desiaks
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नताली ने लिंग को अपने हाथों से पकड़ा.... उसे अपनी योनि के द्वार पर रखी और धीरे-धीरे उसके उपर बैठ गयी.... बैठ'ते वक़्त उसके पाँव हल्के कांप गये और उसने अपने हाथों से अपने स्तनों को दबा दिया....
बाल बड़ी तेज़ी से लहरा रहे थे.... थप-थप टकराने की आवाज़ जोरों से आ रही थी.... स्तन बड़ी तेज़ी से उपर-नीचे हो रहे थे.... हल्की मादक आवाज़ के साथ नताली, लिंग के उपर कूद रही थी और पार्थ नीचे से अपनी कमर ज़ोर-ज़ोर से हिला रहा था...
सेक्स करते हुए दोनो के बदन पसीने-पसीने हो गये थे.... अचानक हे धक्कों की स्पीड ने और ज़ोर पकड़ लिया..... नताली बड़ी तेज़ी से लिंग के उपर से हटी और लिंग को अपने हाथों मे ले कर ज़ोर-ज़ोर से उपर नीचे करने लगी....
कुछ ही देर मे पार्थ का बदन अकड़ गया, कमर बड़े ज़ोर से हवा मे हुआ ... और लिंग से कम बाहर आने लगा......
"पार्थ, तुम तो जल्दी ढेर गये, तुम्हरा हथियार तो मुरझा गया.... अभी तो पूरे अरमान बाकी हैं... और तुम ने तो बीच मे ही साथ छोड़ दिए"....
पार्थ..... बस ऐसे ही थोड़ा उसे प्यार करो... अभी तो रात जवान है नताली तुम्हे मायूस नही करेगा ये...
नताली हस्ती हुई उठी... तौलिए से उसके लिंग को सॉफ की और वापस उसे अपने मुँह मे ले कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी..... उत्तेजना एक बार फिर धीरे-धीरे जागने लगी.... लिंग वापस के पूरा तन कर खड़ा हो गया...
इस बार पार्थ ने नताली को बिस्तर पर लिटाया... उसके दोनो पाँव को अपने कंधो के दोनो ओर डाल कर, योनि के उपर लिंग को रब करने लगा.....
"उफफफफ्फ़... पार्थ .. क्या कर रहे हो... वहाँ पहले से ही आग लगी है"...
पार्थ ने भी बिना कोई देर किए जोरदार धक्का मारा और पूरा लिंग योनि के अंदर उतार दिया... तेज झटकों के साथ ही नताली का पूरा बदन हिल गया और स्तन उपर नीचे होना शुरू हो गये.... एक बार फिर वासना अपने पूरे चरम मे थी और मज़े के सातवे आसमान पर दोनो की कमर बहुत तेज़ी से हिल रही थी.....
सेक्स के आनंद मई बेला मे दोनो ने जम कर मज़े उठाए... और फिर एक दूसरे के उपर ढेर हो गये.....
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बाल बड़ी तेज़ी से लहरा रहे थे.... थप-थप टकराने की आवाज़ जोरों से आ रही थी.... स्तन बड़ी तेज़ी से उपर-नीचे हो रहे थे.... हल्की मादक आवाज़ के साथ नताली, लिंग के उपर कूद रही थी और पार्थ नीचे से अपनी कमर ज़ोर-ज़ोर से हिला रहा था...
सेक्स करते हुए दोनो के बदन पसीने-पसीने हो गये थे.... अचानक हे धक्कों की स्पीड ने और ज़ोर पकड़ लिया..... नताली बड़ी तेज़ी से लिंग के उपर से हटी और लिंग को अपने हाथों मे ले कर ज़ोर-ज़ोर से उपर नीचे करने लगी....
कुछ ही देर मे पार्थ का बदन अकड़ गया, कमर बड़े ज़ोर से हवा मे हुआ ... और लिंग से कम बाहर आने लगा......
"पार्थ, तुम तो जल्दी ढेर गये, तुम्हरा हथियार तो मुरझा गया.... अभी तो पूरे अरमान बाकी हैं... और तुम ने तो बीच मे ही साथ छोड़ दिए"....
पार्थ..... बस ऐसे ही थोड़ा उसे प्यार करो... अभी तो रात जवान है नताली तुम्हे मायूस नही करेगा ये...
नताली हस्ती हुई उठी... तौलिए से उसके लिंग को सॉफ की और वापस उसे अपने मुँह मे ले कर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी..... उत्तेजना एक बार फिर धीरे-धीरे जागने लगी.... लिंग वापस के पूरा तन कर खड़ा हो गया...
इस बार पार्थ ने नताली को बिस्तर पर लिटाया... उसके दोनो पाँव को अपने कंधो के दोनो ओर डाल कर, योनि के उपर लिंग को रब करने लगा.....
"उफफफफ्फ़... पार्थ .. क्या कर रहे हो... वहाँ पहले से ही आग लगी है"...
पार्थ ने भी बिना कोई देर किए जोरदार धक्का मारा और पूरा लिंग योनि के अंदर उतार दिया... तेज झटकों के साथ ही नताली का पूरा बदन हिल गया और स्तन उपर नीचे होना शुरू हो गये.... एक बार फिर वासना अपने पूरे चरम मे थी और मज़े के सातवे आसमान पर दोनो की कमर बहुत तेज़ी से हिल रही थी.....
सेक्स के आनंद मई बेला मे दोनो ने जम कर मज़े उठाए... और फिर एक दूसरे के उपर ढेर हो गये.....
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