desiaks
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ज्योति ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और राज ने वादे के अनुसार अपना फोन उसको दिया. ज्योति ने वो वीडियो अपने आप को फॉर्वर्ड कर दिया और मीडीया को भी.
ज्योति ने फोन साइड मे रखा और राज ने ज्योति की गान्ड पकड़ ली. ताकि वो भाग ना पाए.
ज्योति: “मैं भाग नही रही हूँ, जो वादा किया हैं वो निभा कर जाउन्गी”
ज्योति ने फिर उपर नीचे होना शुरू किया पर वो लंड बहुत मोटा था. ज्योति के मूह से चीखे निकलने लगी. पूरा कमरा ज्योति की चीखो से गुंजायमान हो चुका था.
कुच्छ मिनिट्स तक ज्योति ने चीखते चिल्लाते हुए चोदना जारी रखा पर फिर उसकी हिम्मत जवाब देने लगी. ज्योति रुक गयी पर चूत मे घुसे लंड से उसको तकलीफ़ हो रही थी.
राज ने ज्योति की कमर पकड़े उसको अपने सीने से चिपका लिया और फिर लुढ़क कर ज्योति को अपने नीचे लेकर उस पर लेट गया.
राज ने अपने लंड के धक्के ज्योति की चूत मे मारना शुरू किया. ज्योति एक बार फिर चीखने लगी. राज का लंबा लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतार कर बाहर निकल रहा था.
ज्योति को अपनी चूत मे किसी मोटी चीज़ के अंदर बाहर होने के अहसास के साथ ही एक मीठी सी गुदगुदी भी हो रही थी. ज्योति कभी चीखती तो कभी आहें भरने लगती.
ज्योति की चूत ने अपना जूस निकालना शुरू किया तो दूसरी तरफ राज का लंड भी एक दो बूँदें अपने जूस की छोड़ रहा था.
राज का लंड ज्योति की चूत मे अंदर जाते फुचाआक्क की आवाज़ करता और पूचाक्क की आवाज़ करते बाहर आता. ज्योति के लिए वो मीठा दर्द अब और बढ़ कर असहनिय हो गया था.
ज्योति ने अपनी आँखे बंद कर ली. तभी उसको अहसास हुआ की राज ने मौके का फ़ायदा उठा कर अपने होंठ ज्योति के होंठो पर रख दिए थे.
आहें भरने से ज्योति के होंठ थोड़े खुले ही थे जिस से राज ने ज्योति के होंठ को अपने होंठ मे फसा कर चूसना शुरू कर दिया.
ज्योति कुच्छ नही कर पाई. अपनी चूत मे पड़ते लंबे लंड के धक्को से वो वैसे ही बेबस हो चुकी थी. थोड़ी देर और राज ने ज्योति के होंठों का रस चूसा.
फिर राज ने अपना चेहरे से दूर किया और दोनो हाथ के पंजो के बाल थोड़ा शरीर आगे से उपर उठाते हुए उसने ज़ोर के झटके चूत मे मारने शुरू किए.
ज्योति: “आआआईईए … राज … धीरे ….. धीरे चोद … ”
राज: “अब मत रोक मेरी जाअँ… यह ले …. अया … ऊऊय … हाअ .. ले ले … उहह ये ले”
ज्योति: “ऊओई माआ .. मर गयी .. .. अयाया .. ईईईई … आहह .. आह आह आह … उम्म्म”
राज ने ते झटके मारते अपने लंड का जूस खाली करना शुरू किया. जिस से उसका लंड ज्योति की चूत की गहराइयो मे उतर गया. ज्योति पूरा मूह फाडे साँस लेने लगी.
ज्योति झड़ चुकी थी और राज भी झड़ कर ज्योति के नंगे शरीर पर लेटा रहा.
राज: “बोल मेरी जान, कैसी लगी चुदाई”
ज्योति: “हो गया हो तो उतर”
राज अब ज्योति के उपर से उतर गया. ज्योति ने उठ कर अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया और दबाया. फिर उन दोनो ने सॉफ सफाई करते हुए अपने कपड़े पहन लिए.
राज: “क्या हुआ, मेरी चुदाई पसंद नही आई?”
ज्योति: “मैं मज़े के लिए नही चुदवाती”
राज: “तो फिर इतनी आहें क्यू भर रही थी?”
ज्योति कुच्छ नही बोली और नज़रे चुरा ली.
राज: “आरके तो अब बर्बाद हो गया हैं. तुम्हारे घर से किसी को इलेक्शन मे खड़ा कर दो. तुम्हारी हज़्बेंड की पार्टी से टिकेट मिल जाएगा अब तो. तुम्हारी बेटी डॉली को टिकेट चाहिए था ना?”
ज्योति: “डॉली ने भी पॉलिटिक्स से रिटाइयर्मेंट ले लिया हैं”
राज: “तो फिर तुम खड़ी हो जाओ इलेक्शन मे. इतनी खूबसूरत हो, उपर से आरके वाला वीडियो न्यूज़ मे आने के बाद तुम्हे सहानुभूति के वोट मिलेंगे. तुम्हारा जीतना तय हैं”
ज्योति:” मुझे पॉलिटिक्स नही आती”
राज: “मैं हूँ ना!. मैं तुम्हारा सेक्रटरी बन जाउन्गा. तुम्हारा साथ देकर मेरी नौकरी पहले ही जा चुकी हैं. अब तुम ही अपना सेक्रटरी बना लो. इसी बहाने तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत के साथ रहने का मौका मिलेगा”
ज्योति: “इलेक्शन के बारे मे सोचूँगी”
राज: “तुम सत्ता मे रहोगी तो आरके फिर से मूह नही उठाएगा. तुम्हारा कभी मूड हुआ तो मुझसे चुदवा भी सकती हो”
ज्योति: “ज़्यादा अरमान मत पालो”
राज: “तुम कितना भी च्छुपाओ, मगर तुम्हे मुझसे चुदवा कर मज़ा तो आया हैं”
ज्योति ने फोन साइड मे रखा और राज ने ज्योति की गान्ड पकड़ ली. ताकि वो भाग ना पाए.
ज्योति: “मैं भाग नही रही हूँ, जो वादा किया हैं वो निभा कर जाउन्गी”
ज्योति ने फिर उपर नीचे होना शुरू किया पर वो लंड बहुत मोटा था. ज्योति के मूह से चीखे निकलने लगी. पूरा कमरा ज्योति की चीखो से गुंजायमान हो चुका था.
कुच्छ मिनिट्स तक ज्योति ने चीखते चिल्लाते हुए चोदना जारी रखा पर फिर उसकी हिम्मत जवाब देने लगी. ज्योति रुक गयी पर चूत मे घुसे लंड से उसको तकलीफ़ हो रही थी.
राज ने ज्योति की कमर पकड़े उसको अपने सीने से चिपका लिया और फिर लुढ़क कर ज्योति को अपने नीचे लेकर उस पर लेट गया.
राज ने अपने लंड के धक्के ज्योति की चूत मे मारना शुरू किया. ज्योति एक बार फिर चीखने लगी. राज का लंबा लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतार कर बाहर निकल रहा था.
ज्योति को अपनी चूत मे किसी मोटी चीज़ के अंदर बाहर होने के अहसास के साथ ही एक मीठी सी गुदगुदी भी हो रही थी. ज्योति कभी चीखती तो कभी आहें भरने लगती.
ज्योति की चूत ने अपना जूस निकालना शुरू किया तो दूसरी तरफ राज का लंड भी एक दो बूँदें अपने जूस की छोड़ रहा था.
राज का लंड ज्योति की चूत मे अंदर जाते फुचाआक्क की आवाज़ करता और पूचाक्क की आवाज़ करते बाहर आता. ज्योति के लिए वो मीठा दर्द अब और बढ़ कर असहनिय हो गया था.
ज्योति ने अपनी आँखे बंद कर ली. तभी उसको अहसास हुआ की राज ने मौके का फ़ायदा उठा कर अपने होंठ ज्योति के होंठो पर रख दिए थे.
आहें भरने से ज्योति के होंठ थोड़े खुले ही थे जिस से राज ने ज्योति के होंठ को अपने होंठ मे फसा कर चूसना शुरू कर दिया.
ज्योति कुच्छ नही कर पाई. अपनी चूत मे पड़ते लंबे लंड के धक्को से वो वैसे ही बेबस हो चुकी थी. थोड़ी देर और राज ने ज्योति के होंठों का रस चूसा.
फिर राज ने अपना चेहरे से दूर किया और दोनो हाथ के पंजो के बाल थोड़ा शरीर आगे से उपर उठाते हुए उसने ज़ोर के झटके चूत मे मारने शुरू किए.
ज्योति: “आआआईईए … राज … धीरे ….. धीरे चोद … ”
राज: “अब मत रोक मेरी जाअँ… यह ले …. अया … ऊऊय … हाअ .. ले ले … उहह ये ले”
ज्योति: “ऊओई माआ .. मर गयी .. .. अयाया .. ईईईई … आहह .. आह आह आह … उम्म्म”
राज ने ते झटके मारते अपने लंड का जूस खाली करना शुरू किया. जिस से उसका लंड ज्योति की चूत की गहराइयो मे उतर गया. ज्योति पूरा मूह फाडे साँस लेने लगी.
ज्योति झड़ चुकी थी और राज भी झड़ कर ज्योति के नंगे शरीर पर लेटा रहा.
राज: “बोल मेरी जान, कैसी लगी चुदाई”
ज्योति: “हो गया हो तो उतर”
राज अब ज्योति के उपर से उतर गया. ज्योति ने उठ कर अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया और दबाया. फिर उन दोनो ने सॉफ सफाई करते हुए अपने कपड़े पहन लिए.
राज: “क्या हुआ, मेरी चुदाई पसंद नही आई?”
ज्योति: “मैं मज़े के लिए नही चुदवाती”
राज: “तो फिर इतनी आहें क्यू भर रही थी?”
ज्योति कुच्छ नही बोली और नज़रे चुरा ली.
राज: “आरके तो अब बर्बाद हो गया हैं. तुम्हारे घर से किसी को इलेक्शन मे खड़ा कर दो. तुम्हारी हज़्बेंड की पार्टी से टिकेट मिल जाएगा अब तो. तुम्हारी बेटी डॉली को टिकेट चाहिए था ना?”
ज्योति: “डॉली ने भी पॉलिटिक्स से रिटाइयर्मेंट ले लिया हैं”
राज: “तो फिर तुम खड़ी हो जाओ इलेक्शन मे. इतनी खूबसूरत हो, उपर से आरके वाला वीडियो न्यूज़ मे आने के बाद तुम्हे सहानुभूति के वोट मिलेंगे. तुम्हारा जीतना तय हैं”
ज्योति:” मुझे पॉलिटिक्स नही आती”
राज: “मैं हूँ ना!. मैं तुम्हारा सेक्रटरी बन जाउन्गा. तुम्हारा साथ देकर मेरी नौकरी पहले ही जा चुकी हैं. अब तुम ही अपना सेक्रटरी बना लो. इसी बहाने तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत के साथ रहने का मौका मिलेगा”
ज्योति: “इलेक्शन के बारे मे सोचूँगी”
राज: “तुम सत्ता मे रहोगी तो आरके फिर से मूह नही उठाएगा. तुम्हारा कभी मूड हुआ तो मुझसे चुदवा भी सकती हो”
ज्योति: “ज़्यादा अरमान मत पालो”
राज: “तुम कितना भी च्छुपाओ, मगर तुम्हे मुझसे चुदवा कर मज़ा तो आया हैं”