hotaks444
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सोनल इन नाखूनों की चुभन से उभरी नही थी कि सुनील ने उसकी चूत में लंड घुसा डाला और वही हाल किया जो सूमी का किया था….तड़फ़ उठी थी सोनल …ऐसी चुदाई तो सुनील ने आज तक नही करी थी……खच खच कर लंड उसकी चूत में घुसाता और बाहर निकालता …..अपनी तड़प का असर कम करने के लिए वो सूमी के उरोज़ मसल्ने लगी और ज़ोर ज़ोर से उसके होंठ चूसने लगी…….सुनील बस मशीन की तरहा सोनल की चूत की धज्जियाँ उड़ाने में लगा हुआ था…वो पल भी जल्दी आ गया जब सोनल को इस दमदार चुदाई का मज़ा आने लगा….और वो भी तेज़ी से अपनी गंद पीछे को धकेलने लगी ….
कुछ ही देर में सोनल का भी तगड़ा ओर्गसम हुआ और वो सूमी के उपर गिर पड़ी…पर सुनील अभी दूर था ….उसका लंड अच्छी तरहा भीगा हुआ था…..वो थोड़ा और आगे हुआ और सोनल की गान्ड में लंड सटा के तेज धक्का मारा ….म्म्म्मजमममाआआआआररर्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगाआआयययययीीईईईईईईईईईई न्न् ी8नणन्नाआआआअहहिईीईईईईईईईईईई ब्बबााअहहारर न्णंईनिककलल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊओ
सोनल अभी अपने मज़े में डूबी हुई थी कि सुनील का लंड उसकी गंद में घुस गया और वो चिल्ला पड़ी बाहर निकालने के लिए…पर सुनील कहाँ सुनने वाला था…..दो तीन तेज झटके मारे और पूरा लंड अंदर घुस्सा दिया.
उूुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ प्प्प्प्प्प्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीईआआआआसस्स्स्स्सीईईईईईईई
निकाल लो हहाईईईईईईई द्द्द्ददडिईईयययद्द्द्ददडिईईईईईईईईई र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊक्क्क्कककूऊऊओ ईिईन्न्ननणणनीईईईईई
सुमन ने सोनल के होंठ अपने होंठो के क़ब्ज़े में ले लिए और उन्हें चूस ना शुरू कर दिया………सोनल तड़प रही थी इस वक़्त वो सूमी और सुनील के बीच फसि हुई थी. उसके उरोज़ सूमी के उरोज़ में धस्ते जा रहे थे…. सुनील ने उसे थोड़ा उपर किया …उसकी कमर पे अपनी पकड़ सख़्त करी और अपने लंड को हरकत दे दी……पहले धीरे धीरे फिर उसकी स्पीड बढ़ने लगी…..
सोनल की चीखें….सूमी के मुँह में ही दबने लगी….
कुछ देर में सोनल को अपनी गंद मरवाने का मज़ा आने लगा ….सुनील का लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था. सोनल खुद अपनी चूत रगड़ने लगी थी और तेज़ी से अपने चरम पे पहुँचने लगी थी….थप थप ठप जिस्मो के टकराने की आवाज़ कमरे में फैलने लगी थी.
सुनील बस दे दनादन उसकी गंद की कुटाई कर रहा था…..सोनल जल्दी ही अपने दूसरे चरम पे पहुँच गयी और पस्त हो गयी…जान ही नही बची थी उसमे. सुनील ने उसकी ये हालत देखी तो अपना लंड बाहर निकाल लिया और सोनल सूमी के उपर से हट साइड में लूड़क गयी .
सुनील के उपर झुक गया और उसके होंठ चूसने लग गया. साथ ही बेदर्दी से उसके मम्मे मसल्ने लग गया…..सूमी भी गरम होने लगी और सुनील के होंठ चूसने लग गयी….दोनो का स्मूच गहरा होता चला गया….सूमी के निपल कड़े हो चुके थे ……..सुनील ने अपना लंड उसकी चूत से सेट किया और फट से अंदर घुसा डाला……हालाँकि उसकी छूट बहुत गीली थी ओर्गसम के बाद पर सुनील ने जिस तरहा लंड अंदर किया था…दर्द के मारे उसकी जान निकल गयी.
सूमी ने सुनील को कस के अपने से चिपका लिया ताकि वो अभी हिल ना सके….कुछ देर में उसकी पकड़ ढीली हो गयी जब दर्द का अहसास कम हुआ….सुनील उपर उठा सूमी की टाँगों को अपने कंधों पे रख लिया…अब उसकी चूत उपर उठ गयी थी ….लंड अभी भी चूत में घुसा हुआ था….सुनील थोड़ा आगे झुका और सूमी का जिस्म थोडा और उपर उठ गया…तब सुनील ने एक तकिया उसकी गंद के नीचे रख दिया और फिर सूमी की आँखों में झाँकते हुए अपने लंड को हरकत दे दी…और कुछ ही पलों में स्पीड पकड़ ली….दोनो बस एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे……
जैसे जैसे स्पीड बढ़ी वैसे वैसे सूमी की सिसकियाँ भी छूटने लगी.
उफ़फ्फ़ उम्म्म ओह अहह हहुउऊउउर्रर्ज्गमणन्
और फिर शुरू हुआ पागल पन …..सुनील तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा……आआअहह
चोदो चोदूऊऊ और तेज….और तेज….फाड़ दो आज मेरी चूत…..फक मी फक मी हार्ड …यस यस डू इट……..सूमी ज़ोर से चिल्लाने लगी और जिस तेज़ी से सुनील लंड अंदर घुसाता उसी तेज़ी से
सूमी अपनी चूत उपर उठाती……
फॅक फक्शच फॅक फॅक…ठप ठप ठप की मिश्रित आवाज़ें कमरे में फैलने लगी….
दोनो एक दूसरे में खो चुके थे और जिस्म जिस्म से तेज़ी से टकरा रहे थे….जैसे पूरे के पूरे एक दूसरे में घुस जाना चाहते हो……दोनो के जिस्म में कामग्नी की ज्वाला इतनी तेज हो चुकी थी …कि पसीने में भीगे हुए हाम्फते हुए रुकने का नाम ही नही ले रहे थे….
‘ओह सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल फक मी हार्ड……’
सूमी बार बार उसे और तेज चोदने के लिए उकसा रही थी….सुनील भी बहुत देर से दोनो की चुदाई में लगा हुआ था और तेज़ी से अपने चरम की तरफ बढ़ रहा था……..तीनो एक दूसरे में इतना खो चुके थे की भरे हुए वाइन ग्लास ऐसे ही पड़े रह गये थे…..
अहह म्म्म्मिमममाआआआआ गगगगगगाआयययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
सूमी चीखते हुए झड़ने लगी और उसी वक़्त सुनील के लंड ने भी उसकी चूत में पिचकारियाँ चोदने शुरू कर दी. दोनो हान्फते हुए जोंक की तरहा एक दूसरे से लिपट गये.
सुनील जब संभला तो उसे बहुत तेज प्यास लगी और वो एक शॉर्ट पहन कमरे से बाहर निकला…..
किचन के पास उसे एक साया दिखा……..रात को इस वक़्त कॉन कमरे से बाहर निकला होगा…सुनील थोड़ा हैरान हुआ..फिर यही सोचा किसी को प्यास लगी होगी…जैसे ही वो किचन के नज़दीक पहुँचा ….तो एक लड़की किसी से फोन पे बात कर रही थी……कॉन हो सकता है ये……सुनील जैसे ही नज़दीक पहुँचा तो पहचान गया ये …आवाज़ मिनी की थी….वो ध्यान से सुनने लगा कि ऐसी क्या बात है जो मिनी यहाँ फोन पे बात कर रही है…..
‘भाई ज़्यादा देर बात नही कर सकती…..समझा करो कोई सुन लेगा’
‘नही नही ये सब नही…..गाँव आने में तो वक़्त लगेगा इनका आक्सिडेंट जो हो चुका है….’
‘आग तो मेरी चूत में भी लगी हुई है…कब्से चुदाई नही हुई…..’
‘ना ना यहाँ चूत में उंगली नही कर सकती…….कहीं सुनील ने सुन लिया तो मेरी खैर नही….’
‘उफ़फ्फ़ समझो ना वो बहुत ही मर्यादा वाला है….मैं कोई रिस्क नही ले सकती….’
‘अब तो जब आउन्गि…जी भर के चोद लेना….मुझे भी तुम्हारे लंड की बहुत याद आती है……अच्छा रखती हूँ…’
मिनी फोन बंद कर फट से अपने कमरे की तरफ भाग गयी और सुनील खड़ा अभी भी सोच रहा था उसने क्या सुना…….मिनी का चक्कर उसके भाई के साथ था….तभी रमण की सच्चाई जानने के बाद उसपे कोई उल्टा असर नही पड़ा था……ओह तो ये बात है..इसीलिए मिनी रमण से शादी करने को तयार हुई……अब तो किसी भी कीमत पे रूबी को इनके साथ नही भेजूँगा…..फ्रिड्ज से पानी की बॉटल निकाल वो अपने कमरे की तरफ चला गया……सूमी और सोनल दोनो ही सो चुकी थी पर सुनील की नींद उड़ चुकी थी.
कुछ ही देर में सोनल का भी तगड़ा ओर्गसम हुआ और वो सूमी के उपर गिर पड़ी…पर सुनील अभी दूर था ….उसका लंड अच्छी तरहा भीगा हुआ था…..वो थोड़ा और आगे हुआ और सोनल की गान्ड में लंड सटा के तेज धक्का मारा ….म्म्म्मजमममाआआआआररर्र्र्र्र्र्ररर गगगगगगगाआआयययययीीईईईईईईईईईई न्न् ी8नणन्नाआआआअहहिईीईईईईईईईईईई ब्बबााअहहारर न्णंईनिककलल्ल्ल्लूऊऊऊऊऊओ
सोनल अभी अपने मज़े में डूबी हुई थी कि सुनील का लंड उसकी गंद में घुस गया और वो चिल्ला पड़ी बाहर निकालने के लिए…पर सुनील कहाँ सुनने वाला था…..दो तीन तेज झटके मारे और पूरा लंड अंदर घुस्सा दिया.
उूुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ प्प्प्प्प्प्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीईआआआआसस्स्स्स्सीईईईईईईई
निकाल लो हहाईईईईईईई द्द्द्ददडिईईयययद्द्द्ददडिईईईईईईईईई र्र्र्र्र्र्र्रूऊऊक्क्क्कककूऊऊओ ईिईन्न्ननणणनीईईईईई
सुमन ने सोनल के होंठ अपने होंठो के क़ब्ज़े में ले लिए और उन्हें चूस ना शुरू कर दिया………सोनल तड़प रही थी इस वक़्त वो सूमी और सुनील के बीच फसि हुई थी. उसके उरोज़ सूमी के उरोज़ में धस्ते जा रहे थे…. सुनील ने उसे थोड़ा उपर किया …उसकी कमर पे अपनी पकड़ सख़्त करी और अपने लंड को हरकत दे दी……पहले धीरे धीरे फिर उसकी स्पीड बढ़ने लगी…..
सोनल की चीखें….सूमी के मुँह में ही दबने लगी….
कुछ देर में सोनल को अपनी गंद मरवाने का मज़ा आने लगा ….सुनील का लंड आराम से अंदर बाहर हो रहा था. सोनल खुद अपनी चूत रगड़ने लगी थी और तेज़ी से अपने चरम पे पहुँचने लगी थी….थप थप ठप जिस्मो के टकराने की आवाज़ कमरे में फैलने लगी थी.
सुनील बस दे दनादन उसकी गंद की कुटाई कर रहा था…..सोनल जल्दी ही अपने दूसरे चरम पे पहुँच गयी और पस्त हो गयी…जान ही नही बची थी उसमे. सुनील ने उसकी ये हालत देखी तो अपना लंड बाहर निकाल लिया और सोनल सूमी के उपर से हट साइड में लूड़क गयी .
सुनील के उपर झुक गया और उसके होंठ चूसने लग गया. साथ ही बेदर्दी से उसके मम्मे मसल्ने लग गया…..सूमी भी गरम होने लगी और सुनील के होंठ चूसने लग गयी….दोनो का स्मूच गहरा होता चला गया….सूमी के निपल कड़े हो चुके थे ……..सुनील ने अपना लंड उसकी चूत से सेट किया और फट से अंदर घुसा डाला……हालाँकि उसकी छूट बहुत गीली थी ओर्गसम के बाद पर सुनील ने जिस तरहा लंड अंदर किया था…दर्द के मारे उसकी जान निकल गयी.
सूमी ने सुनील को कस के अपने से चिपका लिया ताकि वो अभी हिल ना सके….कुछ देर में उसकी पकड़ ढीली हो गयी जब दर्द का अहसास कम हुआ….सुनील उपर उठा सूमी की टाँगों को अपने कंधों पे रख लिया…अब उसकी चूत उपर उठ गयी थी ….लंड अभी भी चूत में घुसा हुआ था….सुनील थोड़ा आगे झुका और सूमी का जिस्म थोडा और उपर उठ गया…तब सुनील ने एक तकिया उसकी गंद के नीचे रख दिया और फिर सूमी की आँखों में झाँकते हुए अपने लंड को हरकत दे दी…और कुछ ही पलों में स्पीड पकड़ ली….दोनो बस एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे……
जैसे जैसे स्पीड बढ़ी वैसे वैसे सूमी की सिसकियाँ भी छूटने लगी.
उफ़फ्फ़ उम्म्म ओह अहह हहुउऊउउर्रर्ज्गमणन्
और फिर शुरू हुआ पागल पन …..सुनील तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा……आआअहह
चोदो चोदूऊऊ और तेज….और तेज….फाड़ दो आज मेरी चूत…..फक मी फक मी हार्ड …यस यस डू इट……..सूमी ज़ोर से चिल्लाने लगी और जिस तेज़ी से सुनील लंड अंदर घुसाता उसी तेज़ी से
सूमी अपनी चूत उपर उठाती……
फॅक फक्शच फॅक फॅक…ठप ठप ठप की मिश्रित आवाज़ें कमरे में फैलने लगी….
दोनो एक दूसरे में खो चुके थे और जिस्म जिस्म से तेज़ी से टकरा रहे थे….जैसे पूरे के पूरे एक दूसरे में घुस जाना चाहते हो……दोनो के जिस्म में कामग्नी की ज्वाला इतनी तेज हो चुकी थी …कि पसीने में भीगे हुए हाम्फते हुए रुकने का नाम ही नही ले रहे थे….
‘ओह सुनिल्ल्ल्ल्ल्ल्ल फक मी हार्ड……’
सूमी बार बार उसे और तेज चोदने के लिए उकसा रही थी….सुनील भी बहुत देर से दोनो की चुदाई में लगा हुआ था और तेज़ी से अपने चरम की तरफ बढ़ रहा था……..तीनो एक दूसरे में इतना खो चुके थे की भरे हुए वाइन ग्लास ऐसे ही पड़े रह गये थे…..
अहह म्म्म्मिमममाआआआआ गगगगगगाआयययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
सूमी चीखते हुए झड़ने लगी और उसी वक़्त सुनील के लंड ने भी उसकी चूत में पिचकारियाँ चोदने शुरू कर दी. दोनो हान्फते हुए जोंक की तरहा एक दूसरे से लिपट गये.
सुनील जब संभला तो उसे बहुत तेज प्यास लगी और वो एक शॉर्ट पहन कमरे से बाहर निकला…..
किचन के पास उसे एक साया दिखा……..रात को इस वक़्त कॉन कमरे से बाहर निकला होगा…सुनील थोड़ा हैरान हुआ..फिर यही सोचा किसी को प्यास लगी होगी…जैसे ही वो किचन के नज़दीक पहुँचा ….तो एक लड़की किसी से फोन पे बात कर रही थी……कॉन हो सकता है ये……सुनील जैसे ही नज़दीक पहुँचा तो पहचान गया ये …आवाज़ मिनी की थी….वो ध्यान से सुनने लगा कि ऐसी क्या बात है जो मिनी यहाँ फोन पे बात कर रही है…..
‘भाई ज़्यादा देर बात नही कर सकती…..समझा करो कोई सुन लेगा’
‘नही नही ये सब नही…..गाँव आने में तो वक़्त लगेगा इनका आक्सिडेंट जो हो चुका है….’
‘आग तो मेरी चूत में भी लगी हुई है…कब्से चुदाई नही हुई…..’
‘ना ना यहाँ चूत में उंगली नही कर सकती…….कहीं सुनील ने सुन लिया तो मेरी खैर नही….’
‘उफ़फ्फ़ समझो ना वो बहुत ही मर्यादा वाला है….मैं कोई रिस्क नही ले सकती….’
‘अब तो जब आउन्गि…जी भर के चोद लेना….मुझे भी तुम्हारे लंड की बहुत याद आती है……अच्छा रखती हूँ…’
मिनी फोन बंद कर फट से अपने कमरे की तरफ भाग गयी और सुनील खड़ा अभी भी सोच रहा था उसने क्या सुना…….मिनी का चक्कर उसके भाई के साथ था….तभी रमण की सच्चाई जानने के बाद उसपे कोई उल्टा असर नही पड़ा था……ओह तो ये बात है..इसीलिए मिनी रमण से शादी करने को तयार हुई……अब तो किसी भी कीमत पे रूबी को इनके साथ नही भेजूँगा…..फ्रिड्ज से पानी की बॉटल निकाल वो अपने कमरे की तरफ चला गया……सूमी और सोनल दोनो ही सो चुकी थी पर सुनील की नींद उड़ चुकी थी.