hotaks444
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शैलीन- सरप्राईज़ है तुम्हारे लिए !
मैं नहा धो के शैलीन के दिए हुए कपड़े पहन ही रहा था कि मेरा ध्यान घड़ी की ओर गया, जिसमें साढ़े तीन बज रहे थे ! मुझे एक बजे की ट्रेन से निकलना था जो शैलीन को भी पता था, तो फिर शैलीन ने मुझे जगाया क्यों नहीं? अब क्या चाहिए शैलीन को? खैर मैं जैसे ही हॉल में पहुचा शैलीन काली साड़ी पहने हुए खडी थी, माथे पर काली बिंदिया, आँखों में काजल और अन्दर से उसका गोरा-गोरा जिस्म !
शैलीन बहुत खूबसूरत लग रही थी, जी तो कर रहा था कि बस देखता रहूँ इसे हमेशा !
लेकिन जैसे ही शैलीन ने मुझे देखा, कहने लगी- मैं तुम्हारा कब से इन्तजार कर रही हूँ ! क्या कर रहे थे बाथरूम में?
मैं- शैलीन कहीं जा रही हो?
शैलीन- मैं नहीं हम !
मैं- हम मतलब?
शैलीन- मतलब यह कि (मेरे पास आते हुए) आज दोपहर में तुम्हें जाना था ना ! लेकिन तुम घोड़े की नींद सो रहे थे, जब मैं तुम्हें जगाने आई तो तुमने मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया था, बड़ी मुश्किल से मैंने अपने आप को तुमसे छुड़ाया ! वैसे तुम बहुत गहरी नींद में सो रहे थे, तुम्हें जगाना मुश्किल था।
मैं- लेकिन मैं जाना चाहता हूँ !
शैलीन (उदास होते हुए)- क्या मुझसे कोई गलती हो गई?
मैं- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन रुकने का कोई कारण भी तो नहीं है !
शैलीन- कोई बात नहीं ! आज हम कुतुबमीनार देखने चलते हैं ! (मुझे बाहों में लेते हुए) और खाना भी बाहर ही खायेंगे !
मैं- यह क्या कर रही हो शैलीन ?
शैलीन- क्यों कल रात जो हमारे बीच हुआ, उसके आगे यह क्या है?
मैं- ठीक है लेकिन खाना मैं खिलाऊँगा !
शैलीन- ओ. के.
मैंने सोचा कि आज यहीं रुक जाता हूँ, कल चला जाऊँगा और शैलीन की बात भी पूरी हो जाएगी ! फिर हम दोनों निकल पड़े और लालकिला और क़ुतुबमिनार देखा ! शैलीन मेरे साथ ऐसे घूम रही थी जैसे कि मैं उसका पति हूँ। बीच-बीच में मेरे हाथों में हाथ डाल कर चल रही थी, मुझे भी उसके साथ घूमने में मजा आ रहा था !
और फिर रात को नौ बजे हमने होटल ताज पैलेस खाना खाया, फिर रात को करीब ग्यारह बजे के आस-पास हम वापस आ गए!
मैं हॉल में बैठ कर टीवी ऑन करके देखने लगा, तब तक शैलीन ने मेरे लिए पानी ले कर आई! मैं अपना बैग खोल कर बैठ गया जिसमें जिन की बोतल थी।मैंने पानी ले कर मेज़ पर रख दिया ! इतने में ही शैलीन ने मेरे हाथों से बैग छीन लिया और बाजू में रख दिया और कहा- नब्बू, आज तुम शराब नहीं पियोगे क्योंकि इसे पीने के बाद तुम जानवर बन जाते हो !
मैं समझ गया कि शैलीन बीती रात की बात कर रही है, मैंने कहा- मैं शराब नहीं पी रहा था, मैं तो लैपटॉप निकाल रहा था !
इतने में ही शैलीन मेरे गोद में बैठ गई और एक हाथ मेरी गर्दन डाला और दूसरे हाथ की ऊँगली से मेरे गाल और होटों को बड़े प्यार से सहलाने लगी और कहने लगी- मुझे पता है कि तुम मौके की तलाश में रहते हो ! अच्छा यह बताओ कि तुमने आज तक कितनी लरकियों के साथ सेक्स किया है?
मैं हैरान था कि साले अर्जुन ने मेरे बारे में इतना सब कुछ बता दिया और यह भी कि काला मेरा पसंदीदा रंग है !
"बोलो ना" शैलीन की आवाज से मेरा ध्यान भंग हुआ।
मैंने कहा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, मेरे सारे दोस्तों ने ऐसी ही अफवाह फैलाई थी।
इतने में शैलीन अपनी उंगली से मेरे होंठों को सहलाने लगी ! वो मुझे गर्म कर रही थी क्योंकि उसे मौक़ा मिल गया था, मेरा लण्ड भी अपने पूरे आकार में आ चुका था। मानो कि लण्ड की चमड़ी फट रही हो।
इतने में ही शैलीन अपने गालों से मेरे गालों को सहलाने लगी, मैं आह-आह करते हुए मजा लेने लगा और शैलीन को दोनों हाथों से पकड़ लिया।
अचानक शैलीन ने अपने दांतों से, होंटों से मेरे कान पकड़ लिए। मैंने एक हाथ से उसके स्तन पकड़ लिए और जोर-जोर से दबाने लगा।
शैलीन सिसकारियाँ ले रही थी ! मैंने सीधा एक हाथ से शैलीन के बालों को पकड़ा और उसके होंठों को चूमने लगा;
आह... क्या मजा आ रहा था? मैं बता नहीं सकता !
उसके होंटों का वो मीठा-मीठा स्ट्राबेरी फ्लेवर ! मैं जैसे हवा में उड़ रहा था ! अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था !
मैं सीधा खड़ा हुआ और शैलीन को सोफे पर लिटा दिया और मैंने अपना अंडरवीयर छोड़ कर सारे कपड़े फटाफट उतार दिए और शैलीन के ऊपर आकर पागलों की भान्ति उसे चूमने लगा।
मैं नहा धो के शैलीन के दिए हुए कपड़े पहन ही रहा था कि मेरा ध्यान घड़ी की ओर गया, जिसमें साढ़े तीन बज रहे थे ! मुझे एक बजे की ट्रेन से निकलना था जो शैलीन को भी पता था, तो फिर शैलीन ने मुझे जगाया क्यों नहीं? अब क्या चाहिए शैलीन को? खैर मैं जैसे ही हॉल में पहुचा शैलीन काली साड़ी पहने हुए खडी थी, माथे पर काली बिंदिया, आँखों में काजल और अन्दर से उसका गोरा-गोरा जिस्म !
शैलीन बहुत खूबसूरत लग रही थी, जी तो कर रहा था कि बस देखता रहूँ इसे हमेशा !
लेकिन जैसे ही शैलीन ने मुझे देखा, कहने लगी- मैं तुम्हारा कब से इन्तजार कर रही हूँ ! क्या कर रहे थे बाथरूम में?
मैं- शैलीन कहीं जा रही हो?
शैलीन- मैं नहीं हम !
मैं- हम मतलब?
शैलीन- मतलब यह कि (मेरे पास आते हुए) आज दोपहर में तुम्हें जाना था ना ! लेकिन तुम घोड़े की नींद सो रहे थे, जब मैं तुम्हें जगाने आई तो तुमने मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया था, बड़ी मुश्किल से मैंने अपने आप को तुमसे छुड़ाया ! वैसे तुम बहुत गहरी नींद में सो रहे थे, तुम्हें जगाना मुश्किल था।
मैं- लेकिन मैं जाना चाहता हूँ !
शैलीन (उदास होते हुए)- क्या मुझसे कोई गलती हो गई?
मैं- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन रुकने का कोई कारण भी तो नहीं है !
शैलीन- कोई बात नहीं ! आज हम कुतुबमीनार देखने चलते हैं ! (मुझे बाहों में लेते हुए) और खाना भी बाहर ही खायेंगे !
मैं- यह क्या कर रही हो शैलीन ?
शैलीन- क्यों कल रात जो हमारे बीच हुआ, उसके आगे यह क्या है?
मैं- ठीक है लेकिन खाना मैं खिलाऊँगा !
शैलीन- ओ. के.
मैंने सोचा कि आज यहीं रुक जाता हूँ, कल चला जाऊँगा और शैलीन की बात भी पूरी हो जाएगी ! फिर हम दोनों निकल पड़े और लालकिला और क़ुतुबमिनार देखा ! शैलीन मेरे साथ ऐसे घूम रही थी जैसे कि मैं उसका पति हूँ। बीच-बीच में मेरे हाथों में हाथ डाल कर चल रही थी, मुझे भी उसके साथ घूमने में मजा आ रहा था !
और फिर रात को नौ बजे हमने होटल ताज पैलेस खाना खाया, फिर रात को करीब ग्यारह बजे के आस-पास हम वापस आ गए!
मैं हॉल में बैठ कर टीवी ऑन करके देखने लगा, तब तक शैलीन ने मेरे लिए पानी ले कर आई! मैं अपना बैग खोल कर बैठ गया जिसमें जिन की बोतल थी।मैंने पानी ले कर मेज़ पर रख दिया ! इतने में ही शैलीन ने मेरे हाथों से बैग छीन लिया और बाजू में रख दिया और कहा- नब्बू, आज तुम शराब नहीं पियोगे क्योंकि इसे पीने के बाद तुम जानवर बन जाते हो !
मैं समझ गया कि शैलीन बीती रात की बात कर रही है, मैंने कहा- मैं शराब नहीं पी रहा था, मैं तो लैपटॉप निकाल रहा था !
इतने में ही शैलीन मेरे गोद में बैठ गई और एक हाथ मेरी गर्दन डाला और दूसरे हाथ की ऊँगली से मेरे गाल और होटों को बड़े प्यार से सहलाने लगी और कहने लगी- मुझे पता है कि तुम मौके की तलाश में रहते हो ! अच्छा यह बताओ कि तुमने आज तक कितनी लरकियों के साथ सेक्स किया है?
मैं हैरान था कि साले अर्जुन ने मेरे बारे में इतना सब कुछ बता दिया और यह भी कि काला मेरा पसंदीदा रंग है !
"बोलो ना" शैलीन की आवाज से मेरा ध्यान भंग हुआ।
मैंने कहा- नहीं, ऐसा कुछ नहीं है, मेरे सारे दोस्तों ने ऐसी ही अफवाह फैलाई थी।
इतने में शैलीन अपनी उंगली से मेरे होंठों को सहलाने लगी ! वो मुझे गर्म कर रही थी क्योंकि उसे मौक़ा मिल गया था, मेरा लण्ड भी अपने पूरे आकार में आ चुका था। मानो कि लण्ड की चमड़ी फट रही हो।
इतने में ही शैलीन अपने गालों से मेरे गालों को सहलाने लगी, मैं आह-आह करते हुए मजा लेने लगा और शैलीन को दोनों हाथों से पकड़ लिया।
अचानक शैलीन ने अपने दांतों से, होंटों से मेरे कान पकड़ लिए। मैंने एक हाथ से उसके स्तन पकड़ लिए और जोर-जोर से दबाने लगा।
शैलीन सिसकारियाँ ले रही थी ! मैंने सीधा एक हाथ से शैलीन के बालों को पकड़ा और उसके होंठों को चूमने लगा;
आह... क्या मजा आ रहा था? मैं बता नहीं सकता !
उसके होंटों का वो मीठा-मीठा स्ट्राबेरी फ्लेवर ! मैं जैसे हवा में उड़ रहा था ! अब मैं और बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था !
मैं सीधा खड़ा हुआ और शैलीन को सोफे पर लिटा दिया और मैंने अपना अंडरवीयर छोड़ कर सारे कपड़े फटाफट उतार दिए और शैलीन के ऊपर आकर पागलों की भान्ति उसे चूमने लगा।