Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 28 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

सूरज की गान्ड मे सच मे किसी
भी औरत की गान्ड से ज़्यादा मस्त आग लग रही थी मुझे,,,,उसकी पतली कमर को देख कर कोई भी नही कह सकता था की इस टाइम
जो मेरे सामने झुका हुआ है वो लड़का है ,,क्यूकी वो इतना स्लिम ट्रिम था जैसे कोई लकड़ी,,,,मैं भी उसी फीलिंग मे उसकी पतली
करम को हाथ मे पकड़ कर तेज़ी से उसकी गांद मारने लगा ऑर सामने से भाभी भी अपनी कमर हिला हिला कर सूरज के मूह
को चोदने लगी,,,तभी ज़्यादा मस्ती मे सूरज ने अपने छोटे से लंड को हाथ मे ले लिया ,,हाथ मे क्या उंगली मे ले लिया ऑर
हलके से मूठ मारने लगा क्यूकी उसका लंड था ही इतना छोटा कि खड़ा होता तो भी 1 इंच का ही होता,,,उसने मस्ती मे अपने
लंड को अपनी उंगलियों से पकड़ा ऑर मूठ मारने लगा ,,,उस से ज़्यादा कंट्रोल नही हुआ ऑर वो जल्दी ही झड गया,,मैने टेबल पर
उसके स्पर्म को देखा तो वो एक दम पानी की तरह सॉफ था ,,,कोई रंग नही था उसका ,,,,वो तो मुझे पैशाब ही लग रहा था जो
ज़्यादा मस्ती की वजह से निकल गया था,,,,अपना खेल ख़तम होते ही सूरज ने अपने मूह से भाभी के लंड को निकाल दिया
ऑर टेबल पर आगे बढ़ कर मेरे लंड को भी अपनी गान्ड से निकाल लिया,,,लेकिन मेरा अभी तक कुछ नही हुआ था इसलिए मैने
सूरज को फिर से पकड़ने की कोशिश की लेकिन वो आगे हो गया ऑर तभी भाभी ने भी मुझे रोक दिया,,,ऑर मेरे करीब आके
मेरे लंड को मूह मे भर लिया ,,मुझे कुछ राहत मिली तो भाभी ने मुझे वापिस सोफे पर बिठा दिया,,,ऑर हल्के हलके लंड
को चूसने लगी,,,,


करीब 3-4 मिनिट तक भाभी मेरे लंड को चुस्ती रही तब तक सूरज भी नॉर्मल हो गया ऑर हम लोगो के करीब आ गया,,

तूने मुझे खुश कर दिया सन्नी अब तू मेरी बीवी के साथ मस्ती कर सकता है ऑर मेरी तरह उसको भी खुश कर सकता है,,,


नही सूरज भाई मैं अकेला नही हम दोनो मिलकर भाभी को खुश करते है आज,,,,,

लेकिन कैसे सन्नी,,,,

तभी मैने भाभी की कमर पर बँधे हुए स्ट्रॅप-ऑन की तरफ इशारा किया,,,,भाभी जल्दी से उठकर खड़ी हो गई ऑर स्ट्रॅप-ऑन
निकाल कर सूरज की कमर पर बाँधने लगी,,,,,जब स्ट्रॅप-ऑन सूरज की कमर पर बँध गया तो मैने देखा कि सूरज की
आँखों मे आँसू आ गये ,,वो आँसू खुशी के थे या गम के नही पता,,,शायद वो अपनी इस हालत पर गुम सूम हो गया कि
उसकी कमर पर नकली लंड था या शायद वो बहुत खुश हो गया ऑर नकली लंड को अपना असली लंड समझने लगा ऑर इसी खुशी
मे उसकी आँखें नम हो गई,,,,

तभी भाभी ने सूरज की नम आँखों को देखा ऑर सूरज के आँसू सॉफ करते हुए सूरज को किस करने लगी ऑर फिर वापिस
ज़मीन पर बैठ कर सूरज के नकली लंड को मूह मे भरके चूसने लगी ऑर साथ ही अपनी उंगली से सूरज की गान्ड को सहलाने
लगी,,,मैं सोफे पर बैठ कर ये सब देख रहा था ऑर कुछ टाइम के लिए मस्ती भूल कर थोड़ा भावुक हो गया था,,लेकिन
साथ साथ अपने लंड को हल्के से सहला भी रहा था,,,,तभी मैने देखा कि सूरज अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा था
ऑर नकली लंड को भाभी के मूह मे घुसाने लगा था ,,उसको ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने असली लंड से ऐसा कर रहा था
क्यूकी आज पहली बार था जब वो अपनी कमर को ऐसे हिला रहा था वर्ना तो उसने अपने पीछे खड़े लोगो की कमर को हिलते
ही देखा था ,,,ऑर ख़ासकर अपने बाप की कमर को जो पीछे खड़ा होके उसकी गान्ड मारता था,,,,,


मैं उन लोगो को तरफ देख ही रहा था कि भाबी उठी ऑर मेरे करीब आ गई ऑर मुझे सोफे पर लेटा दिया ऑर खुद भी सोफे पर
चढ़ गई ऑर सोफे पर झुक कर अपने सर को मेरे लंड के करीब करके कुटिया बन गई ऑर मेरे लंड को मूह मे लेके चूसने
लगी,,,,इतने मे उसने सूरज को हाथ से पकड़ा ऑर अपने पीछे कर दिया ऑर सूरज ने भी पीछे से अपने लंड को भाभी की चूत
मे घुसा दिया ऑर हल्के हलके धक्के मारने लगा , ,,पहले तो वो धीरे धीरे कर रहा था लेकिन जल्दी ही उसकी स्पीड तेज
हो गई और जैसे जैसे उसकी स्पीड तेज होने लगी वैसे वैसे भाभी को मस्ती चढ़ने लगी ऑर भाभी भी मेरे लंड को तेज़ी
से चूस्ते हुए अपने सर को उपर नीचे करने लगी,,,,,मैं आराम से लेट कर मज़ा लेने लगा,,,,मैने देखा कि भाभी मस्ती
मे मेरा लंड तो चूस रही थी लेकिन भाभी की आँखू मे भी आँसू थे लेकिन चहरे पर एक अजीब सकून ओर खुशी भी
थी भाभी मेरी तरफ अजीब नज़रो से देख रही थी ,,मुझे लगा कि भाभी मुझे थॅंक्स बोल रही है क्यूकी आज मेरी वजह
से शादी के 4 साल बाद उसका पति सूरज उसको चोद रहा था चाहे वो नकली लंड से ही चोद रहा था लेकिन यही नकली लंड
अब उसको अपने पति का असली लंड लग रहा था ,,मैने भाभी की आँखों से बहने वाले आँसू सॉफ किए ऑर उठकर भाभी
के फेस के पास चला गया ऑर भाभी को प्यार से किस करने लगा,,,भाभी भी बड़े प्यार से मुझे किस का रेस्पॉन्स देने
लगी ,,भाभी की किस मे भी आज एक अजीब एहसास था एक अजीब खुशी थी मुझे लग रहा था कि जैसे भाभी किस करते हुए
भी मुझे कुछ कह रही थी मुझे शुक्रिया बोल रही थी ,,मैं भी भाभी को उतने ही प्यार से किस का रेस्पॉन्स देते हुए
भाभी को तसल्ली दे रहा था,,,,,


कुछ देर बाद सूरज ने अपने लंड को भाभी की चूत से निकाला ऑर ज़मीन पर लेट गया ,,भाभी ने मुझे किस करना बंद
किया ऑर सूरज की तरफ देखने लगी तो मेरा ध्यान भी सूरज की तरफ गया आज उसके चेहरे पर भी खुशी सॉफ झलक रही थी
वो बहुत खुश था आज अपनी पत्नी को चोद कर ,,भाभी जल्दी से सोफे पर से उठी ऑर कुछ देर सूरज के नकली लंड को मूह मे
भरके चुस्ती हुई जल्दी से सूरज के उपर चढ़ गई ऑर नकली लंड को हाथ मे लेके अपनी चूत मे घुसा लिया ऑर अपने हाथ
सूरज की चेस्ट पर रख कर खुद के जिस्म को सूरज के लंड पर उछालने लगी ऑर नकली लंड को तेज़ी से अपनी चूत मे लेने
लगी ,,मैं अपने लंड को हाथ मे लेके सहला रहा था तभी सूरज ने भाभी को सर से पकड़ा ऑर अपने सर के करीब खींच
लिया ऑर भाभी के लिप्स को अपने लिप्स मे भरके किस करने लगा ऑर साथ ही मुझे देखते हुए अपने हाथ से इशारा करने लगा
पीछे से भाभी की गान्ड मारने का मैं भी जल्दी ही भाभी के पीछे चला गया ऑर ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया ऑर
अपने लंड को हाथ मे लेके थोड़ा थूक लगा कर भाभी की गान्ड के होल पर रख दिया तभी सूरज ने अपने हाथ भाभी
की गान्ड पर रखे ऑर भाभी की गान्ड को दोनो तरफ खींच कर खोल दिया जिस से गान्ड का होल ज्याद खुल गया ऑर मैने
अपने लंड की हल्के धक्के के साथ भाभी की गान्ड मे उतार दिया ,,भाभी की गान्ड बहुत टाइट थी लंड थोड़ा ही अंदर
गया था कि भाभी के मूह से हल्की चीख निकल गई ,,चीख तेज थी लेकिन भाभी के लिप्स सूरज के लिप्स मे क़ैद थे इसलिए
भाभी ज़्यादा तेज नही चिल्ला सकी ,,,मैने लंड को हलके से पीछे करके बाहर निकाला ऑर खूब सारा थूक लगा लिया ऑर इतने मे
सूरज ने भाभी की गान्ड को ऑर भी ज़्यादा खोल दिया ऑर मैने वापिस अपने लंड को गान्ड के होल पर रखा ओर हल्का सा ज़ोर
लगा कर अपने लंड को वापिस गान्ड मे घुसा दिया तभी भाभी ने अपने लिप्स को सूरज के लिप्स से अलग किया ऑर ज़ोर से चिल्लाने
लगी,,,,

अहह उूुुउऊहह म्माआरररर गगययईीीई माआआअ ब्बाहहाररर
ननीककाल्लू इस्ककू सुउउन्नयी भ्हुत्त् दार्र्द्द हहूओ र्राहहा हहाइईइ हहयइीई माआआआ किट्थन्ना ब्बाददाअ
हहाइी त्तीर्राआ आहह ब्बाहहर्रा ननीककालूओ ईसस्क्कूव आहह तभी सूरज ने भाभी के सर को पकड़ा
ऑर नीचे करके भाभी को वापिस किस करने लगा ऑर भाभी की आवाज़ को बंद करने की कोशिश करने लगा ऑर साथ ही मुझे
हाथ से इशारा करते हुए लंड पेलने के बोलने लगा मैने भी अपने हाथ भाभी की गान्ड पर रखे ऑर खुद को अड्जस्ट
करते हुए अपने लंड को ज़ोर लगा कर पूरा का पूरा भाभी की गान्ड मे घुसा दिया ,,भाभी का जिस्म झटके खाने लगा ऑर
वो मुझे रोकने की कोशिश करने लगी लेकिन सूरज ने भाभी की पीठ को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया ऑर भाभी के लिप्स
को अपने लिप्स मे जकड कर किस करता रहा ,,,मैं समझ गया कि सूरज भी चाहता है कि मैं नही रुकु ऑर भाभी की गान्ड
मारता रहूं ऑर मैने भी वैसा ही किया ऑर भाभी की कमर को पकड़ कर अपनी स्पीड तेज करने लगा ऑर बीच बीच मे अपने
लंड पर थूक भी देता जिस से लंड चिकना हो जाता ,,,

भाभी कुछ देर तो चिल्लाती रही लेकिन जल्दी ही भाभी को मज़ा आने लगा ऑर भाभी तोड़ा शांत हो गई ऑर हिलना जुलना बंद
करके सूरज को किस का रेस्पॉन्स देने लगी ,,मैने भी देखा कि अब भाभी को मज़ा आने लगा तो मैने स्पीड थोड़ी तेज करदी
,,भाभी की गान्ड इतनी टाइट थी कि मुझे लग रहा था कि मैं अपने दोनो हाथों से अपने लंड को कस्के मुट्ठी मे भरके
मूठ मार रहा हूँ ,,मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ऑर ऐसा लग रहा था कि अब मेरा कुछ ही देर मे पानी निकलने
वाला है मैं तेज़ी से भाभी को चोदता रहा ऑर भाभी भी मस्ती मे सूरज की किस करती रही,,,,सूरज भी भाभी की पीठ को
अपनी बाहों मे कस्के तेज़ी से अपनी कमर को ज़मीन से उछाल उछाल कर भाभी की चूत मे नकली लंड पेल रहा था
भाभी से भी ये डबल मज़ा कंट्रोल नही हुआ ऑर भाभी तेज़ी से सिसकियाँ भरने लगी मैं भी समझ गया ऑर सूरज भी
समझ गया कि भाभी अब झड़ने वाली है तो सूरज ने अपनी स्पीड तेज करदी ऑर मैने भी क्यूकी मैं भी बस झड़ने ही वाला
था क्यूकी भाभी की गान्ड बहुत ज़्यादा टाइट थी ,,,मुझे ऐसा ही लग रहा था कि मैं गान्ड नही मार रहा बल्कि अपने दोनो
हाथों से मूठ मार रहा हूँ,,,,,
 
कुछ 3-4 मिनट बाद ही भाभी ने अपने लिप्स को सूरज के लिप्स से अलग किया ओर तेज़ी से अहह उह्ह्ह्ह्ह्ह करते हुए पानी
निकालने लगी तभी मेरे लंड ने भी भाभी की गान्ड मे पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया ,,जितना टाइम भाभी की चूत ऑर
गान्ड से पानी निकला उतना टाइम मैं ऑर सूरज हल्के हल्के अपने लंड को आगे पीछे करते रहे मेरे भी लंड ने सारा पानी
निकाल दिया ऑर भाभी की चूत ने भी फिर मैने भाभी की गान्ड से अपने लंड को निकाला ऑर साइड पर हो गया तभी भाभी
भी सूरज के उपर से उठी ऑर ज़मीन पर लेट गई ओर तेज़ी से साँसे लेने लगी ,,भाभी के चेहरे पर खुशी ऑर सकून साफ साफ
झलक रहा था वो आज बहुत खुश थी ऑर मैं भी बहुत खुश था भाभी की टाइट गान्ड मार कर ,,,,भाभी को आज पहली बार
2 लंड का मज़ा मिला था ओर सबसे बड़ी बात थी की आज पहली बार सूरज ने भाभी को छोड़ा था जो भाभी के लिए बहुत बड़ी
बात थी,,,,,सूरज भी आज बहुत खुश था अपनी पत्नी को छोड़ कर चाहे वो खुशी नकली लंड की थी लेकिन मज़ा ऑर मस्ती तो
असली थी ,,आज पहली बार उसने अपनी पत्नी को इतना खुश किया था ऑर खुद भी बहुत खुश हुआ था,,,,,

कुछ टाइम बाद सब की हालत ठीक हुई तो सूरज ने उठकर मेरे लंड को मूह मे भर लिया ऑर मेरे लंड पर लगे स्पर्म को
चाट कर सॉफ कर दिया ऑर लंड को भी मूह मे लेके चूस कर अच्छी तरफ सॉफ कर दिया,,,,फिर वो कामिनी की तरफ गया ऑर
कामिनी की चूत को चाटने लगा ऑर सॉफ करने लगा ,,कामिनी ने अपने हाथ सूरज के सर पर रख दिए ऑर प्यार से सूरज के
बालों को अपनी उंगलियों से सहलाने लगी,,,,,


फिर वो दोनो उठ कर सामने वाले सोफे पर बैठ गये,,,,,,,

क्यू कामिनी मज़ा आया आज,,,,,सूरज ने किस करते हुए कामिनी भाभी से पूछा,,,,

कामिनी भाभी ने भी किस करते हुए जवाब दिया,,,,,हाँ सूरज बहुत मज़ा आया ,,,आज पहली बार ज़िंदगी मे इतना मज़ा आया है
कि मैं बता नही सकती ,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सूरज मुझे इतना खुश करने के लिए ऑर इतना मज़ा देने के लिए,,,,

थन्क्ष्क्ष्क्ष मुझे नही कामिनी थन्क्ष्क्ष्क्ष बोलो सन्नी को जिसकी वजह से तुम ऑर मैं आज इतने खुश है ,,,,ये नही होता तो हम इतना
मज़ा नही कर सकते थे,,,,

सही बोला सूरज लेकिन अगर तुम अपनी पत्नी को सन्नी के पास जाने की इजाज़त नही देते तो वो मुझे खुश कैसे कर सकता था

वो दोनो सच मे बड़े ही भावुक हो रहे थे,,,,

सही बोला कामिनी लेकिन हम ने मज़े की खातिर नही अपनी मजबूरी की खातिर सन्नी की हेल्प ली थी ,,लेकिन ये तो बड़ा मास्टर बंदा
निकला ,,,मजबूरी तो दूर की हमारी ऑर हमे इतना मज़ा भी दिया,,,,आज तो हम भी इसको इतना मज़ा देंगे कि ये याद रखेगा

इतना बोलकर सूरज ऑर कामिनी दोनो मेरे पास आए ऑर सोफे पर मेरी दोनो तरफ बैठ गये ,,,,,भाभी ने मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोलते हुए
मेरे लिप्स को चूमना शुरू कर दिया जबकि सूरज ने आते ही मेरे लंड को मूह मे भर लिया ,,,,,,फिर कुछ देर चूसने के बाद
बोला,,,,

थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी जो तूने मुझे आज इतना खुश किया ऑर मेरी बीवी को भी,,,,,,

इसमे थॅंक्स्क्स की क्या बात सूरज भाई ऑर अभी आपको खुश कहाँ किया अभी तो आपको ऑर भी ज़्यादा खुश करना है,,,,

नही सन्नी आज मुझे खुश नही होना ,,,मुझे जितनी खुशी मिलनी थी मिल चुकी है,,,,आज तुम्हारी खुशी की बारी है ,,आज
तुम दिल भरके कामिनी के साथ मस्ती कर सकते हो,,,,ऑर मैं भी अपनी पत्नी को खुश करना चाहता हूँ ,क्यूकी ये बेचारी
काफ़ी टाइम बाद हँसना सीखी है खुश होने लगी हिया,,,,अभी हम मिलकर इसको खुश करते है मेरा क्या है मैं तो रात को भी
खुश हो सकता हूँ ,,,क्यूकी ये नकली लंड जो है मेरे पास ,,,अभी मैं कामिनी को खुश करता हूँ रात को कामिनी ये
नकली लंड लगा कर मुझे खुश करेगी,,,,,

ऐसी बात है तो सूरज भाई इस स्ट्रॅप-ऑन को आप अपने पास रख लो ,,इसकी हेल्प से आप भाभी को खुश कर सकते हो ऑर भाभी
भी आपको खुश कर सकती है,,अब आप दोनो की किसी ओर की ज़रूरत नही पड़ेगी ऑर ना ही आप लोगो को किसी तरह की कोई बदनामी
का डर रहेगा ,,,,,जब दिल किया आप लोग एक दूसरे को खुश कर सकते हो,,,,

सच मे सन्नी भाई,,,क्या हम इसको रख सकते है,,,,,

हाँ सूरज भाई बिल्कुल,,,ओर अगर आप लोग बोलो तो मैं आपको इसके साथ के ओर भी स्ट्रॅप-ऑन लेक दे सकता हूँ वो भी अलग अलग
साइज़ के ,,,लंबा ओर पतला ,,छोटा ऑर मोटा,,या फिर लंबा ऑर मोटा भी,,जैसा आप कहो,,,,

थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भाई,,,,वैसे भी हम दोनो को इसकी बहुत ज़रूरत है,,इसकी वजह से आज पहली बार मैने कामिनी की चुदाई
की है ,,देखो ज़रा कितनी खुश है वो,,,

हाँ सन्नी सूरज ठीक बोल रहा है ,,आज तेरी वजह से ऑर इस चीज़ की वजह से मैं ऑर सूरज बहुत खुश है ,,आज पहली बार
मुझे लगा है कि सूरज सच मे मेरा पति है ऑर मैं इसकी पत्नी ,,,अगर तुम नही होते तो मैं ओर सूरज ऐसे ही घुट घुट
कर मरते रहते ओर इस मस्ती ऑर मज़े से अंजान रहते,,,,आज इसको ये पहने रहने दो ओर तुम दोनो मिलकर मुझे खुश करो
ऑर रात को मैं इसको पहन कर सूरज को खुश करूँगी,,,,

अब ये मत सोचा कि ये चीज़ हमे दे दी है तूने तो हम तुझे भूल जाएँगे,,हमे जब भी तेरी ज़रूरत होगी तुझे आना
पड़ेगा,,,,

नेकी ओर पूछ पूछ सूरज भाई,,,आपका जब दिल करे मुझे बुला लेना मैं फ़ौरन आ जाउन्गा,,,,

ज़रूरत तो तेरी पड़ेगी ओर अभी भी तेरी ज़रूरत है,,,,क्यूकी दोनो को मिलकर तेरी भाभी को जो खुश करना है,,,,


तो ठीक है भाई आज आप ऑर मैं मिलकर भाभी को खुश करते है सारा दिन,,,,,,मैने इतना बोला ही था कि भाभी ने मेरे सर
को अपनी तरफ मोड़ लिया ऑर मुझे किस करने लगी ऑर सूरज भी वापिस आने काम मे लग गया ऑर मेरे लंड को चूसने लगा,,,,


उस दिन कविता के घर आने से पहले मैने ऑर सूरज ने मिलकर भाभी को बहुत खुश किया बहुत मज़ा दिया ,,कविता ने 6 बजे
के बाद ही आना था इसलिए हम लोग अपना काम ख़तम करके 6 बजे फ्रेश होके सोफे पर बैठ गये ऑर भाभी जो आज बहुत ही ज़्यादा खुश थी वो किचन मे जाके कुछ खाने पीने को बनाने लगी,,,,,

भाभी ने कुछ पकोडे बना लिए ऑर साथ मे कॉफी ,,हम लोग बैठ कर खा पी रहे थे तभी बाहर बेल बजी ऑर सूरज
ने जाके गेट खोला ,,,,कुछ देर बाद सूरज एक साथ कविता ऑर सोनिया घर मे दाखिल हुए,,,,

कविता मुझे देख कर खुश थी लेकिन सोनिया वही गुस्से से मुझे घूर रही थी,,,लेकिन सूरज ओर भाभी के सामने वो
थोड़ा शांत हो गई,,,,

हेलो सन्नी ,,,,,,,हाउ आर यू,,,,

हेलो कविता,,,,,,,आइम फाइ9 ,,तुम सूनाओ ,,,मूवीस कैसी रही आज,,,,

इस से पहले कविता कुछ बोलती सोनिया बीच मे बोल पड़ी,,,,,,,ये यहाँ क्या कर रहा है,,,,

सूरज,,,,,,,,,अरे भाई क्या कर रहा है मतलब ,,,,हमारे साथ बैठ कर कॉफी पी रहा है ऑर क्या कर रहा है,,,,क्यू तुमको
कुछ प्रोबलम है क्या इसके यहाँ होने से,,,,

सोनिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नही भाई मैं तो ऐसे ही पूछ रही थी,,,,ये यहाँ नही आता अक्सर इसलिए पूछा,,,,

सूरज,,,,,,,,,,,,,,,,,ये तो आज भी नही आता वो तो मैं गेट पर खड़ा हुआ था तो इसको गली से गुज़रते देख लिया ऑर अंदर बुला लिया,,,,

अरे वाह भाभी आज पकोडे किस खुशी मे बनाए है,,,,इतना बोलकर कविता जल्दी से भाभी के पास जाके बैठ गई ऑर पकोडे
खाने लगी,,,,,,,,मूवीस बहुत अच्छी रही सन्नी खूब मज़ा किया हम दोनो ने,,,,,लेकिन अब सोचती हूँ मूवीस पर पैसे
बेकार मे खरच किए यहाँ घर रहती तो उस से ज़्यादा मस्ती करती भाभी के हाथ के बने पकोडे ख़ाके,,,,
 
तभी सोनिया भी जल्दी से भाभी एक पास आ गई ऑर पकोडे खाने लगी,,,,,चल; झूठी तूने पैसे कहाँ खर्च किए तूने तो
बोला था कि ये सूरज भाई की तरफ से ट्रीट है उन्होने तुझे पैसे दिए थे मूवीस के लिए,,,,,

तभी मैने सूरज की तरफ देखा तो उसने मुझे इशारा कर दिया,,मैं समझ गया कि सूरज ने कविता को पैसे दिए थे
ताकि वो शाम तक मूवीस देखती रहे ऑर यहाँ घर पर हम लोग आराम से मस्ती कर सके,,,

फिर सूरज भी सामने के सोफे पर बैठ गया ऑर हम सब लोग पकोडे खाने लगे,,,,भाभी कविता ऑर सोनिया अपनी ही बातों मे लगी हुई थी,,,,जबकि मैं ओर सूरज चुप चाप पकोडे खा रहे थे,,,


पकोडे ऑर कॉफ़ी ख़तम हो गई ओर मैं सोफे से उठ गया ,,,,,

ओके सूरज भाई अब मैं चलता हूँ ,,,,थोड़ा काम है मुझे घर पर,,,,

सूरज भी सोफे से उठ गया साथ ही मुझे देख कर भाभी भी सोफे से उठ गई,,,,

सूरज मेरे करीब आया ऑर बोलने लगा,,,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भाई एक बार फिर ,,,,,अगर तुम ना होते तो आज मैं ऑर कामिनी इतना
खुश नही होते ,,,तुम्हारी वजह से ही आज ये खुशी मिली है हम पति पत्नी को,,,तुम्हारी वजह से हमारी बिखरती हुई
शादीशुदा ज़िंदगी फिर से सिमटने लगी है,,तुम ना होते तो आज भी हम लोग वैसे ही दुखी होते जैसे शादी के बाद से
थे लेकिन तुम्हारे आने से हम लोगो की ज़िंदगी मे खुशी वापिस पलट कर आई है,,,,,मैं जितना भी शुक्रिया अदा करू
तेरा वो कम है सन्नी,,,इतना बोलकर सूरज मेरे गले लग गया ऑर हलके आँसू भी आ गये उसकी आँखों मे


सोनिया ऑर कविता हम लोगो की तरफ देख रही थी तभी भाभी भी हम लोगो के पास आ गई ऑर सूरज ऑर मेरे गले लग गई,,

सूरज ठीक कह रहा है सन्नी आज तुम्हारी वजह से हम लोग इतना खुश है ऑर जो गिफ्ट तूने हम को दिया है उस से हम आगे की
ज़िंदगी भी खुश रह सकते है,,,,,हम कभी भी तेरा ये एहसान नही चुका सकते,,,भाभी की आँखें भी थोड़ा नम हो
गई,,

मैने सोनिया की तरफ देखा तो वो पहले तो गुस्से से देखती थी मुझको लेकिन अब उसकी आँखों मे गुस्सा तो था लेकिन चहरे
पर कुछ अजीब भाव थे जिसको मैं पहचान नही पा रहा था,,तभी वो सोफे से उठी ऑर बाहर की तरफ जाने लगी,,,वो किसी
से कुछ नही बोली ओर चुप चाप बाहर चली गई,,,कविता भी उसके पीछे पीछे चली गई,,,

मैने भी भाभी ऑर सूरज भाई से अलविदा ली ऑर बाहर की तरफ आ गया,,,वो लोग अभी भी नम आँखों से मुझे बाहर जाते हुए
देख रहे थे,,,,,

मैं बाहर गेट पर पहुँचा तो कविता ऑर सोनिया कुछ बात कर रही थी,,

कविता,,,,,क्या हुआ तुझे तू ऐसे उठकर क्यू चली आई एक दम से,,,,

सोनिया,,,,,,,कुछ नही मुझे देर हो रही थी,,,मुझे घर जाना था,,,,चल अब तू मुझे घर छोड़के आ जल्दी से,,,

कविता,,,,,,,,तू मुझसे झूठ मत बोला कर,,मैं तेरी बेस्ट फ्रेंड हूँ तेरा झूठ पकड़ लेती हूँ एक मिनट मे,,,

सोनिया थोड़े गुस्से मे ,,,,,,,,,,,मैं झूठ नही बोल रही मुझे सच मे देर हो रही है ,,अब तू मुझे घर ड्रॉप करके
आएगी या मैं खुध चली जाउ,,,

इतनी देर मे मैं भी उनके पास पहुँच गया,,,

कविता,,,,मैं क्यू छोड़ने जाउ तेरे को,,ये सन्नी है ना तू इसके साथ चली जा,,,,,

सोनिया फिर गुस्से मे,,,,मुझे नही जाना किसी के साथ,,मैं तेरे साथ आई थी ऑर तेरे साथ ही जाउन्गी,,,,अगर तुझे नही जाना
तो बता दे मैं खुश चली जाती हूँ ऑटो रिक्शा पर,,,,

कविता,,,,,,तुझे हुआ क्या है ये तो बता,,जानती हूँ तू सन्नी से गुस्सा है लेकिन तूने अंदर देखा नही कि सन्नी की वजह
से भाई ऑर भाभी कितना खुश है,,,,कैसे आंटी को थॅंक्स्क्स्क्स बोलते बोलते वो लोग तक नही आरहे थे,,,उनकी आँखों मे
आँसू ने देखे तूने,,,,तुझे तो खुश होना चाहिए कि सन्नी की वजह से मेरे घर की सब खुशियाँ वापिस आ गई है,,आज
के दिन तो तू सन्नी से गुस्सा ख़तम कर सकती है,,,,,उसने तेरी बेस्ट फ्रेंड के घर मे खुशियों को वापिस बुला लिया है,,
अब कोई टेन्षन नही भाभी को,,,,

वो लोग बात कर रहे थे तभी मैने गेट खोला ऑर कविता को बाइ बोलके बाइक की तरफ चला गया,,,

तभी कविता ने मुझे आवाज़ दी,,,,,,एक मिनट रुक सन्नी अभी मत जा,,,

मैने बाइक स्टार्ट करली मगर वहाँ से गया नही,,,,

कविता,,,,,,,देख मैं जानती हूँ तेरी ऑर सन्नी की फाइ8 चल रही है किसी बात पर लेकिन अपनी बेस्ट फ्रेंड की वजह से तू एक दिन
के लिए उसको माफ़ नही कर सकती,,,आज भाभी ऑर भाभी कितने खुश है सन्नी की वजह से ऑर तू ऐसे गुस्से मे उठकर चली
आई तो वो लोग क्या सोच रहे होंगे,,,,क्या तू अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना भी नही कर सकती,,,

सोनिया,,,,,क्या सच मे सारी प्रोबलम दूर हो गई है,,,,,भाभी की प्रोबलम भी,,लेकिन वो तो शोभा दीदी की वजह से दूर हुई थी
हम ने शोबा दीदी को बोला था भाभी की प्रोबलम के बारे मे,,,

कविता,,,,,हाँ शोबा दीदी को बोला था बट दीदी ने सन्नी को बता दिया था सब कुछ,,ऑर सन्नी के किसी दोस्त के फादर बहुत
अच्छे डॉक्टर थे ,,सन्नी ही भाभी को लेके गया था डॉक्टर के पास ,,ये बात भाभी ने खुद बताई थी मेरे को,,,इसलिए
सन्नी की वजह से ही भाभी की प्रोबलम दूर हुई ही ना कि शोबा दीदी की वजह से,,,

सोनिया,,,,,,,ऑर बाकी की प्रोब्लम्स ,,उनका क्या,,,,क्या वो भी दूर हो गई,,,,,मतलब तेरी प्रोब्ल्म्स,,,,

कविता ने सोनिया को चुप रहने का इशारा किया,,,,,,,,हाँ वो सब प्रोब्ल्म्स भी दूर हो गई है,,,,,सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ सन्नी की वजह से
अब हमारे घर मे कोई प्रोबलम नही है,,,अब बस खुशियाँ ही खुशियाँ है घर मे,,,,

सोनिया ऑर कविता गले लग गई ऑर बहुत ज़्यादा खुश हो गई,,,,,,मेरी समझ मे कुछ नही आया कि वो दोनो क्या बात कर रही थी,,,
कुछ कुछ तो मैं समझ गया लेकिन अभी बहुत कुछ समझना बाकी था,,,,,

चल अब मेरी खातिर तू सन्नी को एक दिन के लिए माफ़ कर्दे ओर उसके साथ घर चली जा,,,,

लेकिन कविता,,,,,,,,,

लिकिन वेकीन कुछ नही ,,अपनी बेस्ट फ्रेंड के लिए इतना भी नही कर सकती ,,,,ऑर अपने भाई के लिए जिसने तेरी बेस्ट फ्रेंड की इतनी
हेल्प की उसके घर मे खुशियों को वापिस लेके आया,,,,,,

ठीक है मेरी माँ अब ज़्यादा इमोशनल मत करो,,,इतना बोलकर दोनो हँसने लगी ऑर गले लग्के बाइ बोलने लगी,,,कविता ऑर
सोनिया दोनो बाहर आ गई जहाँ मैं बाइक स्टार्ट करके खड़ा हुआ था,,,,

ओके बाइ कविता इतना बोलकर सोनिया बाइक पर बैठ गई ,,,

बाइ सोनिया,,,,,बाइ सन्नी,,,,

मैने भी बाइ बोला ऑर बाइक आगे बढ़ा दी,,,,सोनिया ने मुझे नही पकड़ा हुआ था उसने बाइक को पकड़ा हुआ था,,,मैं
समझ गया कि कविता की वजह से ये सोनिया मेरी बाइक पर बैठ तो गई है लेकिन इसका गुस्सा अभी तक शांत नही हुआ है
इसलिए कविता की गली से बाहर निकलते ही मैने बाइक साइड पर रोक दिया,,,,,,

चल उतार,,,ओर खुद चली जा घर,,,,,मइए सोनिया को बाइक से उतरने को बोला,,,,,

क्या हुआ सन्नी,,,,,

कुछ नही,,मुझे लगा कि तूने भी कविता के घर से थोड़ी दूर आके बोल देना है कि मुझे तेरे साथ घर नही जाना
मुझे बाइक से उतार दो इसलिए तेरे बोलने से पहले ही मैने खुद बाइक रोक दिया,,,,,,चल उतर अब खुद चली जा घर

लेकिन सन्नी ,,,वो मेरे पास,,,वो,,

वो वो क्या,,,कविता के घर तो बड़ी गुस्से से बोल रही थी मुझे नही जाना इसके साथ मैं खुद चली जाउन्गी ,,तो अब
क्या हुआ,,,,,

सन्नी मेरे पास पैसे नही है,,मैं कैसे घर जाउन्गी,,,,,,

तो फिर फालतू का नखरा क्यूँ कर रही थी उसके घर ,,,,सीधी तरह बैठ नही सकती थी आके,,,,,

सॉरी सन्नी ,,लेकिन मेरी क्या ग़लती है सारी ग़लती तो तेरी है,,,,,

चल चल बस कर ,,,ज़्यादा मत बोल ,,मैं जानता हूँ मेरी ग़लती है ऑर मैं हूँ भी ग़लत इंसान,,,अब खुश,,,,इतना
बोलकर मैं बाइक आगे बढ़ा दी,,,,ना वो कुछ बोली ऑर ना मैं खुश बोला,,,,,

फिर आगे चलके ऑटो स्टॅंड आ गया मैने बाइक फिर रोक दी,,,,,,ऑर ऑटो वाले से पूछा,,,,,

भैया ------ नगर चलोगे क्या,,,,

हां साहिब ज़रूर चलेंगे,,,,,कितनी सवारी है,,,,,

एक सवारी है,,इतना बोलकर मैने सोनिया को बाइक से उतरने को बोला ऑर वो उतर गई,,,,,जा जाके ऑटो मे बैठ जा,,,,,,

वो उदास होके मुझे देख रही थी मानो बोल रही थी कि उसके पास पैसे नही है,,,,,तभी मैं अपने पर्स से पैसे निकाले
ऑर ऑटो वाले को दे दिए,,,,,
 
तभी सोनिया ने पूरे गुस्से से मेरी तरफ देखा ऑर रूठती हुई ऑटो मे जाके बैठ गई,,,,,मैने बाइक को आगे बढ़ा लिया ऑर ऑटो वाला भी पीछे पीछे आने लगा,,,,,

मैं बाइक के मिरर से पीछे ऑटो मे बैठी हुई सोनिया को देख रहा था ,,वो पूरे गुस्से मे मुझे घूर रही थी,,उसको
इतना गुस्सा था मेरे पर कि उसका दिल करता तो पत्थर मार कर मेरा सर फोड़ देती,,,लेकिन बेचारी कुछ नही कर सकती थी,,,,

मैने सोचा कि बाइक को ऑटो के साथ ही रखता हूँ ऑर उसको थोड़ा गुस्सा दिलाता हूँ,,,,थोड़ा तड़पाता हूँ लेकिन फिर
मैने सोचा कि ऑटो वाला क्या सोचेगा कि दोनो को एक जगह आना था तो लड़की को ऑटो मे क्यू बिठा दिया,,,यह सोच
कर मैने बाइक को तेज किया ऑर वहाँ से आगे बढ़ गया,,,


मैं घर पहुँचा तो मैं बहुत खुश था,,,एक तो आज सोनिया को मज़ा चखा दिया था ऑर उसको गुस्से को ओर भी भड़का
दिया था लेकिन आज मैं कोई ऐसी वैसी हरकत नही की थी बस मज़ाक मज़ाक मे उसको गुस्सा दिलवा दिया था ऑर उपर से मैं इस बात से खुश था कि आज सूरज भाई ऑर भाभी को वो स्टर्प-ऑन दे दिया था जिस से दोनो बहुत खुश हो गये थे,,अब वो दोनो मिलकर एक दूसरे को खुश कर सकते थे ,,उनको किसी की ज़रूरत नही थी,,,,मेरी भी नही,,फिर भी भाई ऑर भाभी ने बोला था कि अगर मेरी ज़रूरत पड़ेगी तो वो मुझे मज़ा ऑर मस्ती करने के लिए ज़रूर बुलाएँगे,,,,ऑर मैं भी तो उन लोगो के साथ मस्ती करने के लिए हमेशा तैयार था,,,क्यूकी जहाँ भाभी इतनी खूबसूरत थी वहीं सूरज को लंड चूसने का बड़ा हुनर था ओर उसकी गान्ड मार कर भी बहुत मज़ा आता था मुझे,,,,,

मैं सोनिया से पहले ही घर पहुँच गया था,,,मेरे घर आते ही मामा ने दरवाजा खोला जैसे ही मैं अंदर गया तो वो
बाहर निकल गया,,,,


कहाँ जा रहे हो मामा ,,,

कहीं नही बेटा बस थोड़ा काम है वही करने जा रहा हूँ,,,,

मैं सोचा नशेड़ी ऑर वहले बंदे को क्या काम हो सकता है,,,,,गया होगा अपने नशे का समान लेने,,,

खैर मामा वहाँ से चला गया ऑर मैं घर के अंदर आ गया,,,अंदर आके देखा तो माँ घर मे नही थी,,ना तो अपने
रूम मे थी ऑर ना ही किचिन मे थी,,,,शायद वो अभी भी करण के घर पर ही होगी,,,,,

मैने शोबा दीदी को भी आवाज़ लगाई तो कोई रिप्लाइ नही आया,,मैने नीचे भी देख लिया ऑर उपर जाके भी दीदी के रूम मे
देखा तो दीदी नही थी,,,मैं समझ गया कि दीदी वापिस बुटीक पर चली गई होगी ऑर मामा भी अभी वहीं गया होगा,,,,

सुबह से तो वो लोग घर पर ही मस्ती कर रहे थे लेकिन शाम को सोनिया ने आ जाना था घर पे इसलिए वो लोग बुटीक पर चले गये होंगे,,,,तभी तो मामा भी काम का बोलके घर से निकल गया है,,,अब ये रात को ही वापिस आएगा दीदी के आने के बाद,,,,लेकिन माँ अभी तक क्यू नही आई,,,लगता है माँ कुछ ज़्यादा ही मस्ती कर रही होगी अलका आंटी के साथ ऑर उनको कुछ ज़्यादा ही मज़ा आ रहा होगा तभी तो इतना टाइम हो गया है अभी तक वापिस नही आई ,,,,,,


मैं उपर रूम मे गया ऑर फ्रेश होके नीचे आ गया,,,,तभी बाहर बेल बजी ऑर मैं दरवाजा खोलने चला गया,,,,,मैने
दरवाजा खोला तो सामने सोनिया खड़ी हुई थी,,,,,उसने मुझे पूरे गुस्से से देखा ,,उसका चेहरा फूला हुआ था ऑर आँखें
गुस्से से लाल थी,,,वो कुछ नही बोली ऑर घर के अंदर आ गई,,,,,मैं उसको देख कर थोड़ा डर तो गया था लेकिन मुझे बहुत
अच्छा लग रहा था बहुत मज़ा आ रहा था क्यूकी आज मैने जान बूझ कर उसको गुस्सा कर दिया था,,,मैं मन ही मन थोडा
खुश होने लगा था,,,,

वो अंदर चली गई ऑर मैं भी दरवाजा बंद करके अंदर आके सोफे पर बैठ गया जबकि वो उपर अपने रूम मे चली गई ,,,,


कुछ देर बाद वो फ्रेश होके चेंज करके नीचे आ गई ऑर माँ को आवाज़ देने लगी,,,,लेकिन उसको जल्दी ही पता चल गया कि घर पर कोई नही है,,,फिर वो किचन मे चली गई ऑर कुछ देर बाद कुछ सब्जियाँ ऑर नाइफ लेके डाइनिंग टेबल पर बैठ
गई,,,मैं समझ गया कि ये माँ के आने से पहले डिन्नर की तैयारी करने लगी है,,,,,मैने उसकी तरफ देखा तो उसने मुझे गुस्से से देखते हुए सब्जियाँ काटना शुरू कर दिया,,,,वो अपने दाँतों को ज़ोर ज़ोर से भींच कर मेरी तरफ लाल आँखों से देखती
हुई सब्जी काट रही थी,,,वो इतने गुस्से मे थी कि जैसे उसके हाथ मे सब्जी नही मेरी गर्दन है ओर वो मेरी गर्दन काट रही है,,


मैने उसकी तरफ कोई ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर टीवी देखने लगा,,,,लेकिन मैं मन ही मन आज बड़ा खुश था ,,आज उसको इतना तंग जो किया था,,,जानभूज कर उसको आज गुस्सा दिलाया था,,,

कुछ देर बाद मैं किचन मे गया क्यूकी मुझे प्यास लगी थी,,मैने पानी को बॉटल निकाली ऑर पानी पीने लगा,,मैं
बॉटल को मूह से उपर करके पानी पी रहा था तो कुछ पानी नीचे ज़मीन पर गिर गया,,मैने उसकी कोई परवाह नही की
ऑर पानी की बॉटल को फ्रिज मे रख कर कुछ खाने को तलाश करने लगा,,,ऑर मुझे कुछ कुकीस भी मिल गई,,,मैं वहीं
खड़ा होके 2-3 कुकीस मूह मे डालके चबाने लगा ऑर कुछ कुकीस हाथ मे लेके कुकीस वाले बॉक्स को वापिस अपनी
जगह पर रख कर किचन से बाहर आने लगा,,,,तभी मैने देखा कि सोनिया किचन मे आ गई ऑर फ्रिज खोलकर कुछ
समान लेके वापिस बाहर जाने लगी,,,,तभी ज़मीन पर गिरे हुए पानी की वजह से वो फिसलकर गिरने लगी जो पानी मेरी वजह से गिरा था,,,,,सोनिया पीठ के बाल गिरने लगी तो मैने जल्दी से जाके उसको पकड़ लिया,,,मेरा हाथ उसकी पीठ पर था मैने उसको पकड़ कर सीधा किया ओर किचन से बाहर आ गया,,,ना तो उसने कुछ बोला ऑर ना मैं कुछ बोल सकता था क्यूकी मेरा मूह भरा हुआ था कुकीस से,,,,मैने किचन से बाहर निकलते टाइम उसकी तरफ मूड कर देखा तो उसकी आँखों मे गुस्सा ऑर अजीब सा भाव था,,मैं समझ नही पा रहा था लेकिन गुस्सा तो दूर से ही पहचान लेता था मैं उसका,,,,


मैं किचन से बाहर आके सोफे पर बैठा ऑर एक हाथ से रिमोट उठा कर चॅनेल सेट करने लगा ऑर दूसरे हाथ मे पकड़ी
हुई कुकीस खाने लगा,,,,मैं जान भूज कर टीवी देख रहा था ऑर कुकीस खा रहा ता क्यूकी मैं खुद पर क़ाबू कर
रहा था ,,,एक पल के लिए सोनिया को सहारा देके गिरने से बचाया था ऑर उसको पीठ पर हाथ लगाया था लेकिन उसी एक पल मे मेरी हालत पतली हो गई थी,,,,एक पल मे लगा कि कोई तूफान पूरे जिस्म मे खलबली मचाने लगा है ,,,लंड एक पल मे ओकात मे आना शुरू हो गया था ऑर अगर सोनिया को इस बात का पता चला जाता तो जिस नाइफ से सब्जी काट रही थी उसी से मेरी गर्दन काट देती,,,,

मैं टीवी देखते हुए खुद पर क़ाबू पा रहा था वहीं सोनिया वापिस डाइनिंग टेबल पर बैठ कर सब्जी काटने लगी थी,,,मैं टीवी
देखते हुए बीच बीच मे एक नज़र उसकी तरफ देख लेता ,,,लेकिन उसकी आँखों मे अब गुस्सा नही था लेकिन चहरे पर
अजीब भाव थे हालाकी वो मुझे घूर ज़रूर रही थी बट गुस्से से नही,,,,

तभी उसकी सब्जी कट गई ऑर वो किचन मे सब्जी रखके बाहर आ गई ऑर डाइनिंग टेबले पर कपड़ा मारने लगी,,मैं उसकी तरफ देख रहा था तो वो कपड़ा मारने के बाद सोफे की तरफ बढ़ने लगी ऑर मेरे पास आके दूसरे सोफे पर बैठ गई,,,तभी मैने अपनी कॉकीस ख़तम कर चुका था मैने रिमोट को टेबल पर रखा ऑर उठकर वहाँ से जाने लगा,,,,मैं झूठ मूठ
का गुस्सा ऑर अकड़ दिखा रहा था इसलिए उसके सोफे पर बैठते ही मैं वहाँ से उठके जाने लगा,,

अभी मैं सोफे से उठकर जाने ही लगा था कि मुझे सोनिया ने आवाज़ देके रोक लिया,,,,,,कहाँ जा रहे हो भाई,,,

मैने पीछे मूड कर नही देखा बस ऐसे ही पीठ करके उसकी बात का जवाब देने लगा,,,,,,,तुझे क्या लेना जहाँ मर्ज़ी जाउ
मैं,,इतना बोलकर मैं फिर से आगे बढ़ने लगा,,,,

तभी वो फिर से बोली लेकिन इस बार हल्के गुस्से से,,,,भाई मैने पूछा कहाँ जा रहे हो,,,,

मैं उसकी तरफ पलट कर नही देखा,,,,,,,,मैं उपर जा रहा हूँ अपने कमरे मे थोड़ा काम है,,,,

क्या काम है ,,,,?

तुझसे मतलब ,,,मुझे कुछ भी काम हो तेरे को क्या,,,,

तभी वो चलके मेरे आगे आके खड़ी हो गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,,,,क्या काम है भाई ,,,मुझे भी बताओ,,

मेरे काम से तुझे क्या लेना देना तू बैठ कर टीवी देख,,,,,मैं उपर जा रहा हूँ,,,

भाई तू ऐसा क्यूँ कर रहा है मेरे साथ,,,,इतना गुस्सा किस बात पर है तुझे,,,,क्यू मुझे इग्नोर कर रहा है ,,मुझे आज
अपने साथ घर भी नही लेके आया ऑटो मे बिठा दिया ऑर अब इतनी देर से टीवी देख रहा था ऑर जब मैं आई तो तू उठकर उपर जाने लगा,,,,सीधी तरह क्यू नही बोल दिया कि सोनिया यहाँ मत बैठो तो मैं नही बैठती,,,,एक तो खुद बुरा काम करते हो उपर से खुद ही गुस्सा हो जाते हो,,,,


अच्छा आज मैं उठा तो तेरे को नज़र आ गया ऑर जब तुम टीवी देखती हो ओर मैं आके सोफे पर बैठ जाता हूँ तो तुम क्यू उठकर भाग जाती हो,,तुम मुझे क्यू नही बोल देती कि सन्नी यहाँ मत बैठो,,

क्यूकी तुम बुरे हो भाई,,,बुरी बातें करते हो इसलिए तुम जब आके मेरे पास बैठ जाते हो तो मैं उठकर चली जाती हूँ,,,

हाँ हाँ मैं बुरा काम करता हूँ ऑर मैं बुरा इंसान हूँ,,,क्या अब ऑर कुछ कहना है तुझे,,,,या मैं जाउ उपर,,,,

नही जा सकते,,मेरी पूरी बात सुने बिना मैं नही जाने दूँगी,,,,उसने अपने हाथ को दोनो तरफ खोल दिया ऑर मेरे सामने
ऐसी खड़ी हो गई जैसे मेरा रास्ता रोक रही हो,,,

क्या बात करनी है,,जल्दी कर मुझे उपर जाना है,,,
 
भाई ऐसा मत कर मेरे साथ प्लज़्ज़्ज़ क्यू बार बार मुझे तंग करता है तू,,,क्यू ऐसी हरकत करता है कि मैं तेरे से गुस्सा
होने पर मजबूर हो जाती हूँ,,,,पहले तो तू ऐसा नही था अब कुछ महीनो मे तुझे क्या हो गया है ,,क्यू हम दोनो भाई
बेहन जो बहुत अच्छे दोस्त थे एक दूसरे के बिना नही रहते थे क्यू अब हम दोनो दूर दूर रहने लगे है ,,क्यू भाई
ऐसा क्या हो गया तुझे कुछ महीनो मे जो तू इतना बदल गया है,,,,इतना बोलते टाइम उसकी आँखों मे नमी आ गई,,,

बोल दिया जो बोलना था,,,,,अब मैं जा सकता हूँ क्या,,,,,,मैने उसके उदास चेहरे ऑर नम आँखों की भी कोई परवाह नही
की,,,ऐसा नही कि मैने परवाह नही की लेकिन मैं उसको ये जताना नही चाहता था क्यूकी अगर उसको पात चला जाता या ज़रा सा भी शो हो जाता कि मुझे उसके उदास चहरे की या नम आँखों की थोड़ी सी भी परवाह है तो वो मुझपे हावी हो जाती जो मेरे लिए अच्छी बात नही थी,,,क्यूकी अगर वो हावी हो जाती तो ऑर भी ज़्यादा ख़तरनाक हो जाती,,,,

नही जा सकते तुम भाई,,,पहले मेरी बात का जवाब दो,,,,ऐसा क्या हो गया तुझे कुछ महीनो मे जो तू इतना बदल गया,,,

मुझे नही पता मुझे क्या हुआ है बस इतना पता है मैं वो सन्नी नही रहा अब जो पहले था,,,अब मैं बुरा इंसान
बन गया हूँ बुरा भी नही बहुत ज़्यादा बुरा,,,तू दूर रहा कर मेरे से,,,,

मैं दूर नही रहूंगी तेरे से,,ऑर तू बुरा नही है भाई तू तो बहुत अच्छा है,,,लोगो की हेल्प करता है,,,,वो तो तेरा दोस्त
करण है जिसकी वजह से तू ऐसी हरकते करने लगा है ऑर उसकी वो कमीनी बेहन शिखा ,,उन दोनो ने ही तेरा दिमाग़ खराब किया है भाई,,,,वो अच्छे लोग नही है तू उनसे दूर रहा कर भाई,,,वही लोग तेरे को बुरा बना रहे है,,,,उनकी संगत मे
रहना बंद कर देगा तो खुद-ब-खुद ठीक हो जाएगा तू भाई,,,,,

मैं सोचा कि अब इसको क्या बोलू कि मैं उनकी संगत मे रहके बुरा नही बना बल्कि वो दोनो मेरी वजह से इस रास्ते पर
चलने लगे है,,,मेरी वजह से आज करण अपनी बेहन शिखा के साथ मस्ती करता है,,,

मुझे किन लोगो के करीब रहना है ऑर किन लोगो से दूर रहना है मैं अच्छी तरह जानता हूँ,,,,ऑर मैं अच्छा इंसान नही
हूँ बहुत बुरा हूँ,,,,तू मेरे से दूर रहा कर बस,,,,तेरे लिए यही ठीक रहेगा,,,,,,

मैने बोला ना मैं तेरे से दूर नही रहूंगी ,,,बचपन से हम दोनो साथ साथ है तो भला अब मैं तेरे से दूर क्यू
रहूं ,,,वो थोड़ा गुस्से से ऑर चिल्ला कर बोल रही थी,,,,,,,,,

मैं थोड़ा सहम गया था उसके गुस्से से,,,,,लेकिन मैने शो नही किया,,,,,

ऑर तुझे किसने बोला भाई तू बुरा है,,तू तो बहुत अच्छा है,,,,उस दिन मैने अपनी आँखों से देखा था,,,,

मैं साला सोच मे पड़ गया कि अब इसने क्या देखा लिया,,कहीं कुछ ऐसा वैसा तो नही देख लिया,,,,अब तो बेटा सन्नी तू
गया काम से अब ये नही छोड़ने वाली तेरे को,,,,कच्चा चबा जाएगी ओर सारा खून भी निचोड़ कर पी जाएगी,,,,



क्या देखा तूने,,,,? मैने हैरान होके पूछा,,,,,

मैने देखा था भाई उस दिन कॉलेज मे वो लड़का जिसका हाथ टूटा हुआ था ऑर कुछ लड़के उसको मार रहे थे ,,पूरा
कॉलेज खड़ा तमाशा देख रहा था किसी ने हिम्म्त नही की उस लड़के को बचाने की लेकिन तू आगे गया था भाई उस लड़के
की हेल्प करने के लिए,,,,तूने उस लड़के को बचाया था उन लड़को से जो उसको मार रहे थे,,,,ऑर आज मुझे पता चला कि तूने कविता के घर की सारी प्रोबलंस दूर करदी है,,,मैने देखा था सूरज भाई ऑर कामिनी भाभी को,,,उनकी आँखों से निकलने
वाले खुशी के आँसू भी देखे थे वो लोग तुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल बोल कर थक नही रहे थे,,,तूने उनकी फॅमिली मे दोबारा
से खुशियाँ भर दी है भाई,,,वो लोग कितना खुश थे,,,,,तुझे पता है ना कि कुछ टाइम से उनके घर के हालात ठीक नही
थे कोई दिन ऐसा नही था जब उनके घर मे फाइट नही होती थी,,कोई दिन ऐसा नही था जब उनके घर मे कामिनी ऑर कविता रोती नही थी लेकिन आज वो सब लोग खुश है ,,,ऑर उन लोगो के चहरे पर खुशी की वजह तुम हो भाई,,,,शोबा दीदी ने तो बस उनकी हेल्प करने की कोशिश की थी लेकिन असली हेल्प तो तूने की उनकी भाई,,,मुझे कविता ने सब बता दिया कैसे तुम अपने किसी दोस्त के फादर के पास जो एक बहुत अच्छे डॉक्टर है तुम उनके पास कामिनी भाभी को लेके गये ऑर उनका एलाज़ शुरू करवा दिया,,,कैसे तुम्हारी वजह से आज भाभी इतना खुश है,,,,,सूरज खुश है ,,,कविता खुश है,,,,,ऑर उन लोगो की वजह से मैं भी बहुत खुश हूँ भाई,,,,इतना बोलकर सोनिया मेरे करीब आ गई ऑर मेरे गले मे बाहें डालके मुझे हग करके रोने लगी,,,,

तुम बहुत अच्छे हो भाई,,,,सबका कितना ख्याल रखते हो सबकी हेल्प करते हो,,,फिर इतना बुरा काम क्यूँ करते हो,,,मैं जानती हूँ तुम बुरे नही तुम बस करण की वजह से ऐसी हरकते करते हो,,,,

वो पता नही क्या क्या बोलती जा रही थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कुछ सुनाई नही दे रहा था मैं तो बस उसके
इतने करीब होने से उसके जिस्म के एहसास से उसके बदन की खुश्बू से मदहोश होके किसी ऑर ही दुनिया मे पहुँच गया
था,,,,तभी ना जाने कब मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर गर्दन के थोड़ा नीचे चला गया ऑर एक हाथ जिसको मैं उसकी पीठ
पर कुर्ते के उपर रखने वाला था वो हाथ उसकी नंगी पीठ पर उसकी गान्ड से थोड़ा सा उपर टिक गया था,,,उसका कुर्ता
वैसे तो नीचे था लेकिन जब उसके हाथ उपर उठ गये जब उसने मेरे गले मे अपनी बाहें डाली थी तो हाथ उपर उठने की
वजह से उसका कुर्ता भी उपर उठ गया था ऑर मेरा हाथ उसकी नंगी पीठ पर रखा गया था,,,मैं ऐसा नही करना
चाहता था लेकिन मैं उसके बदन की खुश्बू से मदहोश हो गया था ऑर ग़लती से उसका कुर्ता उपर उठने की वजह से मेरा
हाथ उसकी नंगी पीठ पर आ गया था,,,,

मेरा हाथ नंगी पीठ पर लगते ही उसकी आवाज़ बंद हो गई,,वो चुप हो गई,,,,

तभी मैने अपने उस हाथ को जो उसकी नंगी पीठ पर था उसको उसकी पीठ पर हल्के से सहलाया ऑर पीठ से उपर की तरफ ले आया जहाँ उसकी ब्रा थी,,मेरे ऐसा करते ही उसके बदन को तेज झटका लगा,,,,तभी मैने अपने हाथ को उसकी पीठ पर नीचे की तरफ ले जाना शुरू किया ऑर उसकी पीठ से एक तरफ करके उसकी कमर पर ले गया ऑर मुझे पता नही क्या हुआ मैने उसकी कमर को अपने हाथ मे ज़ोर से पकड़ कर दबा दिया,,

मेरे ऐसा करते ही उसके मूह से हल्की आवाज़ निकली,,,वो आवाज़ कुछ अजीब थी जैसे किसी की साँसे अटक जाती है वैसे उसकी भी साँसे अटक गई थी,,उसके उपर के साँस उपर ऑर नीचे की साँस नीचे रह गई थी,,,,तभी मैने एक बार ऑर हल्के से उसकी कमर को दबा दिया ऑर दूसरे हाथ से जो उसकी गर्दन के नीचे उसकी पीठ पर था उस से उसको अपने ऑर करीब करके अपने से सटा लिया,,अब वो मेरे इतने करीब थी कि उसके बूब्स मेरी छाती पर दब रहे थे,,हम लोगो मे इतनी जगह भी नही थी कि हवा भी बीच से गुजर सके,,,,तभी मैं अपने लिप्स को उसके कान के करीब कर दिया ,,,,ऑर प्यार से हल्की मदहोशी मे बहुत स्लो आवाज़ मे उसको बोलने लगा,,,,,,


देख मैं आच्छा ल्लाडडकक़ा नाहहीी हूंन ,,मैईन्न ब्भ्हुत्त्त ब्बुउर्रा हून्न ,,इस ल्लीइयईी क्कहहत्ता हूओंन्न क्कीी
म्मेरेरीए ससी द्दूवररर र्राहहा क्कार्र तुउउउ कक्युउककीी म्मैहईन्न त्तेर्री सात्तह बभीी ककुउच्च ब्बुउर्रा कारर
साककत्ता हून्णन्न् र मायन्न न्नाहहिईीई चहाआतता क्कीिई म्मैहईन्न टररी स्साटतह ककुउचह ब्बुउर्रा करुउउउ
ऊरर तुऊुज्झहही हहुुरत्त काररुउउउ,कययुउकीी मायन्न तुउज़्झहहे हहुुरतत्त कररननी क्की ब्बरी म्मी स्सपपंनी मी
बहीी न्नाहहीी सूकच्छ साककत्ता,,,र तटूउज़्झहहे ककब्भीी डुूक्खहीी न्नाहहीी द्डेक्खह स्साकत्ताअ ,,तूऊ प्लज़्ज़्ज़ मेरेरी
ससी द्दूर्र र्राहहा क्काररररर,,,,,
 
इतना बोलकर मैने अपनी पकड़ को उसके जिस्म पर थोड़ा कमजोर कर दिया तो उसने बड़े आराम से कोई जल्दबाज़ी नही करते हुए मेरे से अलग होने की कोशिश की,लेकिन तभी ना जाने मुझे क्या हुआ मैने उसको फिर कस्के अपने करीब कर लिया इस बार उसके मूह से हल्की अहह निकल गई लेकिन ये आह मस्ती की थी या दर्द की मैं ये नही जान सका क्यूकी मैने उसको बहुत ज़ोर से अपने साथ दबा लिया था ऑर फिर से मेरे लिप्स उसके कान के पास चले गये थे,,,,,

म्मैेईन्न ब्बुउर्रा हूँ तूओ इसस्क्का मत्तलाब्ब यईी न्नाहि क्कीी स्साररीइ गगल्लत्टीी म्मेरेयिइ हहाइी ककुउच्च गाल्लत्टीी
त्ीररीई बभीी हाइी तटूउ हहाइईइ हिी इट्त्न्नीी खूब्बससुर्राातत्त क्कीी मैईन्न क्क्य्या क्कू बहीी लद्डकक़ा त्तीरर काररीब्ब
आन्नी सीसी ल्लीययए ककुउच्च बहीी कररननी कू त्तायरर हहू जआययी ऊरर मायन्न बहीी टतेरी काररीब्ब आनने सीसी लिई
ककुउच्च बभीी काररननी क्कू ताययर्र हहूऊंन ल्लेककिन्न म्मायन्न्न्न् क्क्हुद्धह त्तीररी काररीब्ब ककब्भीइ
न्नाहहीी आट्टाअ यी टू त्त्तरीररी ज्जििसम्म क्कीी कखहुउस्शहबू हहाईईइ टटेररीई सन्नस्सूओ क्कीी माद्धूश्ह क्कररननी
वाल्लीइीइ मीहाकक हहाऐईइ टीररी पपाससीन्नी किी ममतहिि ऊरर नामककींन गंदा हाइईइ तूओ म्मूउज़्झहही
मद्धूस्सह क्कार्रक्की त्तीररी काररीब्ब आन्नी क्कू माजजब्बूओर क्कररत्त्टीी हाइईईई ,,माईंन त्तीर्रे क्काररीब्ब
नाहहिि आत्ता ययई तूओ तुउउउ हाइी ज्जू पपत्ता न्नाहहीी किस डोर्र ससी म्मूुझहही आपपंनी कारीबब ख्हीन्नच्छ
लेटटीीई हाइईइ,,,मैंन क्कीत्त्न्नी बारर इस डोर्र्र क्कूव टूद्दननी क्कीईइ क्कूशहीससह कारर चुका हहूँ लीक्कीिईन्न्न्न्
हहारर बारर नाकाँम रहहा हून्न्न ज़्जब्ब बहीी इश्स ड्ड़ोर्र क्कू टूद्धनने क्कीिई क़ूसशिीसश क्काररत्ता हू न टू यी
ड़ड्डोर्र र बहीी जय्यड्डा मजज़बूओत हहू जात्तीी हाइी र मुुझहही तीरीई तारराफ़ कखीन्न्कचछ लेटटी हाइईइ मेरेरा
ख़्हुडद प्पीरर क्कू क़बबू नाहहीी रीहहता ,,,,,,,,,,,इतना बोलते हुए मेरे हाथ उसकी पीठ को सहला रहे थे ऑर दूसरा
हाथ उसके बालों मे था ऑर मेरे हाथ की उंगलियाँ उसके बालों मे घूम रही थी ,,उसकी हार्ट बीट बहुत तेज थी ऑर उसकी
साँसे भी काफ़ी तेज ऑर गरम हो गई थी ,,,,वो मेरे साथ बिल्कुल सटके खड़ी हुई थी उसके दिल की तेज धड़कन मुझे अपने दिल के करीब महसूस हो रही थी जिसस वजह से मेरे दिल की धड़कन भी काफ़ी तेज हो गई थी,,,,मेरे हाथ लगातार उसकी पीठ को सहला रहा था ओर दूसरा हाथ उसके बालों को,,,,


तभी मैने अपने उस हाथ से जो उसके बलून मे था उस से उसके बालों को कस्के अपनी उंगलियों मे जकड़ा ऑर उसके सर को अपने से थोड़ा दूर किया ,,,,,मैने उसके चहरे को देखने लगा जिसपे एक मासूमियत थी ऑर आँखों मे एक उलझन थी वो
कुछ समझ नही पा रही थी जैसे मैं कुछ समझने की हालत मे नही था ,,वो मेरी आँखों मे देख रही थी ऑर मैं उसकी
आँखों मे ,उसके लिप्स थोड़े खुले हुए थे ऑर वो तेज तेज साँसे ले रही थी तभी मैं उसके सर को अपने करीब करने लगा
,वो समझ गई थी अब मैं क्या करने वाला हूँ क्यूकी मेरा ध्यान उसके लिप्स की तरफ था ऑर उसका ध्यान मेरी तरफ,,तभी
उसके हाथ जो मेरे गले मे थे वो अपने हाथों से मेरी पीठ को ज़ोर से दबाने लगी ऑर मेरी पीठ को अपने नाखूनो
से कुरेदने लगी ,,मुझे हल्का हल्का दर्द हो रहा था जो मुझे ऑर भी मस्त करने लगा था ,,जैसे जैसे उसके लिप्स मेरे
करीब आ रहे थे वैसे वैसे उसको आँखें भी बंद होने लगी थी,,,जब तक उसकी आँखे पूरी तरह बंद हुई तब तक
उसके लिप्स मेरे लिप्स से बस सटने ही वाले थे,,,,हम दोनो के लिप्स मे अब बस 1 इंच से भी कम फाँसला था ,,,उसका मूह भी खुला हुआ था ऑर मेरा भी ,,,हम दोनो की साँसे एक दूसरे के मूह मे जाने लगी थी,,,,मेरा हाथ उसकी पीठ पर कसने
लगा था ऑर दूसरा हाथ उसके बालों मे सहलाने लगा था,,,,,वहाँ पूरी तरह सन्नाटा था हालाँकि टीवी चल रहा था लेकिन
मुझे अब टीवी की आवाज़ सुनाई नही दे रही थी,,,मुझे तो बस उसकी तेज तेज साँसों की ऑर तेज़ी से धड़क रहे दिल की आवाज़ सुन रही थी,,,ऐसा लग रहा था कि उसकी साँसों का शोर ऑर दिल की धड़कन माहौल मे गूँज रही है ,,,,मैं पूरी तरह से बेक़ाबू हो गया था ऑर तभी उसके लिप्स से मेरे लिप्स टच कर गये ,,ऐसे लगा जैसे समंदर मे तूफान आ गया है ऑर माजी अपनी किश्ती को किनारे पर लगाने की राह तलाश कर रहा है , वही तूफान था मेरे अंदर ऑर मैं भी कोई राह तलाश रहा था लेकिन मुझे नही पता था मैं इस तूफान से बच पाउन्गा या नही ,,आगे क्या होनेवाला था मैं इस से अंजान था बस अपनी राह चलने की कोशिश कर रहा था,,,,,
 
मेरे लिप्स उसके लिप्स से टच हो गये तभी उसके हाथ भी मेरी पीठ पर तेज़ी से कसने लगे लेकिन प्यार से नही ज़ोर से वो मेरी पीठ को बुरी तरह से कुरेद रही थी अपनी नखूनो से,मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं अब क़ाबू मे नही था,,
मेरे लिप्स जैसे ही उसके लिप्स से टच हुए मैं उसके लोवर लिप को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर अपने मूह मे भर लिया ऑर हल्के से चूसने लगा,,उसकी गरम साँसे मुझे अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी जो बहुत गर्म थी ऑर मुझे भी
गर्म कर रही थी,,,तभी मैने उसके खुले मूह मे अपनी ज़ुबान डाल दी ऑर उसके मूह को अंदर से अपनी ज़ुबान से अच्छी
तरह से हर तरफ से टच करने लगा महसूस करने लगा,,वो मुझे किस का रेस्पॉन्स तो नही दे रही थी लेकिन मुझे
रोक भी नही रही थी,,,लेकिन मेरी पीठ पर जखम ज़रूर लगा रही थी अपने नखून से,,,,हम दोनो ऐसे ही खड़े हुए
थे एक दूसरे को बाहों मे भरके ,,,एक दूसरे के लिप्स को टच कर रहे थे अपने लिप्स से ,,तभी मैने अपनी ज़ुबान से जो
कि उसके मूह मे थी उस से उसकी ज़ुबान को पकड़ने की कोशिश की ओर हल्के से उसकी ज़ुबान को अपनी ज़ुबान से लड़ने लगा ओर लड़ते हुए उसकी ज़ुबान बाहर निकालने लगी ओर मेरे दाँतों तक पहुँच गई तभी मैने उसकी ज़ुबान को अपने दाँतों से पकड़ा ऑर अपने मूह मे खींच लिया ओर अपने मूह मे भरके चूसने लगा,,,इतने मे उसके हाथ मेरी पीठ पर ऑर भी ज़्यादा कस
गये शायद उसको अच्छा लगने लगा था या शायद वो मुझे रुकने को बोल रही थी मुझे मना कर रही थी,,,,मैं अभी मस्ती
मे था ऑर उसकी हॉल्ट पर कन्फ्यूज़ भी था क्यूकी वो मुझे रोक नही रही थी पीछे नही कर रही थी लेकिन मुझे पीठ पर
हर्ट ज़रूर कर रही थी ऑर तभी सब कुछ ग़लत हो गया,,,,

बाहर डोर बेल बजने लगी तो उसे मुझे दूर करने की कोशिश की लेकिन मैं उसको दूर नही जाने दे रहा था ऑर उसके लिप्स
को किस कर रहा था ऑर तभी उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भर लिया तो मैं हैरान रह गया शायद उसको भी ये सब अच्छा
लगने लगा था लेकिन अभी ही क्यूँ ,,,अभी ही क्यूँ उसको ये सब अच्छा लगने लगा जब बाहर दरवाजे पर कोई आ गया था पहले क्यूँ
नही,,,,पहले क्यूँ नही उसने मेरा साथ दिया क्यूँ मुझे किस का रेस्पॉन्स नही दिया,,,,ऑर दरवाजे पर जो कोई भी था वो कुछ
देर बाद नही आ सकता था क्या,,,,लेकिन मैं ग़लत था उसने मुझे किस करने के लिए नही मुझसे दूर होने के लिए मेरे
लिप्स को अपने लिप्स से जकड़ा था क्यूकी उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने लिप्स से भरके चूसा या चूमा नही बल्कि अपने दाँतों
मे दबा कर ज़ोर से काट दिया था ,,लेकिन मैने फिर भी उसको अपने से दूर नही किया,,

फिर दोबारा से बेल बजी तो उसने मुझे ज़ोर लगा कर पीछे कर दिया,,मैं भी सपने की हसीन दुनिया से वापिस अपनी दुनिया
मे आ गया,,,मैं उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया ऑर वो थोड़ा पीछे हो गई ,वो मेरे से दूर तो थी लेकिन अभी भी उसकी
हालत खराब थी वो तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,उसकी आँखें बंद थी ऑर दिल तेज़ी से धड़क रहा था उसके हाथ नीचे की तरफ
लटके हुए थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों को आपस मे जोड़ कर कभी मुट्ठी बंद कर रही थी ऑर कभी हाथ को खोल रही
थी,,,ऐसा लड़की तभी करती है जब वो बहुत ज्याद डर जाती है,,,सहम जाती है,,कन्फ्यूज़ हो जाती है,,,,वो ऐसा करके खुद
पर क़ाबू पाने की कोशिश कर रही थी ऑर बाहर बेल बजती जा रही थी,,,,

तभी उसने आँखें खोल कर मेरी तरफ देखा तो मैने अपने लोवर लिप्स पर हाथ लगाया जहाँ उसने अभी काटा था ,,,मैने
वहाँ हाथ लगाया तो वहाँ से खून निकल रहा था जो मेरे लिप्स से होते हुए मेरी चिन तक आ गया था मैने अपने हाथ
से अपनी चिन पर लगा हुआ खून सॉफ किया ऑर अपने हाथ को मूह मे भरके चूसने लगा फिर अपने लोवर लिप्स को वापिस
बेंड करके अपने मूह मे भर लिया ओर जहाँ से खून निकल रहा था उस जगह को अच्छी तरह से चूसने लगा,,

वो दूर खड़ी मुझे देख रही थी ऑर तेज़ी से साँसे ले रही थी ,,,तेज़ी से साँसे लेने की वजह से उसके छोटे छोटे बूब्स उसकी
छाती पर उपर नीचे हो रहे थे तो मेरा ध्यान उसके बूब्स पर चला गया ,,उसने मुझे अपने बूब्स देखते पकड़
लिए ओर जल्दी से अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखा ऑर वहाँ से उपर की तरफ भाग गई,,,,,उसके उपर जाने के बाद
मैं दरवाजे की तरफ गया ऑर दरवाजा खोल दिया,,,,,,

सामने माँ थी,,,,,,इतना टाइम क्यूँ लगा दिया ,,क्या कर रहा था,,,कब्से बेल बजा रही हूँ मैं,,,,

कुछ नही माँ बस टीवी देख रहा था आवाज़ तेज थी तो बेल की आवाज़ सुनाई नही दी,,,,,

इतना बोलकर मैं साइड हो गया ऑर माँ अंदर आ गई,,,,,,माँ अंदर आते ही अपने रूम मे चली गई ऑर मैं वापिस सोफे
पर बैठ कर टीवी देखने लगा ,,,,,,,,,

टीवी क्या देखना मैं तो किसी ऑर ही दुनिया मे खोया हुआ था अभी कुछ देर पहले जब सोनिया के गले लग्के उसको चूम रहा
था ,,उसके सॉफ्ट लिप्स मुझे ऐसे लग रहे थे जैसे मेरे मूह मे मक्खन की तरह पिघल रहे थे,,उसकी मखमली पीठ
पर मेरा हाथ अपने आप फिसलता जा रहा था,,उसके बालों मे मेरी उंगलियाँ ऐसे आराम से घूम रही थी जैसे रेशम
का कीड़ा रेशम मे धागो मे आराम से इधर उधर टहलता है,,,,,अब वो उपर चली गई थी लेकिन मेरे जिस्म मे जो सनसनी
अभी तक फैली हुई थी उस से यही लग रहा था जैसे मैं अभी भी उसके पास खड़ा हूँ ,,उसके बदन की खुश्बू अभी
भी मेरी साँसों मे समा रही है,,उसके लिप्स अभी भी मेरे लिप्स मे जकड़े हुए है ,,,,मैं तो बस उसी हसीन दुनिया मे
खोया हुआ था ,,तभी माँ अपने रूम से कपड़े चेंज करके बाहर आ गई,,,,


आज फिर लेट हो गई मैं,,डिन्नर का टाइम भी हो रहा है,,,इतना बोलके माँ जल्दी जल्दी किचन मे चली गई,,,,

मैं नींद से जगा ऑर मेरा ध्यान मेरे लंड पर गया जो मस्ती मे ओकात मे सर उठा कर खड़ा हुआ था,,,मैने जल्दी से
सोफे पर पड़ा हुआ छोटा सा पिल्लो उठाया ऑर उसको अपने लंड पर रख लिया ताकि माँ को मेरा खड़ा लंड नही दिख जाए
वरना उस चुड़क्कड़ औरत ने डिन्नर के बारे मे भूल जाना है ऑर मस्ती के मूड मे आ जाना है,,,,,ऑर अगर ऐसा हो गया
तो बहुत पंगा हो जाना है क्यूकी सोनिया घर पर है,,,,

लेकिन मेरी भी हालत कुछ खराब थी ,मेरे लंड मे भी भी रह रह कर एक तूफान उठ रहा था ,,मेरा भी दिल कर रहा था
एक बार किचन मे माँ के पास चाल जाउ ,,चुदाई नही तो ना सही एक ब्लोवजोब से ही खुद को शांत करवा लूँ माँ से
लेकिन हिम्मत नही हो रही थी,,,,मैने जैसे तैसे खुद पर क़ाबू किया,,,,,

अरे वाह ये सब्जी किसने काटी आज,,,,,लगता है आज भी मेरी बेटी ने मेरी हेल्प की है,,उसको पता होगा कि माँ ने लेट हो जाना
है तो उसने सब्जी काट दी होगी,,,कितना ख्याल रखती है मेरी बेटी,,,,,

सन्नी सोनिया कहाँ है बेटा,,,,,माँ ने किचन के दरवाजे पर खड़े होके पूछा,,,,

व उपर अपने रूम मे है माँ,,,,मैं सोफे पर ठीक से बैठते हुए ऑर अपने लंड पर पड़े पिल्लो को ठीक करते हुए बोला

ठीक है अभी उसको आराम करने दो,,वैसे भी सब्जी काट कर थक गई होगी मेरी लाडली,,,इतना काम करने की आदत जो नही,,,,,चलो
मैं अब खाना तैयार करती हूँ शोबा भी आती ही होगी,,,,,ऑर तेरा मामा भी,,,इतना बोलकर माँ वापिस किचन मेचली गई

ऑर मैं सोफे पर बैठा खुद पर क़ाबू करता हुआ टीवी देखने की कोशिश करने लगा,,,,


तभी कुछ देर बाद मामा ऑर शोबा भी आ गये,,,,,पहला मामा आया ऑर उसके 10-15 मिनट बाद शोबा आ गई,,,

मामा आते ही मेरे पास बैठ गया ऑर टीवी देखने लगा ,,,मुझे डर था कहीं मामा का ध्यान मेरे लिप्स पर ना चला जाए
जहाँ सोनिया ने ज़ोर से काटा था,,क्यूकी खून अभी भी हल्का हल्का निकल रहा था ऑर मैं बार बार अपने लिप्स को बेंड करके
वापिस मूह मे भरके चूस रहा था,,मामा से बचने के लिए मैने हाथ को अपने लिप्स के पास रखा हुआ था ऑर ऐसे
ही टीवी देख रहा था,,,,लिप्स पर हल्की हल्की सूजन भी आ गई थी,,,,,,

शोबा आते ही अपने रूम मे चली गई थी ऑर जल्दी ही फ्रेश होके नीचे आके माँ की हेल्प करने लगी थी किचन मे,,,,

क्यू सन्नी कहाँ बिज़ी रहा आज सारा दिन कॉलेज से वापिस आके,,,,,मामा ने मेरी तरफ देखते हुए पूछा,,,,

अब मैं क्या बोलू इसको कि मैं तो कॉलेज ही नही गया बल्कि सूरज ऑर कामिनी भाभी के साथ मस्ती करता रहा,,,,,,,,कहीं नही मामा जी बस कॉलेज से आके कुछ देर अपने दोस्तो के साथ घूमता रहा ऑर अभी आपके आने से कुछ देर पहले ही घर आया हूँ,,,

बेकार मे दोस्तो के साथ घूमने से अच्छा था बुटीक पर आ जाता ओर हम लोगो के साथ मस्ती करता,,,,2-2 जवान लड़कियों
को अकेले संभालना मुश्किल हो जाता है,,तू साथ होता तो बात बन जाती,,,एक तू संभाल लेता ऑर एक को मैं,,,

क्या बोल रहे हो मामा ,,,,,आप तो एक साथ 4 को संभालने वाले बंदे हो 2 से ही हार गये क्या,,,,मैं हँसते हुए बोला लेकिन
हँसते हुए लिप्स मे हल्का दर्द हुआ इसलिए ज़्यादा खुश नही हो सका ऑर ना ही मैने हाथ दूर किया लिप्स से नही तो मामा को पता चल जाता,,,,

अरे बेटा संभाल तो लेता अगर वो नई खिलाड़ी होती,,,वो तो मेरे से भी कहीं आगे निकल गई है,,मैं थक जाता हूँ लेकिन वो
नही थकती,,,एक तो जवान खून उपर से चूत का उतावलापन जिसके चलते चूत का दाना हर टाइम मचलता रहता है
उनका,,मैं शांत कर देता हूँ तो वापिस दाना मचेलने मे टाइम नही लगता,,,,दोनो की दोनो बड़ी तेज है,,देख ज़रा 2-3
दिन मे तेरे मामा का क्या हाल हो गया है,,,,,

मेरी हँसी निकल गई,,,,लेकिन डर भी लग रहा था एक तो मामा को मेरे लिप्स ना नज़र आ जाए ऑर उपर सोनिया है कहीं वो एक दम से नीचे आ गई तो कहीं मामा ऑर मेरी बातें ना सुन ले,,,,,,,,,,,,,,,,आराम से बोलो मामा ऑर इतना क्यू डर रहे हो ,,आपका ही तो दिल था उन दोनो को चोदने का अब क्या हुआ,,इतनी जल्दी हार गये क्या,,,,

बेटा हारा नही हूँ लेकिन ये दोनो तो थोड़ा सा भी आराम नही करने देती,,,,एक की चूत का पानी निकालता हूँ तो दूसरी तैयार
हो जाती है,,,,,,अगर एक टाइम पर एक हो तो ऐसा हाल करू की याद करेंगी सुरिंदर मामा को,,,,लेकिन एक साथ 2 को खुश करनाथोड़ा मुश्किल है,,,,,,,कल तू चलना मेरे साथ बुटीक पर मज़ा करेंगे ,,एक को तो संभाल लेना एक को मैं,,,,,,बोल
क्या बोलता है,,,,,


मेरा दिल तो नही था लेकिन अभी कुछ देर पहले सोनिया की वजह से जो तूफान उठा था दिल मे ,,जो मस्ती चढ़ि थी उसी मस्ती मे
मैने मामा को हां करदी,,,,ठीक है मामा तूने मेरा इतना साथ दिया है तो कल मैं भी तेरा साथ देने आ जाउन्गा,,,

मामा खुश हो गया,,शुक्रिया भानजे ,,वैसे मेरा साथ तो दे देना फिर भी तेरे को शिखा बहुत याद कर रही थी,,उसने
भी बुलाया है तुझे कल बुटीक पर,,,मेरे लिए ना सही हो सके तो उसके लिए आ जाना कल बुटीक पर,,,,इतना बोलकर मामा
वहाँ से उठा ऑर अपने रूम मे चला गया,,,

मैं दिल ही दिल मे सोचने लगा कि मामा तो अपने आप को बड़ा खिलाड़ी बनता है 2 लड़कियों ने ही तेल निकाल दिया मामा का,,,
लेकिन इस बात की खुशी भी होने लगी कि शिखा मुझे याद करती है ऑर याद करे भी क्यू नही एक बार जो मेरे लंड से
चुद जाती है उसको फिर कहीं शांति नही मिलती मेरे लंड के अलावा,,,,सोचा कि कल मैं भी बुटीक पर चला ही जाउन्गा
मामा की हेल्प करने ऑर साथ ही शिखा के साथ कुछ मस्ती भी हो जाएगी,,,,,,इतना सोचकर मैं थोड़ा खुश हो गया ऑर
टीवी देखने लगा,,,,,,,

जब डिन्नर का टाइम हो गया तो माँ ने ऑर शोबा दीदी ने डिन्नर लगा दिया डाइनिंग टॅबेल पर,,,,मैं अभी भी टीवी देख रहा था,,,

सन्नी आ जाओ बेटा डिन्नर लग गया है,,,,माँ की आवाज़ सुनके मेरा ध्यान टीवी से हटके माँ की तरफ गया तो माँ चेर पर
बैठ चुकी थी,,,,

मैं सोफे से उठा ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ जाने लगा,,,सन्नी ज़रा उपर जाके सोनिया को भी बुला लाना ,,माँ ने इतना बोला
ही था कि मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धक धक करने लगा,,,,मैं डर गया बुरी तरह से ,,,अभी कुछ देर पहले इतना सब किया था
सोनिया का साथ वो तो पूरे गुस्से मे होगी ऑर पता नही क्या हाल करेगी मेरा अगर मैं उसको बुलाने उपर चला गया उसके
कमरे मे,,,,पता चले मैं दरवाजा खोला ऑर वो हाथ मे अक47 लेके बैठी हुई थी ऑर दरवाजा खुलते ही मेरी छाती
मे गोलियाँ दागने लगी ऑर 1 मिनट से भी कम टाइम मे पूरी की पूरी मगज़ीन खाली करदी मेरी छाती मे ऑर भून कर
रख दिया मेरी छाती को गोलियों से,,,,

मैं तो डर से काँपने लगा था,,,,मुझे नही जाना माँ जिसको बुलाना है खुद जाके बुला ले,,,मैने थोड़ा गुस्से मे बोला
क्यूकी अगर गुस्से से नही बोलता तो मेरी घबराहट से थर थर काँपती आवाज़ का माँ ऑर शोबा को पता चल जाता,,,,
 
अरे तुम भाई बेहन अभी तक बच्चो की तरह लड़ते क्यू रहते हो ,,अब तो बड़े हो जाओ ,,,,परेशान करके रखा है,,जा
शोबा बेटी तू ही बुला ला अपनी बेहन को,,,,

जी मोम,,,शोबा इतना बोलकर उठी ऑर वहाँ से उपर चली गई जबकि मैं डाइनिंग टेबल पर जाके बैठ गया,,मेरा हाथ मेरे
मूह पर था ,,,माँ का ध्यान नही था वो सबकी प्लेट मे खाना परोसने मे लगी हुई थी,,,

सोनिया को तो नही बुलाने जाना था तूने जा जाके मामा को तो बुला ले,,,बोल उसको की खाना लग गया है,,माँ प्लेट मे खाना डालते हुए ही बोली,,मेरी तरफ नही देखा उन्होने,,,,,

मैं अभी चेयर पर बैठा ही था कि उठकर मामा के रूम मे गया ऑर मामा को डिन्नर के लिए बाहर आने को बोला,,,

ठीक है बेटा तू चल मैं आता हूँ,,मामा कुछ धीमी ऑर थकि हुई आवाज़ मे बोला था,,,मैं समझ गया कि सच मे
मामा की तो पुँगी ही बज गई थी,,,,क्या हाल किया है शोबा ऑर शिखा ने मिलकर मामा का,,,,सुना था मर्द औरत की फाड़
कर रख देता है लेकिन यहाँ तो उल्टा हो गया था,,,2 लड़कियों ने मिलकर मामा की फाड़ दी थी,,,,,मैं सोच सोच कर
मन ही मन हँसने लगा ऑर वहाँ से वापिस जाने लगा ,,

तभी शोबा दीदी सोनिया को साथ लेके नीचे आ गई ऑर डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ने लगी,,,,मैं उनके पीछे था,,,शोबा ऑर
सोनिया जाके डाइनिंग टेबल पर माँ की तरफ बैठ गई,,,,,,,,

मैं जाके सामने की तरफ बैठ गया ऑर मेरे साथ वाली चेयर पर आके मामा बैठ गया,,,,,

माँ के साथ वाली चेयर पर सोनिया बैठी हुई थी,,,,,वो मेरे से नज़र नही मिला रही थी सर को झुका कर बैठी हुई थी,,,तभी
माँ उसको बोली,,,,,,क्या हुआ बेटी तू इतनी गुम सूम क्यू है,,,,,तेरी तबीयत तो ठीक है ना,,,,,

माँ की आवाज़ सुनके सोनिया एक दम से नींद से जागी ऑर सर उठा कर माँ की तरफ देखने लगी,,,,,हां माँ मैं बिल्कुल ठीक हूँ ,,वो बोल तो ठीक रही थी लेकिन उसके चहरे के हाव-भाव उसका साथ नही दे रहे थे,,,,सॉफ पता चल रहा था वो
कुछ परेशान है ऑर थकि ताकि लग रही है,,,,,,

लगता है मेरी बेटी आज कुछ ज़्यादा ही थक गई है सब्जी काट कर,,,,आज तो बेटी अलका आंटी के घर पर टाइम लग गया ऑर लेट हो गई
इसलिए तुझे सब्जी काटनी पड़ी बट नेक्स्ट टाइम से मैं ख्याल रखूँगी इस बता का ऑर जल्दी घर आउन्गी,,,,चल अब खाना खा
ले मैं तुझे बाद मे दूध मे शहद डालके दूँगी तो आराम मिलेगा तुझे,,,,सारी थकान दूर हो जाएगी,,,,

ठीक है माँ,,इतना बोलकर सोनिया सर झुका कर खाना खाने लगी,,,,वो मेरे से नज़र नही मिला रही थी ,,जबकि मैं भी उस
से नज़र नही मिला रहा था फिर भी मैं चोरी चोरी उसकी तरफ देख रहा था,,,,मुझे ऐसा लग रहा था कि आज मैं उस
से इतना नही डर रहा था जितना वो मेरे से डर रही थी,,,,,उसकी आँखों मे आज गुस्सा तो था लेकिन इतना नही ,,आज उसकी आँखों
मे गुस्से के साथ साथ हल्का डर भी नज़र आ अरहा था,,,,वो डर था या उदासी मायूसी ये समझ पाना थोड़ा मुश्किल था
मेरे लिए क्यूकी उसको आज तक कभी डरी हुई नही देखा था मैने,,,उसकी आँखें जब भी मेरी आँखों से मिलती तो वो जल्दी
से सर को झुका लेती ऑर वापिस खाना खाने लगती लेकिन रोटी का एक नीवाला चबा कर हलक से नीचे उतारने मे उसको परेशानी
हो रही थी,,,,रोटी का वो नीवाला उसके मूह मे इधर उधर घूम रहा था बस जिसको वो मायूसी से हल्के हल्के चबा
रही थी,,,,,डरा तो मैं भी हुआ था थोड़ा उदास भी था,,क्यूकी सोनिया एक चहरे पर उदासी मुझे अच्छी नही लगती थी,,ऑर
डरना तो मेरा वाजिब था आज हरकत ही कुछ ऐसी की थी मैं जिसकी वजह से मेरी फटी पड़ी थी,,,,,,


लेकिन तभी कोई कुछ बोला ऑर मेरी गान्ड पहले से भी ज़्यादा फॅट गई,,,,

ये तेरे लिप्स पे क्या हुआ है सन्नी,,,,,ये शोबा दीदी की आवाज़ थी जिसको सुनकर मेरी गान्ड फॅट गई थी,,,,सोनिया के काटने की
वजह से खून तो काफ़ी निकला था लिप्स से लेकिन अब तो लिप्स थोड़ा सूज भी गया था,,,मैं मूह पर हाथ रखके खाना नही
खा सकता था ऑर अगर ख़ाता तो सच मे पकड़ा जाता इसलिए आराम से नॉर्मल होके खाना खा रहा था,,,,लेकिन फिर भी
शोबा दीदी ने पकड़ लिया,,,,

वू वू कुउक्च्छ भी तो नाहहीी हहुउऊुआ,,,,,,मैं थोड़ा दर गया लेकिन तभी मेरा ध्यान गया सोनिया की तरफ जिसके
चेहरे का रंग फीका पड़ने लगा था ,,,उसके मूह मे जो नीवाला था वो उसके गले मे जाके अटक गया ऑर उसको खाँसी होने
लगी ऑर तभी उसको हिचकी लग गई,,,,माँ ने जल्दी से उसको पानी का ग्लास दिया ,,,अरे तुझे क्या हुआ एक दम से,,,,आराम से खाना खा ले तेरे पीछे पड़ा हुआ है क्या कोई,,,,,,,चल पानी पी अब,,,इतना बोलकर माँ ने अपने एक हाथ से पानी का ग्लास सोनिया
के लिप्स पर लगा दिया ऑर एक हाथ से उसकी पीठ थपथापने लगी,,,,,सोनिया पानी पीती हुई मेरी तरफ देख रही थी,,वो थोड़ा परेशान थी ,,,

तभी शोबा फिर से बोली,,,ओह्ह मिसटर कहाँ खो गया तू तेरे से कुछ पूछा है मैने,,,,,शोबा ने फिर से मेरे से
वही पूछा जिसका मैं कोई जवाब नही दे सकता था शायद देने की हिम्मत नही थी,,,लेकिन सोनिया की तरफ देख कर ऑर
उसकी परेशानी देख कर मुझे पता नही कहाँ से हिम्मत आ गई,,,

इस से पहले मैं कुछ बोलता माँ सोनिया की पीठ थपथपाती हुई बोली,,,,अरे ये क्या हो गया बेटा,,,,तेरा लिप्स इतना कैसे सूज
गया ,,,किसी से झगड़ा हुआ क्या तेरा,,,कैसे लगी ये चोट,,,

नही माँ किसी से कोई झगड़ा नही हुआ,,,मैं माँ की बात का जवाब दिया लेकिन माँ नही मानी,,,

तू दिन भर दिन कुछ ज़्यादा ही फाइट करने लगा है अभी कुछ महीना भर पहले भी तूने फाइट की जब कोई लड़का सोनिया ऑर
कविता को तंग कर रहा था कॉलेज से आते टाइम,,,,तब भी तुझे बहुत चोट लगी थी ऑर आज फिर तेरा लिप्स सूजा हुआ है,,
सच बता कैसे लगी ये चोट,,,,,माँ हल्के गुस्से मे बोल रही थी ऑर उधर सोनिया को एक हाथ से पानी पिलाती हुई उसकी पीठ
पर हल्के से हाथ मार रही थी,,,,,,ऑर इधर शोबा भी मेरे लिप्स की तरफ देख रही थी मुझे कुछ समझ नही आ रहा था
क्या बोलू,,,,,


तभी माँ फिर से हल्के गुस्से मे बोली,,,,,बताता है या करूँ तेरे डॅड को फोन कि आपका बेटा आज फिर किसी से फाइट करके
आया है,,,,,

नही माँ डॅड को फोन मत करना ये तो मैं,,वो बस,,,

वो वो क्या लगा रखा है एक तो ग़लती करता है फिर चोट लगवा लेता है फिर कुछ बोलता नही ,,,,कितना बड़ा हो गया है
फिर भी बच्चो वाली हरकते करता है,,,,बोल क्यू करता है ये सब,,,,,क्यू करता है एसी ग़लती जिसका जवाब ना दे सके,,बोल
क्यू करता है ग़लती,,,

तभी माँ की बातें ऑर शोबा का ऐसे मेरे लिप्स की तरफ घूर्णा मुझे अजीब लग रहा था ऑर मैं जल्दी जल्दी मे बोल
गया,,,,,ये मेरी ग़लती नही माँ सब सोनिया की वजह से हुआ है,,उसी की वजह से मेरे लिप्स पर सूजन आई है,,,

मैं अभी बोलना शुरू ही हुआ था कि सोनिया का नाम मेरे लिप्स पर आते ही सोनिया के मूह से सारा पानी एक ही बार मे डाइनिंग
टेबल पर गिर गया ,,,माँ के हाथ से ग्लास भी निकल कर नीचे गिर गया ,,सोनिया अपना नाम सुनते इतना ज़ोर से खाँसी थी कि
पूछो ही मत,,,,,,

अरे अब तुझे क्या हुआ,,,,,लगता है तबीयत कुछ ज़्यादा ही खराब है तेरी,,,,,तेरे से कोई काम करवाना ही नही चाहिए,,
जब देखो कम करके जल्दी थक जाती है तू,,,देख अब खाना भी ठीक से नही खाया जा रहा,,,,,,

चल उठ मैं तेरे को रूम मे छोड़ कर आती हूँ फिर मेडिसिन देती हूँ,,,इतना बोलकर माँ चेयर से उठी ऑर साथ
ही सोनिया को भी खड़ा कर दिया,,,,,,लेकिन तभी माँ ने सोनिया से पूछा,,,,,,,,ये सन्नी क्या बोल रहा है तेरी वजह से इसके लिप्स पर सूजन आई है,,,,,क्या तूने इसको मारा था,,,,तुम दोनो का झगड़ा हुआ क्या,,,,,

सोनिया का एक दम से रंग ही उड़ गया ,,,,मैने तो क्कुकच्छ ंहिी क्किया मा यी पत्ता नाहही क्या बोल्ल्ल राहहा हहाई

सोनिया की आवाज़ मे एक डर था वो कुछ सहमी हुई थी ऑर तभी मैने देखा उसके फॉरहेड पर पसीना आ गया था,,,

अच्छा झूठी ये तूने नही किया,,,,,तूने मेरे लिप्स पर नही मारा,,,,सच बोलती है या मैं सब सच बता दूं मोम को
कि तूने कैसे खून निकाला मेरे लिप्स से,,,,,

माँ मेरी तरफ देखने लगी ओर फिर सोनिया की तरफ,,,,,,क्या ये सच है सोनिया,,,तूने मारा क्या अपने भाई को,,,जल्दी बता
क्या तूने खून निकाला था इसके लिप्स से,,,,,

सोनिया के चेहरे का रंग ही उड़ गया,,,,माँ मैने कुछ नही किया सच मे ये झूठ बोल रहा है,,,,

अच्छा तो तू कुछ नही बोलेगी,,चल मैं ही बता देता हूँ कि मेरे लिप्स पर क्या हुआ है,,,,,कि कैसे तूने मेरे लिप्स पर
चोट की थी,,,,

मा ये झहहोत बोल रहा है ,,मेरी वजह से इसको चोट नही लगी ऑर ना ही मेरी वजह से इसके लिप्स से खून निकला,,,,

तभी माँ ने मेरी तरफ देखा,,,,,तू सच बोल रहा है ना सन्नी,,देख अगर झूठ बोलेगा तो अच्छा नही होगा,,याद
रखना,,,,

सच बोल रहा हूँ माँ इसी ने मारा है मुझे इसी ने काटा मेरा लिप्स ये देखो,,इसका बस चले तो ड्रेकूला बनके मुझे
काट ले ओर मेरा सारा खून पी जाए,,,,इतना बोलकर मैं हँसने लगा,,,,


लेकिन सोनिया की हालत बिगड़ गई ,,वो ज़्यादा ही मायूस हो गई ,,,बस रोना ही बाकी रह गया था उसका,,,,पसीने से पूरा बदन भीग गया था उसका,,,,वो खड़ी हुई थी लेकिन उस से खड़ा नही हुआ जा रहा था माँ ने उसको सहारा दिया हुआ था,,,,

ंहिी मा मैंनी कुउच्च ंहिी क्किया ये झूठ बोल रहा हाई,,,सोनिया डर डर के बोल रही थी,,,,,

मुझे उसकी हालत पे तरस आ आ गया,,,,,,सॉरी माँ मैं मज़ाक कर रहा था ,,इसने मुझे नही मारा ,,,,

माँ हल्के गुस्से मे,,,,हर टाइम मज़ाक करना अच्छी बात नही ,,,देख सोनिया की क्या हालत है ऑर ऐसी हालत मे भी तू उसके
साथ मज़ाक कर रहा है,,,अगर मैं ग़लती से इसको डाँट देती तो क्या होता,,,,,,इसने कुछ नही किया तो चोट कैसे लगी तुझे,,,

सॉरी बोला ना माँ ,,लेकिन एक बात तो पक्की है चोट इसकी वजह से लगी,,,,,

सोनिया पहले कुछ ठीक महसूस करने लगी थी जब मैं माँ को बोला कि सोनिया ने कुछ नही किया मैं मज़ाक कर रहा था
लेकिन एक बार फिर जब उसका नाम लिया तो वो फिर से डरने लगी,,,,,,,,,

इसकी वजह से,,अभी तूने बोला तू मज़ाक कर रह था,,,अब कहीं फिर से मज़ाक तो नही कर रहा,,,,,,

नही माँ चोट सच मे इसकी वजह से लगी है,,,,मैं किचन मे पानी पीने गया तो ये हाथ मे नाइफ लेके बाहर आ रही थी
एक तो हाथ मे नाइफ उपर से इसकी शकल चुड़ैल जैसी,,मैं तो देख कर एक दम से डर गया ऑर डर के मारे ज़मीन पर गिर गया जिस से ये चोट लग गई,,,,

मेर इतना बोलते ही माँ ,,मामा ओर शोबा दीदी हँसने लगे,,,,,क्यूकी मैने सोनिया को चुड़ैल बोला था,,,,,,हम सब लोग तो खुश
थे लेकिन सोनिया अब मेरे तरफ हल्के गुस्से से देख रही थी ऑर तभी मैने भी उसकी तरफ देखा ऑर अपने लिप्स को अपने मूह मे दबा कर चूसने लगा,,,उसने जल्दी ही अपना फेस टर्न कर लिया,,,,,

माँ मुझे उपर जाना है मुझे ले चलो प्लज़्ज़्ज़,,,,सोनिया ने माँ की तरफ ऐसे देखा कि माँ को लगा कि ये सच मे इसकी तबीयत ठीक नही है ऑर माँ उसको वहाँ से ले गई,,,,,
 
हम लोग अभी भी वहाँ बैठ कर हंस रहे थे,,,जबकि माँ उसको लेके उपर जा रही थी,,,वो पीछे मूड के मुझे देख रही
थी लेकिन जब मैने देखा तो उसने चेहरा घुमा लिया,,,,

नेक्स्ट डे घर से तैयार होके कॉलेज जाने के लिए निकलने लगा तो मा आज मेरे साथ नही गई करण के घर ,,,,मैं डाइनिंग
टेबल से नाश्ता करके उठा ऑर वहाँ से जाने लगा तो देखा कि मामा भी अपने रूम से निकल कर बाहर आके माँ के पास
सोफे पर बैठ गया,,,,माँ भी नाइट सूट मे थी,,,,,,


शोबा ऑर सोनिया दोनो घर से जा चुकी थी,,,,,

मुझे लगा कि शायद आज माँ का ऑर मामा का प्रोग्राम घर पे रहके मस्ती करने का है इसलिए माँ अलका आंटी के पास
नही गई ऑर मामा शोबा के साथ बुटीक पर नही गया,,,,,बाकी पता भी नही शायद बाद मे मामा चला जाए शोबा
ऑर शिखा के पास,,,,,

खैर मैं तो वहाँ से निकल कर कॉलेज की तरफ चल पड़ा,,,,,

कॉलेज पहुँचा तो सीधा कॅंटीन मे गया ऑर वहीं बैठ गया,,,,आज करण भी साला नज़र नही आ रहा था,,,,,कॅंटीन
वाले छोटू से पूछा तो उसने भी यही बोला कि आज उसने करण को नही देखा है,,,

ऑर तभी मेरे मोबाइल पर करण की कॉल आई,,,,मैने पॉकेट मे फोन निकाला ऑर बात करने लगा,,,,


करण,,,,,,,,,,,,,हेलो सन्नी,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,,हेलो करण,,,,,आज तू कॉलेज क्यू नही आया,,,,

करण,,,,,,,,,,,,,वो सब बाद मे भाई पहले तू मेरे घर पे आजा ,,तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है,,,,,

सन्नी,,,,,,,,,,,,कैसा सर्प्राइज़?

करण,,,,,,तूने मुझे अपनी मोम की गान्ड मारने का मोका दिया तो अब मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करू,,
तू बस जल्दी से मेरे घर आजा,,,,

सन्नी,,,,,पहले बता तो सही सर्प्राइज़ क्या है,,,,,,,

करण,,,,,ज़्यादा सवाल मत करो सन्नी भाई बस जल्दी आ जाओ,,,ऑर सर्प्राइज़ ऐसा है कि देख कर दिल खुश हो जाएगा तुम्हारा
,,,अब ऑर कोई बात नही बस जल्दी से मेरे घर आ जाओ,,,,,

इतना बोलकर करण ने फोन काट दिया,,,,

मैने भी अपने फोन को वापिस पॉकेट मे डाला ऑर वहाँ से बाइक लेके करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,मैं थोड़ा
हैरान था लेकिन तभी मेरा दिल खुश हो गया कहीं करण ने अपनी मोम को तैयार तो नही कर लिया,,,कहीं वो अपनी मोम के साथ मस्ती तो नही कर रहा ,,,,यही सोच सोच कर मैं खुश होने लगा ऑर 15-20 मिनट मे करण के घर पहुँच गया


मैने बेल बजाई तो करण ने आके गेट खोला,,,मैं देख कर हैरान था कि वो सिर्फ़ निक्केर मे था ,,,उसका उपर का बदन
एक दम नंगा था,,,,,उसकी काफ़ी पसीना भी आया हुआ था ऑर मैने देखा कि उसके बदन पर कुछ नखुनो के निशान
भी थे,,,,,,,,,वो जल्दी आगे बढ़ कर मेरे गले लगा ऑर मुझे अपने साथ अंदर ले गया,,,,,

अब्ये तू इतनी जल्दी कैसे आ गया,,,बाइक से आया है या रॉकेट मे उड़ कर,,,,,करण हँसते हुए बोला,,,

तूने किसी सर्प्राइज़ की बात की तो मेरे से रहा नही गया ऑर बाइक को ही रॉकेट बना कर उड़ता हुआ आ गया मैने,,,मैने भी करण की बात के जवाब मज़ाक मे दिया,,,

अच्छा बता अब सर्प्राइज़ कहाँ है,,,,,,जल्दी बता,,,

रुक ना थोड़ा सबर कर अभी बताता हूँ पहले उनको तो आने दे,,,,,,

उनको ?? उनको किनको ?? मैने अभी इतना पूछा ही था कि बाहर फिर से बेल बजी ऑर करण गेट खोलने चला गया,,,,

तभी करण वापिस आया तो साथ मे शोबा ऑर शिखा थी,,,,,साला ये है सर्प्राइज़ ,,मैं तो थोड़ा उदास ही हो गया,,,मुझे तो
लगा था अलका आंटी होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी समझा कि इन लोगो का यहाँ मस्ती करने का प्लान था तभी आज मामा भी बुटीक पर नही गया ऑर माँ भी यहाँ नही आई,,,,लेकिन अलका आंटी कहाँ है ,,,,वो नज़र नही आ रही,,,,

ऑर तभी करण के रूम से किसी की हल्की आवाज़ आई ,,,शायद कोई अंदर था,,,,मैं फिर से खुश हो गया कि अंदर अलका आंटी होगी,,,,

अरे करण एक दम से फोन करके हमे क्यू बुलाया यहाँ,,,,,शोबा दीदी ने अंदर आते ही पूछा,,,,

कुछ नही दीदी मेरा मूड था मस्ती करने का तो सोचा क्यू ना सबको बुला लूँ तो मस्ती का मज़ा ही कुछ ऑर होगा,,इतना
बोलकर करण शोबा दीदी के करीब हो गया,,,,

अच्छा फिर वो सर्प्राइज़ कहाँ है जिसके बारे मे तूने बोला था फोन पर,,,,शोबा ने फिर से करण से पूछा,,,,,

सर्प्राइज़ भी है दीदी,,,,आओ मेरे साथ दिखाता हूँ,,,,,

करण दीदी का हाथ पकड़ कर अपने रूम की तरफ ले गया ,,मैं ऑर शिखा भी पीछे पीछे चले गये,,,,

तभी मैं अंदर जाके जो देखा तो देखता ही रह गया,,,,ऑर एक दम से हैरान परेशान हो गया,,,,

रूम मे ज़मीन पर कुछ कपड़े बिखरे हुए थे,,,,लॅडीस जीन्स थी ऑर साथ मे पिंक टॉप था,,,ब्रा ऑर पेंटी भी थी,,,,ऑर तभी
मेरा ध्यान गया करण के रूम की लास्ट देवार की तरफ जहाँ कॉर्नर मे एक लड़की अपने सर को घुटनो मे दबा कर रो रही
थी ,,,,उसकी रोने की आवाज़ बहुत स्लो थी जो रूम मे बाहर नही आ रही थी लेकिन फिर भी वो जब हल्की आवाज़ मे सिसकियाँ लेती तो उसकी आवाज़ बड़ी मुश्किल से रूम के बाहर पहुँच रही थी,,,,,

ये कॉन है करण,,,,,,,शोबा दीदी ने करण से पूछा,,,,,

यही तो है सर्प्राइज़ ऑर खास कर इस्पे हक़ बनता है मेरे सन्नी भाई का,,,,इतना बोलकर करण मेरे पास आया,,,,

जाओ सन्नी भाई ये तुम्हारे लिए है,,,,,

मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था,,ये सब क्या हो रहा है,,,,,कॉन है ये करण,,,,ऑर ये रो क्यू रही है,,,,,

अरे कुछ नही भाई ,,साली मना कर रही थी तो हल्के हल्के 2-4 हाथ लगा दिए मैने,,,,बहुत नखरा कर रही थी,,,,,

क्या ,,,तूने इसको मारा,,,,,इसके साथ ज़बरदस्ती की तूने,,,,मैने हल्के गुस्से ऑर हैरानी से पूछा,,,,,

नही भाई अभी तक ज़बरदस्ती तो नही की लेकिन थोड़ा बहुत मारा ज़रूर,,,,ज़बरदस्ती इसलिए नही कि क्यूकी ये फ्रेश है एक दम,,,,वर्जिन है सील भी नही टूटी अभी तक,,,,,तो मैने सोचा कि क्यू ना इसकी सील खोलने के लिए सन्नी भाई को बुलाया जाए,,,ऑर वैसे भी सन्नी भाई तूने मेरे लिए इतना कुछ किया है तो मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करने का,,,,जा मेरे भाई ऐश कर ऑर फाड़ दे इस हरामी कुतिया की चूत को,,,,

ये क्या बोल रहा है करण,,,तूने लड़की पर हाथ उठाया,,,,मारा इसको,,,,इतना बोलकर मैं जल्दी से चलके उस लड़की के करीब
गया,,,,,,,मैने देखा कि उसकी पीठ ऑर हाथ पर हल्की हल्की खरॉच के निशान थे,,,शायद ये भी करण का काम था

मैने लड़की को चुप करवाने के लिए ऑर तसल्ली देने के लिए उसके शोल्डर पर हाथ रखा तो वो एक दम से डर गई,,,

नही प्ल्ज़्ज़ मुझे छोड़ दो,,,,मुझे माफ़ करदो,,,इतना बोलकर लड़की ने अपने फेस को उपर उठाया तो मैं देख कर उदास
हो गया ऑर दुखी भी ,,,,,ये तो वही लड़की थी जो शिखा के साथ थी उस दिन कॉलेज मे ,,जो करण के साथ होती थी बाइक पर अक्सर ,,वही खूबसूरत हसीना जिसको देख कर मेरा दिल क़ाबू मे नही रहा था,,,ऐसा हसीन चेहरा जिसको करीब से एक बार दिल भरके देखने की तमन्ना थी मेरी,,,,लेकिन अब उस हसीन चेहरे की सारी रंगत उड़ गई थी ,,उसके चेहरे पर मार
के हल्के निशान थे लेकिन रंग गोरा होने की वजह से उसके गाल लाल हो गये थे,,,,उसके मासूम चेहरे पर उदासी थी,,
डर था,,,,एक ख़ौफ़ था,,,,,आँखों मे आँसू थे,,,,मैं उसको देख कर थोड़ा गुस्से मे आ गया,,,

कॉन है ये लड़की करण,,,,ऑर इसको इतना मारा क्यूँ तूने,,,,,मैं हल्के गुस्से मे बोल रहा था,,,,
 
अरे भाई तू गुस्सा क्यू हो रहा है,,ऑर अभी तक इसको मारा ही कहाँ है मैने ,,अभी तो असली मार पड़नी है इसको,,,,,साली इतना नखरा कर रही थी इतना हाथ पैर चला रही थी,,,,मुझे डर था कि ये ऐसी हरकत करेगी इसलिए तो मोबाइल पर भी इसकी नंगी की वीडियो बना ली मैने ताकि ये मूह ना खोल सके,,,,इतना बोलकर करण मेरे करीब आया ऑर मुझे मोबाइल दिखाने लगा,,

मैने देखा कि उस वीडियो मे करण लड़की को बेड पर लेटा कर मार रहा था ऑर गालियाँ भी दे रहा था,,,वो लड़की बस रोती
जा रही थी,,,ऑर अभी भी रो रही थी,,,

तुझे शरम नही आती ऐसा घटिया काम करते हुए,,,,मैं करण के मोबाइल को पकड़ा ज़ोर से दीवार पर पटक कर मारा तो उसका मोबाइल टुकड़े टुकड़े होके बिखर गया,,,,

अरे ये क्या किया भाई,,,,मोबाइल क्यू तोड़ दिया,,उसी मे तो वीडियो थी ,,,,करण जल्दी से मोबाइल उठाने के लिए भागा ,,

तभी मैं भी उसके पीछे गया ऑर उसको हाथ से पकड़ लिया,,,,,,


इसके साथ ऐसा क्यूँ कर रहा है तू करण,, ,,देख क्या हालत हो गई है रो रो कर इस लड़की की,,,,,

रोती है तो रोने दे भाई,,,इसके भाई ने भी तो मेरी बेहन को रुलाया था,,,अब मैं इसके भाई की करतूत का बदला इस से लूँगा ऑर तब पता चलेगा इसके भाई को कि लड़की की एसी वीडियो बनाने से क्या होता है,,,,कितनी बदनामी होती है,,,अब पता चलेगा उसको,,,

क्या,,,,ये अमित की बेहन है,,,,

नही भाई ये उस से भी बड़े कमिने की बेहन है,,,,,,,,ये उस हरामी की बेहन है जिसकी वजह से शिखा दीदी की वीडियो बनी
थी,,,,,,,,

वीडियो तो अमित ने बनाई थी करण,,,,,

नही भाई,,,अमित तो दीदी को वहाँ लेके गया था , लेकिन वीडियो का काम था इसके हरामी भाई सुरेश का,,,,,,

सुरेश वही लड़का था जो अमित के साथ होता था,,,,उस दिन सुमित को भी वही मार रहा था,,,,काला कुत्ता ,,अकल ना शक्ल,,,किसी साउत इंडियन मूवीस का गुंडा ,,,,शक्ल ऐसी ऐसी दीवार पर गोबर पटक कर मारा होता है,,,,

इसके भाई ने मेरी बहन की इज़्ज़त खराब की मैं इसकी इज़्ज़त खराब कर दूँगा,,,,,इतना बोलकर करण हँसने लगा,,,,

वो लड़की फिर से अपने सर को घुटनो मे दबा कर रोने लगी,,,,,

मैने करण को गर्दन से पकड़ा ऑर कस्के 2-3 थप्पड़ लगा दिए उसके,,,,उसने मेरा हाथ पकड़ने की कोशिश की तो मैने
ऐसा कस्के घुसा मारा कि उसकी नाक से खून निकलने लगा,,,,ऑर फिर से थप्पड़ मारने लगा,,,तभी शिखा ऑर शोबा भाग
कर मेरे पास आई ऑर मेरा हाथ पकड़ कर करण को मेरे से अलग कर दिया,,,,,

शोबा ने मुझे दूर किया जबकि शिखा करण को लेके एक साइड पर हो गई,,,,,करण अपने हाथ से अपनी नाक से बहने वाले
खून को रोकने लगा तभी शिखा ने अपने रुमाल को उसकी नाक पर रख दिया,,,,,

ये क्या किया तूने सन्नी,,करण को क्यू मारा,,,,तेरा दिमाग़ तो ठीक है,,,,शिखा गुस्से मे बोली तो मैने शोबा को अपने से
दूर किया ऑर शिखा के करीब जाके उसको बालों से पकड़ लिया,,,,,,ऑर गुस्से मे बोला


क्या तुझे पता था करण ये सब करने वाला है,,,,,मैं पूरे गुस्से मे ऑर चिल्ला कर बोल रहा था,,,,,मेरा गुस्सा देख
शिखा डर गई ऑर शोबा भी जल्दी से मेरे पास आ गई ऑर मेरे हाथ से शिखा के बाल छुड़वाने लगी,,,,

सन्नी तू पागल हो गया है क्या,,,,ये क्या कर ,,छोड़ शिखा को,,,,दीदी मेरे हाथ को शिखा के बालों से खींचने लगी,,

तभी मैं शोबा दीदी को गुस्से मे बोला,,तुम पीछे हट जाओ दीदी,,,,,मेरा गुस्सा इतना ज़्यादा था ऑर मैं चिल्ला कर बोला तो
शोबा दीदी ने मेरा हाथ छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,,उनका चेहरा उदास हो गया था ऑर वो बहुत ज़्यादा डर गई थी,,,,

मैं फिर शिखा से पूछा,,,,,क्या तुम जानती थी करण ये सब करने वाला है,,,,,मैने गुस्से से पूछा,,,

नही सन्नी मुझे कुछ नही पता था मुझे तो अभी करण ने फोन किया था ऑर घर आने को बोला,,,कहने लगा कि आपके लिए कोई सर्प्राइज़ है,,,,,

आप सच बोल रही हो ना,,,,,तभी शोबा दीदी बोलने लगी,,,,हाँ भाई हम सच कह रहे है,,,,करण ने हमे फोन किया था
तभी तो हम दोनो यहाँ आई है,,,,

मैं शिखा को छोड़ कर वापस करण की तरफ गया ,,करण पहले से बहुत डरा हुआ था मेरे करीब आते ही वो पीछे हटने
लाग ,,शिखा ऑर शोबा दोनो फिर हमारे बीच आ गई,,,,

शिखा,,इस से ग़लती हो गई सन्नी माफ़ कर्दे इसको,,,शोबा भी मेरे को रोक रही थी लेकिन वो ज़्यादा ज़ोर नही लगा रही थी,,,,


माफ़ कैसे कर दूं दीदी,,,इसने इस लड़की की ज़िंदगी खराब कर देनी थी,,,,,इसके भाई सुरेश ने ऑर उस कुत्ते अमित ने मिलकर आपको अपने जाल मे फसाया ऑर आपकी वीडियो बना ली तो इसमे इस बेचारी का क्या कसूर,,,उन दोनो की सज़ा इसको क्यू दी जा रही है,,,,सज़ा देनी है तो उन दोनो को दो,,,

सन्नी उसने मेरी बेहन के साथ ऐसा किया तो मैं भी उसकी बेहन,,,,

करण अभी बोलना शुरू ही हुआ था कि मैं उसकी तरफ हाथ बढ़ाया ऑर उसको चुप रहने का बोला,,,,,तू अपनी बकवास बंद
करले वर्ना मैं तेरा सर फोड़ दूँगा,,,,,,

मैं शिखा ऑर शोबा दीदी से दूर हुआ ऑर बेड पे बिछी हुई बेडशीट को उठा कर उस लड़की के करीब गया ,,वो अभी भी सर
को नीचे झुका कर अपने घुटनो मे दबा कर रो रही थी,,,,मैने बेडशीट से उसके नंगे बदन को कवर किया ,,उसने
सर उठा कर देखा ऑर थोड़ा डर गई लेकिन अपने जिस्म पर पड़ी हुई बेडशीट देख कर उसका डर थोड़ा कम हुआ लेकिन आँखों से आँसू ऑर चेहरे से उदासी दूर नही हुई,,,,,तभी शोबा दीदी भी मेरे पास आ गई ऑर उस लड़की को उठाने मे मेरी हेल्प करने लगी,,,,वो लड़की उठ कर खड़ी हो गई लेकिन अभी भी वो रोए जा रही थी,,,,इतने खूबसूरत चेहरे पर उदासी ऑर आँखों मे आँसू देख कर मुझे गुस्सा आ रहा था करण पर,,,,,

मैने ऑर शोबा दीदी ने उस लड़की को बेड पर बिठा दिया फिर दीदी भाग कर किचन मे गई ऑर पानी का ग्लास लेके आ गई,,

दीदी उसको पानी पीला रही थी लेकिन उसके गले से एक बूँद भी नीचे नही हो रही थी बल्कि सिसकियाँ लेते हुए जितना पानी वो पीने की कोशिश कर रही थी सारा का सारा पानी मूह से निकल कर उसकी टाँगों पर गिर रहा था,,,मुझे बहुत तरस आ रहा था उस लड़की पर,,,,,

मैने करण की तरफ देखा तो उसका हाथ अभी भी उसकी नाक पर था,,,शिखा दीदी का रुमाल उसके हाथ मे था जिसको उसनेनाक पर लगा रखा था,,,वो रुमाल खून से भीग गया था ऑर खून रुमाल से होता हुआ नीचे ज़मीन पर गिर रहा
था ,,तभी मैं करण के पास गया ऑर अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर उसके नाक पर रखके ज़ोर से दबा दिया फिर शिखा दीदी का हाथ पकड़ कर करण की नाक पर रखा ऑर दीदी को भी उसकी नाक को ज़ोर से दबाने को बोला ताकि खून रुक
जाए,,,,

देख कमिने क्या हालत की है तूने इस लड़की की,,,,इसकी क्या ग़लती थी यही ना कि इसने तेरा यकीन किया ऑर तुझसे प्यार करने की ग़लती की,,,,ऑर आज उसी प्यार ऑर यकीन की वजह से तेरे साथ तेरे घर मे आ गई,,,ऑर तूने उसके इसी यकीन को थोड़ा ऑर उसका फ़ायदा उठाने की कोशिश की वो भी इसके भाई की वजह से,,,,इसके भाई ने जो कुछ किया उसमे इस बेचारी की क्या ग़लती,,बदला लेना ग़लत बात नही लेकिन बदला उसी से लो जिसकी ग़लती हो,,,,,

अमित ने शिखा दीदी को अपने जाल मे फसाया क्यूकी दीदी भी उसका यकीन करती थी,,प्यार करती थी उस से ,,फिर वो दीदी को अपने साथ ले गया ऑर दीदी भी उसी प्यार ऑर विश्वास की वजह से उसके साथ गई ,,फिर सुरेश के साथ मिलकर अमित ने दीदी की वीडियो बना ली ऑर दीदी के उस विश्वास को तोड़ दिया,,,,ये तो अच्छा हुआ कि हमे अमित की इस करतूत के बारे मे पता चल गया वर्ना क्या होता,,,,,,या तो दीदी उसकी बातों मे फस कर उसकी हर बात मानने को तैयार हो जाती फिर अमित,, सुरेश के साथ उसके दोस्तो को भी अपने जिस्म के साथ खेलने देती,,या फिर उनकी बात नही मान कर खुद को बदनामी से बचाने के लिए ख़ुदकुशी कर लेती जैसे हमारे कॉलेज की 2 लड़कियों ने की,,,,अमित ऑर सुरेश की ब्लॅकमेलिंग से तंग आके,,,,,,,क्या तू चाहता है कि कल को ये लड़की भी कुछ ऐसा ही करे,,,तेरी उस घटिया वीडियो की वजह से तेरी हर बात माने फिर तेरे ऑर तेरे दोस्तो के बिस्तर पर बिना कोई शर्त ऑर सवाल किए नंगी होके लेट जाए या बदनामी से बचने के लिए खुद अपनी जान देदे,,,,बोल क्या तू ऐसा ही चाहता है,,,,,बोल अब चुप क्यू है कमिने,,,,बोल,,,,

मैं गुस्से से करण को बोल रहा था लेकिन करण चुप रहा ,,,,,शिखा ऑर शोबा भी चुप थी,,,,,
 
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