hotaks444
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दोपहर को साहिल और गीता घर आ गए…..कपड़े बदलने और फ्रेश होने के बाद, दोनो ने खाना खाया, और टीवी देखने लगे…..नेहा का दिल बार-2 अपनी और मोहित की चुदाई के बारे में कमला को बताने के लिए मचल रहा था…हालाकी वो पहले ही जो कुछ हुआ, बता चुकी थी….पर फिर भी उसका मन थोड़ी देर पहली हुई चुदाई को बताने के बारे में मचल रहा था.
अभी वो कमला के घर जाने ही वाली थी…..कि, कुलवंत घर पर आ गया. कुलवंत को रात को फिर से मंडी जाना था..इसीलिए नेहा ने उसे खाना दिया. और कुलवंत खाना खा कर सो गया….एक बार फिर से गीता की प्लॅनिंग धरी की धरी रह गई…साहिल भी कुलवंत के घर होने पर उदास था. जब कुलवंत सो गया तो, वो गीता और साहिल के पास गई…
जो उस समय पायल वाले रूम में बैठे टीवी देख रहे थे….नेहा ने साहिल और गीता से कहा कि, वो कमला के घर जा रही है….जब साहिल के पापा उठ जाए, तो वो उन्हे वहाँ से बुला ले…ये कह कर जैसे ही नेहा बाहर जाने को हुई, तो बाहर से कमला की बेटी सिमरन आ गई….
सिमरन: आंटी जी गीता है…
नेहा: हां अंदर है जाओ मिल लो…
और फिर नेहा कमला के घर चली गई….जब कमला के घर गई, तो उसे पता चला कि, मोहित खेलने के लिए ग्राउंड में गया हुआ है…दोनो आपस में बातें करने लगी….नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा तो वो सुबह ही सुन चुकी थी..पर नेहा फिर से उसे और मसाले के साथ सुनाने लगी.
नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा सुनते हुए, कमला की चूत की फांके फुदकने लगी….और उसकी चूत पानी छोड़ कर उसकी पेंटी को भिगोने लगी.. कमला ने उस समय ब्लाउस और पेटिकॉट पहना हुआ था…वो अपने पेटिकॉट को अपनी चूत के ऊपेर दबाते हुए, अपनी चूत में आई नमी को सॉफ करते हुए बोली…
कमला: हाए नी गस्ति….तूने तो लंड ले लिया अपनी चूत में….अब मुझे क्यों सुना कर तडपा रही है….कुछ कर ना…..नही तो में लंड को तरसते हुए मर जाउन्गि….
नेहा: हंसते हुए….यार अब तू ही बता क्या करू…वो गीता घर पर है साहिल के साथ….तेरे घर पर भी तो सब है…पता नही कब कोई आ जाए. बनाते हैं कोई प्रोग्राम…
उसके बाद नेहा अपने घर वापिस आ गई….साहिल छत पर आकर पतंग उड़ाने लगा….कमला अपने घर पर अकेली थी..सिमरन गीता के साथ बातों में मसगूल थी….मोहित ग्राउंड में खेलने गया था…और उसका पति, खेतो में था…इसीलिए वो चुदासी सी बैठी थी…..शाम के 5 बज चुके थे.. इसीलिए वो भैंसो को चारा डालने और दूध दुहने के लिए, पीछे बने भैंसो के बाडे में चली गई…
जब वो पीछे की तरफ गई, तो उसकी नज़र छत पर पतंग उड़ा रहे साहिल पर पड़ी…जो उनके घर की साइड वाली दीवार के पास खड़ा था…उसे देखते ही….कमला की चूत पनिया गई…अचानक पता नही उसके दिमाग़ में क्या आया…..वो खांसने लगी….जिससे साहिल का ध्यान नीचे कमला की तरफ गया….
कमला चोर नज़रो से उसकी तरफ ऊपेर देख रही थी…उसने उस समय सिर्फ़ पेटिकॉट और ब्लाउस पहना हुआ था…उसने जान बुझ कर अपनी जाँघो को खुजाना शुरू कर दिया…..जैसे उसे बहुत तेज खारिश हो रही हो….और वो साहिल को सुनाने के लिए आहह -2 करने लगी….
साहिल नीचे कमला को देख रहा था…”हाई मर गई…पता नही क्या लड़ गया है….हाई कितनी खुजली हो रही है…..” ये कहते हुए, उसने एक ही झटके में अपने पेटिकॉट को ऊपेर उठा लिया…कमला की पीठ साहिल की तरफ थी….उसने अपने पेटिकॉट को कमर पर चढ़ा कर अपनी दोनो टाँगो को फेला लिया…..और अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, तेज़ी से अपनी चूत को मसलते हुए सिसियाने लगी….
कमला: हाई क्या लड़ गया हाई फुद्दि में बहुत जलन हो रही है…
ये सब करते हुए, कमला झुक कर अपनी गान्ड को पीछे से बाहर निकाल कर अपनी ऊट को देखने की कॉसिश कर रही थी…ऊपेर खड़े साहिल का बुरा हाल हो गया….कमला की बड़ी गान्ड देख साहिल पतंग उड़ाना भूल गया. उसे अब कमला की गान्ड के साथ-2 उसकी चूत के झांते भी दिखाई दे रही थी….
जिस तरह से कमला झुकी हुई थी…वो अपने पीछे छत पर खड़े साहिल को सॉफ देख पा रही थी….और जिस हसरत भरी नज़रो से साहिल कमला की चौड़ी गान्ड को देख रहा था..वो देख कर कमला के होंठो पर तीखी मुस्कान फेल गई….कमला ने भी अपना पहला तीर चला दिया था. और उसके हिसाब से उसका तीर सही निशाने पर लगा था…..
कमला थोड़ी देर झुक कर अपनी चूत को मसलते हुए, कीड़े के काटे जाने का नाटक करते हुए सिसियाति रही….फिर वो सीधी हुई, और अपना पेटिकॉट नीचे किया..फिर भैंसो को चारा डालने लगी….साहिल अभी भी कमला की ही तरफ देख रहा था….फिर अचानक से कमला ने ऊपेर छत की ओर देखा… जैसे ही दोनो के नज़रे मिली, साहिल एक दम से घबरा गया..
उसके चेहरे का रंग उड़ गया…..पर अगले ही पल उसकी घबराहट ऐसी गायब हुई, जैसे गधे के सर से सींग गायब होते है….क्योंकि कि कमला उसकी तरफ देख कर नाराज़ नही हुई, बल्कि अपने होंठो पर वही कातिल मुस्कान लाते हुए देखा था…और फिर जान बुझ कर मुस्कुराते हुए शरमाने का नाटक किया….साहिल ने अपनी पतंग जल्दी-2 में नीचे उतारी….और फिर उसी दीवार के पास जाकर खड़ा हो गया…जहाँ से कमला के घर के पीछे का हिस्सा सॉफ दिखता था….वो जान बुझ कर उड़ रही पतंगो को देखने लगा…और बीच-2 में वो कमला की ओर देखता….जैसे ही दोनो की नज़रे मिलती. कमला मुस्करा कर उसकी तरफ देखती…कमला दूध दुहने के लिए बैठ गई…
और भैंस के थनो को अपने हाथों से मसलते हुए, साहिल की ओर देखने लगती….जैसे ही साहिल उसकी ओर देखता, तो कमला जान बुझ कर भैंस के थनो को खिचते हुए, अपनी ब्लाउस के ऊपेर से अपनी चुचि को भी दबा देती. अब साहिल तो सेक्स के खेल कई बार खेल चुका था….वो मोहित की तरह अनाड़ी नही था….वो भी कमला को बेझीजक देखने लगा….कमला दूध दुहते हुए उसकी ओर देख कर मुस्कुराती रही….
ये सिलसिला तब टूटा जब नेहा ने नीचे से साहिल को आवाज़ डी. मजबूरन साहिल को नीचे जाना पड़ा….दिन इस तरह ढल गया….एक तरफ दो तरसते लंड और दूसरी तरफ तीन प्यासी चूते….पर किसी के हाथ कुछ नही लग रहा था. दिन इसी तरह गुज़रते गए….कुछ नही हुआ….हां बीच-2 में कमला साहिल को और नेहा मोहित को अपने हुश्न के दीदार करवा देती….
या फिर कभी गीता को मोका मिलता तो, वो साहिल को बाहों में जाकड़ कर चूमा चाटी कर लेती….4 दिन भी बीत गई….गीता की मा नीलम भाभी पूनम और पायल सब वापिस आ गई थी…उधर नेहा और कमला की चूतो के अंदर ऐसी आग लगी थी कि, दोनो दिन भर मोके ढूढ़ने में लगी रहती. नेहा एक दिन सुबह 11 बजे कमला के घर गई. दोनो ने एक दूसरे की चूत की आग को ठंडा करने के नाकाम कॉसिश की.
अभी वो कमला के घर जाने ही वाली थी…..कि, कुलवंत घर पर आ गया. कुलवंत को रात को फिर से मंडी जाना था..इसीलिए नेहा ने उसे खाना दिया. और कुलवंत खाना खा कर सो गया….एक बार फिर से गीता की प्लॅनिंग धरी की धरी रह गई…साहिल भी कुलवंत के घर होने पर उदास था. जब कुलवंत सो गया तो, वो गीता और साहिल के पास गई…
जो उस समय पायल वाले रूम में बैठे टीवी देख रहे थे….नेहा ने साहिल और गीता से कहा कि, वो कमला के घर जा रही है….जब साहिल के पापा उठ जाए, तो वो उन्हे वहाँ से बुला ले…ये कह कर जैसे ही नेहा बाहर जाने को हुई, तो बाहर से कमला की बेटी सिमरन आ गई….
सिमरन: आंटी जी गीता है…
नेहा: हां अंदर है जाओ मिल लो…
और फिर नेहा कमला के घर चली गई….जब कमला के घर गई, तो उसे पता चला कि, मोहित खेलने के लिए ग्राउंड में गया हुआ है…दोनो आपस में बातें करने लगी….नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा तो वो सुबह ही सुन चुकी थी..पर नेहा फिर से उसे और मसाले के साथ सुनाने लगी.
नेहा और मोहित की चुदाई का किस्सा सुनते हुए, कमला की चूत की फांके फुदकने लगी….और उसकी चूत पानी छोड़ कर उसकी पेंटी को भिगोने लगी.. कमला ने उस समय ब्लाउस और पेटिकॉट पहना हुआ था…वो अपने पेटिकॉट को अपनी चूत के ऊपेर दबाते हुए, अपनी चूत में आई नमी को सॉफ करते हुए बोली…
कमला: हाए नी गस्ति….तूने तो लंड ले लिया अपनी चूत में….अब मुझे क्यों सुना कर तडपा रही है….कुछ कर ना…..नही तो में लंड को तरसते हुए मर जाउन्गि….
नेहा: हंसते हुए….यार अब तू ही बता क्या करू…वो गीता घर पर है साहिल के साथ….तेरे घर पर भी तो सब है…पता नही कब कोई आ जाए. बनाते हैं कोई प्रोग्राम…
उसके बाद नेहा अपने घर वापिस आ गई….साहिल छत पर आकर पतंग उड़ाने लगा….कमला अपने घर पर अकेली थी..सिमरन गीता के साथ बातों में मसगूल थी….मोहित ग्राउंड में खेलने गया था…और उसका पति, खेतो में था…इसीलिए वो चुदासी सी बैठी थी…..शाम के 5 बज चुके थे.. इसीलिए वो भैंसो को चारा डालने और दूध दुहने के लिए, पीछे बने भैंसो के बाडे में चली गई…
जब वो पीछे की तरफ गई, तो उसकी नज़र छत पर पतंग उड़ा रहे साहिल पर पड़ी…जो उनके घर की साइड वाली दीवार के पास खड़ा था…उसे देखते ही….कमला की चूत पनिया गई…अचानक पता नही उसके दिमाग़ में क्या आया…..वो खांसने लगी….जिससे साहिल का ध्यान नीचे कमला की तरफ गया….
कमला चोर नज़रो से उसकी तरफ ऊपेर देख रही थी…उसने उस समय सिर्फ़ पेटिकॉट और ब्लाउस पहना हुआ था…उसने जान बुझ कर अपनी जाँघो को खुजाना शुरू कर दिया…..जैसे उसे बहुत तेज खारिश हो रही हो….और वो साहिल को सुनाने के लिए आहह -2 करने लगी….
साहिल नीचे कमला को देख रहा था…”हाई मर गई…पता नही क्या लड़ गया है….हाई कितनी खुजली हो रही है…..” ये कहते हुए, उसने एक ही झटके में अपने पेटिकॉट को ऊपेर उठा लिया…कमला की पीठ साहिल की तरफ थी….उसने अपने पेटिकॉट को कमर पर चढ़ा कर अपनी दोनो टाँगो को फेला लिया…..और अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, तेज़ी से अपनी चूत को मसलते हुए सिसियाने लगी….
कमला: हाई क्या लड़ गया हाई फुद्दि में बहुत जलन हो रही है…
ये सब करते हुए, कमला झुक कर अपनी गान्ड को पीछे से बाहर निकाल कर अपनी ऊट को देखने की कॉसिश कर रही थी…ऊपेर खड़े साहिल का बुरा हाल हो गया….कमला की बड़ी गान्ड देख साहिल पतंग उड़ाना भूल गया. उसे अब कमला की गान्ड के साथ-2 उसकी चूत के झांते भी दिखाई दे रही थी….
जिस तरह से कमला झुकी हुई थी…वो अपने पीछे छत पर खड़े साहिल को सॉफ देख पा रही थी….और जिस हसरत भरी नज़रो से साहिल कमला की चौड़ी गान्ड को देख रहा था..वो देख कर कमला के होंठो पर तीखी मुस्कान फेल गई….कमला ने भी अपना पहला तीर चला दिया था. और उसके हिसाब से उसका तीर सही निशाने पर लगा था…..
कमला थोड़ी देर झुक कर अपनी चूत को मसलते हुए, कीड़े के काटे जाने का नाटक करते हुए सिसियाति रही….फिर वो सीधी हुई, और अपना पेटिकॉट नीचे किया..फिर भैंसो को चारा डालने लगी….साहिल अभी भी कमला की ही तरफ देख रहा था….फिर अचानक से कमला ने ऊपेर छत की ओर देखा… जैसे ही दोनो के नज़रे मिली, साहिल एक दम से घबरा गया..
उसके चेहरे का रंग उड़ गया…..पर अगले ही पल उसकी घबराहट ऐसी गायब हुई, जैसे गधे के सर से सींग गायब होते है….क्योंकि कि कमला उसकी तरफ देख कर नाराज़ नही हुई, बल्कि अपने होंठो पर वही कातिल मुस्कान लाते हुए देखा था…और फिर जान बुझ कर मुस्कुराते हुए शरमाने का नाटक किया….साहिल ने अपनी पतंग जल्दी-2 में नीचे उतारी….और फिर उसी दीवार के पास जाकर खड़ा हो गया…जहाँ से कमला के घर के पीछे का हिस्सा सॉफ दिखता था….वो जान बुझ कर उड़ रही पतंगो को देखने लगा…और बीच-2 में वो कमला की ओर देखता….जैसे ही दोनो की नज़रे मिलती. कमला मुस्करा कर उसकी तरफ देखती…कमला दूध दुहने के लिए बैठ गई…
और भैंस के थनो को अपने हाथों से मसलते हुए, साहिल की ओर देखने लगती….जैसे ही साहिल उसकी ओर देखता, तो कमला जान बुझ कर भैंस के थनो को खिचते हुए, अपनी ब्लाउस के ऊपेर से अपनी चुचि को भी दबा देती. अब साहिल तो सेक्स के खेल कई बार खेल चुका था….वो मोहित की तरह अनाड़ी नही था….वो भी कमला को बेझीजक देखने लगा….कमला दूध दुहते हुए उसकी ओर देख कर मुस्कुराती रही….
ये सिलसिला तब टूटा जब नेहा ने नीचे से साहिल को आवाज़ डी. मजबूरन साहिल को नीचे जाना पड़ा….दिन इस तरह ढल गया….एक तरफ दो तरसते लंड और दूसरी तरफ तीन प्यासी चूते….पर किसी के हाथ कुछ नही लग रहा था. दिन इसी तरह गुज़रते गए….कुछ नही हुआ….हां बीच-2 में कमला साहिल को और नेहा मोहित को अपने हुश्न के दीदार करवा देती….
या फिर कभी गीता को मोका मिलता तो, वो साहिल को बाहों में जाकड़ कर चूमा चाटी कर लेती….4 दिन भी बीत गई….गीता की मा नीलम भाभी पूनम और पायल सब वापिस आ गई थी…उधर नेहा और कमला की चूतो के अंदर ऐसी आग लगी थी कि, दोनो दिन भर मोके ढूढ़ने में लगी रहती. नेहा एक दिन सुबह 11 बजे कमला के घर गई. दोनो ने एक दूसरे की चूत की आग को ठंडा करने के नाकाम कॉसिश की.