Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा - Page 5 - SexBaba
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Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा

नशे की सज़ा पार्ट--9

गतान्क से आगे................


सलीम ने ही सलोनी की मुश्किल का हल निकाला और अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर अपने लिंग को उसके होंठों के उपर रखकर बोला-“चल तेरी मुश्किल मैने आसान कर दी. अब ज़रा दुबारा से इसकी खिदमत मे लग जा.”

सलोनी ने बिना किसी देरी के फटाफट अपनी जीभ उसके खड़े लिंग पर फिरानी शुरू कर दी-इसकी वजह से सलीम के लिंग का साइज़ पहले से भी कुछ और ज़्यादा हो गया.

सलीम बहुत ही रिलॅक्स होकर सलोनी की खिदमत का मज़ा ले रहा था.अचानक उसने मेरी तरफ देखते हुए नेहा से कहा-“ नेहा…….यह निशा मॅम बड़ी देर से कान पकड़कर खड़ी हुई हैं…….इन्हे भी कुछ सेवा का मौका दो ना………”

नेहा शायद सलीम का इशारा समझ गयी और उसने साथ की टेबल पर रखे म्यूज़िक सिस्टम की तरफ देखते हुए कहा-“आप ठीक कह रहे हैं सर……निशा बहुत बढ़िया डॅन्सर है…….और बॉलीवुड की सेक्सी से सेक्सी आइटम गर्ल भी इसके सामने कुछ नही है………हमे इसके टॅलेंट का फयडा उठना चाहिए………”

यह कहने के बाद नेहा ने म्यूज़िक सिस्टम चालू कर दिया और उस पर ट्विस्ट सॉंग बजना शुरू हो गया –मेरा बदन भी उस गाने की धुन पर ट्विस्ट करने लगा और सलीम और नेहा दोनो ही मेरे इस सेक्सी डॅन्स का भरपूर मज़ा लेने लगे.

एक के बाद एक तीन गानो पर मुझे आइटम गर्ल की तरह डॅन्स करना पड़ा-तब तक सलोनी के मूह को सलीम ने अपने वीर्य रस से भर डाला था.

सुबह के 4 बजने वाले थे.3-4 घंटे इस मौज़ मस्ती मे कैसे निकल गये इसका अंदाज़ा ना तो नेहा को था और ना ही मुझे और सलोनी को था लेकिन सलीम को इसका पूरा ख़याल था.उसने हम सब की तरफ देखकर कहा-“चलो आज की छुट्टी हुई.अब कल शाम को 11 बजे फिर मिलते हैं……..यहीं पर…….दुबारा से मौज मस्ती शुरू होगी उसके बाद………”

मैं और सलोनी ही नही एक बार तो नेहा भी कन्फ्यूज़ होकर सलीम की तरफ देखने लगी.सलीम ने कन्फ्यूषन डोर करते हुए अपनी शर्ट की पॉकेट से एक पेन निकाला और बोला-“ दरअसल इस पेन ड्राइव मे पिछले 4 घंटे की पूरी की पूरी फिल्म रेकॉर्ड हो चुकी है………इसलिए कोई भी होशियारी नही दिखाएगा और वोही करेगा जो मैं चाहता हून.”

नेहा भला यह मौका कहाँ चूकने वाली थी,एकदम सलीम के पास आ गयी और बोली-“ सिर,आप कहें तो इस पेन ड्राइव को मुझे दे दें…ताकि मैं इसकी द्वड बनवा सकूँ.”

“वो तो ठीक है नेहा………लेकिन तुम्हारे उपर मैं कैसे इतना यकीन कर लून ?” सलीम ने नेहा की तरफ देखा.

नेहा ने सलीम की तरफ देखा और बोली-“यह तो बहुत आसान है…..आप इस द्वड को रख लीजिए…….इसी द्वड के सहारे यह निशा और सलोनी मुझे ब्लॅकमेल कर रहे थे.इसे अब आप रख लीजिए…….जब मैं इस पेन ड्राइव की भी द्वड बानबाकार शाम को वापस करूँ तो आप मुझे इस द्वड को वापस कर देना.”

सलीम ने नेहा के हाथ से द्वड लेते हुए उसे पेन ड्राइव थमा डी और बोला-“यह बात तो समझदारी की है………मैं तब तक अपने कमरे मे द्वड प्लेयर पर तुम्हारी सीडी भी देख लूँगा और तब तक तुम इस पेन ड्राइव से भी द्वड बनवा लाना-आज रात तो फिर उस सीडी को भी देख लेंगे.”
 
मैं इस सारी बातचीत को गौर से सुन रही थी और उसके पीछे नेहा की चाल को भी अच्छी तरह समझ गयी थी-नेहा की सिर्फ़ एक ही सीडी हमारे पास थी जिसमे उसकी फिल्म थी-लेकिन उसमे इनस्पेक्टर raj भी था-अगर वो सीडी कहीं लीक होगी तो उसमे इनस्पेक्टर भी एक्सपोज़ होने वाला था.
मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था की घटनाक्रम इतनी तेज़ी के साथ कैसे चल रहा है की सब कुछ नियंत्रण से बाहर सा लग रहा है.



इसके बाद मैने देखा की नेहा और सलीम हम दोनो को कमरे मे ही छोड़कर कमरे से बाहर चले गये-नेहा तो एक तरह से आज़ाद होकर ही जा रही थी क्यूंकी उसकी सीडी अब सलीम के पास थी जिसके बूते पर राज शर्मा और मैं उसे ब्लॅकमेल कर रहे थे.

दोनो के जाने के बाद सलोनी ने मेरी तरफ देखकर कहा-“यार तुम कुछ करो……अपने एसीपी राज शर्मा से कहकर कुछ कारवओ……….हमारी करतूतों की कहानी तो उस पेन ड्राइव मे उस स्वीपर के पास चली गयी और जो नेहा की सीडी तुम राज शर्मा से लेकर आई थी वो उस नेहा की बच्ची ने सलीम को पकड़ाकर हमारे हाथ बिल्कुल खाली कर दिए हैं.एसीपी राज शर्मा को जब यह मालूम पड़ेगा की जिस सीडी मे उनकी और नेहा की फिल्म है…….वो स्वीपर सलीम के पास है तो……………?” कहते कहते सलोनी रुक गयी.

मैने अपने कापरे पहने और सलोनी से भी कापरे पहनने को कहा-“ऐसा करते हैं हम लोग कुछ देर सो लेते हैं…….फ्रेश होकर शायद हमे कोई नया आइडिया आ जाए इस नयी मुसीबत से निकलने का…….”

सनडे होने की वजह से आज सबकी छुट्टी थी. मैं और सलोनी लगभग सुबह के 11 बजे सोकर उठे और फिर से पिछली रात की सारी कहानी हमारे सामने घूमने लगी-कुछ देर बाद ही दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी और मैने डरते हुए दरवाज़ा खोल दिया-सामने एक अंजान सा लड़का खड़ा हुआ था-“कमरे की सफाई करनी है-सलीम साब ने भेजा है…..” कहता हुआ वो कमरे मे आ गया और रोज़ाना जो काम सलीम करता था,वो सब करने लगा.

मैं मन ही मन सोचने लगी की अब स्वीपर सलीम भी सलीम साब हो गया एक ही रात मे और उसने अपना असिस्टेंट भी रख लिया सफाई करने के लिए-जब वो सफाई करके जाने लगा तो उसने मेरी तरफ देखा और बोला-“आप मे से निशा मेम्साब कौन हैं….?”

“मैं ही निशा हूँ…..बोलो क्या बात है……..?” मैने उसकी तरफ देखा.

उसने कहा-“सलीम साब ने आपको अपनी दोस्त के साथ वॉर्डन के ऑफीस मे आज दोफर 2 बजे बुलाया है-कुछ ज़रूरी काम बता रहे थे……” यह कहकर सफइवाला लड़का कमरे से बाहर चला गया –मेरे और सलोनी के चेहरे पर हैरानी,परेशानी और बैचानी और अधिक बढ़ गयी थी.

सलोनी झल्लाकर बोली-“अब यह क्या मुसीबत है-------सलीम क्या अपने आपको सचमुच का वॉर्डन समझने लगा है……उसकी हिम्मत तो देखो…..हमे कैसे ऑर्डर दिलवा रहा है……रात 11 बजे की जगह अब उसे 2 बजे ही हम लोगों की याद आ गयी—लंपट कहीं का…….”


मैने सलोनी को समझाते हुए कहा-“देखो यह वक़्त समझ से काम लेने का है.उसके पास हमारी सारी कहानी पेन ड्राइव मे बंद है-इसके अलावा उसके पास अब नेहा और राज शर्मा वाली सीडी भी है-इस समय गधे को भी बाप बनाने की ज़रूरत है-जैसा सलीम कहता है करना पड़ेगा-इसी मे हम सब की खैर है.”

सलोनी बोली-“ठीक है.अब हमारे पास समय कम ही है-हम लोग जल्दी से फ्रेश होकर लंच कर लेती हैं ताकि 2 बजे से पहले उसके पास हाजिर होने के लिए तैय्यर हो सके.”

ठीक 2 बजे मैं और सलोनी दोनो तैय्यर होकर वॉर्डन के ऑफीस पर पहुँच गयी और धड़कते हुए दिल से दरवाज़े को नॉक किया-दरवाज़ा खोलने के लिए सलीम ही आया और उसने हम दोनो को फटाफट अंदर करके दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया.

इसके बाद वो खुद वॉर्डन की रिवॉल्विंग चेर पर बैठ गया और हम दोनो की तरफ देखकर बोला-“काफ़ी फ्रेश लग रही हो तुम दोनो ! पर कपड़े कुछ ज़्यादा ही पहने हुए हैं-चलो ऐसा करो कि इन्हे अपने बदन से अलग करना शुरू करो.”
 
हम दोनो ने एक बार एक दूसरे की तरफ देखा – सलीम लगातार मुस्कुरा रहा था-उसने हम दोनो को अपने जाल मे पूरी तरह फँसा लिया था.देरी होने पर वो फिर से बोला-“फटाफट अपने आप को नंगा करो नही तो मैं अपने असिस्टेंट को बुलाता हूँ-उसे भी लड़कियों के कपड़े उतारने मे बहुत मज़ा आता है.”

उसकी यह धमकी काम कर गयी और मैं बोली-“नही नही उसकी ज़रूरत नही पड़ेगी-हम लोग खुद ही नंगी हुई जाती हैं-जैसा आप का हुक्म होगा हम दोनो वैसा ही करेंगी.”

हम दोनो ने इसके बाद अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और वो कुर्सी पर बैठा रिलॅक्स होकर हमे कपड़े उतारते हुए देख रहा था-उसने रिवॉल्विंग चेर पर अपनी दोनो टाँगे फैला रखी थी और उनके बीच मे अपने खड़े हुए लिंग को पॅंट के अंदर से ही सहला रहा था जो तन कर एकदम टेंट की तरह हो गया था.

हम दोनो जब बिल्कुल नंगी हो गयी तो उसने पहले सलोनी को ऑर्डर दिया-“तुम अपने हाथ उपर करके दीवार से सटा कर खड़ी हो जाओ-टाँगे फैलाकर रखो.” सलोनी के पास और कोई रास्ता नही था-उसने वैसा ही किया.फिर उसने मेरी तरफ देखा-“ तुम इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जाओ!”
उसके हुक्म के मुताबिक मैं उसके नज़दीक चली गयी .

“अपने हाथ उपर उठाओ और थोड़ा और मेरे करीब आओ.मैं तुम्हारे इस खूबसूरत और चिकने बदन को सहलाना चाहता हूँ.” उसने अपने मन की बात जाहिर करते हुए मुझे ऑर्डर दिया और मैं उसके एकदम नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी.

हाथ उपर किए होने की वजह से मेरे सीने के दोनो कबूतर एकदम तन गये थे.

सलीम ने अपने एक हाथ को बारी बारी से मेरे सीने के उन्नत उभारों पर फिराया-उसका दूसरा हाथ अभी भी पॅंट के अंदर क़ैद अपने लिंग को सहलाने मे ही व्यस्त था. मुझे अपने इस ह्युमाइलियेशन का कोई अंत नज़र नही आ रहा था-सलीम का हाथ सरककर मेरे चिकने पेट पर चला आया था और वो अब मेरे नाभि प्रदेश के चिकने भाग को सहला रहा था.

सलीम ने अचानक अपने सामने की टेबल पर रखे पेन होल्डर मे से एक लाल रंग का स्केच पेन निकाल लिया और उसे मेरे नंगे बदन पर फिराने लगा-मेरे बदन मे अजीब तरह की झंझनाहट होने लगी-कुछ देर बाद उसने पेन को खोला और मेरे चिकने पेट पर उससे लिखना शुरू कर दिया-“मैं सलीम सर की यौन गुलाम हूँ.”

शर्म और ज़िल्लत से मेरे मानो आँखें बंद सी हुई जा रही थीं.

“अपनी खूबसूरत आँखों को खोलकर रखो….मेरी यौन गुलाम…….अब यह तुम्हारा पूरा का पूरा बदन और उसका एक एक अंग मेरी मौज़ मस्ती के लिए है.-उस पर तुम्हारा कोई हक़ नही है-समझी ?”

“जी सर……” मैं ज़बरदस्ती बोली.

“क्या जी सर……..साफ साफ बयान करो……” सलीम ने मेरे नितंबों पर ज़ोर का स्लॅप लगाते हुए कहा.

इससे पहले की मैं कुछ बोलती,सलीम ने सलोनी की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए उससे बोला-“अब तुम ऐसा करो..अपने कान पकड़कर खड़ी हो जाओ !”

ज़ाहिर था कि हम दोनो का ज़्याहा से ज़्यादा ह्युमाइलियेशन करने मे ही उसको मज़ा आ रहा था-इसलिए वो किसी ना किसी बहाने से हमारा ह्युमाइलियेशन किए जा रहा था. सलोनी ने उसके हुक्म के मुताबिक अपने कान पकड़ लिए और उसी पोज़िशन मे खड़ी रही.

इसके बाद वो फिर से मेरी तरफ मुखातिब हुआ-“ हां बोलो……….”

“मैं आपकी यौन गुलाम हूँ और मेरे इस खूबसूरत बदन पर आपका पूरा हक़ है –आप इसे जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं.” मैने ना चाहते हुए भी खून का घूँट पीकर सलीम से कहा और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन से लगा की अब वो पूरी तरह खुश था.

“ऐसा करो निशा……..ज़रा सलोनी को भी मेरी सेवा का कुछ मौका दो…….” सलीम ने मेरी तरफ देखा-“ इसके हाथ पीछे करके इस रस्सी से बाँध दो और इसकी आँखों पर यह ब्लाइंडफोल्ड लगा दो.” उसने मेरी तरफ एक रस्सी और एक काले रंग के कापरे का ब्लाइंडफोल्ड मेरे हाथों मे देते हुए ऑर्डर दिया.

मैने सलोनी के हाथ पीछे की तरफ बाँध दिए और उसकी आँखों पर भी काले रंग का काप्रा ब्लाइंडफोल्ड की तरह बाँध दिया-मुझे भी नही मालूम था कि सलीम आख़िर सलोनी के साथ क्या करने जा रहा था.

“निशा ज़रा तीन ग्लास लेकर आओ-थोड़ी शराब की पार्टी की जाए” सलीम ने मुझे खाली ग्लास लाने का हुक्म दिया और मैं उसका हम फटाफट बजा लाई.

“अब तुम कॉकटेल बनाने मे मेरी मदद करो……जाओ सामने फ्रिड्ज मे से दो बॉटल्स रखी हैं येल्लो कलर की शराब वाली, उन्हे निकालकर लाओ.” सलीम के कहते ही मैं फ्रिड्ज में से दोनो बॉटल्स निकाल लाई और सलीम के सामने टेबल पर रख दिया

“अब ज़रा आइस क्यूब बॉक्स भी ले आओ-उनकी भी ज़रूरत पड़ेगी ही..” सलीम मेरी तरफ देखकर बोला और फ्रिड्ज मे से आइस क्यूब्स लाकर मैने टेबल पर रख दिए.
 
सलीम ने मेरी तरफ देखा और बोला-“चलो निशा, पहला कॉकटेल बनाकर सलोनी को पिलाओ ताकि यह भी मस्ती मे आ जाए.”

मैं टेबल की तरफ आई और एक बॉटल जो किसी ब्रॅंडेड विस्की की थी,उसे खोला और थोड़ी सी शराब मैं ईक ग्लास मे डाल डी.बॉटल को बंद करके मैने टेबल पर रख दिया और दूसरी बॉटल उठा ली जिस पर कोई लेबल नही लगा था-जैसे ही मैने बॉटल को खोला, यूरिन की जानी पहचानी स्मेल मेरे नथुनो के अंदर चली गयी-मैने हैरानी से सलीम की तरफ देखा और हिम्मत करते हुए उससे पूछा-“सर यह कौन से ब्रांड की शराब है ?”

सलीम हंसता हुआ बोला-“अरे तुमने मेला फिल्म नही देखी क्या-उसमे आमिर ख़ान ने जिस ब्रांड की शराब पोलीस को पिलाई थी यह उसी ब्रांड की शराब है-चलो इसे भी डालो ग्लास मे और फिर दो तीन आइस क्यूब भी डाल कर एक पर्फेक्ट कॉकटेल बना डालो.”

मैं सब कुछ समझ गयी कि यह हम दोनो का अल्टिमेट ह्युमाइलियेशन था कि हमे सलीम अपना यूरिन मिक्स्ड कॉकटेल पिलाने जा रहा था लेकिन कुछ समझ नही आ रहा था कि आख़िर क्या किया जाए.हम दोनो के ही पास और कोई रास्ता भी तो नही था.

सलोनी के हाथ बँधे हुए थे और उसकी आँखों पर काला ब्लाइंडफोल्ड भी बँधा हुआ था लेकिन उसके कान को खुले हुए थे और उसने सलीम की सारी बातचीत सुन ली थी और उसके चेहरे का रंग भी फाक़्क़ पड़ गया था यह सोचकर कि अब स्वीपर सलीम अपना यूरिन मिक्स करके शराब भी पिलाने के चक्कर मे है.

सलीम ने वोही कहा जो मुझे अंदाज़ा था-“निशा सलोनी को बहुत ज़ोर की प्यास लग रही होगी शायद….इसे ज़रा यह कॉकटेल तो पिलाओ ताकि इसकी कुछ प्यास बुझे.”

इससे पहले की मैं सलोनी की तरफ कॉकटेल का ग्लास लेकर जाती,सलोनी ज़ोर से चिल्ला पड़ी-“ नही………यह ठीक नही है……….मैं यह ……….नही पी सकूँगी.मैने तो कभी शराब भी नही पी है………फिर इसमे तो शराब के साथ साथ…………” सलोनी कहते कहते रुक गयी.

सलीम लगातार मुस्करा रहा था और हंसते हुए मुझे बोला-“निशा तुम्हे लगता है की सलोनी तुम्हारे हाथों से यह मज़ेदार कॉकटेल ड्रिंक कर लेगी या फिर मैं अपने असिस्टेंट परवेज़ को बुलाकर उसे यह ज़िम्मेदारी दे दूं-उसे बहुत मज़ा आएगा सलोनी को कॉकटेल पिलाने मे.”

मुझे मालूम था कि सलोनी के बाद मेरी भी बरी लगेगी और मुझे भी यही सब करना पड़ेगा-किसी तीसरे आदमी को यहाँ बुलाने का मतलब अपने आप मुसीबत को बुलाने के जैसा था-मैने सलीम को आश्वस्त करते हुए कहा-“सर सलोनी को मैं यह ड्रिंक पीला दूँगी-आप निसचिंत रहें-आख़िर हम दोनो ने आपका वीर्य रस भी तो पिया ही है फिर इसे पीने मे भला क्या हर्ज़ है……”

यह कहने के बाद मैं ड्रिंक का ग्लास उठाकर सलोनी के पास चली गयी एर उसके होंठों से ग्लास लगाकर बोली-“पियो सलोनी…..बहुत मज़ा आएगा.”

लेकिन सलोनी ने मूह खोलने के वजए अपने होंठ कसकर बंद कर लिए.

सलीम ने मेरी तरफ देखा और बोला-“इसके गाल पर एक थप्पड़ लगाओ.”

मैने सलोनी के गाल पर स्लॅप लगते हुए कहा-“सलोनी इसे पी लो नही तो मुझे ना चाहते हुए भी तुम्हे स्लॅप करना पड़ेगा.”
 
सलीम ने फिर अपना फरमान जारी कर डाला-“ यह पूरा ग्लास सलोनी को अगले 5 मिनिट के अंदर पीना है-एक बूँद भी ना बाकी रहे और ना ही ज़मीन पर गिरनी चाहिए-अगर 5 मिनिट के अंदर यह नही हुआ तो मैं अपने असिस्टेंट परवेज़ को बुला लूँगा और वो फिर अपने ढंग से कॉकटेल पिलाएगा सलोनी को.”

परवेज़ वही लड़का था जो आज सुबह हमारे कमरे की सफाई करने आया था-उसके यहाँ आने की बात से मैं काफ़ी डरी हुई थी-मैने सलोनी की नाक के दोनो नथुने अपनी दो उंगलिओं से कसकर बंद कर दिए जिससे उसे अपना मूह खोलना पड़ा और मैने उसके खुले मूह मे कॉकटेल का ग्लास लगा दिया-“सलोनी बात समझने की कोशिश करो-चुपचाप पी जाओ इसे-और कोई रास्ता नही है अभी हमारे पास” यह बात मैने हल्के से इस तरह कही कि सिर्फ़ सलोनी ही सुन पाए.सलोनी ने फटाफट अपने मूह बनाते हुए पूरा का पूरा ग्लास खाली कर दिया.

क्रमशः..................
 
सलोनी के ब्लाइंडफोल्ड बँधा होने की वजह से वो इस बात से बेख़बर थी कि वहाँ पर क्या हो रहा है. सलीम ने अब बाकी के दोनो ग्लास भी शराब से भर दिए लेकिन उसमे उसने यूरिन मिक्स नही किया-ठीक उसी वक़्त वहाँ पर परवेज़ दाखिल हुआ –इससे पहले की वहाँ का नज़ारा देखकर उसके मूह से कोई आवाज़ निकलती,सलीम ने उसे हाथ दिखाकर चुप रहने का इशारा किया.

सलीम ने परवेज़ को अपने पास रखी एक कुर्सी पर बैठने का इशारा किया और फिर मेरी तरफ देखकर बोला-“चलो शराब के दोनो ग्लास लेकर इधर आओ.”

मैने अपने दोनो हाथों मे एक-एक ग्लास उठा लिया और सलीम और परवेज़ जहाँ बैठे थे वहाँ पहुँच गयी-परवेज़ के चेहरे के एक्सप्रेशन्स से लग रहा था कि उसने इस तरह का नज़ारा जिंदगी मे पहली बार ही देखा है और जिस तरह से वो बार बार अपनी आँखें मल रहा था उससे साफ था कि उसे अभी भी इस बात का यकीन नही हो रहा था कि इस तरह से दो खूबसूरत जवान लड़कियाँ नगनवस्था मे सलीम के रहमोकरम पर रहकर कुछ भी करने के लिए तैय्यर होंगी.

सलीम ने परवेज़ की तरफ देखा ओर कहा-“मैने कहा था ना कि तुझे मैं चिकनी लौंदीयों के साथ खूब ऐश कर्वौन्गा-अब जी भरकर ऐश कर ले .”

सलीम ने फिर से मेरी तरफ देखा और बोला-“ थोड़ा और नज़दीक आओ.तुम्हे अपने इन खूबसूरत हाथों से हम दोनो को यह शराब पिलानी है –इस बात का ध्यान रहे कि शराब की एक भी बूँद ज़मीन पर गिरनी नही चाहिए-नही तो उसे तुम्हे अपनी जीभ से चाटना पड़ेगा.”

सलीम की इस बात का मतलब साफ था कि मैं उन दोनो से इस तरह सटकार खड़ी हो जाऊं ताकि उनके होंठों से ग्लास लगाकर उन्हे शराब पीला सकूँ और वो दोनो अपने दोनो हाथों से मेरे नंगे बदन को एंजाय कर सकें.

सलोनी को भी अब तक यह अहसास हो गया था कि उस कमरे मे सलीम के अलावा भी कोई आदमी मौजूद था लेकिन कौन था इससे वो अब भी बेख़बर थी.

मेरा पूरा बदन नंगा था इसका अहसास मुझे तब हुआ जब मेरी चिकनी जांघों पर पहली बार परवेज़ ने अपना हाथ रखा-मैं ज़ोर से उछली लेकिन ग्लास मे से शराब नही छलकी. सलीम का हाथ मेरे योनि प्रदेश को सहलाने मे व्यस्त था-दोनो लोग मेरे हाथों से शराब के घूँट पीते हुए जिस तरह से मेरे नंगे बदन के साथ खिलवाड़ कर रहे थे उसके चलते मुझे अपना संतुलन बनाए रखने मे ख़ासी दिक्कत हो रही थी.

शराब ख़तम हो चुकी थी और ग्लास भी मैने टेबल पर रख दिए थे लेकिन मेरे बदन के साथ उन दोनो की छेड़ छाड़ अभी जारी थी.सलीम अचानक रुका और मुझसे बोला-“ऐसा करो निशा, तुम ज़रा सलोनी को इधर लेकर आओ और ज़रा उसे परवेज़ की खिदमत मे पेश करो-उसके हाथ बँधे रहने दो और उसके ब्लाइंडफोल्ड भी लगा रहने दो.”

मैं सलोनी के पास गयी और उसे लाकर परवेज़ के नज़दीक खड़ा कर दिया-परवेज़ तो एकदम बौरा सा गया था –एक के बाद एक नयी लड़की का मज़ा –उसके फेस एक्सप्रेशन्स के हिसाब से वो इस समय जन्नत की सैर कर रहा था. सलोनी की जो हालत थी यानी जिस तरह से उसके हाथ पीछे की तरफ बँधे हुए थे और उसकी आँखों पर ब्लाइंडफोल्ड बँधा हुआ था उससे सीन परवेज़ के लिए कुछ ज़्यादा ही एरॉटिक हो चला था.

परवेज़ ने अपने हाथ को सलोनी के चिकने पेट पर फिराते हुए सलीम से कहा-“उस्ताद यह लौंडिया है तो मज़ेदार…इसे तो चखना ही पड़ेगा.”

सलीम ने परवेज़ को हिदायत जैसे देते हुए कहा-“तुम वही करो जो मैं अब इस दूसरी लौंडिया के साथ करने जा रहा हूँ.तुम देखते जाओ और वोही सब इस चिकनी से भी कारवओ, ठीक है ना……..”

इसके बाद सलीम ने मुझे ऑर्डर दिया-“चल इधर आकर मेरे सामने घुटनो के बल बैठ जा !”.
 
मैं समझ गयी कि वो क्या चाहता है-मैं उसके सामने घुटनो के बल बैठ गयी-उसने अपनी पॅंट की ज़िप खोलकर उसमे से अपना खड़ा हुआ लिंग बाहर निकाला और मेरे दोनो गालों पर बारी बारी से उसे फिराया और फिर उसे मेरे होंठों पर रखते हुए बोला-“चल इसे अपने मूह मे लेकर इसकी खिदमत मे लग जा.”

परवेज़ यह सब देखकर हक्का बक्का रह गया लगता था-उसे सपने मे भी इस बात का अंदाज़ा नही था कि इस तरह से सलीम उसकी ऐश और मौज़ मस्ती करवाएगा.परवेज़ पर भी अब नशा चढ़ने लगा था –शराब का भी और यकायक मिली इस ब्लॅकमेल पवर का भी-उसने भी आनन फानन मे सलोनी को हुक्म दे डाला-“चलो तुम भी घुटनो के बल बैठ जाओ.”

सलोनी घुटनो के बल बैठ गयी तो परवेज़ ने अपने हाथों से पकड़कर उसे अड्जस्ट किया ताकि उसे अपनी टॅंगो के बीच मे ला सके क्यूंकी सलोनी तो ब्लाइंडफोल्ड बँधे होने की वजह से कुछ भी देख पाने की हालत मे नही थी. मैं समझ रही थी कि सलोनी के लिए यह बहुत मुश्किल था क्यूंकी वो ऐसे आदमी को ब्लोवजोब देने जा रही थी जिसका चेहरा भी वो नही देख पा रही थी और जिसे वो जानती तक नही थी.

परवेज़ का लिंग भी खड़ा होकर उसकी पॅंट मे टेंट बना रहा था-उसने भी अपनी ज़िप खोलकर अपने लिंग को बाहर निकाला और सलीम की नकल करते हुए उसे उसने सलोनी के गालों पर फिराने की कोशिश की.सलोनी के मूह एकदम शरम और जलालत से लाल हो गया था-उसने अब तक अंदाज़ा लगा लिया था कि हो ना हो यह भी कोई मामूली स्वीपर ही है जो सलीम को अपना उस्ताद कहकर बुला रहा है.

परवेज़ ने अपने लिंग को सलोनी के गालों से हटाकर उसके होंठों पर रखा और उसे हुक्म दिया-“चलो अपना मूह खोल और इसको चूस !” लेकिन सलोनी ने अपना मूह नही खोला.परवेज़ ने सलोनी के गाल पर हल्की सी चपत लगाते हुए फिर ऑर्डर दिया-“मूह खोलती है या फिर……….” सलोनी ने अब भी मूह नही खोला.परवेज़ ने दूसरे गाल पर भी थोड़ा ज़ोर का थप्पड़ लगाया-“खोलती है आय फिर तेरी पूजा करनी पड़ेगी.”

सलीम ने हंसते हुए परवेज़ की तरफ देखा-“एंजाय करने की कोशिश करो इनकी मजबूरी को ! इसकी नाक के नथुनो को अपनी उंगली से बंद करो तो यह अपना मूह खोल देगी.” परवेज़ ने अगले ही पल सलोनी के नाक के नथुनो को अपनी उंगलिओं से कसकर दबाया और उसे मजबूरन अपना मूह खोलना पड़ा.

सलोनी ने जैसे ही उसके लिंग को अपने मूह मे लिया उसे एकदम उसका स्वाद काफ़ी अजीब सा लगा और उसने तुरंत ही उसे मूह के बाहर निकाल दिया.इससे परवेज़ का गुस्सा और बढ़ गया और उसने सलोनी के दो तीन थप्पड़ कसकर जड़ते हुए कहा-“नखरा बंद कर और चाट इसे……….” सलोनी ने अब अपनी जीभ उसके लिंग पर फिरानी शुरू कर दी-परवेज़ भी आनंद के सागर मे गोते लगाता हुआ सलोनी के सीने के कबूतरों को छेड़ने लगा.
 
इधर सलीम मस्ती मे मेरे गालों को अपने हाथों से सहलाते हुए अपने लिंग की मुझसे खिदमत करवा रहा था.

अचानक ही किसी ने दरवाज़े पर दस्तक दी और अगले ही पल दरवाज़ा खुल गया-शायद परवेज़ जब अंदर आया था तो दरवाज़ा बंद करना भूल गया था-दरवाज़ा खुलते ही नेहा नज़र आई-सलीम ने नेहा की तरफ देखा-“तुम्हे तो शाम को 7 बजे आना था निशा और सलोनी के कमरे मे-तुम यहाँ क्या कर रही हो ? “ सलीम काफ़ी हैरान था क्यूंकी अभी तो सिर्फ़ शाम के 4 बजे थे.

नेहा ने जबाब देने की बजाए पीछे किसी को इशारा किया और दो लोग हाथ मे कॅमरा और वीडियो रेकॉर्डर लिए अंदर आ गये-“कोई अपनी जगह से हिलेगा नही…….सब कुछ कॅमरा मे आ चुक्का है-हम लोग सनसनी टीवी चॅनेल से आए हैं नेहा के कहने पर.”

टीवी चॅनेल के लोगों को देखकर सलीम और परवेज़ के पैरों के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गयी और वो लगे अपने अपने कपड़े संभालने-मैने भी मौका देखकर सलोनी के हॅंड्कफ और ब्लाइंडफोल्ड खोल दिए और उससे कहा-“फटाफट कपड़े पहन लो-नेहा टीवी चॅनेल वालों को लेकर यहाँ पहुँच गयी है-हम दोनो ने४ भी अपने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए-लेकिन हम सब का यह घबराहट से भरा नाटक टीवी चॅनेल वाले अपने कमरे मे रेकॉर्ड कर रहे थे.शायद उन्हे इतने बढ़िया मसले की उम्मीद भी नही थी.उनमे से एक लड़का जो शायद टीवी रिपोर्टर लग रहा था, नेहा की तरफ देखकर बोला-“ नेहा, तुम तो कह रही थी की वहाँ पर सिर्फ़ एक ही आदमी और दो लड़कियाँ मिलेंगी-लेकिन यहाँ तो दो आदमी और दो लड़कियाँ मौजूद हैं-लगता है कुछ कहानी मे फेरबदल हुआ है लास्ट मोमेंट पर….”

नेहा ने हंसते हुए रिपोर्टर की तरफ देखा और बोली-“ हां रंजन, मुझे भी कुछ ऐसा ही लग रहा है-सलीम के साथ यह नया मुर्गा कहाँ से आ गया मस्ती करने.हां भाई तू कौन है..?” नेहा ने परवेज़ की तरफ देखकर पूछा.नेहा को अब अपनी ताक़त का अंदाज़ा था और वो इसलिए डाँट डपट कर बात कर रही थी.

सलीम और परवेज़ दोनो ही भीगी बिल्ली की तरह एक तरफ खड़े थे.सलीम ने नेहा की तरफ देखा-“नेहा जी,मैने आपका क्या बिगाड़ा था जो अपने मुझे फँसा दिया-हम दोनो को छोड़ दो-मैं इन दोनो लड़कियों को आपके हवाले करता हूँ.”

इसी बीच रिपोर्टर रंजन सलीम के सामने आ गया और कॅमरा में ने सलीम के उपर अपना कॅमरा डाल दिया-“हां सलीम भाई….यह बताओ कि यह गोरखधंधा यहाँ कब से चल रहा है…….?”

“नही साब…..मैं बेकसाऊर हूँ…….मुझे फँसाया गया है……यह किसी की साज़िश लगती है…….मुझे छोड़ दो………मुझसे ग़लती हो गयी…….अब दुबारा ऐसी ग़लती फिर कभी नही करूँगा……….मेरी नौकरी चली जाएगी.” सलीम को शायद अंदाज़ा भी नही था कि वो कमरे पर क्या क्या अनाप सनाप बोले जा रहा था.
 
परवेज़ जो अब तक चुपचाप घबराया हुआ यह सारा तमाशा देख रहा था एकदम से नेहा के पैरों पर गिर पड़ा और रो रोकर कहने लगा-“ मुझे माफ़ करिए मेडम, मेरी कोई ग़लती नही है-वो तो इस सलीम के बच्चे ने मुझे फँसाने के लिए इस लड़की के साथ उलझा दिया –मेरा अगले महीने प्रमोशन होने वाला है-मेरी नौकरी का क्या होगा.”


रिपोर्टर रंजन ने अब पहली बार कॅमरमन की तरफ देखा-“ बॉब्बी ठीक से सारे नाटक को कवर कर लो-यहाँ तो इतना मसाला है कि हम लोग कयी दीनो तक इसकी न्यूज़ दिखाते रहेंगे और हमारी टीआरपी लगातार बढ़ती रहेगी-हम दोनो का तो प्रमोशन अब पक्का जी समझो.”

बॉब्बी ने भी हंसते हुए रंजन की तरफ देखा और बोला-“हां यार थॅंक्स तो नेहा-तेरी गर्लफ्रेंड तो बड़ी कमाल की निकली-उसने हमे इतनी बढ़िया नेवस्स्टोरी दिलवा दी.”

रंजन ने बॉब्बी को हंसते हुए बताया-“यह तो कुछ भी नही है-नेहा ने मुझे दो और सीडीज़ भी दी हैं-एक मे इस शहर के होने वाले एसीपी राज शर्मा की कारगुजारियाँ रेकॉर्डेड हैं तो दूसरी मे इन्ही सब अप्रधिओ की रास लीला रेकॉर्डेड है.”

नेहा ने रंजन की तरफ देखा और बोली-“रंजन…..तुम शायद भूल रहे हो कि इस सहर के पोलीस कमिशनर भी उसी सीडी मे हैं-जिसमे हमारे होनहार एसीपी राज शर्मा मौज़ मस्ती कर रहे हैं. सनसनी के लिए इस से बड़ी कोई दूसरी सनसनी तो हो नही सकती –तुम्हारे चॅनेल का तो लगता है साल भर का कोटा पूरा हो गया”

बॉब्बी भी ने नेहा की हां मे हां मिलाते हुए कहा-“हां यार हमे अब एक साल तक कुछ और करने की ज़रूरत नही है-इतनी मसालेदार स्टोरीस हमे पहले से ही मिल चुकी हैं.”

मैं और सलोनी एक तरफ अपना मूह झुकाए हुए खड़े थे-हम दोनो को तो समझ मे भी नही आ रहा था कि क्या कहे क्या करें-देखा जाए तो सब कुछ मेरा ही शुरू किया हुआ था. सलोनी की आँखों से आँसू निकलने शुरू हो गये थे और उसके कुछ देर बाद मुझे भी कुछ समझ मे नही आया कि मैं क्या करूँ और मैं भी नेहा के कदमो मे गिर पड़ी और रो रोकर कहने लगी-“ नेहा……..मुझे माफ़ कर दो…..हम लोगों को टीवी पर एक्सपोज़ मत करो………..सबको मालूम पड़ जाएगा………हमारे घर वालों को भी मालूम पड़ जाएगा.तुम जो भी सज़ा देना चाहो जाम भुगतने के लिए तैय्यर हैं…..लेकिन हमे टीवी पर आने से बचा लो.”

नेहा ने हंसते हुए मेरी तरफ देखा और बोली-“अब हम लोग यह सारी रेकॉर्डिंग्स लेकर अपने स्टूडियो मे जा रहे है-वहाँ इसकी सीडीज़ बनाई जाएँगी-हम लोगों ने अभी यह तय नही किया है कि यह स्टोरी कब से टीवी पर दिखाई जाए-इसलिए ऐसा करो कि तुम सब अभी तो यहाँ से अपने अपने ठिकाने पर पहुँचो और आज रात 11 बजे सनसनी टीवी चनेल के स्टूडियो मे अपने आप को हाज़िर करो-वहाँ तुम सब की रिक्वेस्ट्स पर विचार किया जा सकता है.”

क्रमशः..................
 
गतान्क से आगे................

रात को ठीक 10 बजे सनसनी टीवी चॅनेल के स्टूडियो कम ऑफीस मे नेहा अपने बॉय फ्रेंड रंजन और कॅमरमन बॉब्बी के साथ बैठी हुई अपने होने वाले गुलामो का इंतेज़ार कर रहे थे-इस टीवी चॅनेल का ओनर एक एनआरआइ था जो खुद तो यूएसए मे रहता था-उसने यहाँ पर चॅनेल की सारी ज़िम्मेदारी रंजन और बॉब्बी के उपर डाल रखी थी और यही दोनो अपनी टीम की मदद से इस सेन्सेशनल न्यूज़ चॅनेल को चला रहे थे.रंजन को जब नेहा ने अपनी आपबीती बताई कि कैसे उसे पोलीस ने फँसाया और कैसे वो निशा और सलोनी के चंगुल मे फंसकर सलीम को चकमा देकर बाहर निकालने मे कामयाब रही तो रंजन और बॉब्बी ने इसमे अपनी गहरी दिलचस्पी दिखाते हुए कहा-“यह तो बहुत ही मज़ेदार कहानी लग रही है-बहुत दीनो से हमने भी कोई चिकनी लौंडिया नही चखी है-हमारी प्यास भी बुझ जाएगी इसी बहाने.”

रात को ठीक 11 बजे मैं और सलोनी जब चॅनेल के स्टूडियो मे पहुँचे तो अंदर जाकर देखा कि सलीम और परवेज़ पहले से ही वहाँ मौजूद थे और उन्हे नेहा और उसके साथिओ ने ज़मीन पर बिठाया हुआ था. स्टूडियो मे चारो तरफ लाइट्स जगमगा रही थी और रेज़ लग रहा था मानो कि सब कुछ लाइव टेलएकास्ट हो रहा हो-लेकिन ऐसा नही था सिर्फ़ वीडियो रेकॉर्डिंग ही चल रही थी.

मुझे और सलोनी को देखते ही नेहा के चेहरे पर मानो चमक सी आ गयी और वो चहककर बोली-“ यह लो रंजन…..तुम्हारे चखने के लिए दो दो चिकनी यहाँ हाज़िर हैं……….शुरू हो जाओ !”

मैने सलीम और परवेज़ की तरफ देखा-उनकी जो दुर्गति हो रही थी उसे देखकर मैं और भी डर गयी क्यूंकी सलीम और आप्रवेज़ ने तो नेहा का कुछ भी नही बिगाड़ा था फिर भी वो उन दोनो की ठीक से दुर्गति बना रही थी-फिर हम दोनो ने तो नेहा को ना सिर्फ़ फँसाया था वरन उसके साथ काफ़ी बदतमीज़ी भी की थी.

नेहा एक सोफे पर अपनी टाँगे फैला कर बैठी हुईए थी और उसने अपने दोनो पैर सलीम और परवेज़ के मूह मे डाल रखे थे जो उसके पैरों को इस तरह सक कर रहे थे मानो ब्लो जॉब दे रहे हो. एक बार सलीम के मूह से उसका पैर बाहर निकल आया तो उसने दुबारा से अपने पैर के अंगूठे को सलीम के होंठों पर फिराते हुए उसे हुक्म दिया-“चूसो इसे……..तुम दोनो मेरे पैरों को चाट चाट कर अपने गुनाहो की सज़ा भुगतोगे……समझे ?”

“जी मॅम…….” सलीम भीगी बिल्ली की तरह बोला.

नेहा ने गुर्रकार परवेज़ की तरफ देखा-उसने भी बिना किसी देरी के वोही दोहरा दिया-“जी मॅम…….हम आपके पैरों को चाट चाट कर अपने गुनाह की सज़ा भुगतने के लिए तैय्यर हैं….बस हमारी करतूतों को टीवी पर मत दिखना.”

इसके बाद नेहा ने मेरी तरफ देखा और बोली-“चलो तुम अपने आप को रंजन के हवाले करो-वो तुम्हारे चिकने बदन से कुछ देर खेलने के बाद यह तय करेगा कि आगे क्या करना है.”

मैं रंजन की तरफ बढ़ने लगी तो नेहा ने सलोनी को भी हुक्म दिया-“तुम खड़ी मत रहो……..अपने इस खूबसूरत बदन को बॉब्बी के हवाले करो ताकि वो तुम्हारे साथ कुछ मौज़ मस्ती कर सके.”
 
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