Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 24 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

देखो अब कैसे लड़की की तरह शरमा रहा है जब मेरी गान्ड मार रहा था तब कहाँ गई थी तेरी ये शर्म करण
बेटा,,तब तो बड़ी दमदार चुदाई कर रहा था खूब ज़ोर से बजा बजा रहा था मेरी गान्ड का ,,अब क्यू शर्मा 
रहा है,,,बोल मज़ा आया क्या आंटी की गान्ड मार के,,,,

सरिता करण से सवाल कर रही थी लेकिन करण चुप था ऑर थोड़ा डर भी रहा था,,,,

अब क्यू डर रहे हो करण ,,शोभा ने बोला,,,,,,अब तो सब हो गया अब डरने की क्या बात बोलो मेरी माँ की गान्ड
मार के मज़ा आया या नही,,,बोलो ना शरमा क्यू रहे हो,,,,,

इतने मे सरिता उठ कर करण के पास चली जाती है ऑर करण के पास जाके लेट जाती है,,,,शोभा भी उसके पास जाती है तो शोभा का मामा थोड़ा पीछे हटके अपने ओर करण के बीच जगह बना लेता है जहाँ शोभा जाके लेट जाती है,,,,

उन चार लोगो को बेड छोटा पड़ रहा था सब एक दूसरे से चिपके हुए थे,,,,

शोभा जब मामा के पास जाके लेटी तो मामा ने उसके बूब्स को अपने हाथ मे पकड़ लिया ओर पीछे से अपने आधे खड़े
लंड को उसकी गान्ड पर रगड़ने लगा,,,

उधर सरिता ने करण के पास लेट कर करण की चेस्ट पर हाथ फेरते हुए बोला,,,,,,बोलो बेटा मज़ा आया या नही आंटी
की गान्ड मार कर,,,करण ने शरमा कर अपने फेस को शोभा की तरफ कर लिया लेकिन शोभा ने उसके फेस को वापिस अपनी माँ की तरफ मोड़ दिया,,,

शरमा क्यू रहे हो बेटा बोलो ना मज़ा आया नही नही आंटी के साथ चुदाई करके,,,

करण अभी भी डर रहा था तभी सरिता ने उसके फेस को अपने हाथ मे पकड़ा ओर उसके लिप्स पर किस करने लगी ,,

करण वैसे तो डर रहा था लेकिन सरिता के किस का रेस्पॉन्स देने मे उसको एक पल का भी टाइम नही लगा बल्कि वो तो
सरिता से भी ज़्यादा उतावला होके किस का रेस्पॉन्स देने लग गया था,,,,,

किस करने से नही डरता तो जवाब देने से क्यू डरता है,,,,बोल ना मज़ा आया या नही,,,,,

हां आंटी म्मांज़्जा आय्या म्मूुझही,करण ने डरते हुए सहमी आवाज़ मे बोला,,,,,

डरते क्यू हो ज़रा खुल कर बोलो,,,इतना बोलकर सरिता ने करण के हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया जिस से करण की
हिम्मत थोड़ी बढ़ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,

हाँ आंटी मज़ा आया मुझे ,,,

सिर्फ़ मज़ा आया ,ऑर कुछ नही,,,,,,,,,,,

मज़ा नही आंटी बहुत मज़ा आया,,,,,

अच्छा कहाँ मज़ा आया बता ज़रा,,,,,,,,,सरिता ने हँसते हुए पूछा,,,,,

उूओ वूऊ आंटी,,,

देख अभी फिर से डरने लगा तू,,,,बोल ना डर मत जैसे सन्नी है वैसे ही तू भी मेरा बेटा है,,,अब डर मत बोल
कितना मज़ा आया ऑर कहाँ ज़्यादा मज़ा आया ,,,,,,,,,,

वू वूऊ आंटी मुझे बहुत मज़ा आया ,,,

अच्छा कहाँ मज़ा आया ज़्यादा ये तो बता,,,,,सरिता फिर हँसने लगी,,,,

अरे माँ क्यू तंग कर रही हो बच्चे को,,,,इतना परेशान मत करो,,,,शोभा भी हँसने लगी,,,

अरे परेशान कहाँ कर रही हूँ मैं तो पूछ रही हूँ कहाँ ज़्यादा मज़ा आया इसको,,ये है कि बता ही नही रहा,,,,

तभी सरिता ने करण के लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी,,कारण का लंड जो अभी तक सो रहा था सरिता के हाथ लगते ही फुल मस्ती मे आने लगा,,,,,,,,,,,,,

देखा लंड खड़ा करने से नही डर रहा लेकिन बोलने से डर लग रहा है इसको,,,,,

मुझे आपकी गान्ड मार के ज़्यादा मज़ा आया,,,करण एक दम से मस्ती मे बोल गया,,,,,,

सिर्फ़ गान्ड मे मज़ा आया चूत मे नही,,,,सरिता ने फिर हँसके पूछा,,,,

नही आंटी दोनो तरफ मज़ा आया,,,,चूत मे भी ऑर गान्ड मे भी लेकिन ज़्यादा मज़ा गान्ड मे आया,,,,

अच्छा ऑर क्या करने मे मज़ा आया,,,,,ज़रा खुलके बता बेटा,,,,,,

आपके बड़े बड़े बूब्स को मसल्ने मे भी मज़ा आया,,,,

करण बोलता जा रहा था ऑर सरिता मस्तीमे उसकी बातें सुनती हुई उसके लंड को हाथ मे लेके मसल्ति जा रही थी ऑर उसी मस्ती मे करण ऑर ज़्यादा बोलने लगा था उसका डर अब तक छू मंतर हो गया था,,,,

पहले कभी इतना मज़ा आया है किसी के साथ,,,,,,,,,,,,,

नही आंटी पहले इतना मज़ा कभी नही आया,,,,

तभी शोभा बोल पड़ी,,,,कमिने जब मेरी ऑर शिखा की चुदाई करता है तब भी यही बोलता है तू ऑर आज मेरी माँ को खुश करने क लिए भी झूठी तारीफ कर रहा है,,,,,,,,

नही दीदी तारीफ नही कर रहा आप जवान हो खूबसूरत हो जबकि आंटी पुरानी खिलाड़ी है ऑर उनके बूब्स ऑर गान्ड
काफ़ी भारी ऑर मस्त है आपकी ऑर शिखा दीदी की तुलना मे ,,इसलिए बोल रहा हूँ इनके साथ ज़्यादा मज़ा आया,,,,लेकिन आपके साथ भी कम मज़ा नही आता,,,,,,,,

करण अभी बोल ही रहा था तभी सरिता बीच मे बोलने लगी,,,,,,,,हे राम तू शिखा को भी चोद चुका है,,,अपनी
बेहन को,,,,,,,,,

हाँ माँ ये शिखा ऑर मुझे पहले चोद चुका है ,,,अब तो ये अपनी माँ को चोदना चाहता है,,,,,

सच मे करण बेटा अब तू अलका की यानी अपनी माँ की गान्ड मारना चाहता है क्या,,,,

करण चुप रहा कुछ नही बोला,,,,,

शोभा ये लड़का तो बड़ा हो गया है ऑर कमीना भी जो अपनी ही माँ की गान्ड मारने की तमन्ना रखता है,,,,इतना बोलकर सरिता हँसने लगी ऑर साथ ही शोभा भी,,,,,

हँसते हँसते सरिता बोली,,,,,,,,ये सब तो ठीक है लेकिन मुझे तेरे पे गुस्सा है शोभा बेटी तू पहले से इस मूसल का मज़ा ले चुकी है तो अपनी माँ को इतना लेट दर्शन क्यू करवाए इस जवान ओर जोशीले मूसल के,,,,,ओर तुझे कैसे पता चला कि ये अपनी ही माँ के बारे मे ऐसा सोचता है,,,,,,

अरे माँ मुझे तो अभी कुछ देर पहेल ही पता चला था ,,,,फिर शोभा ने सारी बात बता दी माँ को कैसे मेरा ऑर
करण का प्लान था उसकी माँ को पटाने का कैसे मैने शोभा को सब कुछ बता दिया था,,,,

अच्छा तो ये बात है ,,करण को भी अपनी बेहन क साथ साथ अपनी माँ की चुदाई करनी है,,,,,सरिता इतना बोलके हँसने लगी,,,,

हां आंटी मैं भी सन्नी की तरह अपने घर मे अपनी माँ बेहन के साथ बिना किसी डर के चुदाई करना चाहता हूँ,,,,,,,,,,जैसे आपके बूब्स बड़े बड़े है ऑर मस्त गान्ड है वैसे मेरी माँ के बड़े बूब्स ऑर मस्त गान्ड है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,इस कमिने सन्नी ने मेरे से मेरी माँ के बारे मे तो बात करली पर ये नही बताया कि ये आपको चोदता रहता है घर पे,,,,साले ने एक बार भी जिकर नही किया इस बात का,,ये तो अच्छा हुआ आज शोभा दीदी ने मुझे फ़ोन करके बुला लिया ऑर आपकी मस्त गान्ड चोदने का मोका मिला मुझे वर्ना इस सन्नी ने तो पता नही कब मोका देना था मुझे आप तक पहुँचने का,,,,

मैं समझ गया कि जब मैं दीदी को घर लेके आया था तब दीदी ने अपने मोबाइल से 2 कॉल की थी,,,एक काल की थी कामिनी भाभी को ताकि वो सोनिया को अपने घर पे बुला ले ऑर जब सोनिया एक जाने का पक्का हो गया तो दीदी ने फोन करके करण 'को यहाँ बुला लिया ,,,,
 
चल कोई बात नही बेटा अब तो तू मेरे पास आ गया है अब देख कितना मज़ा देती हूँ मैं तेरे को,,,,इतना मज़ा दूँगी
कि तेरा दिल ही नही करना वापिस घर जाने को,,,,तू यही रुक जाएगा मेरे पास,,,,

लेकिन माँ आपका तो हो गया अब मुझे भी तो कुछ मिलना चाहिए ,,,,मैं बीच मे बोल पड़ा,,,

क्या चाहिए अब तेरे को,,सरिता ने सन्नी से पूछा,,,,

माँ अब ये आपकी ,,मेरा मतलब है मेरी माँ की चुदाई कर चुका है अब मेरा भी तो हक बनता है इसकी माँ की मेरा मतलब अलका आंटी की चुदाई करने का,,,,,

हाँ बेटा मैं समझ गई अब मैं कुछ करती हूँ ताकि तुझे करण की माँ से चुदाई करवा सकूँ फिर करण का भी नंबर
लगवा दूँगी इसकी माँ के साथ ताकि करण भी अपने घर मे अपनी माँ बेहन क साथ फुल मस्ती कर सके जैसे हम लोग करते है,,,लेकिन वो सब बाद मे पहले तो आज मैं ज़ी भरके मज़ा लूँगी इस करण के जवान ओर जोशीले लंड का,,

तभी मामा बोल पड़ा,,,,,,,,,,अरे सबको अपनी अपनी पड़ी है कोई मेरे बारे मे भी सोच लो,,,,,

अब आपको क्या चाहिए मामा ,शोभा ने मामा की तरफ फेस किया ओर मामा को किस करने लगी,,,,

अरे बेटी मुझे भी तो शिखा की चूत दिलवा दो मेरा भी दिल करता है जैसे मेरी बेहन एक बेड पर 2 जवान ओर जोशीले लंड
का मज़ा लेगी मैं भी उसी तरह एक ही बेड पर 2 जवान ओर रसीली चूत का मज़ा लेना चाहता हूँ,,,,,,,,,,

तभी शोभा हँसने लगी,,,,,,,,,,,ठीक है मामा कल तुम मेरे साथ बुटीक पर चलना तुम्हारा भी काम करवा दूँगी,,,लेकिन
अब तो मेरी चूत की खुजली दूर करो पहले,,,,,

नही बेटी यहाँ नही यहाँ बेड छोटा है हम लोग उपर चलते है तेरी बुआ के ड्रॉयिंग रूम मे ऑर वहाँ जाके आराम से
सब लोग मिलकर मस्ती करते है,,,,

मामा के इतने बोलने की देर थी कि सब लोग खड़े हो गये ओर उपर की तरफ चलने लगे,,,,मामा ने तो दीदी को गोद मे उठा लिया था जबकि सरिता ऑर करण बाहों मे बाहें डालके उपर की तरफ चल रहे थे ऑर मैं पीछे खुद अपने हाथ से अपने लंड को सहलाता हुआ चल रहा था,,,,

उस रात करण ऑर सरिता एक साथ मस्ती करते रहे क्यूकी सरिता को एक जवान जोशीला लंड मिल गया था जबकि करण को एक मस्त ऑर मोटी गान्ड मिल गई थी,,,,,, वहीं मामा ऑर शोभा आपस मे लगे रहे उन लोगो का हाल भी सरिता ऑर करण वाला था फ़र्क बस ये था यहाँ करण का जोशीला लंड था ऑर वहाँ माँ की रसीली चूत ऑर मोटी गान्ड थी ,,,आज दोनो पक्के खिलाड़ियों के पास नये खिलाड़ी थे जो बहुत दमदार खेल खेलने मे महारत हासिल कर चुके थे,,,,,,बचा सन्नी ,,सन्नी उस रात कभी मामा ऑर शोभा का साथ देने लग जाता तो कभी सरिता ऑर करण का,,,,,,,वो जानता था ये 2 दिन की मस्ती है फिर तो सन्नी ने ही चोदना है अपनी माँ ऑर बेहन को,,,,फिर कहाँ रोज रोज मामा ने शोभा को ऑर करण ने उसकी माँ को चोदना है,,,एक बात ऑर थी जिस से सन्नी को कोई टेन्षन नही हो रही थी,,आज अपनी माँ करण के हवाले करके सन्नी को करण की माँ यानी अलका आंटी अपने बेड पर नंगी लेटी हुई नज़र आने लगी थी ,,जिसको वो दमदार चुदाई कर रहा था यही सोच सोच कर सन्नी खुशी से पागल हुआ जा रहा था,,,,

रात भर सब लोग जमकर चुदाई करने लगे रहे ऑर सब लोग ही खुश थे,,,,मामा शोभा का साथ लगा रहा ऑर माँ करण के साथ ऑर मैं बीच मे बीचोला बनकर कभी इधर मस्ती करता तो कभी उधर,,,,मैने गौर किया कि माँ करण की दीवानी हो गई थी 


जबकि मामा शोभा का दीवाना ,,,करण ऑर शोभा भी मामा ऑर माँ के दीवाने हो गये थे इसलिए मेरे को कोई पूछ ही नही रहा था ये तो माँ बेटी को 2 लंड से ऑर आज तीन लंड से चुदना था इसलिए मेरे को साथ रख रही थी वर्ना मुझे तो शायद रूम से बाहर निकाल देती ये दोनो,,,,मुझे थोड़ा गुस्सा तो आ रह था लेकिन एक बात से मेरा दिल खुश हो रहा था मुझे अब करण की माँ नंगी लेटी हुई मेरे सामने नज़र आ रही थी जिसकी मोटी ऑर मस्त गान्ड की मैं चुदाई कर रहा था,,,,

सुबह सोनिया कविता के घर से ही कॉलेज चली गई थी जबकि करण का मूड नही था कॉलेज जाने का ऑर ना ही आज शोभा का दिल था कॉलेज जाने का लेकिन कल रात शोभा ने मामा को बोला था कि वो बुटीक पर जाके मामा को शिखा की चूत दिलवाएगी इसलिए सुबह मामा ऑर दीदी बुटीक पर चले गये नाश्ता करने के बाद,,,, उनके जाने के बाद माँ ऑर करण का प्रोग्राम फिर से शुरू हो गया मेरा दिल नही कर रहा था इसलिए मैं कोई बहाना करके वहाँ से चला गया,,,,माँ ऑर करण ने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन मैं ज़रूरी काम है बोलकर वहाँ से चला गया,,,,ऑर मैं जाता भी क्यू नही रात भर मामा शोभा से चिपका रहा ऑर अब शोभा के साथ बुटीक पर चला गया इधर मेरी माँ भी तो सारी रात करण से चिपकी रही मेरी तो कोई एहमियत ही नही रह गई थी,,,मैने सोचा क्यू ना इसको तडपाया जाए करण से मस्ती करनी है तो ठीक है उसके पतले लंबे मूसल से मस्ती करने दो मैं भी देखता हूँ कितना टाइम खुजली दूर कर सकता है वो मेरी माँ की,,चार दिन की चाँदनी है फिर तो काली रात है आज माँ करण से चिपकी हुई है बाद मे तो मेरे बड़े मूसल क पास वापिस आएगी क्यूकी कितना भी चुद ले कारण के लंड से उसकी खुजली दूर नही होनी ये तो एक नई एग्ज़ाइट्मेंट है बस ओर कुछ नही ऑर मैं भी ऐसा इसलिए होने दे रहा था क्यूकी मुझे भी तो अलका आंटी की गान्ड मारनी थी
,,,

अब घर से तो बाहर निकल आया था सो क्या कर सकता था टाइम पास करने क लिए कॉलेज ही चला गया ,,,कॉलेज के गेट से एंटर हुआ तो सामने देखा सारा कोल्लेज एक जहग पे इकट्ठा हुआ था बहुत भीड़ लगी हुई थी ,,,आगे जाके देखा तो पोलीस के जीप खड़ी हुई थी पास मे ही कलाज का प्रिन्सिपल खड़ा हुआ था जो पोलीस वाले से बात कर रहा था तभी मेरा ध्यान पड़ा एक साइड खड़े हुए सुमित पर जिसके हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था,,,मैं जाके सुमित के पास खड़ा हो गया लेकिन बोला कुछ नही ऑर पोलीस वाले की ऑर प्रिन्सिपल की बातें सुनने लगा,,,,तभी मेरा ध्यान सोनिया ऑर कविता की तरफ गया ,,कविता तो मुझे देख कर खुश हो गई लेकिन सोनिया की नाक पर अभी तक गुस्सा था इसलिए वो कविता का हाथ पकड़ कर उसको वहाँ से एक साइड पर ले गई,,,,,,मैने वापिस अपना ध्यान प्रिन्सिपल ऑर पोलीस वाले की बातों पर केंद्रित कर दिया,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,,,,,नही सर अमित ऐसा नही कर सकता वो तो बहुत होनहार ऑर ब्रिलियेंट स्टूडेंट है आप उसके बारे मे कॉलेज के किसी भी स्टूडेंट से पूछ सकते हो,,,, 

पोलीस,.,,,,,,,,,,,,लेकिन इस लड़के ने तो कंप्लेंट की है कि अमित ऑर उसके दोस्तो ने मारा है इसको,,,,ये भला झूठ क्यू बोलने लगा,,,,देखो इसका तो हाथ भी टूट गया है इतना बुरा मारा उन लोगो ने इसको,,,, ओर आप बोल रहे हो वो शरीफ लड़के है इस कॉलेज के,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,आपको कोई ग़लत फहमी हो रही है वो लोग ऐसे नही है वो लड़के तो बहुत होनहार स्टूडेंट है कॉलेज के ,,,इतना बोलकर प्रिन्सिपल पोलीस वाले के शोल्डर पर हाथ रखके उसको अपने साथ एक साइड की तरफ ले गया ,,,

ये किसने किया है तेरे साथ सुमित,,,,,,,,,,,क्या अमित ओर उसके दोस्तो ने ,,,,मैने गुस्से से पूछा,,,,

हाँ सन्नी भाई कल मैने उन लोगो से दोस्ती करली थी सारा दिन हम घूमते रहे रात को ड्रिंक करने के बाद वो लोग मुझे मेरे घर छोड़ने गये थे ,,उन लोगो को पूरा यकीन हो गया था कि मैं झूठ मूठ आपकी गॅंग मे शामिल हुआ था दिल से तो मैं उन लोगो का ही दोस्त था फिर पता नही रात को उनलोगो को क्या हो गया मेरे घर के पास जाके खाली ऑर सुनसान जगह पर कार रोक कर उनलोगो ने मुझे कार से नीचे उतरा ऑर मारना शुरू कर दिया,,1-2 लोग होते तो मैं संभाल लेता लेकिन वो लोग 4 थे ,,,3 लोगो ने मुझे पकड़ लिया और अमित ने मुझे बहुत मारा ,,,उसकी कार मे हॉकी स्टिक थी जिस से उसने मेरे सर ऑर हाथ पे मारा ऑर मेरा हाथ तोड़ दिया,,,,इतना बोलकर वो रोने लगा,,,,,,,,,,
 
उसकी हालत देख कर मुझे उसपे तरस आ रहा था लेकिन उसके आँसू देख कर गुस्सा आने लगा,,,,,,,,,,साले लड़की की तरह क्यू रोता है उनलोगो ने तेरे को इतना मारा तू भी एक आध तो लगा देता उनके या खाली छोड़ दिया उन लोगो को,,,,,,

भाई वो 4 थे ऑर मैं अकेला ऑर उपर से ड्रिंक भी किया हुआ था इसलिए कुछ नही कर सका,,,,

मैने दिल ही दिल मे बोला साले तूने ड्रिंक ना भी की होती तब भी तेरी यही हालत करनी थी उन लोगो ने ,,,मैं उसको झूठा दिलासा देता हुआ उनलोगो के पास चला गया ऑर उनकी बात सुनने लगा,,,,

प्रिन्सिपल पोलीस वेल से,,,,,,,,,,,,,,आपको नही पता जनाब ये सुमित इस कॉलेज का 1 नंबर का नशेड़ी लड़का है कई बार जैल जा चुका है ड्रस लेने की वजह से ,,सारा दिन नशा करके यहाँ वहाँ घूमता रहता है कभी कोई क्लास भी अटेंड नही करता ,,आप चाहो तो किसी से भी पूछ लो,,,,,,,

पोलीस वाला,,,,,,,,,अगर वो ड्रग्स के चक्कर मे इतनी बार जैल गया तो अपने इसको कॉलेज से निकाला क्यू नही,,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,जनाब ये अमित का अच्छा दोस्त था ऑर अमित इस कॉलेज का होनहार स्टूडेंट उसके कहने पर ही मैने इसको यहाँ रखा हुआ था वर्ना कबका कॉलेज से निकाल देता,,,,,,

पोलीस वाला,,,,,,,मैं इसके बारे मे जानता हूँ सर लेकिन अब इसके चहरे के निशान ऑर टूटा हुआ हाथ देखिए क्या ये जखम इसने खुद बनाए है ,क्या अपना हाथ इसने खुद तोड़ा है,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,,,,,,,जनाब ये लड़का पहले उन लोगो का ही दोस्त था जिन लोगो पर ये मार पीट का झूठा इल्ज़ाम लगा रहा है अब उनलोगो से किसी बात पर झगड़ा हो गया है इसका इसलिए उनलोगो को बदनाम कर रहा है,,,,

पोलीस वाला,.,,,,,,ठीक है आप मुझे उन लोगो से मिलवा दो मैं कुछ पूछ ताछ करना चाहता हूँ पता चल जाना है सच क्या है झूठ क्या,,,,,,,,,

प्रिंसीपल,,,,,,,,,,,,वो लोग तो आज कॉलेज नही आए ,,,,ऑर वैसे कल किस टाइम की बात है जब उनलोगो ने सुमित से मारपीट की थी,,,,

पोलीस वाला,,,,,,,,,,,यही कोई रात के 10-11 बजे के आस पास,,,,,,,जैसा इस लड़के ने ब्यान दिया है,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,रात को 10-11 बजे के करीब ,लेकिन ऐसा तो नही हो सकता उस टाइम तो वो सब मेरे साथ थे,,,,

पोलीस वाला,,,,,,,,,,,आप झूठ क्यू बोल रहे हो इस लड़के ने तो बोला है कि रात 10-11 बजे के आस पास ये उन्ही लोगो के साथ ड्रिंक करके घर जा रहा था तो बीच सड़क पर उनलोगो ने कार से बाहर निकाला इसको ऑर मारना शुरू कर दिया,,,,आप बोल रहे हो तब वो लड़के आपके साथ थे,,,

प्रिन्सिपल,,,,,,,,,,,जी जनाब वो लड़के करीब 8 बजे से रात 1 बजे तक मेरे साथ थे हमरे कॉलेज के एक प्रोफेसर भी हमारे साथ थे ,,उनलोगो का कोई ज़रूरी प्रॉजेक्ट थे जिसपे वो लोग काम कर रहे थे,,,,

पोलीस वाला,,,,,,,,उनका प्रॉजेक्ट था तो प्रोफेसर उनके साथ होता पर आप उनके साथ क्या कर रहे थे,,,,चलो अप मुझे उनलोगो का अड्रेस दे दो मैं खुद उनके घर जाके बात कर लेता हूँ,,,,,,,,

प्रिन्सिपल कुछ देर के लिए चुप हो जाता है,,,,,,,,लगता है जनाब आप जानते नही वो लोग किसके बेटे है,,,,तभी प्रिन्सिपल पोलीस वाले को उन लोगो के बाप के बारे मे बताता है ,,जिनमे से कोई बड़ा इंडस्ट्रियलिस्ट है ऑर कोई बड़ा
पॉलिटीशियन,,,उनलोगो के नाम सुनकर पोलीस वाला भी थोड़ा डर जाता है,,,,ऑर जल्दी से प्रिन्सिपल को सॉरी बोलके वहाँ से चला जाता है वो जाते टाइम सुमित से भी कोई बात नही करता ,,,


सुमित पोलीस वाले से बात करने के लिए उसको रोकता है लेकिन वो पोलीस वाला नही रुकता ऑर जीप मे बैठ कर वहाँ से चला जाता है 

,,,,सुमित समझ जाता है कि प्रिन्सिपल ने पोलीस वाले को डरा कर यहाँ से भगा दिया है ,,

सुमित,,,,प्रिन्सिपल सर अपने पोलीस वाले को झूठ क्यूँ बोला ,,,,आपको अच्छी तरह पता है कि अमित ऑर उसके दोस्तो ने मारा ये हाल किया है फिर भी अपने पोलीस से ये बात छुपाई,,,,

प्रिन्सिपल गुस्से मे,,,,,,,,दफ़ा हो जा यहाँ से,,शरीफ लोगो पर इल्ज़ाम लगता है शरम नही आती,,आगे से कभी झूठ बोलकर उन लोगो को बदनाम किया तो कॉलेज से निकाल दूँगा,,,,चल जा अब यहाँ से,,,,

प्रिन्सिपल वहाँ से चला जाता है,,,,मुझे तो पहले से पता था कि कुछ नही होने वाला ,,जब उनलोगो ने इतने बड़े बड़े जुलम किए है कि उन लोगो की वजह से कॉलेज की लड़कियों ने अपनी जान दे दी थी और भला छोटी से मारपीट के लिए कोई क्या उखाड़ लेता उनका,,,

देखा सन्नी भाई प्रिन्सिपल भी उन लोगो का साथ दे रहा है,,पोलीस ने भी कुछ नही किया,,,,सुमित रोने लगा ,,लेकिन मैं बदला लेके रहूँगा सुमित भाई सुमित रोते हुए हल्के गुस्से मे बोला,,,

क्या करेगा अब तू लड़ेगा क्या अमित के साथ,,,,वो भी इस टूटे हुए हाथ के साथ,,,,

हां भाई लडूँगा मैं,,,,इतना टाइम उन लोगो की गुलामी की उन लोगो का हर काम मे साथ दिया ये नही सोचा कि वो काम सही है या ग़लत ऑर आज उनलोगो ने मेरा ये हाल किया,,

अच्छा तो अब क्या करेगा तू बता मुझे,,,,,

सुमित रोते हुए,,,,मैं क्या कर सकता हूँ भाई अब तो आपको कुछ करना होगा ,,अब मैं आपकी ऑर करण की गॅंग मे हूँ क्या आप लोग मेरी हेल्प नही करोगे अमित को सबक सिखाने मे,,,

मैने सोचा हेल्प तो करूँगा लेकिन जैसा मैं सोचता हूँ वैसा होता नही,,पहले सोचा था तुझे अमित की गॅंग मे वापिस भेज 
दूँगा तो प्लान काम करेगा लेकिन सारा प्लान खराब हो गया,,,अब क्या कर सकता हूँ मैं,,,,,,,,,

चल ठीक है मैं तेरी हेल्प करूँगा ,,लेकिन हमे लड़के या मारपीट करके बदला नही लेना,,,हमे कोई ऐसी तरकीब ढूँढनी है
कि साँप भी मार जाए ऑर लाठी भी नही टूटे,,,

वो क्या भाई,,क्या करना होगा हम लोगो को,,,,

देख सुमित भाई तुझे कैसे भी करके वो सीडी हासिल करनी है कहीं से भी ,,अब कैसे हासिल करनी है ये तू देख ,,एक बार सीडीज़ हाथ मे आ गई फिर तू जैसा चाहे अमित ऑर उसके दोस्तो को उंगली पर नचा सकता है ,,,इसके अलावा ऑर कोई रास्ता नही है अपने पास,,,

सुमित वहीं बैठ गया ओर सोचने लगा,,,,लेकिन भाई ऐसा कैसे हो सकता है,,,भला मैं वो सीडीज़ कैसे हासिल कर सकता हूँ,,,

ये तू सोच भाई तेरी टेन्षन है लेकिन एक बार सीडीज़ हाथ लग गई तो तू कुछ भी कर सकता है,,,ज़रा सोच कर देखा,,,आज जिस प्रिन्सिपल ने पोलीस को वापिस भेजा है अमित के डर से कल वही प्रिन्सिपल तेरे कदमो मे होगा क्यूकी सीडीज़ की वजह से अमित भी तेरा गुलाम हो जाएगा,,,,,,,

लेकिन भाई सीडीज़ उनलोगो के पास है ऑर अगर मैं दोबारा उनलोगो के पास गया तो उनलोगो ने फिर मारना है मुझे,,,,,

चल एक काम कर तू,,,,आगे कभी अमित ने या उसके दोस्तो ने तुझे हाथ भी लगाने की कोशिश की तो तू बोल देना कि तेरे पास वो सीडीज़ की एक कॉपी है ऑर अगर उनलोगो ने कोई पंगा किया तो तो सीडीज़ को सबके सामने खोल कर रख देगा ,,

लेकिन भाई मेरे पास तो सीडीज़ नही है ऑर ना उनकी कॉपी है कोई फिर भला कैसे बोलू उनलोगो को,,,

देख भाई जैसे आज तेरे को मारा है कल फिर मार सकते है लेकिन सीडीज़ के डर से वो तुझे हाथ नही लगा सकते बस तो झूठ-मूठ का बोल देना सीडीज़ की कॉपी तेरे पास है फिर देखना वो लोग तेरे पास से भी नही गुजरने वाले,,,,

सुमित मेरी बात सुनके थोड़ा खुश हो गया ऑर वहाँ से चला गया,,,

लेकिन मैं खुश नही था,,एक तो रात से मैं थोड़ा गुस्से मे था माँ ,मामा करण ऑर शोभा की वजह से ऑर आज कॉलेज मे
आके भी मुझे निराशा हाथ लगी ,,,प्लान बनाया था कि सुमित को अमित की गॅंग मे शामिल करवा दूँगा लेकिन प्लान उल्टा ही हो गया,,साला ये सब मेरे साथ ही क्यू हो रहा है ,,मैं बैठा बैठ गुस्से से भरा हुआ था ऑर बहुत ज़्यादा निराश भी था,,,,

तभी मेरा मोबाइल बजने लगा,,किसी अननोन नंबर से कॉल आ रही थी मेरा दिल नही किया कॉल उठाने के लिए लेकिन फोन दोबारा बजने लगा तो मैने हल्के से गुस्से से फोन उठाया ऑर बात करने लगा,,,,


मैने फोन तो गुस्से मे उठाया था लेकिन सामने वाले की मीठी ऑर मधुर आवाज़ सुनके मेरा दिल खुश हो गया ,,

ये फोन था?????

कामिनी भाभी का,,,,,,,

भाभी,,,,,,,,,,,हेलो,,,,,,,,

सन्नी ,,,,,,,,हेलो भाभी,,,,

भाभी,,,,,,,,,अरे बड़ी जल्दी पहचान लिया तुमने,,,, मुझे तो लगा था नही पहचानोगे पहली बार जो फोन पर बात हो रही है,,,,

सन्नी,,,,,,भाभी आपकी आवाज़ को तो मैं 1000 लोगो की आवाज़ मे भी पहचान सकता हूँ,,,

भाभी,,,,,,,अच्छा जी इतनी बुरी आवाज़ है क्या मेरी,,,,

सन्नी,,,नही भाभी आपकी आवाज़ तो बहुत मीठी है ,,,,आपकी एक हेलो सुनके ही दिल खुश हो गया मेरा,,,,

भाभी,,,,,बस बस अब ज़्यादा झूठी तारीफ मत करो,,,,कहाँ है तू ये बता पहले,,,

सन्नी ,,,,झूठी तारीफ नही कर रहा भाभी जो सच है वही बोल रहा हूँ,,,,वैसे मैं कॉलेज मे हूँ,,,

भाभी,,,,,क्या कर रहा है कॉलेज मे,,,,,,

सन्नी,,,,,कुछ नही भाभी बस बोर हो रहा था,,,वैसे आज आपको मेरी याद कैसे आ गई ,,,आज हमारी किस्मत इतनी अच्छी कैसे हो गई कि अपने हमे फोन किया,,,,कोई ख़ास काम था क्या,,,,

भाभी,,,,वो मैं वूऊ

सन्नी ,,,,अरे वू उूओ क्या कर रही हो भाभी,,,तबीयत तो ठीक है ना,,,,

भाभी,,,,नही सन्नी तबीयत ठीक नही तभी तुझे कॉल की है,,,

सन्नी,,,,,मुझे क्यू कॉल की सूरज भाई को करती वो आपको डॉक्टर के पास ले जाता,,,,

भाभी,,,,सूरज को कॉल की थी लेकिन वो ऑफीस मे बिज़ी था उसने फोन नही उठाया,,इसलिए तेरे को फोन किया,,,,क्या तू घर आ सकता है अभी,,,

मैने मन ही मन सोचा नेकी ऑर पूछ पूछ,,,,मैं तो उड़के आने को तैयार हूँ आप बस बोलो एक बार,,,

सन्नी,,,,भाभी मेरी क्लास है अभी थोड़ी देर मे,,मुश्किल है मेरा आना,,,,लेकिन अगर आपकी तबीयत ज़्यादा खराब है तो मैं कविता को बोल देता हूँ वो घर आ जाएगी ,,,,,

भाभी,,,,,नही सन्नी उसको क्यू परेशान करना वैसे भी वो गुस्सा करेगी मेरे पे कि अगर तबीयत खराब थी तो पहले बोलना था कॉलेज से फोन करके वापिस क्यू बुलवाया,,तू नही जानता स्टडी के मामले मे कितनी गुस्से वाली है वो,,,, वैसे भी उसको बुलाना होता तो मैं खुद कॉल कर देती उसको,,,,, 

अगर तू आ सकता है तो आजा,,,,

सन्नी,,,,,वैसे तो क्लास है मेरी लेकिन आपकी तबीयत ज़्यादा खराब है तो मैं आ जाता हूँ,,,

भाभी,,,,थन्क्ष्क्ष्क्ष सन्नी ऑर प्लीज़ थोड़ा जल्दी आना,,,,

सन्नी ,,,,आप पहले फोन तो कट करो फिर ही आउन्गा मैं,,,,,इतना बोलके सन्नी हँसने लगा ऑर उधर से भाभी भी हँसने लगी,,,

भाभी,,,,ठीक है जल्दी आओ मैं तुम्हारा वेट कर रही हूँ,,,इतना बोलके भाभी फोन कट कर देती है,,,,

सन्नी जल्दी से फ़ोन को पॉकेट मे डालता है ऑर वहाँ से बाइक लेके तेज़ी से चलाता हुआ भाभी के घर चला जाता है,,,,उसको भाभी से मिलने की बहुत जल्दी होती है,,,

कुछ देर बाद सन्नी कामिनी भाभी के घर के बाहर पहुँच जाता है ऑर बेल बजा देता है,,,,

तभी कामिनी भाभी बाहर आती है ऑर गेट खोल देती है,,सन्नी तो जैसे पागल ही हो जाता है भाभी को देख कर,,,
 
कामिनी भाभी ने एक लाइट ब्लू कलर का ढीला सा कुर्ता ऑर साथ मे उसी कलर का एक पयज़ामा पहना हुआ था ,,उनके बाल गीले थे जैसे अभी अभी वो शवर लेके बाहर आई थी ,,,उनके बालों के सिरे से पानी की ड्रॉप्स उके ढीले कुर्ते पर गिर रही थी ऑर उनका ढीला कुर्ता जो काफ़ी पतले कपड़े का था वो भीग कर उनकी चेस्ट से चिपक रहा था ,,,उनके बूब्स के उपर का हिस्सा कुर्ते के अंदर से सॉफ नज़र आ रहा था ऑर उनका हल्का सा क्लीवेज भी नज़र आ रहा था


कुर्ता थोड़ा भीग कर उनके बॉब्स के बीच क्लीवेज मे चिपक गया था ओर उनके गोरे गोरे छोटे बूब्स थोड़ा साफ तौर पर नज़र आने लगे थे ,,,सन्नी एक टक भाभी के बूब्स की तरफ देख रहा था तभी भाभी ने उसको अंदर आने को बोला ऑर खुद अपने एक हाथ को अपने बूब्स के उपर रख लिया ऑर हँसके सन्नी की तरफ देखने लगी,,,, सन्नी भी भाभी की तरफ हँसके देखता हुआ घर के अंदर आ गया ,,,पीछे से भाभी ने गेट बंद किया ऑर आगे बढ़ कर घर के अंदर का डोर खोला ऑर सन्नी के साथ खुद भी अंदर आ गई,,,,

भाभी ने सन्नी को सोफे पर बैठने का बोला ,,,,,,

तुम यहाँ बैठो सन्नी मैं तुम्हारे लिए कुछ चाइ कॉफी लेके आती हूँ,,,,इतना बोलकर भाभी किचन की तरफ जाने लगी,,,

नही भाभी मुझे कुछ नही चाहिए मैं ठीक हूँ,,,,लेकिन भाभी नही रुकी ऑर किचन की तरफ चली गई,,,

सन्नी भाभी की किचन की तरफ जाते देखता रहा ,,,,,,,भाभी ने किचन के पास जाके एक बार सन्नी की तरफ मूड कर देखा ऑर हँसके किचन के अंदर चली गई,,,,,

सन्नी इतना तो जान गया था कि भाभी की तबीयत बिल्कुल ठीक है तो फिर उन्होने उसको यहाँ क्यू बुलाया,,,,,,,,,,कहीं भाभी भी वही तो नही चाहती जो सन्नी चाहता है,,,,,सन्नी इतना सोच सोच कर खुश होने लगता है लेकिन उसको थोड़ा डर भी लग रहा है कहीं वो जो सोच रहा है वो ग़लत हुआ तो,,,

सन्नी कुछ देर वही सोफे पर बैठा रहता है लेकिन वासना जब दिल ऑर दिमाग़ पर हावी होने लगी तो सन्नी से रहा नही गया ऑर वो उठकर किचन मे चला गया,,,,,

किचन मे भाभी कॉफी बना रही थी,,,,,सन्नी को किचन मे आते देख वो थोड़ा डर गई और शरमाने भी लगी ,,लेकिन सन्नी नही डरा ऑर ना ही उसको किसी बात की टेन्षन थी वो भाभी के पास जाके खड़ा हो गया,,,,,

भाभी आप तो बोल रही थी आपकी तबीयत ठीक नही है लेकिन आपको देखने से तो ऐसा नही लगता ,,,,,,,,,,सन्नी इतना बोलकर भाभी के भीगे हुए कुर्ते मे से झलक रहे उनके बूब्स की तरफ देखने लगा,,,

भाभी ने भी सन्नी की नज़रो का पीछा करके जान लिया कि वो क्या देख रहा है तो भाभी ने जल्दी से उसकी तरफ पीठ करली ओर दूसरी तरफ मूड गई,,,,

हाँ सन्नी पहले तबीयत ठीक नही थी लेकिन तुम्हारे आने से पहले मैने घर पर कुछ मेडिसिन पड़ी थी वो खा ली है ऑर शवर भी लिया है जिस से अब थोड़ा बेटर फील हो रहा है अब कॉफी पी लूँगी तो बिल्कुल ठीक हो जाउन्गी,,,,,,,,,

वैसे हुआ क्या था भाभी आपको,,,,,,,सन्नी भाभी के चहरे की तरफ चला गया और फिर से भाभी को सामने से देखने लगा,,,,

भाभी अब हर बार तो उसकी तरफ पीठ नही कर सकती थी बस भाभी ज़मीन की तरफ देखती ऑर शरमाती हुई सन्नी की बात का जवाब देने लगी,,,,,कुछ नही सन्नी बस सर मे थोड़ा दर्द हो रहा था ,,,अब ठीक हूँ मैं,,,,

इतने मे सन्नी आगे बढ़ गया ऑर भाभी के बहुद करीब हो गया,,,,,,,,,,,अच्छा बस इतनी से बात थी ,,हल्के सर दर्द के लिए अपने मेरा कॉलेज मिस करवा दिया,, पता है कितनी इंपॉर्टेंट क्लास थी आज मेरी,,,ऑर आपने अपने हल्के सर दर्द के लिए मेरी क्लास मिस करवा दी,,,इतना बोल कर सन्नी हल्के गुस्से ऑर नाराज़गी से वहाँ से बाहर चला गया,,,

तब तक कॉफी बन चुकी थी ,,,,,,सन्नी के बाहर जाते ही भाभी ने कॉफी को कप मे डाला ऑर बाहर सन्नी के पास आ गई,,,सन्नी एक तरफ सिंगल सोफे पर बैठा हुआ था जबकि भाभी बड़े सोफे पर बैठ गई ऑर कप को बेच टेबल पर रख दिया,,,,,

सन्नी जान बूझ कर हल्का गुस्सा ऑर नाराज़गी दिखा रहा था,,,,

सॉरी सन्नी मेरी वजह से तुझे जल्दी आना पड़ा कॉलेज से बट मैं क्या करती तब मेरे सर मे बहुत तेज दर्द हो रहा था ,,मैने सूरज को पहले कॉल की थी लेकिन उसका कोई जवाब नही आया,,,कविता को मैं तंग नही करना चाहती थी क्यूकी वो गुस्सा करती ऑर बोलती की अगर तबीयत ठीक नही थी तो सुबह कॉलेज क्यू जाने दिया,,,,पहले बता देती,,,तुझे पता है ना वो स्टडी के मामले मे कितना गुस्सा करती है,,,,

इस से पहले भाभी कुछ बोलती मैं बोल पड़ा,,,,,,,,,,,,अपने सूरज भाई को कॉल की थी तो क्या वो ऑफीस मे बिज़ी थे,,,,,

हाँ सन्नी तभी तो कॉल पिक नही की सूरज ने,,,,,,,,,,

लेकिन मैने तो सुना था कि कल सूरज आपकी सास यानी अपनी माँ को अपने ससुर के पास छोड़ने गया है फिर वापिस कब आया वो,,,मैने थोड़ा शक करते हुए पूछा,,,,,कल सोनिया को तो यही बोला था ना अपने इसलिए वो यहाँ रहने आई थी,,,,

भाभी थोड़ी देर चुप रही,,,,,,हाँ वो सूरज सुबह जल्दी वापिस आ गये थे तो आते ही ऑफीस चले गये,,,,क्यू तुम्हे क्या लगा की सूरज कहीं नही गया था,,, कहीं तुमको ऐसा तो नही लग रहा कि मैं तुमसे झूठ बोल रही हूँ,,,इतना बोलके भाभी ने अपने सर पे हाथ रख लिया ऑर सर को तोड़ा नीचे झुका लिया,,,,

क्या हुआ भाभी ठीक हो ना आप,,,,,,,,,,,

भाभी चुप रही कुछ नही बोली,,,,

बोलो ना भाभी क्या हुआ ,,फिर से सर मे दर्द हुआ क्या,,,,

तुझे क्या लेना सर मे दर्द हो या कुछ भी,,,तुझे मेरी क्या फिकर,,,,अब भाभी हल्का नखरा करने लगी लेकिन सन्नी जानता था कि ये नखरा भी बिल्कुल वैसा ही झूठा है जैसी झूठी भाभी की कॉल की ,,,कि उनकी तबीयत ठीक नही,,,,

सन्नी कुछ नही बोला ओर भाभी एक पास जाके बैठ गया ऑर भाभी के हाथ को उनके सर से उठा कर अपने हाथ भाभी के सर पर रख दिया,,,ऑर हल्के से भाभी के सर को दबाने लगा,,,,,,,,,,,,,,,,,

आपकी फ़िक्र क्यू नही है मुझे भाभी एक आपकी वजह से तो कॉलेज से भाग कर आया हूँ वर्ना मुझे क्या 
ज़रूरत थी यहाँ आने की,,सन्नी ने एक हाथ भाभी के फॉरहेड पर रखा ऑर एक हाथ भाभी की गर्दन पर रखके भाभी को सोफे पर पीछे की तरफ कर दिया ऑर भाभी के सर को सोफे की बॅक पर रख दिया ऑर हल्के हाथ से भाभी के सर को दबाने लगा,,,,

तभी भाभी ने सन्नी के हाथ को पकड़ लिया,,,,,ये क्या कर रहे हो सन्नी,,,,मत करो ऐसे ,,,,,,,

क्या कर रहा हूँ भाभी ,,,कुछ ग़लत कर रहा हूँ क्या ,,,,मैं तो जस्ट आपका सर दबा रहा हूँ ,,,,देने को तो मेडिसिन भी लाके दे सकता था बट अपने बोला कि आप मेडिसिन ले चुकी हो इसलिए सर दबा कर दर्द ठीक करने की कोशिश कर रहा हूँ,,,,

नही रहने दे मत दबा मेरा सर,,,,,,,,,,दुखने दे इसको,,तुझे तो लगता है कि मैं झूठ बोल रही हूँ,,,

नही मैने कब बोला कि आप झूठ बोल रही हो,,,,मैं तो मज़ाक कर रहा था भाभी,,,,वो रात को सोनिया ने जो बोला था मैं तो उसी की बात कर रहा था

नही नही तुहे लगता है कि मैं झूठ बोल रही हूँ ओर झूठ बोलके तुझे कोल्लेज से यहाँ बुलाया है,,,,,

नही भाभी मैं ऐसा नही बोल रहा,,,बोलते टाइम सन्नी अभी भी भाभी का सर दबा रहा था भाभी ने भी अपने हाथ से सन्नी के उस हाथ को पकड़ा हुआ था जिस से सन्नी भाभी का सर दबा रहा था,,,,सन्नी का दूसरा हाथ भाभी के शोल्डर के पास भाभी की नेक पर था ,,,,सन्नी ने सर दबाते हुए हल्के से अपनी फिंगर को भाभी के कुर्ते मे घुसा दिया ओर धीरे धीरे बातें करते हुए भाभी के कुर्ते को शोल्डर से खिसकने लगा ,,भाभी भी सन्नी की हरकत को भाँप गई थी लेकिन उसने सन्नी को मना नही किया ,,,जब भाभी का शोल्डर कुछ हद तक नंगा हो गया तो सन्नी ने आगे बढ़ कर भाभी के शोल्डर पर अपने लिप्स रख दिए ,,भाभी ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन सन्नी भाभी से ज़्यादा तेज था उसने अपने उस हाथ को भाभी के दूसरे शोल्डर पर रख दिया था जिस से वो भाभी का सर दबा रहा था ऑर भाभी को खुद से दूर जाने से रोक लिया था,,,
 
जब भाभी के शोल्डर पर सन्नी के लिप्स टिक गये तो सन्नी ने कोई देर किए बिना भाभी के शोल्डर के हल्के मास को मुँह मे भर लिया ऑर सक करने लगा,,,भाभी के मुँह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई और उसने सन्नी को हल्का धक्का दिया ऑर सोफे से उठकर जल्दी से अपने रूम मे भाग गई,,,,सन्नी भी वहाँ से उठा ऑर भाभी के पीछे पीछे चला गया,,,

भाभी भाग कर गई थी इसलिए सन्नी भी भाभी के पीछे भाग कर गया,,भाभी ने रूम मे जाते ही दरवाजे को अंदर से बंद करने की कोशिश की लेकिन सन्नी ने जल्दी से आगे बढ़ कर अपने हाथ को दरवाजे पर रख दिया ऑर भाभी के दरवाजा बंद करने से पहले ही भाभी को रोक दिया,,,लेकिन तब तक भाभी भी अपनी तरफ से पूरा ज़ोर लगा चुकी थी जिस से सन्नी का हाथ दरवाजे के बीच मे अटक गया,,,

दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था सन्नी दरवाजे को खोलने के लिए ज़ोर नही लगा रहा था बस अपने हाथ को दरवाजे के बीच मे दबने से रोकने के लिए थोड़ा ज़ोर लगा रहा था,,लेकिन अंदर से भाभी अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी,,,,

सन्नी तुम जाओ यहाँ से,,,,,

ऐसे कैसे जा सकता हूँ मैं भाबी,,,,आपकी तबीयत ठीक है ,,आपको ऐसी हालत मे छोड़ कर कैसे जा सकता हूँ मैं,,,,

नही सन्नी तुम जाओ यहाँ से अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ,,,,कुछ नही हुआ है मुझे,,,,

नही भाभी अब तो जब तक आपको पूरी तरह से ठीक नही कर देता ऑर जब तक आपकी बीमारी को जड़ से उखाड़ कर नही फेंक देता मैं यहाँ से जाने वाला नही,,,,सन्नी हल्का ज़ोर लगाता है ,,भाभी का कोई ज़ोर नही चलता सन्नी के ज़ोर के सामने ऑर भाभी पीछे हट जाती है ,,,सन्नी दरवाजा खोले कर अंदर चला जाता है,,,

भाभी दरवाजे से हल्के उल्टे कदमो से पीछे की तरफ जाने लगती है,,,,

सन्नी जाओ यहाँ से प्लीज़ अब मैं ठीक हूँ,,,,कुछ नही हुआ है मुझे

मैं जानता हूँ आपको कुछ नही हुआ है आप बिल्कुल ठीक हो लेकिन यहाँ आके मेरी तबीयत ठीक नही रही ,,,,मुझे कुछ हो गया है ,,,

क्या हो गया है तुमको सन्नी,,भाभी ने नज़रे झुकाते हुए शरमाते हुए पूछा,,,,

पता नही भाभी क्या हो गया है,,,

बातें करते हुए भाभी हल्के कदमो से पीछे की तरफ जा रही थी जबकि सन्नी आगे बढ़ता जा रहा था,,,,

बोलो ना क्या हुआ है सन्नी तुमको,,,,,तबीयत खराब हो गई क्या तुम्हारी,,,,

हाँ भाभी अब मेरी तबीयत खराब हो गई,,,

भाभी हँसने लगी लेकिन अभी भी भाभी शरमाते हुए ज़मीन की तरफ देख रही थी,,,,,,,देखो तो मेरा इलाज करने आया था ऑर खुद बीमार हो गया,,,

हाँ भाभी ,,,अब मैं बीमार हो गया अब आप मेरा इलाज करो,,,,,क्यूकी पहला मैं ठीक था ऑर आपका इलाज करने आ गया था लेकिन अब आप ठीक हो इसलिए आप मेरा इलाज करो,,,,

तुझे किसने बोला दिया कि मैं ठीक हूँ सन्नी,,,,,

सन्नी रुक गया ऑर भाभी की बात को समझने की कोशिश करने लगा,,,,,

क्या बोला भाभी फिर से बोलो ज़रा,,,,,,

लेकिन भाभी ने कुछ नही बोला ऑर जल्दी से भाग कर ड्रेसिंग टेबल की तरफ चली गई ओर जल्दी से एक ड्रॉयर खोल कर उसमे से कोई समान निकाला ऑर वापिस सन्नी के पास आ गई,,,,लेकिन भाभी के हाथ उनकी पीठ के पीछे थे सन्नी कुछ देख नही सका कि उनके हाथ मे क्या है,,,,,

सन्नी ने भाभी से पूछने के लिए अपना मुँह खोला ही था कि भाभी ने अपने हाथ से सन्नी को बोलने से मना कर दिया,,,,,

कुछ मत बोलो सन्नी बस अपनी आँखें बंद कर लो,,,,

सन्नी के मुँह पर भाभी के सॉफ्ट सॉफ्ट हाथ लगते ही सन्नी को एक मस्ती भरा तेज झटका लगा ओर भाभी की बातें सुनकर एक पल से भी पहले सन्नी की दोनो आँखें बंद हो गई,,,,

तभी भाभी का हाथ सन्नी के फेस से हट गया ,,,,,,ऑर सन्नी को कुछ अजीब महसूस हुआ भाभी सन्नी के पीछे की तरफ चली गई थी ऑर पीछे जाके सन्नी को बोली,,,,,,अब तुम आँखें खोल सकते हो सन्नी,,,,,

भाभी के कहने पर सन्नी ने आँखें तो खोल ली लेकिन फिर भी उसको कुछ नज़र नही आया,,,,,क्यूकी पीछे जाके भाभी ने सन्नी की आँखें पर पट्टी बाँध दी थी,,,,,,

ये सब क्या है भाभी,,,,,इतना बोलकर सन्नी ने पट्टी खोलने की कोशिश की,,,,,,,,,,,

भाभी ने जल्दी से सन्नी का हाथ पकड़ लिया,,,,,,नही सन्नी पट्टी मत खोलो,,,,इसको ऐसे ही रहने दो,,मेरे पास तुम्हारे लिए एक सर्प्राइज़ है,,,

सन्नी को कुछ नही पाया था कि भाभी क्या कर रही है ऑर क्या करने वाली है लेकिन सर्प्राइज़ का नाम सुनके सन्नी का दिल खुश हो गया उसको एक अजीब से मस्ती चढ़ने लगी,,,,

ऑर तभी कुछ पल बाद ???????????


ऑर तभी कुछ पल बाद भाभी ने सन्नी को पकड़ा ऑर उसके करीब होके सन्नी के बदन से चिपक 
गई ,भाभी ने सन्नी को अपनी बाहों मे भर लिया ऑर सन्नी ने भी भाभी को अपनी बाहों मे
भरने की कोशिश की लेकिन भाभी ने उसके हाथों को अपने जिस्म से हटा दिया ऑर अपने लिप्स को सन्नी के कान 
के पास ले गई ऑर धीरे से सन्नी एक कान मे बोलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,,आज्ज तुउंम ककुउक्च्छ न्ंहिी 
कारूगगीयी ससुउउन्नययी आअज्ज मीरीइ बार्रीि हहाइईइ ,,यूयेसेस ददीन्न्न त्तुउम्न्नी आपपननीी 
मांणम्मांंनीी क्कीिई टहीी म्मामिन्नी तुउम्मक्कू न्नाहहीी रूकका तहा आज म्मामिन्न्न 
आपपननीी म्माँणमामणी कारूउन्नगगीइ तूऊ बभीी म्मूउज़्झहही न्नाहहिि रूक्कन्ना प्पल्लज़्ज़्ज़्ज़ 
इतना बोलकर भाभी हल्का पीछे हट गई ऑर सन्नी से दूर हो गई लेकिन ज़्यादा देर के
लिए नही जल्दी ही भाभी फिर आगे बड़ी ऑर सन्नी के करीब होके सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स 
मे भर लिया लेकिन कोई जल्दबाज़ी नही की भाभी सन्नी को बड़े प्यार से ऑर आराम से किस करने लगी ,,


अपने लिप्स पर भाभी के लिप्स लगते ही सन्नी ने भी अपने लिप्स को हल्का सा खोल दिया लेकिन उसने भी 
कोई जल्दबाज़ी नही की ऑर भाभी को हल्के से किस का रेस्पॉन्स देने लगा ,,,,भाभी ने सन्नी के लोवर 
लिप्स को अपने दाँतों से पकड़ा ऑर अपने मुँह मे भरके चूसने लगी ,,भाभी के ऐसा करने से 
भाभी का उपर वाला लिप्स सन्नी के लिप्स मे आ गया ओर सन्नी ने हल्के से भाभी के उपर वाले लिप्स 
को चूसना शुरू कर दिया,,सन्नी को कुछ ही पल मे जबरदस्त मस्ती चढ़ने लगी उसने फिर से भाभी
को बाहों मे भरने की कोशिश की लेकिन भाभी ने उसको हाथ लगाने से मना कर दिया ऑर सन्नी से
थोड़ा पीछे हट गई,,,,,,कुछ देर तक भाभी सन्नी से दूर खड़ी रही सन्नी को कुछ ठीक नही लगा
उसने अपनी आँखों से पट्टी खोलने की कोशिश की लेकिन भाभी ने आगे बढ़ कर उसके हाथ को पकड़ लिया 
ऑर वापिस सन्नी को किस करने लगी,,,सन्नी ने अपने हाथ को नीचे कर लिया ऑर पट्टी नही निकली ऑर ना
ही भाभी को दोबारा से टच किया ,,अब वो भी भाभी को किस करने लगा,,,भाभी का एक हाथ सन्नी
की पीठ पर फिरने लगा जबकि भाभी ने एक हाथ मे अभी भी सन्नी के हाथ को पकड़ा हुआ था लेकिन
जल्दी से भाभी ने उस हाथ से सन्नी के हाथ को छोड़ा ऑर उस हाथ को भी सन्नी की पीठ पर ले गई ऑर
दोनो हाथों से सन्नी की पीठ का जायज़ा लेने लगी,,,,सन्नी मस्ती मे भरने लगा था लेकिन उसने भाभी 
को हाथ लगाने की कोशिश नही की,,,वो तो बस भाभी को किस करते हुए मस्ती मे खोने लगा,,,,फिर भाभी 
ने अपने एक हाथ को सन्नी के लंड पर रख दिया ऑर पॅंट के उपर से हल्के से मसल्ने लगी ऑर साथ ही
दूसरे हाथ से सन्नी के एक हाथ को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिया,,,सन्नी ने भी मोका देख कर 
मस्ती मे भाभी के बूब को ज़ोर से मसल दिया तो भाभी ने जल्दी से उसके हाथ को अपने बूब से हटा दिया
ऑर सन्नी को किस करते हुए उसके लंड को हल्के से मसल्ने लगी,,,कुछ पल बाद भाभी ने सन्नी 
के हाथ को वापिस अपने बूब पर रखा तो इस बार सन्नी ने भाभी के बूब को ज़ोर से नही मसला बल्कि
हल्के से मसला तो भाभी ने उसके दूसरे हाथ को भी पकड़ कर अपने बूब पर रख दिया,,,सन्नी समझ
गया कि भाभी ज़ोर से नही प्यार से मसलवाना चाहती है अपने बूब्स को,,सन्नी ने भी अपनेआप ज़ोर नही 
लगाया ऑर बड़े प्यार से भाभी के दोनो बूब्स को मसल्ने लगा,,,भाभी भी किस करते हुए सन्नी के
लंड को मसल्ति रही लेकिन ज़्यादा देर तक नही ,,,
 
भाभी ने सन्नी की पॅंट की ज़िप को खोल दिया ऑर सन्नी का पूरी ओकात मे आ चुका लंड एक झटके मे पॅंट 
से बाहर निकल आया क्यूकी सन्नी को अब आदत नही थी पॅंट के नीचे अंडरवेार पहनने की,,,,सन्नी का नंगा 
लंड हाथ मे आते ही भाभी ने उसको प्यार से आगे से पीछे तक सहलाना शुरू कर दिया ऑर साथ ही सन्नी को किस 
करती रही ,,फिर भाभी ने सन्नी के लंड को हाथ से छोड़ दिया ऑर सन्नी की टी-शर्ट को अपने हाथ मे लेके उपर
उठाने लगी,,,सन्नी ने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से अपने दोनो हाथ हवा मे उठा दिए जिस से भाभी को कोई 
परेशानी नही हुई सन्नी की टी-शर्ट निकालने मे ,,,,सन्नी ने टी-शर्ट ने नीचे भी कुछ नही पहना हुआ था इसलिए
उसका उपर वाला जिस्म नंगा हो गया था ,,,भाभी ने सन्नी के लिप्स पर हल्की किस करते हुए सन्नी की पॅंट को
खोलना शुरू कर दिया ओर कुछ ही पल मे सन्नी बिल्कुल नंगा हो गया लेकिन बूट पहने होने की वजह से सन्नी
की पॅंट उसके पैरो के पास जाके अटक गई,,,भाभी ने सन्नी का हाथ पकड़ा ओर सन्नी को बेड की तरफ़ ले गई ऑर 
बेड के पास जाके भाभी ने सन्नी को बेड पर बैठा दिया ऑर खुद ज़मीन पर बैठ कर सन्नी के बूट को
उतारने लगी ,,,जब सन्नी के बूट भी उतार गये तो भाभी ने उसकी पॅंट की भी निकाल कर एक साइड पर रख दी,,
अब सन्नी पूरा नंगा हो गया था,,,,भाभी ने उसकी चेस्ट पर हाथ रखा ऑर उसको बेड पर पीछे की तरफ झुका
दिया ,,सन्नी भी आराम से पीछे की तरफ लेट गया,,,,

फिर कुछ देर तक कोई हरकत नही हुई ना की कोई आवाज़ हुई,,,,सन्नी बेड पर लेटा हुआ सोचने लगा कि आख़िर हो क्या 
रहा है ,,,जब करीब 2-3 मिनट तक कुछ नही हुआ तो सन्नी से रहा नही गया उसने अपनी आँखों पर लगी
पट्टी खोलने के लिए अपने हाथ उपर किया लेकिन तभी भाभी ने उसके हाथ को पकड़ लिया इस से पहले सन्नी 
कुछ ऑर करता भाभी ने उसके हाथ पर एक रस्सी बाँधी ओर उसके हाथ को बेड से बाँध दिया,,,सन्नी कुछ 
घबरा गया कि आख़िर हो क्या रहा है उसने अपने दूसरे हाथ से पट्टी खोलने की कोशिश की लेकिन भाभी ने उसके
दूसरे हाथ को भी अपने हाथ मे पकड़ा ऑर सन्नी के लिप्स पर किस करदी जिस से सन्नी थोड़ा शांत हो गया तब
तक भाभी सन्नी के एक हाथ को बेड से बाँध चुकी थी ऑर अब किस करने के बाद दूसरे हाथ को भी बाँधने 
लगी थी,,,,


जब सन्नी के दोनो हाथ बेड से बँध गये तो फिर कुछ देर तक कोई हरकत नही हुई लेकिन अब सन्नी
कुछ कर भी नही सकता था क्यूकी उसके हाथ बँधे हुए थे ,,,तभी सन्नी के लिप्स पर फिर भाभी के लिप्स 
टच हो गये ऑर भाभी सन्नी के जिस्म के उपर लेट गई,,सन्नी को एहसास हो गया कि भाभी भी नंगी हो गई है 
क्यूकी अपने जिस्म पर वो भाभी के नंगे जिस्म को महसूस कर पा रहा था,,अब सन्नी को कोई डर नही लगा ऑर 
वो भाभी के साथ मस्ती करने लगा,,,,भाभी सन्नी को किस करती हुई उसके सर पर ऑर कभी कमर की दोनो तरफ
हाथ फेरने लगी थी करीब 5-8 मिनट तक दोनो ऐसे किस करते रहे ओर भाभी फिर से सन्नी के बदन से 
उपर उठके बेड की एक तरफ बैठ गई ऑर अपने एक हाथ से सन्नी की चेस्ट को सहलाने लगी ,,,भाभी का सर सन्नी
के सर के करीब था ,,सन्नी को भाभी की साँसे अपने फेस पर महसूस हो रही थी इसलिए सन्नी ने अपने सर को
थोड़ा उपर उठा कर भाभी के सर के करीब कर दिया भाभी ने भी सन्नी की बात समझ कर सन्नी के लिप्स
पर फिर से किस करनी शुरू करदी ऑर साथ ही एक हाथ से सन्नी की चेस्ट को सहलाने लगी फिर कुछ देर बाद 
भाभी ने सन्नी के लिप्स से अपने लिप्स अलग किए ऑर सन्नी की गर्दन पर किस करने लगी ऑर किस करते हुए सन्नी
की चेस्ट पर छोटी छोटी निपल्स पर अपनी उंगलियाँ घुमाने लगी ऑर बीच बीच मे निपल्स की कॅप को अपनी
उंगलियों मे दबा कर हल्के से मसल्ने लगी,,,,
 
अक्सर सन्नी औरतों के मुँह से अह्ह्ह निकलवाता था लेकिन अब
भाभी ने सन्नी के मुँह से अह्ह्ह्ह निकलवा दी थी,,,,,भाभी ने थोड़ा ज़ोर से निपल की कॅप को मसला तो सन्नी
की अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गई ,,भाभी ने सन्नी की चेस्ट पर किस करना शुरू कर दिया ऑर एक निपल पर किस करते 
हुए दूसरी को हाथ से सहलाने लगी फिर दूसरी को किस करते हुए पहले वाली को हाथ से सहलाने लगी,,भाभी बारी
बारी से दोनो निपल को किस करती ऑर हाथ से सहलाती,,,सन्नी बस आराम से लेटा हुआ मस्ती के समंदर मा गोते 
लगाने लगा था,,

कुछ देर बाद भाभी सन्नी की चेस्ट पर किस करते हुए अपने हाथ को सन्नी के लंड पर ले गई ऑर लंड को 
हाथ मे लेके मसल्ने लगी जो लंड अपनी पूरी ओकात मे सर उठा कर खड़ा हुआ था,,,भाभी ने अपने हाथ
मे बड़े प्यार ऑर नज़ाकत से पकड़ा सन्नी के लंड को ऑर उपर से नीचे तक लंड की पूरी लंबाई जितना हाथ 
उपर नीचे करने लगी ऑर साथ ही सन्नी को चेस्ट पर किस करते हुए उसकी निपल्स को हल्के हल्के किस करते हुए
दाँतों से काटने लगी,,,सन्नी भाभी की इस हरकत से थोड़ा हैरान हो गया था,,,,क्या ये वही भाभी है जो उस
दिन इतना शरमा रही थी इतना घबरा रही थी जो मेरे से नज़रे नही मिला रही थी ऑर आज मुझे बेड से बाँध 
कर मेरे साथ ऐसी हरकते कर रही है,,,सन्नी अभी हैरत मे था कि जल्दी ही उसकी हैरत थोड़ी ज़्यादा बढ़ गई
ऑर उसने महसूस किया कि उसका लंड भाभी के मुँह मे चला गया है ,,,पहले तो भाभी ने हल्के से लंड की
टोपी पर किस की ऑर जल्दी ही लंड को मुँह मे भर लिया ऑर अपने मुँह को लंड पर उपर नीचे करने लगी ,,भाभी 
पूरे लंड को मुँह मे नही ले रही थी बस आधे को मुँह मे लेके चूस रही थी,,वो कोशिश तो कर रही थी लेकिन 
उसकी कोशिश नाकाम साबित हो रही थी क्यूकी अभी वो लंड चूसने मे थोड़ी कम अनुभवी थी ऑर इस बात का 
सबूत था उसके दाँत जो बार बार सन्नी के लंड पर लग रहे थे लेकिन फिर भी सन्नी को मज़ा आ रहा था



क्यूकी वो इस बात से खुश था कि उस दिन तो भाभी ने उसके लंड को ज़्यादा चूसा ही नही था जिस दिन उसने भाभी
को शोभा दीदी के साथ मिलके बुटीक पर चोदा था लेकिन आज वो खुद अपनी मर्ज़ी से उसके लंड को चूस रही थी
इसी बात से सन्नी की मस्ती बढ़ती जा रही थी ऑर कुछ पल बाद सन्नी को ऑर ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी क्यूकी भाभी
ने अपने मुँह को थोड़ा ज़्यादा खोल लिया था जिस से सन्नी के लंड पर भाभी के दाँत लगने कम हो गये थे
ऑर भाभी ने लंड को थोड़ा ज़्यादा मुँह मे लेना शुरू कर दिया था,,,

कुछ देर बाद भाभी ने सन्नी के लंड को मुँह से निकाला ऑर सन्नी के उपर चढ़ गई ऑर अपनी टाँगे खोल
कर सन्नी के लंड के करीब अपनी चूत करके अपने हाथ से सन्नी के लंड को पकड़ा ऑर अपनी चूत मे घुसा
लिया ,,,,,,लंड अंदर जाते ही भाभी की एक तेज सिसकी निकल गई वो मस्ती मे आआआआहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
करने लगी ऑर हल्के से सन्नी के लंड पर अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी लेकिन भाभी इस खेल मे नई थी
शायद उस से खुद अपनी चूत चुदवाइ नही जा रही थी ,,,सन्नी भी इस बात को भाँप गया था उसने खुद अपनी
कमर को बेड से उपर उठाना शुरू कर दिया ऑर भाभी की चूत को चोदने लगा,,,भाभी ने भी रेस्पॉन्स 
देते हुए अपनी कमर को हल्के से उपर नीचे करके सन्नी का साथ देना शुरू कर दिया ऑर सन्नी की चेस्ट पर
अपने हाथ रखकर सन्नी के निपल्स को मसल्ने लगी साथ ही अपने लिप्स को सन्नी के लिप्स पर रख कर किस करने
लगी,,सन्नी भी मस्ती मे अपनी स्पीड तेज करके अपनी कमर को बेड से उपर उठा कर भाभी की चूत चोदने
लगा ,,,,

सन्नी को मज़ा तो आ रहा था लेकिन ज़्यादा नही ,,क्यूकी उसके हाथ बढ़े हुए थे ऑर वो भाभी को
अपनी बाहों मे भरके चोदना चाहता था उसने नंगे जिस्म को टच करके महसूस करना चाहता था 
इसलिए वो अपने हाथों को ज़ोर से झटके लगा ताकि उसके हाथ खुल जाए लेकिन भाभी ने उसके हाथ बड़ी मजबूती 
से बाँध रखे थे जिसको खोल पाना सन्नी के बस मे नही था ,सन्नी बँधे हाथों से अपनी स्पीड को ऑर
ज़्यादा तेज नही कर पा रहा था ऑर ना ही भाभी को अपनी स्पीड तेज करने मे कोई कामयाबी मिल रही थी ,,जल्दी ही
सन्नी ने भी अपनी स्पीड स्लो करदी ऑर जब भाभी को इस बात का एहसास हुआ ऑर उनकी मस्ती कम होने लगी तो
भाभी ने अपने हाथ को आगे बढ़ा कर सन्नी के एक हाथ को खोल दिया ऑर सन्नी ने अपने हाथ के खुलते ही
उस हाथ को भाभी की पीठ पर रख दिया ,,तभी भाभी ने सन्नी के दूसरे हाथ को भी खोल दिया लेकिन सन्नी
ने उस हाथ को भाभी की पीठ पर नही रखा बल्कि उस से अपनी आँखों पर लगी पट्टी खोलने लगा ,,लेकिन 
भाभी ने जल्दी से उसके हाथ को पकड़ लिया ऑर उसको पट्टी खोलने से मना कर दिया ,,,,,,,,सन्नी ने भी दोबारा 
कोशिश नही की पट्टी खोलने की ओर अपने हाथ को भाभी की पीठ पर रख दिया ऑर भाभी को अपनी बाहों मे
भरके तेज़ी से अपनी कमर को उपर नीचे करने लगा ,,
 
हाथ खुलते ही सन्नी ने एक दम से अपनी स्पीड को तेज कर दिया था जिस से भाभी को फुल मस्ती चढने लगी ऑर
उनके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हहयययययययययययययईईईईईईईई वो सिसकियाँ तो ले रही थी लेकिन कुछ बोल नही रही थी लेकिन सन्नी
के लिए तो उनकी सिसकियाँ ही काफ़ी थी क्यूकी भाभी की सिसकियाँ सुनकर सन्नी ऑर भी ज़्यादा मस्त हो गया ऑर पूरी 
रफ़्तार से भाभी की चूत को चोदने लगा,,,,अब भाभी को भी एहसास हो गया कि उसके हाथ बँधे रहते तो
वो इतनी दमदार चुदाई नही कर सकता था ,,भाभी को अपनी ग़लती का एहसास हो गया क्यूकी भाभी को ऐसा कुछ
करना नही आता था कैसे उपर बैठ कर चुदाई करवाते है शायद उन्होने सूरज के साथ कभी ऐसा नही किया
था सन्नी को भी इस बता का पता चल गया था क्यूकी तभी तो भाभी उसके उपर बैठ कर खुद को चुदवा 
नही पा रही थी,,

सन्नी भाभी की पीठ पर हाथ रखके अपनी कमर को बेड से उपर उठा उठा कर भाभी की चूत मे तेज 
झटके मारता हुआ अपने लंड को भाभी की चूत की जड़ तक घुसा रहा था ऑर भाभी को पूरा मज़ा दे रहा
था ,,भाभी भी बदले मे अपने हाथों से सन्नी की निपल्स को अपनी उंगलियों मे दबा कर कभी हल्के से तो
कभी ज़ोर से मसल कर सन्नी को मस्त कर रही थी साथ ही सन्नी के लिप्स मे अपने लिप्स जकड कर किस कर रही थी,,


आज भाभी का अंदाज़ कुछ अलग लग रहा था सन्नी को ऑर इसी बात से सन्नी ज़्यादा ही मस्त हो रहा था क्यूकी 
आज भाभी उसका पूरा साथ दे रही थी जबकि उस दिन बुटीक पर सारी मेहनत सन्नी को खुद ही करनी पड़ 
रही थी,,,,काफ़ी टाइम सन्नी ऐसे ही बेड से कमर उछाल उछाल कर भाभी की चूत मारता रहा फिर कुछ देर बाद
सन्नी उपर उठने लगा ऑर भाभी को पीठ से पकड़ कर सहारा देते हुए उठकर बैठ गया लेकिन इस दौरान ना
तो उसका लंड भाभी की चूत से बाहर निकला था ऑर ना भाभी ने अपने लिप्स सन्नी के लिप्स से दूर किए थे,,


सन्नी उठकर बैठ गया ऑर अपने हाथों को भाभी की पीठ से हटा कर भाभी की कमर पर रख दिए ऑर 
भाभी की कमर को तेज़ी से आगे पीछे करके भाभी की चूत को अपने लंड पर आगे पीछे करने लगा,,,भाभी 
ने भी उसका साथ देते हुए अपनी दोनो टाँगों को सन्नी की पीठ पर कस दिया ऑर खुद को सन्नी के लंड पर'
आगे पीछे करने की कोशिश करने लगी ऑर भाभी की ये कोशिश कामयाब भी हो गई ,,,सन्नी की पीठ पर 
टाँगों की मजबूत पकड़ से भाभी को सन्नी के लंड पर अपनी चूत आगे पीछे करने मे सफलता प्राप्त
हो गई ,सन्नी भी भाभी की इस हरकत से खुश हो गया ऑर भाभी को उनकी गान्ड से पकड़ कर तेज़ी से आगे पीछे
करते हुए भाभी को पागलो की तरह किस करने लगा,,भाभी भी मस्ती मे उसी अंदाज़ से सन्नी को किस का 
रेस्पॉन्स देने लगी ऑर साथ ही अपने हाथ सन्नी की निपल्स से हटा कर सन्नी की पीठ पर ले गई ऑर सन्नी को
बाहों मे भरके एक तो सन्नी की पीठ पर हाथ से सहलाने लगी ऑर उपर से हल्की पकड़ बना कर खुद को
ऑर भी ज़्यादा तेज़ी से सन्नी के लंड पर आगे पीछे करने की कोशिश करने लगी ऑर ये कोशिश भी कामयाब हो गई


अब तक सन्नी फुल मस्ती मे आ चुका था ऑर अब उस से ज़्यादा रुका नही जा रहा था उसने भाभी को पीठ
से पकड़ा ऑर बेड पर पीछे की तरफ झुकने लगा ,,कुछ पल मे ही भाभी पीठ के बल बेड पर लेट गई थी ऑर
सन्नी उसके उपर था लेकिन इस दौरान भी सन्नी का लंड भाभी की चूत से नही निकला था ऑर ना ही भाभी
के लिप्स सन्नी के लिप्स से दूर हुए थे वो अभी भी एक दूसरे को किस कर रहे थे ऑर एक दूसरे के लिप्स को चूस
चूसने का उसका स्वाद ले रहे थे लेकिन अब सन्नी भाभी के उपर आ गया था ऑर उपर आते ही सन्नी ने खुद
भाभी को चोदना शुरू कर दिया था जिस वजह से उसकी स्पीड चरम रफ़्तार तक पहुँच गई थी ऑर उसकी
मस्ती भी बहुत ज़्यादा हो गई थी उसी मस्ती मे उसने भाभी को खा जाने वाले अंदाज़ मे किस करना शुरू 
कर दिया था अब वो कुछ ज्याद ही पागल हो गया था ऑर उसके पागलपन ने भाभी को भी कुछ ज़्यादा मस्त कर
दिया था भाभी ने भी उसको कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ओर जबरदस्त तरीके से उसको किस करने लगी थी,,
भाभी मस्ती मे इस कदर पागल हो गई थी कि सन्नी की पीठ पर नाख़ून से खुरचने लगी थी जिस वजह से
सन्नी को हल्का दर्द होने लगा था लेकिन उसको इस दर्द मे ऑर भी ज़्यादा मज़ा आने लगा था क्यूकी ये दर्द कुछ
मीठा मीठा ऑर मस्त करने वाला था,,,,सन्नी ने अपने हाथ बेड पर टिका दिए ऑर भाभी के बदन से थोड़ा
उपर उठ गया जिस वजह से भाभी ऑर सन्नी के लिप्स एक दूसरे से दूर हो गये थे लेकिन भाभी के हाथ अभी
भी सन्नी की पीठ पर थे ,,,,लेकिन सन्नी के उपर उठने की वजह से वो हाथ पीठ से खिसक कर सन्नी की
कमर पर दोनो तरफ आ गये थे,,भाभी ने अपने हाथ सन्नी की कमर से हटा कर उसकी चेस्ट पर रख
दिए ऑर उसकी निपल्स को मसल्ने लगी ,,,
 
सन्नी के हाथ बेड पर थे ऑर उसका बदन भाभी के बदन से उपर उठ गया था जिस वजह से सन्नी को अपनी
स्पीड तेज करने मे आसानी हो गई थी ऑर उसके ऐसा ही किया उसने अपने लंड को पूरी तेज़ी से भाभी की चूत मे
पेलना शुरू कर दिया ऑर देखते ही देखते वो पूरी रफ़्तार पर आ गया ,,,बार बार पोज़ बदलने से सन्नी की 
आँखों पर बँधी हुई पट्टी वहाँ से खिसक कर थोड़ी उपर हो गई लेकिन भाभी ने जल्दी से उसकी पट्टी को
फिर से सही जगह पहुँचा दिया ,,सन्नी को अब पट्टी की कोई फ़िक्र नही थी उसको भाभी को देखना भी नही
था क्यूकी अब तो वो फुल मस्ती मे आ चुका था ऑर पूरी तेज़ी से भाभी को चोद रहा था भाभी भी काफ़ी
टाइम से चुद रही थी ऑर अब उनकी सिसकियाँ भी तेज हो गई थी पहले तो सन्नी लगातार चुदाई करते हुए उनके
लिप्स पर किस कर रहा था इसलिए उनकी सिसकियाँ नही निकल रही थी लेकिन अब सन्नी ऑर भाभी के लिप्स आज़ाद थे
ऑर भाभी तेज़ी से सिसकियाँ ले रही थी तभी कुछ टाइम बाद भाभी की सिसकियाँ कुछ ज़्यादा ही तेज हो गई ऑर एक ही
पल बाद भाभी की चूत ने पानी निकालना शुरू कर दिया जिसका गर्म गर्म एहसास सन्नी को अपने लंड पर 
होने लगा ऑर सन्नी की मस्ती बढ़ने लगी ऑर साथ ही उसकी स्पीड भी,,अब सन्नी ने स्पीड के साथ अपने धक्के
को भी तेज ऑर जोरदार कर दिया था भाभी की चूत से अभी भी पानी निकल रहा था जिस वजह से चूत काफ़ी
चिकनी हो गई थी सन्नी के तेज धक्के से जब भी सन्नी का लंड चूत पर टकराता तो पकच्छ पकच की आवाज़
होने लगती जिसका एक अलग ही शोर पेदा होने लगा था रूम मे ऑर सन्नी को मस्त करने लगा था ,,तभी सन्नी 
की सिसकियाँ भी निकलने लगी ऑर उसकी स्पीड स्लो हो गई लेकिन धक्का ऑर भी ज़्यादा जबरदस्त हो गया उसका लंड
पूरे ज़ोर से भाभी की चूत की जड़ तक घुसने लगा भाभी की सिसकियाँ तो निकल रही थी लेकिन उसमे अब एक हल्का
मीठा दर्द भी शामिल हो गया था ,,अच्छी बात थी सन्नी झड़ने वाला हो गया था अगर कहीं उसको अभी ज़्यादा
टाइम लगने वाला होता तो भाभी की जान निकल जाती यहॉ सोच सोच कर भाभी खुश होने लगी ऑर सन्नी की
निपल्स को थोड़ा ज़ोर से अपने हाथ मे लेके दबाने लगी सन्नी को भी दर्द तो हो रहा था लेकिन अब वो मस्ती
के सातवे आसमांं तक पहुँच गया था जहाँ दर्द को कोई जगह बाकी नही रह गई थी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह करते हुए
तेज सिसकियों के साथ ही सन्नी ने अपने लंड का पानी भाभी की चूत मे छोड़ना शुरू कर दिया जिस का गर्म
एहसास भाभी को दिल ही दिल मे खुश करने लगा जब तक सन्नी के लंड से निकलने वाले पानी की लास्ट ड्रॉप तक नही
गिर गई भाभी की चूत मे तब तक सन्नी हल्के हल्के धक्के लगाता रहा ऑर जब सन्नी का काम हो गया तो वो
बेड पर एक साइड गिर गया ऑर तेज़ी से हाँफने लगा ,,,उधर भाभी के भी यही हाल था वो भी पूरी तेज़ी से हाँफ रही
थी ऑर अपनी सांसो को स्थिर करने की कोशिश कर रही थी,,,



मैं बेड पर नंगा लेटा हुआ था साथ मे भाभी भी लेटी हुई थी लेकिन जब साँसे थमी ऑर हालत कुछ ठीक हुई 
तो मुझे बेड पर किसी ऑर के होने का एहसास नही हो रहा था ,,,,रूम मे सन्नाटा था यहाँ तक कि भाभी की 
साँस लेने की आवाज़ भी नही आ रही थी ,,,मैने अपनी आँखों पर लगी पट्टी नही उतारी बस अपने हाथ को बेड
पर आगे की तरफ ले गया ऑर बेड पर भाभी को टटोलने लगा लेकिन मेरा हाथ किसी चीज़ को टच नही हो रहा
था मतलब भाभी बेड पर नही थी ,,,तभी मेरे हाथ पर कुछ गीला गीला लग गया ऑर चिपचिपा भी हो ना हो 
ये मेरा स्पर्म होगा जो भाभी की चूत से निकल कर बेड पर गिर गया होगा,,,मैं उठकर बैठ गया ऑर अपनी
एक आँख से पट्टी को थोड़ा उपर उठा दिया ऑर बेड की तरफ देखने लगा लेकिन मुझे कुछ भी नज़र नही आ रहा
था हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था क्यूकी मेरी आँखों पर काफ़ी टीएम से पट्टी बँधी हुई थी ,,,


में अपनी एकआँख को हल्के हाथ से मलने लगा ऑर बीच बीच मे थोड़ा झपकाने भी लगा फिर कुछ देर बाद मुझे 
हल्का हल्का नज़र आने लगा,,,मैने बेड पर देखा तो भाभी वहाँ नही थी ,,मैने अपने हाथ की तरफ देखा
तो उसमे मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,मैने बेडशीट पर देखा तो बेड शीट काफ़ी गीली हो गई थी सिर्फ़ मेरे स्पर्म
की वजह से नही भाभी की चूत का पानी भी तो निकला था,,,मैने अपनी एक आँख से रूम मे इधर उधर देखा 
बट रूम मे मेर अलावा कोई ऑर नही था ,,,ज़मीन पर मेरे ऑर भाभी के कपड़े बिखरे पड़े थे,,,मैने
अपने हाथ से दूसरी आँख से भी पट्टी हटाने की कोशिश की लेकिन तभी बाथरूम का दरवाजा खुला ऑर भाभी
बाहर आ गई ,,वो एक दम नंगी थी,,वो बाथरूम से खुद को सॉफ करके बाहर निकल रही थी तभी उनकी नज़र
मेरे पे पड़ी मैं उनको एक आँख से देख रहा था ,,,,वो जल्दी से शरमा कर वापिस बाथरूम मे भाग गई ,,

अब दूसरी आँख से पट्टी मत निकालना सन्नी,,,,,,,,,,,बाथरूम के अंदर से भाभी ने मुझे आवाज़ दी,,,,

मैं चुप रहा ऑर बाथरूम की तरफ एक आँख से देखने लगा ,,,
 
तभी कुछ देर बाद भाभी फिर बाथरूम से बाहर निकल आई लेकिन इस बार वो नंगी नही थी उनके जिस्म
पर एक टवल था जिसको उन्होने अपने बूब्स से लेके चूत के थोड़ा सा नीचे तक बँधा हुआ था लेकिन फिर
भी वो शरमा रही थी,,,,,

मैं अभी भी उनको एक आँख से देख रहा था लेकिन मैने दूसरी आँख से पट्टी नही उठाई थी,,,,

तुझे कहा था ना पट्टी मत उतारना,,,भाभी ने मेरे पास आके मेरी आँख पर लगी पट्टी को वापिस नीचे किया ऑर
मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा,,,,

अरे भाभी अब इतना क्यूँ शरमाती हो ,,मैं पहले भी तो आपको ऐसी हालत मे देख चुका हूँ ऑर आपके साथ
सब कुछ कर चुका हूँ फिर भला अब ये शर्म कैसी,,,,,,,,,

तब हालात कुछ ऑर थे उस दिन सन्नी मैं मजबूर थी वो सब करने को,,,भाभी ने मेरे पास बैठ
कर मेरे हाथ को अपने हाथ मे ले लिया,,,,वैसे थोड़ी मजबूर भी थी तेरी वजह से

अच्छा तो आज भी आप मजबूर थी ऑर वो भी मेरी वजह से,,,,

हाँ आज भी मजबूर थी ऑर मजबूर नही भी थी,,,,,आज तो मेरा दिल कर रहा था तेरे से मिलने को ,,,तभी तो,,,
तभी तो क्या भाभी,,,,

तभी तो तुझे झूठ बोल कर यहाँ बुलाया था ,,तबीयत ठीक नही होने का बहाना किया था,,,इतना बोलकर 
भाभी हँसने लगी,,,,

मैं भी दिल ही दिल मे हँसने लगा,,,,,लेकिन उपर उपर से नाटक करने लगा,,,,

क्या भाभी अपने झूठ बोलकर मुझे यहाँ बुला लिया ऑर वहाँ पता है कितनी इंपॉर्टेंट क्लास मिस हो गई मेरी

अच्छा कॉलेज की क्लास इंपॉर्टेंट थी ऑर मैं इंपॉर्टेंट नही हूँ क्या तेरे लिए,,,,क्या वहाँ क्लास मे ही मज़ा 
आता तेरे को ओर यहाँ मज़ा नही आया क्या,,,,

ऐसी बात नही है भाभी कॉलेज की क्लास से ज़्यादा इंपॉर्टेंट तो आपकी क्लास है जिसमे कॉलेज से ज़्यादा मज़ा आया
मुझे लेकिन अपने मज़ा थोड़ा किरकिरा भी कर दिया आज,,,,

मज़ा किरकिरा कर दिया,,भाभी थोड़ा उदास हो गई,,,लेकिन मैने तो तेरे को ससप्राइज़ दिया तुझे सर्प्राइज़ अच्छा 
नही लगा क्या,,,भाभी सच मे उदास होके बोल रही थी,,,

कॉन्सा सुरप्राइज़ भाभी,,,,

कॉन्सा सर्प्राइज़,,ये भी बताना पड़ेगा क्या अब मुझे सन्नी,,,

मैने भाभी के फेस की तरफ अपना फेस किया ऑर भाभी के गाल पर किस करदी ,,

इतने प्यार से मैने आज तेरा लंड चूसा ऑर तुझे सर्प्राइज़ दिया ऑर तू पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,उस दिन तो
मैं तेरा लंड ठीक से चूस नही पाई थी क्यूकी अंजान थी इन सब बातों से इसलिए आज मोका देख कर तुझे 
झूठ बोलके यहाँ बुलाया ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे उस दिन के लिए थन्क्ष्क्ष्क्ष बोल सकूँ लेकिन तू है
की पूछता है कॉन्सा सर्प्राइज़,,,,,भाभी ने फिर से थोड़ा उदास होके बोला,,,,

अच्छा तो आप उस सर्प्राइज़ की बात कर रही हो मुझे लगा कि ये आँखों पर पट्टी वाली बात को आप सर्प्राइज़ बोल 
रही हो ,,,,मैं तो इस पट्टी वाली बता को बोरिंग बोल रहा था भाभी इसी ने तो सारा मज़ा किरकिरा किया है जिस
वजह से मैं आपके खूबसूरत ऑर नंगे जिस्म को जी भरके नही देख पाया,,,आपका वो लंड चूसने वाला 
सर्प्राइज़ तो बहुत अच्छा लगा मुझे ओर आज तो अपने बहुत अच्छे से चूसा मेरे लंड को भाभी सच मे बहुत 
मज़ा आया मुझे,,,,

तभी भाभी खुश हो गई ऑर मेरे सीने से लग गई,,सच मे सन्नी तुझे मज़ा आया जब मैने तेरा लंड चूसा
मुझे तो लगा था आज मैं ठीक से नही कर पाउन्गी थोड़ा दर भी रही थी क्यूकी कभी ऐसा नही किया मैने 
आज तक,,,सबसे पहला लंड तेरा है जिसको मैने मुँह मे लिया,,,,

क्यू भाभी सूरज भाई का लंड नही लिया क्या कभी मुँह मे ,,,,,

नही सन्नी वो ऐसा कुछ नही करते बस मैं नीचे लेट जाती हूँ ऑर वो उपर आके 2 मिनट मे अपना काम 
करते है ऑर सो जाते है ,,ना तो कभी मेरी चूत को चाटते है ऑर ना कभी आज तक उन्होने मुझे अपना लंड
चुस्वाया है ऑर मैं भी इन सब बातों से अंजान थी अभी तक ,,वो तो उस दिन तुझे ऑर शोभा को ऐसा करता
देख एक अलग ही मज़ा आया मुझे,,,इसलिए तो तुझे यहाँ बुलाया है मैने,,,ताकि तेरा लंड चूस सकूँ ऑर तुझे
खुश कर सकूँ,,,

भाभी मुझे खुशी तो हुई पर इस पट्टी ने मज़ा खराब कर दिया,,,,क्या अब इसको उतार दूं मैं,,,,

नही सन्नी इसको मत उतरना प्लीज़ इस पट्टी की वजह से मैं तुम्हारे साथ हूँ इसी पट्टी ने तो मेरी हिम्मत
बढ़ाई है आज ऑर मैं इतना सब कुछ कर सकी हूँ,,,वर्ना मेरी तो कभी हिम्मत ही नही होती तेरे सामने यू 
कपड़े उतारने की,,,, ऑर अगर ये पट्टी उतर गई तो मैं यहाँ से चली जाउन्गी ऑर तुझे तेरा दूसरा सर्प्राइज़ भी 
नही दूँगी,,,,इतना बोलकर भाभी थोड़ा हँसने लगी,,,

कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़ भाभी,,,मैने एक्सिट्मंट मे पूछा,,

क्यू बताऊ कॉन्सा सर्प्राइज़ ,,तूने तो पट्टी उतारनी है ना आँखों से तो उतार दे ,,,

नही उतारता इस पट्टी को भाभी लेकिन जल्दी बताओ ना कॉन्सा दूसरा सर्प्राइज़,,

तभी भाभी बेड से उठी ऑर शायद खड़ी हो गई थी उन्होने ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया
मैं तो एक दम से खुश हो गया था क्या मस्त गान्ड थी उनकी ऑर उसके उपर आयिल भी लगा हुआ था जो भाभी 
शायद बाथरूम से लगा कर आई थी ,,मैने भाभी की चिकनी आयिल लगी गान्ड पे हाथ घमाया ऑर हलके से अपनी
एक उंगली भाभी की गान्ड के हॉल के करीब करदी गान्ड पर बहुत ज़्यादा आयिल लगा हुआ था जिस से उंगली फिसल कर
गान्ड मे घुस गई ऑर भाभी के मुँह से हल्की अयाया निकल गई,,,,,,,,ऑर इधर मेरा लंड फिर से ओकात मे आ 
गया,,,,,

क्यू कैसा लगा दूसरा सर्प्राइज़ ,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ गान्ड से हटा दिया ऑर मेरे लिप्स पर किस
करने लगी,,,,किस करते हुए भाभी ने मुझे वापिस बेड पर लेटा दिया ऑर खुद मेरे उपर आ गई जब मैं 
बेड पर लेट गया तो भाभी ने फिर से मेरे हाथ बाँधने की कोशिस की,,,,

अरे भाभी आँखों पर पट्टी तो ठीक है लेकिन ये हाथ क्यू बाँध रही हो,,इनको तो खुले रहने दो,,,,

नही सन्नी हाथ भी बाँधने ज़रूरी है क्यूकी इसका भी एक अलग ही मज़ा है ऑर वैसे भी अब मैं काफ़ी कुछ 
सीख चुकी हूँ तेरे ऑर शोभा से अब मैं सब ठीक से कर लूँगी,,,

लेकिन भाभी पहली बार भी ठीक से नही हुआ था आपसे तो अब कैसे होगा ,,पहले भी आपको मेरे हाथ खोलने
पड़े थे,,,,

ठीक है अगर इस बार भी मेरे से सही से नही हुआ तो मैं तेरे हाथ खोल दूँगी लेकिन अभी तो बाँधने दे

फिर मैं कुछ नही बोला ऑर आराम से लेट गया भाभी ने मेरे हाथ फिर से बाँध दिए ऑर एक पल के लिए मेरे
से दूर हट गई ऑर वापिस मेरे करीब होके मुझे किस करने लगी ऑर किस करते हुए मेरे उपर लेट गई,,,

भाभी अब फिर से नंगी हो गई थी उन्होने टवल निकाल दिया था ,,उनका नंगा जिस्म मेरे नंगे जिस्म पर 
महसूस करके मैं फिर से मस्त हो गया था लंड तो पहले से ओकात मे आ गया था जब हाथ भाभी की आयिल
वाली चिकनी गान्ड पर रखा था लेकिन अब तो लंड मे हल्का दर्द होने लगा था मैं बस जल्दी से अपने लंड
को भाभी की गान्ड मे घुसा देना चाहता था,,,

लेकिन भाभी को कोई जल्दी नही थी जबकि मुझे डर लग रहा था कहीं खेल ख़तम होने से पहले कविता नही
आ जाए कॉलेज से,,,,

भाभी मेरे उपर लेट कर मुझे किस करते हुए मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगी,,,,मैं भी भाभी को पूरी
मस्ती से किस का रेस्पॉन्स देने लगा ,,,,,

हाई कितना मज़ा आता है तेरे साथ ऐसे नंगे होके लेटने मे सन्नी ,,जी करता है सारा दिन तेरे साथ ऐसे ही बेड
पर लेटी रहूं ऑर तेरे जिस्म से खेलती रहूं,,,तेरे मूसल लंड को चूत मे लेके बेड पर सोती रहूं सारा दिन,,,


जो दिल करता है करो भाभी ऑर जितना टाइम मेरे साथ सोना है आराम से सोती रहो मुझे कोई प्राब्लम नही है,,

तुझे नही है लेकिन मुझे तो है ना,,,,कभी भी कोई भी आ सकता है ,,

कों आ सकता है भाभी,,,,,कविता अभी कॉलेज मे होगी ऑर सूरज भाई ऑफीस मे,,,अपनी सास ऑर ससुर तो बाहर सिटी
मे है तो फिर कॉन आ सकता है,,,,

उनमे से तो कोई नही आ सकता बट कोई ऑर भी तो आ सकता है ना,,,जैसे कोई पड़ोसी या कोई ऑर,,,

अरे भाभी पड़ोसी घर के अंदर तो नही आएगा ना ऑर वो कॉन्सा रोज रोज आएगा,,,रोज रोज का डर तो घरवालो का
होता है,,,,,

हाँ सन्नी ठीक कहा तूने ,,,,काश कुछ ऐसा हाल हो जाए इस मुश्किल का कि हम दोनो जब दिल करे तब मस्ती कर 
सके किसी घर वाले के आने का भी डर नही हो,,,काश किसी तरह से ये मसला हल हो जाए तो हम दोनो जब दिल
करे तब मस्ती कर सकते है वो भी बिना किसी डर के,,,,लेकिन इतनी किस्मत कहाँ इतनी जल्दी ऑर इतनी आसानी से ये मसला हल होने वाला कहाँ,,,,


मैने दिल ही दिल मे सोचा कि भाभी आप कविता को इस खेल मे शामिल कर लो फिर सब ठीक हो जाएगा क्यूकी वही
है जो कॉलेज से जल्दी आ जाती है सूरज भाई तो रात को ही आता है,,अगर कविता खेल मे शामिल हो गई तो हम सूरज
भाई के आने तक तो मस्ती कर ही सकते है ऑर वो भी सारा दिन,,बिना किसी डर के,,,,

हाँ भाभी ये मुश्किल इतनी जल्दी ऑर आसानी से हल होने वाली कहाँ है,,,ओर वैसे भी इस मुश्किल को आपको ही हल करना होगा ,,मैं इसमे कोई हेल्प नही कर सकता आपकी,,,,

जानती हूँ सन्नी लेकिन मुझे समझ नही आता कैसे हल होगी ये मुश्किल ,,,,

चलो छोड़ो भाभी जब हल होगी तब होगी अभी तो हम लोग मस्ती करते है अब भला क्यू फालतू की टेन्षन लेके
टाइम वेस्ट करना,,,,मैने अभी इतना बोला ही था कि भाभी फिर से मेरे लिप्स पर किस करने लगी ऑर अब भाभी 
ने मेरे लंड को भी हाथ मे ले लिया था जो पूरी ओकात मे आ गया था,,,
 
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