desiaks
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update 15 (1)
मैंने ऋतू को गोद में उठाये हुए ही उसे एक खिड़की के साथ वाली दिवार के साथ लगा दिया| ऋतू ने अपने हाथ जो मेरी पीठ के इर्द-गिर्द लपेटे हुए थे वो खोल दिए और सामने ला कर अपने पाजामे का नाडा खोला| मैंने भी अपने पैंट की ज़िप खोली और फनफनाता हुआ लंड बाहर निकाला| ऋतू ने मौका पाते ही अपनी दो उँगलियाँ अपने मुँह में डाली और उन्हें अपने थूक से गीला कर अपनी बुर में डाल दिया| मैंने भी अपने लंड पर थूक लगा के धीरे-धीरे ऋतू की बुर में पेलने लगा| अभी केवल सुपाड़ा ही गया होगा की ऋतू ने खुद को मेरे जिस्म से कस कर दबा लिया, जैसे वो चाहती ही ना हो की मैं अंदर और लंड डालूँ| दर्द से उसके माथे पर शिकन पड़ गई थी, इसलिए मैं ने उसे थोड़ा समय देते हुए उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया| जैसे ही मैंने अपनी जीभ ऋतू के मुँह में पिरोई की उसने अपने बदन का दबाव कम किया और मैं ने भी धीरे-धीरे लंड को अंदर पेलना शुरू किया| ऋतू ने मेरी जीभ की चुसाई शुरू कर दी थी और नीचे से मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया था| पाँच मिनट हुए और ऋतू का फव्वारा छूट गया और उसने मुझे फिर से कस कर खुद से चिपटा लिया| पाँच मिनट तक वो मेरे सीने से चिपकी रही और अपनी उखड़ी साँसों पर काबू करने लगी| मैंने उसके सर को चूमा तो उसने मेरी आँखों में देखा और मुझे मूक अनुमति दी| मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर बहार करना चालू किया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा| ऋतू की बुर अंदर से बहुत गीली थी इसलिए लंड अब फिसलता हुआ अंदर जा रहा था| दस मिनट और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए| ऋतू ने फिर से मुझे कस कर जकड़ लिया और बुरी तरह हाँफने लगी| उसे देख कर एक पल को तो मैं डर गया की कहीं उसे कुछ हो ना जाये| मैंने उसे अपनी गोद से उतारा और कुर्सी पर बिठाया और उसके लिए पानी ले आया| पानी का एक घूँट पीते ही उसे खाँसी आ गई तो मैंने उसकी पीठ थप-थापाके उस की खाँसी रुक वाई| "क्या हुआ जान? तुम इतना हाँफ क्यों रही हो? कहीं ये आई-पिल का कोई रिएक्शन तो नहीं?" मैंने चिंता जताते हुए पूछा|
"ओह्ह नो! वो तो मैं लेना ही भूल गई!" ऋतू ने अपना सर पीटते हुए कहा|
"पागल है क्या? वो गोली तुझे 72 घंटों में लेनी थी! कहाँ है वो दवाई?" मैंने उसे डाँटते हुए पूछा तो उसने अपने बैग की तरफ इशारा किया| मैंने उसका बैग उसे ला कर दिया और वो उसे खंगाल कर देखने लगी और आखिर उसे गोलियों का पत्ता मिल गया और मैंने उसे पानी दिया पीने को| पर मेरी हालत अब ख़राब थी क्योंकि उसे 72 घंटों से कुछ ज्यादा समय हो चूका था| अगर गर्भ ठहर गया तो??? मैं डर के मारे कमरे में एक कोने पर जमीन पर ही बैठ गया| ऋतू उठी अपने कपडे ठीक किये और मेरे पास आ गई और मेरी बगल में बैठ गई| "कुछ नहीं होगा जानू! आप घबराओ मत!" उसने अपने बाएं हाथ को मेरे कंधे से ले जाते हुए खुद को मुझसे चिपका लिया|
मेरी आँखें नम हो चलीं थीं, पर आंसुओं को मैंने बाहर छलकने नहीं दिया और खुद को संभालते हुए मैं उठ के खड़ा हुआ और बाथरूम में मुँह धोने घुसा| जब बाहर आया तो ऋतू मायूस थी; "जानू! आप मुझसे नाराज हो?" मैंने ना में सर हिलाया तो वो खुद आ कर मेरे गले लग गई| आगे हम कुछ बात करते उससे पहले ही बॉस का फ़ोन आ गया और वो मुझसे कुछ पूछने लगे| इधर ऋतू ने मेरे बैग में कपडे सेट कर के रख दिए थे और खाने के लिए सैंडविच बना रही थी| बॉस से बात कर के मैं वहीँ पलंग पर बैठ गया और मन ही मन ये उम्मीद करने लगा की ऋतू अभी गर्भवती ना हो जाये| मेरी चिंता मेरे चेहरे से झलक रही थी तो ऋतू मेरे सामने हाथ बांधे कड़ी हो गई और मेरी तरफ बिना कुछ बोले देखने लगी| मैं अपनी चिंता में ही गुम था और जब मैंने पाँच मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो वो मेरे नजदीक आई, अपने घुटने नीचे टिका कर बैठी और मेरी ठुड्डी ऊपर की| "क्यों चिंता करते हो आप? कुछ नहीं होगा! आप बस जल्दी आना, मैं यहाँ आपका बेसब्री से इंतजार करुँगी|" इतना कह कर उसने मेरे होठों को चूमा और मेरे निचले होंठ को चूसने लगी| मैंने जैसे-तैसे खुद को संभाला और ऋतू के होठों को चूसने लगा| दो मिनट बाद मैं उठ खड़ा हुआ, अपने कपडे बदले और फिर ऑटो कर के पहले ऋतू को हॉस्टल छोड़ा| फिर उसी ऑटो में मैं स्टेशन आ गया, पर ऋतू मेरी चिंता भाँप गई थी इसलिए उसने आधे घंटे बाद ही मुझे कॉल कर दिया| पर ये कॉल उसने अपने मोबाइल से नहीं बल्कि मोहिनी के नंबर से किया था;
मैं: हेल्लो?
ऋतू: आप पहुँच गए स्टेशन?
मैं: हाँ... बस अभी कुछ देर हुई|
ऋतू: अकेले हो? कुछ बात हो सकती है?
मैं: हाँ बोलो?
ऋतू: वो मुझे आपसे कुछ पूछना था, एकाउंट्स को ले कर|
और फिर इस तरह उसने मुझसे सवाल पूछना शुरू कर दिए| पार्टनरशिप एकाउंट्स में उसे JLP पर डाउट थे| हम दोनों बात ही कर रहे थे की वहाँ सर और मैडम आ गए| अब चूँकि वो मेरे पीछे से आये थे तो उन्होंने मेरी JLP को लेके कुछ बातें सुन ली थी और वो ये समझे की मैं अपने स्टूडेंट से बात कर रहा हूँ| जिस बेंच पर मैं बैठा था उसी पर जब उन्होंने सामान रखा तो मैं चौंक गया और ऋतू को ये बोलके फ़ोन काट दिया की मैं थोड़ी देर बाद कॉल करता हूँ|
अनु मैडम: अरे! तुम तो ऑन-कॉल भी पढ़ाते हो?
ये सुन कर मैं और मैडम दोनों हँसने लगे पर सर को ये हँसी फूटी आँख न भाई|
सर: अच्छा मानु सुनो, मैं नहीं जा पाउँगा तो ऐसा करो तुम और अनु चले जाओ| वहाँ से तुम्हें अँधेरी वेस्ट जाना है, वहाँ तुम्हें Palmer Infotech जाना है जहाँ पर एक टेंडर के लिए मीटिंग रखी गई है| PPTs मैं तुम दोनों को मेल कर दूँगा, ठीक है? राखी तुम दोनों को वहीँ मिलेगी|
मैंने जवाब में सिर्फ हाँ में गर्दन हिलाई और सर ने मुझे टिकट का प्रिंटआउट दे दिया| इतना कह कर सर चले गए और मैडम और मैं उसी बेंच पर बैठ गए| मैडम ने तो कोई नावेल निकाल ली और वो उसे पढ़ने लगी और इधर ऋतू ने फिर से फ़ोन खनखा दिया और मैं थोड़ी दूर जा कर उससे बात करने लगा| जब मैंने उसे बताया की मैडम और मैं एक साथ जा रहे हैं तो वो नाराज हो गई|
ऋतू: आपने तो कहा था सर जा रहे हैं तो ये मैडम कहाँ से आईं?
मैं: यार वो बॉस की वाइफ हैं, कुछ काम से वो नहीं जा रहे इसलिए उन्हें भेजा है|
ऋतू: What’s her name?
मैं: अनु मैडम
ऋतू: Age?
मैं: I don’t know… maybe 30, 35… I don’t know! (मैंने झुंझलाते हुए कहा|)
ऋतू: How does she look like?
मैं: What?
ऋतू: I mean her figure, bust size etc!
मैं: Are you mad? She’s my boss’s wife.
ऋतू: वो सब मुझे नहीं पता, दूर रहने उससे|
मैं: ओह हेल्लो मैडम! मैं उनके साथ ऑफिस ट्रिप पर जा रह हूँ घूमने नहीं जा रहा|
ऋतू: जो तो उसी के साथ रहे हो ना?
मैं: पागल जैसे तुम सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं हैं| वो बस मेरी बॉस है!
ऋतू आगे कुछ बोलने वाली थी पर फिर चुप हो गई और फ़ोन रख दिया| साफ़ था वो जल भून कर राख हो गई थी| मैं वापस बेंच पर बैठने जा रहा था की उसने मुझे वीडियो कॉल कर दिया| मैंने क्योंकि हेडफोन्स पहने थे तो मैंने कॉल उठा लिया|
ऋतू: मुझे देखन है आपकी अनु मैडम को?!
मैं: तू पागल है क्या? किसी ने देख लिया तो?
ऋतू: आपको मेरी कसम!
मैंने हार मानते हुए चुपके से दूर से ऋतू को अनु मैडम का चेहरा दिखाया| ठीक उसी समय मैडम ने मेरी तरफ देखा और हड़बड़ी में मैंने कॉल काट दिया| पर मैडम को लगा की मैं सेल्फी ले रहा हूँ इसलिए उन्होंने बस मुस्कुरा दिया|ऋतू ने आग बबूला हो कर दुबारा कॉल किया और मुझ पर बरस पड़ी;
ऋतू: ये किस एंगल से मैडम लग रही हैं? ये तो मॉडल हैं मॉडल! मैं ना..... आह! (ऋतू गुस्से में चीखी|)
मैं: जान! एक टेंडर के लिए....
ऋतू: (मेरी बात काटते हुए) उससे दूर रहना बातये देती हूँ! वरना उसका मुँह नोच लुंगी!
इतना कह कर उसने फ़ोन काट दिया| मुझे उसकी इस नादानी पर प्यार आ रहा था और मैंने उसे दुबारा फ़ोन किया और उसके कुछ बोलने से पहले ही मैंने उसे फ़ोन ओर एक जोरदार "उउउउम्मम्मम्मम्माआआअह्ह्ह्हह" दिया| ये सुनते ही वो पिघल गई और मैंने उसे यक़ीन दिला दिया की उसे चिंता करने की कोई जर्रूरत नहीं है| मुझ पर सिर्फ और सिर्फ उसका अधिकार है!
मैंने ऋतू को गोद में उठाये हुए ही उसे एक खिड़की के साथ वाली दिवार के साथ लगा दिया| ऋतू ने अपने हाथ जो मेरी पीठ के इर्द-गिर्द लपेटे हुए थे वो खोल दिए और सामने ला कर अपने पाजामे का नाडा खोला| मैंने भी अपने पैंट की ज़िप खोली और फनफनाता हुआ लंड बाहर निकाला| ऋतू ने मौका पाते ही अपनी दो उँगलियाँ अपने मुँह में डाली और उन्हें अपने थूक से गीला कर अपनी बुर में डाल दिया| मैंने भी अपने लंड पर थूक लगा के धीरे-धीरे ऋतू की बुर में पेलने लगा| अभी केवल सुपाड़ा ही गया होगा की ऋतू ने खुद को मेरे जिस्म से कस कर दबा लिया, जैसे वो चाहती ही ना हो की मैं अंदर और लंड डालूँ| दर्द से उसके माथे पर शिकन पड़ गई थी, इसलिए मैं ने उसे थोड़ा समय देते हुए उसके होठों को चूसना शुरू कर दिया| जैसे ही मैंने अपनी जीभ ऋतू के मुँह में पिरोई की उसने अपने बदन का दबाव कम किया और मैं ने भी धीरे-धीरे लंड को अंदर पेलना शुरू किया| ऋतू ने मेरी जीभ की चुसाई शुरू कर दी थी और नीचे से मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया था| पाँच मिनट हुए और ऋतू का फव्वारा छूट गया और उसने मुझे फिर से कस कर खुद से चिपटा लिया| पाँच मिनट तक वो मेरे सीने से चिपकी रही और अपनी उखड़ी साँसों पर काबू करने लगी| मैंने उसके सर को चूमा तो उसने मेरी आँखों में देखा और मुझे मूक अनुमति दी| मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर बहार करना चालू किया और धीरे-धीरे अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा| ऋतू की बुर अंदर से बहुत गीली थी इसलिए लंड अब फिसलता हुआ अंदर जा रहा था| दस मिनट और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए| ऋतू ने फिर से मुझे कस कर जकड़ लिया और बुरी तरह हाँफने लगी| उसे देख कर एक पल को तो मैं डर गया की कहीं उसे कुछ हो ना जाये| मैंने उसे अपनी गोद से उतारा और कुर्सी पर बिठाया और उसके लिए पानी ले आया| पानी का एक घूँट पीते ही उसे खाँसी आ गई तो मैंने उसकी पीठ थप-थापाके उस की खाँसी रुक वाई| "क्या हुआ जान? तुम इतना हाँफ क्यों रही हो? कहीं ये आई-पिल का कोई रिएक्शन तो नहीं?" मैंने चिंता जताते हुए पूछा|
"ओह्ह नो! वो तो मैं लेना ही भूल गई!" ऋतू ने अपना सर पीटते हुए कहा|
"पागल है क्या? वो गोली तुझे 72 घंटों में लेनी थी! कहाँ है वो दवाई?" मैंने उसे डाँटते हुए पूछा तो उसने अपने बैग की तरफ इशारा किया| मैंने उसका बैग उसे ला कर दिया और वो उसे खंगाल कर देखने लगी और आखिर उसे गोलियों का पत्ता मिल गया और मैंने उसे पानी दिया पीने को| पर मेरी हालत अब ख़राब थी क्योंकि उसे 72 घंटों से कुछ ज्यादा समय हो चूका था| अगर गर्भ ठहर गया तो??? मैं डर के मारे कमरे में एक कोने पर जमीन पर ही बैठ गया| ऋतू उठी अपने कपडे ठीक किये और मेरे पास आ गई और मेरी बगल में बैठ गई| "कुछ नहीं होगा जानू! आप घबराओ मत!" उसने अपने बाएं हाथ को मेरे कंधे से ले जाते हुए खुद को मुझसे चिपका लिया|
मेरी आँखें नम हो चलीं थीं, पर आंसुओं को मैंने बाहर छलकने नहीं दिया और खुद को संभालते हुए मैं उठ के खड़ा हुआ और बाथरूम में मुँह धोने घुसा| जब बाहर आया तो ऋतू मायूस थी; "जानू! आप मुझसे नाराज हो?" मैंने ना में सर हिलाया तो वो खुद आ कर मेरे गले लग गई| आगे हम कुछ बात करते उससे पहले ही बॉस का फ़ोन आ गया और वो मुझसे कुछ पूछने लगे| इधर ऋतू ने मेरे बैग में कपडे सेट कर के रख दिए थे और खाने के लिए सैंडविच बना रही थी| बॉस से बात कर के मैं वहीँ पलंग पर बैठ गया और मन ही मन ये उम्मीद करने लगा की ऋतू अभी गर्भवती ना हो जाये| मेरी चिंता मेरे चेहरे से झलक रही थी तो ऋतू मेरे सामने हाथ बांधे कड़ी हो गई और मेरी तरफ बिना कुछ बोले देखने लगी| मैं अपनी चिंता में ही गुम था और जब मैंने पाँच मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो वो मेरे नजदीक आई, अपने घुटने नीचे टिका कर बैठी और मेरी ठुड्डी ऊपर की| "क्यों चिंता करते हो आप? कुछ नहीं होगा! आप बस जल्दी आना, मैं यहाँ आपका बेसब्री से इंतजार करुँगी|" इतना कह कर उसने मेरे होठों को चूमा और मेरे निचले होंठ को चूसने लगी| मैंने जैसे-तैसे खुद को संभाला और ऋतू के होठों को चूसने लगा| दो मिनट बाद मैं उठ खड़ा हुआ, अपने कपडे बदले और फिर ऑटो कर के पहले ऋतू को हॉस्टल छोड़ा| फिर उसी ऑटो में मैं स्टेशन आ गया, पर ऋतू मेरी चिंता भाँप गई थी इसलिए उसने आधे घंटे बाद ही मुझे कॉल कर दिया| पर ये कॉल उसने अपने मोबाइल से नहीं बल्कि मोहिनी के नंबर से किया था;
मैं: हेल्लो?
ऋतू: आप पहुँच गए स्टेशन?
मैं: हाँ... बस अभी कुछ देर हुई|
ऋतू: अकेले हो? कुछ बात हो सकती है?
मैं: हाँ बोलो?
ऋतू: वो मुझे आपसे कुछ पूछना था, एकाउंट्स को ले कर|
और फिर इस तरह उसने मुझसे सवाल पूछना शुरू कर दिए| पार्टनरशिप एकाउंट्स में उसे JLP पर डाउट थे| हम दोनों बात ही कर रहे थे की वहाँ सर और मैडम आ गए| अब चूँकि वो मेरे पीछे से आये थे तो उन्होंने मेरी JLP को लेके कुछ बातें सुन ली थी और वो ये समझे की मैं अपने स्टूडेंट से बात कर रहा हूँ| जिस बेंच पर मैं बैठा था उसी पर जब उन्होंने सामान रखा तो मैं चौंक गया और ऋतू को ये बोलके फ़ोन काट दिया की मैं थोड़ी देर बाद कॉल करता हूँ|
अनु मैडम: अरे! तुम तो ऑन-कॉल भी पढ़ाते हो?
ये सुन कर मैं और मैडम दोनों हँसने लगे पर सर को ये हँसी फूटी आँख न भाई|
सर: अच्छा मानु सुनो, मैं नहीं जा पाउँगा तो ऐसा करो तुम और अनु चले जाओ| वहाँ से तुम्हें अँधेरी वेस्ट जाना है, वहाँ तुम्हें Palmer Infotech जाना है जहाँ पर एक टेंडर के लिए मीटिंग रखी गई है| PPTs मैं तुम दोनों को मेल कर दूँगा, ठीक है? राखी तुम दोनों को वहीँ मिलेगी|
मैंने जवाब में सिर्फ हाँ में गर्दन हिलाई और सर ने मुझे टिकट का प्रिंटआउट दे दिया| इतना कह कर सर चले गए और मैडम और मैं उसी बेंच पर बैठ गए| मैडम ने तो कोई नावेल निकाल ली और वो उसे पढ़ने लगी और इधर ऋतू ने फिर से फ़ोन खनखा दिया और मैं थोड़ी दूर जा कर उससे बात करने लगा| जब मैंने उसे बताया की मैडम और मैं एक साथ जा रहे हैं तो वो नाराज हो गई|
ऋतू: आपने तो कहा था सर जा रहे हैं तो ये मैडम कहाँ से आईं?
मैं: यार वो बॉस की वाइफ हैं, कुछ काम से वो नहीं जा रहे इसलिए उन्हें भेजा है|
ऋतू: What’s her name?
मैं: अनु मैडम
ऋतू: Age?
मैं: I don’t know… maybe 30, 35… I don’t know! (मैंने झुंझलाते हुए कहा|)
ऋतू: How does she look like?
मैं: What?
ऋतू: I mean her figure, bust size etc!
मैं: Are you mad? She’s my boss’s wife.
ऋतू: वो सब मुझे नहीं पता, दूर रहने उससे|
मैं: ओह हेल्लो मैडम! मैं उनके साथ ऑफिस ट्रिप पर जा रह हूँ घूमने नहीं जा रहा|
ऋतू: जो तो उसी के साथ रहे हो ना?
मैं: पागल जैसे तुम सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं हैं| वो बस मेरी बॉस है!
ऋतू आगे कुछ बोलने वाली थी पर फिर चुप हो गई और फ़ोन रख दिया| साफ़ था वो जल भून कर राख हो गई थी| मैं वापस बेंच पर बैठने जा रहा था की उसने मुझे वीडियो कॉल कर दिया| मैंने क्योंकि हेडफोन्स पहने थे तो मैंने कॉल उठा लिया|
ऋतू: मुझे देखन है आपकी अनु मैडम को?!
मैं: तू पागल है क्या? किसी ने देख लिया तो?
ऋतू: आपको मेरी कसम!
मैंने हार मानते हुए चुपके से दूर से ऋतू को अनु मैडम का चेहरा दिखाया| ठीक उसी समय मैडम ने मेरी तरफ देखा और हड़बड़ी में मैंने कॉल काट दिया| पर मैडम को लगा की मैं सेल्फी ले रहा हूँ इसलिए उन्होंने बस मुस्कुरा दिया|ऋतू ने आग बबूला हो कर दुबारा कॉल किया और मुझ पर बरस पड़ी;
ऋतू: ये किस एंगल से मैडम लग रही हैं? ये तो मॉडल हैं मॉडल! मैं ना..... आह! (ऋतू गुस्से में चीखी|)
मैं: जान! एक टेंडर के लिए....
ऋतू: (मेरी बात काटते हुए) उससे दूर रहना बातये देती हूँ! वरना उसका मुँह नोच लुंगी!
इतना कह कर उसने फ़ोन काट दिया| मुझे उसकी इस नादानी पर प्यार आ रहा था और मैंने उसे दुबारा फ़ोन किया और उसके कुछ बोलने से पहले ही मैंने उसे फ़ोन ओर एक जोरदार "उउउउम्मम्मम्मम्माआआअह्ह्ह्हह" दिया| ये सुनते ही वो पिघल गई और मैंने उसे यक़ीन दिला दिया की उसे चिंता करने की कोई जर्रूरत नहीं है| मुझ पर सिर्फ और सिर्फ उसका अधिकार है!