अब सोनिया की लाइफ मे ऐसी कोई बात नही जो मैं नही जानती और मेरी लाइफ मे एसी कोई बात
नही जो सोनिया नही जानती,,,,,,कामिनी भाभी वाली और सूरज भाई वाली बात भी जानती है वो
लेकिन उसको कोई गुस्सा नही है,,,,,वो कामिनी भाभी और सूरज भाई की हालत को पहले से
जानती थी,,,,,उसको तेरे पर भी गुस्सा नही क्यूकी तूने जो किया कामिनी भाभी की खुशी के
लिए किया था,,,कामिनी भाभी और सूरज से तुझे दूर करने के लिए सोनिया ने मुझे तेरे
करीब आने को बोला और मैने तेरे करीब आके कामिनी भाभी को तेरे से दूर कर दिया,,,
अब अगर तेरे दिल मे कोई सवाल है तो तू मेरे से पूछ सकता है सन्नी,,मैं कोई झूठ
नही बोलूँगी तेरे से,,,,,पूछ क्या पूछना है तूने,,,,,
मुझे पूछना तो बहुत कुछ है कविता लेकिन तेरे से नही किसी और से,,,,,,इतना बोलकर
मैं आँखों से आँसू पोन्छता हुआ छत से नीचे की तरफ आने लगा,,,और कविता भी मेरे
पीछे पीछे नीचे की तरफ आ गयी,,,
नीचे आके कविता चली गयी सोनिया के पास और मैं चला गया केवल और सीमा के रूम की
तरफ,,,,
मैं जैसे ही केवल के रूम मे गया तो देखा रूम मे बस सीमा ही थी,,मेरी माँ,,उसको देख
कर मेरी आँखों मे फिर से आँसू बहने शुरू हो गये,,,,
उसने मेरी तरफ देखा और मेरे करीब आ गयी,,,,,,क्या हुआ सन्नी इतना रो क्यूँ रहे हो,,क्या
परेशानी है बताओ मुझे सन्नी,,,,,
मैं कुछ नही बोला बस उनके गले लग्के रोने लगा,,,,मुझे मेरे आँसू पर कोई कंट्रोल
नही हो रहा था मैं फूट फूट कर रोता जा रहा था,,,
सीमा ने मेरे सर पर हाथ रखा और मेरे सर को बड़े प्यार से सहलाने लगी,,,,बोल ना क्या हुआ
सन्नी बेटा,,,,बता ना अपनी मामी को,,,,क्या परेशानी हो गयी तुझे.,,,,बता ना सन्नी,,,बता
अपनी मामी को,,,,
तभी मैं सीमा से थोड़ा दूर हट गया और रोती हुई आवाज़ मे बोला,,,,,,मामी नही माँ,,,मामी
नही माँ ,,,,मामी नही माँ,,,,,मैं बार बार ऐसे बोलता जा रहा था और रोता जा रहा था
तभी सीमा ने मुझे अपने गले लगा लिया और रोना शुरू कर दिया,,,,
तो उस पागल सोनिया ने तुझे सब बता दिया,,,मैने मना भी किया था उसको,,,वो इतना बोलकर
रोने लगी थी और मैं भी,,,,
आपने मुझे बताया क्यूँ नही माँ,,,और इतने साल से आप मुझे एक बार भी मिलने क्यूँ नही आई माँ
मैने पहली बार उसको माँ बोला तो वो ज़्यादा ही रोने लगी,,,,,
हम दोनो एक दूसरे के गले लग्के रो रहे थे तभी पीछे से आवाज़ आई,,,,,,,
क्या करते तुझे बता कर,,और क्यूँ मिलने आते तुझे,,,,तेरा और हमारा रिश्ता ही क्या है,,,ये
बात बोल रहा था मेरे पीछे खड़ा हुआ केवल,,,,,वो थोड़ा गुस्से मे था
ऐसे मत बोलो प्लज़्ज़्ज़्ज़ ,,ये मेरी माँ है और आप मेरे पापा हो,,,तो भला आप लोगो ने,,मैं
अभी बोल ही रहा था कि केवल गुस्से मे बोला,,,,मैं तेरा बाप नही हूँ,,अगर मैं तेरा
बाप होता तो तुझे सरिता और अशोक के पास नही जाने देता,,,,,,
मैं उसकी बात से थोड़ा परेशान हो गया,,,,,सीमा मेरी माँ है तो उसका पति केवल मेरा
बाप नही तो और कॉन है मेरा बाप,,,,
सीमा ने मेरी आँखों की परेशानी पढ़ ली थी,,,,,मैं जानती हूँ सन्नी तुम क्यूँ परेशान हो
आज मैं तुम्हारी सारी परेशानी दूर कर दूँगी,,,सब कुछ बता दूँगी तुमको,,,,
तभी केवल गुस्से मे ,,,,,,,,नही सीमा इसको कुछ बताने की ज़रूरत नही है,,,बाहर
करो इसको इस रूम से,,,,जिस दर्द को तुम भूल चुकी हो उस दर्द को वापिस मत पलटने दो
अपनी ज़िंदगी मे,,,,,कुछ मत बोलो तुम सीमा,,,,,,
तभी सीमा बोल पड़ी,,,,,,नही केवल आज नही,,,,आज तुमको कुछ नही बोलना,,,आज मैं
अपने बच्चे के गले लग कर अच्छी तरह से मिलूंगी,,,,,तुमको मेरे और मेरे बेटे के बीच बोलने
का कोई हक़ नही है,,,,,,अब थक गयी हूँ मैं सबसे सच छुपा छुपा कर,,,,पहले
तुमसे छुपाया फिर अपने बच्चों से,,,,लेकिन अब नही ,,,,
तभी सीमा ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेड पर बिठा लिया और केवल गुस्से मे दूर ही
खड़ा रहा,,,फिर सीमा ने बोलना शुरू किया,,,,,
बेटा जब मेरी केवल से शादी हुई थी शहर मे तो हम लोगो ने केवल के माँ बाप को अपनी
शादी पर नही बुलाया था क्यूकी सब कुछ बड़ी जल्दी जल्दी मे हो गया था,,,,लेकिन शादी के
4-5 दिन बाद हम लोग गाँव आ गये थे ,,,,केवल के माँ-बाप को मिलने,,,,,लेकिन तभी फिर
से शहर से केवल को बुलावा आ गया ऑफीस की तरफ से और वो मुझे गाँव मे छोड़कर वापिस
शहर चला आया,,,इनको ऑफीस मे कुछ ज़रूरी काम आन पड़ा था,,,मैं वहीं गाँव मे रुक
गयी क्यूकी केवल ने काम ख़तम करके वापिस गाँव आ जाना था,,,,मैं बड़ी खुश थी केवल
के माँ बाप को मिलकर ,,,,वो लोग भी खुश थे,,,,,लेकिन केवल का बाप मुझे बड़ी गंदी
नज़र से देखता था,,,,ये बात मेरी सास को भी पता थी लेकिन वो कुछ कर नही पा रही
थी बेचारी,,,,,
केवल का बाप किसी ना किसी बहाने मेरे करीब आने की कोशिश करता था,,,मैं जितना दूर
होती वो उतना करीब आने का बहाना तलाश करता,,,,फिर एक दिन शराब के नशे मे उसने मेरे
साथ,,,इतना बोलकर सीमा ने रोना शुरू कर दिया,,,,,,
मेरी सास भी कुछ नही कर पाई,,,,मैं बस रोती गयी और मेरी सास मुझे दिलासा देती गयी
और बोलती गयी कि केवल को कुछ मत बताना ,,,,मैं खुद भी केवल को कुछ नही बताना चाहती
थी,,,,फिर केवल भी वापिस आ गया और हम लोग 2 दिन बाद शहर वापिस चले गये,,क्यूकी
मैने केवल को बोला कि मेरा दिल नही लगता यहाँ,,,,केवल मुझे वापिस शहर ले गया,,,
शहर जाके भी मैने केवल को कुछ नही बताया,,,,फिर टाइम ऐसे ही बीत-ता गया और मुझे
2 बचे हुए,,,,,,तुम और सोनिया,,,,,मुझे लगता था तुम मेरी और केवल की संतान हो लेकिन
मैं ग़लत थी,,,,,,,फिर कुछ साल बाद मैं दोबारा प्रेगञेन्ट हो गयी ,,,,तब मुझसे रहा
नही गया और मैने केवल को सब सच बता दिया,,,,,
केवल ने किसी तरह से डीयेने टेस्ट करवाया तो पता चला कि तुम मेरी और केवल की नही बल्कि
मेरी और केवल के बाप की संतान हो,,,,केवल को बड़ा गुस्सा आया और वो तुम दोनो को अपने
बाप के पास गाँव छोड़ आया,,,,,मैं ऐसा नही चाहती थी बेटा,,,,,तुम जैसे भी थे
मेरे बच्चे थे,,,,मैं तुम दोनो को खुद से दूर नही करना चाहती थी,,लेकिन मैं अपने
पति के हाथों मजबूर हो गयी थी,,,,
सीमा की बात सुनके मैने केवल की तरफ देखा तो वो बोल पड़ा,,,,,तो क्या करता मैं भी
कैसे रख लेता तुम दोनो बच्चों को अपने पास,,,,जब तक मुझे नही पता था तब तक सब
ठीक रहा लेकिन जब मुझे पता चला कि मेरे बाप ने मेरी बीवी का रेप किया और तुम दोनो
उसी रेप से पैदा हुए हो तो मुझसे रहा नही गया,,,,जब भी तुम दोनो को देखता तो मुझे
मेरा बाप मेरी बीवी का रेप करता हुआ नज़र आता हर जगह,,,,मैं पागल होने लगा
था,,,गुस्से से दिमाग़ खराब होने लगा था मेरा,,,,,
मुझे माफ़ करदो सन्नी बेटा ,,,,मेरी तुमसे कोई दुश्मनी नही है,,,और ना ही कोई बैर है
हम दोनो मे ,,,लेकिन अगर तुमको अपने पास रखता तो सीमा को हर दिन तुम दोनो को देखकर
उसी रात को याद करना पड़ता उसी दर्द से गुज़रना पड़ता जिस दर्द से ये उभर चुकी थी
और मुझे भी उस दर्द मे इसका हिस्सेदार बन-ना पड़ता,,,,मुझे माफ़ करदो बेटा,,,,लेकिन मैं
तुम दोनो को अपने पास नही रख सकता था,,,और ना अब रख सकता हूँ,,,,,
तभी पीछे से सरिता और सोनिया अंदर आ गये,,,,,,,,तुझे कहा भी किसने है इन दोनो को
अपने पास रखने को,,,,ये मेरे बच्चे है मेरे पास रहेंगे,,,इतना बोलते हुए सरिता रोती
हुई मेरे पास आ गयी और मुझे बेड से उठाकर अपने गले लगा लिया,,,,
मैं जानती हूँ केवल कि तुम दोनो की मजबूरी थी कि तुम इन दोनो बच्चों को अपने पास नही
रख सके लेकिन जो कुछ भी हुआ उसमे इन दोनो का क्या क़सूुर,,,,क़सूुर तो उस घटिया इंसान
का है जिसको अभी तक अपने किए पर ज़रा भी शरम नही है,,,,
और अब मेरी मजबूरी है कि मैं इन दोनो को तुम्हारे पास नही रहने दे सकती क्यूकी ये दोनो
बच्चे मेरी जान है,,,,मैने कभी इन बच्चों मे कोई फ़र्क नही समझा,,जैसे मेरे लिए
विशाल और शोभा है उसी तरह मेरे लिए ये सन्नी और सोनिया है,,,,मैने इनको अपने सगे
बच्चों जितना प्यार किया है हमेशा,,,,यकीन नही तो पूछ लो इन दोनो से,,,माँ रोती जा
रही थी और मुझे और सोनिया को माथे पर चूमती जा रही थी,,,,
तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,माँ क्यूँ हमे शर्मिंदा कर रही हो,,,अपने तो कभी ज़िक्र भी नही
किया हम लोगो के सामने कि हम आपकी संतान नही है और ना ही आपने कभी हम दोनो को ये
अहसास होने दिया कि हम आपकी नही किसी और की संतान है,,,,आपने तो हमे हमारी माँ
से भी ज़्यादा प्यार किया है,,,,शायद हमारी असली माँ भी हमको इतना प्यार नही कर पाती माँ
जितना प्यार आपसे मिला है मुझे और सन्नी को,,और ये मत सोचना कि हमे पता लग गया कि आप
हमारी असली माँ नही तो हम आपको वो इज़्ज़त और सम्मान नही देंगे जो एक माँ को देना चाहिए
बल्कि हम लोगो की नज़र मे अब आपकी इज़्ज़त और भी ज़्यादा हो गयी है,,,हम तो आपका ये क़र्ज़
कभी नही चुका सकते माँ,,,,
सोनिया ने इतना बोला और माँ के गले लग गयी,,,सरिता भी उसकी बात सुनके रोने लगी,,