थी दोनो
'हंस हंस कर बाते कर रही थी,,बात तो कोई नही सुन रही थी मुझे लेकिन हँसी बहुत तेज थी दोनो की,,शायद
दोनो मेरा मज़ाक बना रही थी,,,,

मालकिन जी अब ये तो बता दो कि जाना कहाँ है,,,मैने मिरर मे से देख कर कविता से पूछा,,,,

ओह्ह सॉरी ड्राइवर जी मैं तो भूल ही गई,,,,ओर वैसे जाना कहाँ है ये तो मुझे भी नही पता,,,तुझे पता
है क्या सोनिया,,,,तभी सोनिया ने भी ना मे गर्दन हिला दी ऑर मैने मिरर मे देख लिया था,,,

जाना कहाँ है पता नही ऑर पार्टी खाने चलो हो,,कैसी अजीब लड़कियाँ हो तुम,,,,

तभी सोनिया ने अपने फोन से किसी को फोन किया,,,,,हां हां बाबा आ रही हूँ बस मुझे अड्रेस्स नही
पता पार्टी का ,,,,,,


हां अभी घर से निकली हूँ,,तुम अड्रेस्स बताओ ज़रा,,,,,तभी दूसरी तरफ वाला अड्रेस्स बताने लगा ऑर सोनिया
को कुछ समझ नही आया,,,,वैसे भी वो घूमती फिरती कहाँ थी,,घर से कॉलेज ऑर कॉलेज से घर,,


मुझे समझ न्ही आ रहा तुम मेरे ड्राइवर को बता दो,,,,सोनिया ने इतना बोला ऑर फोन मेरी तरफ बढ़ा दिया

इस से पहले मैं कुछ बोलता सोनिया ऑर कविता दोनो हँसने लगी,,,,,फिर मैने फोन पर बात की ऑर अड्रेस्स
समझने लगा,,,,ये अड्रेस्स शहर से बाहर था कम से कम 90 मिनट लगने थे वहाँ जाने मे,,,पूरे
रास्ते कविता ऑर सोनिया अपना मज़ाक करती रही ऑर मैं दोनो के हँसते चेहरे देखता रहा मिरर मे,,,,


पार्टी वाली जगह पर पहुँचे तो दूर से ही पार्टी नज़र आ रही थी,,,,खूब लाइट्स लगी हुई थी,,,कार की
पार्किंग तो दूर दूर तक थी,,ये कोई घर ये रिज़ॉर्ट नही लग रहा था मुझे,,,ये तो कोई फार्म लग रहा
था,,,,क्यूकी बहुत बड़े बड़े फार्म थे यहाँ ,,,लगता था पार्टी किसी बड़े पैसे वाले के घर मे थी,,,

मैने कार साइड पार्क की तो इतने मे सोनिया ऑर कविता उतर कर आगे चली गई,,,उनको कॉलेज की कुछ दोस्त मिल
गई थी,,,,मैने भी कार से उतरा ऑर आगे की तरफ चल पड़ा,,,जैसे ही मैं गेट से अंदर गया देख कर दंग
रह गया ,,क्या पार्टी थी,,,,क्या घर था,,,घर नही था ये तो फार्महाउस था,,,घर मे एक बड़ा स्वीमिंग
पूल था ,,,बड़ा सा खुला गार्डन था,,ऑर सबसे हैरत वाली बात थी कि मेरे कॉलेज के बहुत सारे दोस्त थे
यहाँ पर,,,मैं हैरान था कि ये पार्टी किसकी है जिसने सब को बुला लिया ऑर मुझे नही बुलाया,,अभी मैं
सोच ही रहा था कि तभी मेरे शोल्डर पर किसी ने हाथ रखा ऑर मैं पीछे पलट गया,,,,


वाह जी वाह,,हमने कहा तो पार्टी का नाम तक नही सुन रहे थे ऑर यहाँ पार्टी मे पहुँच भी गये
ऑर वही पुराने कपड़ो मे,,,मैने पीछे मूड के देखा तो ये करण था,,,

साले तू यहाँ क्या कर रहा है,,,,,

अबे मुझे तो इन्वाइट किया गया है,,,ऑर ये सवाल तो मुझे करना चाहिए तेरे से कि तू यहाँ क्या कर रहा है

मैं तो सोनिया ऑर कविता का ड्राइवर बनके आया हूँ यार,,,ऑर वैसे पार्टी किसकी है ऑर तुझे किसने इन्वाइट किया
जिसने मुझे इन्वाइट नही किया,,,,

अबे मुझे भी इन्वाइट नही किया सन्नी भाई मैं तो उसके साथ आया हूँ,,तभी करण ने एक तरफ इशारा
किया ऑर मैने देखा कि सामने से रितिका ऑर पायल भाभी चलके हम लोगो की तरफ आ रही थी,,,,

करण को रितिका लेके आई है सन्नी,,पायल; भाभी ने पास आके बोला,,,,इसी ने इन्वाइट किया था करण को ,,,ये
तुझे भी इन्वाइट करने वाली थी लेकिन इसने बोला कि तुम तो खुद चले आओगे क्यूकी तुम्हारी गर्लफ्रेंड जो यहाँ
आने वाली है,,,,ऑर अब तुम लोगो की बातों से पता चल गया कि तुम अपनी गर्लफ्रेंड के ड्राइवर बनके आए हो ,,पायल
भाभी ने इतना बोला ऑर मेरे कपड़ो की तरफ इशारा करके हँसने लगी,,साथ मे करण ऑर रितिका भी,,,

मैं एक बात तो समझ गया था कि रितिका ने मुझे इन्वाइट क्यूँ नही किया था क्यूकी वो मेरे से गुस्सा थी ऑर
अब ये मेरी गर्लफ्रेंड कविता को बोल रहे थे,,लेकिन मुझे ये पता नही चल रहा था कि पार्टी किसकी है ऑर बर्थडे
किसका है,,,,,

कविता मेरी गर्लफ्रेंड नही है पायल भाभी ये तो आपको करण ने भी बता दिया होगा,,,आंड रितिका ने मुझे इन्वाइट
क्यू नही किया ऑर आपको भी इन्वाइट नही करने दिए इसके पीछे तो एक ही वजह थी,,,रितिका डर गई होगी कि
अगर सन्नी भी पार्टी मे आ गया तो उसके बाय्फ्रेंड की तरफ कोई ध्यान नही देगा ,,सब लड़कियाँ सन्नी को ही देखती
रहेंगी,,,,,,,मैने इतना बोला तो करण ऑर पायल भाभी हँसने लगे लेकिन रितिका मेरे से गुस्सा ही रही,,,,

अच्छा अब ये तो बता दो की पार्टी किसकी है,,,,,क्या ये पार्टी रितिका की है,,,,बट ये मेरी बेहन ऑर कविता को
कैसे जानती है,,,,
 
नही सन्नी रितिका की पार्टी नही है ये ऑर ना ही रितिका का बर्थडे है,,,ये पार्टी मेरी छोटी सिस के बर्थडे की है
इसलिए तो मैं कुछ दिन के लिए यहाँ आई हूँ ताकि पार्टी अटेंड कर सकूँ,,,,मेरी छोटी सिस तुम लोगो के
कॉलेज मे है,,सोनिया ऑर कविता की क्लास मे,,,,

अब समझ आया मुझे सब कुछ,,,साला मैं तो परेशान ही हो गया था,,,,,अभी हम सब बातें करने लगे
तभी करण रितिका को लेके पार्टी मे एंजाय करने चला गया जबकि पायल भाभी मेरे पास ही खड़ी रही,,,

लगता है पार्टी मे यंग लोग ही आए है,,,,कोई घर का बड़ा नही है,,,,

यंग लोगो से नफ़रत है क्या तुमको,,,जो बड़े बुजुर्ग लोगो को याद कर रहे हो,,,

नही पायल भाभी ये बात नही ,,मेरा कहने का मतलब था की अपने मोम डॅड नही है क्या यहाँ

वो लोग अंदर बैठकर अपनी उमर वालों के साथ पार्टी कर रहे है सन्नी,,,,बाहर की ये पार्टी हम जैसे
जवान लोगो के लिए है,,,,अभी हम लोग मस्ती मज़ाक कर ही रहे थे कि मुझे एक आवाज़ सुनाई दी जिस से मुझे
गुस्सा आ गया,,,,ये आवाज़ थी कमिने अमित की,,,,

ये यहाँ क्या कर रहा है,,,,अमित ने आते ही पूछा,,,,

तुमसे मतलब,,,,,ये मेरा दोस्त है इसलिए यहाँ आया है,,,,पायल ने जवाब दिया,,,

मैं गुस्से मे आ गया था अमित को देख कर,,,अमित भाई चला जा यहाँ से इस से पहले मैं अपना आपा खो
दूं,,,,

जानता था तू यही बोलेगा इसलिए तेरे को किसी से मिलवाने के लिए लाया हूँ,,,उसने इतना बोला ऑर तभी पीछे
से अमित ऑर सुरेश के बाप भी आ गये,,,,


क्या सन्नी बेटा तुझे मैने बुलाया था अपने घर पर तू आया ही नही,,,,ये सुरेश का बाप था,,,

मुझे कुछ काम था अंकल इसलिए नही आ सका,,,,बोलिए क्या बात है,,,

बात जो भी है बेटा यहाँ करने वाली नही,,,,तुम कभी आओ हमारे घर अकेले बैठ कर बात करते
है,,,,ये बात अमित का बाप बोला,,,

तभी मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,,,,ठीक है अंकल आप जब बोलो मैं आ जाउन्गा लेकिन बात इन जनाब
के घर पर नही आपके घर पर होगी,,,,मैं अमित के बाप की तरफ इशारा करके बोला,,,


ठीक है बेटा ,,,जब फ्री हो तो आ जाना मेरे घर पर,,,अभी फिलहाल पार्टी एंजाय करो,,,,ऑर खाना ज़रूर
खाकर जाना,,,,,अमित का बाप जाते जाते अपना एक तीर मेरे पर छोड़ गया था लेकिन उसको नही पता था जो
तीर मैं चलाने वाला हूँ वो सब लोगो की माँ चोद कर रख देगा,,,,,

ये सब लोगो तेरे घर पर क्या कर रहे है,,,,,

रितिका के पापा तो मेरे इन लॉस की तरफ से आए है बट ये अमित ऑर उसका बाप मेरे पापा के अच्छे दोस्त है
इसलिए पापा ने इसको भी इन्वाइट किया था,,,,ये सब लोग तो अंदर बैठ कर बात कर रहे थे अब तुमको देख
कर बाहर क्यूँ आ गये,,,ऑर ये क्या बात करना चाहते है तुमसे,,,,कहीं वो कॉलेज के पंगे वाली बात तो
नही,,,,

मैं सुनकर दंग रह गया,,,,,क्या आपको पता है सब बात का,,,,

हां सन्नी,,,रितिका मेरे से कभी कुछ नही छुपाती,,,मुझे सब पता है जितना भी तुमने रितिका को बताया
है,,,,,,,,,,,

मैं कुछ सोच मे पड़ गया ऑर टेन्षन मे आ गया था,,,मुझे कुछ ठीक नही लग रहा था जो सब हो रहा
था,,,मुझे टेन्षन मे देख कर पायल ने मेरे सर पर हाथ रखा ऑर प्यार से सहलाते हुए बोलने लगी,,,,

मैं जानती हूँ तुम क्या सोच रहे हो सन्नी,,,तुम जो सोच रहे हो जो टेन्षन ले रहे हो वो ठीक है,तुमको
किसी पर यकीन नही है ये अच्छी बात है,,,क्यूकी यकीन नही करने वाला खुद ही हर तरफ से बचा हुआ
होता है सुरक्षित होता है,,,आंड जो सब तुम अब कर रहे हो या करने वाले हो वो भी कोई हिम्मत वाला
ही कर सकता है,,,जिसमे दम होगा वही ये सब कर सकता था,,,तुम बिल्कुल ठीक कर रहे हो सन्नी ऑर इसलिए तो
तुम मुझे अच्छे लगे,,,विश्वास के क़ाबिल लगे ऑर उसी विश्वास की खातिर मैने अपना जिस्म भी तुमको सोप
दिया था,,,,क्यूकी रितिका को तुमपर बहुत यकीन है ऑर अब रितिका मेरी बहुत अच्छी दोस्त बन चुकी है,,,मेरी
इतनी दोस्ती अपनी रियल सिस से नही है जितनी रितिका से है,,,



बात करते करते पायल एक दम से बोली,,,,ओह्ह्ह माइ गॉड,,,क्या डॅन्स करती है वो ऑर कितनी खूबसूरत
है,,,

किसकी बात कर रही हो तुम पायल भाभी,,,

पायल कुछ नही बोली बस मेरे सर पर हाथ रखा ऑर दूसरे हाथ से एक उंगली का इशारा करते हुए मेरे सर
को भी उसी तरफ घुमा दिया,,,


ऑर जैसे ही मैने उस तरफ देखा तो एक दम दिल खुश हो गया,,,,वो कविता थी जो अपनी दोस्तो के साथ डॅन्स
कर रही थी,,,ऑर साथ मे सोनिया भी थी लेकिन सोनिया को डॅन्स नही आता था बस वो कविता ऑर बाकी की फ्रेंड्स
के साथ हल्का हल्का डॅन्स करने की कोशिश कर रही थी ,,लेकिन कविता का डॅन्स अच्छा था,,,,

कितनी खूबसूरत है दोनो,,,,तय करना मुश्किल है कॉन ज़्यादा खूबसूरत है,,,,वाउ दोनो की साड़ी का
कलर ऑर डिज़ाइन कितना अच्छा है,,,,,

जैसे पायल भाभी बड़ी उत्सुकता से उनको देख कर खुश हो रही थी वैसे ही मैं भी उनको देख कर कहीं
गुम हो गया था,,,,

देख रहे हो ना सन्नी कितनी अच्छी है दोनो,,,,तुमको कॉन्सी ज़्यादा अच्छी लग रही है,,,सन्नी,,,सुन्नयययी

कहाँ खो गये सन्नी,,,,

कुच्छ नही भाभी बस ऐसी ही,,,

हाँ हाँ जानती हूँ दोनो बहुत खूबसूरत है जो भी देखे बस खो ही जाए,,,,सच मे कितनी क्यूट है
दोनो,,,,बता ना तेरे को कॉन्सी अच्छी लगी,,,,पिंक साड़ी वाली या ब्लू वाली,,,,

मुझे दोनो ही अच्छी लग रही है पायल भाभी ,,क्यूकी एक मेरी दोस्त है ऑर दूसरी मेरी बेहन है,,,,

मेरी बात सुनके पायल भाभी चुप हो गई,,,,लेकिन फिर बोलने लगी,,,,,ओह्ह्ह तो इनमे से एक तेरी गर्लफ्रेंड
है,,,,,

गर्लफ्रेंड नही है भाभी बस दोस्त है,,,,हम लोग साथ स्कूल जाते थे ऑर अब कॉलेज भी साथ है,,,वो मेरी ऑर
मेरी सिस सोनिया की अच्छी दोस्त है ,,,,

अच्छा बता ना कॉन है वो,,ब्लू साड़ी वाली या पिंक वाली,,,,

ब्लू वाली,,,,वो कविता है आंड पिंक साड़ी मे सोनिया है मेरी बेहन,,,,


मानना पड़ेगा सन्नी दोनो की दोनो बहुत अच्छी लग रही है,,,मैने तो अब देखा उनको,,,पार्टी मे सबसे
ज़्यादा खूबसूरत है दोनो,,,,देख तो ज़रा हर कोई उनको ही देख रहा है,,,

देखेगा भी क्यू नही भाभी,,,,वो दोनो है ही इतनी खूबसूरत,,,,ऑर सबसे बड़ी बात है दोनो साड़ी मे
है,,,,बाकी लड़कियों की तरह छोटे छोटे टॉप ओर छोटी छोटी स्कर्ट्स मे नही,,,,,मैने ये बात भाभी की
तरफ इशारा करके बोली तो भाभी थोड़ा गुस्सा कर गई,,क्यूकी पार्टी मे बाकी लड़कियों की तरह भाभी ने
भी टॉप-स्कर्ट पहना हुआ था,,,,

सही बोला तूने साड़ी की बात कुछ ऑर है,,लेकिन इस टॉप-स्कर्ट की बात तो साड़ी से भी कहीं ज़्यादा है,,लोग
इन कपड़ो मे लड़कियों को देख कर ज़्यादा खुश होते है,,,,

हां ये बात भी है भाभी,,क्यूकी मर्द की नज़र ही गंदी होती है ऑर छोटे कपड़े तो ज़्यादा उकसाते है
मर्दो को,,,,ऑर जिन लड़कियों ने ऐसे कपड़े पहने होते है मर्द उनको एक लज़्ज़तदार आइटम समझता है इज़्ज़त
के क़ाबिल नही,,

मेरी बात सुनके भाभी गुस्से से वहाँ से चली गई,,,,मैं समझ गया ये गुस्सा कर गई है मेरी बात का
मैने भी उसको जाने दिया रोकने की कोशिश तक नही की,,,

फिर मैं साइड पर बने एक बार की तरफ चला गया,,ऑर बार टेबल पर बैठ गया ऑर कोल्ड्ड्रिंक पीने लगा
ऑर साथ साथ मेरा ध्यान था कविता पर जो आज सच मे बहुत खूबसूरत लग रही थी ऑर डॅन्स तो गजब
का कर रही थी,,,नाचते हुए एक से बढ़ कर एक ठुमका लगा रही थी अपनी पतली ऑर लछादार कमर से ,,सोनिया
भी पास मे थी लेकिन उसको अच्छा डॅन्स नही आता था,,आख़िर बेहन किसकी थी,,,,


तभी कुछ देर बाद म्यूज़िक ऑफ हो गया ऑर पता चला कि केक काटने वाला है इसलिए म्यूज़िक ऑफ हुआ है,,बाद
मे म्यूज़िक फिर शुरू होगा,,,सब लोग केक वाली जाग पर जाने लगे ,,मैं भी उठकर चला था फिर सोचा
मैं वहाँ जाके क्या करूँगा इसलिए वहीं बैठा रहा,,,,

तभी मेरे पास एक सारी मे लिपटी हुई हसीन मूरत आके खड़ी हो गई,,,मैं उस मूरत को देखता रह गया
,वो कोई ओर नही पायल भाभी थी,,मैं उसको देखता ही रह गया ऑर पता नही कहाँ खो गया,,

क्यू कहाँ खो गये सन्नी ,,,,,भाभी हँसते हुए बोली,,,,

उूओ मैं वूऊ

क्यू बोलती बंद हो गई क्या,,,भाभी मज़ाक मे बोलने लगी,,,

सच मे भाभी आपने मेरी बोलती बंद करदी,,,,,कुछ नही बोलने को अब मेरे पास ,,दिल करता है बस
देखता ही रहूं,,,,

बोलती बंद करवानी ज़रूरी थी तेरी सन्नी,,औरत जैसे भी कपड़े मे रहे जिस मर्द की आँख गंदी होती है
वो गंदी ही रहती है,,फिर औरत साड़ी मे हो सूट मे हो टॉप-स्कर्ट मे हो या बुर्क़े मे हो,,हम लोग अपना
जिस्म ढक कर भी रखे तो मर्द की नियत को धोखा नही दे सकती,,,जानती हूँ छोटे कपड़े अजीब लगते
है लेकिन मॉडर्न सोसाइटी मे ये आज कल का फेशन बन गया है ,,,,

सॉरी भाभी मैं समझ गया आपकी बात,,,,मेरी ग़लती थी बस,,,अब तो खुश हो आप,,,,

तभी केक कट गया ऑर म्यूज़िक फिर से शुरू हो गया,,,,,

ऐसे खुश नही होने वाली मैं,,,डॅन्स कर मेरे साथ अगर मुझे खुश करना है तो,,चल अब तो
म्यूज़िक भी शुरू हो गया है,,,,

डॅन्स ऑर यहाँ,,,इतने लोगो के सामने ऑर वो भी आपके साथ,,,,नेवेर,,,मुझसे नही होगा भाभी,,मैने
डरते ओर शरमाते हुए बोला,,,,आंड वैसे भी मुझे डर लग रहा था ख़ासकर कविता ऑर सोनिया से
 
इतने लोगो के सामने डर लगता है या अपनी गर्लफ्रेंड के सामने,,,,ऑर इतने लोगो के सामने तो तूने डिस्को मे भी
डॅन्स किया था मेरे साथ उस दिन,,भूल गया क्या,,,,

मैने कितनी बार बोला है कविता मेरी गर्लफ्रेंड नही है भाभी वो सिर्फ़ मेरी दोस्त है,,,ऑर कुछ नही है हम
दोनो के बीच मे,,,,,,,,आंड डिस्को मे अंधेरा था ऑर कोई भी जान पहचान वाला नही था,,,,यहाँ तो
सभी लोग मेरे कॉलेज से है,,,,मुझे डर लगता है,,,,


अच्छा तो तुझे डर भी लगता है तो चल कहीं ऑर चलते है,,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा
ऑर मुझे अपने साथ लेके घर के पीछे की तरफ चली गई जहाँ बहुत सारी कार्स खड़ी हुई थी,,वहाँ कोई
नही था सब लोग डॅन्स कर रहे थे तभी भाभी मुझे एक कार के पास ले गया मैने देखा तो ये वही
कार थी जिसमे मैं उस दिन भाभी के साथ डिस्को गया था,,,,भाभी ने कार का दरवाजा खोला ऑर मुझे
अंदर जाने को बोला मैं कार मे ड्राइवर सीट की दूसरी तरफ बैठ बैठ गया ऑर भाभी घूम कर दूसरी
तरफ से ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गई,,,


यहाँ कार मे डॅन्स कैसे होगा भाभी ,,मैने हँसते हुए शरारती अंदाज़ मे बोला,,,

जो डॅन्स हम लोगो को करना है उसके लिए कार मे बहुत जगह है सन्नी,,,,भाभी ने भी हंस कर मेरी
बात का जवाब दिया,,,,

जगह तो बहुत है भाभी लेकिन म्यूज़िक नही है,,,,तभी भाभी ने म्यूज़िक प्ले कर दिया ऑर साथ ही कार
भी स्टार्ट की ऑर कार को गेट की तरफ चलाना शुरू कर दिया,,,,,,,ये क्या भाभी कहाँ जा रही हो आप
मैने भाभी से पूछा ही था कि भाभी ने एक बटन दबाया ऑर कार की वो सीट जिस पर मैं बैठा हुआ
था वो पूरी तरह पीछे की तरफ गिर गई ऑर मैं पीछे की तरफ लेट गया,,,,

चुप चाप लेटे रहो सन्नी वर्ना हम लोगो को एक साथ जाते हुए कोई देख लेगा,,,,इतना बोलकर भाभी ने
पीछे की सीट से एक कपड़ा उठाया ऑर मेरे उपर डालके मुझे कवर कर दिया,,,,ऑर पता नही कार को किस
तरफ लेके चलने लगी,,,,,,,कुछ देर बाद भाभी ने वो कपड़ा हटा दिया ऑर मेरी सीट भी सीधी करदी,,


ये कहाँ जा रही हो आप भाभी,,,,,,मैं सीट पर सीधा होते हो बोला,,,,,,

कुछ नही सन्नी इस कार मे जगह कम है डॅन्स के लिए इसलिए खुली जगह पर ले आई कार को,,,मैने देखा
की हम लोग फार्महाउस से काफ़ी दूर आ गये थे ,,यहाँ से फार्महाउस की लाइट्स सॉफ नज़र आ रही थी,,हम
लोग एक खुली जगह पर थे ,,,,ये कोई खेत नही था बस एक खाली प्लॉट था जो काफ़ी बड़ा था,,,तभी भाभी
ने कार को एक पैड के नीचे रोक दिया ऑर लाइट्स ऑफ करदी,,,,कार मे अंधेरा हो गया ऑर एक दम से भाभी
मेरे से चिपक गई ,,इस से पहले मुझे कुछ पता चलता वो सीट फिर से नीचे होने लगी शायद भाभी ने
फिर से सीट नीचे करने वाला बटन दबा दिया था,,सीट नीचे होती गई ऑर भाभी मेरे उपर गिरती गई अब
तक भाभी के लिप्स मेरे लिप्स से सॅट चुके थे ऑर सीट पूरी पीछे हो चुकी थी,,,भाभी दोनो टाँगें
खोलकर मेरे उपर आ गई थी ऑर मुझे किस करने लगी थी,,,,

उस दिन तूने अपनी मनमानी की थी याद है ना सन्नी,,आज मेरी बारी है,,,इतना बोलकर भाभी ने फिर से
मुझे किस करना शुरू कर दिया,,,मेरे लिप्स को भाभी ने अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर बेतहाशा पागलो
की तरफ मेरे लिप्स को चूमने ऑर चूसने लगी,,,मैं भी अब तक पागल हो गया ऑर भाभी को किस का रेस्पॉन्स
उसी अंदाज़ मे देने लगा जिस अंदाज़ से भाभी मुझे किस कर रही थी,,,,,भाभी के हाथ मेरे सर पर
थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों से मेरे सर को सहला रही थी ऑर मेरे हाथ अब तक भाभी की पीठ
पर चले गये थे मैं भाभी की पीठ को सहलाते हुए उनको अपने से एक दम सटा लिया था,,,भाभी की
पीठ एक दम नंगी थी बस कपड़े के नाम पर एक छोटी सी पतली सी डोरी थी जिस की मदद से ब्लाउस उनकी
पीठ से बँधा हुआ था,,, तभी भाभी ने अपने हाथ पीछे किए ऑर पीछे से ब्लाउस की डोरी को खोल
दिया जिस से भाभी की पीठ बिल्कुल नंगी हो गई ऑर मेरे हाथ उनकी पूरी पीठ पर घूमने लगे,,


कुछ देर बाद भाभी मेरे उपर से उठ गई ऑर जल्दी से अपने ब्लाउस को खोल दिया ऑर मेरी पॅंट की तरफ
इशारा करने लगी मानो वो मुझे पॅंट खोलने को बोल रही थी ,,मैने भी एक पल की देर नही की ऑर पॅंट
के साथ साथ बूट्स भी उतार दिए ,,पॅंट के नीचे अंडरवेार नही था इसलिए पॅंट उतरते ही मैं नीचे
से नंगा हो गया ऑर मेरा 9 इंच से थोड़ा बड़ा लंड एक मूसल की तरह अकडा हुआ भाभी को सलामी
देने लगा ,,,भाभी ने मेरे लंड को देखा ऑर जल्दी जल्दी अपनी साड़ी निकालने लगी लेकिन कार मे बैठ
कर साड़ी निकालने के लिए उनको दिक्कत होने लगी,,,तभी भाभी ने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद तक नही थी
,,भाभी ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला ऑर कार से बाहर निकल गई,,,,मैं भाभी को देखता ही रह गया
भाभी का ब्लाउस उनके बदन से लटका हुआ था उसकी डोरी जो पीछे से खुल चुकी थी लेकिन ब्लाउस अभी तक
दोनो आर्म्स मे था ,,भाभी जल्दी से बाहर खड़ी होके अपनी साड़ी उतार रही थी ऑर मैं अंदर बैठा उनको
देख कर हैरान भी था ऑर मुझे हँसी भी आ रही थी,,,,,,तभी भाभी ने मुझे हँसते हुए देखा ऑर
खुद भी हँसने लगी,,,,,,

यही पंगा होता है सन्नी साड़ी का अगर स्कर्ट होती तो अब तक अपना काम शुरू भी हो जाना था,,,मैं
भाभी की बात समझ गया ऑर जल्दी से खुद भी नंगे पैर ऑर आधा नंगा जिस्म लेके कार से बाहर निकल गया
ऑर भाभी के पास जाके उनकी हेल्प करने लगा,,,,मैं भाभी के पीछे खड़ा हो गया ऑर उनकी साड़ी निकालने
लगा ऑर पीछे से उनकी गर्दन पर किस करने लगा,,साड़ी निकल गई ऑर भाभी ने जल्दी से अपने ब्लाउस को
भी निकाल दिया ओर पेटीकोट को खोलने मे लगी ,,लेकिन मैने मना कर दिया,,,,,इसको रहने दो भाभी अपना
काम ऐसे ही हो जाएगा,,,,मैने इतना बोला ही था कि भाभी जल्दी से मेरी तरफ पलट गई ,,,ऑर मुझे किस
करते हुए मेरे लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी ,,,,मैने भी एक पल का टाइम नही लगाया भाभी के
नंगे बूब्स पर हाथ रखने मे ऑर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा,,,,भाभी किस करते हुए बूब्स मसल्ने से
ही आहह भरने लगी,,,,अहह उउउहह किस करते हुए हल्की हल्की सिसकियों की आवाज़ आने लगी
भाभी के मुँह से,,,,,,तभी भाभी जल्दी से अपनी कार की सीट पर बैठ गई ऑर मुझे अपने करीब करते
हुए मेरे लंड को पकड़ा ऑर मुँह मे भर लिया,,,,मैं कार के बाहर कार के दरवाजे पर हाथ रखके खड़ा
हुआ था जबकि भाभी ड्राइविंग सीट पर बैठ कर मेरे लंड का स्वाद लेने लगी थी,,,भाभी काफ़ी तेज थी
लंड चूसने मे या काफ़ी भूखी थी लंड के लिए इसलिए वो तेज़ी से ऑर ज़्यादा से ज़्यादा लंड मुँह मे लेके चूस
रही थी,,,मेरा लंड पूरा गले मे लेना कोई आसान बात नही थी लेकिन भाभी ने बड़ी आसानी ने मेरा पूरा
लंड मुँह मे ले लिया था,,,,मेरी बाल्स पायल भाभी के लिप्स पर टच हो रही थी मतलब मेरा पूरा
लंड था उनके मुँह मे,,,,जिसको वो तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी,,,


कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी कार की सीट पर अंदर की तरफ चली गई ऑर लेट गई,,भाभी ने मुझे
भी अंदर आने को बोला तो मैं भी अंदर हो गया ,,,भाभी अपनी सीट ऑर मेरी वाली सीट पर लेट गई ओर
मैं उनके उपर ,,मैने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी के उपर झुक-कर अपने लंड को भाभी
की चूत मे घुसा दिया,,ऑर एक ही पल मे तेज़ी से झटके मारने लगा,,,,मेरे पैर अभी तक कार से बाहर
ज़मीन पर थे,,,मैं आधा कार से बाहर था ऑर भाभी के पैर भी घुटनो से नीचे तक कार से बाहर
थे,,,मैने तेज़ी से भाभी की चूत मे लंड पेलते हुए भाभी के लिप्स को किस करना शुरू कर दिया ,मेरा
दिल था भाभी के बूब्स को हाथ मे पकड़ने को लेकिन अगर मैं ऐसा करता तो सीट पर सहारा लेके झुक
नही सकता था ,,,,,भाभी के हाथ मेरी चेस्ट पर घूम रहे थे वो भी मुझे पीठ से कस्के हॅग
करना चाहती थी लेकिन ऐसा मुमकिन नही था ,,,,मेरे से भी ऐसे झुक कर चुदाई करना मुश्किल हो रहा
था तभी मैने अपने लंड को भाभी की चूत से निकाला ऑर भाभी को कमर से पकड़ कर कार से बाहर
निकाला लिया ऑर जल्दी से भाभी को कार के आगे की तरफ ले गया,,,भाभी ऐसे थोड़ा डर रही थी,,,पहले भाभी
कार से बाहर निकली थी बिना किसी डर के तो उस टाइम मैं डर रहा था लेकिन अब भाभी मेरी हिम्मत से
डरने लगी थी,,,,मैने भाभी को कमर से पकड़ा ऑर गोद मे उठाकर कार के बॉनेट पर लेटा दिया ऑर
उनकी टाँगों को खोल कर अपने शोल्डर पर रख दिया फिर पेटिकोट को साइड करके लंड को भाभी की
'चूत मे घुसा दिया,,मेरे हाथ भाभी की कमर पर थे ऑर भाभी के पैर मेरे शोल्डर पर थे


,,,मैं नीचे ज़मीन पर भाभी की टाँगों के बीच खड़ा होके भाभी की कमर पकड़ कर तेज़ी से
भाभी की चूत चोदने लगा,,,,,भाभी की सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,आहह ऊओररर तीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज कारर
सुउउउन्न्नययययी ऊरर तीज्ज्ज्ज्ज्ज आहह ककब्बससीए त्ताररासस्स राहहिि थ्हीइ एआईसीए म्मूस्सालल्ल्ल
क्क्क ल्लीइयईए आहह भाभी मस्त तो हो गई थी लेकिन डर भी रही थी क्यूकी इतनी मस्ती के बावजूद
भाभी बहुत कम शोर कर रही थी,,,,मैं भी जानता था भाभी ऐसी हालत मे डर रही है लेकिन अब
मैं नही डर रहा था ऑर तेज़ी से भाभी की चूत मार रहा था,,,,करीब 5-10 मिनट के बाद मैने
अपने लंड को भाभी की चूत से निकाला ऑर भाभी को बॉनेट से नीचे उतार लिया ऑर वहीं खड़ी करके
झुकने लगा तो भाभी ने खुद को मेरे से अलग किया ऑर जल्दी से कार के अंदर चली गई,,,मैं समझ गया
था भाभी डर रही है लेकिन कार मे जगह कम लग रही थी मेरे को लेकिन मैं ग़लत था,,,
 
भाभी ने कार मे जाते ही आगे की दोनो सीटो को ऑर पीछे की सीट को भी पूरा पीछे की तरफ खोल दिया
था मैं तो देख कर दंग रह गया ये जगह तो एक छोटे बेड जितनी थी,,,मैं जल्दी से कार के अंदर चला
गया ऑर तब भाभी ने अपने पेटिकोट को भी उतार दिया ऑर मेरे करीब आके मेरी टी-शर्ट को भी निकाल
दिया,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता भाभी ने मुझे नीचे लेटा दिया ऑर खुद जल्दी से मेरे उपर आ गई
ऑर लंड को चूत मे लेके मेरे उपर उछलने लगी,,भाभी जितनी तेज़ी से उछल रही थी उनके बूब्स भी
उतनी तेज़ी से हिल रहे थे मैने जल्दी से उनको थाम लिया ऑर मसल्ने लगा,,,तभी भाभी थोड़ा पीछे की
तरफ झुकी ऑर कार के एक डोर को बंद कर दिया फिर दूसरे को भी बंद करने की कोशिश करने लगी लेकिन
दूसरा डोर कुछ ज़्यादा ही खुला हुआ था जिसको बंद करना भाभी के बस की बात नही थी तभी मैने
अपने एक पैर से उस डोर को थोड़ा करीब किया ऑर भाभी ने एक बार मेरी तरफ हंस कर देखा ऑर डोर
को पकड़ कर बंद कर दिया,,,जैसे ही डोर बंद हुआ भाभी की एक दम से तेज सिसकियाँ शुरू हो गई मैं
तो डर ही गया था,,,,शायद इसलिए भाभी ने डोर बंद किया था,,,,

आहह ऊरर टीज़्जज कारर सुउन्नययययययी आहह उउउहह इट्त्न्ना ल्लांम्म्मबा मूसल्ल
हहाइी रीई त्तेर्रा एआईसी ल्लगगता हहाइी छ्छूत्त सी घहुउस्स कारर पायत्त फादक्की बाहाररर्र्ररर
ननीईककल्लीगगगा ,,,अहह ज़्ज़ििंड्दागगीइ मी ऐसा मूसाल्ल्ल कब्भीइ ंहिी द्दईकखाा
आहह ताररासस्स गगयइ टहिईिइ एआईसी म्मूस्साल्ल्ल सीसी ल्लीइयइईई ,,उऊहह हमम्म्ममम
आहह र तीज्ज काररर,,,,,,,,,,,,,भाभी मुझे तेज करने को बोल रही थी ऑर खुद ही तेज़ी से
'मेरे लंड पर बैठ कर कूद रही थी,,,मैं उनके बूब्स को तेज़ी से मसल राह था,,,कुछ देर बाद
भाभी मेरे उपर से उठने लगी मुझे लगा अब मेरी बारी है उपर आने की लेकिन नही ,,भाभी मेरे
उपर से उठी ऑर पलट गई,,,भाभी ने मेरी तरफ पीठ करली ऑर मेरे लंड पर खूब सारा थूक लगा दिया
मैं समझ गया कि भाभी अब मेरा लंड गान्ड मे लेगी ऑर ऐसा ही हुआ ,,भाभी ने मेरा लंड पकड़ा ऑर
अपनी गान्ड के होल पर रखा ऑर हल्के से नीचे बैठ कर लंड को गान्ड मे घुसा दिया,,ऑर मेरी टाँगों
पर आगे की तरफ झुक गई ऑर रुक गई,,,,,,मुझे समझ नही आया भाभी रुकी क्यूँ है तभी भाभी खुद को
अड्जस्ट करते हुए फिर से हिलने लगी,,,मुझे कुछ ठीक नही लगा,,,मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी ने अपनी
चूत मे भी कुछ घुसा लिया है लेकिन क्या,,,,तभी मैने सर थोड़ा उपर किया ऑर भाभी की गान्ड की
तरफ देखने लगा ,,मुझे मेरा लंड भाभी की गान्ड मे जाता नज़र आ रहा था ऑर तभी मैं दंग रह
गया,,,भाभी ने मेरा लंड तो गान्ड मे लिया हुआ था लेकिन उनकी चूत मे भी कुछ घुसा हुआ था जो
लंड की तरह उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था,,मैने ध्यान से देखने की कोशिश की क्यूकी
वहाँ लाइट्स ऑफ थी बस चाँद की हल्की रोशनी थी,,,तभी मुझे झटका लगा भाभी ने कार का गियर
लीवर अपनी चूत मे घुसा रखा था,,,मैं तो एक दम दंग रह गया,,,,साला ये क्या,,,,ये भी चुदाई
की चीज़ है ये तो आज पता चला,,,,भाभी आगे की तरफ झुकी हुई थी ऑर मेरी टाँगों पर वजन डालके
तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी,,,चूत मे गियर लीवर ऑर गान्ड मे मेरा मूसल लेके भाभी मस्ती मे
पागल हो गई थी ऑर ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी,,,,भाभी की गान्ड काफ़ी टाइट थी मुझे लगा कि मैं ज़्यादा
देर टिक नही पाउन्गा ऑर पानी छोड़ दूँगा लेकिन मैं कुछ देर रुकना चाहता था क्यूकी भाभी पूरी मस्ती
मे थी लेकिन तभी भाभी की आवाज़ बहुत तेज हो गई,,,,


अहह सुउउन्न्नययययी त्टीजजििीइ ससीए छूओद्द म्मूुझहही अहह र तीज्ज्ज आहह म्मैाईन्न
झाड्दननी वाल्ल्लीी हूऊंणन्न् आहह त्टीकजजज्ज क्कार्र सुउन्नयी ओररर त्तीज्ज्ज्ज आहह वो खुद
बोलती जा रही थी ऑर खुद ही तेज़ी से मेरे लंड पर उछल रही थी,,,आहह ऊरर तीज्ज्ज उउउहह
आहह हमम्म्ममममममममममममममममम ऐसे तेज़ी से चिल्लाते हुए ऑर तेज़ी से
मेरे लंड पर उछलते हुए भाभी की चूत ने पानी बहा दिया ऑर तभी मेरे लंड ने भी पानी से भाभी
की गान्ड को भर दिया,,,भाभी कुछ देर ऐसे ही बैठी रही डॅशबोर्ड का सहारा लेके आगे की तरफ झुक
कर,,,फिर भाभी मेरे लंड से उठी तो उनकी गान्ड से मेरा लंड बाहर निकल आया जिस से मेरे लंड का पानी
जो भाभी की गान्ड मे गया था वो भी भाभी की गान्ड से निकलता हुआ मेरी टाँगों पर गिरने लगा,,,

भाभी ने झुक कर मेरी टाँग पर से स्पर्म को चाटना शुरू कर दिया फिर अपनी गान्ड पर हाथ लगा कर
बाकी के पानी को भी हाथ से चाट लिया,,,फिर भाभी ने झुक कर मेरे लंड को मुँह मे लिया ऑर चूस
कर अच्छी तरह सॉफ कर दिया,,,,अब तक मैं अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश कर रहा था,,,फिर
भाभी कार से बाहर निकल गई ऑर अपने कपड़े पहनने लगी मैने भी अपनी पॅंट ऑर बूट पहने ऑर तैयार
हो गया,,,,,भाभी को मुश्किल हो रही थी साड़ी पहनने मे तो मैं कार से बाहर निकल कर भाभी के
पास गया ऑर भाभी को साड़ी पहनने मे हेल्प करने लगा,,,,

मैं भाभी की साड़ी को हाथ मे पकड़ कर भाभी की हेल्प कर रहा था,,तभी भाभी बोली,,,,

हयी रे कामीने क्या मस्त चुदाई करता है तू,,,कभी कभी तो लगता है जान ही निकाल देगा,,,मैने इतनी
मस्ती ऑर मज़ा आज तक अपने पति के साथ नही किया हालाकी मेरी शादी को 10 साल हो गये है ,,10 साल मे
मेरे पति ने इतना मज़ा नही दिया जितना तूने 2 बार की चुदाई मे दिया है,,


क्यूकी भाभी आपके पति का छोटा है या खड़ा नही होता,,,,मैने ये बता मज़ाक मे बोली,,,

भाभी थोड़ा मायूस हो गई,,,,,,हाँ सन्नी तू सही कह रहा है,,,मेरे पति का बहुत छोटा है ऑर कभी
कभी खड़ा भी नही होता,,हर टाइम ऑफीस के काम की टेन्षन रहती है ,,इतनी ज़्यादा स्ट्रेस रहती है उनके
दिमाग़ पर कि लंड खड़ा होने की ताक़त ही नही रहती उनमे,,,,यही वजह है कि एक पत्नी कहीं भार
मुँह मारने पर उतारू हो जाती है,,,,मैं भी कब्से किसी मर्द की तलाश मे थी लेकिन कोई मिला ही नही
जिसपे यकीन किया जा सके,,चूत ऑर गान्ड के दीवाने तो बहुत मिले पर यकीन करने लायक कोई नही मिला
रितिका से तेरे बारे मे काफ़ी कुछ सुना था कि तू बहुत अच्छा है,,,उसने बहुत कुछ बताया तेरे बारे मे ऑर
सब कुछ अच्छा ही बताया,,मैने सोचा था एक बार तेरे को आजमा कर देखूँगी,,,दिल से तू अच्छा होगा लेकिन
लंड से पता नही था तू कैसा है,,,,पर उस दिन डिस्को मे देख लिया था ,,अपना पैर तेरे लंड पर लगाकर

इतना बोलकर भाभी हँसने लगी,,,,

तो क्या उस दिन आप भी वो सब कर रही थी,,,या सिर्फ़ रितिका ही कर रही थी ऐसी बचकानी हरकत

नही वो अकेली नही थी,,,वो बेचारी मे तो इतना दम भी नही था,,,वो सब मेरा प्लान था ,मैने ही उसको
तैयार किया था पर फिर भी वो डर रही थी इसलिए 2 पेग लगवा दिए थे उसको,,,ताकि डर कम हो जाए उसका

मैने रितिका वाली बात को इग्नोर किया ऑर दूसरी बात करने लगा,,जब मैने रितिका को इग्नोर किया तो भाभी
फिर से हँसने लगी,,,,


आप ठीक कह रही हो भाभी,,,आपका जिस्म इतना खूबसूरत है कि पता नही कितने दीवाने होंगे आपके,,
ऑर आपकी खुली चूत देख कर सब पता चलता है,,,,

तभी भाभी बीच मे बोल पड़ी,,,,,,,,,,नही नही सन्नी ऐसी बात नही,,,,,मैने आजा तक अपने पति की अलावा
किसी मर्द का लंड नही लिया,,,ये कमाल तो मेरी कार के गियर लीवर का है,,इतना बोलकर भाभी हँसने लगी

अच्छा जी ,,तभी मैं सोचु कि आज कल की लड़कियाँ कार चलाने मे इतना एक्षपरट कैसे होने लगी है,,,

मेरी बात सुनके भाभी हँसने लगी ऑर साथ साथ मैं उनकी साड़ी पहनने मे हेल्प भी करता रहा,,साड़ी
पहन कर भाभी ने मुझे एक डीप किसी की मेरे लिप्स पर ऑर फिर हम दोनो वापिस पार्टी की तरफ चल
पड़े,,,
 
हम लोग कार मे वापिस पार्टी की तरफ जा रहे थे तभी मुझे सोनिया ऑर कविता पापा की कार के पास घर
से बाहर खड़ी हुई नज़र आई,,,,भाभी का भी ध्यान उनपर पड़ गया था ऑर भाभी ने मुझे नीचे
छुपने को बोला लेकिन मैने मना कर दिया,,,,

रहने दो भाभी अब उन लोगो ने मुझे देख लिया है,,,,

कार के पास वो दोनो खड़ी हुई थी,,,ऑर कोई नही था वहाँ पर,,,,कविता अपने फोन को कान पर लगा
कर शायद किसी से बात कर रही थी,,,

तभी पायल भाभी ने कार कविता ऑर सोनिया के पास जाके रोक दी ऑर मैं कार से उतर गया साथ मे पायल
भाभी भी,,,,

कहाँ था तू इतनी देर से सन्नी,,मैं कब्से तेरा फोन लगा रही हूँ तू उठाता क्यू नही फोन,,कविता
थोड़ा चिड कर बोल रही थी ऑर सोनिया तो हमेशा से चिडती रहती थी अब भी मुझे गुस्से से देख रही थी

इस से पहला मैं कुछ बोलता मेरा ध्यान कार के डॅशबोर्ड पर गया,,,,,अरे फोन कैसे उठाता देखो
मेरा फोन तो पापा की कार मे पड़ा हुआ है,,,,तभी कविता ऑर सोनिया का ध्यान भी कार मे गया जहाँ
मेरा फोन पड़ा हुआ था,,,मैने सोचा सही टाइम पर बच गया तू बेटा वर्ना दोनो ने तेरी क्लास लगा
देनी थी मिलकर,,,,

तभी पायल भाभी बोल पड़ी,,,,,सन्नी ये दोनो खूबसूरत फाइटर कॉन है मुझे भी तो मिलवा ज़रा
इनसे,,

भाभी ने दोनो को फाइटर बोला तो मैं हँसने लगा,,,,खूबसूरत सुनके तो दोनो खुश हो गई थी लेकिन
फाइटर सुन कर दोनो शर्मा गई थी,,,

अरे नही भाभी ये ऐसे ही मज़ाक मे गुस्सा करती है ,,दोनो बहुत अच्छी है ये,,,,ये है कविता मेरी
फ्रेंड जिसके बारे मे मैने बताया था आपको,,,,,ऑर ये पागल लड़की कॉन है मुझे नही पता,,,,मैने सोनिया
के बारे मे ऐसा बोला तो कविता ऑर पायल भाभी दोनो हँसने लगी,,,,ऑर सोनिया गुस्से से मुझे घूर्ने लगी,

ओह्ह तो ये पक्का तेरी सिस होगी सोनिया,,,जैसा तूने बोला था ये उतनी ही क्यूट ऑर गुस्से वाली भी है,,ऑर सन्नी
तेरी पस्संद की दाद देनी पड़ेगी तेरी गर्लफ्रेंड तो बहुत ज़्यादा क्यूट है,,,,भाभी ने कविता के बारे मे इतना बोला
तो कविता शरमा गई ,फिर कविता ऑर सोनिया दोनो हँसने लगी,,,,

मैं ऑर इसकी गर्लफ्रेंड ,,,नेवेर,,,,इसकी गर्लफ्रेंड बनने से अच्छा मैं अकेली ही ठीक हूँ,,,कविता ने इतना बोला ऑर फिर से
दोनो हँसने लगी,,,,

वैसे सन्नी तुमने इनके बारे मे नही बताया ये कॉन है,,,,,सोनिया ने भाभी की तरफ इशारा किया,,,

अरे जिनके घर मे आई हो उन्ही को नही पहचानती तुम,,,,ये तुम्हारी बर्थडे गर्ल की बड़ी सिस है,,,

ओह्ह तो आप हो पायल दीदी ,,इतना बोलकर कविता ऑर सोनिया दोनो पायल भाभी के गले लग गई,,,हमने पहले
आपको कभी देखा नही था ना ,,लेकिन आपके बारे मे सुना ज़रूर था आपकी सिस से,,,

ऑर मैने भी बहुत सुनना है तुम लोगो के बारे मे सन्नी से,,,,बहुत तारीफ करता है तुम दोनो की,,,ऑर
खास कर कविता की,,,,तेरी तो बुराई ही करता है ये सोनिया,,,,

हां हां मैं तो बुरी ही हूँ ये ही अच्छा है,,दूध का धुला हुआ,,,सोनिया ने नखरे से बोला ये सब

अरे भाभी क्यूँ शुरू करती हो इसको,,,एक बार शुरू हो गई तो बंद नही होती ये,,,

ओह्ह सॉरी सॉरी सन्नी,,,तुम गुस्सा मत करो सोनिया मैं तो मज़ाक कर रही थी,,,अच्छा वैसे तुम दोनो
पार्टी एंजाय करने की जगह बाहर क्यूँ खड़ी हुई हो,,,,

एग्ज़ॅम है ना पायल दीदी इसलिए जल्दी वापिस जाना है,,

ओके एग्ज़ॅम की बात है तो नही रोकती तुमको लेकिन अभी तो बहुत टाइम है,,,थोड़ी देर बाद चली जाना
तब तक सन्नी थोड़ी ऑर सवारी कर लेगा ,,,,

सवारी ,,कैसी सवारी पायल दीदी,,,,

पायल जी के कहने का मतलब है इनकी कार की सवारी,,,,विशाल भाई भी ऐसी ही कार लेके आए है ना मेरे लिए
,,मैं उस कार को चला नही सका तो जब पायल जी को बताया तो उन्होने मुझे अपनी कार ड्राइव करने दी
ताकि मुझे कुछ हिसाब हो जाए इस बड़ी कार का,,,,

हां हां सन्नी हिसाब होना ज़रूरी है,,,वैसे तुझे देख कर लगता नही तुझे कार सीखने की ज़रूरत
है तू वैसे ही बड़ी अच्छी सवारी करता है,,,पायल भाभी ने ये बात शरारती अंदाज़ मे बोली थी,,,


तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,चलो अब हमे जाना होगा भाभी ,,इतना बोलके सोनिया ने मुझे कार मे बैठने
का इशारा किया ऑर मैं पायल भाभी को बाइ बोलके कार मे जाके बैठ गया,,,

तभी पायल भाभी ने कार की ड्राइविंग सीट से दूसरी तरफ का दरवाजा खोला ऑर कविता को बोला,,,,,,,,तुम इसकी
गर्लफ्रेंड हो ना तुम आगे बैठो इसके साथ,,,,,पायल भाभी ने इतना बोला तो कविता फिर से शरमा गई,,,,

अरे भाभी क्यूँ मज़ाक करती हो ,,बोला ना ये मेरी गर्लफ्रेंड नही है ये मेरी दोस्त है बस,,,,

अच्छा दोस्त ही सही लेकिन आगे तो बैठ सकती है ना,,

तभी सोनिया बोल पड़ी,,,नही पायल दीदी ये आज हम लोगो का ड्राइवर है इसलिए आज ये अकेला ही बैठेगा आगे
ऑर हम दोनो पीछे ,,,इतना बोलकर सोनिया ऑर कविता पायल से मिली ऑर कार की पिछली सीट पर बैठ गई,,,

फिर मैने पायल को बाइ बोला ऑर कार को आगे बढ़ा दिया,,,,मैने कार के मिरर मे से पीछे देखा तो
सोनिया ऑर कविता बड़ी खुश थी ओर मुझे देख कर हँसती जा रही थी शायद मेरा मज़ाक बना रही थी,,,

घर जाते टाइम मैने कविता को उसके घर ड्रॉप किया ऑर फिर सोनिया को लेके अपने घर चला गया,,रास्ते
भर सोनिया हँसती रही मुस्कुराती रही,,,मुझे लगा था ये कविता ऑर मेरे बारे मे वो सब सुनकर गुस्सा
होगी मुझे भी ऑर कविता को भी लेकिन ये तो खुश थी,,,लेकिन जब भी मैं उसकी तरफ देखता तो मुझे
गुस्से से ही देखती थी ये सोनिया,,,,,,


नेक्स्ट डे मुझे मुझे ख़ान भाई का फोन आया ऑर उन्होने मुझे पोलीस स्टेशन बुलवाया ऑर मैं भी
तैयार होके वहाँ चला गया,,जब मैं वहाँ पहुँचा तो एक हवलदार से ख़ान भाई के बारे मे पूछा
तो वो मुझे उनके रूम तक ले गया,,,,

मैं रूम मे एंटर हुआ तो देखा कि ख़ान भाई के साथ रितिका भी बैठी हुई थी ,,,,

सलाम ख़ान भाई,,,,,मैने रूम मे अंदर जाते ही बोला,,,

वालेकुं सलाम सन्नी भाई इतना बोलके ख़ान भाई अपनी चेयर से उठे ऑर आगे बढ़ कर मेरे गले लग गये,,,

फिर वो वापिस अपनी चेयर की तरफ बड़े तो मैने पास ही बैठी हुई रितिका को हेलो बोला ऑर अपनी चेयर पर
बैठ गया,,,रितिका ने बड़े धीमी आवाज़ मे डरते सहमते हुए मुझे हेलो का जवाब दिया,,वो कुछ
डर रही थी मेरे से ऑर नज़रे भी नही मिला रही थी,,,,

जी बोलिए ख़ान भाई आज कैसे याद किया मुझे,,,,,तभी ख़ान भाई ने मुझे एक प्लास्टिक बॅग दिया,,,

मैने वो बॅग पकड़ा ओर बोला,,,इसमे क्या है ख़ान भाई,,,

ये वही समान है सन्नी जो तुमने सुमित को दिया था उस दिन,,,,सुमित के बारे मे जब ख़ान भाई ने
रितिका के सामने ही बोला तो मुझे अजीब लगा,,,,

ख़ान भाई भी मेरी बात समझ गये ओर बोले,,,,,रितिका को सब कुछ पता है सन्नी इस से डरने की ज़रूरत
नही,,,,ये मुझे अपना भाई मानती है ऑर मेरे लिए भी ये अक़्सा से कम नही है,,,

जानता हूँ भाई लेकिन ये आज यहाँ क्या कर रही है,,,,मैने रितिका को तरफ देखते हुए बोला तो उसने
नज़रे झुका ली फिर से,,,

सन्नी ये हम लोगो की हेल्प करने के लिए यहाँ आई है,,,,

हेल्प कैसी हेल्प,,,,

ये हम लोगो को कुछ सबूत लेक दे सकती है सुरेश ऑर अमित के खिलाफ,,,

लेकिन हम लोगो के पास तो पहले ही बहुत सबूत है ख़ान भाई,,,,वो भी इतने पक्के सबूत जिससे कोई
झुठला नही सकता,,,,,,हमे इसकी हेल्प की ज़रूरत नही,,,,,
 
ऐसा मत बोलो सन्नी भाई,,,ये हम लोगो की हेल्प करना चाहती है,,,ये अक़्सा की मौत के ज़िम्मेवार लोगो
को सज़ा दिलवाना चाहती है,,,,,फिर चाहे सामने इसका अपना भाई ही क्यूँ ना हो,,,,

अच्छा ये इतना कर सकती है क्या,,,,मैने रितिका पर ताना मारते हुए बोला

हाँ कर सकती हूँ,,,रितिका गुस्से से बोली,,,,,,,,,,,,अगर मेरा बस चले तो मैं सुरेश ऑर उसके बाकी दोस्तो
को गोली मार दूं जिनकी वजह से मेरी बेहन से प्यारी दोस्त अक़्सा की जान गई है,,,,इतना बोलते टाइम उसकी
आँखों मे खून उतर आया था,,,

गोली मारना कोई बड़ी बात नही है रितिका जी,,,गोली तो मैं तब भी उनको मार सकता था जब उन्होने
करण की बेहन शिखा के साथ वो गंदी हरकत की थी,,,,ऑर उन लोगो को गोली मारना ख़ान भाई के लिए
बाएँ हाथ खेल है,,,,पर हम उन लोगो को गोली मार के इतनी आसान मौत नही देना चाहते,,हम उन लोगो
को उतना ही तड़पाना चाहते है जितना उन लोगो ने हमारी बेहन अक़्सा को ऑर बाकी लड़कियों को तडपाया
था,,गोली मारने से तो हम उनको सज़ा नही देंगे बल्कि उन पर एहसान करेंगे


तभी रितिका बोल पड़ी,,,,,,,जानती हूँ तुम लोगो के पास बहुत पक्के सबूत है,,लेकिन मत भूलो तुम लोगो
ने जिनसे पंगा लेना है वो मामूली सड़क चलते लोग नही है,,,,इस स्टेट के जाने माने पोलिटिशन के बेटे
है,,,जिनके लिए पोलीस ऑर कोर्ट को खरीदना कोई बड़ी बात नही है,,,इसलिए अगर उनके साथ बाजी खेलनी
है तो हाथ मे पत्ते बहुत ज़्यादा स्ट्रॉंग रखने होंगे,,,जितने भी ज़्यादा से ज्याद सबूत जमा होंगे
उनके खिलाफ उतने ही पत्ते स्ट्रॉंग होते जाएँगे तुम लोगो के,,,

हाँ सन्नी ये ठीक कह रही है,,,,क्यूकी हमे पहली ही डेट मे सारे सबूत दिखाने होंगे कोर्ट मे
क्यूकी अगर नेक्स्ट डेट मिल गई कोर्ट से तो पंगा हो जाना है,,,हमे पहली डेट मे कुछ सबूत दिखा
कर केस को स्ट्रॉंग करना होगा ताकि दूसरी तरफ का वकील उन लोगो की ज़मानत नही करवा सके ऑर ऐसा
तभी मुमकिन होगा जब हम लोगो के पास बहुत ज़्यादा सबूत होंगे ,,,अगर पहली डेट मे कुछ सबूत
जड्ज के सामने होंगे तो वो नेक्स्ट डेट दे भी देगा लेकिन उन लोगो को ज़मनात बिल्कुल नही देगा,,,

ठीक है ख़ान भाई जैसा आप बेहतर समझे ,,,लेकिन इसके पास ऐसे क्या सबूत है ज़रा पता तो चले ,,,

अभी मेरे पास कोई सबूत नही है सन्नी लेकिन मैं 1-2 दिन मे ऐसा सबूत लाके दे सकती हूँ जो तुम
लोगो के बड़ा काम आ सकता है,,,

अच्छा ऐसा क्या करोगी तुम 1-2 दिन मे,,,,ऐसा कॉन्सा तीर चला दोगि,,,पता तो चले हमे,,,मैने रितिका को
फिर से ताना मारा था,,,

ये तुम देखते जाओ बस सन्नी,,,सबूत ऐसा होगा कि तुम लोग भी याद रखोगे,,

तो ठीक है हम इंतेज़ार कर रहे है उस सबूत का,,,,मैने फिर से उसको ताना मारा,,,,

ठीक है इंतेज़ार करो फिर ,,,इतना बोलकर वो गुस्से से उठी ऑर ख़ान भाई को अलविदा बोलकर वहाँ से चली
गई ऑर जाते टाइम मुझसे कोई बात नही करके गई,,,,


तुम ऐसा क्यू कर रहे हो सन्नी भाई,,,,ख़ान भाई ने रितिका के जाते ही मेरे से पूछा,,,

क्या मतलब भाई मैं कुछ समझा नही,,

मेरा मतलब तू रितिका के साथ इतना अजीब ढंग से क्यूँ पेश आ रहा था,,,,तुझे उसपे यकीन नही है
क्या,,,,

नही ख़ान भाई ऐसी बात नही ,,,वो अच्छी लड़की है,,,मेरी अच्छी दोस्त भी है,,,मैं तो बस उसको इस सब से
दूर रखना चाहता हूँ ,,,,आपको तो पता ही है इस सब मे कितना ख़तरा है,,,,मैं नही चाहता कि
हम लोगो की वजह से वो किसी मुसीबत मे फसे,,,वो मासूम लड़की इतना सब कैसे कर सकती है,,,,अगर
उसको कुछ हो गया तो मैं खुद को माफ़ नही कर पाउन्गा क्यूकी वो ये सब हम लोगो की वजह से तो
कर रही है,,,

तभी एक हवलदार जो चाइ लेके ख़ान भाई के रूम मे आ रहा था उसके हाथ से चाइ की ट्रे गिर गई
जिस से कुछ शोर हुआ ऑर मैं पलट कर उस तरफ देखने लगा,,,,मैने देखा कि दरवाजे के बाहर
रितिका छुप कर खड़ी हुई थी ऑर हम लोगो की बात सुन रही थी,,,,उसी से टकरा कर हवलदार के हाथों से
चाइ की ट्रे नीचे गिरी थी,,,,,,,,उसने मेरी तरफ हंस कर देखा ऑर वहाँ से भाग गई,,,,वो दरवाजे की बाहर
की तरफ थी शायद ख़ान भाई की नज़र नही पड़ी थी उसपे,,

ये क्या किया चाइ क्यू गिरा दी,,

सॉरी साहब वो ग़लती से हो गया,,,,हवलदार बहुत डर गया था,,,

कोई बात नही ऐसा हो जाता है,,,अब इसको सॉफ करो ऑर जाके दोबारा से 2 कप चाइ ले आओ,,,इतना बोलकर
हवलदार को ख़ान भाई वापिस मुझसे बात करने लगे,,,

सही बोला सन्नी तूने,,,,तेरे आने से पहले मैं भी उसको यही सब समझा रहा था लेकिन वो पगली अक़्सा से
इतना प्यार करती थी कि अक़्सा की मौत के ज़िम्मेदार अपने ही भाई को फाँसी पर लटकाने पर उतारू हो गई
थी,,,,अब मैं उसको ज़्यादा नही समझा सकता लेकिन एक बात कहूँगा कि मुझे उस पर पूरा यकीन है ऑर
तुम भी उसपे यकीन करना,,,वो कभी हमे धोखा नही देगी,,,,

जी ख़ान भाई मैं उसपे यकीन करता हूँ लेकिन डरता हूँ,,,,,

फिर हम लोगो की बातें होती रही ,,मैं काफ़ी टाइम ख़ान भाई के पास बैठ रहा ऑर प्लान के बारे मे
बात करते रहे ,,हवलदार दोबारा से चाइ लेके आ गया था ऑर फिर मैं चाइ पीके ख़ान भाई से अलविदा
कहके वहाँ से चला आया,,,,
 
फिर घर जाते टाइम मेरा फोन बजने लगा,,,शायद किसी का मेसेज आया था,,,,मैने फोन निकाला ऑर
मेसेज देखने लगा,,,,,ये मेसेज था कारण का जिसने लिखा था ज़रूरी काम है ,,अभी मेरे घर आओ,,,,

अब इसको क्या ज़रूरी काम आन पड़ा जो अभी बुलाया है,,,,मैने सोचा कि इसको कॉल करके पूछ लेता हूँ
लेकिन सोचा कि अभी करण के घर के करीब हूँ कॉल करने से अच्छा है उसके घर ही चला जाता हूँ
इसलिए मैं करण के घर चाल गया,,,,

गेट पर बेल बजाने पर करण बाहर आया,,,वो सिर्फ़ निक्केर मे था,,ओर पसीने से भीगा हुआ था,,मैं समझ
गया कि ये अंदर लगा होगा चुदाई करने मे,,,,,उसने मुझे देखा ऑर खुश हो गया,,,

अच्छा हुआ भाई तू आ गया,,,,उसने मुझे हाथ से पकड़ा ऑर अंदर खींच लिया ऑर फिर गेट बंद करके
मेरे गले लग गया,,,,,

आना तो था ही ,,,,,तूने मेसेज जो किया था,,,,,लेकिन ये क्या हाल बना रखा है तूने ,,,,मैने करण से पूछा


ये हाल माँ ऑर शिखा ने बनाया है मेरा ऑर मेसेज भी तुझे शिखा ने किया था मेरे फोन से,,,

अकेले का दम निकाल दिया था दोनो ने मिलकर,,,रात पार्टी से वापिस आया तभी से लगा हुआ हूँ,,,कुछ
देर सोया था बस,,,अब तू आ गया है तूही कुछ हेल्प कर मेरी,,,

इतना बोलकर करण ने फिर से मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अंदर ले गया ऑर अंदर आते ही दरवाजा लॉक
करके मुझे अपनी माँ के रूम की तरफ ले गया,,,,


जैसे ही मैं अंदर गया तो देखा कि शिखा ने एक स्ट्रॅप-ऑन लगाया हुआ था जिस से वो नकली लंड जुड़ा होता
है,,ऑर वो उस नकली लंड को अपनी कमर पर बाँध कर अलका की चुदाई कर रही थी उसके उपर लेट कर,
ऑर साथ साथ दोनो किस भी कर रही थी एक दूसरे के लिप्स पर,,,,,



तभी अलका आंटी का ध्यान मेरी तरफ आया ऑर फिर नीचे मेरी पेंट की तरफ,,,,अलका ऑर शिखा को देख कर
पल भर मे मेरा लंड ओकात मे आ गया था,,,ऑर आता भी क्यू नही ,,दो नंगे मदमस्त जिस्म एक दूसरे की
बाहों मे लिपटे पड़े थे बेड पर ऑर एक से बढ़ कर एक मस्त जिस्म था,,,बड़े बड़े बूब्स ,,मस्त गान्ड
गोरा संगमरमर जैसा बदन,,जो पसीने से भीगा हुआ हल्की लाइट मे भी सूरज की तरह चमक रहा
था,,,उन दोनो को एक पल देख कर ही मस्ती मे पागल हो गया था मैं,,,,

तभी अलका आंटी ने शिखा को अपने उपर से हटने को बोला,,,,,,

क्या हुआ माँ मज़ा न्ही आ रहा क्या,,,,,

हाँ बेटी अब इस नकली लंड से मज़ा नही आ रहा क्यूकी मेरा असली मूसल आ गया है,,,,अलका आंटी ने इतना
बोला तो अलका के साथ साथ शिखा का भी ध्यान मेरी तरफ आया,,,,शिखा जल्दी से बेड से उठी ओर मेरी तरफ
भाग कर आ गई ओर आके मेरे से लिपट गई,,,,वो इतनी तेज़ी से भाग कर आई थी कि उसका नकली लंड जो उसने
अपनी कमर पर बाँधा हुआ था वो मेरे लंड पर लगा ज़ोर से,,,,,

मेरे मुँह से अहह निकल गई दर्द के मारे,,,,,शिखा ऑर करण हँसने लगे फिर शिखा ने वो नकली
लंड उतारा ऑर दूर फेंक दिया,,,,,ऑर वापिस मेरे से चिपक गई ऑर मुझे पागलो की तरह किस करने लगी
मेरा हाथ मे वो प्लास्टिक का बॅग था जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था मैने वो बॅग करण को पकड़ाया
ऑर करण ने वो बॅग साइड पर टेबल पर रख दिया ऑर हाथ खाली होते ही मैने शिखा को गोद मे उठा
लिया,,,क्यूकी मैं अब तक मस्त हो चुका था 2 नंगे बदन देख कर,,,,मैने शिखा को गोद मे उठाया
ऑर बेड की तरफ चल पड़ा जहाँ अलका नंगी लेटी हुई थी,,,बेड के पास जाके मैने शिखा को बेड पर उतार
दिया ऑर शिखा बेड पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी ,,किस करते हुए शिखा ने मेरी
टी-शर्ट पकड़ी ऑर उपर उठाने लगी तभी मैने भी अपने हाथ हवा मे उपर उठा दिए ताकि शिखा को कोई
मुश्किल नही हो मेरी टी-शर्ट उतारने मे ,,जब मैं हाथ हवा मे उठा रहा था तभी मुझे मेरी पॅंट
पर किसी के हाथों एक एहसास हुआ ऑर जब तक शिखा ने मेरी टी-शर्ट निकाली ऑर मैने नीचे देखा तो अलका
आंटी ने मेरी पॅंट को खोल दिया था ऑर मेरा हार्ड हो चुका लंड उनके हाथ मे था,,,आंटी ने उसकी
टोपी पर 2-3 किस किए अपने लिप्स से ऑर टोपी को ज़ुबान से अच्छी तरफ चाटा फिर मुँह मे भर लिया ,,शिखा
ने वापिस मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ-साथ मेरी चेस्ट पर हाथ घुमाने लगी,,वो मेरे
लिप्स को अच्छी तरह से अपने मुँह मे भरके चूस रही थी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह एक हर कोने मे
घुमा रही थी,,मैं भी उतनी ही मस्ती से उसको किस का रेस्पॉन्स दे रहा था ऑर अब तो मैं ज़्यादा मस्त
हो गया था क्यूकी अलका आंटी आज बहुद बढ़िया तरीके से मेरा लंड चूस रही थी,,कारण ऑर शिखा के
साथ रहके आंटी काफ़ी तेज हो गई थी,,,वो अब मेरा पूरा लंड मुँह मे लेके चूस रही थी,,,मेरी बॉल्स
अलका आंटी के लिप्स पर टच हो रही थी ,,,

तभी करण ने अपनी निक्केर उतारी ऑर लंड हाथ मे लेके मेरे करीब खड़ा हो गया ऑर अपना लंड अपनी माँ
के मुँह के करीब कर दिया ,,,अलका ने भी मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर हाथ से सहलाते हुए करण के
लंड को मुँह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा मुँह मे घुसा लिया ,,,मैं शिखा को किस करते हुए
नीचे अलका के मुँह मे जाते हुए करण के लंड को देख रहा था जो पूरा का पूरा अलका के मुँह मे घुसा
हुआ था ऑर तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था,,मैं अलका को लंड चूस्ते देख मस्त हो गया था ऑर उसका हाथ
थूक लगे मेरे लंड पर बड़ी नज़ाकत से आगे पीछे होके मेरे लंड को सहला रहा था,,,ऑर उपर से शिखा
मुझे किस करते हुए मेरी छोटी छोटी निपल्स को उंगलियों मे पकड़ कर दबा रही थी जिस से मुझे हल्के
दर्द के साथ मीठा मीठा मज़ा आ रहा था,,,कुछ देर बाद अलका ने करण के लंड को मुँह से निकाल
दिया ऑर मेरे लंड को वापिस मुँह मे भर लिया ऑर बड़े प्यार से चूसने लगी,,करण तब तक बेड पर चढ़
गया ऑर उसने बेड पर झुकी हुई अलका के पीछे जाके अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसा दिया ऑर अलका की
कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,अलका को पीछे से तेज झटके लग रहे थे जिस वजह से
अलका को अपने सर को हिलाने की ज़रूरत नही पड़ रही थी ,तेज झटके की वजह से उसका सर खुद-ब-खुद मेरे
लंड पर आगे पीछे हो रहा था ,,पीछे से करण का लंड उसकी गान्ड मे पूरा अंदर तक घुस रहा था
ऑर आगे से मेरा लंड पूरा उसके मुँह मे गले से अंदर तक जा रहा था,,


फिर कुछ देर बाद शिखा मेरे से अलग हुई ऑर बेड पर गिर गई ,,उसने बाहें खोल कर मुझे उसके उपर
आने को बोला तो मैं जल्दी से उसके उपर गिर गया ,,,,मेरे गिरते ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर
अपनी चूत के द्वार पर रखा ऑर मैने एक ही झटके मे पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे ऑर तभी
उसने अपनी बाहों से मुझे पीठ से जकड़ा ऑर अपने से सटा लिया ऑर मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,,मेरे
हाथ उसके बूब्स पर थे ऑर मेरे पैर ज़मीन पर ,,,शिखा के पैर भी घुटनो से बेड से नीचे लटक
रहे थे ,,मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रखे ऑर पकड़ बना कर तेज़ी से अपने पैरो का भी सहारा
लेते हुए जोरदार झटके मारने लगा शिखा की चूत मे ,,शिखा भी मुझे किस करती हुई मेरी पीठ से
मुझे पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे हिला रही थी ऑर मुझे स्पीड ज़्यादा तेज करने को बोल रही थी,,,मैं
उसके बड़े बड़े बूब्स को जो अब पहले से भी बड़े हो गये थे उनको हाथों मे लेके ज़ोर-ज़ोर से मसलता
हुआ तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था,,,,उधर करण बेड पर अलका के पीछे बैठकर अलका की गान्ड मार
रहा था,,,,

कुछ देर बाद करण ने अपने लंड को अलका की गान्ड से निकाला ऑर अलका उठकर मेरे करीब आ गई ऑर
शिखा के लिप्स से मेरे लिप्स दूर करके खुद मुझे किस करने लगी,,,,शिखा समझ गई कि अब उसकी माँ
को मेरा लंड चाहिए था इसलिए उसना मुझे खुद पर से उठने को कहा तो मैं भी शिखा के उपर से
उठ गया ऑर तभी शिखा ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर अपनी माँ को मेरे उपर आने को बोलने लगी लेकिन
अलका ने ना मे सर हिला दिया ऑर मुझे बेड से उठा दिया ऑर करण को पकड़ कर बेड पर लेटने को बोला
ऑर जैसे ही करण बेड पर लेटा अलका ने अपनी दोनो टाँगें खोली ऑर कारण के लंड पर बैठकर उसके लंड
को हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी छूट मे घुसा लिया ऑर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोला,,,,मैं ऑर
शिखा दोनो हँसने लगे अलका की इस हरकत पर,,क्यूकी उसको मेरा लंड अपनी चूत मे नही गान्ड मे
चाहिए था,,,इसलिए तो उसने मुझे बेड से उठाकर करण को बेड पर लेटा दिया था,,मैने पीछे जाके
अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसाने की कोशिश की लेकिन वो नही घुसा क्यूकी मेरा लंड करण के
मुक़ाबले ज़्यादा मोटा था,,,तभी शिखा झुकी ऑर मेरे लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी ऑर जब
लंड थूक से सराबोर हो गया तो उसने मुँह मे जमा कुछ थूक को अपनी माँ की गान्ड पर थूक दिया
जिस से मेरे लंड के साथ उसकी माँ की गान्ड का होल भी चिकना हो गया ऑर फिर मैने लंड को हाथ मे '
पकड़ा ऑर तेज़ी से अलका की गान्ड मे घुसा दिया ,,लंड एक ही बार मे आधे से ज़्यादा घुस गया ऑर अलका की
एक हल्की सी चीख निकल गई,,,,हयीईईईईईईई माआआआअ,,,,,,,,उसको थोड़ा दर्द हुआ लेकिन उसने
मुझे रोका नही ,,,मैने भी उसकी कमर को पकड़ा ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मे झटके मारने लगा ऑर जब 2-3
झटको मे मेरा पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने उसकी गान्ड मे लंड पेलने की स्पीड थोड़ी
तेज करदी,,,इधर शिखा मेरे पास खड़ी हुई थी जो कभी मेरे लिप्स पर किस कर रही थी तो कभी मेरे सर
को पकड़ कर अपने बूब्स पर झुका देती जिस से मैं उसके बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगता,,,
 
अलका अब 2 लंड का स्वाद ले रही थी इसलिए उसकी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,आहह माआआआआ
क्काहंणन्न् तहाा तुउुउउ आब्ब्ब्ब ताक्क्क ससुउन्नययी ब्बेट्टयाआया हहयइईए उहह
'क्कीत्थन्नाअ त्ताररासस्स गगयइ टहिि मेरेईी गाणन्दड़ त्तीररी इश्स म्मूस्साल्ल्ल क्क्क ल्लीइयईीई आहह
एब्ब ज्जाक्कीए क्काहहिन्न ममिल्ला ईसस्क्क्कूऊऊ ,,,,,हहुउऊुुुउउ हमम्म्ममममममममममम
आहह म्माआआआआआअ घहुउस्साअ द्दी आपपनाअ प्पूउर्राा म्मूससाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्म्मेरेइईईईई गाणन्ँद्द्द्द्ड म्मीईए आहह ईइत्त्न्ना ंमाज़्ज़जज्ज्जा द्दीई म्मूउजझीईए
क्क्कीिई मायन्न्न प्पागगाल्ल्ल हहूओ अज्जूउन्न्ञणणन् हयीईई ररीए क्कीिट्त्न्ना बड्डा हहाई त्तेर्राआअ
यईी म्मूस्सालल्ल्ल ऊरर क्कीिट्त्न्नाअ ंमाज़्ज़जाअ द्दीत्ताआ हहाइईईईईई ,,,,,,,,,अलका फुल मस्ती मे थी एक
साथ 2 लंड का मज़ा लेके ऑर ये मज़ा उसकी सिसकियों से सॉफ जाहिर हो रहा था ऑर ये मज़ा इतना था कि वो
ज़्यादा देर तक झेल नही पाई इस मस्ती ऑर मज़े के साथ होते 2 लंड के हमले को ऑर उसकी चूत ने पानी
बहाना शुरू कर दिया,,,,ये बात मुझे नही पता चली लेकिन जब उसकी चूत से निकलने वाला पानी करण
के बदन पर गिरा तो उसके कुछ छींटे मेरी टाँगों पर पड़े जिस से मुझे पता चला कि वो झड गई
थी ऑर उसने करण के उपर से उतरने की कोशिश की लेकिन मैने उसको नही छोड़ा क्यूकी मैं पूरी मस्ती
मे जो था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उसकी माँ को छोड़ने को बोला तो मैने छोड़ दिया ऑर अलका जल्दी
से उतर कर बेड पर गिर गई ऑर इतने मे शिखा ने उसकी जगह ले ली लेकिन कुछ अलग अंदाज़ से,,उसने अलका
की तरह करण की तरफ चेहरा करके मेरी तरफ अपनी गान्ड नही की बल्कि वो उल्टी होके करण के उपर लेट
गई जिस से उसकी गान्ड करण की तरफ ऑर उपर बूब्स ऑर चूत वाला हिस्सा मेरी तरफ आ गया,,,मैने उसको
थोड़ा गुस्से से देखा क्यूकी मैं उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन उसने हंस कर अलका की तरफ देखा ऑर
मुझे भी उसकी तरफ इशारा किया जो बड़ी बेसूध लग रही थी,,मैं शिखा का मतलब समझ गया वो मेरा
मूसल अपनी गान्ड मे नही लेना चाहती थी बल्कि चूत मे लेना चाहती थी,,,करण का मूसल लंबा तो
था लेकिन पतला भी था जिस से शिखा को उसके मूसल को गान्ड मे लेने से कोई दिक्कत नही होती,,,


करण के अपने मूसल को शिखा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर शिखा की कमर को पकड़ कर अपनी कमर
को तेज़ी से उपर उछाल कर शिखा की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर उपर से मैं शिखा के उपर झुक गया
ऑर अपने मूसल को हाथ मे लेके शिखा की चूत मे घुसा दिया ओर शिखा के बूब्स को मुँह मे भर
लिया जिस से शिखा को मस्ती के सातवे आसमान पर जाने मे ज़्यादा टाइम नही लगा,,,ऑर उसकी सिसकियों ने ये
सबको बता दिया,,,हईीई सुउन्नयी त्तीर्रा म्मूसाल्ल्ल क्कीिट्त्न्ना माज्जा डेटताअ हहाईईइ आहह
ऊरर टीज़्ज छ्छूड्द म्मूउजझी सुउन्नयी र टीज़्जज घहुऊस्सा आअप्पान्नाअ म्माऊओाससाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्मीईईईईररर्र्र्र्रृिईई चहूओतर्त्टत्टतत्त म्मीईई ऊररर जजूर्र्ररर ससी द्डब्बाआ म्मी ब्बूबबसस
ककूऊ म्म्मेरिइई क्काहहतिीई ससीई उउक्खााद्दद्ड डदीए इन्नकूऊऊ आहह क्कीिट्त्न्नाअ
ंमाज़्ज़जा आर्रहहा हहाीइ ईकककक सस्साआत्तह 2 ल्लुउन्न्ड़डड़ ससीए चहुूद्ड़ञनईए म्मीईईई
कककाररांन्न म्मेरेरिइई ब्बाहहिईिइ ऊओरर टीज़्जज उऊच्छाल्ल्ल आपपनन्ी ग्गगाणन्ँदडड़ क्कू टाक्कीईईई
टतरराा म्मूओस्सालल्ल्ल ऊरर त्टीज्जजििइई ससीए ग्घूउऊउस्स्टता र्राहही म्म्मेरेइईईईई गगाणंनन्न्ँद्दद्ड
म्मीईए आहह माआअ क्क्य्या ब्बाहहिि हहाइईइ मेरेररीई आहह उउउहह
क्कीिट्त्न्नाआ ंमाज़्ज़जज्ज्जाअ द्दी र्राहह्ी हहाइईईईईई अप्प्पनन्िईीई बीहान्ंणणन् कककूऊव आहह
ऊओररर त्टीज्जज छ्छूओड़दूव मेरेरी बाहहीी आहह द्दूओन्नूओ ममिल्लककारररर पफाद्दद्ड
द्डूऊ मेरेइईईईई चूत्त ऊररर गाणन्ँदडड़ कककूऊ हयीईई मा क्कीत्टन्न्नाअ ंमाज़्जाआ
आ र्राहहाा हहाईईईईई,,,,,,,,,,


तभी करण की सिसकियाँ शुरू हो गई थी लगता था वो झड़ने वाला था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उपर
से हटने को बोला वो भी हल्के धक्का देके एक हाथ से मैं भी जल्दी से उसके उपर से हट गया ऑर तभी
शिखा भी जल्दी से उतर गई करण के उपर से क्यूकी वो नही चाहती थी कि कारण इतनी जल्दी झड़े ऑर करण
के उपर से उतर कर पलट गई ऑर अपनी चूत को करण की तरफ करके अपनी गान्ड को मेरी तरफ कर दिया


,,अब करण ने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया जिस से कारण का काम जल्दी नही होगा उसको थोड़ा टाइम
लग जाएगे ऑर साथ ही शिखा की गान्ड मे जाके मेरे लंड का काम जल्दी हो जाएगा,,,ऑर हो सकता था कि
मेरा ऑर कारण का काम एक साथ हो जाए यही शिखा भी चाहती थी,,,,,करण ने शिखा की चूत मे लंड
घुसा दिया ऑर शिखा ने झुक कर करण को किस करना शुरू कर दिया ऑर तभी मैने पीछे से अपने लंड
को शिखा की गान्ड के होल पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया,,,,शिखा की चूत के पानी से लंड पहले ही
काफ़ी चिकना हो गया था ऑर करण के लंड की वजह से शिखा की गान्ड काफ़ी खुली हो गई थी जिस से मेरा
लंड एक ही बार मे पूरा जड़ तक घुस गया ऑर मैने झटका भी काफ़ी तेज़ी से मारा था जिस से लंड सीधा
गान्ड की दीवार से टकरा कर एक तरफ मूड गया था ,,,शिखा को पता था मैं गान्ड बेरेहमी से मारता
हूँ ऑर उसको दर्द भी होगा ऑर शायद वो चिल्ला भी देगी इसलिए चिल्लाने से बचने क लिए उसने करण को
किस करना शुरू कर दिया था,,,हम लोग ऐसे करीब 10 मिनट तक लगे रहे फिर शिखा ने करण के
लिप्स से अपने लिप्स आज़ाद किए ऑर तेज़ी से सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया ,,,मैं समझ गया शिखा का भी काम
हो गया समझो ऑर करण की आवाज़ निकली तो पक्का था वो भी झड़ने वाला है तभी मैने भी अपनी स्पीड तेज
ऑर झटका जोरदार कर दिया जिस से मैं भी झड़ने के करीब आ गया था,,तभी जोरदार आवाज़ से शिखा की
चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर साथ ही करण के लंड ने भी पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया
ऑर यहाँ जैसे ही मेरी आवाज़ निकलनी शुरू हुई अलका समझ गई मैं भी झड़ने लगा हूँ तो वो भाग
कर मेरे पास आ गई ऑर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर शिखा की गान्ड से बाहर निकाल कर जल्दी से अपने
मुँह मे भर लिया ऑर जैसे ही मेरा लंड अलका के मुँह मे घुसा मेरे लंड से भी पिचकारियाँ निकलनी
शुरू हो गई ऑर अलका ने मेरे स्पर्म को निगलना शुरू कर दिया,,,,,मुझे याद आया जब पहली बार मैने
अलका के मुँह मे स्पर्म निकाला था तो इसने मुझे बड़े गुस्से से देखा था लेकिन आज ये कितने मज़े से मेरे
लंड का स्पर्म पी रही थी जैसे कोई रसमलाई हो,,,अलका ने मेरा लंड भी अच्छी तरह से चाट कर सॉफ
कर दिया,,,ऑर फिर शिखा ने भी करण के लंड को अच्छी तरह सॉफ किया ऑर हम सब आराम से लेट कर
खुद पर क़ाबू करने लगे,,,,अलका ऑर शिखा दोनो उठकर एक साथ बाथरूम मे चली गई जबकि मैं ऑर
करण ऐसे ही लेटे रहे,,,,

उस दिन एक बार फिर मैने ऑर करण ने मिलकर अलका ऑर शिखा को चोदा था,,,फिर जब दोनो माँ बेटी
पूरी तरह से संतुष्ट हो गई ऑर रात तक कुछ नही करने को बोला तो कारण की जान मे जान आई,,,

अच्छा हुआ भाई तू आ गया अब रात तक मुझे सुख है ,,,लगातार इतने टाइम से माँ ऑर बेहन दोनो की
चुदाई करके मैं थक गया था तू साथ नही देता तो रात तक क्या मैं कल सुबह तक इनको संतुष्ट नही
कर पाता,,,,अलका ऑर सीखा दोनो कपड़े पहन कर किचन मे काम करने चली गई ऑर हम दोनो को 2
कप कॉफी बना कर दे गई,,,,फिर मैं ऑर करण ने पॅंट पहनी ऑर उपर का जिस्म अभी भी नंगा ही था
हम दोनो कॉफी पीते हुए बातें करने लगे,,,,

तभी करण का ध्यान गया उस प्लास्टिक के बॅग पर जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था,,,,,,,

इसमे क्या है सन्नी भाई,,,,,करण ने प्लास्टिक बॅग की तरफ इशारा करते हुए पूछा,,,,
तब मैने करण को बताया ये बॅग मैं ख़ान भाई से लेके आया हूँ ऑर बाकी की बात भी बता दी कि
इस बॅग मे क्या है ऑर रितिका वाली बात भी बता दी,,,कि वो सुरेश ऑर अमित के खिलाफ हम लोगो की हेल्प
करने वाली है ,,,वो हम लोगो को अपने ही भाई के खिलाफ सबूत देने वाली है,,,


करण खुश हो गया ये सुनके,,,,,,हां भाई रितिका बहुत अच्छी है,,,उसने मुझे भी कहा था कि सुरेश ऑर
अमित ने जो भी किया है शिखा दीदी के साथ उस से उसको बहुत गुस्सा है,,,,वो तो अपने भाई से बहुत ज़्यादा
नफ़रत करती है,,,,उसने मेरे से ऑर शिखा दीदी से भी बात की थी इस बारे मे कि वो हम लोगो की हेल्प
करेगी,,,शिखा दीदी को भी वो बहुत अच्छी लगती है,,,,तभी तो शिखा दीदी की हेल्प से मैने माँ से भी बात
करली है रितिका से शादी करने के बारे मे,,,,

मैं उसकी बात सुनकर चोंक गया,,,,,,,,,क्या तूने आंटी से बात करली अपनी ऑर रितिका की शादी की,,,,क्या कहा
आंटी ने,,,मान गई क्या,,,मैं बड़ा खुश होके पूछ रहा था क्यूकी इस से बड़ी खुशी की क्या बात
थी कि आंटी करण की शादी के लिए मान जाती,,,


हाँ भाई माँ मान गई है शिखा ने माँ को मना लिया है,,,,लेकिन माँ ने बोला है कि शिखा की शादी
के बाद मेरी शादी होगी,,लेकिन शिखा ने बोल दिया उसको अभी शादी नही करनी ऑर माँ को पहले मेरी
शादी के लिए भी मना लिया है,,अब माँ भी मेरी ऑर रितिका की शादी जल्दी से जल्दी करना चाहती है,,,

अच्छा अगर ये बात है तो तू जल्दी से तैयार होज़ा बस,,,,मैं तेरी शादी करवा दूँगा रितिका से,,,,

वो कैसे भाई,,,करण खुशी से बट थोड़ा हैरान होके मेरे से पूछ रहा था,,,,

तू इसकी टेन्षन मत ले ,,अब तू तैयार है तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ तुम दोनो के लिए,,,,वैसे तूने
ये बात रितिका को बता दी क्या,,,,,

हां भाई मैं उसको घर भी लेके आया था ,,,माँ ऑर शिखा से मिलवाने ,,शिखा तो पहले से जानती है
उसको लेकिन माँ नही मिली थी,,,माँ को भी अब मिला दिया है ऑर माँ को वो पस्संद भी है,,,,माँ को तो
ऑर भी जल्दी पड़ गई ,,बोलने लगी कहीं ऐसी खूबसूरत लड़की हाथ से नही निकल जाए तू जल्दी शादी करले

सच मे यार रितिका है तो खूबसूरत ऑर तेरी उसके साथ जोड़ी भी अच्छी रहेगी,,,
 
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