Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग - Page 2 - SexBaba
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Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग

नेहा वापस आई, आइसक्रीम के दो बाउल लेकर, और कहा- “ले आइसक्रीम खा.."

समर- “बैंक यू दीदी.." समर ने जवाब दिया।

फैशन-टी.वी. पे एक प्रोग्राम खतम हआ, तो दूसरा स्टार्ट हो गया। प्रोग्राम का नाम “लिंगरी” था। प्यारी सेक्सी लड़कियां ब्रा और पैंटी में अपने जलवे दिखाने लगी। समर को शर्म आने लगी। समर ने पूछा- “दीदी, मैं चैनल चेंज कर दूं.."

नेहा- “नहीं, रहने दे। मुझे पता है अंदर ही अंदर तेरा मन कर रहा होगा इन आधी नंगी लड़कियों को देखने का। आज मैं भी देख लेती हूँ की कैसी लिंगरी पहनती हैं ये लड़कियां। मजा आयगा.." नेहा बोली और ध्यान से उन लड़कियों को देखने लगी।

लड़कियों ने छोटी-छोटी ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से उनके आधे चूचे दिख रहे थे। पैंटी इतनी छोटी की पूरी गाण्ड दिख रही थी। समर ने सोचा- “तो अब मैं बहन के साथ ये सब भी देखूगा." वो नर्वस भी था और उत्तेजित भी। वो भी चुपचाप अपनी बहन की तरह टी.वी. को घूरने लगा। ये लड़कियां उसे उत्तेजित कर रही थी, और उसकी बहन का वहां पे होना उसे और उत्तेजित कर रहा था।

नेहा- “अगर मैं ऐसी लिंगरी पहनूं तो मैं कैसी लगूंगी समर? “कैसी लगूंगी मैं ऐसी लिंगरी में?" नेहा ने पूछा।

समर का माथा ठनक गया। ये क्या पूछ रही थी दीदी? क्या उनकी तबीयत खराब है? “उम्म्म..” समर की शकल में एक अजीब सा एक्सप्रेशन था। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। ना चाहते हए भी वो अपनी दीदी को लिंगरी में इमेजिन करने लगा। ना चाहते हुए भी उसके दिमाग में वो तस्वीर आ रही थी। ना चाहते हुए भी उसे वो अच्छी लग रही थी।

नेहा को पता था की समर की क्या हालत हो रही होगी, क्योंकी उसकी खुद भी यही हालत थी। नेहा ने मजाकिया अंदाज में कहा- “अरें घबरा मत, मजाक कर रही हूँ मैं..."

उसने दोनों की प्लेटें उठाई और किचेन में चली गई। डिनर हो चुका था। नेहा के जाने पर समर ने एक लंबी
साँस ली, और अपने कमरे की ओर जाने लगा

तभी नेहा की आवाज आई- “अरे रुक..” वो वापस सोफे पे आई, उसके हाथ में आइसक्रीम के दो बाउल थे- “ले आइसक्रीम खा...” उसने समर को एक बाउल पकड़ाते हुए कहा।

समर बोला- “बैंक यू दीदी..” और वापस सोफे पे बैठ गया। टी.वी. पे अभी भी आधी नंगी लड़कियां आ रही थी। अलग-अलग पोजेस में अपना बदन दिखा रही थी। समर छुप-छुप के टी.वी. पे नजर मार रहा था।

तभी नेहा चिल्लाई- “ओह्ह... शिट..."

समर ने मुड़कर देखा की नेहा ने अपने सीने पे आइसक्रीम गिरा दी थी। उसकी क्लीवेज के बीचो-बीच आइसक्रीम गिर गई थी। समर फिर अपनी बहन की छाती को घूरने लगा।

नेहा- “समर जल्दी एक कपड़ा लेकर आ.."

समर कपड़ा लेकर आया और नेहा को दे दिया। उसके बाद उसकी दीदी ने ऐसी हरकत की कि समर का लण्ड जाग गया। अपनी छाती साफ करने के लिए नेहा ने अपना टाप नीचे की ओर खींचा। और ये करने से उसकी आधी चूचियां उसके टाप से बाहर आ गईं। समर ने साफ-साफ ये दृश्य देखा। उसका लण्ड झटके मारने लगा। नेहा की पिंक ब्रा दिखने लगी। उसने कपड़ा लिया और अपनी क्लीवेज से नीचे की ओर साफ करने लगी। साफ करते-करते उसने अपना हाथ अपने टाप में घुसा दिया। इससे उसके मम्मे और बाहर आ गये।

समर का लण्ड बड़ा होने लग गया। उसने अपनी दीदी की शकल की ओर देखा। वो तो बस अपनी छाती साफ करने में लगी थी। उसने सोचा, दीदी को पता ही नहीं है की वो सब दिखा रही है। बेचारा समर, उसको क्या पता था की उसकी दीदी ये सब जानबूझकर कर रही थी।

नेहा अपने मम्मे मसल रही थी। और इधर समर की हालत खराब हो रही। ऐसा सीन तो उसने सपने में भी नहीं देखा था। उसकी दीदी के पहाड़ जैसे मम्मे बाहर आने को हो रहे थे। ठीक वैसे जैसे समर की आँखें बाहर आने को हो रही थी। मगर ये मेरी दीदी है, मैं इनको ऐसे नहीं देखा सकता। ये गलत है। समर ने ये सब सोचा और मुड़कर दूसरी ओर देखने लगा। उसका मन विचलित हो गया था।
 
नेहा अपने मम्मे मसल रही थी। और इधर समर की हालत खराब हो रही। ऐसा सीन तो उसने सपने में भी नहीं देखा था। उसकी दीदी के पहाड़ जैसे मम्मे बाहर आने को हो रहे थे। ठीक वैसे जैसे समर की आँखें बाहर आने को हो रही थी। मगर ये मेरी दीदी है, मैं इनको ऐसे नहीं देखा सकता। ये गलत है। समर ने ये सब सोचा और मुड़कर दूसरी ओर देखने लगा। उसका मन विचलित हो गया था।

उसके मुड़ते ही नेहा ने एक शैतानी स्माइल दी। मेरा भाई मेरे चूचे पसंद कर रहा था, उसने सोचा। उसने अपनी छाती साफ कर दी। वो जो समर को दिखाना चाहती थी वो दिखा चुकी थी, और जैसा रिएक्सन वो चाहती थी वैसा उसे मिल गया था। 10 मिनट बीत गये।

नेहा किचेन में आ गई, और कहा- “समर, आकर मुझे बर्तन धोने में और सफाई करने में मदद कर। थोड़ा काम भी कर लिया कर.." नेहा ने पुकारा।

समर सोफे से उठा और किचेन में आ गया। वो बिना कुछ बोले काम करने लगा। उसके दिमाग में कुछ और ही था। उसकी दीदी के मम्मे, इतने गोरे, इतने गोल, इतने बड़े, इतने सेक्सी, ऐसे मम्मे तो उसने कभी पोर्न में भी नहीं देखे थे। अगर थोड़ा और साफ करती दीदी, तो शायद उनके निपल भी दिख जाते। किस रंग के होंगे उनके निपल? ये मैं क्या सोच रहा हूँ। वो मेरी दीदी है, मेरी सगी बहन, और मैं उनके चूचियों के बारे में सोच रहा हूँ। कितना घटिया इंसान हूँ मैं। मगर वो चूचियों दिमाग से हट नहीं रही थीं। समर के अंदर यही कशमकश चल रही
थी। उसके दिमाग से खिलवाड़ हो रहा था।

और ये खिलवाड़ करने वाली लड़की, मजे ले रही थी। समर किचेन में सफाई कर रहा था। नेहा ने बर्तन धोए और वो भी सफाई करने लगी। वो समर के एकदम सामने थी। सफाई करते-करते नेहा बहुत झुक गई। जब समर ने देखा तो उसे फिर अपनी बहन की आधी चूचियों का नजारा दिखा। वो बड़े सफेद आमों की तरह लटक रहे थे।

नेहा ने चुपके से समर की तरफ देखा। उसने पाया की उसका भाई सीधा उसके चूचों को घूर रहा था। इस अंग प्रदर्शन से नेहा की भी चूत गीली हो रही थी। उसने भी कभी किसी को इस तरह अपना बदन नहीं दिखाया था। उसका भाई ही पहले लड़का था जो उसके फलों को देख रहा था।

यहाँ समर का लण्ड भी अपनी अधिकतम लंबाई तक पहुँच गया था। नेहा हिल-हिल के सफाई कर रही थी, जिससे उसके मम्मे भी बुरी तरह झूल रहे थे। हाए, कितने बड़े और सुडोल चूचे हैं ये, समर ने सोचा। नेहा एकदम से ऊपर उठ गई। समर भी अपने काम में लग गया।

नेहा मन ही मन मुश्कुरा रही थी। वो समर के पीछे गई और उसके सामने ऊपर कैबिनेट से कुछ निकालने लगी। उसके चूचे एकदम समर की आँखों के सामने आ गये। समर हवस की आँधी में डूबने वाला था।

नेहा ने कहा- “समर मेरा हाथ नहीं पहुंच रहा। जरा मुझे उठा दे थोड़ा.."

समर को कुछ समझ में नहीं आया- “कैसे उठाऊँ दीदी?” उसने पूछा।

नेहा- “अरे इतनी ताकत तो है। मेरी कमर पकड़ और मुझे उठा...” नेहा ने उसे बताया।

समर ने बिना कुछ और कहे अपनी दीदी की बात मान ली। उसने नेहा की कमर को पकड़ा और उसे ऊपर उठाया। नेहा की पतली, सेक्सी कमर उसके भाई के हाथ में थी। वो जानबूझ कर और ऊपर हुई। इसकी वजह से उसका टाप ऊपर हो गया और उसकी नंगी कमर प्रकट हो गई।

समर की आँखें वहीं गड़ गई। वो अपनी बहन की कमर को छू रहा था, कितनी कोमल थी वो, कितनी साफ... समर अंदर से काँप रहा था।

 
नेहा- “समर मेरा हाथ नहीं पहुंच रहा थोड़ा नीचे से पकड़.."

समर ने उसकी कमर को थोड़ा नीचे से पकड़ा।

नेहा ने फिर कहा- “और नीचे..."

समर ने और नीचे करे अपने हाथ।

नेहा- “और नीचे.."

समर ने अपने हाथ और नीचे करे। बस अब वो और नीचे नहीं कर सकता था। क्योंकी अब थोड़ा भी नीचे करने पर उसकी दीदी की गाण्ड थी।

नेहा फिर बोली- “और नीचे समर, हाथ नहीं पहुँच रहा..."

समर को हैरानी होने लगी। दीदी को पता है की अब सीधा उनकी गाण्ड पे हाथ जायेगा, फिर भी वो मुझे नीचे जाने को कह रही है।

नेहा ने फिर कहा- “जल्दी कर ना समर मेरा हाथ दुख रहा है..."

काँपते हुए समर ने अपना हाथ नीचे किया और सीधा अपनी दीदी की गाण्ड को पकड़ा।

“ओहह..” उसके मुंह से आनंद की आवाज निकली। उसकी बहन ने एक पतला सा टाइट शार्ट पहना था। उसपे हाथ रखते ही समर को ऐसा आनंद आया जैसा उसने कभी नहीं पाया था। इतनी कोमल गाण्ड थी नेहा की, और इतनी बड़ी-बड़ी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई कोमल गद्दा हो। समर ने जब दीदी की गाण्ड को छुवा तो उसे उसकी पैंटी का भी एहसास हुआ। समर को यकीन नहीं आ रहा था की वो अपनी बड़ी बहन की गाण्ड को हाथ में लेकर खड़ा था।

नेहा- "ऊपर उठा मुझे..” नेहा ने कहा।

समर ने अपनी बहन की गाण्ड पर जोर लगाया और उसे ऊपर उठाया। वो गाण्ड को दबा रहा था, अपनी बहन की गाण्ड को। और उसे इस काम में बहत मजा आ रहा था। नेहा थोड़ी देर के लिए ऊपर कुछ ढूँढ़ती रही। वो तो बस अपने भाई को अपनी गाण्ड से खेलने का कुछ और समय दे रही थी।

नेहा- “छोड़ समर, यहाँ नहीं है। मुझे नीचे उतार दे.."

समर यह सुनकर थोड़ा अपसेट हो गया। उसने धीरे-धीरे अपनी बहन को नीचे उतारा। उसका लण्ड फटने जैसा हो गया था। नीचे आने पर नेहा एकदम समर के आगे थी। समर का लण्ड और नेहा की गाण्ड कुछ इंच की दूरी पर थे। मगर दोनों को ही इस बात का एहसास नहीं था। नेहा जैसी ही थोड़ा पीछे हई उसकी गाण्ड एक सख्त चीज से टकराई। और ये होते ही मानो उसके पूरे शरीर में बिजली दौड़ गई। वो झट से पीछे मुड़ी और देखा की क्या चीज थी वो?

अब बारी नेहा की थी, हैरान होने की। पीछे मुड़ते ही उसे जो दिखा उसने उसकी आँखें और मुँह दोनों खोल दिए। उसके भाई का लण्ड एकदम बड़ा हो गया था और उसके पाजामे में एक टेंट बना दिया था। नेहा ने ऐसा नजारा अपनी जिंदगी में पहले कभी नहीं देखा था। उसकी चूत एकाएक गीली हो गई। उसने बस एक पल के लिए ही देखा और फिर आगे हो गई। हाए क्या नजारा था... नेहा की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसका प्लान कामयाब रहा था।

समर तो अपनी ही दुनियां में खोया हुआ था। अपनी बहन की गाण्ड का स्पर्श अपने लण्ड पे पाकर वो तो स्वर्ग पा गया था। उसे कुछ होश नहीं था की उसकी बहन ने उसके लण्ड का कड़ापन देखा लिया था।

नेहा- “चल काम हो गया समर, तू जा अपने रूम में जाकर सो जा..”

समर बिना कुछ बोले बत की तरह ऊपर चला गया। नेहा ने अपने भाई के दिमाग को अपने वश में कर लिया था। हाँ उसने समर को सोने के लिए कहा तो कहा, मगर उससे पता था की आज रात ना वो खुद सोयेगी और ना अपने भाई को सोने देगी।

*****
*****
 
भाई-बहन, लण्ड-चूत समर अपने कमरे में बैठा सेक्स और गिल्ट के समंदर में डूबे जा रहा था। उसे अभी-अभी हुई घटना पर यकीन नहीं हो रहा था। अपनी बहन का बदन उसके दिमाग में घर कर गया था। कितनी सेक्सी है मेरी बहन। नहीं, वो मेरी बहन है। उसके बारे में मैं ये सब कैसे सोच सकता हूँ। एक आवाज तो ये कह रही थी।

मगर दूसरी तरफ उसके मन की दूसरी आवाज कुछ और ही कह रही थी। वो चूचे, वो पतली कमर, वो कोमल लंबी टाँगें और वो बड़ी-बड़ी गाण्ड, ये सब कितना सेक्सी था। बहन है तो क्या हुआ, है तो वो एक बहुत सेक्सी लड़की। समर के अंदर इन दो आवाजों में लड़ाई चल रही थी। मगर उसके लण्ड का हाल देखकर यही लग रहा था की दुसरी आवाज जीत रही थी।

नेहा भी अपने कमरे की ओर आई। उसकी चूत में भी आग लगी हुई थी। वो भी अभी-अभी अपने शैतान कामों के बारे में सोच रही थी। मगर उसे अभी कुछ और भी सोचना था की अपना प्लान आगे कैसे बढ़ाया जाए?

समर ने अपना कमरा अंदर से बंद कर रखा था। नेहा को उसके सोने से पहले कुछ सोचना था, वो भी जल्दी। नेहा ने समर के गेट पर नाक किया- “समर दरवाजा खोलो...” उसने कहा।

समर अपनी जगह से उठा, और अपने लण्ड को दबाने की कोशिश की। 5 मिनट बाद उसने दरवाजा खोला।

नेहा- “सो गया था क्या?"

समर- “नहीं दीदी। मतलब हाँ... बस अभी-अभी थोड़ी आँख लगी थी." समर ने कतराते हुए कहा।

नेहा- “ओहह... सारी मेरे भाई। मगर मुझे तुझसे कुछ काम है..” उसने समर को अपना लैपटाप पकड़ते हुए कहा "ये चल नहीं रहा है, तू तो कंप्यूटर्स के बारे में बहुत कुछ जानता है। इसको ठीक करने की कोशिश कर ना.."

समर ने लैपटाप पकड़ा और आकर बेड पे बैठ गया। उसने तिरछी नजरें नेहा के शरीर पे नजर डाली। नेहा ये देख रही थी, और मन ही मन खुश हो रही थी।

समर ने लैपटाप को देखा- “शायद मैं कुछ कर दूं इसमें.."

नेहा- “ओहह, बहुत अच्छे समर। कोशिश कर." नेहा ने कहा- “तब तक मैं तेरा पी.सी. इश्तेमाल कर लूं.."

समर ने झटके से कहा- “नहीं." उसके पी.सी. में तो पोर्न ही पोर्न था।

नेहा- “अरे इतना क्या हो गया? क्या प्राब्लम है?" नेहा को उसका मना करने का कारण पता था मगर उसने ड्रामा किया।

समर- “मुझे अपना कम्प्यूटर शेयर करना पसंद नहीं है.."

नेहा- “क्यों... ऐसा क्या छुपा रखा है इसमें तूने?”

समर- “कुछ नहीं.."

नेहा- “अरे बता ना। तेरी गर्लफ्रेंड की पिक्स?"

समर- “नहीं...”

“तो क्या? तेरी पर्सनल डायरी.."

समर- “ना, ऐसा कुछ नहीं है."
 


नेहा- “समझ गई.. तूने अपने कंप्यूटर में पोर्न छुपा रखी है ना समर?” नेहा ने हँसते हुए पूछा।

समर चौंक गया। और कुछ बोल ना सका। बस नेहा की शकल ताकता रहा।

नेहा- “देखा... अब नहीं भी नहीं बोल रहा..." नेहा हँसने लगी।

समर- “ये आप क्या कह रही हो दीदी?” समर ने हिम्मत जुटाकर बोला।

नेहा- “जो सच है... एक 18 साल का लड़का और क्या छुपायेगा अपने कंप्यूटर में? हाहाहा... फँस गया समर.."

और समर की हवा टाइट होने लगी।

उसकी हालत देखकर नेहा ने फिर बोला- "इट्स ओके समर। तू इतना क्यों शर्माता है? इट्स वेरी नार्मल। तेरी उमर में यही सब देखा जाता है। इसमें शर्माने की कोई बात नहीं है..." नेहा ने बोला- “शर्म की बात तो तब होती
अगर तू पोर्न नहीं देखता होता.."

समर को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था।

नेहा ने कंप्यूटर ओन कर दिया।

समर- “दीदी... प्लीज... मत खोलो.."

नेहा- “उफफो... मुझे काम है। हाँ तुझे क्या बोला मैंने अभी... तू मुझे अपना दोस्त मानता है ना?” नेहा ने पूछा।

समर ने हाँ में सिर घुमाया।

नेहा- “हाँ... तो डर मत... तुझे मुझसे कुछ छुपाने की जरूरत नहीं है." नेहा ने कहा।

समर बस चुपचाप होकर लैपटाप पे ध्यान लगाने लगा। अब तो मर ही गये न, उसने सोचा।

फिर नेहा बोली- “और तू भी क्या पोर्न को लेकर शर्मा रहा है। तुझसे ज्यादा पोर्न तो मैं देखती हूँ.."

समर ने समझने की कोशिश की कि उसकी बहन ने अभी-अभी क्या कहा? वो भी पोर्न देखती है। उसे अपने कानों पर भरोसा नहीं हुआ। शायद उसने गलत सुना।

“क्-क-क्या?” समर ने फिर पूछा।

नेहा- “हाँ... पोर्न तो मैं भी देखती हूँ, और मैं क्या? हमारी उमर में तो हर कोई पोर्न देखता होगा। नेचुरल है यार। हर कोई क्यूरियस होता है। हर कोई एंजोय करना चाहता है.." नेहा ने जवाब दिया।

 
नेहा- “हाँ... पोर्न तो मैं भी देखती हूँ, और मैं क्या? हमारी उमर में तो हर कोई पोर्न देखता होगा। नेचुरल है यार। हर कोई क्यूरियस होता है। हर कोई एंजोय करना चाहता है.." नेहा ने जवाब दिया।

समर- "आप तसल्ली देने के लिए कह रहे हो ना?" समर ने कहा।

नेहा- “*****... और बताओ..." नेहा ने लगातार ढेरों पोर्न-साइटस के नाम गिना दिए।

समर के पशीने छूट गये। इतनी साइट्स तो शायद उसे भी नहीं पता थी।

नेहा- “अब हो गया यकीन?" नेहा ने पूछा।

समर ने अपनी मुंडी हिला दी। मेरी दीदी पोर्न देखती है। मेरी बड़ी बहन, और वो खुले आम ये बता भी रही है। बिना किसी शर्म के... बिना किसी झिझक के। समर के दिमाग में सवाल थे। क्या दीदी पोर्न देखते वक़्त एंजोय करती होगी? क्या वो खुद से खेलती होगी? उसका लण्ड बढ़ने लगा।

नेहा- “अब तुझे मैंने एक दोस्त के नाते बताया है। ये बात हम दोनों के बाहर नहीं जानी चाहिये। ओके...” नेहा ने कहा।

"हाँ..." समर ने कहा। वो भी किसी को क्या बताता? और उसके पास बोलने को कुछ नहीं था। मन में सवाल
और दुविधायें तो बहुत थी। मगर वो चुपचाप लैपटाप पे ध्यान लगाने लगा, और अपने लण्ड के शांत होने की प्रार्थना करने लगा।

नेहा को समर की हालत का अंदाजा था। उसने थोड़ी देर कंप्यूटर पे कुछ काम करने का नाटक किया। फिर उसने पूछा- “अच्छा समर, तेरी फQरेट पोर्नसाइट कौन सी है?"

समर को टेंशन होने लगी। ये सब दीदी क्या पूछ रही है। इसका क्या जवाब दूं? उसने फिर बचने की कोशिश की- "मैं नहीं देखता दीदी."

नेहा- “क्या समर... मैंने तेरी बड़ी बहन होकर तुझे इतना कुछ बता दिया। और तू है की अभी तक ऐसा कर रहा है..." नेहा ने नाराजगी से कहा।

समर को भी लगा की दीदी सही कह रही है। उसने हिम्मत करके कहा- “सारी दीदी। मेरी कोई फेवरिट साइट नहीं है। कहीं से भी देखा

नेहा मुश्कुराई- “हम्म्म्म
... ये भी सही है.."

समर ने सोचा नहीं था की कभी वो अपनी बहन के साथ पोर्न डिस्कस करेगा। मगर अब तो उसके साथ सोच से परे चीजें होने वाली थी।

 
नेहा- “चल समर, अपनी फरेट पोर्न वीडियो दिखा मुझे." नेहा ने कहा- "बताओ ना समर। अपनी फवुरेट वीडियो। मैं भी तो देखू तेरी पसंद..." नेहा ने कहा।

समर- “दीदी अब आप मुझे शर्मिंदा कर रहे हैं..” समर ने कहा। वो बेचारा बहुत गलत फँस गया था।

नेहा- “शर्मिंदा... अरें अब तो ये हमें पता ही लग गया है की तू भी पोर्न देखता है, और मैं भी... तो साथ में देखने में क्या जाता है। जल्दी बता?" नेहा ने जिद्द की।

समर ने कुछ जवाब नहीं दिया। बस अपना सिर झुका के बैठ गया और लैपटाप ठीक करने का नाटक करने लग गया। नेहा समझ गई अब ये कुछ नहीं बोलेगा।

नेहा- “ठीक है... ना बता... लेकिन मेरा तो मन है पोर्न देखने का। मैं तो एक वीडियो देसूंगी.." और ये बोलकर उसने एक पोर्नसाइट खोल दी। उसने एक वीडियो पे क्लिक किया और वो स्टार्ट कर दी। समर की हालत खराब हो गई। अपनी बहन के साथ पोर्न देखना। ये उसने सोचा नहीं था।

वीडियो स्टार्ट हुई। एक गोरी लड़की आई। उसके मम्मे भी बहुत बड़े-बड़े थे, बिल्कुल नेहा जैसे। वो धीरे-धीरे
अपने कपड़े उतारने लगी। उसका बदन सामने आने लगा। जल्द ही वो ब्रा पैंटी में आ गई। उसने अपनी ब्रा से अपने चूचे बाहर निकाले। समर तो शर्म से पिघल गया। अपनी बहन के सामने ये सब वो कैसे देखा सकता था। लड़की ने अपनी ब्रा पैंटी भी निकल दी।

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नेहा ने समर की ओर देखा और उसे स्क्रीन की तरफ देखते हुए पकड़ लिया। वो मुश्कुराई और उसे आँख मारी। समर शर्म से लाल पड़ गया।

अब वो लड़की अपनी चूत से खेलने लगी। उसने अपनी चूत खोलकर रख दी। वो गीली और गुलाबी थी। समर का लण्ड फिर पूरा खड़ा हो चुका था।

नेहा- “मुझे पता है की थोड़ा अजीब लग रहा है। लेकिन इसी में तो मजा है..." नेहा ने कहा।

वीडियो में अब एक काला हब्शी आदमी आया। वो लड़की के मम्मे और चूत पे हाथ फेरने लगा। वो उन्हें चाटने से हट नहीं रही है, और समर ये देखा रहा था। उसके मन में आज के अजब हालात घूम रहे थे। पहले अपनी बहन का ऐसे कपड़े पहनना, फिर उनके आधे मम्मों का दर्शन, उसकी कमर, उसकी गाण्ड का पहले हाथ पे और फिर लण्ड पे स्पर्श, पोर्न की बात और अब उसकी अपनी बड़ी बहन के साथ पोर्न वीडियो देखना। सच में ये एक बहुत अजब सपने की तरह था। मगर उसके लण्ड को बहुत मजा आ रहा था। वीडियो में उस आदमी ने अब अपना लण्ड बाहर निकाला।

नेहा की आँख में चमक आ गई- “अब आयेगा मजा...” नेहा ने कहा।

समर को थोड़ा अजब लगा ये सुनकर। उसकी बहन लण्ड का इंतेजार कर रही थी। उस आदमी का लण्ड पहले लड़की के मुँह में गया। वो मजे से उसे चूसने लगी। नेहा ने अपनी जीभ निकालकर अपने होंठों पे फिराई। समर ने ये देखा। ऐसा लग रहा है जैसे दीदी को भी मुँह में लण्ड चाहिये।

थोड़ी देर बाद वो अपने लण्ड को लड़की की चूत में डाल के चोदने लगा। लड़की जोर-जोर से चिल्ला रही थी “फक मी, फक मी हार्ड.." ऐसी आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगी।

समर और नेहा दोनों वीडियो में खो चुके थे और मजे ले रहे थे। समर ने एक पल के लिए नेहा पे नजर डाली तो उसकी आँखें फट गई। नेहा का एक हाथ उसके चूचे पर था और दूसरा उसकी टांगों के बीच। वो खुद को छु रही थी। जिस चीज के बारे में समर ने कभी सोचा भी नहीं था अब वो उसके सामने हो रही थी। ना जाने कैसे, मगर उसका हाथ भी अपने आप अपने लण्ड पे चला गया। वो भी पाजामे के ऊपर से खुद को छूने लगा। नेहा भी अपनी चूत को छू रही थी। उसको पता था की समर देखा रहा होगा। मगर यही तो उसका मकसद था। मगर वो खुद अपनी चूत को छूना चाहती थी।

कमरे में सेक्सुयल टेंशन अपने चरम पर थी। एक भाई का लण्ड तड़प रहा था, एक बहन की चूत तड़प रही थी। दोनों प्यासे थे। समर लण्ड से खेलते-खेलते खो सा गया। की तभी नेहा ने वीडियो बंद कर दिया। उसने एकदम से अपना हाथ अपने लण्ड से हटा दिया।

नेहा- “बस... और नहीं। नहीं तो मैं कंट्रोल से बाहर हो जाऊँगी.." नेहा ने कहा।

समर ने सोचा- “ऐसा क्या करती दीदी कंट्रोल से बाहर होकर?"

नेहा ने समर की तरफ देखा- “ओहो, लगता है मेरे छोटे भाई को पसंद आई वीडियो..." नेहा ने समर के पाजामे में बने टेंट को देखते हए कहा।

समर ने एक झटके से अपना टेंट छुपा दिया। और पलट के बैठ गया।

नेहा- “हाहाहा... अरे नचुरल है ये मेरे भाई.." नेहा ने कहा- “अच्छा, लैपटाप ठीक हुआ?"

"नहीं...” समर ने कहा।

नेहा- “चल तू इसे ठीक कर, मैं जरा तेरा बाथरूम इश्तेमाल कर रही हूँ.” ये कहकर नेहा समर के वाशरूम में चली गई।

 
समर ने थोड़ा साँस ली। दीदी ने मेरा खड़ा लण्ड देखा लिया। उसने सोचा। मगर मैंने भी तो अपनी दीदी को अपनी टांगों के बीच छूते देखा था। उसके दिमाग में अपनी दीदी को लेकर गलत ख्याल आने लगे। अकेले में तो दीदी क्या-क्या करती होंगी? क्या वो भी अपनी चूत के साथ? क्या वो भी चदाई? क्या वो अभी वाशरूम में अपनी चूत से खेल रही है? समर का लण्ड झटके मारने लगा। उसे सेक्स चढ़ने लगा।

तभी नेहा बाहर आ गई- “कुछ हुआ इसका..” उसने पूछा और आकर समर के साथ बेड पे बैठ गई।

“नहीं दीदी..” समर ने लैपटाप ठीक करने का नाटक किया। वो तिरछी नजरों से अपनी दीदी के मनमोहक बदन को देख रहा था। कितना गोरा और साफ था उसका बदन। उसने देखा की नेहा के हाथ में कुछ था। कुछ कपड़े जैसा। उसने ध्यान से देखा। दो कपड़े थे शायद। नेहा ने अपनी पकड़ ढीली की, और समर का दिल जोर से धड़कने लगा। वो समझ गया नेहा के हाथ में क्या था।

ब्रा और पैंटी। उसकी दीदी वाशरूम में जाकर अपनी ब्रा और पैंटी उतार के आ गई थी।

समर ने एक बार फिर देखा। हाँ... इसमें कोई संदेह नहीं था की नेहा के हाथ में उसकी ब्रा और पैंटी ही थी। नेहा ने अपने अंदरूनी वस्त्र उतार दिए थे। समर ने नेहा के बदन की ओर देखा। अब उसकी दीदी के शरीर पे दो ही कपड़े थे। एक पतली छोटी टाप और एक छोटी सी शार्ट। उसका लण्ड आपे से बाहर होता जा रहा था।

नेहा ने ये जानबूझ कर किया था और वो जानबूझ कर समर को दिखा भी रही थी। ताकी समर और तड़पे। नेहा खुद बहत उत्तेजित थी। नेहा ने अपनी ब्रा और पैंटी समर के बेड पे रख दी।

नेहा ऐसा नाटक कर रही थी जैसे ये बहुत मामूली बात है। मगर समर के लिए ये मामूली नहीं था। उसने तो पहली बार अपनी बहन के ये वस्त्र देखे थे। उस गुलाबी ब्रा और कच्छी को देखकर ही उसके दिमाग में सेक्स चढ़ रहा था।

नेहा- "इतना घूर के क्या देखा रहा है, कभी किसी लड़की के इनरवेयर नहीं देखे क्या?" नेहा ने पूछा।

समर- “दीदी वो मैं...” समर इधर-उधर देखने लगा।

नेहा- “मैं सोते वक्त उतार देती हूँ अंडरगार्मेंट्स। वैसे भी गर्मी बहुत है। अभी तेरे कमरे में हूँ इसलिए टाप और शार्ट पहना है। अपने रूम में तो मैं ये भी नहीं..” ये कहकर वो रुक गई और एक नाटी स्माइल दी। समर की हालत और खराब हो गई।

समर मन में- क्या कहना चाहती थी दीदी? क्या वो अपने रूम में नंगी सोती है? वो सेक्स और एक्साइटेशन की लहर में बह रहा था। वो इमेजिन कर रहा था अपनी बहन को नंगा, और उससे मजा आ रहा था।

नेहा खड़ी हुई और कमरे में इधर से उधर टहलने लगी। समर भी छुप-छुप के उसे देखा रहा था। उसके चूचे अपने टाप में उभर रहे थे। वो इतने बड़े थे और बिना ब्रा के सपोर्ट के वो नेहा की छाती पर झूल रहे थे। उसकी शार्ट इतनी छोटी और पतली थी की परी गाण्ड की शेप नजर आ रही थी। समर का मन कर रहा था की लण्ड बाहर निकालकर मूठ मार ले। उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था।
 
समर मन में- क्या कहना चाहती थी दीदी? क्या वो अपने रूम में नंगी सोती है? वो सेक्स और एक्साइटेशन की लहर में बह रहा था। वो इमेजिन कर रहा था अपनी बहन को नंगा, और उससे मजा आ रहा था।

नेहा खड़ी हुई और कमरे में इधर से उधर टहलने लगी। समर भी छुप-छुप के उसे देखा रहा था। उसके चूचे अपने टाप में उभर रहे थे। वो इतने बड़े थे और बिना ब्रा के सपोर्ट के वो नेहा की छाती पर झूल रहे थे। उसकी शार्ट इतनी छोटी और पतली थी की परी गाण्ड की शेप नजर आ रही थी। समर का मन कर रहा था की लण्ड बाहर निकालकर मूठ मार ले। उससे कंट्रोल नहीं हो रहा था।

समर- "दीदी ये ठीक नहीं हो रहा अभी। कल देख लूंगा। अभी सो जाते हैं...” समर ने कहा। अब वो लण्ड को शांत करना चाहता था। उसे पता था की जब तक दीदी यहां रहेगी वो मूठ नहीं मार पायेगा।

नेहा- “ओहह... ठीक है। कल देख लेना इसे। लेकिन तू अभी से क्यों सो रहा है? आज तो घर पे कोई नहीं है। रात भर तू मस्ती मार सकता है। और तू सो रहा है.." नेहा ने पूछा। उससे समझ में आ रहा था की समर ये क्यों कर रहा है? उससे पता था की उसका लण्ड बेकाबू हो रहा है।

समर- “बस दीदी... नींद आ रही है.." समर ने कहा।

नेहा- “तो सो जा। मैं तुझे थोड़ी कुछ बोल रही हूँ। मैं चली जाऊँगी बाद में। तू सो जा...” नेहा ने कहा।

समर परेशान हो गया- “आप यहां रहोगी तो मुझे नींद कैसे आयेगी?"

नेहा- “अच्छा तो तू मुझे यहां से भगाना चाहता है..." नेहा ने कहा- “क्यों... ऐसा क्या करेगा मेरे जाने पर? ब्लू फिल्म देखेगा..."

समर- “नहीं दीदी..." समर बोला।

नेहा- “तो क्या मूठ मारेगा?"

समर के तोते उड़ गये। उसे यकीन नहीं हुआ अपने कानों पर। उसकी दीदी ने उसके मन की बात पढ़ ली थी। लेकिन... उसकी दीदी को मूठ मारने का मतलब पता था.. ये सब उसके सिर के ऊपर से जा रहा था। अब क्या कहूँ? समर ने नाटक करना चाहा- “क्या? आप क्या कह रही हैं.. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा.."

नेहा- “मगर मुझे सब समझ में आ रहा है। समर बच्चू, तू मुझे बेवकूफ नहीं बना पायेगा.." नेहा ने कहा।

समर- “मैं किसी को बेवकूफ नहीं बना रहा...” समर ने कहा। वो इस दलदल में फँसता जा रहा था।

नेहा- “हाँ.. तो फिर साफ बोल की तुझे मूठ मारना है। मैं चली जाऊँगी यहां से चुपचाप.." नेहा ने कहा। अब उसे भी नहीं पता था की आगे क्या किया जाए? वो बस कुछ ना कुछ बोले जा रही थी।

"नहीं..." समर ने कहा।

नेहा- “तो ठीक है। मैं यही हूँ। तू सो जा.." नेहा ने कहा।

 
समर बेचारा फँस गया था। उसका लण्ड डिस्चार्ज चाहता था। अब तो उसे दर्द होने लग गया था। मगर वो अपनी बहन के सामने ये स्वीकार नहीं कर सकता था।

नेहा ने उसकी परेशानी को देखा लिया। मगर वो उसे थोड़ा और तड़पाना चाहती थी। समर के बेड के आपोसिट एक खिड़की थी। नेहा वहां गई और खिड़की की तरफ मुँह करके खड़ी हो गई। उसे पता था की समर की नजर सीधा उसकी गाण्ड पर जायेगी, और वो बिल्कुल सही थी।

समर बस उसकी सुडौल गाण्ड को देख रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था की वो क्या करे? तभी नेहा खिड़की के सहारे थोड़ा झुक गई, और अपनी गाण्ड और बाहर निकल दी। समर का दिल और तेजी से भागने लगा। दीदी ऐसा क्यों कर रही है? क्यों अपनी प्यारी सी गाण्ड मेरी आँखों के सामने रख रही है? क्यों मेरे लण्ड की परीक्षा ले रही है? मैं मर जाऊँगा। समर ये सब सोच रहा था। और उसका हाथ अपने आप उसके लण्ड पे चला गया।

नेहा जानती थी की समर उसकी गाण्ड को निहार रहा होगा, और पागल हो रहा होगा। वो जानबूझकर अपनी गाण्ड हल्के-हल्के से हिलाने लग गई और अपनी टांगों को आपस में मसलने लगी।

समर और नशे में हो गया। उसको अब लण्ड को शांत करना ही था। बिना कुछ सोचे उसने अपना हाथ अब अपने पाजामे में डाल दिया और लण्ड को सहलाने लगा। वो भूल गया की उसकी दीदी अभी वहीं है। उसने अपनी आँखें बंद कर ली और लण्ड को हिलने लगा। वो अब सेक्स के सागर में डूब चुका था। अब रुकना न था। वो कहीं खो सा गया था।

नेहा ने पीछे देखा, तो उसे ऐसा नजारा दिखा जिससे उसकी चूत फड़कने लग गई। उसमें से पानी निकलने लगा। उसका भाई आँखें बंद करके पाजामे के अंदर अपने लण्ड से खेल रहा था। वो अपनी दुनियां में गुम था। नेहा का मन किया की ऐसे ही अपने भाई को देखती रहे। मगर नहीं, उसके दिमाग में कुछ और ही था।

नेहा- “पता था मुझे। तुझे मूठ मारना था.." नेहा जोर से बोली।

अपनी दीदी की आवाज सुनकर समर अपने सपनों की दुनियां से नीचे आ गिरा। उसे एहसास हुआ की वो कहाँ है और क्या कर रहा है? उसका हाथ पाजामे के अंदर था। उसने अपना लण्ड पकड़ रखा था। ऊपर देखा तो उसकी बहन की नजर सीधा उसके पाजामे हाथ पे थी। समर समझ गया की उसने कितनी बड़ी गलती कर दी है।

नेहा का प्लान कामयाब हो गया था। उसने अपने भाई को सेक्स के सागर में डुबो दिया था। देखना ये था की अब नेहा क्या कदम उठायेगी?

समर शर्म के मारे मरा जा रहा था। उसने धीरे से अपना हाथ बाहर निकालने की कोशिश की, मगर।

नेहा- “अरें.. क्या हुआ... जो काम कर रहा था वो पूरा तो कर.." नेहा बोली।

समर सन्न रह गया- “आई आम सो सारी दीदी। मुझसे गलती हो गई। पता नहीं मुझे क्या हो गया था दीदी?" समर डर गया था। उसकी हालत खराब हो रही थी।

नेहा- “अरे समर... तू पागल है क्या? तुझे मेरी शकल पे कहीं भी गुस्सा या निराशा दिख रही है क्या?" उसने समर के गाल पे हाथ फेरा- “मैं तो खुश हूँ की तू इतना होशियार हो गया है की तुझे अपनी बाडी की जरूरतें पूरा करना आता है..."

ये दीदी क्या कह रही है? मेरे मूठ मारने से वो खुश है? समर ने सोचा भी ना था ये। फिर से उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं था। उसका हाथ अभी भी पाजामे के अंदर था।
 
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