hotaks444
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शीला:उईईईईई भाई क्या कर रहे हो।
विजय:तुम्हारी गांड देखके मेरा मन डोल गया है। एक बार उसमें घुसाने दो। प्लीज़ दीदी एक बार अपने गाँड में मेरा लंड डालने दो। तुम्हें भी बहुत मजा आएगा प्लीज दीदी।
शीला: नहीं भैया सुना है उसमें बहुत दर्द होता है अगर आपने अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में डाला तो मेरी गाँड फट जाएगी।
विजय: कुछ नहीं होगा दीदी गांड में चूत से भी ज्यादा मजा आता है और एक न एक दिन गांड में तो लंड लेना ही है प्लीज आप मुझे पहला मौका दे दो । इस तरह से अगर आपने एक बार अपने गांड में लंड ले लिया तो फिर आज कंचन भी हार मान लेगी कि वह चुदाई में तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकती है।
शीला: ठीक है भैया लेकिन आप आराम से डालना। मुझे दर्द मत होने देना मैं आपकी प्यारी बहन हूं।
नरेश भी अब कंचन की गाँड़ में एक सूखी ऊँगली डाला और बोला। आऽऽह कंचन की तो बिलकुल टाइट है।
विजय: मैं तो शीला दीदी की गांड क्रीम लगाकर मारूँगा वो भी बहुत प्यार से।
नरेश: ठीक है यार ।दोनों की बहुत मस्त गाँड़ है । चलो मज़े करते हैं। पहले तुम शीला दीदी की गांड मारो।
विजय: यार एक ही बिस्तर पर इनकी लेते हैं।
नरेश: ठीक है यार।
अब विजय ने शीला से घोड़ी बनने को कहा और वो उसे घोड़ी बनाकर बिस्तर के कोने में लेकर आया और झुक कर उसकी गाँड़ को ऊपर किया और दरार में मुँह डालकर वहाँ चुम्बन लेने लगा। फिर जीभ से गाँड़ सहलाकर अपनी जीभ से कुरेदते हुए उसकी बुर भी चाटने लगा। शीला आऽऽऽऽह चिल्ला रही थी। नरेश ने भी यही कंचन के साथ करने लगा और वह भी उइइइइइ चिल्ला उठी।
थोड़ी देर में दोनों लौंडियों की बुर पानी छोड़ने लगीं थीं ।अब विजय उठा और जाकर क्रीम लाया और शीला की गाँड़ में दो ऊँगली में क्रीम लपेट कर डाला और अंदर बाहर करने लगा।क्या मस्ती भरा दृश्य था । दो दो कमसिन जवानियाँ अपनी गाँड़ ऊपर करके बिस्तर के कोने में घोड़ी बनी हुई थीं। उनके पीछे खड़े होकर दोनों भाई अपने लंड लहरा रहे थे।
विजय:तुम्हारी गांड देखके मेरा मन डोल गया है। एक बार उसमें घुसाने दो। प्लीज़ दीदी एक बार अपने गाँड में मेरा लंड डालने दो। तुम्हें भी बहुत मजा आएगा प्लीज दीदी।
शीला: नहीं भैया सुना है उसमें बहुत दर्द होता है अगर आपने अपना इतना मोटा लंड मेरी गाँड में डाला तो मेरी गाँड फट जाएगी।
विजय: कुछ नहीं होगा दीदी गांड में चूत से भी ज्यादा मजा आता है और एक न एक दिन गांड में तो लंड लेना ही है प्लीज आप मुझे पहला मौका दे दो । इस तरह से अगर आपने एक बार अपने गांड में लंड ले लिया तो फिर आज कंचन भी हार मान लेगी कि वह चुदाई में तुम्हारा मुकाबला नहीं कर सकती है।
शीला: ठीक है भैया लेकिन आप आराम से डालना। मुझे दर्द मत होने देना मैं आपकी प्यारी बहन हूं।
नरेश भी अब कंचन की गाँड़ में एक सूखी ऊँगली डाला और बोला। आऽऽह कंचन की तो बिलकुल टाइट है।
विजय: मैं तो शीला दीदी की गांड क्रीम लगाकर मारूँगा वो भी बहुत प्यार से।
नरेश: ठीक है यार ।दोनों की बहुत मस्त गाँड़ है । चलो मज़े करते हैं। पहले तुम शीला दीदी की गांड मारो।
विजय: यार एक ही बिस्तर पर इनकी लेते हैं।
नरेश: ठीक है यार।
अब विजय ने शीला से घोड़ी बनने को कहा और वो उसे घोड़ी बनाकर बिस्तर के कोने में लेकर आया और झुक कर उसकी गाँड़ को ऊपर किया और दरार में मुँह डालकर वहाँ चुम्बन लेने लगा। फिर जीभ से गाँड़ सहलाकर अपनी जीभ से कुरेदते हुए उसकी बुर भी चाटने लगा। शीला आऽऽऽऽह चिल्ला रही थी। नरेश ने भी यही कंचन के साथ करने लगा और वह भी उइइइइइ चिल्ला उठी।
थोड़ी देर में दोनों लौंडियों की बुर पानी छोड़ने लगीं थीं ।अब विजय उठा और जाकर क्रीम लाया और शीला की गाँड़ में दो ऊँगली में क्रीम लपेट कर डाला और अंदर बाहर करने लगा।क्या मस्ती भरा दृश्य था । दो दो कमसिन जवानियाँ अपनी गाँड़ ऊपर करके बिस्तर के कोने में घोड़ी बनी हुई थीं। उनके पीछे खड़े होकर दोनों भाई अपने लंड लहरा रहे थे।