Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान - Page 5 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान

गीता: और सुना तेरे यार दा की हाल है…

सिमरन: यार पूछ मत बहुत तंग आ गई हूँ….

गीता: क्यों क्या हुआ दिल भर गया क्या उससे…

सिमरन: नही यार वो बात नही है…

गीता: (मुस्कराते हुए) तो क्या बात है. गस्ति…

सिमरन: हट कंजरये……

गीता: फिर बता ना क्या बात है ?

सिमरन: यार कल रात बाल-2 बची…

गीता: क्यों क्या हुआ…

सिमरन: बता तो रही हूँ…कल रात सोनू ने मुझे घर की छत पर बुलाया था.. और जब में रात को सब के सोने के बाद छत पर गई तो, उसने मुझे बाहों में जाकड़ लिया….और फिर मुझे छत पर बने हुए स्टोर रूम में लेजाकार मेरी सलवार का नाडा खोलना शुरू कर दिया….

मैने उससे बहुत मना किया कि, मा बाबू नीचे है..पर वो नही माना…बोला एक बार दे दे…..मुझे उसकी बात माननी पड़ी…और मैने अपनी सलवार को घुटनो तक उतार दिया….उसने मेरी टाँगो को मोड़ कर अपना लंड मेरी फुद्दि में डाल कर फुद्दि मारनी शुरू कर दी….मज़ा तो बहुत आ रहा था… पर नीचे से बापू के खांसने की आवाज़ आई….वो गान्डू तो अपनी पेंट उठा कर उसी टाइम भाग गया…

में जैसे ही नीचे जाने को हुई, तो बापू ऊपेर आ गए….और मुझे घूरते हुए बोले “ओये कूडीए ईनी रात नू इते की कर रही है” मैने बहाना बना दिया कि, नीचे बहुत घुटन हो रही थी…तो बापू बोले….रात नू जवान कडीया दा ऊपेर इस तरह आना ठीक नही है…..

गीता सिमरन की बात सुन कर हँसने लगी…सिमरन ने गीता के पेट पर कोहनी मारते हुए कहा….”चुप साली गश्ती….ज़द कदे अपने यार नू फुद्दि देने फदि गई ता पता चलु” गीता ने हंसते हुए उसकी ओर देखा, और बोली

गीता: तेरा कोई हाल नही….यारा नाल बहरा…..सदा खुल्या रेहन सलवारा हा हहा हा….

सिमरन: उड़ा ले मेरे मज़ाक….जड़ तेनू एक वार लंड दा सवाद मिलिया तन देखी तू वे शलवार खोल के टंगा चक के फुद्दि मरंगी…साली गस्ति.

गीता: अच्छा चल यार मज़ाक भी नही कर सकती..तू तो ऐसे ही नाराज़ हो जाती है…

थोड़ी देर बातें करने के बाद दोनो नीचे आ जाती है….गीता अपनी भाभी और मा के साथ अपने घर के लिए निकल जाती है…साहिल क्रिकेट खेलने के लिए ग्राउंड में जा चुका था…रवि और कुलवंत भी घर वापिस आ गए थे. और खाना खा कर सो गए थे….
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--13

साहिल शाम को घर वापिस आया…तो उसने अपने पापा कुलवंत सिंग को घर में देखा…कुलवंत सिंग साहिल को देखते ही उसे अपने पास बुला लिया.

कुलवंत सिंग: जनाब दी सवारी किदरो आ रही है…

साहिल: पापा वो में खेलने गया था….

कुलवंत सिंग: बेटा सारा दिल खेलता ही रहता कि पढ़ता भी है…

साहिल: नही पापा.रोज पहले आकर होमे वर्क करता हूँ…फिर खेलने जाता हूँ…फिर शाम को पढ़ता हूँ…

कुलवंत: सबाश ऐसे ही मन लगा कर पढ़ा करो….

रात को सब खाना खा कर सो गए…काजल अपनी बेहन पायल के साथ उसके रूम में ही सो रही थी…उसकी मुलाकात अभी साहिल से नही हुई थी. सुबह 4 बजे शोर की आवाज़ से सुन कर साहिल उठा….तो उसने देखा कि, उसकी मा और पापा दोनो कही जाने के लिए तैयार थे….चाचा रवि भी भैंसो को बाहर निकल रहे थे…

कुलवंत सिंग: उठ गया बेटा…..में तुझे उठाने ही वाला था…

साहिल: कहा जा रहे हो आप…

कुलवंत सिंग: बेटा में और तेरे चाचा तो मंडी जा रहे है…और तुम्हारी मा तुम्हारे नाना का पता लेने चल रही है…शाम तक नेहा आ जाएगी….

साहिल: पर दो दिन पहले ही तो गई थी मा….

कुलवंत: हां पर बेटा रिश्‍तेदारी में जाना पड़ता है….सुबह जल्दी तैयार हो जाना…स्कूल भी जाना है…….अब तू सोजा….सुबह जल्दी उठ कर स्कूल चले जाना….

फिर कुलवंत सिंग नेहा और रवि घर से निकल गए….साहिल अपने रूम में बेड पर लेटा हुआ था…तभी उसने चाची के रूम का डोर बंद होने की आवाज़ आई…शायद पायल बाहर का मेन गाते बंद कर वापिस आई थी…अभी सिर्फ़ 4 ही बजे थी…इसलिए बाहर एक दम अंधेरा था…साहिल को कल रात चाची के साथ बिताए हुए पल याद आने लगे…उसका 5 इंच का लंड तन कर उसके शॉर्ट में खड़ा हो गया…रह रह कर उसका दिल कर रहा था कि, वो चाची के रूम में चला जाए…पर चाची आज रूम में अकेली नही थी.

उसके साथ उसके मामा के बेटी काजल भी थी…पर आख़िर दिल के हाथों मजबूर होकर साहिल अपनी चाची के रूम के बाहर खड़ा हो गया. और फिर हिम्मत जुटा कर डोर को धकेला…डोर अंदर से लॉक नही था…डोर खुला और साहिल अंदर दाखिल हुआ…

उसने देखा कि काजल बेड पर दीवार वाली साइड पर लेटी हुई थी…बीच में वंश था..और आख़िर में किनारे पर चाची पायल लेटी हुई थी…उसने अपनी चाची का बाजू पकड़ कर धीरे से हिलाया….पायल अभी कच्ची नींद में ही थी….उसने अपनी आँखें खोली, और अपने सामने खड़े साहिल को देख कर मसूकुराने लगी…फिर दूसरी तरफ मुँह घुमा कर देखा……

वंश और काजल दोनो सो रहे थी….पायल ने अपने होंठो पर उंगली रख कर साहिल को चुप रहने का इशारा किया, और फिर धीरे से उठ कर साहिल का हाथ पकड़ कर उस रूम से बाहर ले आई…और फिर घर के पीछे भैंसो वाले कमरो की तरफ जाने लगी….साहिल चुप चाप पायल के पीछे चलता हुआ आ गया….

पायल ने पीछे के तरफ बने स्टोर रूम का डोर खोला, और फिर साहिल के साथ अंदर आ गई….अंदर बहुत अंधेरा था….इसीलिए पायल ने डोर को बंद नही किया…वहाँ पर एक चारपाई पर पड़ी हुई थी….जिस पर बहुत से बिस्तर पड़े हुए थी…जब कभी उनके घर ज़्यादा मेहमान आते थे….तब उनको इस्तेमाल किया जाता था….

पायल ने बिस्तरो को एक के ऊपेर एक करते हुए बिछा दिया…जिससे एक बहुत उँचा और नरम गद्दा सा बन गया…फिर पायल ने साहिल की तरफ देखते हुए, अपनी सलवार को खोला, और घुटनो तक नीचे करते हुए, चारपाई पर बैठ गई..उसने साहिल को पास बुलाया…और फिर धीरे से उसके काम में कहा..

पायल: साहिल जल्दी से मार ले, सुबह होने वाली है….

फिर पायल पीछे की तरफ लेट गई….और उसने अपनी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठा कर फेला दिया…पायल की सलवार उसकी टाँगों में ही थी…पायल ने साहिल की ओर देखा और कहा….”जल्दी कर डाल अपना लंड मेरी फुद्दि में…”

साहिल ने अपनी निक्कर को निकाल कर चारपाई पर रखा…और फिर पायल की टाँगों के बीच में आकर खड़ा हो गया…पायल चारपाई पर टाँगों को फेला कर चारपाई पर लेटी हुई थी…उसके चूतड़ बिल्कुल किनारे पर थे.. उसने एक हाथ नीचे लेजाकार साहिल के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर रखा….साहिल के लंड का गरम सुपडा अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही पायल के मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल गई….

पायल: सीईईईई हइई साहिल तेरा लंड ता किन्ना सोना खड़ा है….हुन पा दे मेरी फुद्दि विच….

साहिल ने अपने दोनो हाथों को चाची की जाँघो पर टिका कर अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला….पायल ने साहिल के लंड को हाथ में पकड़ा हुआ था ताकि उसका लंड सीधा उसकी चूत में चला जाए…जैसे ही साहिल का लंड पायल की चूत को फैलाता हुआ अंदर घुसा….पायल ने अपने हाथ को साहिल के लंड से हटा कर दोनो हाथों से साहिल के कंधो को थाम लिया…..और अपनी गान्ड को पूरे ज़ोर से साहिल के लंड की तरफ उछाला….
 
साहिल का लंड पायल की गीली चूत में सरसराता हुआ अंदर घुस गया..”हाई ओईई मर जावां में आआह साहिल मार ना मेरी फुद्दि…हां कर अंदर बाहर अपने लंड नू मेरी फुददी विच….” साहिल भी तेज़ी से अपनी कमर को हिलाते हुए अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा…पायल की चूत के पानी से साहिल का लंड सारॉबार होकर अंदर बाहर हो रहा था…

और पायल अपने दोनो हाथों से चारपाई पर बिछे हुए गद्दो को कस के जकड़े हुए, अपनी गान्ड को ऊपेर की तरफ उछाल रही थी….”आ मार पुत्तर और ज़ोर दे मार ले मेरी फुददी..ओह साहिल में ता रोज तेरेतो रोज मरवंगी हाई मेरे ख़सम ने भी मेरी फुद्दि नू ईनी ठंड नही पाए….आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मार और ज़ोर दे..अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हां पूरा लंड पा दे फुद्दि विच आह…”

साहिल चाची की बातों को सुन कर और जोश में झटके मारने लगा….पायल भी मस्ती में आकर अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर अपनी चूत को साहिल के लंड पर दे मारती, और पूरे रूम में ठप-2 और चारपाई के चरमाने की चर चर की आवाज़ गूँज उठती…पायल अपने होंठो को दांतो से काटते हुए, पूरे जोश के साथ अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछालने लगी…

पायल: आह साहिल ले तेरी चाची दी फुद्दि पानी छाड़ गाइए हाई होर ज़ोर दे मार अह्ह्ह्ह गेयैयी तेरे चाची दी फुद्दि अह्ह्ह्ह तेरा लंड तां कमाल कर दित्ता अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह अहह उंह उंह हाई ले मेरी फुद्दि दा पानी आह अहह

पायल का बदन एक दम से अकड़ने लगा….और फिर उसकी चूत से पानी की नादिया बह निकली….उसकी चूत ने साहिल के लंड को अपनी गिरफत में ऐसे कस लिया….जैसे छोड़ना ना चाहती हो….चाची के फुद्दि का दबाव अपने लंड पर महसूस करते हुए साहिल का लंड भी झटके खाने लगा….और झाड़ कर साहिल भी पायल के ऊपेर निढाल हो गया….

थोड़ी देर बाद पायल ने साहिल को अपने ऊपेर से हटाया….और फिर अपनी सलवार को ऊपेर करते हुए साहिल की तरफ देखने लगी…साहिल अपनी निक्कर ऊपेर करके चाची की तरफ देख रहा था……सलवार का नाडा बाँध कर, पायल ने साहिल को अपने सीने से चिपका लिया….और उसके बालो में उंगलियाँ घूमाते हुए, उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दया.

साहिल भी अपने होंठो खोल कर चाची के होंठो को चूसने लगा…पर पायल जानती थी कि अब उसके पास और टाइम नही है…इसीलिए वो साहिल को लेकर आगे घर में आ गई…..

साहिल वापिस अपने रूम में आकर सो गया…..जब साहिल की आँख खुली, तो सुबह के 8 बज चुके थे.साहिल स्कूल के लिए लेट हो गया था…वो अपनी आँखे मलता हुआ रूम से बाहर आया और किचन में अपनी चाची के पास गया.

साहिल: चाची आप ने मुझे उठया क्यों नही…में स्कूल के लिए लेट हो गया..

पायल: तो क्या हुआ आज स्कूल से छुट्टी कर ले ना….

साहिल: पर मा गुस्सा होगी…

पायल: कोई बात नही में दीदी को कह दूँगी कि, तुम्हारी तबीयत ठीक नही थी..इसीलिए स्कूल नही भेजा…

साहिल तो स्कूल से छुट्टी का नाम सुन कर एक दम से खुस हो गया….और जल्दी से अपने रूम में भागा….”अर्रे क्या हुआ कहाँ जा रहा है” पायल ने साहिल को आवाज़ लगाई…

साहिल: ऊपेर पतंग उड़ाने

पायल: नाश्ता तो कर ले, बाद में उड़ाना पतंग….चल इधर आ…

साहिल फिर से किचन में आ जाता है…और चाची के पास आकर खड़ा हो गया…”इतना बड़ा हो गया है अभी तक पतंग उड़ाना छोड़ा नही”

साहिल: चाची में तो छोटा हूँ…और मुझसे बड़े लोग भी तो पतंग उड़ाते हैं…तो फिर मैं क्यों नही उड़ा सकता…

पायल: वो सब बेकार लोग होते है….जिनके पास कोई काम धंधा नही होता.. वही लोग पतंग उड़ाते है….और वैसे तू इतनी अच्छी पतंग छोड़ कर वो काग़ज़ के पतंग क्यों उड़ाता है….

साहिल: चाची क्या आप भी सभी पतंग तो कागज की होती है….

पायल: क्यों में नही हूँ तेरी पतंग….

साहिल: (हंसते हुए) हा हा आप और पतंग पर आपको उड़ाउंगा कैसे…

पायल: क्यों क्या तुझे नही पता….(मुस्कुराते हुए)

साहिल: नही तो मुझे नही पता….

पायल: जैसे सुबह उड़ाया था….(पायल उसकी तरफ देख कर बड़ी ही कामुकता से मुस्कुराइ)

साहिल पायल के ऐसे मज़ाक करने से झेंप गया….और अपना सर नीचे झुका कर खड़ा हो गया….पायल ने हंसते हुए साहिल को बाहर जाकड़ बरामदे में बैठने को कहा….साहिल जैसे ही बाहर जाने को मुड़ा तो उसने काजल को चारपाई पर वंश को गोद में लेकर बैठे हुए देखा…फिर वो पायल के तरफ पलटा और पूछने लगा….

साहिल: चाची ये कोन है ?

पायल: कोन ? अच्छा वो काजल है….मेरे मामा की बेटी है ये भी ** क्लास में पढ़ती है…चलो में तुमसे मिल्वाति हूँ……

फिर पायल साहिल को लेकर किचन से बाहर आई…..और काजल की तरफ बढ़ते हुए कहा “काजल ये मेरी जेठानी का बेटा है साहिल, और साहिल ये है काजल मेरे मामा की बेटी . तुम दोनो वंश के साथ खेलो, में नाश्ता तैयार करती हूँ…”

पायल किचन में आ गई….काजल जो कि साहिल की ही उम्र की थी…उसका रंग बहुत ही साफ था….अभी उसके उभार आने शुरू हुए ही थे...पर गालो की लाली देख कर कोई भी ललचा जाता…उसके वाइट कलर के टॉप में उसके उभारों का हल्का सा अहसास हो रहा था….भले ही साहिल काजल की उम्र का था…पर पायल और गीता ने अपने अपने ग्यान सागर को देकर साहिल की आँखे खोल दी थी….
 
और वो तब से हर औरत और लड़की के जिस्मो का जायज़ा लेने लगा था…वो घूरते हुए काजल के टॉप और उसकी उठी हुई स्कर्ट से झाँकति हुई जाँघो को देख रहा था….पता नही क्यों पर साहिल का मन बार-2 उसकी थाइस को छूने का कर रहा था…पर चाची की मजूदगी में वो ऐसा नही कर पा रहा था…पायल अपने ध्यान में मगन किचन में नाश्ता बना रही थी. थोड़ी देर बाद सब के लिए नाश्ता लेकर बरामदे में आ गई…और फिर सब नाश्ता करने लगे. पायल नाश्ता करते वक़्त काजल से पूछने लगी कि, उसका मन तो यहाँ पर लग गया है ना. घर की याद तो नही आ रही ? वागेहरा-2 फिर नाश्ते के बाद पायल सब बर्तन उठा कर किचन में चली गई. काजल थोड़ा बोर फील कर रही थी. वो उठ कर पायल के पास आकर खड़ी हो गई.

पायल: क्या हुआ काजल ?

काजल: दीदी में बोर हो रही हूँ. आपके यहाँ कोई गेम नही है.

पायल: गेम कोन से गेम.

काजल: कैरम या लुडो.

पायल: है तो नही पर हां लडो यहाँ दुकान से मिल जाएगे. में अभी साहिल से मँगवा देती हूँ.

पायल ने साहिल को आवाज़ डी, और फिर अपनी ब्रा से पर्स निकाल कर कुछ पैसे साहिल को देकर लुडो लाने को कहा. साहिल पैसे लेकर दुकान पर चला गया. काजल पायल के साथ हेल्प करने लगी. “अर्रे छोड़ ना काजल में कर लूँगी”

काजल: नही दीदी हम जल्दी काम ख़तम करके साथ में खेलेंगे.

पायल: अच्छा ठीक है.

फिर दोनो ने जल्दी से काम निपटाना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद साहिल भी लुडो लेकर वापिस आ गया. काम निपटने के बाद साहिल पायल और काजल तीनो लुडो खेलने लगे. तीनो का अच्छा टाइम पास हो रहा था. अचानक से पायल को कुछ याद आया “हाए ओये तुम लोगो के लुडो के चक्कर में मैं तो भूल ही गई कि, मुझे कपड़े भी धोने है. अब तुम दोनो अंदर रूम में जाकर खेलो. में कपड़े धो लेती हूँ. साहिल और काजल दोनो पायल के रूम में आ गए. और बेड पर बैठ कर लुडो खेलने लगे. साहिल बेड के किनारे पैर लटका कर बैठा था. और काजल उसकी दूसरी तरफ थी. कम उम्र काजल को अपने कपड़ों का बिकुल भी ध्यान नही था. उसकी स्कर्ट उसकी जाँघो से काफ़ी ऊपेर उठी हुई थी….और उसकी वाइट कलर की पैंटी साहिल को सॉफ नज़र आ रही थी….जिसके कारण उसका लंड उसके निक्कर में तन कर खड़ा होने लगा था…साहिल बीच -2 बाहर डोर की तरफ झाँक लेता ताकि अचानक से चाची ना आ जाए…

तभी पायल बाथरूम से बाहर आई….उसने अपने कंधे पर गीले कपड़ो को लटका रखा था. वो एक -2 करके अपने कंधे से कपड़ो को उतार कर उनका पानी निचोड़ती, और फिर उन्हे बाहर आँगन में लगी रस्सी के ऊपेर डालती. पायल के कपड़े भी पूरे भीग चुके थी. उसके वाइट प्रिंटेड कमीज़ से उसकी ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी….सीधे धूप में खड़े होने के कारण पायल के अन्द्रुनि बदन उसके गीली कपड़ो में सॉफ नज़र आ रहा था. एक तरफ काजल की मुलायम जांघे और ऊपेर से पायल का गदराया हुआ भीगा बदन. साहिल के लिए ये सब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था. पर कम उम्र होने के कारण साहिल ऐसी सिचुयेशन्स को हॅंडल करना नही जानता था…

पायल के भीगे हुए बदन को देखते हुए अचानक से साहिल का हाथ निक्कर के ऊपेर से लंड पर चला गया. और अपने लंड को दबाने लगा. फिर एक दम से उसे काजल के हँसने की आवाज़ आए. जब उसने काजल की तरफ देखा तो वो अपने दोनो हाथों को मुँह पर रख कर हंस रही थी. जब साहिल को इस बात का अहसास हुआ कि, काजल किस बात पर हंस रही है. उसने अपने लंड से अपने हाथ को हटा लिया. और अपने सर को झुका लया….”मुझे नही खेलना अब मुझे नींद आ रही है” काजल ने दूसरी तरफ मुँह करते हुए कहा. और फिर बेड के दूसरी तरफ जाकर लेट गई.. साहिल लुडो को समेटने लगा. फिर वही बेड पर बैठे हुए, बाहर देखने लगा. उसके मन में अब यही डर सता रहा था कि, कही काजल चाची को कुछ बता ना दे. पायल फिर से बाथरूम में घुस चुकी थी….और काजल दूसरी तरफ मुँह किए हुए लेटी हुई थी.

क्रमशः......................................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--14

साहिल काफ़ी देर तक वही बैठा रहा. फिर थोड़ी देर बाद पायल फिर से बाथरूम से बाहर आई. और रस्सी पर कपड़े सुखाने के लिए डालने लगी. तभी उसकी नज़र बेड पर बैठे हुए साहिल पर पड़ी. पायल ने कामुक मुस्कान लाते हुए, साहिल की तरफ देखा. और फिर अपनी कमीज़ के ऊपेर से अपने लेफ्ट मम्मे को पकड़ कर नोकदार बनाते हुए साहिल को इशारा किया. साहिल वैसे ही बैठा रहा. पायल नही जानती थी कि, काजल सो चुकी है. कपड़े रस्सी पर डालने के बाद पायल फिर बाथरूम में घुस गई. वो कपड़े धो चुकी थी. और नहाने के लिए बाल्टी में पानी भरने लगी. तभी उसे कदमो की आहट सुनाई डी, तो उसने पीछे मूड कर देखा तो, साहिल पीछे बाथरूम के डोर पर खड़ा था. पायल ने मुस्कुराते हुए कहा “क्या हुआ खेल नही रहे” साहिल थोड़ी देर चुप रहा और पायल उसकी तरफ सवालियों नज़रों से देखने लगी. पायल फिर से कुछ बोलने ही वाली थी कि, “वो काजल सो गई है” साहिल ने अपने गॉल का थूक गटकते हुए कहा.

“मुंडे नू फुद्दि दे पानी दा चस्का लग गया है” पायल ने मन ही मन सोचा, और फिर कातिल मुस्कान के साथ साहिल की तरफ देखते हुए बोली. “पक्का सो गई है ना” साहिल ने हां में सर हिला दिया. “अच्छा तू इधर खड़ा हो. में ज़रा अंदर देख कर अत्ती हूँ” ये कहते हुए, पायल बाथरूम से निकल कर अपने रूम में गई. उसने देखा कि काजल और वंश दोनो सो रहे थे. फिर वो दबे पाँव वापिस बाथरूम रूम में आ गई…साहिल बाथरूम के अंदर खड़ा था. पायल ने साहिल को बाथरूम के दरवाजे के अंदर धकेल दहलीज पर आ खड़ी हुई, और फिर वो बाहर की तरफ पलटी. और डोर की दहलीज पर खड़े होकर बाहर अपने रूम की तरफ झाँकते हुए, अपनी सलवार का नाडा खोलने लगी.

वो बाथरूम के डोर की दहलीज पर इस तरह से खड़ी थी…उसे पीछे बने हुए सभी रूम सॉफ नज़र आ रहे थे….पायल ने अपनी सलवार का नाडा खोल कर पैंटी के साथ सलवार को घुटनो तक उतार दया. फिर उसने साहिल की तरफ मुँह घुमा कर साहिल से कहा. “पुत्तर जल्दी से वो चादर मुझे पकड़ा” साहिल ने बाथरूम के कोने में पड़ी चादर की ओर देखा, और फिर वो चादर को उठा लिया. “हां अब इसे दो तीन बार फोल्ड कर दे.” साहिल ने चद्दर फोल्ड कर दे. और पायल की तरफ बढ़ा दी….पायल ने साहिल के हाथ से चद्दर ली, और फिर डोर की दहलीज के थोड़ा सा अंदर की तरफ नीचे रख दिया…ये सब करते हुए, पायल अपनी गर्दन डोर से बाहर निकाल कर अपने रूम की तरफ नज़र बनाए हुए थी…..

फिर पायल ने घुटनो के बल उस फोल्ड की हुई, चद्दर पर बैठ गई. और फिर अपने दोनो हाथों को डोर की दहलीज पर नीचे ज़मीन पर टिका कर डॉगी स्टाइल में हो गई….जिससे उसकी गर्दन थोड़ा डोर के बाहर थी. ताकि वो अपने रूम पर नज़र रख सके. अगर काजल उठ कर बाहर आती, तो पायल के पास इतना टाइम तो होता कि, वो जल्दी से अपनी सलवार ऊपेर कर सकती थी. फिर उसने पीछे खड़े साहिल की तरफ देखा, और मुस्कुराते हुए बोली “चल आजा मेरे शेर देख की रहा है “ ये कहते हुए उसने अपनी कमीज़ का पल्ला अपनी गान्ड से ऊपेर उठा कर अपनी कमर पर चढ़ा लिया. पायल के मोटे-2 चूतड़ साहिल की आँखों के सामने आ गए….

साहिल का लंड अपनी चाची की गान्ड को देख कर उसकी निक्कर में कुलाँचे भरने लगा….उसने जल्दी से अपनी निक्कर नीचे सरका डी, और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी चाची के पीछे आ गया…पायल ने अपनी जाँघो को फैलाते हुए, पीछे से अपनी गान्ड को ऊपेर उठा लिया…और कमर को अंदर की तरफ मोड़ दिया…जिससे उसकी चूत बाहर की तरफ निकल आई. साहिल अपनी चाची की बिना झांतो वाली चूत को देख रहा था. शायद पायल ने कल ही अपनी झांतो को सॉफ किया था…”जल्दी कर पुत्तर काजल उठ ना जाए” पायल ने अपनी चूत में उठ रही कुजली के आगे मजबूर होते हुए कहा…

साहिल पायल के पीछे था. उसने अपने घुटनो को बेंड करते हुए, अपने लंड को पायल की चूत के छेद के सामने लाते हुए, चूत से भिड़ा दिया. और अपनी कमर को आगे की तरफ धकेला, साहिल का लंड फिसलता हुआ, चूत के अंदर जाने लगा…”सीईईईई उंह” पायल मस्ती में सिसक उठी, उसने अपनी गर्दन घुमा कर पीछे की तरफ देखा, और कातिल मुस्कान होंठो पर लाते हुए बोली. “हां पुत्तर मार अपनी चाची दी फुददी….फाड़ दे” साहिल अपनी चाची की ऐसे बहकी हुई बातों को सुन कर और जोश में आ गया. और अपने लंड को फिर से पूरी ताक़त से आगे की तरफ धकेला. इस बार साहिल का पूरा लंड पायल की गीली चूत में समा गया…”आह सबशह मेरी शेर आह हां हुन मार ज़ोर दे घसी….फुद्दि विच लंड मार -2 के सूजा दे…”

साहिल भी पूरे जोश में आ चुका था. उसने अपने लंड को बाहर निकाल -2 कर चाची की चूत में पेलना शुरू कर दिया….पायल फिर से गर्दन डोर से बाहर निकाल कर रूम की तरफ देखने लगी. पर अब उसकी आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी…साहिल पीछे से पूरे जोश के साथ अपने लंड को पायल की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..पायल भी अपनी गान्ड को पीछे की ओर धकेल कर साहिल के लंड को अपनी चूत की गहराईयो में ले रही थी “हाई ओई तू ता कमाल कर देता मुंडिया….हां होर ज़ोर दे आह फाड़ मेरी फुद्दि अह्ह्ह्ह मार हा हा उंघह उंह ससीए तेरा लंड रोज हाआँ रोज सॅड्के जावां आह इद मारी दे हाई फुद्दि आहह रोज तेरा लंड अपनी फुद्दि विच लवॅगी आहह आह मार पुत्तर अपनी चाची दी फुद्दि आहह आह सीयी उंह अहह”

साहिल ने आगे की तरफ झुकते हुए, पायल की कमीज़ के ऊपेर से उसके मम्मो को पकड़ कर खेंचते हुए धन धना शाट लगाने शुरू कर दिए. पायल भी पूरी मस्ती में आकर अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेल रही थी…और उसके बड़े-2 गोलमटोल चूतड़ साहिल की जाँघो से टकरा कर ठप-2 की आवाज़ कर रहे थे….कुछ ही पॅलो में पायल एक दम से जोश में आ गई. और अपनी चूत को पीछे की ओर पूरी ताक़त से पटकते हुए, अपनी चूत में साहिल का लंड लेने लगी “आह साहिल अह्ह्ह्ह ले मेरी फुददी का पानी आहह ह गाईए में पुतर आह ..ले आईई में आह ले हो गयी मेरी फुद्दि पानी…छोड़ दिया आहह “

पायल आगे की तरफ लूड़क कर झड़ने लगी…उसकी कमर रह-2 कर झटके खा रही थी…साहिल अभी पीछे से अपने लंड को पायल की चूत के अंदर बाहर कर रहा था….पायल की चूत की दीवारे साहिल के लंड को कसने लगी थी……और फिर साहिल के लंड में भी तेज झारजराहत हुई, और वो भी झड़ने लगा…पर साहिल के लंड से अभी वीर्य नही निकलता था…जिसका अहसास पायल को अपनी चूत में हो रहा था….पायल अपनी आँखे बंद किए हुए मुस्करा रही थी….उसके होंठो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेली हुई थी. तभी उसे अपने रूम से किसी कदमो की हल्की सी आहट सुनाई डी….पायल एक दम से हड़बड़ा गई….”साहिल पीछे हटो जल्दी” साहिल जल्दी से खड़ा हुआ, और अपनी निक्कर ऊपेर चढ़ा ली. पायल भी जल्दी से खड़ी हुई,, और अपनी पेंटी और सलवार को एक साथ ऊपेर चढ़ा कर नाडा बांधने लगी…

पायल ने डोर से गर्दन बाहर निकाल कर देखा, तो काजल बाथरूम की तरफ ही आ रही थी….काजल बाथरूम के पास आई….और बड़ी अजीब नज़रो से साहिल और पायल की तरफ दखाने लगी….”क्या काजल” पायल ने नॉर्मल होते हुए काजल से पूछा….”कुछ नही मुझे कुछ आवाज़ आई थी…इसलिए देखने चली आई दीदी” पायल थोड़ा सा घबराई…पर काजल भी साहिल की उमेर की थी…इस लिए पायल जानती थी कि कैसे हॅंडल करना है……
 
पायल: कुछ नही हुआ….वो साहिल तो मेरी मदद कर रहा था….अब तुम दोनो जाओ में नहा कर अत्ती हूँ….साहिल और काजल वापिस अपने रूम में आ गई. पायल नहाने के बाद अपने रूम में आ गई…और बेड पर लेटते ही उसे नींद आ गई….साहिल अपने रूम में सो रहा था…शाम को जब पायल उठी, तो एक मीठी से खुमारी उसके बदन में छाई हुई थी….उसने अंगड़ी लेते हुए, बेड पर नज़र मारी, काजल और वंश दोनो सो रहे थे….फिर उससे दीवार की तरफ घड़ी में देखा तो शाम के 5 बज रहे थे…पायल धीरे से बेड से नीचे उतरी, और नेहा के रूम में गई…साहिल भी नेहा और कुलवंत के रूम ही सोता था…..

पायल ने देखा साहिल बेड पर लेटा हुआ सो रहा था…पायल उसके पास गई. और बेड पर बैठते हुए उसके बालो में उंगलियाँ डाल कर सहलाने लगी….हाथ के स्पर्श से साहिल उठ गया….उसने देखा पायल अपने होंठो पर कामुक मुस्कान लाते हुए बड़े ही प्यार से, उसके बालो को सहला रही थी…..जैसे ही पायल ने साहिल को आँखे खोलते देखा, पायल ने झुक कर अपने होंठो को साहिल के होंठो पर लगा दिया….साहिल ने भी बिना कुछ कहे….अपनी बाहों को पायल की कमर पर लपटते हुए, उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया. साहिल कभी पायल के नीचले होंठो को अपने होंठो में भर कर चूस्ता तो, कभी उसके ऊपेर वाले होंठ को….पायल भी उसकी बाहो में मस्त होकर अपने होंठो को चुसवा रही थी….

थोड़ी देर बाद पायल ने अपने होंठो को साहिल के होंठो से अलग कर लिया. और फिर उसके माथे को चूमते हुए बोली, “उठो मेरे शेरे में चाइ बना कर लाती हूँ. “ उसके बाद पायल फ्रेश होकर चाइ बनाने लगी….काजल और वंश भी उठ चुके थे. और काजल वंश के साथ बेड बैठी उसे खिला रही थी. साहिल उठ कर चाची के रूम में आ गया….और बेड पर उनके पास बैठ गया. काजल अभी -2 उठी थी…जिससे उसकी स्कर्ट अभी भी जाँघो पर चढ़ि हुई थी. साहिल उसकी गोरी मखमली जाँघो को घूर रहा था. कि तभी पायल रूम में आ गई….साहिल ने अपना फेस दूसरी तरफ घुमा लिया….

तीनो ने चाइ पी, बाहर शाम ढल चुकी थी, और बादल एक बार फिर से छाने लगे थे…ठंडी -2 हवा चल रही थी….पायल ने जो कपड़े धोए थी वो अब सुख चुके थे….और वो कपड़े उतार कर अंदर रख रही थी..

पायल ने रूम में बैठे हुए काजल और साहिल को आवाज़ लगाई “साहिल काजल बाहर आ जाओ….देखो कितनी ठंडी हवा चल रही है” साहिल ने वंश को उठाया और बाहर आ गया…..काजल भी उसके पीछे बाहर आ गई….पायल ने आँगन में चारपाई लगा दे, काजल वंश को गोद में लेकर बैठी थी….साहिल अभी चारपाई पर बैठा ही था कि, पायल ने साहिल से कहा “साहिल ज़रा मेरे साथ ये कपड़े तो अंदर रखवा दो….

साहिल: जी चाची…

पायल ने कुछ कपड़े साहिल को पकड़ा दिए, और कुछ खुद लेकर रूम के तरफ जाने लगी….उनका घर काफ़ी बड़ा था….और पायल ने जो चारपाई लगाई थी, वो अंगान में रूम्स से काफ़ी दूरी पर थी….रूम की अंदर आते ही पायल ने कपड़ो को टेबल पर रखा, और फिर साहिल के हाथों से कपड़े लेकर टेबल पर रख दिए….”ठीक है तुम अब जाओ बाहर बैठो” पायल ने कपड़ो को ठीक करते हुए कहा….पर साहिल वैसे ही खड़ा रहा….पायल ने साहिल की तरफ देखा और पूछा”क्या हुआ साहिल जा ना….काजल बाहर अकेली बैठी है’

साहिल ने अपने गले के थूक को गटकते हुए कहा…”चाची वो मुझे लेनी है “ साहिल की बात सुन कर पायल ने उसकी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहा. “अभी नही….बाहर काजल बैठी है. बाद में करेंगे….अभी तुम जाओ” साहिल उदास सा मुँह लेकर बाहर जाने लगा….”सुनो साहिल नाराज़ हो गए हो ?” पायल ने साहिल को पीछे से आवाज़ लगाई….पर साहिल बिना रुके बाहर आ गया…

साहिल के बाहर जाते पायल मुस्कराने लगी….”हरामी हो गया है लौंडा” साहिल उतरा सा चेहरा लेकर बाहर आ गया…और बाहर आकर चारपाई पर बैठ गया….वो कभी इधर तो कभी उधर देख रहा था…साहिल के उतरे हुए चहरे को देख कर काजल ने उससे पूछा “क्या हुआ? “ साहिल ने ना में सर हिलाते हुए कहा “कुछ भी नही” फिर दोनो चुप हो गए……तभी पायल ने अंदर से साहिल को आवाज़ लगाई….”साहिल एक मिनिट के लिए अंदर तो आना” साहिल बुझे हुए मन के साथ खड़ा हुआ, और रूम की तरफ जाने लगा. जब साहिल रूम में दाखिल हुआ तो उसने देखा कि पायल ने अपने कपड़े चेंज कर रखे थे. उसने एक पुराना सा सलवार कमीज़ पहना हुआ था…..

पायल: हां बोल तू क्या कह रहा था….

साहिल: वो चाची मुझे आपकी लेनी है….

पायल: क्या लेनी है पहले ठीक से बता फिर दूँगी…

साहिल: फुद्दि…..

पायल: तो फिर ऐसे बोल ना..इतना बड़ा हो गया.और बच्चो की तरह रूठे हो. अब कितनी बार ले चुके हो…पता है एक औरत अपनी फुद्दि किसको देती है ?

साहिल : किसको चाची…

पायल: अपने घरवाले को…और हर घरवाले का अपनी पत्नी पर पूरा हक़ होता है…अगर पत्नी ना माने तो, पति पत्नी के कान के नीचे लगा कर भी फुद्दि माँग सकता है….और तू तो मेरा घरवाला है ना…

साहिल: (शरमाते हुए) वो तो चाचा है…
 
पायल: उहह तेरा चाचा तो बिकुल निक्कमा है…असली काम तो तू कर रहा है…मेरे फुद्दि को चोद कर….अब बिना किसी डर के बोल क्या चाहिए.

साहिल: तेरी फुद्दि…..

पायल: चल बैठ सोफे पर…अपना लंड बाहर निकाल के….

साहिल सोफे पर जाकर बैठ गया….पायल के रूम में सोफा बिकुल डोर के पास लगा हुआ था…और साहिल डोर के किनारे की तरफ सोफे पर बैठा था….उसने अपनी निक्कर को घुटनो तक सरका दिया…पायल डोर के पास आई, बाहर आँगन में बैठी काजल की तरफ देखा. वो वंश को गोद में लिए हुए बैठी थी. फिर पायल साहिल के सामने नीचे ज़मीन पर पैरो के बल बैठ गई…और उसके लंड को हाथ में लेकर धीरे-2 आगे पीछे करते हुए हिलाने लगी.

पायल: (साहिल की तरफ कातिल मुस्कान से देखते हुए) तेरा लंड हुन रोज खड़ा होन लगा है……

साहिल चाची की बात सुन कर मुस्करा कर रह गया….पायल के इस तरह से साहिल के लंड को सहलाने से लंड पूरी तरह अकड़ कर तन गया…पायल ने फिर से एक बार बैठी-2 बाहर नज़र दौड़ाई……काजल अभी भी वैसे ही बैठी हुई थी…फिर पायल खड़ी हुई, और अपने घुटनो को साहिल की जाँघो के दोनो तरफ सोफे पर टिका कर ऊपेर आ गई….फिर पायल ने मुस्कुराते हुए साहिल से कहा…..”देख तेरे चक्कर में मेने अपनी सलवार को भी नीचे से फाड़ लिया है…….” साहिल चाची की बात सुन कर थोड़ा सा हैरान हो गया…भला पायल ने क्यों उसके लिए अपनी सलवार फाड़ ली….”अभी दिखाती हूँ “ पायल ने साहिल को यूँ सोचते हुए देख कर कहा….

फिर अपनी कमीज़ को अपनी कमर तक उठा कर एक हाथ नीचे ले गई…और अपनी सलवार में बने हुए 4 इंच लंबे छेद को उंगलयों से टोटालने लगी. जैसे ही, पायल को अपनी सलवार के नीचे का छेद मिला…उसने अपना दूसरा हाथ भी नीचे कर लिया….और जिस जगह से उस ने सलवार के सिलाई उधेड़ी थी….वहाँ पर दोनो हाथों की उंगलयों को डाल कर छेद को चौड़ा करते हुए साहिल के दिखाने लगी….साहिल ने जैसे ही उस छेद की तरफ देखा, उसके होंठो पर मुस्कान फेल गई…फिर पायल की तरफ देखते हुए बोला…” आप ने सिलाई क्यों उधेड़ डी…”

पायल: मार्जानया तेरे लिए…..तेरे इस लंड लाए….जो हुन हर टाइम फुद्दि मारन लाइ खड़ा रेहन्दा है….

फिर पायल ने अपने एक हाथ से साहिल के लंड को पकड़ कर अपनी सलवार के छेद में घुसाते हुए, अपनी चूत के छेद पर टीका दिया. “आह सीईइ पुत्तर तेरी लंड ने तां मेनू कम्लि कर चढ़या है” पायल बार-2 बाहर बैठी काजल की तरफ देख रही थी. ..और अपनी चूत के छेद को धीरे-2 साहिल के लंड पर दबा रही थी….साहिल का लंड पायल की गीली चूत में फिसलता हुआ अंदर घुसता जा रहा था…”आह साहिल देख ना मेरी फुददी तेरे लंड को लेने के लिए हमेशा पानी बहाती रहती है…..देख ना तेरी चाची की फुद्दि कैसे गीली हो गई है…..”

ये कहते हुए पायल ने अपनी कमीज़ को आगे से ऊपेर उठा लिया, उसने नीचे ब्रा नही पहन रखी थी….उसकी 38 साइज़ की चुचियाँ उछल कर बाहर आ गई. साहिल ने बिना देर किए पायल के लेफ्ट मम्मे को मुँह में भर लिया, और ज़ोर -2 से चूसना शुरू कर दिया…..अपने निपल पर साहिल की गरम जीभ को महसूस करते ही, पायल के बदन में झुरजुरी सी दौड़ गई. उसने अपनी गान्ड को और तेज़ी से ऊपेर नीचे हिलाना शुरू कर दिया….

पायल: आह हाआँ चुस्स्स पुत्तर आह चुस्स मेरे मम्मे अहह चोद मुझीए अह्ह्ह्ह अपनी चाची की फुद्दि मार आह चोद मुझे…..

साहिल भी और जोश में आकर अपनी चाची के मम्मे को मुँह से दबोचते हुए, चूसने लगा…..ठीक वैसे ही जैसे जब कोई भैंस का बच्चा दूध पीते वक़्त भैंसो के थनो को धक्के देता हुआ चूस्ता है…..ये सब देख पायल और जोश में आ गई…..और अपनी गान्ड को उछालते हुए, अपनी चूत को ज़ोर-2 से साहिल के लंड पर पटकने लगी…..दोनो चुदाई के इस खेल में इतना खो गए थे, कि वो ये भी भूल गए कि, बाहर काजल बैठी हुई है. और उनकी चुदाई की मादक आवाज़ उसे सुनाई दे सकती है….

पायल: आह सबाश मेरे शेर अहह ठोक अपनी चाची की फुद्दि आह मार ले बेटा आह तेरा लंड आह कितना हार्ड है अहह आह में तो दीवानी हो गई इसकी आह मेरी चूत अहह

पायल इतनी तेज़ी से अपनी गान्ड को ऊपेर नीचे हिला रही थी, कि नीचे बैठे साहिल का हाल बुरा हो गया था…….फिर पायल को अपनी चूत में तूफान उमड़ता सा महसूस हुआ, और उसकी कमर झटके खाने लगी. दोनो झाड़ कर हाँफने लगी…..थोड़ी देर बाद पायल ने झाँक कर बाहर देखा, तो काजल चारपाई से उठ कर अंदर की तरफ आ रही थी. ये देख पायल थोड़ा सा घबरा गई. वो जल्दी से साहिल के ऊपेर से खड़ी हुई, अपने कपड़े ठीक किए. और साहिल को बोली “साहिल जल्दी से निक्कर ऊपेर कर काजल अंदर आ रही है” पर शायद अब साहिल के पास टाइम नही बचा था. पर पायल समझदारी दिखाते हुए रूम से बाहर आ गई. और दरवाजे से 1 फुट की दूरी पर ही, काजल को रोक लिया….

पायल: (काजल का हाथ पकड़ कर थामते हुए) क्या काजल कहाँ जा रही हो ?

काजल: (पायल की तरफ अजीब सी नज़रो से देखते हुए) वो अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी क्या हुआ ?

पायल: कुछ नही. वो में और साहिल कपड़े रख रहे थे…..

इतने में साहिल भी बाहर आ जाता है. काजल उसे अजीब सी नज़रो से देखती है. पर साहिल सर को झुकाए हुए बाहर जाकर चार पाई पर बैठ गया. दरअसल साहिल इतना मेच्यूर नही था. और वो अपनी घबराहट को छुपा नही पाया था.

क्रमशः............................................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--15

साहिल थोड़ी देर तक बाहर बैठा रहा. शाम ढल चुकी थी. इसीलिए साहिल पतंग उड़ाने के लिए छत पर आ गया. काजल भी उसके पीछे छत पर आ गई. दोनो अब एक दूसरे से धीरे-2 घुलने मिलने लगे थे. काजल के ज़िद्द करने पर साहिल ने पतंग उड़ा कर उसे पकड़ा दे, काजल पहली बार पतंग उड़ा रही थी…इसीलिए वो बहुत खुस थी. पायल नीचे रात के खाने के तैयारी कर रही थी..तभी फोन की रिंग सुन कर पायल नेहा के रूम में गई. और उसने फोन उठाया तो सामने से नेहा की आवाज़ आए.

नेहा ने पायल को बताया कि, वो आज नही आ पाएगी. और कल दोपहर तक ही आ पाएगी. थोड़ी देर बात करने के बाद पायल फिर से घर के कामो में लग गई.काजल भी नीचे आ चुकी थी. तभी बाहर में डोर को किसी ने खटखटाया. तो पायल ने बाहर जाकर गेट खोला. बाहर सामने के घर में रहनी वाली औरत खड़ी थी. पायल के उसके साथ बहुत बनती थी. वो उससे अपने घर बुलाने आई थी…

शायद वो कुछ नये कपड़े पायल को दिखाना चाहती थी. इसीलिए पायल थोड़ी देर के लिए उसके साथ उसके घर चली गई. और जाते-2 उसने काजल को कहा कि, वो साहिल को नीचे बुला ले. पायल के जाने के बाद काजल ने गेट बंद किया और साहिल को बुलाने के लिए छत पर गई. जब काजल छत पर पहुचि तो उसने देखा कि, साहिल बड़े ही ध्यान से छत से नीचे दूसरे घर की तरफ देख रहा है. साहिल अपनी धुन में इतना खोया हुआ था कि, उसे काजल के ऊपेर आने का पता भी नही चला.

काजल ने देखा कि, साहिल का एक हाथ उसके निक्केर के ऊपेर से उसके लंड पर था. और अपने हाथ से अपने लंड को धीरे-2 मसल रहा था. ये देख काजल का मुँह खुला का खुला रह गया. दोस्तो आप तो जानते ही है कि इश्स उम्र में हर चीज़ को जानने की इच्छा और करने की तमन्ना हर किसी के दिल में होती है. जिग्यासा वश वो धीरे-2 उसे दीवार की तरफ बढ़ने लगी. जिस चीज़ को साहिल नीचे देख रहा था. उसमे वो इतना मस्त हो गया था कि, उससे पता नही चला के कब काजल उसके साथ दीवार के पास आकर खड़ी हो गई……

जैसे ही काजल ने नीचे झाँक कर पड़ोस के घर में देखा, तो वो एक दम से चोंक गई…..नीचे सिमरन और सोनू एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे के होंठो को चूस रहे थे…..और सोनू सिमरन के मम्मो को अपने हाथो में लेकर ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था…..फिर अचानक सोनू ने सिमरन के सलवार का नाडा खोल दिया….और उसे घूमाते हुए, दीवार के सहारे झुका कर अपना लंड पेंट से बाहर निकाला और पीछे से सिमरन की चूत में घुसा दिया.

ये सब होता देख काजल एक दम से घबरा गई, और पीछे हटते हुए बोल पड़ी “तोबा ये क्या” काजल की आवाज़ सुन कर साहिल होश में आया. उसने देखा कि काजल की आवाज़ सोनू और सिमरन को भी सुनाई दे गई है. और सिमरन ने डरते हुए ऊपेर देखा…पता नही वो साहिल को देख पाए या नही. पर साहिल जलदी से पीछे हट गया. और काजल के मुँह पर हाथ रख कर उसे चुप रहने का इशारा किया.

उधर नीचे सिमरन और सोनू की तो जैसे गान्ड फॅट गई हो. दोनो ने जल्दी से कपड़े पहने और घर के आगे की तरफ भाग गई… “क्या कर रही है तू मर्वायेगि क्या” साहिल ने काजल के मुँह से हाथ हटाते हुए कहा. “मेने क्या किया वो दोनो गंदा काम कर रहे थी. और तुम उन्हे छुप-2 कर देख रहे थे…..में अभी जाकर दीदी को बताती हूँ…..” काजल ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा…

साहिल: पर मेने क्या किया. वो तो में ग़लती से नीचे देखने लगा गया था. मेरे पतंग नीचे गिर गई थी…..मेने थोड़ा ना गंदा काम किया है. और अगर उस सोनू को पता चल जाता, तो स्कूल में मुझे मारता. तू किसी को बताना नही……

काजल: (थोड़ी देर सोचने के बाद) तू सच कह रहा है ना ?

साहिल: हां एक दम सच कह रहा हूँ. प्लीज़ चाची को मत बताना.

काजल: तुम क्यों देखते हो ऐसी चीज़..

साहिल: वो मेने कहा ना ग़लती से नीचे नज़र पड़ गई….

काजल: अच्छा और वो क्या था. जब तुम अपनी नूनी को पकड़ कर दबा रहे थे. जब तुम नीचे देख रहे थे…….

साहिल: अब तुम्हे कैसे बताऊ……वो तो बस ऐसे ही. पर प्लीज़ तुम किसी को बताना नही….

काजल: मुझे पता है तुम बहुत गंदे हो. हर समय अपनी नूनी को दबाते रहते हो.

साहिल: अच्छा-2 आगे से नही करूँगा. प्लीज़ ?

काजल: ठीक है ठीक है……में तुम्हे नीचे बुलाने आई थी. दीदी बाहर किसी के घर में गई है. नीचे वंश अकेला है. नीचे चलो….
 
फिर साहिल मुँह लटका कर काजल के पीछे-2 नीचे आ गया….दोनो पायल के रूम में बेड पर बैठ गए. काजल के चंचल मन में भी ये सब जानने की जिग्यासा उमड़ रही थी……वो बार-2 साहिल की तरफ देखती, और अपनी नज़रे झुका लेती. पर मन में उमड़ रहे सवालो ने उसे बोलने पर मजबूर कर दिया…….”साहिल एक बात पूछु” काजल ने साहिल की ओर देखते हुए कहा.

साहिल: (सर झुकाए हुए) हां बोलो…

काजल: लोग ये गंदा काम क्यों करते है ?

साहिल: (काजल के सवाल से थोड़ा चोन्कते हुए)हूँ. मुझे नही पता..

काजल: अच्छा फिर तुम क्यो अपनी सूसू को दबाते हो. अगर तुम्हे नही पता.

साहिल: मेने कहा ना. मुझे नही पता….

काजल: तो फिर में दीदी को बता दूँगी. जो तुम करते हो.

साहिल: मेने कहा ना मुझे नही पता.

काजल: तो फिर कैसे पता चलेगा ?

साहिल: (थोड़ा डरते हुए) मेने थोड़ा ना किया है. तुम खुद कर के देख लेना.

काजल: (अपने मुँह पर हाथ रखते हुए) हा तुम मुझे गंदे काम करने के लिए कह रहे हो ?

साहिल: तुम हो तो ज़िद्द कर रही हो……मेने कितनी बार कहा मुझे नही पता. और अगर तुम्हे पता करना है तो खुद कर के देख लो.

काजल: (काजल के मन अब जिग्यासा और बढ़ गई थी….अब उसे सेक्स के बारे में जानने की और इच्छा होने लगी) पर में किसके साथ करूँगी. तू करेगा मेरे साथ….

काजल ने ये सब बड़े ही भोले पन में बोल दिया…..पर साहिल के ऊपेर मानो जैसे बिजली गिर गई हो. उसे यकीन नही हो रहा था कि, जो काजल थोड़ी देर पहले उसकी शिकायत करने की धमकी दे रही थी. वो खुद उससे ये सब कह रही थी…..

साहिल: पर तुम चाची को बता दोगि….

काजल: नही बताती ना. प्लीज़ बताओ ना. ऐसा करने से क्या होता है ?

साहिल: (थोड़ा घबराते हुए) तू करेगी मेरे साथ ?

काजल ने हां में सर हिला दिया. “बाहर का गेट तो बंद है ना ?” साहिल ने बाहर गेट की तरफ देखते हुए कहा. इस पर भी काजल ने हां में सर हिला दिया….”पक्का ना ?” साहिल ने फिर कन्फर्म करने के लिए पूछा.

काजल: हां कितनी बार कहूँ….

साहिल बेड पर चढ़ कर लेट गया. और काजल को भी अपने पास आकर लेटने को कहा. काजल भी उसकी बगल में आकर लेट गई. साहिल ने डरते हुए एक हाथ उसके कूल्हे पर रखा. और उसकी तरफ देखते हुए कहा. “देखो सबसे पहले एक लड़का और लड़की एक दूसरे को किस करते है. तुमने कभी किस किया है किसी को ?”

काजल: नही मेने नही किया. वो जैसे फ़िल्मो में करते है वैसे ?

साहिल: हां वैसे ही तुम करोगी मेरे साथ….

काजल: किस करने से क्या होता है ?

साहिल: पता नही करके देखे ?

काजल ने एक बार घबराते हुए साहिल की आँखो में देखा, और फिर हां में सर हिला दिया…..साहिल ने धीरे-2 अपने होंठो को काजल के गुलाबी रसीले होंठो की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया….और अगले पल उसने काजल के होंठो पर अपने होंठो को रख कर किस करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर काजल को थोड़ा अजीब सा लगा. पर थोड़ी देर बाद वो साहिल का साथ देने लगी. साहिल भी काजल के गुलाबी रसीले होंठो को दबा-2 कर चूसने लगा. और काजल को अपने बदन में अजीब से झुझुरी उठती महसूस हुई…..थोड़ी देर बाद साहिल ने अपने होंठो को काजल के होंठो से अलग किया. और काजल की आँखो में देखते हुए बोला. “कैसा लगा तुझे”

काजल: पता नही कुछ अजीब सा लगा. पर बुरा नही था……

साहिल: आगे भी करना है ?

काजल: (साहिल के आँखो में देखते हुए) क्या ?

साहिल: वही जो सिमरन और सोनू कर रहे थे नीचे.

साहिल की बात सुन कर काजल थोड़ा शरमा गई. साहिल ने फिर से उसे पूछा तो उसने मुस्कुराते और शरमाते हुए हां में सर हिला दिया. साहिल ने काजल को पीठ के बल लेटा दिया. और खुद उसके ऊपेर झुकते हुए, उसके टॉप को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दया. काजल अभी ब्रा नही पहनती थी…इसीलिए जैसे ही साहिल ने काजल के टॉप को ऊपेर उठाना शुरू किया तो, काजल ने उसका हाथ पकड़ लिया….”ये ये क्या कर रहे हो” काजल ने थोड़ा घबराते हुए कहा.

साहिल: तुम्हे नही पता.

काजल: नही…..

साहिल: में तुम्हरे दूध चूसने वाला हूँ.

काजल: पर वो क्यो ?

साहिल: उसमे बहुत मज़ा आएगा तुम्हे. सच में…..

काजल: तुम सच कह रहे हो ना ? कुछ होगा तो नही ?

साहिल: एक दम सच कुछ नही होगा…….

काजल ने साहिल की बात सुन कर उसका हाथ छोड़ दिया. और साहिल ने धीरे-2 काजल के टॉप को ऊपेर उठा दिया. काजल के अमरूद के आकार की चुचि देख साहिल की आँखो में अजीब से चमक आ गई….”ऐसे क्यों देख रहे हो. मुझे शरम आ रही है” काजल ने अपने फेस को दूसरी तरफ घूमाते हुए कहा. “हां कुछ नही. चुसू ? “ साहिल ने काजल की छोटी-2 चुचियों की ओर देखते हुए कहा….जिस पर पिंक कलर के छोटे निपल उभरे हुए थे. “ह्म्म” काजल ने हामी भरी, और अपनी आँखें बंद कर ली, एक अजीब सा तूफान उसके दिल में उमड़ा हुआ था….
 
साहिल ने काजल के चुचियो के ऊपेर झुकते हुए, उसकी एक चुचि को मुँह में भर लिया. काजल के उभार अभी आना शुरू ही हुए थे. इसीलिए साहिल ने करीब-2 काजल की पूरी चुचि को ही मुँह में भर लिया, और ज़ोर-2 से चूसने लगा…..काजल के बदन में सरसराहट सी दौड़ गई….उसके निपल पर अजीब से गुदगुदी होने लगी……बिलख कर उसने अपने दोनो हाथो से साहिल के सर को पकड़ लिया….

काजल: आह उंह मा गुदगुदी हो रही है…..हटो ना ?

पर साहिल अब कहाँ सुनने वाला था. वो तो ज़ोर-2 से उसकी चुचि को चूस कर उसके निपल को लाल कर रहा था. काजल को भी मज़ा आ रहा था. पर कुँवारी, लड़की थी..इसीलिए उससे वो गुदगुदी बर्दास्त नही हो रही थी….अब साहिल काजल के ऊपेर आ गया था. काजल की स्कर्ट उसकी जाँघो के जोड़ो तक चढ़ कर इकट्ठी हो गई…..काजल को अपनी पैंटी के ऊपेर से अपनी चूत पर कुछ हार्ड सा चुभता हुआ महसूस हुआ……पर वो बिना कुछ बोली लेटी रही….

साहिल ने उसकी चुचि से मुँह हटा कर दूसरी चुचि को मुँह में भर लिया, और ज़ोर-2 चूसने लगा. काजल एक बार फिर से तड़प उठी….उसने अपने हाथो में साहिल के सर को दोबच रखा था….”आह साहिल बस करो, मुझे नही होता आह” साहिल ने काजल की चुचि को मुँह से बाहर निकाला, और काजल की आँखो में देखते हुए बोला….

साहिल: क्या हुआ अच्छा नही लगा क्या ?

काजल: अच्छा लगा पर…

साहिल: पर क्या ?

काजल: तुम बहुत ज़ोर से चूस्ते हो…बहुत गुदगुदी होती है…..

साहिल: आगे और करना है ?

काजल: साहिल पक्का ना कुछ होगा तो नही ?

साहिल: कुछ नही होता…देखना कितना मज़ा आएगा…

फिर साहिल उसके ऊपेर से उठ कर उसकी जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठ गया….और उसकी स्कर्ट को ऊपेर उठा कर दोनो हाथो से उसकी पैंटी को नीचे खेंचने लगा….काजल ने शरमा कर अपने हाथो से अपने फेस को छुपा लिया….साहिल ने काजल की पैंटी को दोनो साइड से पकड़ा, और धीरे-2 सरकाते हुए नीचे उतार दिया….सामने का नज़ारा देख साहिल की आँखे फटी रह गई…

अब उसकी आँखो के सामने काजल की एक दम कोरी और गोरी चूत थी…जिस पर एक भी बाल नही था. एक दम चिकनी….उसकी छूट के फांके आपस में चिपकी हुई थी….मानो जैसे गोंद से जुड़ी हो….साहिल ने उसकी चूत के और देखते हुए, अपने हाथों के उंगलियो को काजल की चूत की फांको पर घुमाया तो काजल का बदन एक दम से काँप गया……उसने अपनी आँखे खोल कर साहिल की ओर देखा…..”क्या हुआ” साहिल ने काजल की ओर देखते हुए कहा.

काजल: कुछ नही….(और फिर उसने मुस्कुराते हुए अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा लिया….)

साहिल ने धीरे-2 काजल की कुँवारी चूत की फांको को सहलाना शुरू कर दिया. काजल आँखें बंद किए हुए इस नये खेल का मज़ा ले रही थी. साहिल ने देखा काजल का फेस अब लाल हो गया था. मतलब सॉफ था कि, उसे भी इस खेल में मज़ा आ रहा है….उसने काजल की चूत की फांको को सहलाते हुए, अपने निक्कर को उतार दिया, और फिर अपने एक हाथ से काजल की चूत की फांको को फेला दिया…..जिससे काजल की चूत का गुलाबी रस से भीगा हुआ छेद साहिल की आँखो के सामने आ गया….अपनी चूत पर साहिल के हाथो की गरमी महसूस होते ही, काजल थोड़ा सा सिसक उठी. उसने अपनी आँखे खोल कर साहिल की तरफ देखा तो, उसका मुँह खुला का खुला रह गया. साहिल उसकी जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठा हुआ था. और उसका 5 इंच का लंड हवा में झटके खा रहा था….

काजल: (थोडा घबरते हुए) ये ये तुमने इसे बाहर क्यों निकाल लिया…..

साहिल: तुम्हे नही पता ?

काजल: नही.

साहिल: देखो अब में अपने लंड को तुम्हारी फुद्दि में डालूँगा. तो हम दोनो को बहुत मज़ा आएगा…..

काजल: (साहिल की बात सुन कर शरमाते हुए) हा तुम कितनी गंदी बातें करते हो….तुम्हे शरम नही आती….

साहिल: इसमे शरमाने वाली क्या बात है. तुम्ही तो कह रही थी…….बोलो करना है या नही ?

काजल: मुझे नही पता…जो तुम्हे करना है जल्दी कर लो…..

इस बात से अंजान कि काजल कुँवारी है, और उसकी चूत की सील भी नही टूटी, और इस तरह बिना किसी जानकारी के सेक्स करना कितना नुकसान देह हो सकता है. साहिल को नही पता था…..उसने अपने लंड के सुपाडे को काजल की चूत के छेद पर टिका दिया……और धीरे-2 से आगे पुश किया तो, काजल दर्द के मारे चीख उठी….साहिल का लंड उसकी फांको पर रगड़ ख़ाता हुआ ऊपेर की ओर फिसल गया……”अह्ह्ह्ह साहिल”

साहिल: (घबराते हुए) क्या हुआ….?

काजल: बहुत तेज दर्द हुआ…मुझे नही करना ये सब….हटो मेरे ऊपेर से.

साहिल डरते हुए पीछे हो गया….”पर दर्द नही होता. सच में मज़ा आता है..में सच कह रहा हूँ” उसने काजल की ओर देखते हुए कहा…इससे पहले कि काजल कुछ बोलती. बाहर गेट पर नॉक हुआ. दोनो ने जल्दी से अपने कपड़े पहने , और साहिलने बाहर जाकर गेट खोला, तो पायल वापिस आ गई थी. शाम ढल चुकी थी….पायल रात के खाने की तैयारी करने लगी. साहिल और काजल बाहर आँगन में बैठे थे. उसने काजल से कई बार बात की, पर काजल ने उसे दर्द के बारे में बता कर चुप करवा दिया. साहिल को इस बात की समझ नही आ रही थी….
 
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