hotaks444
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कंचन ने अपनी ऑखों के सामने अपने छोटे भाई के लम्बे लंड को लहराता हुआ देखकर हैरान होते हुए कहा "वीजू यह तुम्हारी नुनी इतनी बड़ी कैसे हो गई, मैंने तुम्हारी नुनी बचपन में नहाते हुए देखी थी।
"दीदी तब में बच्चा था, मगर अब मैं एक जवान मरद हूँ और मरद जब जवान होता है तो उसकी नुनी बड़ी होकर लंड कहलाती है" ।
कंचन ने नीलम से सुना था के जब लंड चूत में जाता है तो बुहत मजा आता है, मगर विजय का बड़ा और मोटा लंड देखकर वह सोचने लगी की इतना मोटा और लम्बा लंड उसकी छोटी चूत में घुसेगा क्या।
विजय के लंड का रंग गोरा और उसका सुपाडा लाल था ।
"वीजू तुम ने कहा था के यह मेरे जिस्म का कमाल है, इसका क्या मतलब हुआ?" कंचन ने अपने भाई के गोरे लंड के लाल सुपाडे को देखते हुए कहा ।
"हा दीदी मैंने सच कहा था, क्योंकी मरद का लंड तब ही लम्बा और मोटा होता है जब वह किसी लड़की को नंगा देख ले या उसके बारे में गन्दा सोचे" विजय ने अपनी बड़ी बहन को समझाते हुए कहा।
"मगर विजु यह लड़की को देखकर क्यों बड़ा और मोटा हो जाता है?" कंचन ने इस बार जानबूझकर अन्जान बनने का नाटक करते हुए अपने छोटे भाई से पूछा।
"दीदी मैंने भी अपने दोस्तो से सुना था की अगर इस लंड को लड़की की चूत में घुसाया जाए तो उसे बुहत मजा आता है और लड़की को बच्चा भी होता है" विजय ने अपनी बहन को बताया ।
"वीजू क्या तुम मुझे बेवक़ूफ़ समझते हो यह इतना बड़ा लंड लड़की की छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?", कंचन ने विजय का मज़ाक उड़ाते हुए कहा।
"दीदी मैं सच बोल रहा हूँ, इसे लड़की की चूत में घुसाया जाता है" विजय ने अपनी बहन को यकीन दिलाते हुए कहा ।
"वीजू तुम इतने यकीन से कैसे कह रहे हो" कंचन ने अपने भाई को शक भरी निगाह से देखते हुए कहा।
"वो दीदी मैंने अपने एक दोस्त को किसी लड़की की चूत में लंड को घुसाते हुए देखा था" विजु ने हडबडाते हुए अपनी दीदी को जवाब दिया ।
"तुम तो बड़े बदमाश निकले विजू, मगर मुझे यकीन नहीं आता" कंचन ने अपने भाई से कहा।
"दीदी एक आइडिया है जिस से आपको यकीन हो जायेगा" विजय ने अपनी बड़ी दीदी की गुलाबी चूत को देखते हुए कहा।
"क्या आइडिया है" कंचन ने अपने भाई के लंड को देखते हुए कहा।
"दीदी तब में बच्चा था, मगर अब मैं एक जवान मरद हूँ और मरद जब जवान होता है तो उसकी नुनी बड़ी होकर लंड कहलाती है" ।
कंचन ने नीलम से सुना था के जब लंड चूत में जाता है तो बुहत मजा आता है, मगर विजय का बड़ा और मोटा लंड देखकर वह सोचने लगी की इतना मोटा और लम्बा लंड उसकी छोटी चूत में घुसेगा क्या।
विजय के लंड का रंग गोरा और उसका सुपाडा लाल था ।
"वीजू तुम ने कहा था के यह मेरे जिस्म का कमाल है, इसका क्या मतलब हुआ?" कंचन ने अपने भाई के गोरे लंड के लाल सुपाडे को देखते हुए कहा ।
"हा दीदी मैंने सच कहा था, क्योंकी मरद का लंड तब ही लम्बा और मोटा होता है जब वह किसी लड़की को नंगा देख ले या उसके बारे में गन्दा सोचे" विजय ने अपनी बड़ी बहन को समझाते हुए कहा।
"मगर विजु यह लड़की को देखकर क्यों बड़ा और मोटा हो जाता है?" कंचन ने इस बार जानबूझकर अन्जान बनने का नाटक करते हुए अपने छोटे भाई से पूछा।
"दीदी मैंने भी अपने दोस्तो से सुना था की अगर इस लंड को लड़की की चूत में घुसाया जाए तो उसे बुहत मजा आता है और लड़की को बच्चा भी होता है" विजय ने अपनी बहन को बताया ।
"वीजू क्या तुम मुझे बेवक़ूफ़ समझते हो यह इतना बड़ा लंड लड़की की छोटी सी चूत में कैसे घुसेगा?", कंचन ने विजय का मज़ाक उड़ाते हुए कहा।
"दीदी मैं सच बोल रहा हूँ, इसे लड़की की चूत में घुसाया जाता है" विजय ने अपनी बहन को यकीन दिलाते हुए कहा ।
"वीजू तुम इतने यकीन से कैसे कह रहे हो" कंचन ने अपने भाई को शक भरी निगाह से देखते हुए कहा।
"वो दीदी मैंने अपने एक दोस्त को किसी लड़की की चूत में लंड को घुसाते हुए देखा था" विजु ने हडबडाते हुए अपनी दीदी को जवाब दिया ।
"तुम तो बड़े बदमाश निकले विजू, मगर मुझे यकीन नहीं आता" कंचन ने अपने भाई से कहा।
"दीदी एक आइडिया है जिस से आपको यकीन हो जायेगा" विजय ने अपनी बड़ी दीदी की गुलाबी चूत को देखते हुए कहा।
"क्या आइडिया है" कंचन ने अपने भाई के लंड को देखते हुए कहा।