hotaks444
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देखो अब कैसे लड़की की तरह शरमा रहा है जब मेरी गान्ड मार रहा था तब कहाँ गई थी तेरी ये शर्म करण
बेटा,,तब तो बड़ी दमदार चुदाई कर रहा था खूब ज़ोर से बजा बजा रहा था मेरी गान्ड का ,,अब क्यू शर्मा
रहा है,,,बोल मज़ा आया क्या आंटी की गान्ड मार के,,,,
सरिता करण से सवाल कर रही थी लेकिन करण चुप था ऑर थोड़ा डर भी रहा था,,,,
अब क्यू डर रहे हो करण ,,शोभा ने बोला,,,,,,अब तो सब हो गया अब डरने की क्या बात बोलो मेरी माँ की गान्ड
मार के मज़ा आया या नही,,,बोलो ना शरमा क्यू रहे हो,,,,,
इतने मे सरिता उठ कर करण के पास चली जाती है ऑर करण के पास जाके लेट जाती है,,,,शोभा भी उसके पास जाती है तो शोभा का मामा थोड़ा पीछे हटके अपने ओर करण के बीच जगह बना लेता है जहाँ शोभा जाके लेट जाती है,,,,
उन चार लोगो को बेड छोटा पड़ रहा था सब एक दूसरे से चिपके हुए थे,,,,
शोभा जब मामा के पास जाके लेटी तो मामा ने उसके बूब्स को अपने हाथ मे पकड़ लिया ओर पीछे से अपने आधे खड़े
लंड को उसकी गान्ड पर रगड़ने लगा,,,
उधर सरिता ने करण के पास लेट कर करण की चेस्ट पर हाथ फेरते हुए बोला,,,,,,बोलो बेटा मज़ा आया या नही आंटी
की गान्ड मार कर,,,करण ने शरमा कर अपने फेस को शोभा की तरफ कर लिया लेकिन शोभा ने उसके फेस को वापिस अपनी माँ की तरफ मोड़ दिया,,,
शरमा क्यू रहे हो बेटा बोलो ना मज़ा आया नही नही आंटी के साथ चुदाई करके,,,
करण अभी भी डर रहा था तभी सरिता ने उसके फेस को अपने हाथ मे पकड़ा ओर उसके लिप्स पर किस करने लगी ,,
करण वैसे तो डर रहा था लेकिन सरिता के किस का रेस्पॉन्स देने मे उसको एक पल का भी टाइम नही लगा बल्कि वो तो
सरिता से भी ज़्यादा उतावला होके किस का रेस्पॉन्स देने लग गया था,,,,,
किस करने से नही डरता तो जवाब देने से क्यू डरता है,,,,बोल ना मज़ा आया या नही,,,,,
हां आंटी म्मांज़्जा आय्या म्मूुझही,करण ने डरते हुए सहमी आवाज़ मे बोला,,,,,
डरते क्यू हो ज़रा खुल कर बोलो,,,इतना बोलकर सरिता ने करण के हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया जिस से करण की
हिम्मत थोड़ी बढ़ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हाँ आंटी मज़ा आया मुझे ,,,
सिर्फ़ मज़ा आया ,ऑर कुछ नही,,,,,,,,,,,
मज़ा नही आंटी बहुत मज़ा आया,,,,,
अच्छा कहाँ मज़ा आया बता ज़रा,,,,,,,,,सरिता ने हँसते हुए पूछा,,,,,
उूओ वूऊ आंटी,,,
देख अभी फिर से डरने लगा तू,,,,बोल ना डर मत जैसे सन्नी है वैसे ही तू भी मेरा बेटा है,,,अब डर मत बोल
कितना मज़ा आया ऑर कहाँ ज़्यादा मज़ा आया ,,,,,,,,,,
वू वूऊ आंटी मुझे बहुत मज़ा आया ,,,
अच्छा कहाँ मज़ा आया ज़्यादा ये तो बता,,,,,सरिता फिर हँसने लगी,,,,
अरे माँ क्यू तंग कर रही हो बच्चे को,,,,इतना परेशान मत करो,,,,शोभा भी हँसने लगी,,,
अरे परेशान कहाँ कर रही हूँ मैं तो पूछ रही हूँ कहाँ ज़्यादा मज़ा आया इसको,,ये है कि बता ही नही रहा,,,,
तभी सरिता ने करण के लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी,,कारण का लंड जो अभी तक सो रहा था सरिता के हाथ लगते ही फुल मस्ती मे आने लगा,,,,,,,,,,,,,
देखा लंड खड़ा करने से नही डर रहा लेकिन बोलने से डर लग रहा है इसको,,,,,
मुझे आपकी गान्ड मार के ज़्यादा मज़ा आया,,,करण एक दम से मस्ती मे बोल गया,,,,,,
सिर्फ़ गान्ड मे मज़ा आया चूत मे नही,,,,सरिता ने फिर हँसके पूछा,,,,
नही आंटी दोनो तरफ मज़ा आया,,,,चूत मे भी ऑर गान्ड मे भी लेकिन ज़्यादा मज़ा गान्ड मे आया,,,,
अच्छा ऑर क्या करने मे मज़ा आया,,,,,ज़रा खुलके बता बेटा,,,,,,
आपके बड़े बड़े बूब्स को मसल्ने मे भी मज़ा आया,,,,
करण बोलता जा रहा था ऑर सरिता मस्तीमे उसकी बातें सुनती हुई उसके लंड को हाथ मे लेके मसल्ति जा रही थी ऑर उसी मस्ती मे करण ऑर ज़्यादा बोलने लगा था उसका डर अब तक छू मंतर हो गया था,,,,
पहले कभी इतना मज़ा आया है किसी के साथ,,,,,,,,,,,,,
नही आंटी पहले इतना मज़ा कभी नही आया,,,,
तभी शोभा बोल पड़ी,,,,कमिने जब मेरी ऑर शिखा की चुदाई करता है तब भी यही बोलता है तू ऑर आज मेरी माँ को खुश करने क लिए भी झूठी तारीफ कर रहा है,,,,,,,,
नही दीदी तारीफ नही कर रहा आप जवान हो खूबसूरत हो जबकि आंटी पुरानी खिलाड़ी है ऑर उनके बूब्स ऑर गान्ड
काफ़ी भारी ऑर मस्त है आपकी ऑर शिखा दीदी की तुलना मे ,,इसलिए बोल रहा हूँ इनके साथ ज़्यादा मज़ा आया,,,,लेकिन आपके साथ भी कम मज़ा नही आता,,,,,,,,
करण अभी बोल ही रहा था तभी सरिता बीच मे बोलने लगी,,,,,,,,हे राम तू शिखा को भी चोद चुका है,,,अपनी
बेहन को,,,,,,,,,
हाँ माँ ये शिखा ऑर मुझे पहले चोद चुका है ,,,अब तो ये अपनी माँ को चोदना चाहता है,,,,,
सच मे करण बेटा अब तू अलका की यानी अपनी माँ की गान्ड मारना चाहता है क्या,,,,
करण चुप रहा कुछ नही बोला,,,,,
शोभा ये लड़का तो बड़ा हो गया है ऑर कमीना भी जो अपनी ही माँ की गान्ड मारने की तमन्ना रखता है,,,,इतना बोलकर सरिता हँसने लगी ऑर साथ ही शोभा भी,,,,,
हँसते हँसते सरिता बोली,,,,,,,,ये सब तो ठीक है लेकिन मुझे तेरे पे गुस्सा है शोभा बेटी तू पहले से इस मूसल का मज़ा ले चुकी है तो अपनी माँ को इतना लेट दर्शन क्यू करवाए इस जवान ओर जोशीले मूसल के,,,,,ओर तुझे कैसे पता चला कि ये अपनी ही माँ के बारे मे ऐसा सोचता है,,,,,,
अरे माँ मुझे तो अभी कुछ देर पहेल ही पता चला था ,,,,फिर शोभा ने सारी बात बता दी माँ को कैसे मेरा ऑर
करण का प्लान था उसकी माँ को पटाने का कैसे मैने शोभा को सब कुछ बता दिया था,,,,
अच्छा तो ये बात है ,,करण को भी अपनी बेहन क साथ साथ अपनी माँ की चुदाई करनी है,,,,,सरिता इतना बोलके हँसने लगी,,,,
हां आंटी मैं भी सन्नी की तरह अपने घर मे अपनी माँ बेहन के साथ बिना किसी डर के चुदाई करना चाहता हूँ,,,,,,,,,,जैसे आपके बूब्स बड़े बड़े है ऑर मस्त गान्ड है वैसे मेरी माँ के बड़े बूब्स ऑर मस्त गान्ड है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,इस कमिने सन्नी ने मेरे से मेरी माँ के बारे मे तो बात करली पर ये नही बताया कि ये आपको चोदता रहता है घर पे,,,,साले ने एक बार भी जिकर नही किया इस बात का,,ये तो अच्छा हुआ आज शोभा दीदी ने मुझे फ़ोन करके बुला लिया ऑर आपकी मस्त गान्ड चोदने का मोका मिला मुझे वर्ना इस सन्नी ने तो पता नही कब मोका देना था मुझे आप तक पहुँचने का,,,,
मैं समझ गया कि जब मैं दीदी को घर लेके आया था तब दीदी ने अपने मोबाइल से 2 कॉल की थी,,,एक काल की थी कामिनी भाभी को ताकि वो सोनिया को अपने घर पे बुला ले ऑर जब सोनिया एक जाने का पक्का हो गया तो दीदी ने फोन करके करण 'को यहाँ बुला लिया ,,,,
बेटा,,तब तो बड़ी दमदार चुदाई कर रहा था खूब ज़ोर से बजा बजा रहा था मेरी गान्ड का ,,अब क्यू शर्मा
रहा है,,,बोल मज़ा आया क्या आंटी की गान्ड मार के,,,,
सरिता करण से सवाल कर रही थी लेकिन करण चुप था ऑर थोड़ा डर भी रहा था,,,,
अब क्यू डर रहे हो करण ,,शोभा ने बोला,,,,,,अब तो सब हो गया अब डरने की क्या बात बोलो मेरी माँ की गान्ड
मार के मज़ा आया या नही,,,बोलो ना शरमा क्यू रहे हो,,,,,
इतने मे सरिता उठ कर करण के पास चली जाती है ऑर करण के पास जाके लेट जाती है,,,,शोभा भी उसके पास जाती है तो शोभा का मामा थोड़ा पीछे हटके अपने ओर करण के बीच जगह बना लेता है जहाँ शोभा जाके लेट जाती है,,,,
उन चार लोगो को बेड छोटा पड़ रहा था सब एक दूसरे से चिपके हुए थे,,,,
शोभा जब मामा के पास जाके लेटी तो मामा ने उसके बूब्स को अपने हाथ मे पकड़ लिया ओर पीछे से अपने आधे खड़े
लंड को उसकी गान्ड पर रगड़ने लगा,,,
उधर सरिता ने करण के पास लेट कर करण की चेस्ट पर हाथ फेरते हुए बोला,,,,,,बोलो बेटा मज़ा आया या नही आंटी
की गान्ड मार कर,,,करण ने शरमा कर अपने फेस को शोभा की तरफ कर लिया लेकिन शोभा ने उसके फेस को वापिस अपनी माँ की तरफ मोड़ दिया,,,
शरमा क्यू रहे हो बेटा बोलो ना मज़ा आया नही नही आंटी के साथ चुदाई करके,,,
करण अभी भी डर रहा था तभी सरिता ने उसके फेस को अपने हाथ मे पकड़ा ओर उसके लिप्स पर किस करने लगी ,,
करण वैसे तो डर रहा था लेकिन सरिता के किस का रेस्पॉन्स देने मे उसको एक पल का भी टाइम नही लगा बल्कि वो तो
सरिता से भी ज़्यादा उतावला होके किस का रेस्पॉन्स देने लग गया था,,,,,
किस करने से नही डरता तो जवाब देने से क्यू डरता है,,,,बोल ना मज़ा आया या नही,,,,,
हां आंटी म्मांज़्जा आय्या म्मूुझही,करण ने डरते हुए सहमी आवाज़ मे बोला,,,,,
डरते क्यू हो ज़रा खुल कर बोलो,,,इतना बोलकर सरिता ने करण के हाथ को अपने बूब्स पर रख दिया जिस से करण की
हिम्मत थोड़ी बढ़ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हाँ आंटी मज़ा आया मुझे ,,,
सिर्फ़ मज़ा आया ,ऑर कुछ नही,,,,,,,,,,,
मज़ा नही आंटी बहुत मज़ा आया,,,,,
अच्छा कहाँ मज़ा आया बता ज़रा,,,,,,,,,सरिता ने हँसते हुए पूछा,,,,,
उूओ वूऊ आंटी,,,
देख अभी फिर से डरने लगा तू,,,,बोल ना डर मत जैसे सन्नी है वैसे ही तू भी मेरा बेटा है,,,अब डर मत बोल
कितना मज़ा आया ऑर कहाँ ज़्यादा मज़ा आया ,,,,,,,,,,
वू वूऊ आंटी मुझे बहुत मज़ा आया ,,,
अच्छा कहाँ मज़ा आया ज़्यादा ये तो बता,,,,,सरिता फिर हँसने लगी,,,,
अरे माँ क्यू तंग कर रही हो बच्चे को,,,,इतना परेशान मत करो,,,,शोभा भी हँसने लगी,,,
अरे परेशान कहाँ कर रही हूँ मैं तो पूछ रही हूँ कहाँ ज़्यादा मज़ा आया इसको,,ये है कि बता ही नही रहा,,,,
तभी सरिता ने करण के लंड को हाथ मे पकड़ लिया ऑर सहलाने लगी,,कारण का लंड जो अभी तक सो रहा था सरिता के हाथ लगते ही फुल मस्ती मे आने लगा,,,,,,,,,,,,,
देखा लंड खड़ा करने से नही डर रहा लेकिन बोलने से डर लग रहा है इसको,,,,,
मुझे आपकी गान्ड मार के ज़्यादा मज़ा आया,,,करण एक दम से मस्ती मे बोल गया,,,,,,
सिर्फ़ गान्ड मे मज़ा आया चूत मे नही,,,,सरिता ने फिर हँसके पूछा,,,,
नही आंटी दोनो तरफ मज़ा आया,,,,चूत मे भी ऑर गान्ड मे भी लेकिन ज़्यादा मज़ा गान्ड मे आया,,,,
अच्छा ऑर क्या करने मे मज़ा आया,,,,,ज़रा खुलके बता बेटा,,,,,,
आपके बड़े बड़े बूब्स को मसल्ने मे भी मज़ा आया,,,,
करण बोलता जा रहा था ऑर सरिता मस्तीमे उसकी बातें सुनती हुई उसके लंड को हाथ मे लेके मसल्ति जा रही थी ऑर उसी मस्ती मे करण ऑर ज़्यादा बोलने लगा था उसका डर अब तक छू मंतर हो गया था,,,,
पहले कभी इतना मज़ा आया है किसी के साथ,,,,,,,,,,,,,
नही आंटी पहले इतना मज़ा कभी नही आया,,,,
तभी शोभा बोल पड़ी,,,,कमिने जब मेरी ऑर शिखा की चुदाई करता है तब भी यही बोलता है तू ऑर आज मेरी माँ को खुश करने क लिए भी झूठी तारीफ कर रहा है,,,,,,,,
नही दीदी तारीफ नही कर रहा आप जवान हो खूबसूरत हो जबकि आंटी पुरानी खिलाड़ी है ऑर उनके बूब्स ऑर गान्ड
काफ़ी भारी ऑर मस्त है आपकी ऑर शिखा दीदी की तुलना मे ,,इसलिए बोल रहा हूँ इनके साथ ज़्यादा मज़ा आया,,,,लेकिन आपके साथ भी कम मज़ा नही आता,,,,,,,,
करण अभी बोल ही रहा था तभी सरिता बीच मे बोलने लगी,,,,,,,,हे राम तू शिखा को भी चोद चुका है,,,अपनी
बेहन को,,,,,,,,,
हाँ माँ ये शिखा ऑर मुझे पहले चोद चुका है ,,,अब तो ये अपनी माँ को चोदना चाहता है,,,,,
सच मे करण बेटा अब तू अलका की यानी अपनी माँ की गान्ड मारना चाहता है क्या,,,,
करण चुप रहा कुछ नही बोला,,,,,
शोभा ये लड़का तो बड़ा हो गया है ऑर कमीना भी जो अपनी ही माँ की गान्ड मारने की तमन्ना रखता है,,,,इतना बोलकर सरिता हँसने लगी ऑर साथ ही शोभा भी,,,,,
हँसते हँसते सरिता बोली,,,,,,,,ये सब तो ठीक है लेकिन मुझे तेरे पे गुस्सा है शोभा बेटी तू पहले से इस मूसल का मज़ा ले चुकी है तो अपनी माँ को इतना लेट दर्शन क्यू करवाए इस जवान ओर जोशीले मूसल के,,,,,ओर तुझे कैसे पता चला कि ये अपनी ही माँ के बारे मे ऐसा सोचता है,,,,,,
अरे माँ मुझे तो अभी कुछ देर पहेल ही पता चला था ,,,,फिर शोभा ने सारी बात बता दी माँ को कैसे मेरा ऑर
करण का प्लान था उसकी माँ को पटाने का कैसे मैने शोभा को सब कुछ बता दिया था,,,,
अच्छा तो ये बात है ,,करण को भी अपनी बेहन क साथ साथ अपनी माँ की चुदाई करनी है,,,,,सरिता इतना बोलके हँसने लगी,,,,
हां आंटी मैं भी सन्नी की तरह अपने घर मे अपनी माँ बेहन के साथ बिना किसी डर के चुदाई करना चाहता हूँ,,,,,,,,,,जैसे आपके बूब्स बड़े बड़े है ऑर मस्त गान्ड है वैसे मेरी माँ के बड़े बूब्स ऑर मस्त गान्ड है जो मुझे बहुत अच्छी लगती है,,,,इस कमिने सन्नी ने मेरे से मेरी माँ के बारे मे तो बात करली पर ये नही बताया कि ये आपको चोदता रहता है घर पे,,,,साले ने एक बार भी जिकर नही किया इस बात का,,ये तो अच्छा हुआ आज शोभा दीदी ने मुझे फ़ोन करके बुला लिया ऑर आपकी मस्त गान्ड चोदने का मोका मिला मुझे वर्ना इस सन्नी ने तो पता नही कब मोका देना था मुझे आप तक पहुँचने का,,,,
मैं समझ गया कि जब मैं दीदी को घर लेके आया था तब दीदी ने अपने मोबाइल से 2 कॉल की थी,,,एक काल की थी कामिनी भाभी को ताकि वो सोनिया को अपने घर पे बुला ले ऑर जब सोनिया एक जाने का पक्का हो गया तो दीदी ने फोन करके करण 'को यहाँ बुला लिया ,,,,