desiaks
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“कर ली अपनी मनमानी आखिर आपने। कर ही दिया मुझे बरबाद ना। हाय, जब हो ही गयी बरबाद तो अब और क्या बचा मां के लौड़े।” मैं भी अब आप ऊप के आदरसूचक संबोधन को अपनी चूत में डाल कर रंडीपन पर उतर आई। अपनी कमर उछालने लगी मैं। “साले मादरचोद, चल अब खुल के चोद मुझे साले कुत्ते, आह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह हरामी चोद मेरी चूत, बना डाल भोंसड़ा कमीने।” भौंचक्का रह गया वह मेरे इस रूप को देख कर। “अब मुह फाड़े देख क्या रहा है बुरचोद, फाड़ डाल मेरी चूत, लंड के लोढ़े, मेरी बुर का भुर्ता बना लौड़े के लोटे।” मैं बेहद उत्तेजित थी और आप लोगों को पता ही है कि उत्तेजना के चरम पर जब मैं होती हूं तो रंडी भी मेरे रंडीपन के आगे पानी भरने लगती है।
“वाह रे मेरी रानी, ये तो गजब हो गया। क्या यह मेरे लंड का कमाल है? पहले तो बड़ी शरीफजादी बन रही थी? अब तो बिल्कुल रंडी हो गयी।”
“तूने मुझे बरबाद किया, जबरदस्ती किया। मेरे मना करने के बावजूद मुझे चुदने के लिए मजबूर किया और अब जब मेरी चूत में आग लगी है तो लगे भाषण झाड़ने बहनचोद। अब रगड़ मुझे, रौंद मुझे, पीस डाल अपनी बांहों में साले चुदक्कड़ कुत्ते।” उसपर मुझे रंडी बनाने की तोहमत लगाते हुए मजा लेने लगी। खैर अब उसे इन बातों से क्या लेना देना था। चोदना था, चोद रहा था। मेरे खुलेपन से और उत्साहित हो कर सचमुच में जंगली जानवर बन गया। नोचने लगा, खसोटने लगा, पूरी शक्ति से भंभोड़ने लगा वह। मैं कहां पीछे रहने वाली थी। पूरी शक्ति से उनके शरीर से चिपकी गचागच लंड खाने में मशगूल हो गयी। “ओह्ह्ह्ह्ह्ह राजा, आह हरामी, हाय मेरे कुत्ते कमीने चुदक्कड़ स्वामी, आह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह, हाय्य्य्य्य मां्म्म्आ्आ्आ्आ्आ” सिसकारियां निकालने लगी।
“ओह मेरी कुतिया, चूतमरानी, बुरचोदी, उफ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह्ह मजा आ््आआ््आआ रहा्आ्आ्आ्आ है ओह साली रंडी्ई्ई्ई्ई्ई अब तक क्यों नहीं चोदा रे तुम्हें।” इसी तरह हम दोनों एक दूसरे में समा जाने की जद्दोजहद करते रहे, धकमपेल करते रहे, मस्ती के सागर में डुबकी लगाते रहे और अंततः आधे घंटे के इस घमासान चुदाई के पश्चात हम दोनों एक दूसरे के तन में आत्मसात होने की पुरजोर कोशिश करते हुए आनंद के सागर में सराबोर अंतहीन स्खलन में लीन हो गये। जब हांफते कांपते निढाल हुए तो पूर्णतया तृप्ति की मुस्कान थी हम दोनों के होठों पर।
“कमाल हो तुम कामिनी। तेरे जैसी इतनी मस्त और खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं चोदा। जैसी तेरी सूरत, वैसा तेरा बदन। इस उमर में इतनी बड़ी बड़ी मस्त चिकनी चूचियां भी इतनी टाईट, कमाल है। बदन का कसाव गजब है। तेरी गांड़ इतनी मस्त है कि लंड अपने आप खड़ा हो जाता है। चूत का तो कहना ही क्या। देखने में भोंसड़ा, लेकिन चोदने में साली सोलह साल के लौंडिया की चूत जैसी टाईट, वाह, मजा आ गया चोदकर। इतने दिन से खाली देख देख कर मूठ मारता रहा, मैं कितना बड़ा गांडू था।”
“साले चोदू कहीं के, मुझे बरबाद करके मजा आ रहा है मादरचोद। चलो कोई बात नहीं, बरबाद किया तो किया, जबरदस्ती चोदा तो चोदा मगर मजा बड़ा दिया रे प्यारे चुदक्कड़ जी। क्या लंड पाया है सिन्हाजी। मस्त। दिल खुश कर दिया चोदकर।” मैं उसके नंगे बदन से चिपकते हुए बोली।
कहानी जारी रहेगी
“वाह रे मेरी रानी, ये तो गजब हो गया। क्या यह मेरे लंड का कमाल है? पहले तो बड़ी शरीफजादी बन रही थी? अब तो बिल्कुल रंडी हो गयी।”
“तूने मुझे बरबाद किया, जबरदस्ती किया। मेरे मना करने के बावजूद मुझे चुदने के लिए मजबूर किया और अब जब मेरी चूत में आग लगी है तो लगे भाषण झाड़ने बहनचोद। अब रगड़ मुझे, रौंद मुझे, पीस डाल अपनी बांहों में साले चुदक्कड़ कुत्ते।” उसपर मुझे रंडी बनाने की तोहमत लगाते हुए मजा लेने लगी। खैर अब उसे इन बातों से क्या लेना देना था। चोदना था, चोद रहा था। मेरे खुलेपन से और उत्साहित हो कर सचमुच में जंगली जानवर बन गया। नोचने लगा, खसोटने लगा, पूरी शक्ति से भंभोड़ने लगा वह। मैं कहां पीछे रहने वाली थी। पूरी शक्ति से उनके शरीर से चिपकी गचागच लंड खाने में मशगूल हो गयी। “ओह्ह्ह्ह्ह्ह राजा, आह हरामी, हाय मेरे कुत्ते कमीने चुदक्कड़ स्वामी, आह्ह्ह् ओह्ह्ह्ह्ह्ह, हाय्य्य्य्य मां्म्म्आ्आ्आ्आ्आ” सिसकारियां निकालने लगी।
“ओह मेरी कुतिया, चूतमरानी, बुरचोदी, उफ्फ्फ ओह्ह्ह्ह्ह्ह मजा आ््आआ््आआ रहा्आ्आ्आ्आ है ओह साली रंडी्ई्ई्ई्ई्ई अब तक क्यों नहीं चोदा रे तुम्हें।” इसी तरह हम दोनों एक दूसरे में समा जाने की जद्दोजहद करते रहे, धकमपेल करते रहे, मस्ती के सागर में डुबकी लगाते रहे और अंततः आधे घंटे के इस घमासान चुदाई के पश्चात हम दोनों एक दूसरे के तन में आत्मसात होने की पुरजोर कोशिश करते हुए आनंद के सागर में सराबोर अंतहीन स्खलन में लीन हो गये। जब हांफते कांपते निढाल हुए तो पूर्णतया तृप्ति की मुस्कान थी हम दोनों के होठों पर।
“कमाल हो तुम कामिनी। तेरे जैसी इतनी मस्त और खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं चोदा। जैसी तेरी सूरत, वैसा तेरा बदन। इस उमर में इतनी बड़ी बड़ी मस्त चिकनी चूचियां भी इतनी टाईट, कमाल है। बदन का कसाव गजब है। तेरी गांड़ इतनी मस्त है कि लंड अपने आप खड़ा हो जाता है। चूत का तो कहना ही क्या। देखने में भोंसड़ा, लेकिन चोदने में साली सोलह साल के लौंडिया की चूत जैसी टाईट, वाह, मजा आ गया चोदकर। इतने दिन से खाली देख देख कर मूठ मारता रहा, मैं कितना बड़ा गांडू था।”
“साले चोदू कहीं के, मुझे बरबाद करके मजा आ रहा है मादरचोद। चलो कोई बात नहीं, बरबाद किया तो किया, जबरदस्ती चोदा तो चोदा मगर मजा बड़ा दिया रे प्यारे चुदक्कड़ जी। क्या लंड पाया है सिन्हाजी। मस्त। दिल खुश कर दिया चोदकर।” मैं उसके नंगे बदन से चिपकते हुए बोली।

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