hotaks444
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गतान्क आगे.....................
दिन रिज़ल्ट का....
अंकित जानता था कि उसका रिज़ल्ट कैसा आने वाला है....डरते डरते उसने इंटरनेट पे अपना रिज़ल्ट देखा
अंकित :- ये तो होना ही था.....(रिज़ल्ट देख के उसकी शक्ल और उतर गयी)
जब मुसीबत आती है तो हर तरफ से आती है.....यही कंडीशन सेम अंकित की थी....
अगली सुबह कॉलेज में.....अंकित क्लास की सीट पे बैठा था..हर तरफ रिज़ल्ट की बाते कर रहे थे सारे
बच्चे....तेरा रिज़ल्ट कैसा रहा ... मेरी तो इतनी पर्सेंट आई है..मेरी उतनी...(वगेरह वगेरह)
लेकिन अंकित का ध्यान नही था..वो तो अपने एक बुक टेबल पे रख के उसके पन्ने बदल रहा था
तभी क्लास में अंकिता आ गयी...सभी उसे विश करने के लिए खड़े हुए....विश करके बैठ भी
गये लेकिन अंकित भाई साहब को तो पता ही नही चला वो तो वैसे ही अपने में खोए हुए थे..
आज विकी भी नही आया था...इसलिए उसको कुछ पता ही नही चल रहा था..
अंकिता ने क्लास लेनी शुरू की......उसने भी अपनी क्लास पूरी ले ली....पर अंकित के कान आज सच में बंद
थी....
आख़िर में अंकिता ने अटेंडेन्स लेनी शुरू की..जिसमे 4थ नंबर पे अंकित का नाम था...उसने
अंकित का नाम लिया..लेकिन उसे तो पता ही कहाँ था उसने कोई रेस्पॉन्स नही दिया....
अंकिता ने अपनी नज़र अंकित की तरफ करी......अंकित टेबल पे रखी हुई किसी चीज़ को घूर रहा था
अंकिता :- अंकित....(वो दुबारा बोली)
लेकिन अंकित का कोई रेस्पॉन्स नही था..
अंकिता :- अंकित्त्त.......(इस बार थोड़ी ज़ोर से)
तभी आगे बैठे बच्चे ने....उसे हिलाया तो वो होश में आया..और उसने सामने देखा..
अंकित :- सॉरी मॅम...
अंकिता ने उसे अपनी तिरछी नज़रों से देखा....और फिर अपनी अटेडेन्स लेके वो क्लास से निकल गयी..
3 लेक्चर और ऐसे निकल गये....12 बजने वाले थे...तभी अंकित के सेल पे मसेज आया...
अंकित ने मसेज देखा तो वो मेसेज अंकिता का था..
मीट मी अट 12 नियर रिसेप्षन..अंकिता का मेसेज
अंकित कुछ सोच में डूब गया....लेकिन फिर उसने अपना बॅग उठाया और फिर वहीं रिसेप्षन के पास
सीढ़ी बननी हुई थी वहाँ बैठ गया..धूप में ही...(गर्मियो के दिन थे 10 मिनट में अंकित
पसीना पसीना हो गया)
यहाँ बैठने की क्या ज़रूरत थी...शेड में खड़े रहते...(तभी अंकित के कानो में अंकिता की
आवाज़ पड़ी)
अंकित पीछे मुड़ा और खड़ा हो गया..
अंकिता :- अपनी हालत देखो पसीने से भीगे हुए हो..पागल हो तुम इतनी गर्मी में बैठे हो..
अंकित :- सॉरी मॅम...
वहाँ खड़े होके अंकिता कुछ और नही बोलना चाहती थी..इसलिए उसने उसको साथ चलने को कहा..
अंकित उसके पीछे पीछे चलने लगा....(कहाँ तो ये बंदा आगे चल रही इतनी हॉट सेक्सी लड़की की गान्ड
और ना जाने क्या क्या घूरते हुए चलता था लेकिन आज मूह नीचे करते हुए चल रहा था)
कॉलेज से बाहर निकल गये दोनो..थोड़ी दूर चलने पर अंकिता रुकी..तो अंकित भी रुक गया..
अंकिता :- बैठो
अंकित उसकी तरफ देखने लगा..
अंकिता :- कार में बैठो....तुमसे कुछ बात करनी है....
अंकित बिना बोले कार में बैठ जाता है....और अंकिता कार दौड़ा देती है...पूरे रास्ते अंकित बस
मिरर से बाहर देखता रहता है...बीच बीच में अंकिता उसकी तरफ देखती है...और उसके उस एक्शप्रेशन
को नोट करती है..लेकिन कुछ नही बोलती....दोनो में से कोई कुछ नही बोलता..और कोई बाते नही होती
20 मिनट में की ड्राइविंग के बाद...अंकिता काफ़ी बड़ी सोसाइटी में एंटर करती है और अंदर फिर
कार पार्क कर देती है...
दोनो कार से उतर जाते हैं..
अंकित :- हम कहाँ आए हैं?
अंकिता :- मेरे घर
अंकित :- आपके घर पर क्यो
अंकिता :- (बीच में रोकते हुए) कुछ ज़रूरी बात करनी है तुमसे इसलिए..चलो बताती हूँ..
अंकित कुछ नही बोलता..और पीछे पीछे चल पड़ता है...करीब 20 मिनट बाद
दोनो एक दूसरे के आमने सामने बैठे थी...अंकित ने अपना सर झुका रखा था..
अंकिता :- पूरा सेमेस्टर बॅक...मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी...अंकित तुम्हे हुआ क्या है...पिछले 3
महीनो से मैं नोटीस कर रही हूँ कि कुछ है..लेकिन तुमने कभी कुछ शेअर नही किया मुझे लगा
सब ठीक हो जाएगा..लेकिन कल तुम्हारा रिज़ल्ट देखने के बाद तो मुझसे रहा नही गया....
क्यूँ कि में नही चाहती कि एक गुड स्टूडेंट जो पढ़ाई में होशियार है उसकी ये हालत होगी...सेमेस्टर
बॅक..माइ गॉड..मुझे तो बिल्कुल उम्मीद नही थी इसकी....क्या बात है बोलो?
अंकित :- कुछ नही है मॅम..
अंकिता :- नही बताओगे तुम मुझे...तुम्हारे पेरेंट्स को फोन करके तुम्हारा रिज़ल्ट बताऊगी तब
पता चलेगा..क्यूँ कि जानती हूँ तुमने घर पे तो बताया ही नही होगा..
अंकित :- नो मॅम प्लीज़...घर पे फोन मत करिएगा...प्लीज़
अंकिता :- तो फिर बताओ बेटा बात क्या है...क्यूँ ऐसा रिज़ल्ट आया है तुम्हारा?
अंकित :- क्या बताऊ मॅम...जब किसी का दिल बिखर जाता है तो क्या पढ़ाई में मन लगेगा...
अंकिता :- किसी लड़की ने डिच किया?
अंकित :- हहा..डिच .. मेने खुद को डिच कर दिया है मॅम....मेने किसी का दिल दुखा दिया वो
भी बहुत बुरी तारह से...नही चाहता था में कि मेरी वजह से किसी को कोई तकलीफ़ हो लेकिन पता नही
कैसे हो गया...उसने मुझे माफ़ भी नही किया...
अंकिता :- पूरी बात बताओ तो पता चलेगा ना....
अंकित :- अगर मेने आपको पूरी बात बता दी तो आप मुझसे नफ़रत करेंगी...शक्ल देखना भी पसंद
नही करेगी..
अंकिता :- ह्म्म्म देखो इंसान से ग़लतियाँ हो जाती है...और कई बार कुछ ऐसा कर देते हैं जिसका
अंदाज़ा हमे उस चीज़ को खोने के बाद ही पता चलता है..लेकिन तुम बेफिकर रहो में तुम्हारे
साथ वैसी ही रहूंगी जैसा पहली थी....
जब तक तुम अपनी दिल की बात नही बताओगे तब तक तुम ऐसे ही रहोगे..बताओ..
फिर अंकित के लंबी साँस लेता है....और फिर सारी बात बताना शुरू कर देता है......
अंकित :- मेने माफी माँगी अपनी ग़लती की आख़िर लेकिन शायद वो ग़लती नही थी मेने एक गुनाह कर दिया..
इसलिए मुझे कभी उसकी माफी नही मिलेगी..
अंकिता पूरी बात सुनती है...अंकित उसके फेस के रियेक्शन देखने लगता है...लेकिन
अंकिता :- कोल्ड कोफ़ी पियोगे...अभी लाती हूँ...
अंकित को बड़ा अजीब लगता है...ऐसे प्लैन रियेक्शन से अंकिता के.....
10 मिनट बाद..दोनो के हाथ में कॉफी का ग्लास होता है..
अंकिता :- सारी बाते बता के तुम्हे कैसा फील हो रहा है..
अंकित :- आपको भी यही लगता है ना कि में कितना घटिया लड़का हूँ?
अंकिता :- नही बिल्कुल नही...पता है क्यूँ....अगर तुम घटिया इंसान होते तो तुम अपनी ग़लती रियलाइज़ करके
सॉरी नही बोलते...माना की तुमने जो बोला और किया वो बहुत ही ग़लत था..रियली बहुत ग़लत...पर तुम
घटिया नही हो...क्यूँ कि घटिया वो होता है जो ग़लती कर के भी ना सीखे..लेकिन तुम पिछले 3 महीने से
अपने आप को कोस रहे हो...ये सिर्फ़ एक अच्छे दिल वाला इंसान कर सकता है को बेकार लड़का नही कर सकता...
अंकिता की बाते सुन के अंकित की आँखें नम हो जाती है...और उसके आँख से आँसू निकल आता है...
अंकिता उसकी बगल में बैठते हुए..उसके हाथ को पकड़ते हुए..
अंकिता :- देखो अंकित भले ही हम कॉलेज में टीचर स्टूडेंट हो..लेकिन बाहर हम एक फ़्रेंड
ही हैं...में बस इतना ही कहना कहती हूँ तुम से...फर्गेट एवेरितिंग...फर्गेट इट...तुम उस बात
को लेकर अपनी लाइफ स्पायिल नही कर सकते....समझ रहे हो ना क्या कह रही हूँ..
अंकित अपनी गर्दन हाँ में हिलाता है..
दिन रिज़ल्ट का....
अंकित जानता था कि उसका रिज़ल्ट कैसा आने वाला है....डरते डरते उसने इंटरनेट पे अपना रिज़ल्ट देखा
अंकित :- ये तो होना ही था.....(रिज़ल्ट देख के उसकी शक्ल और उतर गयी)
जब मुसीबत आती है तो हर तरफ से आती है.....यही कंडीशन सेम अंकित की थी....
अगली सुबह कॉलेज में.....अंकित क्लास की सीट पे बैठा था..हर तरफ रिज़ल्ट की बाते कर रहे थे सारे
बच्चे....तेरा रिज़ल्ट कैसा रहा ... मेरी तो इतनी पर्सेंट आई है..मेरी उतनी...(वगेरह वगेरह)
लेकिन अंकित का ध्यान नही था..वो तो अपने एक बुक टेबल पे रख के उसके पन्ने बदल रहा था
तभी क्लास में अंकिता आ गयी...सभी उसे विश करने के लिए खड़े हुए....विश करके बैठ भी
गये लेकिन अंकित भाई साहब को तो पता ही नही चला वो तो वैसे ही अपने में खोए हुए थे..
आज विकी भी नही आया था...इसलिए उसको कुछ पता ही नही चल रहा था..
अंकिता ने क्लास लेनी शुरू की......उसने भी अपनी क्लास पूरी ले ली....पर अंकित के कान आज सच में बंद
थी....
आख़िर में अंकिता ने अटेंडेन्स लेनी शुरू की..जिसमे 4थ नंबर पे अंकित का नाम था...उसने
अंकित का नाम लिया..लेकिन उसे तो पता ही कहाँ था उसने कोई रेस्पॉन्स नही दिया....
अंकिता ने अपनी नज़र अंकित की तरफ करी......अंकित टेबल पे रखी हुई किसी चीज़ को घूर रहा था
अंकिता :- अंकित....(वो दुबारा बोली)
लेकिन अंकित का कोई रेस्पॉन्स नही था..
अंकिता :- अंकित्त्त.......(इस बार थोड़ी ज़ोर से)
तभी आगे बैठे बच्चे ने....उसे हिलाया तो वो होश में आया..और उसने सामने देखा..
अंकित :- सॉरी मॅम...
अंकिता ने उसे अपनी तिरछी नज़रों से देखा....और फिर अपनी अटेडेन्स लेके वो क्लास से निकल गयी..
3 लेक्चर और ऐसे निकल गये....12 बजने वाले थे...तभी अंकित के सेल पे मसेज आया...
अंकित ने मसेज देखा तो वो मेसेज अंकिता का था..
मीट मी अट 12 नियर रिसेप्षन..अंकिता का मेसेज
अंकित कुछ सोच में डूब गया....लेकिन फिर उसने अपना बॅग उठाया और फिर वहीं रिसेप्षन के पास
सीढ़ी बननी हुई थी वहाँ बैठ गया..धूप में ही...(गर्मियो के दिन थे 10 मिनट में अंकित
पसीना पसीना हो गया)
यहाँ बैठने की क्या ज़रूरत थी...शेड में खड़े रहते...(तभी अंकित के कानो में अंकिता की
आवाज़ पड़ी)
अंकित पीछे मुड़ा और खड़ा हो गया..
अंकिता :- अपनी हालत देखो पसीने से भीगे हुए हो..पागल हो तुम इतनी गर्मी में बैठे हो..
अंकित :- सॉरी मॅम...
वहाँ खड़े होके अंकिता कुछ और नही बोलना चाहती थी..इसलिए उसने उसको साथ चलने को कहा..
अंकित उसके पीछे पीछे चलने लगा....(कहाँ तो ये बंदा आगे चल रही इतनी हॉट सेक्सी लड़की की गान्ड
और ना जाने क्या क्या घूरते हुए चलता था लेकिन आज मूह नीचे करते हुए चल रहा था)
कॉलेज से बाहर निकल गये दोनो..थोड़ी दूर चलने पर अंकिता रुकी..तो अंकित भी रुक गया..
अंकिता :- बैठो
अंकित उसकी तरफ देखने लगा..
अंकिता :- कार में बैठो....तुमसे कुछ बात करनी है....
अंकित बिना बोले कार में बैठ जाता है....और अंकिता कार दौड़ा देती है...पूरे रास्ते अंकित बस
मिरर से बाहर देखता रहता है...बीच बीच में अंकिता उसकी तरफ देखती है...और उसके उस एक्शप्रेशन
को नोट करती है..लेकिन कुछ नही बोलती....दोनो में से कोई कुछ नही बोलता..और कोई बाते नही होती
20 मिनट में की ड्राइविंग के बाद...अंकिता काफ़ी बड़ी सोसाइटी में एंटर करती है और अंदर फिर
कार पार्क कर देती है...
दोनो कार से उतर जाते हैं..
अंकित :- हम कहाँ आए हैं?
अंकिता :- मेरे घर
अंकित :- आपके घर पर क्यो
अंकिता :- (बीच में रोकते हुए) कुछ ज़रूरी बात करनी है तुमसे इसलिए..चलो बताती हूँ..
अंकित कुछ नही बोलता..और पीछे पीछे चल पड़ता है...करीब 20 मिनट बाद
दोनो एक दूसरे के आमने सामने बैठे थी...अंकित ने अपना सर झुका रखा था..
अंकिता :- पूरा सेमेस्टर बॅक...मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी...अंकित तुम्हे हुआ क्या है...पिछले 3
महीनो से मैं नोटीस कर रही हूँ कि कुछ है..लेकिन तुमने कभी कुछ शेअर नही किया मुझे लगा
सब ठीक हो जाएगा..लेकिन कल तुम्हारा रिज़ल्ट देखने के बाद तो मुझसे रहा नही गया....
क्यूँ कि में नही चाहती कि एक गुड स्टूडेंट जो पढ़ाई में होशियार है उसकी ये हालत होगी...सेमेस्टर
बॅक..माइ गॉड..मुझे तो बिल्कुल उम्मीद नही थी इसकी....क्या बात है बोलो?
अंकित :- कुछ नही है मॅम..
अंकिता :- नही बताओगे तुम मुझे...तुम्हारे पेरेंट्स को फोन करके तुम्हारा रिज़ल्ट बताऊगी तब
पता चलेगा..क्यूँ कि जानती हूँ तुमने घर पे तो बताया ही नही होगा..
अंकित :- नो मॅम प्लीज़...घर पे फोन मत करिएगा...प्लीज़
अंकिता :- तो फिर बताओ बेटा बात क्या है...क्यूँ ऐसा रिज़ल्ट आया है तुम्हारा?
अंकित :- क्या बताऊ मॅम...जब किसी का दिल बिखर जाता है तो क्या पढ़ाई में मन लगेगा...
अंकिता :- किसी लड़की ने डिच किया?
अंकित :- हहा..डिच .. मेने खुद को डिच कर दिया है मॅम....मेने किसी का दिल दुखा दिया वो
भी बहुत बुरी तारह से...नही चाहता था में कि मेरी वजह से किसी को कोई तकलीफ़ हो लेकिन पता नही
कैसे हो गया...उसने मुझे माफ़ भी नही किया...
अंकिता :- पूरी बात बताओ तो पता चलेगा ना....
अंकित :- अगर मेने आपको पूरी बात बता दी तो आप मुझसे नफ़रत करेंगी...शक्ल देखना भी पसंद
नही करेगी..
अंकिता :- ह्म्म्म देखो इंसान से ग़लतियाँ हो जाती है...और कई बार कुछ ऐसा कर देते हैं जिसका
अंदाज़ा हमे उस चीज़ को खोने के बाद ही पता चलता है..लेकिन तुम बेफिकर रहो में तुम्हारे
साथ वैसी ही रहूंगी जैसा पहली थी....
जब तक तुम अपनी दिल की बात नही बताओगे तब तक तुम ऐसे ही रहोगे..बताओ..
फिर अंकित के लंबी साँस लेता है....और फिर सारी बात बताना शुरू कर देता है......
अंकित :- मेने माफी माँगी अपनी ग़लती की आख़िर लेकिन शायद वो ग़लती नही थी मेने एक गुनाह कर दिया..
इसलिए मुझे कभी उसकी माफी नही मिलेगी..
अंकिता पूरी बात सुनती है...अंकित उसके फेस के रियेक्शन देखने लगता है...लेकिन
अंकिता :- कोल्ड कोफ़ी पियोगे...अभी लाती हूँ...
अंकित को बड़ा अजीब लगता है...ऐसे प्लैन रियेक्शन से अंकिता के.....
10 मिनट बाद..दोनो के हाथ में कॉफी का ग्लास होता है..
अंकिता :- सारी बाते बता के तुम्हे कैसा फील हो रहा है..
अंकित :- आपको भी यही लगता है ना कि में कितना घटिया लड़का हूँ?
अंकिता :- नही बिल्कुल नही...पता है क्यूँ....अगर तुम घटिया इंसान होते तो तुम अपनी ग़लती रियलाइज़ करके
सॉरी नही बोलते...माना की तुमने जो बोला और किया वो बहुत ही ग़लत था..रियली बहुत ग़लत...पर तुम
घटिया नही हो...क्यूँ कि घटिया वो होता है जो ग़लती कर के भी ना सीखे..लेकिन तुम पिछले 3 महीने से
अपने आप को कोस रहे हो...ये सिर्फ़ एक अच्छे दिल वाला इंसान कर सकता है को बेकार लड़का नही कर सकता...
अंकिता की बाते सुन के अंकित की आँखें नम हो जाती है...और उसके आँख से आँसू निकल आता है...
अंकिता उसकी बगल में बैठते हुए..उसके हाथ को पकड़ते हुए..
अंकिता :- देखो अंकित भले ही हम कॉलेज में टीचर स्टूडेंट हो..लेकिन बाहर हम एक फ़्रेंड
ही हैं...में बस इतना ही कहना कहती हूँ तुम से...फर्गेट एवेरितिंग...फर्गेट इट...तुम उस बात
को लेकर अपनी लाइफ स्पायिल नही कर सकते....समझ रहे हो ना क्या कह रही हूँ..
अंकित अपनी गर्दन हाँ में हिलाता है..