hotaks444
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मैने उस दिन हॉस्पिटल मे देखा था जब तुम ख़ान भाई को उन सभी लोगो को रिहा करने को बोल रहे
थे ,,,तब तुम लोगो की बातें सुनी भी थी मैने,,,,
तो इसमे क्या,,,,,ख़ान भाई तो पहले से तुम्हारे भाई ऑर उसके दोस्तो के पीछे लगे हुए थे,,उनके पास
कोई सबूत नही था,,,ऑर मेरे पास कोई ज़रिया नही था तुम्हारे भाई तक पहुँचने का,,ख़ान भाई
ऑर मैं मिल गये,,अब मेरे पास ज़रिया है ऑर ख़ान भाई के पास सबूत है,,इसमे कोई बड़ी बात नही
,,,तुम ये सब क्यो पूछ रही हो वैसे,,,,
जानती हूँ मैं ,,,,,ख़ान भाई की बेहन अक़्सा मेरी बड़ी अच्छी दोस्त थी,,,,दोस्त कम मेरी बेहन ज़्यादा
थी वो,,ऑर ख़ान भाई मुझे सुरेश से कहीं बढ़ कर है,,,
अगर ऐसी बात है तो तुम ये सब क्यू पूछ रही हो,,,,तुमको क्या चाहिए ये बोलो,,,
मैं बस यही चाहती हूँ सन्नी कि मैं भी तुम लोगो का साथ दूं ताकि सुरेश को सज़ा दिलवाके
मैं अपनी बेहन अक़्सा की मौत का बदला ले सकूँ ,,,,मैं भी तुम लोगो का साथ शामिल होना चाहती
हूँ,,,,
नही ये नही हो सकता ,,,हम तुमको अपने प्लान मे शामिल नही कर सकते,,,,
तभी वो मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,,,,क्यूँ ,,मैं तुम लोगो
के प्लान मे शामिल क्यूँ नही हो सकती,,,,,क्या तुमको मुझपे यकीन नही है,,,,क्या तुमको लगता है
मैं तुम लोगो को धोखा दूँगी,,,ये बोलते टाइम वो मेरे हाथों को बड़े प्यार से सहला रही थी,,
मुझे समझ नही आ रहा था वो क्या कर रही है,,,
नही ऐसी बात नही है रितिका,,,इस सब मे बहुत ख़तरा है,,,,मुझे भी इस सब से बहुत डर लगता है
कभी कभी,,,ये तो ख़ान भाई मेरे साथ हो गये इसलिए मेरा डर थोड़ा कम हो गया है,,,,
तो मुझे भी साथ कर्लो ना सन्नी,,,,तुम्हारी वजह से मेरा डर भी कम हो जाएगा,,,,इतना बोलकर वो
मेरे ऑर करीब आ गई,,,,अब भी उसके हाथ मेरे हाथों मे थे ऑर वो मेरे हाथों को बड़े प्यार
से सहला रही थी ,,,,उसके माथे पर पसीना ऑर चेहरे पर डर सॉफ नज़र आ रहा था,,,वो अभी भी
बहुत डरी हुई थी बहुत परेशन थी,,,,लेकिन जो सब वो कर रही थी उस से मैं भी परेशान होने लगा
था ,,उसका मुझे छूने का ऑर मेरे हाथों को सहलाने का अंदाज़ बहुत हल्की मस्ती की तरफ लेके जा
रहा था,,,,,लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था वो ऐसा क्यूँ कर रही थी,,,वो मेरे इतने करीब थी की
उसका ऑर मेरा जिस्म बस 3-4 इंच दूर थे,,मेरे हाथ जो उसके हाथों मे थे ऑर हम दोनो के जिस्म
के बीच थे ऑर हम दोनो के पैट पर टच कर रहे थे,,,,तभी उसने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे
उम्मीद तक नही थी,,,,उसने मेरे हाथ पकड़े ऑर डरते हुए काँपते हाथों से मेरे हाथों को अपने
बूब्स की तरफ ले गई ऑर खुद अपने लिप्स को मेरे लिप्स के करीब ले आई,,,,इस से पहले मैं कुछ सोच
सकता या कुछ कर सकता मस्ती ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था,,,,उसने जैसे ही मेरे हाथ अपने
बूब्स पर रखे ऑर अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखे तो मुझे एक दम से झटका लगा ऑर मैने उसके
बूब्स को हल्के से मसल दिया तभी उसने मुँह खोल कर मेरे एक लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन
तभी एक दम से मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसको खुद से दूर कर दिया,,,,,
ये क्या कर रही हो तुम रितिका,,,,तुम्हारा दिमाग़ खराब है क्या,,,,ये क्या बत्त्मीजी है,,,,
तभी उसकी आँखों मे हल्के आँसू आ गये,,,,हां सन्नी मेरा दिमाग़ खराब है,,पता नही क्यूँ
जिस दिन से तुमको देखा है उसी दिन से मेरा दिमाग़ खराब हो गया है,,,अब तुम ही मेरा दिमाग़ ठीक
कर सकते हो,,,इतना बोलके वो फिर से मेरे पास आने लगी,,,लेकिन मैने उसको रोक दिया ऑर खुद उस से
दूर हो गया,,,,
क्या हुआ सन्नी ,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,क्या मैं तुमको खूबसूरत नही लगती,,,,
ये क्या कह रही हो रितिका,,,,ये सब क्यूँ कर रही हो तुम,,,,क्या हो गया है तुमको,,,
पहले मेरी बात का जवाब दो सन्नी,,,,वो रोने लगी थी,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,
ऐसी बात नही है रितिका तुम बहुत अच्छी हो,,,,मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुम जो सब कर रही हो वो ग़लत
है,,,,,तुम करण की गर्लफ्रेंड हो,,,,ऐसा करके तुम करण को धोखा दे रही हो,,,,ऑर ऐसा करके मैं भी
करण को धोखा दे दूँगा,,,,
धोका तो करण ने भी मुझको दिया था,,,,,रितिका रोते हुए बोली,,,,
करण ने वो सब बदले की आग मे किया था रितिका,,,,उस सब मे उसकी कोई ग़लती नही थी,,,,
तो मैं भी ये सब इसलिए कर रही हूँ क्यूकी मैं तुमको लाइक करती हूँ,,,,उसने रोते हुए जल्दबाज़ी
मे ये सब बोल दिया,,,,
उसकी बात सुनके मैं हैरान हो गया,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,तभी मैं उसके पास गया
ऑर उसके आँसू पोछने लगा,,,,,तुम बहुत अच्छी लड़की हो रितिका,,,,मैं जानता हूँ तुम ये सब अंजाने
मे कर रही हो,,,,मैं ये भी जानता हूँ तुम कारण से बहुत प्यार करती हो,,
हाँ मैं करण से बहुत प्यार करती हूँ ,,,ऑर शादी भी करूँगी करण के साथ,,,,,वो रोते हुए बोलने
लगी,,,
अगर करण से प्यार करती हो शादी करना चाहती हो तो मेरे साथ ये सब क्यूँ कर रही हो,,,,क्यूँ जवानी
के जोश मे पागलपन करने लगी हो,,,,
क्यूकी मैं तुमको भी लाइक करती हूँ,,,लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ या
तुमसे शादी करना चाहती हूँ,,,,मैं बस एक बार तुमको पाना चाहती हूँ,,,तुमको अपनी बहहों
मे भरना चाहती हूँ ,,,एक बार तुमसे वो सब करना चाहती हूँ जो लड़की अक्सर उस लड़के के साथ
करती है जिस पर वो विश्वास करती है,,,,
तभी मैं एक दम उसकी बातें सुनकर उस से दूर हो गया,,,ये क्या बक रही हो तुम ,तुमको होश तो
है,,,ऐसा करके तुम ना सिर्फ़ करण को बल्कि अपने आप को भी धोखा दे रही हो,,,,तुम समझती क्यू
नही ये सब ग़लत है,,,अगर करण को पता चल गया तो क्या होगा,,,
मुझे परवाह नही ,,,करण को पता लगता है तो लगने दो,,
तुम ये सब जवानी के जोश मे बोल रही हो रितिका,,,ये इस उमर का पागलपन है जो तुमको बहका रहा
है,,,अभी भी वक़्त है होश मे आ जाओ,,,,इस उमर की मद-होशी मे अगर कोई ग़लती हो गई तो उसको
सुधारना बहुत मुश्किल हो जाएगा ,,,,
तो जो ग़लती तुमने की थी उस दिन डॅन्स क्लब मे पायल भाभी के साथ,,,उसको सुधारना आसान था क्या तुम्हारे
लिए,,,,,,
मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुनके,,,,इसको कैसे पता वो सब का,,,शायद पायल भाभी ने ही बताया होगा
इसको,,,,
वो भी एक ग़लती थी ,,,मैं उदास होके बोला,,,,,उसको सुधारने का कोई मोका नही मिला मुझे,,,ऑर वैसे
भी वो कोई ग़लती नही थी,,,,मैं जवान लड़का हूँ अक्सर ऐसी ग़लतिया कर सकता हूँ ऑर इस सब मे पायल
भाभी की भी उतनी ही ग़लती थी जितनी मेरी,,,,
तो ऐसी ही एक ग़लती मेरे साथ भी कर्लो,,,,,वो फिर से मेरे करीब आने लगी,,,,
नही,,,वो ग़लती अंजाने मे हुई थी,,,लेकिन ये ग़लती तुम जान-भूज कर करने जा रही हो,,पायल भाभी
की बात है जहाँ तक वो शायद अपने पति से खुश नही है,,इसलिए वो मेरे साथ ,,,,,,,,,,
तो मेरी भी कोई ग़लती नही है सन्नी,,,मैं भी कुछ ऐसी ही वजह से तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती
हूँ,,,,,,,,तुमने मेरी इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा ,,,उस दिन करण के घर जब मैं नंगी दीवार के पास
बैठ कर रो रही थी तो तुम अगर चाहते तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे,,,जैसे चाहे वैसे मेरे
जिस्म से खेल सकते थे,,लेकिन तुमने मेरे नंगे जिस्म से खेलने की जगह मेरे उस नंगे जिस्म पर एक
चद्दर ओढ़ा दी थी,,,मैं उस टाइम वर्जिन थी ऑर आज मैं यही चाहती हूँ कि जिस इंसान ने मेरी
इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा मैं अपनी इज़्ज़त उसके हवाले कर दूं,,,,मैं अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स तुम्हारे
साथ करना चाहती हूँ सन्नी,,,,
तुम सच मे पागल हो गई हो रितिका,,,,मेरी एक अच्छी बात देख कर तुम मुझे अच्छा इंसान मत समझो
मैं कोई अच्छा इंसान नही हूँ,,,,मैं भी इस दुनिया का इंसान हूँ,,,मतलबी ऑर दगाबाज ,,,
नही सन्नी तुम ऐसे नही हो,,,मैं जानती हूँ,,,तुम बहुत अच्छे हो ,,,मैने अक्सर करण से भी तुम्हारे
बारे मे अच्छी बातें ही सुनी है,,,,,,लेकिन मुझे लगता है तुम मुझे अच्छी लड़की नही समझते या शायद
तुम मुझे खूबसूरत नही मानते ,,,,या मैं तुमको पायल भाभी की तरह हॉट ऑर सेक्सी नही लगती
प्ल्ज़्ज़ बस करो रितिका,,,,तुम बहुत अच्छी हो,,,बहुत खूबसूरत हो,,,हर कोई मर्द जो तुमको एक बार देख
लेता होगा मन मे यही सोचता होगा कि किस बहाने से वो तुमको एक बार अपने बिस्तेर तक लेके जा सकता
है,,,,हर कोई मर्द बहाने तलाशता होगा तुमसे बस एक बार सेक्स करने के लिए,,,ऑर शायद मैं भी ऐसा
हो सोचता हूँ ,,,लेकिन मैं तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही करना चाहता,,,ऑर ना ही अपने दोस्त को
धोखा देना चाहता हूँ,,,,
प्लज़्ज़्ज़ सन्नी ऐसे मत बोलो,,,तुम भी अगर बाकी मर्दो की तरह मुझे हॉट आंड सेक्सी मानते तो अब तक
मेरी बात मान लेते ,,,,
ओह्ह गॉड तुम समझती क्यू नही,,,,ये सब ग़लत है,,,,तुम करण से प्यार करती हो ऑर उस से शादी भी
करना चाहती हो ,,,फिर तुम अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स मेरे साथ क्यू करना चाहती हो,,,,जबकि तुमको
अपना पहला सेक्स करण के साथ करना चाहिए ऑर उसको शादी का सबसे अच्छा तोहफा देना चाहिए,,इस से
करण के दिल मे एक यकीन बन जाएगा तुम्हारे लिए जो सारी उमर तक बना रहेगा,,,,
करण मेरा यकीन करता है सन्नी,,लेकिन उस से भी ज़्यादा वो तुम्हारा यकीन करता है,,,ऑर अब मैं
भी करण से ज़्यादा तुम्हारा यकीन करने लगी हूँ,,तभी तो,,,,,,,,,,
बस बहुत हो गया रितिका,,,,अब ऑर नही,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ समझने की कोशिश करो,,,,ये सब ग़लत है,,,,
मुझे कुछ नही समझना सन्नी,,,जो मैं चाहती हूँ वही करती हूँ,,,
तो ठीक है,,,अभी करण को फोन करो ऑर बोलो उसको कि मैं सन्नी एक साथ सेक्स करने लगी हूँ एक
वही है जो तुमको समझा सकता है फिर,,,शायद उसकी बात तुम समझ जाओ,,,,,
करण तो खुद यही चाहता है सन्नी,,,,तभी तो उस दिन उसने मुझे कुछ नही कहा बल्कि मुझे
तुम्हारे लिए बचा कर रखा,,,,ताकि मेरे साथ पहली बार सेक्स तुम कर सको,,,,,ऑर मुझे कोई नही
समझा सकता करण भी नही,,,,
कोई तो होगा जो तुमको समझा सकता है,,,,,
नही सन्नी इसको कोई नही समझा सकता,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी,,,,बाल्कनी की तरफ से,,,मैने
पीछे मूड के देखा तो पायल भाभी हम दोनो के करीब आ रही थी,,,
इसको कोई नही समझा सकता सन्नी,,,,मैने भी बहुत कोशिश की लेकिन कोई फ़र्क नही पड़ा इसमे,,,ऑर वैसे
भी इसको समझाना क्या है,,,ये कॉन्सा कुछ ग़लत कर रही है,,,ये तो बस इतना ही चाहती है कि जिस इंसान
ने इसकी इज़्ज़त बच्चाई वही उसकी इज़्ज़त का असली हक़दार बने,,,,तो इसमे क्या ग़लत बात है सन्नी,,,,,,,,
थे ,,,तब तुम लोगो की बातें सुनी भी थी मैने,,,,
तो इसमे क्या,,,,,ख़ान भाई तो पहले से तुम्हारे भाई ऑर उसके दोस्तो के पीछे लगे हुए थे,,उनके पास
कोई सबूत नही था,,,ऑर मेरे पास कोई ज़रिया नही था तुम्हारे भाई तक पहुँचने का,,ख़ान भाई
ऑर मैं मिल गये,,अब मेरे पास ज़रिया है ऑर ख़ान भाई के पास सबूत है,,इसमे कोई बड़ी बात नही
,,,तुम ये सब क्यो पूछ रही हो वैसे,,,,
जानती हूँ मैं ,,,,,ख़ान भाई की बेहन अक़्सा मेरी बड़ी अच्छी दोस्त थी,,,,दोस्त कम मेरी बेहन ज़्यादा
थी वो,,ऑर ख़ान भाई मुझे सुरेश से कहीं बढ़ कर है,,,
अगर ऐसी बात है तो तुम ये सब क्यू पूछ रही हो,,,,तुमको क्या चाहिए ये बोलो,,,
मैं बस यही चाहती हूँ सन्नी कि मैं भी तुम लोगो का साथ दूं ताकि सुरेश को सज़ा दिलवाके
मैं अपनी बेहन अक़्सा की मौत का बदला ले सकूँ ,,,,मैं भी तुम लोगो का साथ शामिल होना चाहती
हूँ,,,,
नही ये नही हो सकता ,,,हम तुमको अपने प्लान मे शामिल नही कर सकते,,,,
तभी वो मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया,,,,,,क्यूँ ,,मैं तुम लोगो
के प्लान मे शामिल क्यूँ नही हो सकती,,,,,क्या तुमको मुझपे यकीन नही है,,,,क्या तुमको लगता है
मैं तुम लोगो को धोखा दूँगी,,,ये बोलते टाइम वो मेरे हाथों को बड़े प्यार से सहला रही थी,,
मुझे समझ नही आ रहा था वो क्या कर रही है,,,
नही ऐसी बात नही है रितिका,,,इस सब मे बहुत ख़तरा है,,,,मुझे भी इस सब से बहुत डर लगता है
कभी कभी,,,ये तो ख़ान भाई मेरे साथ हो गये इसलिए मेरा डर थोड़ा कम हो गया है,,,,
तो मुझे भी साथ कर्लो ना सन्नी,,,,तुम्हारी वजह से मेरा डर भी कम हो जाएगा,,,,इतना बोलकर वो
मेरे ऑर करीब आ गई,,,,अब भी उसके हाथ मेरे हाथों मे थे ऑर वो मेरे हाथों को बड़े प्यार
से सहला रही थी ,,,,उसके माथे पर पसीना ऑर चेहरे पर डर सॉफ नज़र आ रहा था,,,वो अभी भी
बहुत डरी हुई थी बहुत परेशन थी,,,,लेकिन जो सब वो कर रही थी उस से मैं भी परेशान होने लगा
था ,,उसका मुझे छूने का ऑर मेरे हाथों को सहलाने का अंदाज़ बहुत हल्की मस्ती की तरफ लेके जा
रहा था,,,,,लेकिन मुझे समझ नही आ रहा था वो ऐसा क्यूँ कर रही थी,,,वो मेरे इतने करीब थी की
उसका ऑर मेरा जिस्म बस 3-4 इंच दूर थे,,मेरे हाथ जो उसके हाथों मे थे ऑर हम दोनो के जिस्म
के बीच थे ऑर हम दोनो के पैट पर टच कर रहे थे,,,,तभी उसने कुछ ऐसा किया जिसकी मुझे
उम्मीद तक नही थी,,,,उसने मेरे हाथ पकड़े ऑर डरते हुए काँपते हाथों से मेरे हाथों को अपने
बूब्स की तरफ ले गई ऑर खुद अपने लिप्स को मेरे लिप्स के करीब ले आई,,,,इस से पहले मैं कुछ सोच
सकता या कुछ कर सकता मस्ती ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया था,,,,उसने जैसे ही मेरे हाथ अपने
बूब्स पर रखे ऑर अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रखे तो मुझे एक दम से झटका लगा ऑर मैने उसके
बूब्स को हल्के से मसल दिया तभी उसने मुँह खोल कर मेरे एक लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया,,,लेकिन
तभी एक दम से मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसको खुद से दूर कर दिया,,,,,
ये क्या कर रही हो तुम रितिका,,,,तुम्हारा दिमाग़ खराब है क्या,,,,ये क्या बत्त्मीजी है,,,,
तभी उसकी आँखों मे हल्के आँसू आ गये,,,,हां सन्नी मेरा दिमाग़ खराब है,,पता नही क्यूँ
जिस दिन से तुमको देखा है उसी दिन से मेरा दिमाग़ खराब हो गया है,,,अब तुम ही मेरा दिमाग़ ठीक
कर सकते हो,,,इतना बोलके वो फिर से मेरे पास आने लगी,,,लेकिन मैने उसको रोक दिया ऑर खुद उस से
दूर हो गया,,,,
क्या हुआ सन्नी ,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,क्या मैं तुमको खूबसूरत नही लगती,,,,
ये क्या कह रही हो रितिका,,,,ये सब क्यूँ कर रही हो तुम,,,,क्या हो गया है तुमको,,,
पहले मेरी बात का जवाब दो सन्नी,,,,वो रोने लगी थी,,,,क्या मैं तुमको अच्छी नही लगती,,,,
ऐसी बात नही है रितिका तुम बहुत अच्छी हो,,,,मेरी दोस्त हो,,,,लेकिन तुम जो सब कर रही हो वो ग़लत
है,,,,,तुम करण की गर्लफ्रेंड हो,,,,ऐसा करके तुम करण को धोखा दे रही हो,,,,ऑर ऐसा करके मैं भी
करण को धोखा दे दूँगा,,,,
धोका तो करण ने भी मुझको दिया था,,,,,रितिका रोते हुए बोली,,,,
करण ने वो सब बदले की आग मे किया था रितिका,,,,उस सब मे उसकी कोई ग़लती नही थी,,,,
तो मैं भी ये सब इसलिए कर रही हूँ क्यूकी मैं तुमको लाइक करती हूँ,,,,उसने रोते हुए जल्दबाज़ी
मे ये सब बोल दिया,,,,
उसकी बात सुनके मैं हैरान हो गया,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा था,,तभी मैं उसके पास गया
ऑर उसके आँसू पोछने लगा,,,,,तुम बहुत अच्छी लड़की हो रितिका,,,,मैं जानता हूँ तुम ये सब अंजाने
मे कर रही हो,,,,मैं ये भी जानता हूँ तुम कारण से बहुत प्यार करती हो,,
हाँ मैं करण से बहुत प्यार करती हूँ ,,,ऑर शादी भी करूँगी करण के साथ,,,,,वो रोते हुए बोलने
लगी,,,
अगर करण से प्यार करती हो शादी करना चाहती हो तो मेरे साथ ये सब क्यूँ कर रही हो,,,,क्यूँ जवानी
के जोश मे पागलपन करने लगी हो,,,,
क्यूकी मैं तुमको भी लाइक करती हूँ,,,लेकिन इसका मतलब ये नही कि मैं तुमसे प्यार करती हूँ या
तुमसे शादी करना चाहती हूँ,,,,मैं बस एक बार तुमको पाना चाहती हूँ,,,तुमको अपनी बहहों
मे भरना चाहती हूँ ,,,एक बार तुमसे वो सब करना चाहती हूँ जो लड़की अक्सर उस लड़के के साथ
करती है जिस पर वो विश्वास करती है,,,,
तभी मैं एक दम उसकी बातें सुनकर उस से दूर हो गया,,,ये क्या बक रही हो तुम ,तुमको होश तो
है,,,ऐसा करके तुम ना सिर्फ़ करण को बल्कि अपने आप को भी धोखा दे रही हो,,,,तुम समझती क्यू
नही ये सब ग़लत है,,,अगर करण को पता चल गया तो क्या होगा,,,
मुझे परवाह नही ,,,करण को पता लगता है तो लगने दो,,
तुम ये सब जवानी के जोश मे बोल रही हो रितिका,,,ये इस उमर का पागलपन है जो तुमको बहका रहा
है,,,अभी भी वक़्त है होश मे आ जाओ,,,,इस उमर की मद-होशी मे अगर कोई ग़लती हो गई तो उसको
सुधारना बहुत मुश्किल हो जाएगा ,,,,
तो जो ग़लती तुमने की थी उस दिन डॅन्स क्लब मे पायल भाभी के साथ,,,उसको सुधारना आसान था क्या तुम्हारे
लिए,,,,,,
मेरी तो गान्ड ही फॅट गई ये सुनके,,,,इसको कैसे पता वो सब का,,,शायद पायल भाभी ने ही बताया होगा
इसको,,,,
वो भी एक ग़लती थी ,,,मैं उदास होके बोला,,,,,उसको सुधारने का कोई मोका नही मिला मुझे,,,ऑर वैसे
भी वो कोई ग़लती नही थी,,,,मैं जवान लड़का हूँ अक्सर ऐसी ग़लतिया कर सकता हूँ ऑर इस सब मे पायल
भाभी की भी उतनी ही ग़लती थी जितनी मेरी,,,,
तो ऐसी ही एक ग़लती मेरे साथ भी कर्लो,,,,,वो फिर से मेरे करीब आने लगी,,,,
नही,,,वो ग़लती अंजाने मे हुई थी,,,लेकिन ये ग़लती तुम जान-भूज कर करने जा रही हो,,पायल भाभी
की बात है जहाँ तक वो शायद अपने पति से खुश नही है,,इसलिए वो मेरे साथ ,,,,,,,,,,
तो मेरी भी कोई ग़लती नही है सन्नी,,,मैं भी कुछ ऐसी ही वजह से तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती
हूँ,,,,,,,,तुमने मेरी इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा ,,,उस दिन करण के घर जब मैं नंगी दीवार के पास
बैठ कर रो रही थी तो तुम अगर चाहते तो मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे,,,जैसे चाहे वैसे मेरे
जिस्म से खेल सकते थे,,लेकिन तुमने मेरे नंगे जिस्म से खेलने की जगह मेरे उस नंगे जिस्म पर एक
चद्दर ओढ़ा दी थी,,,मैं उस टाइम वर्जिन थी ऑर आज मैं यही चाहती हूँ कि जिस इंसान ने मेरी
इज़्ज़त को इज़्ज़त समझा मैं अपनी इज़्ज़त उसके हवाले कर दूं,,,,मैं अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स तुम्हारे
साथ करना चाहती हूँ सन्नी,,,,
तुम सच मे पागल हो गई हो रितिका,,,,मेरी एक अच्छी बात देख कर तुम मुझे अच्छा इंसान मत समझो
मैं कोई अच्छा इंसान नही हूँ,,,,मैं भी इस दुनिया का इंसान हूँ,,,मतलबी ऑर दगाबाज ,,,
नही सन्नी तुम ऐसे नही हो,,,मैं जानती हूँ,,,तुम बहुत अच्छे हो ,,,मैने अक्सर करण से भी तुम्हारे
बारे मे अच्छी बातें ही सुनी है,,,,,,लेकिन मुझे लगता है तुम मुझे अच्छी लड़की नही समझते या शायद
तुम मुझे खूबसूरत नही मानते ,,,,या मैं तुमको पायल भाभी की तरह हॉट ऑर सेक्सी नही लगती
प्ल्ज़्ज़ बस करो रितिका,,,,तुम बहुत अच्छी हो,,,बहुत खूबसूरत हो,,,हर कोई मर्द जो तुमको एक बार देख
लेता होगा मन मे यही सोचता होगा कि किस बहाने से वो तुमको एक बार अपने बिस्तेर तक लेके जा सकता
है,,,,हर कोई मर्द बहाने तलाशता होगा तुमसे बस एक बार सेक्स करने के लिए,,,ऑर शायद मैं भी ऐसा
हो सोचता हूँ ,,,लेकिन मैं तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही करना चाहता,,,ऑर ना ही अपने दोस्त को
धोखा देना चाहता हूँ,,,,
प्लज़्ज़्ज़ सन्नी ऐसे मत बोलो,,,तुम भी अगर बाकी मर्दो की तरह मुझे हॉट आंड सेक्सी मानते तो अब तक
मेरी बात मान लेते ,,,,
ओह्ह गॉड तुम समझती क्यू नही,,,,ये सब ग़लत है,,,,तुम करण से प्यार करती हो ऑर उस से शादी भी
करना चाहती हो ,,,फिर तुम अपनी ज़िंदगी का पहला सेक्स मेरे साथ क्यू करना चाहती हो,,,,जबकि तुमको
अपना पहला सेक्स करण के साथ करना चाहिए ऑर उसको शादी का सबसे अच्छा तोहफा देना चाहिए,,इस से
करण के दिल मे एक यकीन बन जाएगा तुम्हारे लिए जो सारी उमर तक बना रहेगा,,,,
करण मेरा यकीन करता है सन्नी,,लेकिन उस से भी ज़्यादा वो तुम्हारा यकीन करता है,,,ऑर अब मैं
भी करण से ज़्यादा तुम्हारा यकीन करने लगी हूँ,,तभी तो,,,,,,,,,,
बस बहुत हो गया रितिका,,,,अब ऑर नही,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ समझने की कोशिश करो,,,,ये सब ग़लत है,,,,
मुझे कुछ नही समझना सन्नी,,,जो मैं चाहती हूँ वही करती हूँ,,,
तो ठीक है,,,अभी करण को फोन करो ऑर बोलो उसको कि मैं सन्नी एक साथ सेक्स करने लगी हूँ एक
वही है जो तुमको समझा सकता है फिर,,,शायद उसकी बात तुम समझ जाओ,,,,,
करण तो खुद यही चाहता है सन्नी,,,,तभी तो उस दिन उसने मुझे कुछ नही कहा बल्कि मुझे
तुम्हारे लिए बचा कर रखा,,,,ताकि मेरे साथ पहली बार सेक्स तुम कर सको,,,,,ऑर मुझे कोई नही
समझा सकता करण भी नही,,,,
कोई तो होगा जो तुमको समझा सकता है,,,,,
नही सन्नी इसको कोई नही समझा सकता,,,,,ये आवाज़ मेरे पीछे से आई थी,,,,बाल्कनी की तरफ से,,,मैने
पीछे मूड के देखा तो पायल भाभी हम दोनो के करीब आ रही थी,,,
इसको कोई नही समझा सकता सन्नी,,,,मैने भी बहुत कोशिश की लेकिन कोई फ़र्क नही पड़ा इसमे,,,ऑर वैसे
भी इसको समझाना क्या है,,,ये कॉन्सा कुछ ग़लत कर रही है,,,ये तो बस इतना ही चाहती है कि जिस इंसान
ने इसकी इज़्ज़त बच्चाई वही उसकी इज़्ज़त का असली हक़दार बने,,,,तो इसमे क्या ग़लत बात है सन्नी,,,,,,,,