Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ - Page 5 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Free Sex Kahani स्पेशल करवाचौथ

धीरे धीरे दवाई अपना असर दिखाने लगी और रूबी बेचैनी से अपनी करवट बदलने लगीं। आज दिनी में हुई बाते उसकी आंखो के सामने से किसी सपने की तरह से गुजरने लगीं।

क्या करू यार ये योगा सेंटर वाले बार बार मेरे पति को देखने की मांग कर रहे हैं अगर मना करू तो कस्टमर भाग जाने का खतरा है लेकिन साहिल क्या ये सब कर पाएगा, वो क्या सोचेगा मेरे बारे में बस कुछ ग़लत ना सोच ले। मुझे एक साहिल से बात करनी चाहिए क्योंकि वो परसो घर अा जाएगा।

रूबी ने सोच कर साहिल का नंबर मिला दिया और साहिल ने फोन उठाया और बोला:"

"कैसी हो मम्मी आप ? सोई नहीं क्या आप, इतनी रात को फोन किया आज आपने ?

रूबी:" ठीक हूं बेटा बस नींद नहीं आ रही थी मुझे। सोचा तुमसे बात कर लू, बिज़ी तो नहीं थे कहीं। ?

साहिल:" अरे मम्मी अच्छा किया आपने, भला मै कहां बिज़ी हो सकता हूं !!

रूबी पर दवा का असर हो रहा था इसलिए थोड़ा सा मजाक करते हुए बोली:"

" मुझे लगा शायद किसी आंटी से बात कर रहा होगा तू, इसलिए बोला।

इतना कहकर रूबी जोर से हंस पड़ी तो साहिल बोला:"

" क्या मम्मी आपको को बहाना चाहिए मेरी टांग खींचने का, मुझे कोई आंटी पसंद नहीं है।

रूबी की आंखे दवा के कारण लाल हो गई थी और सांसे हल्की हल्की तेज होने लगी तो बोली:"

" आंटी नहीं तो फिर क्या पसंद हैं तुझे बेटा ?

साहिल:" मुझे बस मेरी मम्मी अच्छी लगती हैं, आपको बता हैं जब से आप गई हो यहां आपके चर्चे हैं दिल्ली में।

रूबी अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और उसने अपना एक हाथ दूसरे पैर पर चढ़ा दिया और बोली:"

" क्यों ऐसा क्या हो गया बेटा ?

साहिल:" अब मम्मी मैं आपको क्या बताऊं आपको बुरा लगेगा शायद।

रूबी ये जानने के लिए उत्सुक थी कि आखिर हुआ हैं इसलिए बोली:"

" नहीं लगेगा मुझे बुरा तो बोल ना क्या हुआ ? क्यों चर्चे हैं ?

साहिल:" वो मम्मी सारे लडके आज कल आपकी ही बात करते है यहां, आप तो सबकी ड्रीम गर्ल बन गई हैं।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:" है भगवान ये आजकल के लड़के भी ना, तुझे कैसे पता चल ये सब ?

साहिल की सिट्टी पिट्टी गुम, क्या करे अब, मम्मी क्या सोचेगी। फिर कुछ सोचते हुए बोला:"

" मम्मी वो मैंने आपके बारे में लडको को बाते करते हुए सुना था।

रूबी को अपनी जवानी के दिन याद अा गए की किस तरह से लड़के उसके पीछे पड़े रहते थे लेकिन उसने कभी किसी को ज्यादा भाव नहीं दिया। रूबी बोली:"

" क्या बाते कर रहे थे बेटा ?

साहिल:' कुछ नहीं मम्मी आपकी फिटनेस और फिगर के बारे में बोल रहे थे बस।

रूबी अब बेचैन हो रही थी क्योंकि वो जानना चाहती थी लड़के उसके बारे में क्या सोच रहे थे इसलिए बोली:"

" अच्छा क्या बाते कर रहे थे ?

साहिल:" मम्मी मै आपको किस बताऊं ये सब, शर्म आएगी और आप मुझे गलत समझेगी।

रूबी के करवटें बदलने के कारण तकिया नीचे गिर गया और रूबी जैसे ही तकिया उठाने के लिए झुकी तो उसकी नजर किताबो पर पड़ी तो अनूप चुपचाप रख गया था। रूबी ने किताब हाथ में उठा ली और बोली:"

'" क्या बोल रहे थे तुम ? मुझे ठीक से आवाज नहीं अाई ?

साहिल:" वो मम्मी मैं कह रहा हूं कि मैं आपको कैसे बता सकता हूं, मुझे शर्म आएगी।

रूबी:" तू बता दे बेटा, मेरा बेटा हैं तू डर मत।

साहिल: ' बेटा हूं इसलिए तो डर रहा हूं।

साहिल के मुंह से जल्दी से निकल गया और रूबी को हैरानी हुई और किताब खोलते हुए बोली:"

" आजकल तो बहुत बिगड़ गया है साहिल, लगता है तू जरूर किसी आंटी के चक्कर में पड़ गया है।

रूबी को किताब में पहले नंगी फोटो नजर आने लगी जिसमे लड़की लंड चूस रही थी तो किसी में लड़का चूत चाट रहा था और लड़की की आंखे मजे से बंद थी। रूबी ये फोटो देख कर बहक गई और अपने जिस्म को सहलाने लगी, उसकी सांसे तेज हो गई थी जो साहिल को भी अब सुनाई पड़ रही थी।

साहिल:" नहीं मम्मी ऐसा नहीं हैं, मैं आपको कैसे यकीन दिलाऊ अब ?

रूबी के हाथ अपने आप उसकी चूचियों पर चले गए और उसके मुंह से हल्की से आह निकल पड़ी और बोली:"

" तू घर आजा इस बार तेरी अच्छे से खबर लूंगी मैं, बहुत हवा लगा गई हैं तुझे।

इतना कहकर रूबी ने आगे खोला तो एक कहानी अाई जिसका टाइटल था " प्यासी रूबी की चुदाई" ।।

ये पढ़कर तू रूबी को लगा जैसे ये कहानी उसकी अपनी ही हैं इसलिए वो कहानी पढ़ने लगी कि रूबी का पति बाहर गया था इसलिए चुदाई ना होने के कारण रूबी तड़प रही थी। तभी साहिल की आवाज उसके कानों में पड़ी और बोला:"

" मम्मी मैं बिगड़ा ही नहीं हूं जो आप सुधारने की बात कर रही हो।

रूबी को याद आया कि वो तो अपने बेटे से बात कर रही है इसलिए उसके एक हेड फोन लगा लिया और बोली:"

" बाते तो तू आजकल बड़ी बड़ी करता हैं, अच्छा वो लड़के क्या बोल रहे थे मेरे बारे में?

साहिल:" मम्मी वो आपके फिगर के बारे में बोल रहे थे कि अच्छा है बहुत ज्यादा। सब अपना अपना आइडिया लगा रहे थे।

रूबी ने एक बार अपनी चूचियों की तरफ देखा तो खुशी हुई मानो अपना खजाना देख रही हो और बोली:"

" क्या बोल रहे थे क्या आइडिया लगा रहे थे, अच्छा उस दिन तू मुझसे फिगर पूछ रहा था कहीं लडको का बहाना बना कर तुम तो नहीं पूछना चाहते।

साहिल का ऐसा कोई प्लान नहीं था लेकिन रूबी बहुत तेज थी इसलिए साहिल डरते हुए बोला:"

" नहीं आपकी कसम, ऐसा कुछ नहीं हैं।

रूबी:" अच्छा फिर तो ठीक है, वो तुम घर कब अा रहे हो?

साहिल:" परसो अा जाऊंगा मम्मी, क्या हुआ ?
रूबी:" तुझे अपना वादा याद हैं ना बेटा?

साहिल:_ कौन सा वादा मम्मी

रूबी बीच बीच में किताब पढ़ रही थी कि किस तरह से रूबी की प्यास बढ़ती जा रही थी। रूबी बोली:"

" वहीं कि तुम मेरे पति बनकर जाओगे योगा सेंटर ?

साहिल:" अच्छा मम्मी चलूंगा, लेकिन आप तो दिल्ली की आंटी से भी ज्यादा तेज निकली,
 
रूबी अपनी चूची दबाते हुए बोली:' कैसे साहिल मैंने ऐसा क्या कर दिया ?

साहिल:" वो तो मेरी उमर के लड़के पटाती हैं और आप अपने ही बेटे को अपना पति बनाना चाहती हो।

रूबी:" चुप कर बेशर्म, बहुत बोलता है तू, घर आजा तुझे अच्छे से ठीक करूंगी इस बार।

साहिल:" मम्मी एक मिनट होल्ड करो, आप अभी करता हूं।

साहिल को किसी के आने की आहट हुई तो उसने देखा कि आरव अंदर अा रहा था इसलिए वो उससे बात करने लगा और जल्दी से जल्दी छत पा जाना चाहता था ताकि आगे बात कर सके अपनी मा से।

दूसरी तरफ रूबी ने फोन होल्ड पर ही रहने दिया और किताब पढ़ने लगी। नीरज नाम के एक लड़के ने रूबी को सेट कर लिया और दोनो के बीच चक्कर चल पड़ा। रूबी को नीरज का नाम पढ़कर नीरज याद अा गया इसलिए उसके मन में नफरत सी उभर आई लेकिन जिस्म की आग के चलते खुद को कहानी पढ़ने से नहीं रोक पाई।

नीरज रूबी को अपने फार्म हाउस पर ले गया और उसके बाद उसने अपने दमदार लंड से रूबी की चूत की ऐसी चुदाई करी कि रूबी की मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगीं थीं।

रूबी की चूत पूरी तरह से टपक रही थी इसलिए उसने अपनी नाइटी उतार फैंकी और एक उंगली से अपनी चूत सहलाने लगी। कहानी में नीरज रूबी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था वहीं रूबी के एक हाथ में किताब थी तो दूसरे से अपनी चूत को पेंटी के उपर से ही सहला रही थी। उसके मुंह से अब मस्ती भरी सिसकारियां निकल रहीं।

दूसरी तरफ आरव थोड़ी देर के बाद फिर से छत पर चला गया तो साहिल में फोन को कान से लगाया तो उसकी अपनी मा की मस्ती भरी सिसकारियां सुनाई पड़ी तो साहिल को तो जैसे यकीन नहीं हुआ। रूबी के मुंह से निकलती हुई उह आह एसआईआई की मस्ती भरी आवाज सुनकर उसका लंड खड़ा हो गया और उसे वो रात याद अा गई जब उसने अपनी को मा को चुदाई लोक में देखा था। साहिल ने दरवाजा बंद किया और लंड को बाहर निकाल लिया और सहलाने लगा।

दूसरी तरफ रूबी पूरी तरह से आज बहक गई थी और उसने एक पेंटी को भी उतार दिय और और अपनी एक अंगुली चूत में घुसा दी और उसके मुंह से तेज मस्ती भरी आह निकल पड़ी। कहानी में जितनी जोर से नीरज रूबी की चूत मार रहा था रूबी उससे कहीं ज्यादा तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी।

साहिल भी पूरी जोर जोर से अपना लंड हिला रहा था और उसे अपनी गांड़ के जिस्म की याद आ रही थी। तभी कहानी में रूबी की चूत झड़ गई तो रूबी ने जोर से उंगली को अपनी चूत में घुसा दिया और सिसकते हुए बोली:" आज नीरज तेरा लोला, उफ्फ मेरी चूत गई, मुझे कब चोदेगा घोड़ी बनाकर!

इसके साथ ही रूबी की चूत झड़ती चली गई और उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई। दूसरी तरफ साहिल अपनी मा के मुंह से किसी गैर मर्द का नाम सुनकर हैरान और दुखी हुआ और उसका लंड अपने आप नीचे बैठ गया और सारी अकड़ जाती रही।

साहिल ने गुस्से से फोन काट दिया और मन ही मन रूबी को गाली देने लगा।

जैसे ही जिस्म की आग ठंडी हुई तो रूबी की उखड़ी हुई सांसे धीरे धीरे नॉर्मल हुई और उसने अपने कान पर लगे हेड फोन को देखा तो उसे याद अा गया कि वो तो अभी बेटे से बात कर रही थी।
रूबी ने डरते हुए फोन की तरफ देखा तो पाया कि कॉल तो कट गया था लेकिन साहिल ने उसकी आवाज सुनी या नहीं वो ये तय नहीं कर पा रही थी।

अगर साहिल ने मेरी बात सुन ली होगी तो मैं तो उसकी नजरो में हमेशा के लिए गिर जाऊंगी। है भगवान मैं क्या करू अब, काश फोन पहले ही कट गया हो और साहिल ने मेरे मुंह से कुछ ना सुबह हो,अगर ऐसा हो गया तो मैं तो गरीबी को खाना और दान दूंगी।

तभी रूबी की नजर किताब पर पड़ी तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया और वो समझ गई कि ये किताब जरूर अनूप लेकर आया हैं। आज मैं इसकी ऐसी खबर लूंगी कि आज के बाद कोई ऐसी गिरी हुई हरकत नहीं करेगा।

रूबी ऐसे ही पूरी नंगी चल पड़ी गुस्से से दहकती हुई, उसकी आंखो से अंगारे बरस रहे थे। उसने गेट खोला और देखा कि अनूप सोया हुआ पड़ा था उसने फ्रिज से ठंडा पानी निकाला और जग में भर कर उसके मुंह पर दे मारा तो अनूप के मुंह से एक जोरदार चींख़ निकल गई और एक झटके के साथ उठते हुए बोला :"

" ये साली बदतमीजी हैं रूबी , मेरे उपर पानी क्यों डाला ?

रूबी ने कुछ नहीं बोला और किताब अनूप के मुंह पर फेंक कर मारी और बोली:

" कुत्ते अपनी गांड़ मरा ले ना तू नीरज से, सुन तू यही चाहता हैं ना कि मैं नीरज से चुद जाऊ तो सुन मैं नंगी ही सड़क पर जा रही हूं और जो कोई भी मिलेगा सब से चुदवओगी, चल साले तू पैसे गिनता रहना।

रूबी ने गेट खुला और चल पड़ी बाहर की तरफ तो अनूप जैसे पागल हो गया और भागते हुए उसे पकड़ लिया और बोला:"

" तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया रूबी, तुम्हे शर्म हैं या नहीं नंगी ही सड़क पा जाओगी।

रूबी:" नंगी ही तो होना हैं एक के आगे हो या सबके, इज्जत तो एक ही बार जाती हैं, और दिमाग मेरा नहीं तुम्हरा खराब हुआ हैं।

रूबी ने एक धक्का देकर अपना हाथ छुड़वा लिया और फिर से बाहर की तरफ चल दी और जैसे ही गेट खोलने वाली थी अनूप ने फिर से उसे पकड़ लिया और बोला:"

" मुझे माफ़ कर से, आज के बाद नहीं कहूंगा कभी भी, मेरी शहर में बहुत इज्जत हैं वो सब मिट्टी में मिल जाएगी।

रूबी ने उससे अपने आपको छुडाया और फिर से बाहर जाने लगी तो अनूप उसके पैरो में लेट गया और माफी मांगते हुए कहा;"

" बस कर रूबी मै बहक गया था लेकिन अब तुझे ऐसा कोई मोका नहीं दूंगा कि तुझे बुरा लगे, आखिरी बार मुझे माफ़ कर दे।

रूबी के बढ़ते हुए कदमों को ब्रेक लगे और उसने अनूप की तरफ देखा और उसे लगा कि अनूप सच में माफी मांग रहा है इसलिए अपने कदम वापिस खीच लिए और बोली:"

" ध्यान रखना अनूप ये आखिरी मौका हैं, अगर आगे तुमने कोई गलती की तो....

अनूप बीच में ही बोल पड़ा:"

" नहीं करूंगा, कभी नहीं करूंगा,।

रूबी नंगी ही अपने कमरे की तरफ चल पड़ी तो अनूप उसकी मटकटी हुई गांड़ देखकर मुस्कुरा उठा और मन ही मन बोला

" साली जल्दी ही नीरज का लंड तेरी चूत में होगा और मेरा तेरी गांड़ में, रण्डी बनाकर चोदूंगा तुझे चुदाई लोक में।

रूबी अपने कमरे में अा गई और सो गई जबकि अनूप सारी रात सोचता रहा कि किस तरह से अब रूबी को फंसाया जाए। अनूप ने बिस्तर पर पड़ी किताब देखी और उसे उठाकर अलमारी में रख दिया और सो गया।

वहीं साहिल अपनी मा के मुंह से किसी दूसरे मर्द का नाम सुनकर हैरान था, उसे यकीन नहीं हो पा रहा था कि इतनी भोली और सीधी सी दिखने वाली उसकी मा इतने खराब और गिरे हुए चरित्र की औरत होगी।
 
साहिल को चुदाई लोक में अपनी मा की कामुक अदाएं याद आने लगी और याद आने लगा कि किस तरह उसके पापा उसकी मम्मी से नफ़रत करते हैं। शायद इसलिए कि उन्हें मम्मी के बारे में सब पता होगा और इसलिए ही वो मम्मी को ठीक से प्यार और इज्ज्त नहीं देते हैं। आज उसके दिल में अपनी मा के लिए नफरत पैदा हो गई।

अगले दिन सुबह अनूप बिना कुछ खाए ही जल्दी ऑफिस चला गया और जाते ही ऑफिस से जुड़े हुए कमरे में लगे हुए बेड पर सो गया।

लीमा अपने सही समय पर ऑफिस अा गई और जैसे ही अनूप के ऑफिस में पहुंची तो देखा कि अनूप आराम से बेड पर सोया पड़ा हैं तो उसके होंठो पर स्माइल थिरक उठी एक ज़हरीली और रहस्य भरी।

उसने अनूप को काफी बार आवाजे लगाई लेकिन अनूप बिना कोई जवाब दिए सोता रहा तो लीमा निश्चिंत हो गई कि अनूप गहरी नींद में चला गया हैं तो वो ऑफिस में अनूप की चेयर पर बैठ गई और अपना मोबाइल निकाला और एक नंबर डायल कर दिया।

लीमा एक मुस्कान के साथ बोली:"

" सर आपका काम हो गया हैं अनूप पूरी तरह से नींद में डूबा हुआ हैं और उसका ध्यान अब किसी भी काम या प्रोजेक्ट पर नहीं हैं, मुबारक हो सर अब शहर में आप ही सबसे बड़ी स्पोर्ट्स कंपनी के मालिक होंगे।

अजनबी:" थैंक्स लीमा आखिर कार तुमने तो कर दिखाया जिसका सपना मैं सालो से देख रहा था। तुमने वाकई में बहुत अच्छा काम किया है।

लीमा:" सर मैं आज जो कुछ भी हूं सब आपकी मेहरबानी की वजह से हूं।

अजनबी: नहीं लीमा ये सब तुम्हारा अपना टैलेंट हैं, बताओ क्या चाहिए तुम्हे ?

लीमा एक दम से गंभीर हो गई और बोली:"

" सर सबसे पहले तो मंदिर में माथा टेक कर अपनी गलती की माफी मांगनी चाहती हूं। उसके बाद ही बाकी बाते होगी।

लीमा ने फोन काट दिया और हालत पर विचार करने लगी। उसने अपनी की ज़िन्दगी को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। उसके जिस्म की सारी ताकत खतम कर दी और वो जानती थी रोज रात को पति पत्नी में लड़ाई होती होगी इसलिए अनूप यहां दिन में आकर सो रहा है।

लीमा का जमीर उसे कहीं का कहीं धिक्कार रहा था क्योंकि वो जानती थी कि उसने एक औरत की सबसे बड़ी खुशी छीन ली है और उसे ज़िन्दगी भर अब जिस्म की आग में जलना होगा। एक औरत होने के नाते वो अपनी की पत्नी का दर्द महसूस कर रही थी इसलिए उसकी आंखे भर आई तो उसने अपनी आंखे साफ कर ली और काम में लग गई।

रूबी उठ गई और रात हुई घटनाएं उसके दिमाग में किसी फिल्म की तरह चल रही थी। अनूप को तो वो बहुत अच्छे से समझती थी कि ये कुत्ते की पूंछ बन गया हैं जिसका सीधा होना बहुत मुश्किल है।

लेकिन रात वो जिस तरह से बहक गई थी उसे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था। इतनी सेक्स की आग तो उसे भरी जवानी में भी नहीं लगती थी जितना आजकल उसका जिस्म सुलग रहा था। रूबी को समझ नहीं आ रहा था कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा हैं लेकिन वो इतना जरूर समझ गई थी कि कहीं ना कहीं कुछ तो गलत हो रहा है।

उसे साहिल की तरफ से बड़ी फिक्र हो रही थी क्योंकि वही अब इसलिए एकमात्र उम्मीद बचा था लेकिन रात जो हुआ उसे सोचकर तो उसका दिल बैठता जा रहा था। फिर उसके दिमाग में ख्याल आया कि हो सकता हैं कि साहिल का फोन पहले ही कट गया हो और उसने कुछ नहीं नहीं सुना हो। लेकिन वो तय नहीं कर पा रही थी और इससे उसकी दिक्कतें बढ़ती जा रही थी।

जैसे तैसे करके वो नहाई और आज उसका नाश्ते का बिल्कुल भी मन नहीं था इसलिए जिम सेंटर चली गई। वहां भी उसका मन नहीं लग रहा था लेकिन उसने फिर भी लोगो को रोज की तरह से योग कराया। जब सब लोग चले गए तो वो अपने ऑफिस में एक कुर्सी पर बैठ गई और आंखे बंद कर ली।

अचानक उसके दिमाग में कुछ आया और वो उठ गई, अपनी कार लेकर अनूप के ऑफिस की तरफ चल दी। आज करीब दो साल के बाद वो अनूप के ऑफिस में का रही थी ताकि पता कर सके कि आज कल अनूप कर क्या रहा हैं क्योंकि कहीं ना कहीं उसकी काफी सारी समस्या उसकी वजह से हो रही थी।

उसने ऑफिस के बाहर कार रोक दी और खुद तेजी से अंदर घुस गई। उसे वहां एक दो लोग ही जानते थे क्योंकि अधिकतर लोगों की जॉब बदल गई थी। उसने रिसेप्शन से अनूप के बारे में पूछा लेकिन उल्टे रिसेप्शन ने उसके बारे में ही पूछ लिया।

गर्ल:" आपको पहले कभी नहीं देखा और अनूप साहब का सख्त ऑर्डर हैं कि कोई भी उनकी मर्जी के बिना उनसे ना मिले।

रूबी को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन चुप रही तभी उसकी नजर मैनेजर दुबे पर पड़ी तो उसने दुबे को स्माइल दी तो दुबे एक दम अपनी कुर्सी से उठ गया और दौड़ता हुआ आया।

दुबे: नमस्ते मैडम आप यहां बड़े दिन के बाद आपको देखा सब ठीक हैं ?

रूबी:" जी दुबे जी, मैं उनसे मिलने अाई थी लेकिन ये लड़की मना कर रही है।

दुबे:" मैडम ये बेचारी अापको नहीं जानती इसे माफ कर दीजिए आप , बेटी ये रूबी हैं अनूप साहब की पत्नी।

इतना सुनते ही लड़की के होश उड़ गए और अपनी सीट से खड़े होकर अपनी गलती मानते हुए बोली:"

" मुझे पता नहीं था मैडम, माफ कर दीजिए, आइए मैं आपको ऑफिस तक छोड़ देती हूं। ।

रूबी अपने लहज़े को नरम करते हुए बोली:"

"कोई बात नहीं, मुझे अच्छा लगा कि आप अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा रही हैं। क्या नाम हैं आपका ?

वो लड़की जिसका नाम प्रिया था रूबी के मुंह से अपने आप शब्द सुनकर गदगद हो गई और बोली:"

"जी मैडम मेरा नाम प्रिया हैं।

प्रिया रूबी को अनूप के ऑफिस तक छोड़ अाई और वापिस लौट गई। रूबी ने गेट खोला तो देखा कि एक लड़की (लीमा) अनूप की कुर्सी पर बैठी हुई है अपने होंठो पर लिपस्टिक लगा रखी थी।
लीमा की अकड़ का अंदाजा इसी से लग रहा था कि उसने अपने दोनो पैर सामने पड़ी हुई मेज के उपर रखे हुए थे।

लीमा ने गौर से रूबी को देखा और बोली:"

" कौन हो तुम? ऐसे कैसे अंदर घुस अाई बिना किसी इजाज़त के ?

रूबी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था इसलिए लगभग दहाड़ते हुए बोली:"

" मैं कौन हूं इसका जवाब तुम्हे अनूप खुद देगा, कहां हैं वो ?

लीमा गुस्से से:" मेरे लिए तुम्हारे हर सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं, तुम हो कौन ?

रूबी ने गौर से लीमा को देखा तो पाया कि वो अभी तक अपने होंठो को लिपस्टिक लगा रही थी और उसके चेहरे पर कोई भी डर या चिंता के भाव नहीं थे। रूबी ने अपना मोबाइल निकाला और अनूप का नंबर डायल किया तो अंदर रूम में लेते हुए अनूप ने फोन उठाया और बोला:"

" हान बोलो क्या हुआ ?
 
रूबी:" कहां हो तुम, मैं ऑफिस अाई थी तुमसे कुछ काम था।

अनूप की हालत खराब हो गई और बोला:"

" मैं किसी मीटिंग के सिलसिले में बाहर आया हूं, तुम एक काम करो कि रिसेप्शन पर बैठो, मैं खुद पांच मिनट में तुम्हारे पास आता हू जाना मत वापिस

रूबी ने एक बार फिर से नफ़रत से लीमा की तरफ देखा तो लीमा ने फिर से उसे एक ज़हरीली स्माइल दी और रूबी गुस्से से उसे घूरती हुई बाहर अा गई और प्रिया के पास बैठ गई।

प्रिया:" मैडम आप यहां ? क्या हुआ सर नहीं मिले क्या आपको ?

रूबी:" नहीं वो किसी काम के सिलसिले में मीटिंग में गए हुए हैं थोड़ी देर में अा जाएंगे।

प्रिया को भी ये बात नहीं पता कि अनूप के ऑफिस से जुड़ा हुआ कोई कमरा भी हैं। वो बोली:"

" लेकिन मैं तो सुबह से ड्यूटी पर ही हूं, सर तो आने के बाद कहीं बाहर ही नहीं गए।

रूबी के दिमाग में एक घंटी सी बजी लेकिन समझदारी से काम लेते हुए बोली:"

" अरे ये भी ही सकता हैं कि आप बाथरूम या लंच करने गई हो तब वो चले गए हो।

प्रिया सोच में पड़ गई और बोली:".

" लेकिन आज की तो उनकी कोई मीटिंग ही नहीं थी, ऐसे कहां चले जाएंगे मीटिंग में वो ? रुकिए आप मैं कैमरे में चैक करती हूं।

इतना कहकर प्रिया ने कैमरा चालू किया और सुबह से अब तक के सारे फुटेज चैक करने लगी। रूबी भी पास बैठी सब देख रही थी लेकिन अनूप सिर्फ ऑफिस में आता हुआ तो दिखा लेकिन बाहर नहीं निकला। इसका मतलब वो बाहर गया ही नहीं।

रूबी सोच में पड़ गई कि ऐसा कैसे हो सकता हैं तभी उसे ध्यान आया कि अनूप ने घर में भी तो चुदाई लोक बनाया हुआ हैं कहीं ऐसा तो नहीं कि उसने यहां भी ऑफिस में भी ऐसा ही कुछ बनाया हुआ हो।

प्रिया ने सारी डिटेल चैक करी और बोली:".

"मैडम सर तो बाहर गए ही नहीं, कहीं कोई गड़बड़ तो नहीं हैं ?

रूबी समझ गई कि प्रिया बहुत तेज लड़की हैं और उसके काम अा सकती है इसलिए रूबी बोली:

" प्रिया तुम मुझे अपना मोबाइल नंबर दो में तुमसे बाद में बात करूंगी। ध्यान रखना तुमने मुझे कैमरे कि फुटेज दिखाई हैं ये बात किसी को पता नहीं चलना चाहिए।

प्रिया ने रूबी को अपना नंबर दिया और बोली:

"आप चिंता ना करे मैडम, नहीं पता चलेगा किसी को कुछ भी नहीं चलेगा, आप निश्चित रहे।

उसके बाद दोनो बैठ गई और रूबी ने प्रिया को कुछ समझाया फिर से दोनो बाते करने लगी तब तक दुबे जी ने कुछ हल्की रिफ्रेशमेंट का इंतजाम कर दिया तो रूबी ने प्रिया को इशारा किया कि वो चाहती तो हैं कि तुम मेरे साथ खाओ लेकिन मजबुर हैं।

दूसरी तरफ अनूप बेड से खड़ा हुआ और जल्दी से हाथ मुंह धोकर जैसे ही केबिन में पहुंचा तो उसने देखा कि लीमा उसकी चेयर पर बैठी हुई थी और आंखो पर काला चश्मा लगाए हुए म्यूजिक सुन रही थी।

अनूप:" लीमा यहां अंदर कोई अाया तो नहीं था ?

लीमा बिल्कुल लापरवाही से बोली:_ एक औरत अाई तो थी और तुम्हे पूछ रही थी वो बिल्कुल गंवार थी वो।

अनूप के पूरे जिस्म में कंपकमी सी दौड़ गई और बोला:"

" जब वो अाई तो तुम क्या कर रही थी लीमा ?

लीमा:" करती क्या ? लिपस्टिक लगा रखी थी लेकिन तुम इतने क्यों डर रहे हो ?

अनूप:" अरे मेरी बीवी भी आज अचानक से मेरे ऑफिस अा गई है,अगर कहीं वो रूबी हुई तो गजब हो जाएगा।

लीमा की भी अब हालत खराब हो गई और बोली:"

" ओह माय गॉड, मुझे इसका बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था, वो बाहर होगी, मैं देख कर आऊ क्या ?

अनूप:" तुम रहने दो, मैं प्रिया को कॉल करके पूछता हू।

अनूप ने प्रिया को कॉल किया और पूछा तो उसने बताया कि एक औरत अाई तो हैं और अभी दुबे जी के पास हैं। वो उसे आपकी पत्नी बात रहे थे।

अनूप के माथे पर पसीना छलक उठा और वो पसीना रुमाल से साफ करके बाहर अा गया क्योंकि वो जानता था कि दुबे की के केबिन का गेट दूसरी तरफ खुलता है तो कोई खतरा नहीं होगा। वहीं रूबी प्रिया को अच्छे से शीशे में उतार गई थी इसलिए उसने अनूप के बाहर आने वाली फुटेज को एक अपने मोबाइल को पीसी से कनेक्ट करके मोबाइल में ले लिया।

अनूप चलता हुआ दुबे जी के पास पहुंच गया और रूबी को देखते ही झूठी मुस्कान लाते हुए बोला:"

" अरे रूबी आप कब अाई ? पहले बता देती तो मैं मीटिंग कैंसल कर देता। खैर आओ तुम कुछ दिखाता हू।

अनूप बात को पूरी तरह से घुमाना चाह रहा इसलिए उसे अपने साथ पार्किंग में ले गया और एक स्विफ्ट डिजायर कार दिखाते हुए कहा:"

" ये कार मैंने साहिल के लिए खरीदी हैं, मेरा इकलौता बेटा दिल्ली में मेट्रो में सफर करता है तो मुझे अच्छा नहीं लगता। आज शाम तो वो घर अा जाएगा

रूबी को काटो तो खून नहीं, वो समझ गई कि वो अनूप के बनाए हुए जाल में पूरी तरह से फंस गई है इसलिए बोली:"

" ठीक हैं जो तुम्हारा मन करे करो, अच्छा अपने स्टाफ को खासकर अपनी सेक्रेट्री को तमीज सिखाओ कि ऑफिस कैसे रहते हैं।

अनूप :" अच्छा तुम लीमा की बात कर रही हो, मैं उसे एक वार्निंग लेटर दे दूंगा ताकि वो आगे से अपना मेकअप घर पर ही करे।

उसके थोड़ी देर बाद रूबी वहां से निकल गई और घर अा गई और सोच में पड़ गई कि आज शाम को साहिल घर अा रहा है तो वो क्या करे।

रूबी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, अपने बेटे से नजरे कैसे मिलाएगी, आखिरकार उसने काफी सोचने के बाद साहिल का नंबर मिला दिया तो साहिल ने फोन उठा लिया और बोला:"

" हाय मम्मी, बोलिए ?

रूबी:" बेटा कैसे हो तुम ? क्या आज घर अा रहे हो वो तुम्हारे पापा बता रहे थे ?

साहिल:" हा मम्मी पापा ने मेरे लिए नई कार ली है बस आज वो मुझे गिफ्ट करेंगे, इसलिए अा रहा हूं मम्मी। पापा सच में बहुत अच्छे हैं मम्मी।

रूबी:" अच्छा ठीक हैं ये बता आज तेरे लिए खाने में क्या बनाऊं मैं बेटा ?

साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, आज मैं खाना पापा के साथ बाहर ही खाऊंगा। अच्छा मम्मी मैं आपको बाद में करता हूं।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया तो रूबी की आंखो में आंसू अा गए और सोचने लगी कि जो बेटा अपने आप कॉल करके उसे अपनी पसंद की डिश बनाने के लिए बोलता था वो ही आज पूछने के बाद भी मना कर रहा हैं, और तो और बाहर खाना खाने की बात भी कर रहा हैं लेकिन मुझे एक बार पूछा तक नहीं। ये सब उस कमीने अनूप की वजह से हो रहा हैं।

रूबी के चेहरे पर नफरत साफ उमड़ अाई और उसके फैसला किया कि वो अब अनूप से हर एक बात का बदला लेगी। वो इतना जलील कर देगी कि वो जिंदा तो रहेगा लेकिन उसमें सांसे नहीं रहेगी।

रूबी के सिर में हल्का दर्द हो रहा था इसलिए वो आराम से बेड पर लेट गई और जल्दी ही गहरी नींद में चली गई। साहिल घर के बाहर खड़ा था और वो जानता था कि अब घर में कोई नही होगा और उसकी मा सो चुकी होगी। साहिल घर के अंदर अा गया और रूबी को हॉल में सोते हुए देखा तो दबे पांव रूबी के बेडरूम की तरफ बढ़ गया।

साहिल दर असल अपनी मम्मी मम्मी की असलियत जान लेना चाहता था इसलिए वो उसके बेडरूम की तलाशी लेना चाहता था। धीरे धीरे साहिल ने उसका सारा बेडरूम चैक किया तो उसे अपनी मम्मी के पास एक से बढ़कर एक सेक्सी ड्रेस, जालीदार रखैल नाइटी, जालीदार ब्रा पेंटी, एक डिल्डो, एक वाइब्रेटर और भी बहुत सारा सेक्सी सामान मिला तो साहिल की आंखे खुली की खुली रह गई। उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि उसकी सीधी साधी सी दिखने वाली मा इतनी बड़ी चुदक्कड निकलेगी। ढूंढ़ते ढूंढ़ते साहिल को वो सेक्सी किताब हाथ लग गई जिसमें नीरज और रूबी की चुदाई की कहानी थी।

साहिल के लिए तो ये उसकी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा झटका था, ओह तो कोई नीरज हैं जो मेरी मम्मी को चोद.... शब्द वो सही से सोच भी नहीं पाया और उसके दिमाग में अपनी मम्मी के लिए सिर्फ एक ही बात अाई

:" रण्डी कहीं की।

आज साहिल के मन में रूबी के लिए बहुत ज्यादा नफरत हो गई थी। वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और कमरे से बाहर निकलने लगा तभी उसकी नजर रूबी पर पड़ी जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी। रूबी के मासूम से चेहरे के पीछे इतनी गन्दी औरत छुपी हुई हैं उसे आज पता चला। आज उसे अपनी मा का खुबसुरत चेहरा दुनिया का सबसे बदसूरत चेहरा लग रहा था।
 
साहिल रूबी को नफरत से देखते हुए घर से बाहर निकल गया और अनूप के ऑफिस में पहुंच गया और अनूप के पैर छुए तो लीमा इतना सुंदर गबरू जवान देखकर बहुत खुश हुई और बोली:"

" अनूप सर ये कौन हैं ?

अनूप:" ये मेरा इकलौता बेटा हैं साहिल, और साहिल ये मेरी पर्सनल सेक्रेट्री हैं लीमा।

साहिल:" बड़ी हुई आपसे मैडम मुझे, अच्छा पापा वो आप मुझे कार के लिए बोल रहे थे।

अनूप:" अरे हां बेटा, बस गाड़ी ले ली हैं मैंने, कुछ कागज कम हैं जो अगले आधे घंटे में अा जायेंगे।

साहिल खुश हो गया और बोला:"

" लीमा मैडम आपको पता हैं मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं , लव यू पापा

साहिल अपने बाप के गले लग गया और अनूप ने भी उसे गले से लगा लिया।

अनूप:" तुम भी सबसे अच्छे बेटे हो साहिल, अच्छा मुझे काम हैं मैं चलता हूं एक घंटे बाद अा जाऊंगा। तुम गाड़ी लेकर घर चले जाना थोड़ी देर बाद।

साहिल:" ठीक हैं पापा, मैं यहीं रुक जाता हूं तब तक। गाड़ी के कागज आते ही मैैं भी निकल जाऊंगा।

अनूप:' अरे लीमा तुम साहिल का ध्यान रखना कि इसे कोई परेशानी ना हो।

लीमा खुश हो गई क्योंकि वो तो कब से चाह रही थी उसे साहिल से अकेले में बात करने का मौका मिले इसलिए बोली:"

" आप चिंता ना करे सर, मैं ध्यान रखेगी इनका।

अनूप ने अपना बैग उठाकर चला गया और प्रिया बाहर बैठी हुई ये सब बड़े ध्यान से देख रही थी। अनूप के जाते ही लीमा बोली:"

" कैसा लगा आपको ऑफिस साहिल जी ?

साहिल:" अरे मैडम आप मुझे जी कहकर मत बुलाए मैं तो आपसे उम्र में भी छोटा हूं।

लीमा उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" अरे आप इस कंपनी के अगले मालिक हैं तो मुझे आपकी इज्जत करनी ही होगी क्योंकि अब आगे चलकर मुझे आपकी पर्सनल सेक्रेट्री बनना हैं।

साहिल के होंठो पर हल्की सी हंसी अा गई और बोला:"

" लीमा जी मुझे अगर इंप्रेस करना हट तो आपको स्माइल के साथ साथ काम पर ध्यान देना होगा क्योंकि काम मेरे लिए सबसे पहले हैं।

लीमा:" बिल्कुल सर, काम के लिए ही तो हम सब लोग यहां आते हैं, वो तो सबसे ज्यादा जरूरी है। अच्छा बताए क्या लेंगे आप ?

साहिल:" फिलहाल तो कुछ नहीं, अच्छा बताए आपके घर में कौन कौन हैं , कहां रहती हैं आप ?

लीमा को उसकी हालत एक पल के लिए पतली होती नजर आईं क्योंकि ये सवाल तो उससे आज तक अनूप ने भी नहीं पूछे थे। लीमा बोली:"

" जी मैं अकेली रहती हूं, पति ने मुझे छोड़कर दूसरी शादी कर ली तब से बस अकेली ही रहती हूं, अशोक नगर में।

साहिल:" ओह बड़ी दुख भरी कहानी हैं आपकी , आपके पति ने दूसरी शादी क्यों करी ?

लीमा ऐसे ही बहाना बनाते हुए बोली:" वो बहुत ज्यादा शराब पीते थे तो मैंने उन्हें मना करती थी एक दिन मैंने कहा मुझे छोड़ दो या शराब तो उहोंने मुझे छोड़ दिया बस।

साहिल:" ओह ये तो बहुत गलत हुआ, क्या नाम था आपके पति का ?

लीमा को कुछ समझ नहीं आया तो उसने एक नाम ऐसे ही ले दिया और बोली:"

" जी नीरज नाम था उनका, लेकिन वो एक नंबर के मतलबी हर नीच किस्म के इंसान हैं।

नीरज नाम सुनते ही साहिल के दिमाग में तेज धमाका हुआ और उसे कहानी वाला नीरज याद अा गया जिसका रूबी के साथ चक्कर चल रहा था। ये साला नीरज नाम के सारे ही आदमी खराब होते हैं।

तभी गेट पर नॉक हुआ तो प्रिया अंदर अाई और बोली:"

" साहिल सर आपका ही नाम हैं क्या ? वो आपके नाम से गाड़ी के कागज आए हैं।

प्रिया एक बेहद खूबसूरत लड़की थी जिसे साहिल अब पहले भी देख चुका था और उसकी खूबसूरती का कायल था इसलिए खुश होते हुए बोला::"

" जी मैडम मेरा ही नाम साहिल हैं, आप का नाम क्या हैं?

प्रिया:" मेरा नाम प्रिया हैं और यहां रिसेप्शन पर काम करती हूं।

साहिल:" जी बहुत खूबसूरत नाम हैं आपका बिल्कुल आपकी तरह, अच्छा दीजिए मुझे आप गाड़ी के कागज।

साहिल प्रिया के साथ बाहर अा गया तो लीमा को बहुत बुरा लगा क्योंकि वो साहिल को अपने जला में फंसाना चाहती थी इसलिए वो भी उसके साथ साथ ही बाहर अा गई। साहिल ने गाड़ी देखी तो उसके होंठो पर स्माइल अा गई कि अब उसके पास भी अपनी गाड़ी होगी।
 
साहिल ने गाड़ी का एक चक्कर अंदर ही पार्किंग में लगाया और फिर प्रिया से बोला:"

" आप कहां रहती हैं प्रिया जी ? छुट्टी का टाइम तो गया है चलिए मैं आपको छोड़ दूंगा।

लीमा ने एक बार नफरत से प्रिया की तरफ देखा और उसके कुछ बोलने से पहले ही बोल पड़ी :"

" वो प्रिया आज कुछ नए ऑर्डर आए हैं तुम एक काम करो आज उनकी फाइल बनाकर थोड़ी लेट निकल जाना, मुझे आज कुछ जरूरी काम हैं अगर आपको बुरा ना लगे तो आप मुझे छोड़ दीजिए प्लीज़।

प्रिया को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन लीमा की चाल के आगे उसकी एक न चली और अंदर ऑफिस में चली गई। लीमा गाड़ी के अंदर बैठ गई और साहिल चल पड़ा। रास्ते में लीमा बार बार उस पर डोरे डाल रही थी और अब साहिल भी उसकी तरफ स्माइल कर रहा था क्योंकि एक जानता था कि लीमा के सहारे ही वो नीरज तक पहुंच सकता था। लीमा उसे फसाना चाह रही थी जबकि उसे क्या पता कि साहिल उसे अपने जाल में फसा रहा हैं।

खैर जल्दी ही अशोक नगर के बाहर ही लीमा उतर गई और साहिल को एक कातिल मुस्कान दी तो साहिल ने भी स्माइल करते हुए गाड़ी हाईवे पर दौड़ा दी।

दूसरी तरफ ऑफिस में प्रिया ने जल्दी जल्दी काम खत्म किया और जैसे ही जाने लगी तो उसे देखा कि आज अनूप का ऑफिस खुला हुआ हैं क्योंकि लीमा गलती से ऑफिस खुला छोड़ गई थी तो वो ऑफिस बंद करने के लिए अंदर घुस गई। आमतौर पर वो अंदर नहीं आती थी और लीमा ही ऑफिस बंद करती थी लेकिन आज जलन के कारण लीमा से चूक हो गई। प्रिया ऑफिस को ध्यान से देख रही थी और ये जानने की कोशिश कर रही थी कि अनूप ऑफिस में आकर कहां गायब हो गया था।

प्रिया ऑफिस से अटेच बाथरूम में घुस गई और तभी उसकी नज़र एक शीशे पर पड़ी जो कुछ अजीब तरह का लग रहा था तो उसने शीशे को ध्यान से देखा तो उसके पीछे एक स्विच लगा हुआ था और प्रिया ने जैसी ही स्विच ऑन किया तो बाथरूम की दीवार अपने आप एक तरफ सरक गई उसे सामने एक शानदार बेडरूम नजर आया। प्रिया की आंखे चमक उठी, ओह तो इसका मतलब अनूप साहब सुबह यहां छुपे होंगे इसलिए रूबी मैडम को नजर नहीं आए होंगे। लेकिन ऑफिस में इतने बड़े और शानदार बेडरूम का क्या काम ? क्या आराम करने के लिए होगा, नहीं जरूर अनूप यहां पर रंगरेलिया मनाता होगा।

प्रिया ने अपना मोबाइल निकाला और रूबी का नंबर मिला दिया। फोन की आवाज़ सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने देखा कि प्रिया का कॉल हैं तो वो समझ गई कि जरूर कोई जरूरी बात होगी इसलिए बोली:".

" हान प्रिया बोलो?

प्रिया:" मैडम मुझे सब पता चल गया हैं कि ऑफिस से अनूप साहब कहां गायब हुए थे ? वो वो मैडम ..

रूबी:" हा हा बोलो तुम जल्दी क्या हुआ ?

प्रिया:" मैडम मेरी नोकरी चली जाएगी अगर साहब को पता चला तो फिर मेरा क्या होगा ?

रूबी:" तुम बेफिक्र होकर बोलो, मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगी।

प्रिया को थोड़ा सुकून मिला और बोली:"

"वो मैडम यहां ऑफिस में एक बहुत बड़ा बेडरूम हैं, और मेक अप का सामान भी रखा हुआ हैं, आप खुद बाकी समझ सकती हैं।

रूबी समझ हुई कि घर की तरह अनूप ने ऑफिस में भी चुदाई घर बनाया हुआ हैं इसलिए वो उससे ठीक से बात नहीं करता।

रूबी:" प्रिया क्या वहां पर कोई कैमरा लग सकता है क्या ?

प्रिया:" लग तो जाएगा मैडम लेकिन फसने का खतरा होगा बहुत ज्यादा क्योंकि कैमरा पकड़ा जाएगा यहां आसानी से!

रूबी:" कोई बात नहीं, तुम उसकी चिंता मत करो,तुम अभी एक कैमरा लगा दो वहां पर और उसकी कंट्रोलिंग अपने पास रखना और मुझे भी सॉफ्टवेयर के द्वारा दे दो।

प्रिया ने अगले कुछ मिनट में ही एक कैमरा लगा दिया और उसे रिसेप्शन वाले पीसी से जोड़ दिया और और रूबी ने अपने मोबाइल में ऐप डाउनलोड किया सीसीटीवी कैमरा ऑन मोबाइल और बोली:"

" थैंक्स प्रिया तुम एक काम करो अब कुछ दिनों की छुट्टी ले लो और ऑफिस मत आना।

प्रिया:" लेकिन मैडम मेरी सैलरी का क्या होगा ?

रूबी:" प्रिया तुम उसकी चिंता मत करो, कल दोपहर के बाद मेरे घर अा जाना, मैं एड्रेस तुम्हे भेजती हूं।

इसके बाद रूबी ने फोन काट दिया और अपने घर का एड्रेस उसे भेज दिया। रूबी आज बहुत खुशी थी क्योंकि वो जानती थी कि कल से अनूप के उल्टे दिन शुरू हो जाएंगे।

रूबी घर के काम में लग गई और खाना बनाने लगी क्योंकि उसे अपने लिए तो खाना बनाना ही था। दूसरी तरफ साहिल खुशी से अपनी गाड़ी को घुमा रहा था और उसने अनूप को फोन किया :

" पापा कहां है आप ? मुझे बहुत भूख लगी हैं,

अनूप एक वक़्त नीरज के पास था और दोनो मिलकर रूबी को फसाने की कोशिश कर रहे थे। अनूप बोला:"

" बेटा मैं यहीं शहर मैं हू, तुम एक काम करो होटल मोहन आओ मैं भी पहुंच जाता हूं।

अनूप ने फोन काट दिया तो नीरज बोला:"

" अरे अनूप मुझे कब मिलवा रहे हो अपने बेटे से तुम?

अनूप:" सर जब आप कहे

नीरज:" तो आज ही बुला लीजिए आज वो हमारा मेहमान होगा।

अनूप ने साहिल को फोन करके नीरज का मकान नंबर दिया तो साहिल अपने बाप के दिए हुए पते पर जैसे ही आया तो नेम प्लेट देखकर उसे फिर से झटका लगा, उफ्फ यहां भी नीरज, है भगवान एक के बाद एक नीरज मिल रहे हैं मुझे आज।

साहिल ने गाड़ी खड़ी करी और अंदर घुस गया। घर क्या पूरा महल था, इतना बड़ा घर तो साहिल ने आज तक नहीं देखा था, टाइल्स इतने कीमती लगे हुए थे कि उनमें उसे अपना चेहरा साफ नजर आ रहा था।

साहिल को लगा कि पक्का ये ही वो नीरज होगा जिसके पैसे के चलते मम्मी इसकी तरफ झुक गई और ये पापा का दोस्त हैं तो पापा को कुछ पता ही नहीं चला। उफ्फ कितना नीच और गिरा हुआ दोस्त हैं ये नीरज?

तभी सामने से आते हुए नीरज और अनूप दिखाई दिए तो अनूप ने साहिल को नीरज के पैर छूने का इशारा किया तो साहिल ने मन ही मन उसे गाली निकालते हुए उसके पैर छू लिए।

साहिल ने नीरज को ध्यान से देखा कि उसके आधे सिर पर तो बाल ही नहीं थे, शक्ल भी कोई खास नहीं, काला रंग और सबसे बड़ी साहिल को उसका चरित्र इसके रंग से भी कहीं ज्यादा काला लगा।

नीरज:" आओ साहिल बेटा मेरे इस शानदार महल में आपका स्वागत है।

साहिल ने उसे एक फीकी सी स्माइल दी और बोला:

" सच में आपका घर किसी महल से कम नहीं है।

नीरज खुश हुआ कि साहिल पर उसकी दौलत का जादू चल रहा है और इससे उसके लिए आसानी होगी क्योंकि रूबी जल्दी टूट जाएगी।

नीरज:" वो तो हैं बेटा, लेकिन अब आज तुम मेरे मेहमान हो तो बताओ मैं क्या खिदमत करू तुम्हारी ?

साहिल:" जी कुछ नहीं बस आपसे बात करके अच्छा लगा मुझे। अब रात हो रही हैं तो मुझे लगता है कि मुझे अब घर चलना चाहिए। फिर कभी मैं आऊंगा आपके पास।
 
साहिल खड़ा हुआ तो अनूप भी ना चाहते हुए खड़ा गई गया और दोनो बाप बेटे घर की तरफ चल पड़े। अनूप ने ड्राइवर को बोला कि गाड़ी घर छोड़ दे और वो साहिल के साथ ही उसकी कार में बैठ गया। साहिल ने गाड़ी दौड़ा दी और एक होटल में दोनो बाप बेटे ने खाना खाया और उसके बाद घर की तरफ चल पड़े।

साहिल:" पापा आप नीरज साहब को कब से जानते हो?

अनूप को एक पल के लिए तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन अगले ही पल बोला:"

" बेटा हम तो पिछले दस साल से साथ में ही काम कर रहे हैं। क्यों क्या हुआ ?

साहिल:" हुआ तो कुछ नहीं पापा, बस मुझे ये आदमी कुछ ठीक नहीं लगा।

अनूप ने गौर से साहिल की तरफ देखा तो साहिल के चेहरे पर एक गजब का आत्म विश्वास था और अनूप को लगा कि कहीं का कहीं कुछ तो गड़बड़ है या फिर उसका बेटा सचमुच बड़ा हो गया है।

अनूप:" मुझे तो कभी ऐसा नहीं लगा बेटा, लेकिन अगर फिर भी तुम कहते तो मैं ध्यान रखूंगा।

साहिल को कुछ सुकून मिला और बारी थी उस सवाल की जिसे सुनकर अनूप के कान में बम फट गया।

साहिल:" पापा मैंने देखा हैं कि हमारे घर के एक तरफ बड़ी बड़ी दीवारें हैं बाबा लेकिन वहां किसी का मकान नहीं बना हुआ और ना ही आज मैंने वहां किसी को आते जाते हुए देखा हैं।

अनूप के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ उभर आए क्योंकि वो इतना तो समझ गया था कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं जो साहिल ऐसे बात कर रहा है। क्या इसने चुदाई लोक देख लिया है या सिर्फ बड़ी बड़ी दीवारों की वजह से ऐसा पूछ रहा है।

शायद दीवारों कि वजह से ही क्योंकि उसके बारे में मेरे और रूबी के सिवा कोई और नहीं जानता, मैंने बताया नहीं और रूबी कभी भी अपने बेटे को ये सब नहीं बताएगी।

अनूप:" बेटा मुझे नहीं पता कि वो सब क्या हैं ? शायद पहले वहां कोई फैक्ट्री रही हो।

साहिल समझ हुआ कि अगर उसके बाप को नहीं पता तो जरूर उसकी मा वहां रंगरेलियां मनाती हैं जब अनूप बाहर होता हैं, और जरूर नीरज घर पर आता हैं।

साहिल:" अच्छा पापा एक बात और बताओ आप मुझे , जैसे नीरज आपके दोस्त हैं तो क्या वो हमारे घर नहीं आते हैं ?

अनूप:" बहुत कम आते हैं बेटा, क्योंकि तेरी मम्मी को पसंद नहीं कि बाहर का कोई भी आदमी घर के अंदर ज्यादा आए। लेकिन तू ये सब क्यों पूछ रहा हैं आज ?

साहिल: बस ऐसे ही पापा, मैं सोच रहा था कि आपके दोस्त हैं तो घर तो आते ही होंगे।

अनूप को आज हैरानी हो रही थी कि उसका बेटा अजीब अजीब बाते कर रहा है, पता नहीं क्या हो गया हैं इसको। दूसरी तरफ साहिल समझ गया था कि उसकी मम्मी जरूरत से ज्यादा तेज हैं, अपने पति के दोस्त पर ही कब्जा जमा लिया हैं और पति के सामने पाक साफ बनती हैं। सच में मम्मी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा चालाक हैं। घर में पापा के जाने के बाद शांता बस रह जाती हैं तो मम्मी शायद इसलिए ही एक नौकरानी को इतनी इज्जत देती हैं ताकि वो उसके राज छुपा कर रख सके।

थोड़ी देर के बाद दोनो बाप बेटे घर पहुंच गए।

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
साहिल और अनूप दोनो बाप बेटे घर के अंदर घुस गए तो देखा कि रूबी हॉल में बैठी हुई गहरी सोच में डूबी हुई थी तो साहिल समझ गया कि उसकी मम्मी के दिमाग में जरूर कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही हैं।

दरवाजे की आवाज सुनकर रूबी की आंखे खुली तो उसने अनूप और साहिल को देखा तो साहिल को एक स्माइल दी लेकिन साहिल भावहीन चेहरे के साथ उसकी तरफ देखते हुए आगे बढ़ गया। रूबी का मन उदास हो गया और उसे समझते देर नहीं लगी कि उसका बेटा उसके हाथ से निकल गया हैं फिर भी हिम्मत करके बोली:"

" बेटा अा गए तुम ? चलो जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ मै खाना लगा देती हूं।

साहिल:" उसकी कोई जरूरत नहीं है मम्मी , आज मैं पापा के साथ खाना बाहर खाकर अा गया हूं तो नहीं खाऊंगा।

आज ना तो साहिल ने अपनी मम्मी को नमस्ते ही करी और आज ऐसा पहली बार हुआ था कि वो बाहर खाना खाकर आया था तो रूबी को अपने अंदर कुछ टूट्ता हुआ महसूस हुआ।

साहिल ने रूबी को पूरी तरह से जलाने के लिए अनूप से बोला:"

" पापा आज आपके मुझे जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा दिया हैं, सच में आपने मुझे कार गिफ्ट में दी हैं, आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं।

अनूप हमेशा कि तरह अपनी तारीफ़ सुनकर आपे से बाहर हो गया और बोला:'

" बेटा कोई बात नहीं रख ले तू, ये तो सिर्फ एक छोटी सी कार हैं। अगली बार मैं तुझे इससे भी बड़ी कार दिलाऊंगा।

साहिल को जैसे ये सब ही सुनना चाहता था इसलिए एकदम बोला:'

" नहीं पापा बड़ी कार तो मुझे लगता हैं कि मम्मी ही दिला सकती है क्योंकि इनकी जान पहचान बहुत बड़े बड़े लोगों के साथ हैं पापा।

ये बात रूबी जे दिल में किसी तीर की तरफ चुभी और उसकी आंखो में पानी अा गया तो उसने एक बार साहिल की तरफ देखा और अपने आंसू छिपाने के लिए अंदर कमरे में चली गई।

दूसरी तरफ अनूप आज बहुत खुश था क्योंकि साहिल ने आज वो काम कर दिया था जो वो खुद सालो से नहीं कर पा रहा था। रूबी की भीगी आंखे देखकर सबसे ज्यादा खुशी तो अनूप को हुई और उसने आगे बढकर अपने बेटे को गले लगा लिया और बोला:"

'" जाओ बेटा तुम नहा लो जाकर, थक गए होंगे।

साहिल:' ठीक हैं पापा, जैसे आपकी मर्जी।

साहिल अपने कमरे में गया और थोड़ी देर बाद ही बाथरूम में घुस गया। शांता उपर अाई और रूबी को रोते हुए देखा तो उसे दुख हुआ और बोली:"

" क्या हुआ बेटी ? इन प्यारी सी आंखो में आंसू किसलिए ?

रूबी सुबकते हुए बोली:"

" कुछ नहीं मा, वो साहिल भी अपने बाप की राह पर चल पड़ा हैं, समझ नहीं आ रहा हैं क्या करू ?

शांता:" कोई बात नही बेटी, तुम दुखी मत हो, मै उससे बात करूंगी,।

रूबी:" आप रहने दीजिए, कोई फायदा होने वाला नहीं हैं, मुझे ही कुछ करना होगा। आप जल्दी से नीचे चली जाओ, कल बताऊंगी आपको सब कुछ।

शांता:* ठीक हैं बेटी, मन तो नहीं कर रहा मेरा नीचे जाने के लिए लेकिन अगर तुम कहती हो तो चली जाती हूं।

शांता चली गई और रूबी उदास मन से उठी और छत पर चली गई और सोचने लगी कि उससे कहीं ना कहीं बहुत बड़ी चूक हो गई हैं। अगर एक सब कुछ साहिल को पहले ही बता देती तो शायद आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।

छत पर घूमते घूमते उसे काफी देर हो गई लेकिन ना तो साहिल और ना ही अनूप उसे देखने के लिए आया तो रूबी को निराशा हुई क्योंकि उसे साहिल से तो कम से कम ये उम्मीद नहीं थी।

कुछ सोचकर रूबी ने प्रिया का नंबर मिलाया और बोली:"

" प्रिया कैसी हो तुम ?

प्रिया:" जी मैडम बस ठीक हूं मै, खाना खाया अभी, आपने खा किया क्या ?

रूबी:' नहीं मेरा मन नहीं कर रहा खाना खाने के लिए।

प्रिया:" समझ सकती हूं मैडम आप अपने पति कि वजह से दुखी हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम खाना खाना छोड़ दे।

रूबी:" मैं बहुत परेशान हू प्रिया, अच्छा एक बात बता मुझे क्या लीमा के साथ अनूप का कुछ चक्कर तो नहीं चल रहा हैं ?

प्रिया:" मैडम मुझे सही से तो कुछ नहीं पता लेकिन एक बात तो साफ हैं कि कहीं कुछ तो गड़बड़ हैं क्योंकि एक 22000 रुपए पाने वाली इतने स्टाइल के साथ नहीं रहती।

रूबी:" हान, कुछ ना कुछ तो गड़बड़ जरूर हैं। अच्छा क्या तुम जानती हो कि ये लीमा कहां रहती है ?

प्रिया:" मैडम मुझे अभी तो नहीं पता लेकिन मैं आपको पता करके बता दूंगी, अरे हां मुझे याद आया कि कल आपके बेटे साहिल उसे छोड़ने के लिए गए थे आप उससे पूछ लीजिए।

रूबी के दिमाग में धमाका सा हुआ। ओह इसका मतलब उस कमीनी ने अब मेरे पति के साथ साथ मेरे बेटे को भी अपने जाल में फसाना शुरू कर दिया है।

रूबी:" ठीक हैं मैं उससे पूछ लूंगी, अच्छा तुम कल अा रही हो ना मेरे पास ?

प्रिया:" जी मैडम मैं अा जाऊंगी, कल ऑफिस जाना वैसे ही मेरे लिए ठीक नहीं होगा क्योंकि उस गुप्त रूम में कैमरा आसानी से पकड़ा जाएगा।

रूबी:" तुम मेरा साथ दे रही हो, मैं हमेशा तुम्हारा साथ दूंगी।

प्रिया:" मैडम आपको करेगी ठीक ही करेगी लेकिन मुझे तो ये डर लग रहा हैं कि कल के बाद शायद मुझे जॉब से निकाल दिया जाएगा।

रूबी उसे दिलासा देते हुए बोली:"

" तुम चिंता मत करो, बस मेरा साथ दो, मैं तुम पर किसी तरह की आंच नहीं आने दूंगी।

प्रिया:"जी मैडम आप पर भरोसा हैं तभी तो अपनी नौकरी दांव पर लगा दी हैं। अच्छा आप खाना खा लीजिए, मैं कल नौ बजे तक अा जुआंगी आपके पास।

रूबी:" ठीक हैं मैं इंतजार करूंगी तुम्हारा।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और नीचे की तरफ चल पड़ी। अनूप और साहिल दोनो अपने कमरे में जा चुके थे। रूबी ने खाना निकाला और हॉल में बैठ कर खाने लगीं, जल्दी ही उसने खाना खा लिया और बर्तन धोने के बाद उसने दूध को गैस पर रख दिया और अनूप को देखने के लिए चली हुई तो देखा कि अनूप सो गया था तो रूबी ने दूध को ग्लास में किया और साहिल के रूम की तरफ चल पड़ी।

रूबी फैसला कर चुकी थी कि आज वो साहिल से खुलकर बात करेगी और उसकी सभी गलत फैमियां दूर करेगी। वो जानती थी कि उसका बेटा इतनी आसानी से उस पर यकीन नहीं करेगा लेकिन कहीं का कहीं तो उसे शुरू करना ही होगा।

साहिल अपने मोबाइल में लगा हुआ था और गेट खुलने की आवाज से उसकी नजर रूबी पर पड़ी तो उसे हैरानी हुई क्योंकि उसने जिस तरह से रूबी पर तंज कसा था तो उस बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि रूबी उसके रूम में दूध लेकर आएगी।

रूबी:" बेटा चलो दूध पी लो, मैं तुम्हारे लिए दूध लाई हू।

साहिल:" नहीं मम्मी मेरा मन नहीं हैं, आपको कोई जरूरत नहीं हैं अब मेरे लिए दूध लेकर आने की, मैं कोई छोटा बच्चा नहीं हूं जो दूध पियू।

रूबी तो पहले से ही अपने आपको दिमागी रूप से तैयार करके अाई थी कि ये सब होगा इसलिए स्माइल करते हुए बोली:"

" अच्छे बच्चे जिद नहीं करते साहिल और तुम तो मेरे बहुत अच्छे बेटे हो, चलो उठो जल्दी से और दूध पियो।

साहिल झुंझला उठा और गुस्से से बोला:"
" मुझे फालतू बात पसंद नहीं हैं, तुम जाओ मेरा दिमाग मत मत खराब करो।

रूबी ने दूध का ग्लास टेबल पर रख दिया और साहिल के पास बेड पर बैठ गई तो साहिल का गुस्सा और बढ़ गया और बोला:'

" ये क्या बदतमीजी हैं, मैं आपसे बात नहीं करना चाहता और आप हैं कि समझ ही नहीं रही है।

रूबी:" आखिर बेटा हुआ क्या हैं ? मुझे भी तो पता चले कि तुम आखिर मुझे इतने नाराज क्यों हो ?
 
साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और बोला:"

" मम्मी आप इतनी भी शरीफ नहीं हो जितनी बनने की कोशश कर रही हूं, मैंने आपका असली रंग देख किया हैं।

रूबी:" वहीं तो मैं भी जानना चाह रही हूं कि ऐसा आखिर क्या हुआ है जो तू ऐसे बर्ताव कर रहा है।

साहिल:" मम्मी क्या आपके अंदर हिम्मत हैं वो सब मेरे मुंह से सुनने की?

रूबी ने एक पल के लिए साहिल की आंखो में देखा और बोली:"

" बोल बेटा जो कुछ भी तेरे मन में हैं सब बोल दे मुझे!

साहिल:" तो बताओ मम्मी ये नीरज कौन हैं और आपका उसकी साथ क्या रिश्ता हैं ?

रूबी इसी बात से डर रही थी और ये ही बात उसके सामने अा गई तो वो बोली:"

" नीरज तेरे पापा के एक दोस्त हैं और बिजनेस पार्टनर भी और ये ही वो आदमी हैं जिसमें तेरे पापा को बिगाड़ दिया हैं बेटा।

साहिल गुस्से से रूबी की तरफ देखते हुए बोला:"

" वाह मम्मी, बहुत बढ़िया अपना दोष आप दूसरों के सिर पर डाल रही हो। पापा को नीरज ने नहीं बल्कि आपने बिगाड़ दिया है।

रूबी:" साहिल सोच समझ कर बोलो, तुम तो सब जानते हो अपने पापा के बारे में ?

साहिल:" हान जानता हूं कि वो आपसे लड़ाई करते हैं, दारू पीते हैं और भी बहुत कुछ, लेकिन इसके लिए पापा नहीं आप जिम्मेदार हो मम्मी।

रूबी पहले से ही ये जानती थी कि साहिल ऐसा ही कुछ बोलेगा इसलिए उसने अपना धैर्य नहीं खोया और बोली:"

" बेटा देखो जो भी कहना हैं सब साफ़ साफ़ कहो, ऐसे घुमा फिराकर मत बोलो

साहिल ने एक बार अपनी मा की आंखो में झांका और बोला:"

'' अापके अंदर हिम्मत हैं क्या अपने बेटे के मुंह से वो सब सुनने की मा ?

साहिल ने जुबान से कुछ नहीं बोला लेकिन उसके चेहरे से झलकता आत्म विश्वास साफ साफ़ बोल रहा था कि हान उसके अंदर हिम्मत हैं।

साहिल:" तो ठीक हैं मम्मी सुनिए अापके गंदे चरित्र की वजह से पापा की ये हालत हुई हैं, आपके पापा के दोस्त नीरज से जिस्मानी ताल्लुकात हैं।

रूबी की आंखो से आंसू टपक पड़े और बोली :" बेटा हालत ही कुछ ऐसे बन गए हैं कि मैं अगर कुछ कहूं भी तो मेरा यकीन नहीं करेगा।

साहिल:" मुझे ये आंसू मत दिखाए आप क्योंकि मैं आपका असली रंग देख चुका हूं। उस रात आप नीरज को याद कर रही थी मुझसे फोन पर बाते करते हुए।

रूबी:" ये सच हैं बेटा कि मेरे मुंह से ऐसा निकला था लेकिन उसके पीछे तेरे पापा ही जिम्मेदार हैं।

साहिल ने अपने तकिए के नीचे से वो रूबी और साहिल की चुदाई वाली किताब निकाली और रूबी के उपर फेंकते हुए बोला:"

" तो अब आप ये भी कहोगी क्या कि ये किताब पापा ने आपको लाकर दी हैं ?

रूबी हल्की सी तेज आवाज में बोली:" सच तो ये ही बेटा कि तेरी बाप ने हूं लाकर दी हैं लेकिन अब तुझे यकीन कैसे दिलाऊ मैं ?

साहिल:" बाद करो मम्मी और कितने झूठ बोलने हैं आपको ? क्या वो सब छोटे कपड़े और वाइब्रेटर भी आपको पापा ने लाकर दिया है।

रूबी तो काटो तो खून नहीं, उससे उम्मीद नहीं थी कि साहिल यहां तक पहुंच गया है इसलिए थोड़ी देर खामोश रही तो साहिल ने आखिरी सबसे बड़ा बम फोड़ दिया-

" मम्मी क्या घर के स्टोर रूम के साथ ने बना वो आपका खुफिया लोक जहां उस दिन आप नहा रही थी वो सब आपकी अय्याशी का अड्डा नहीं है जिसके बारे में सिर्फ आपको पता हैं। बोलो ना क्या वो भी पापा ने बनवाया हैं ?

रूबी के दिमाग में एक धमाका सा हुआ और कुछ पल के लिए तो उसकी सांसे रुक सी गई।

साहिल:" बोलो अब ये सब कम हो तो क्या और सबूत दू मैं गिरे हुए होने के ?

रूबी:" बेटा वो सब कपडे और सामान तेरे पापा ने मुझे लाकर दिया था और घर के अंदर वो खुफिया लोक भी उन्होंने है बनवाया था।

साहिल:" हद होती हैं बेशर्मी की भी मम्मी, और कितना झूठ बोलना है आपको ? पापा बेचारे को तो ये भी नहीं पता कि उनके घर में ही तुमने अपनी अय्याशी के लिए इतनी खुफिया जगह बनाकर रखी हुई हैं।

रूबी:" देख बेटा तुम मुझे गलत समझ रहे हो,सच्चाई कुछ और हैं अगर मै अब तुझे बताऊंगी भी तो भी तू यकीन नहीं करेगा।

रूबी ने ये बोलकर बड़ी उम्मीद से साहिल की तरफ देखा लेकिन साहिल तो जैसे उसकी कोई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं था।

साहिल:" बस मम्मी मुझे नहीं सुनना कुछ भी, मैं सब खुद देख और सुन चुका हूं।

रूबी:" सच्चाई तो तुझे सुननी ही पड़ेगी बेटा, तू तुम तेरा बाप अपनी मुझे अपने दोस्त नीरज के साथ एक रात गुजारने के लिए कह रहा है ताकि उसके बदले में वो अनूप का कर्ज माफ कर सके और मेरे साथ तेरा बाप बहुत गंदी गंदी चाले चल रहा हैं, वो किताब भी अनूप ने मेरे कमरे में रखी थी।

साहिल की आंखो में गुस्से दे खून सा उतर आया और बोला:'

" बस बहुत हो गया मम्मी, अगर आप मेरी मा ना होती तो मेरे देवता जैसे बाप पर ये ये घिनौना इल्ज़ाम लगाने से पहले मै आपका मुंह तोड़ देता।
 
रूबी:" सच्चाई तो ये ही बेटा हैं।

साहिल ने रूबी का हाथ पकड़ा और गेट के बाहर निकाल कर अपना गेट बंद करते हुए बोला:"

" इससे पहले कि मैं मा बेटे के रिश्ते की मर्यादा भूल जाऊ तुम भागो यहां से।

इतना कहकर साहिल ने अपना गेट बंद कर लिया और सोचने लगा कि उसकी मम्मी इस हद तक गिर गई हैं कि अपने पति पर ही उल्टे सीधे आरोप लगा रही हैं। सच में मम्मी शायद इस दुनिया की सबसे गंदी औरत हैं।

दूसरी तरफ रूबी कुछ बोल ही नहीं पाई और आंसू बहाते हुए अपने कमरे में चली गई।
....................

रूबी धीरे धीरे बोझल क़दमों से चलती हुई अपने कमरे तक पहुंची और बेड पर लेट गई। वो साहिल द्वारा किए गए अपनाम की आग में जल रही थी और उसकी आंखो से रह रह कर आंसू टपक रहे थे। उस अपने सगे बेटे से इतनी बेरुखी की उम्मीद नहीं की, इस तरह को कोई दूसरो का भी अपमान नही करता जिस तरह से साहिल ने उसका किया था। रूबी जानती थी कि इसमें अनूप के साथ साथ उसकी खुद की भी गलती हैं क्योंकि अगर वो पहले ही अपने बेटे को सब कुछ बता देती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता।

उसने एक नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा तो मजे से चैन की नींद सोया हुआ था तो उसे अनूप की शक्ल से ही नफरत होने लगी और उसका मन किया कि अभी उसका सिर फोड़ दे लेकिन वो ऐसा नहीं कर पाई। वो चाहती थी कि पहले वो सारी सच्चाई अपने बेटे साहिल के आगे लाए ताकि उसे अपने बाप के असली रूप का पता चल सके और रूबी अपने बेटे की नजरो में खुद को सही साबित कर सके। ये सब सोचते धीरे धीरे उसकी आंख बंद हो गई और वो नींद में चली गई।

अगले दिन सुबह रूबी एक नई उम्मीद के साथ उठी कि आज तो कम से कम उसके हाथ कुछ ना कुछ जरूर लगेगा क्योंकि प्रिया ऑफिस में कैमरा लगा चुकी थी। रूबी ने सबसे पहले योगा सेंटर के ग्रुप में एक मेसेज छोड़ दिया कि आज वो नहीं अा पायेगी। शांता घर की सफाई कर रही थी तभी साहिल उठकर अपने कमरे से बाहर आया तो शांता ने उसे एक स्माइल दी लेकिन साहिल उसकी तरफ नफरत से देखते हुए बाथरूम में घुस गया। शांता को हैरानी हुई कि ये साहिल को अचानक से क्या हो गया और अपने काम में लग गई।

वहीं अनूप करीब आठ बजे के बाद ऑफिस की तरफ निकल गया। रूबी ने खाना टेबल पर लगा दिया था और साहिल को आवाज दी

" साहिल बेटा मैंने तुम्हारे लिए पनीर पराठा तैयार कर दिया हैं अा जाओ नाश्ता कर लो तुम।

अंदर से ही साहिल की आवाज अाई:" मुझे भूख नहीं हैं अभी, मैं बाहर जाऊंगा थोड़ी देर बाद वहीं खा लूंगा।

रूबी जानती थी कि उसका बेटा उससे बहुत ज्यादा नाराज हैं इसलिए नाश्ते की थाली लेकर उसके कमरे की तरफ चल पड़ी। रूबी को अपने कमरे में देखकर साहिल गुस्से से बोला:"

" मम्मी आपको शर्म नहीं आती क्या ? मुझे नहीं खाना आपके हाथ से बना हुआ कुछ भी, मुझे नफरत हैं आपकी सूरत से भी, जाओ अब यहां से !!

रूबी : देख साहिल कभी कभी जो हमें दिखाया जाता हैं वो सच नहीं होता, तू मुझे एक मौका दे बस खुद को सही साबित करने का बेटा।

साहिल:" रहने दो मम्मी आप, अब आप पापा के बाद पता नहीं अगला आरोप किस पर लगाओगी ?

रूबी थोड़ा गुस्से से:" साहिल बस बहुत हो गया, तुम मेरे बेटे हो इसलिए रात से मैं तुम्हे बर्दाश्त कर रही हूं, मेरी भी अपनी इज्जत हैं लोग मुझे कितना मानते हैं ये तुम अपनी आंखो से देख चुके हो खुद ।

साहिल के होंठो पर हल्की सी स्माइल अाई और तंज कसते हुए कहा:"

" और आपकी सच्चाई जब उन लोगो के सामने आएगी तब वहीं लोग जो आज आपको पसंद करते है कल आपके नाम पर थूकना भी पसंद नहीं करेंगे।

रूबी:' साहिल तुम्हे मुझे एक मोका देना चाहिए बेटा, तुम्हारे सामने सब कुछ साफ हो जाएगा।

साहिल:" और अगर नहीं हुआ तो ?

रूबी आगे बढ़ी और साहिल के सिर पर हाथ रख कर बोली

" तेरे सिर की कसम बेटा मैं तुझे कभी मुंह नहीं दिखाऊंगी।

साहिल को अपनी मा के उपर यकीन करने को मन किया क्योंकि वो जानता था कि उसकी मम्मी दुनिया मा सबसे ज्यादा प्यार उससे ही करती हैं।

साहिल:" ठीक हैं लेकिन आपको ये पहला और आखिरी मौका होगा।

रूबी ने जुबान से बिना कुछ बोले अपनी गर्दन हिला दी और साहिल को बोली:'

" बेटा चलो तुम पहले नाश्ता कर लो फिर मै तुम्हे कुछ दिखाती हूं आज जिसके बाद तुम सब समझ जाओगे।
 
Back
Top