desiaks
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मैं- “कुछ नहीं, सिक्योरिटी गार्ड नहीं था क्या?” मैंने नीरव से पूछा।
नीरव- “वो उनके साथ मिला हुवा था, जीतू बेचारा पागल हो गया है. नीरव ने उठते हुये कहा।
चाय-नाश्ते के बाद नीरव बेडरूम में जाकर लेट गया, पूरी रात की दौड़-भाग की वजह से वो थका हुवा था। 12:00 बजे खाना खाकर फिर सो गया। 3:00 बजे उठकर 4:00 बजे तैयार होकर वो आफिस के लिए निकला। नीरव के जाते ही आंटी की खबर लेने मैंने अंकल को मोबाइल लगाया।
अंकल- “हाँ बोलो बिटिया...” अंकल ने मोबाइल उठाते ही कहा, शायद उनके साथ कोई होगा इसलिए अंकल ने सही तरीके से बात की।
मैं- “जी, वो आंटी को होश आ गया?” मैंने पूछा।
अंकल- “सुबह नीरव के जाने के घंटे बाद आंटी को होश आ गया था, पर कल रात से मैं और मेरा लण्ड दोनों में से कोई होश में नहीं है...” अंकल अपने रियल मूड में आ गये। शायद वो कहीं साइड में जाकर अकेले हो गये होगे।
मैं- “आप भी अंकल..” मैंने शर्माते हुये कहा।
अंकल- “इतना शर्माती क्यों हो मधुबाला, तेरी चूत मुझे याद कर रही है की नहीं?” अंकल शरारत से बोले।
मैं- “अंकल..” मुझे अंकल की बातों में मजा आ रहा था। पर मैं उनसे क्या बात करूं ये मुझे समझ में नहीं आ रहा था।
अंकल- “क्या अंकल-अंकल कर रही हो? जवाब दो ना तुम्हारी चूत को हमारे लण्ड की याद आती है की नहीं?" अंकल ने फिर से कहा।।
मैं- “आती है...” मैंने बात करते-करते बेड पर लेटते हुये कहा।
अंकल- “किसे आती है? थोड़ा समझ में आए ऐसे बोलो..” अंकल ने कहा।
मैं- “मेरी योनि याद कर रही है...” मैंने अंकल को वो कहा जो वो सुनना चाहते थे।
अंकल- “किस जमाने में जी रही हो मधुबाला? ये योनि क्या है? चूत बोल चूत... बिटिया मैं हमारी बैंक की मीटिंग में जाता था ना तब तुम्हारी आंटी को फोन पे चोदता था, और तुम्हारी आंटी फोन पे जोरों से चिल्लाती थी मुझे चोदो, मुझे चोदो... और मेरा पानी निकल जाता। ये बात आज से 25 साल पहले की है। तब एस.टी.डी. में एक मिनट का 50 लगता था। आजकल के बच्चे तो अब सीखे हैं फोन सेक्स करना। हम तो उस जमाने में करते थे...” अंकल ने कहा।
मैं- “मेरी चूत को याद आ रही है..” मैं भी ये एक नया अनुभव लेना चाहती थी तो मैंने बहुत ही धीमी आवाज में कहा।
अंकल- “किसकी?” अंकल ने पूछा।
मैं- “आपके लण्ड की..” मैंने कहा।
अंकल- “कहां हो तुम?” अंकल ने सवाल किया।
मैं- “मैं बेड पे लेटी हुई हूँ...” मैंने कहा।
अंकल- “मैं बाथरूम में खड़ा हूँ हाथ में लण्ड पकड़ के...”
अंकल की बात सुनकर मेरे बदन में झंझनाहट हो गई। मेरी योनि गीली हो रही थी। मैंने मेरा गाउन खींचकर ऊपर किया और पैंटी निकाले बिना योनि को ऊपर-ऊपर से सहलाने लगी।
अंकल- “हम दोनों नंगे बेड पर हैं, और मेरा लण्ड तेरी चूत के अंदर है, हम दोनों के होंठ सटे हुये हैं। मैं तेरे मम्मों को सहलाते हुये तुझे चोद रहा हूँ..” अंकल की आवाज अटक-अटक के आ रही थी।
नीरव- “वो उनके साथ मिला हुवा था, जीतू बेचारा पागल हो गया है. नीरव ने उठते हुये कहा।
चाय-नाश्ते के बाद नीरव बेडरूम में जाकर लेट गया, पूरी रात की दौड़-भाग की वजह से वो थका हुवा था। 12:00 बजे खाना खाकर फिर सो गया। 3:00 बजे उठकर 4:00 बजे तैयार होकर वो आफिस के लिए निकला। नीरव के जाते ही आंटी की खबर लेने मैंने अंकल को मोबाइल लगाया।
अंकल- “हाँ बोलो बिटिया...” अंकल ने मोबाइल उठाते ही कहा, शायद उनके साथ कोई होगा इसलिए अंकल ने सही तरीके से बात की।
मैं- “जी, वो आंटी को होश आ गया?” मैंने पूछा।
अंकल- “सुबह नीरव के जाने के घंटे बाद आंटी को होश आ गया था, पर कल रात से मैं और मेरा लण्ड दोनों में से कोई होश में नहीं है...” अंकल अपने रियल मूड में आ गये। शायद वो कहीं साइड में जाकर अकेले हो गये होगे।
मैं- “आप भी अंकल..” मैंने शर्माते हुये कहा।
अंकल- “इतना शर्माती क्यों हो मधुबाला, तेरी चूत मुझे याद कर रही है की नहीं?” अंकल शरारत से बोले।
मैं- “अंकल..” मुझे अंकल की बातों में मजा आ रहा था। पर मैं उनसे क्या बात करूं ये मुझे समझ में नहीं आ रहा था।
अंकल- “क्या अंकल-अंकल कर रही हो? जवाब दो ना तुम्हारी चूत को हमारे लण्ड की याद आती है की नहीं?" अंकल ने फिर से कहा।।
मैं- “आती है...” मैंने बात करते-करते बेड पर लेटते हुये कहा।
अंकल- “किसे आती है? थोड़ा समझ में आए ऐसे बोलो..” अंकल ने कहा।
मैं- “मेरी योनि याद कर रही है...” मैंने अंकल को वो कहा जो वो सुनना चाहते थे।
अंकल- “किस जमाने में जी रही हो मधुबाला? ये योनि क्या है? चूत बोल चूत... बिटिया मैं हमारी बैंक की मीटिंग में जाता था ना तब तुम्हारी आंटी को फोन पे चोदता था, और तुम्हारी आंटी फोन पे जोरों से चिल्लाती थी मुझे चोदो, मुझे चोदो... और मेरा पानी निकल जाता। ये बात आज से 25 साल पहले की है। तब एस.टी.डी. में एक मिनट का 50 लगता था। आजकल के बच्चे तो अब सीखे हैं फोन सेक्स करना। हम तो उस जमाने में करते थे...” अंकल ने कहा।
मैं- “मेरी चूत को याद आ रही है..” मैं भी ये एक नया अनुभव लेना चाहती थी तो मैंने बहुत ही धीमी आवाज में कहा।
अंकल- “किसकी?” अंकल ने पूछा।
मैं- “आपके लण्ड की..” मैंने कहा।
अंकल- “कहां हो तुम?” अंकल ने सवाल किया।
मैं- “मैं बेड पे लेटी हुई हूँ...” मैंने कहा।
अंकल- “मैं बाथरूम में खड़ा हूँ हाथ में लण्ड पकड़ के...”
अंकल की बात सुनकर मेरे बदन में झंझनाहट हो गई। मेरी योनि गीली हो रही थी। मैंने मेरा गाउन खींचकर ऊपर किया और पैंटी निकाले बिना योनि को ऊपर-ऊपर से सहलाने लगी।
अंकल- “हम दोनों नंगे बेड पर हैं, और मेरा लण्ड तेरी चूत के अंदर है, हम दोनों के होंठ सटे हुये हैं। मैं तेरे मम्मों को सहलाते हुये तुझे चोद रहा हूँ..” अंकल की आवाज अटक-अटक के आ रही थी।