Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति - Page 5 - SexBaba
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Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति

ज्योति ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और राज ने वादे के अनुसार अपना फोन उसको दिया. ज्योति ने वो वीडियो अपने आप को फॉर्वर्ड कर दिया और मीडीया को भी.

ज्योति ने फोन साइड मे रखा और राज ने ज्योति की गान्ड पकड़ ली. ताकि वो भाग ना पाए.

ज्योति: “मैं भाग नही रही हूँ, जो वादा किया हैं वो निभा कर जाउन्गी”

ज्योति ने फिर उपर नीचे होना शुरू किया पर वो लंड बहुत मोटा था. ज्योति के मूह से चीखे निकलने लगी. पूरा कमरा ज्योति की चीखो से गुंजायमान हो चुका था.

कुच्छ मिनिट्स तक ज्योति ने चीखते चिल्लाते हुए चोदना जारी रखा पर फिर उसकी हिम्मत जवाब देने लगी. ज्योति रुक गयी पर चूत मे घुसे लंड से उसको तकलीफ़ हो रही थी.

राज ने ज्योति की कमर पकड़े उसको अपने सीने से चिपका लिया और फिर लुढ़क कर ज्योति को अपने नीचे लेकर उस पर लेट गया.

राज ने अपने लंड के धक्के ज्योति की चूत मे मारना शुरू किया. ज्योति एक बार फिर चीखने लगी. राज का लंबा लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतार कर बाहर निकल रहा था.

ज्योति को अपनी चूत मे किसी मोटी चीज़ के अंदर बाहर होने के अहसास के साथ ही एक मीठी सी गुदगुदी भी हो रही थी. ज्योति कभी चीखती तो कभी आहें भरने लगती.

ज्योति की चूत ने अपना जूस निकालना शुरू किया तो दूसरी तरफ राज का लंड भी एक दो बूँदें अपने जूस की छोड़ रहा था.

राज का लंड ज्योति की चूत मे अंदर जाते फुचाआक्क की आवाज़ करता और पूचाक्क की आवाज़ करते बाहर आता. ज्योति के लिए वो मीठा दर्द अब और बढ़ कर असहनिय हो गया था.

ज्योति ने अपनी आँखे बंद कर ली. तभी उसको अहसास हुआ की राज ने मौके का फ़ायदा उठा कर अपने होंठ ज्योति के होंठो पर रख दिए थे.

आहें भरने से ज्योति के होंठ थोड़े खुले ही थे जिस से राज ने ज्योति के होंठ को अपने होंठ मे फसा कर चूसना शुरू कर दिया.

ज्योति कुच्छ नही कर पाई. अपनी चूत मे पड़ते लंबे लंड के धक्को से वो वैसे ही बेबस हो चुकी थी. थोड़ी देर और राज ने ज्योति के होंठों का रस चूसा.

फिर राज ने अपना चेहरे से दूर किया और दोनो हाथ के पंजो के बाल थोड़ा शरीर आगे से उपर उठाते हुए उसने ज़ोर के झटके चूत मे मारने शुरू किए.

ज्योति: “आआआईईए … राज … धीरे ….. धीरे चोद … ”

राज: “अब मत रोक मेरी जाअँ… यह ले …. अया … ऊऊय … हाअ .. ले ले … उहह ये ले”

ज्योति: “ऊओई माआ .. मर गयी .. .. अयाया .. ईईईई … आहह .. आह आह आह … उम्म्म”

राज ने ते झटके मारते अपने लंड का जूस खाली करना शुरू किया. जिस से उसका लंड ज्योति की चूत की गहराइयो मे उतर गया. ज्योति पूरा मूह फाडे साँस लेने लगी.

ज्योति झड़ चुकी थी और राज भी झड़ कर ज्योति के नंगे शरीर पर लेटा रहा.

राज: “बोल मेरी जान, कैसी लगी चुदाई”

ज्योति: “हो गया हो तो उतर”

राज अब ज्योति के उपर से उतर गया. ज्योति ने उठ कर अपनी चूत पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया और दबाया. फिर उन दोनो ने सॉफ सफाई करते हुए अपने कपड़े पहन लिए.

राज: “क्या हुआ, मेरी चुदाई पसंद नही आई?”

ज्योति: “मैं मज़े के लिए नही चुदवाती”

राज: “तो फिर इतनी आहें क्यू भर रही थी?”

ज्योति कुच्छ नही बोली और नज़रे चुरा ली.

राज: “आरके तो अब बर्बाद हो गया हैं. तुम्हारे घर से किसी को इलेक्शन मे खड़ा कर दो. तुम्हारी हज़्बेंड की पार्टी से टिकेट मिल जाएगा अब तो. तुम्हारी बेटी डॉली को टिकेट चाहिए था ना?”

ज्योति: “डॉली ने भी पॉलिटिक्स से रिटाइयर्मेंट ले लिया हैं”

राज: “तो फिर तुम खड़ी हो जाओ इलेक्शन मे. इतनी खूबसूरत हो, उपर से आरके वाला वीडियो न्यूज़ मे आने के बाद तुम्हे सहानुभूति के वोट मिलेंगे. तुम्हारा जीतना तय हैं”

ज्योति:” मुझे पॉलिटिक्स नही आती”

राज: “मैं हूँ ना!. मैं तुम्हारा सेक्रटरी बन जाउन्गा. तुम्हारा साथ देकर मेरी नौकरी पहले ही जा चुकी हैं. अब तुम ही अपना सेक्रटरी बना लो. इसी बहाने तुम्हारे जैसी खूबसूरत औरत के साथ रहने का मौका मिलेगा”

ज्योति: “इलेक्शन के बारे मे सोचूँगी”

राज: “तुम सत्ता मे रहोगी तो आरके फिर से मूह नही उठाएगा. तुम्हारा कभी मूड हुआ तो मुझसे चुदवा भी सकती हो”

ज्योति: “ज़्यादा अरमान मत पालो”

राज: “तुम कितना भी च्छुपाओ, मगर तुम्हे मुझसे चुदवा कर मज़ा तो आया हैं”
 
ज्योति: “तुम्हारे जैसे कमीने सेक्रटरी की तो ज़रूरत हैं पर चुदाई के लिए नही”

राज: “अब इतनी भी बुरी चुदाई नही थी”

ज्योति: “मेरी चूत मे अभी भी जलन हो रही हैं. धीरे नही चोद सकता था. मैं कहा भागी जा रही थी”

राज: “चुदाई के टाइम मेरी बीवी को भी जलन होती थी, पर धीरे धीरे आदत पड़ गयी उसको. तुम्हे भी मेरे लंड की आदत पड़ जाएगी तो फिर तुम खूब एंजाय करोगी”

ज्योति: “मेरे सेक्रटरी तो तुम बन जाओ, मगर जिस दिन मुझे देखकर तुम्हारी पैंट मे लंड कड़क हुआ उस दिन तुम्हारा लंड मैं काट दूँगी”

राज: “मंजूर हैं, काट लेना मेरा लंड, मगर अपने दांतो से काटना मेरा लंड. इसी बहाने तुम्हारे मूह मे तो जाएगा”

ज्योति: “मैं जा रही हूँ”

राज: “तो मेरी नौकरी पक्की समझू?”

ज्योति: “तुमने मेरी हेल्प की हैं आरके को फसाने मे. इसलिए तुम्हे नौकरी पर रखती हूँ”

राज: “आज नौकरी पर रख रही हो, एक दिन मुझे अपने बिस्तर पर भी रखोगी, याद रखना”

ज्योति शरमाते हुए वहाँ से जाने लगी. तभी राज ने पीछे से आवाज़ देकर रोका.

राज: “वैसे, यह मेरी ज़िंदगी की बेस्ट चुदाई थी. शायद तुम्हारी ज़िंदगी की भी यह बेस्ट चुदाई होगी. आशा करता हूँ की तुम्हारी चूत मेरे लंड को और भी मौके देगी”

ज्योति वहाँ से अपने घर चली गयी. राज को अभी भी यकीन नही हो रहा था की उसने ज्योति को चोदने का सपना पूरा कर लिया हैं और अब वो सेक्रटरी बनकर ज्योति के हमेशा साथ रह पाएगा.

अगली सुबह आरके का कच्चा चिट्ठा न्यूज़ मे आने लगा था. सतीश एक साजिश का शिकार हुआ था. यह जानकार उसकी पार्टी ने फिर से सतीश को टिकेट देना चाहा पर वो तो रिटाइयर्मेंट ले चुका था.

सतीश की पार्टी ने ज्योति को टिकेट देने की घोषणा कर दी. आरके पर केस चला और जैल भेज दिया गया. आरके का इलेक्शन टिकेट भी कॅन्सल हो गया.

ज्योति के घर मे उसका पति सतीश और बच्चे डॉली और जय बहुत खुश थे की आख़िर आरके को उसके किए की सज़ा मिली. मगर राज को ज्योति का सेक्रटरी बने देखकर उनको आश्चर्य भी हुआ.

राज जिस तरह गंदी नज़रो से ज्योति को देखता था और फिर ज्योति यह देखकर शर्म से नज़रे फेर लेती थी, यह सब कुच्छ डॉली ने भी नोट कर लिया था और उसको शक होने लगा की उसकी मम्मी ज्योति और राज के बीच कुच्छ तो हुआ हैं.

एक दिन डॉली पार्टी ऑफीस मे अपनी मम्मी ज्योति से मिलने पहुचि. अंदर राज और ज्योति ही थे. डॉली बाहर खड़े होकर चुपके से उनकी बातें सुनने लगी.

ज्योति: “तुमको मैने जो काम दिए थे वो करवा दिए?”

राज: “इलेक्शन से जुड़े सारे काम हो गये हैं. कभी अपने लिए भी काम करवा लो. मैं तो रेडी हूँ ही”

ज्योति: “मैने तुम्हे पहले भी कहा हैं, अपने काम पर ध्यान दो”

राज: “एक बार मेरे साथ चुदवा ही चुकी हो, अब क्यू शर्मा रही हो! तुम्हारे बूब्स का साइज़ तो मैने अपने हाथों से मापा हैं, वो मैं कभी नही भूलूंगा”

ज्योति: “हो गयी तुम्हारी बकवास तो काम शुरू करे?”

राज: “तुम्हे देखता हूँ तो बस एक ही काम याद आता हैं. तुम्हारी रस भरी चूत, और वो होंठ. किसमे ज़्यादा रस हैं मैं आज भी कन्फ्यूज़्ड हूँ. एक बार और चख कर देख लू?”

ज्योति: “अगर तुम्हे ऐसे ही काम करना हैं तो तुम्हारी ज़रूरत नही”

राज: “दिन को ना सही, रात के काम के लिए रख लो मुझे.”

ज्योति: “शूट उप, कोई सुन लेगा”

राज: “अच्छा सिर्फ़ एक बार बोल दो की तुम्हे मेरी चुदाई पसंद आई की नही, फिर मैं चुप हो जाउन्गा”

ज्योति चुप हो गयी और कुच्छ नही बोली. राज स्माइल करते हुए और अपनी भो उचकाते हुए उसको चिढ़ाते हुए पूछता रहा.

ज्योति ने जब कोई जवाब नही दिया तो राज अपनी पैंट की चैन खोलने की धमकी देने लगा. ज्योति ने अपना हाथ उपर कर उसको रोका.

ज्योति: “अच्छी थी तुम्हारी चुदाई. अब शांति मिली? पर अभी काम करो और ऑफीस मे यह बकवास करने की ज़रूरत नही हैं”

राज खुश हो गया. बाहर खड़ी डॉली ने यह सब सुना और तँवाव मे आ गयी. वो उल्टे पाव अपने घर लौट गयी. फिर सोचा मम्मी को खुश करने के लिए तो पापा सतीश भी काम नही आते तो मम्मी अपनी खुशी के लिए किसी के साथ चुदवाये तो क्या बुरा हैं.

अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या ज्योति का राजनीतिक सफ़र इतना आसान होगा!
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अब तक आपने पढ़ा की राज ने ज्योति को चोद दिया और आरके को जैल हो गयी. ज्योति को इलेक्शन टिकेट मिल गया. ज्योति की साथ राज की छेड़ खानी को बेटी डॉली ने देख लिया था.
अब आगे…

इलेक्शन नॉमिनेशन के पहले ही दिन ज्योति का गाजे बाजे के साथ नॉमिनेशन फॉर्म भरा गया. घर मे सब लोग बहुत खुश थे.

शाम को राज ज्योति के साथ घर पर आया कुच्छ पेपर वर्क के लिए. ज्योति अपने बेडरूम मे गयी तो राज भी पीछे से अंदर चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया.

डॉली ने यह देख लिया और चहकते हुए मम्मी ज्योति के बेडरूम के दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सुनने लगी.

ज्योति: “राज, क्या कर रहा हैं, छोड़ मेरी कमर”

राज: “अर्रे मेरी जान, शर्मा क्यू रही हैं. तुमने ही तो बोला था की मुझसे चुदने मे मज़ा आया”

ज्योति: “आअहह .. सारी छोड़ मेरी…. ऊओप्पस .. सारी का पल्लू वापिस दे मुझे … आआआः अया ”

राज: “हाथ हटाओ अपने सीने से और ब्लाउस निकाल कर मुझे अपने बूब्स के दर्शन करवाओ. आओ मेरी जान”

ज्योति: “आाए .. छोड़ …. कमीने … ऊप्स .. ”

पुच पुचह की आवाज़े अंदर से आने लगी.

ज्योति: “तू अभी जा.. घर मे सब हैं”

राज: “रात को आऊ?”

ज्योति: “बाहर निकल अभी”

राज: “जाता हूँ”

डॉली दरवाजे के बाहर से भाग कर अपने रूम मे चली गयी. उसको लग गया की मम्मी और राज का रिश्ता अब आगे बढ़ चुका हैं.
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उधर ज्योति ने राज को धमकी दे दी की वो आगे से ऐसी हिमाकत ना करे वरना वो ऐक्शन लेगी. राज फिर स्माइल करता हुआ वहाँ से चला गया.
अगली सुबह ब्रेकफास्ट की टेबल पर डॉली और जय अपने पेरेंट्स का वेट कर रहे थे. दोनो मे शरारत चालू थी. जय अभी डॉली की छाती को घूर रहा था.

डॉली: “क्या देख रहा हैं?”

जय: “तुम्हारे बूब्स”

डॉली दाएँ बाए देखने लगी किसी ने देख सुन तो नही लिया और एक हाथ जय को मारा.

डॉली: “धीरे बोल, कोई सुन लेगा”

जय: “कोई नही हैं, एक किस दे ना”

डॉली ने दाएँ बाए देखा और फिर होंठ आगे बढ़कर जय और डॉली होंठों को होंठो से मिलाए चूमने लगी. जय ने डॉली के होंठो को चूस लिया.

डॉली भी पीछे नही रही और उसने भी जय के होंठ चूसे. फिर वो दोनो पीछे हुए और शरमाते हुए एक दूसरे को देखने लगे.

डॉली: “पिच्छली सात रातो से तू रोज मेरे कमरे मे सो रहा हैं और मुझे चोद रहा हैं, फिर भी पेट नही भरा”

जय: “वो तो रात को किया था. दिन को भी तो इक्षा होती हैं. मुझे तेरे बूब्स दबाने हैं”

डॉली: “मैने ब्रा पहन रखा हैं अंदर”

जय: “मैने मना किया था ना की मेरे सामने कपड़ो के अंदर ब्रा मत पहना कर. बूब्स दबाने मे पूरा मज़ा नही आता फिर”

डॉली: “मेरा शेप बिगड़ गया तो?”

जय: “तेरे बूब्स तो मैं चूस चूस कर बड़े कर दूँगा, डॉन’ट वरी”

डॉली: “तू मुझे कुच्छ दिन से बिना प्रोटेक्षन के चोद रहा हैं. मैं प्रेग्नेंट हो गयी ना तो तेरी बड़ी शुरू हो जाएगी. मम्मी पापा से बात करनी हैं?”

जय: “एक बार प्रेग्नेंट हो जा. फिर बात करेंगे. मैं तो तुझसे शादी करने को तैयार हूँ”

डॉली: “सब मुझे बोलता हैं, मम्मी को तो बता”

जय: “बोल दूँगा, पर तू मुझे बूब्स के हाथ लगाने दे”

डॉली: “नही, मम्मी आती होगी”

जय: “वो आए तब तक तो हाथ लगाने दे और किस करने दे. मेरी प्यास ही नही मिट रही”

डॉली दाएँ बाए देखने लगी और फिर अपना चेहरा जय के पास ले गयी. जय भी अपना चेहरा आगे बढ़ा कर नज़दीक पहुचा.

डॉली और जय फिर से एक दूसरे के होंठो मे होंठ फ़साए चूसने लगे और जय के हाथ डॉली के टीशर्ट के उपर से ही उसके एक बूब को दबा और मसल रहा था.
 
ज्योति ब्रेकफास्ट के लिए बाहर आई और अपने दोनो बच्चो को इस हालत मे देख कर हैरान हो गयी. ज्योति की आहट से डॉली और जय का ध्यान उस तरफ गया.

डॉली और जय ने चूमना बंद किया और एक दूसरे से अलग हुए. ज्योति उनको आश्चर्य से अभी तक देख रही थी. फिर डाइनिंग टेबल के करीब पहुचि.

ज्योति: “यह सब कब से चल रहा हैं?”

दोनो बच्चो की बोलती बंद हो चुकी थी और नज़रे नीचे किए बैठे रहे.

ज्योति: “मैं कुच्छ पुच्छ रही हूँ!”

डॉली: “7-8 दिन से. हम आपको बताने ही वाले थे”

ज्योति: “क्या बताने वाले थे! की भाई बहन होकर ऐसी अश्लील हरकत रहे थे. शरम नही आई तुम दोनो को?”

जय: “मगर हम दोनो भाई बहन नही हैं, आपको भी पता हैं”

ज्योति: “मैने तुमको यह सच इसलिए नही बताया था की तुम इस तरह नया रिश्ता बना लो. पहले पता होता तो नही बताती”

डॉली: “मगर इसमे बुराई क्या हैं? हम एक दूसरे को पसंद करते हैं. और …. शादी करना चाहते हैं”

ज्योति: “तुम दोनो का दिमाग़ खराब हैं! दुनिया की नज़रो मे तुम अभी भी भाई बहन हो. यह रिश्ता कभी नही हो सकता”

डॉली: “तो सबको पता लगने दो. फिर तो हमारा रिश्ते मे कोई बाधा नही हैं”

ज्योति: “यह राज बाहर नही जाएगा.मैने तुम दोनो को हमेशा अपने सगे बेटे बेटी माना हैं. मैं यह रिश्ता आक्सेप्ट नही करूँगी”

तभी पीछे से सतीश आया जिसने उनकी सारी बातें सुन ली थी.

डॉली: “पापा, आप ही मम्मी को समझाओ”

सतीश: “ज्योति सही कह रही हैं. तुम दोनो बच्चे यह मान कर चलो की तुम्हे सच नही पता हैं. तुम हमेशा भाई बहन ही बने रहोगे”

डॉली: “नही, मैं और जय शादी कर रहे हैं बस”

ज्योति: “तुम बड़ी हो, जय को समझाने की बजाय तुम खुद ज़िद पर अड़ी हुई हो!”

डॉली: “मेरे और जय के बीच मे सब कुच्छ हो गया हैं”

ज्योति एक नज़र डॉली को तो दूसरी नज़र जय को देखने लगी, जिनसे अपनी नज़रे झुका ली

ज्योति: “तुम दोनो को शर्म नाम की कोई चीज़ नही बची. इतने सालो से एक दूसरे को भाई बहन बोलते थे और अब यह वाला काम!”

डॉली: “आप उस राज के साथ मज़े ले रही थी तब आपको शर्म नही आई?”

सब लोग अब डॉली की शकल देखने लगे.

डॉली: “आइ एम सॉरी, मैने छूप कर देखा और सुना हैं. मम्मी आप पराए मर्द के साथ कुच्छ भी करे तो शर्म नही पर मैं अपने ही भाई के साथ कुच्छ करू तो ग़लत!”

ज्योति: “मेरे पति को कोई ऑब्जेक्षन नही हैं तो तुम्हे क्यू हैं! वैसे भी मैने जो किया वो सतीश जी को न्याय दिलाने के लिए था. आरके अभी जैल मे हैं तो मेरे इस त्याग से, मैने कोई मज़े के लिए नही किया हैं. तुम दोनो ने अब तक जो किया हैं उसको भूल जाओ, फिर से तुम भाई बहन की तरह रहोगे”

दोनो बच्चे अब मम्मी ज्योति की शकल देख रहे थे. वो दोनो एक दूसरे को चाहने लगे थे पर ज्योति उस रिश्ते के खिलाफ थी.

ज्योति: “डॉली और जय, तुम सुन रहे हो?”

जय: “ठीक हैं मम्मी”

डॉली: “जय!! क्या बोल रहे हो. हम दोनो शादी करने वाले थे”

जय: “डॉली दीदी, आईथिंक मम्मी ठीक कह रही हैं”

डॉली: “दीदी!! चूतिया साला. 7 दिन से रोज मेरी चूत मार रहा हैं और अब दीदी बोल रहा हैं. घुस जा अपनी मा के भोस्डे मे. अब आना मत मेरे पास चोदने के लिए”

सतीश: “डॉली…. ज़बान को लगाम दे”

डॉली: “यह जय तो आपका ही खून हैं. मैं तो एक ड्राइवर का खून हूँ, मेरा अच्छा भला यहा कौन सोचेगा! मुझे यहा रहना ही नही हैं, मैं घर छोड़कर जा रही हूँ”

ज्योति और सतीश ने डॉली को रोकने की कोशिश की मगर वो नही मानी. उसने अपना बाग लिया और जाने लगी. ज्योति ने उसको रोकना चाहा, पर वो नही मानी.

ज्योति अपनी एक सहेली के घर चली गयी. उसका दिमाग़ तेज चलने लगा. वो सीधे आरके की पार्टी के पास चली गयी. आरके के पकड़े जाने के बाद वो पार्टी पहले ही दबी हुई थी.
 
डॉली ने उनसे वो इलेक्शन टिकेट माँगा जो आरके को मिलने वाला था. उस पार्टी को भी डॉली मे जीतने की संभावना नज़र आई.

ज्योति को जब पता चला तो उसका दिल टूट गया. ज्योति उदास होकर अपने बेडरूम मे बेड पर रुआसी सी बैठी थी. तभी राज उस से मिलने आया.

राज: “ज्योति, चिंता मत करो. तुम्हारी बेटी बहक गयी हैं, धीरे धीरे ठीक हो जाएगी. लाओ मैं तुम्हे थोड़ा आराम देता हूँ”

ज्योति राज की तरफ पीठ किए हुए बैठी थी. राज पीछे से आया और ज्योति के कंधे को मसाज करने लगा.

ज्योति को थोड़ा सुकून मिला. राज ने थोड़ा सा और मसाज दिया. फिर ज्योति के कंधे पर सारी को बाँधे हुए पिन को खोल दिया और पल्लू नीचे गिरा दिया.

ज्योति अपने दुख मे खोई हुई थी. इतने सालों से पाल पॉश कर बड़ी की हुई बेटी जो चली गयी थी. राज अब आराम से अपनी थोड़ी उंगलिया ज्योति के ब्लाउस मे भी घुसा कर कंधे की मसाज कर रहा था.

राज खड़ा था और ज्योति बैठ इति, जिस से उपर से वो ज्योति के ब्लाउस मे से झाँकते क्लीवेज़ को भी देख पा रहा था.

ज्योति को अहसास ही नही रहा की कब राज ने पीछे से ज्योति के ब्लाउस को खोल दिया था. ज्योति फिर संभली मगर राज ने उसको शांत किया.

राज: “तुम चुपचाप बैठी रहो, मैं सिर्फ़ मसाज दे रहा हूँ. ब्लाउस उतार कर अच्छे से मसाज दूँगा”

ज्योति फिर शांत हुई और राज ने ज्योति का ब्लाउस निकाल दिया. अब ज्योति ब्रा मे बैठी थी. राज ने ज्योति के नंगे कंधे और पीठ की मसाज कर दी.

पीठ की मसाज करते उसने ज्योति की ब्रा का हुक खोल दिया. ज्योति ने आगे से अपने ब्रा को पकड़ लिया और ब्रा गिरने नही दिया.

राज: “कम ओंन. तुम्हारा दुख थोड़ा कम हो जाएगा. खोलने दो अपना ब्रा. अच्छा ठीक हैं पकड़े रहो पर लेट जाओ.”

राज ने ज्योति को वही बेड पर लेटा दिया और ज्योति अपना ब्रा अपनी छाती से चिपकाए उदास लेटी रही.

राज ने ज्योति का पेटीकोट का नाडा खोल दिया और पेटीकोट नीचे खिच कर निकालने लगा पर ज्योति ने एक हाथ से पेटीकोट पकड़ लिया.

ज्योति: “क्या कर रहे हो?”

राज: “खोलने दो, मसाज कर रहा हूँ पाव की. अच्छा लगेगा… चलो छ्चोड़ो .. ”

राज ने ज्योति का पेटीकोट और उसके साथ पैंटी को खींच कर टाँगो से बाहर निकाल दिया. ज्योति अब नीचे से नंगी थी.

राज अब ज्योति की दोनो टाँगो के बीच बिस्तर पर बैठ गया और आगे झुक कर ज्योति की नंगी नाभि और पेट पर चूमने लगा.

ज्योति थोड़ी थोड़ी आहें भरने लगी. राज कभी पेट तो कभी कमर पर चूमते हुए ज्योति की चूत तक आ गया और चूमने लगा.

ज्योति छत की तरफ ताक रही थी. राज ने ज्योति के हाथ से उसका खुला हुआ ब्रा भी च्छुदाया और साइड मे कर दिया. अब ज्योति पूरा नंगा बिस्तर पर लेटी थी.

राज ने ज्योति को खोया हुआ देखकर अपने नीचे के कपड़े निकाले. उसका लंड कड़क होकर तैयार था.

राज ज्योति की दोनो टाँगो के बीच आया और ज्योति की जांगो को अपनी मूडी जाँघो पर रखा और अपने लंड को ज्योति की चूत के करीब लाया.

राज ने अपने लंड को ज्योति की चूत के छेद पर सेट कर दिया. ज्योति अभी भी खोई हुई लेटी थी.

तभी राज के लंड ने ज्योति की चूत मे प्रवेश किया. मोटे लंड के चूत मे जाते ही ज्योति की एक आ निकली और उसको अहसास हुआ की वो पूरा नंगी हैं और राज ने उसको चोदना चालू कर दिया हैं.

राज का लंड ज्योति की चूत मे धक्के मार रहा था. ज्योति हल्के दर्द के साथ विरोध करते हुए राज को रुकने को बोल रही थी.

कुच्छ धक्को के बाद राज आगे झुक कर अपने दोनो हाथो से ज्योति के बूब्स को दबोचने लगा. ज्योति ने एक ज़ोर का थप्पड़ राज के गाल पर मार दिया.

ज्योति ने राज को अपने उपर से गिरा दिया और अपना पेटीकोट पहन लिया और सारी से अपना सीना धक दिया.

ज्योति: “बाहर निकल हरामी. आइन्दा से अपनी शकल मत दिखना वरना पोलीस मे शिकायत कर दूँगी”

राज: “नही चुदवाना तो ना सही, पर गाली तो मत दो”

ज्योति: “चुप साले भद्वे. भाग यहा से”

राज: “तू खुद आई थी मुझसे चुदवाने के लिए, भूल गयी! तब तेरी गरज थी. पता नही कितने लोगो से चुदवाया होगा और मेरे सामने सती सावित्री का ढोंग कर रही हैं”

ज्योति ने राज को एक और थप्पड़ मार दिया और घर से बाहर निकलने को बोला.

राज: “बहुत पछताएगी तू ज्योति. अब देख तू”

ज्योति: “भाग साले!”

राज वहाँ से चला गया.

नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए क्या राज अपनी बेज़्जती का बदला ज्योति से लेगा!
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अब तक आपने पढ़ा की ज्योति और बेटी डॉली के बीच दरार आ गयी और दोनो एक दूसरे के खिलाफ इलेक्शन मे थी. ज्योति ने राज को बेइज्जत करते हुए घर से निकाल दिया.
अब आगे…

राज सीधा जाकर डॉली से मिला और उसके साथ हाथ मिलाने की पेशकश की. राज ने जब ज्योति के साथ पहली बार सेक्स किया था तब उसने हिडन कॅमरा से वीडियो बना लिया था.

राज ने डॉली को भड़काया की अगर वो वीडियो विराल कर दे और ज्योति के कॅरक्टर पर सवाल खड़े कर दे तो ज्योति को आसानी से इलेक्शन मे हराया जा सकता हैं.

पहले तो डॉली घबरा गयी की ज्योति उसकी मा हैं और उसका ऐसा वीडियो नही विराल कर सकते. मगर फिर राज ने डॉली को इस बात के लिए माना लिया की जंग मे सब कुच्छ जायज़ हैं.

डॉली ने कहा की वीडियो विराल तो नही करेंगे पर ज्योति को धमकी दे सकते हैं ताकि वो इलेक्शन से अपना नॉमिनेशन वापिस ले ले.

ज्योति का सेक्स वीडियो अब ज्योति को मिला. राज ने उसको धमकी दी की अगर वो इलेक्शन से अपना नाम वापिस ले ले वरना वीडियो विराल हो जाएगा. ज्योति का सर चकराने लगा. उस कमीने राज ने उसको धोखा देकर वीडियो बना लिया था.

ज्योति ने राज को फोन लगाया.

ज्योति: “कमीने, आ गया ना अपनी औकात पर. मैं पोलीस मे एक शिकायत करूँगी और तू जैल के अंदर जाएगा”

राज: “मैने भी कोई कच्ची गोलिया नही खेली हैं. मैने यह वीडियो डॉली को दे दिया हैं और उसको भड़का दिया हैं की वो यह वीडियो विराल करे और तुम्हारी बेटी मान भी गयी. अब अगर तुम पोलीस कंप्लेंट करोगी तो तुम्हारी बेटी ही फसेगी. मैं तो खुद को विक्टिम बता दूँगा”

ज्योति: “तू हम मा बेटी के बीच दरार डालना चाह रहा हैं, मगर तेरी पोल मैं खोल दूँगी”

ज्योति अपनी बेटी डॉली के खिलाफ कुच्छ नही करना चाहती थी. ज्योति फिर डॉली से मिलना चाहती थी ताकि उनके बीच की ग़लतफहमी दूर हो और वो डॉली को मना पाए.

ज्योति फिर अकेले मे डॉली से मिलने गयी. वहाँ पर सिर्फ़ डॉली और राज थे. ज्योति और डॉली दोनो आमने सामने कुर्सी पर बैठे बात कर रहे थे. राज भी डॉली के पीछे खड़ा था.

ज्योति: “तो तुम इतना नीचे गिर गयी की अपनी ही मा का सेक्स वीडियो धोखे से बना कर विराल करने की धमकी देने लगी!”

डॉली: “मैं तो सिर्फ़ इसका फ़ायदा उठा रही हूँ. वीडियो मे जो भी हो रहा हैं वो सब कुच्छ आप ही कर रही हैं. अब मुझे क्यू शर्म आएगी, शर्म तो आपको आनी चाहिए”

ज्योति: “अगर मैने अपना नॉमिनेशन वापिस नही लिया तो तू अपनी मा को सारे ज़माने के सामने नंगा कर देगी?”

डॉली: “हा”

ज्योति: “शायद मेरे ही पालन पोषण मे कमी रह गयी थी”

डॉली: “अब यह मेलोड्रामा मेरे सामने मत करो”

ज्योति: “अब तुम्हे अपनी मा के एमोशन ड्रामा लगते हैं. इस धोखेबाज राज का भरोसा मत करना, महा कमीना हैं. यह किसी का नही हैं”

राज ने अपनी पोज़िशन डॉली की चेयर के पीछे ली और अपने दोनो हाथ उपर से डॉली के टॉप के अंदर डाल दिए और ब्रा के अंदर हाथ घुसाए डॉली के बूब्स दबाने लगा.

राज: “हम दोनो अब एक ही थाली के चट्‍टे बट्‍टे हैं. हम दोनो के बीच कोई नही आ सकता”

डॉली भी स्माइल करने लगी. अपनी आँखों के सामने अपनी ही बेटी के बूब्स किसी पराए मर्द से दबाते देखकर ज्योति का दिल टूट गया. उसको लग गया की डॉली पर इस वक़्त राज की कमिनिपंति का भूत चढ़ा हैं.

ज्योति:”मेरे सामने इतनी बेशमरी करने की ज़रूरत नही. अपनी बदनामी से डर कर मैं अपना नॉमिनेशन वापिस नही ले रही. मगर मैं नॉमिनेशन सिर्फ़ ऐसे इंसान की खुशी के लिए ले रही हूँ जिसको मैने हमेशा अपनी बेटी माना हैं”

ज्योति उठी और दरवाजे से बाहर चली गयी. राज ने अपने हाथ डॉली के टॉप से बाहर निकाले और दाँत दिखाते स्माइल करते हुए डॉली के करीब आया.

राज: “देखा हो गया ना काम!”

डॉली ने एक ज़ोर का चांटा राज के चेहरे पर मार दिया और राज अपना गाल सहलाता रह गया.

डॉली: “साले हरामी, मेरे कपड़ो मे हाथ डालने की इजाज़त किसने दी तुझको?”

राज: “मैं तो ज्योति पर इंपॅक्ट डाल रहा था की हम दोनो का रीलेशन कितना मजबूत हैं, और उसको हार माननी ही पड़ेगी”

डॉली: “इसलिए उस वक़्त मैं कुच्छ नही बोली. मगर आगे से कभी मेरे कपड़ो मे हाथ डालने की कोशिस तो दूर, अगर छुआ भी तो तेरा लंड काट कर हाथ मे दे दूँगी”

राज: “मैने तुमको यह वीडियो लाकर दिया, ताकि तुम इलेक्शन जीत जाओ. इसके बदले मैं तुम्हारे बूब भी नही दबा सकता क्या! मेरा कुच्छ तो इनाम होना चाहिए”

डॉली: “मेरी मा ने तुझको लात मार कर भागाया था इसलिए तू कुत्ते की तरह दूंम हिलता हुआ मेरे पास भीख माँगने आया था. मैने तुझको मेरी हेल्प करने नही बुलाया था”

राज: “इतना क्यू भड़क रही हो, इलेक्शन जीतने के लिए तुम उस बुड्ढे आरके के साथ भी चुदवा चुकी हो. फिर मैं तो उस से लाख गुना बेहतर हूँ. यकीन ना हो तो अपनी मा ज्योति से पुच्छना कैसा मजेदार चोदा था उसको”

डॉली ने वही पड़ा डंडा उठाया और राज को मारना शुरू कर दिया. बाहर से सेक्यूरिटी वाले भी आ गये. उनके सामने ही डॉली ने राज की बेज़्जती करते हुए उसको धो डाला. फिर लास्ट मे उसके दोनो गालो पर एक एक चांटा मारा.

डॉली: “मेरे साथ काम करना हैं तो तमीज़ से रहना, वरना बोरिया बिस्तर बाँध कर चलता बन”

राज ने अपने गाल पर हाथ रखते हुए हा मे सर हिलाया. डॉली वहाँ से चली गयी और सेक्यूरिटी वाले भी चले गये.

राज: “बेटी तो मा से भी ज़्यादा कड़क हैं. इस साली को नंगा करके कुतिया बना कर ना चोदा तो मेरा भी नाम राज नही”

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अपने नये घर पहुच कर डॉली सोच मे पड़ गयी की उसने अपनी मा के साथ जो भी किया वो ग़लत था. उसको अपनी मा को ब्लॅकमेल नही करना चाहिए था.

डॉली अपनी मा के बारे मे सोच कर थोड़ा एमोशनल भी हो गयी थी. पर हिम्मत नही हो रही थी की मा से बात करके सॉरी माँग ले.

डॉली का खुद का ईगो इतना बड़ा था जिसने उसको रोके रखा. डॉली को अपनी ज़िद के आगे रिश्ते छोटे लगने लगे.

अगले दिन आरके के बेटी सुहानी भी डॉली से मिलने आई.

सुहानी: “डॉली भाभी, प्लीज़ आप मेरे पापा को जैल से बाहर निकालने मे मदद करो”

डॉली: “मैं अब तुम्हारी भाभी नही हूँ”

सुहानी: “मेरे भय्या कौशल जो की आपके पति भी हैं, अगर वो इस दुनिया मे नही हैं तो हमारा रिश्ता ख़त्म नही हो जाएगा. मैं आपकी ननद हूँ, आपने मुझे अपनी छोटी बहन भी माना था”

डॉली: “वो शादी एक समझौता थी. आरके हमारे घर का दुश्मन हैं. मैं उसको बाहर निकालने मे कोई मदद नही कर सकती”

सुहानी:”मैं अपने पापा के सारे सपोर्टर्स को बोलकर वोट आपको दिलवा सकती हूँ, पर इसके बदले पापा को जैल से बाहर लाने मे मदद कर दो.”

डॉली: “मैने जीतने का इंतज़ाम पहले ही कर लिया हैं”

सुहानी: “आप जो बोलॉगी वो करने को तैयार हूँ”

डॉली: “आरके ने मेरी मा को बहुत परेशान किया और इज़्ज़त उछाली हैं”

सुहानी: “मैं माफी मांगती हूँ”

डॉली: “तुम्हारी माफी से क्या होगा! यह राज मेरा कुत्ता हैं. इसको बोटिया खाने का बहुत शौक हैं. इसको खुश रखना ज़रूरी हैं. तू इसको चोदने दे और खुश कर दे, फिर मैं तेरी मदद कर दूँगी”

राज को अपने आप को कुत्ता कहलवाना बुरा लगा पर सुहानी जैसी जवान लड़की को चोदने का सोच कर उसके मूह मे पानी भर आया.

सुहानी: “राज अंकल के साथ! मैं ऐसा नही कर सकती. इन्होने ही मेरे पापा को फसाया हैं”

डॉली: “तो फिर भूल जा की मैं तेरी कोई मदद करूँगी”

सुहानी: “मुझे पता हैं की आपने पापा से चुदवाया था एक कुर्सी पाने के लिए. मगर मैं आपकी तरह गिरी हुई नही हूँ. मैं अपनी इज़्ज़त नही खो सकती”

डॉली: “एक काम कर, मत चुदवा, पर कम से कम यही अपने कपड़े खोल कर नंगी खड़ी हो जा. यह तो कर सकती हैं”

सुहानी थोड़ी सोच मे पड़ गयी. फिर उसने अपना टॉप निकाल दिया. फिर अपनी जीन्स निकाल कर ब्रा और पैंटी मे आ गयी. डॉली ने राज का चेहरा देखा, जो की ज़ुबान लपलपा रहा था.

सुहानी ने अपना ब्रा और पैंटी निकाल दी और सहमी सी नंगी खड़ी रही. उसकी कच्ची जवानी के छोटे से बूब्स और पतली सी चूत देखकर राज का लंड पैंट मे खड़ा हो गया था.

डॉली: “ओये राज कुत्ते. जा चाट ले सुहानी को”

सुहानी: “नही, प्लीज़, बात सिर्फ़ कपड़े खोलने की हुई थी”

डॉली: “कपड़े खोल दिए हैं, यह सिर्फ़ ज़ुबान से बूब्स चाटेगा”

सुहानी काँपते हुए खड़ी थी और राज उसकी तरफ पलटा. फिर सुहानी के कच्चे आम जैसे बूब्स को चाटने लगा. सुहानी आँखे बंद किए शरीर को कड़ा कर खड़ी रही.

राज ने चाट चाट कर सुहानी के निपल के साथ बूब्स भी गीले कर दिए. फिर राज ने सुहानी की पतली कमर को चाटना शुरू किया.

सुहानी ने राज का सर पकड़ लिया ताकि वो चूत ना चाट पाए. राज ने सुहानी की नंगी गान्ड पकड़ ली और अपना मूह सुहानी की चूत की तरफ ले जाने लगा.

डॉली: “कुत्ते साले, चूत चाटने को नही बोला था. चल इधर आ”

राज अब डॉली को गुस्से से घूर्ने लगा.

डॉली: “हरामी, घूर क्या रहा हैं? खा जाएगा क्या. चल वहाँ खड़े रह. सुहानी मार इसको थप्पड़”

राज अब डॉली को देखने लगा. तभी एक थप्पड़ आकर उसकी गाल पर पड़ा जो सुहानी ने मारा था.

डॉली: “चल कुत्ते, अब तू बाहर जा, खूब मज़े ले लिए तूने आज”

राज अपना सा मूह लिए बाहर चला गया और सुहानी अपने कपड़े पहनने लगी.

डॉली: “थोड़ी देर पहले तू इज़्ज़त और सम्मान की बात कर रही थी और अभी तू यहा नंगी खड़ी हैं और अपना बदन चटवा रही थी. तुझे यही दिखाना था. ज़रूरत पड़ने पर कपड़े भी खोलने पड़ते हैं और चुदवाना भी. अब तू अपनी इज़्ज़त का टोकरा लेकर जा, तेरे बाप को कोई नही बचा सकता”

सुहानी रोने लग गयी और रोते रोते अपने कपड़े फिर पहनने लगी और गिड़गिडाते हुए डॉली से हेल्प को बोलती रही पर डॉली नही मानने वाली थी. सुहानी वहाँ से चली गयी.

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अगले ही दिन ज्योति ने अपना नॉमिनेशन वापिस ले लिया. उसके इस फ़ैसले पर जय और सतीश दंग रह गये , मगर ज्योति ने कारण नही बताया.

डॉली वो चुनाव जीत गयी. फिर उसको पता चला की वो प्रेग्नेंट हैं और उसके पेट मे जय का बच्चा हैं. डॉली फिर ज्योति के घर पहुचि और सब घर वालो को इकट्ठा किया.

डॉली चाहती थी की अब वो अपने घर वालो से गिले शिकवे ज्योति लेगी और अपनी बदतमीज़ी की माफी माँग लेगी.

डॉली: “मम्मी, मैं सॉरी बोलने आई हूँ”

ज्योति: “मम्मी मत बोल, तूने उस रिश्ते का अपमान किया हैं और वो रिश्ता अब ख़त्म हो चुका हैं. मेरी डॉली नाम की कोई बेटी नही हैं. हमें तुम्हारा सॉरी भी नही चाहिए”

डॉली: “मैं प्रेग्नेंट हूँ. मेरे पेट मे जय का बच्चा हैं”

ज्योति: “तेरे लिए रिश्ते कुच्छ नही हैं, सब कुच्छ कुर्सी हैं. क्या पता तेरे पेट मे किसका पाप पल रहा हो. पहले भी तू आरके के साथ गंदा काम कर चुकी हैं. अभी तू राज के साथ वोही सब कर रही हैं”

डॉली: “बस, चुप हो जाओ. आरके और राज के साथ आपने भी चुदवाया था. क्या पता और कितने नाजायज़ बच्चे आपने पैदा करके फेंक दिए होंगे”

जय ने आगे बढ़कर डॉली को थप्पड़ मारना चाहा पर डॉली ने उसका हाथ पकड़ लिया.

डॉली: “संभाल कर रख अपना हाथ. तेरी मा को अपनी चूत सहलाने के लिए ज़रूरत पड़ेगी. अब तो राज भी इनके पास नही हैं इनको खुश करने के लिए”

सतीश: “डॉली, तुम इसी वक़्त मेरे घर से निकल जाओ. तुम नाली से निकलने वाले लोग नाली के कीड़े जैसी ही बात करोगे”

डॉली: “आख़िर यह बात आपकी ज़ुबान पर आ ही गयी. मुझे हमेशा यही समझा था आपने”

जय: “तुम अभी निकलो यहा से. हमारा तुमसे कोई रिश्ता नही है”

डॉली: “जय, मैं चाहू तो तुझपे रेप का इल्ज़ाम लगा सकती हूँ, सबूत हैं मेरे पेट मे तुम्हारा बच्चा”

ज्योति: “जय ही क्यू, हम सबको भी जैल मे डाल दे”

जय: “नही मम्मी पापा, आप रहने दो. मैं जैल जाने को तैयार हूँ”

डॉली: “वो जैल हैं, मेरी चूत नही हैं जिसके अंदर जाने मे तुझको मज़ा आएगा”

जय चिल्लाया और डॉली पर हाथ उठाना चाहा पर ज्योति ने उसको रोक दिया.

डॉली: “जय, मुझको मारेगा? तेरे शरीर मे चोदने के लिए सिर्फ़ लंड हैं, बोलने के लिए जिगर नही हैं. चोदु कही का, अपनी मा पर गया हैं”

ज्योति: “कितनी गंदी ज़ुबान हैं तेरी. तू यहा से निकल, अब कभी मत आना यहा”

ज्योति की आँखों मे आँसू आ गये थे अपनी बेटी के मूह से ऐसे कड़वे बोल सुनकर. डॉली फिर वहाँ से चली गयी.

डॉली जाते जाते सोचने लगी की वो यहा माफी माँगने आई थी मगर गुस्से गुस्से मे वो मामला और भी बिगाड़ कर चली गयी.

अगले एपिसोड मे पढ़िए डॉली की अगली चाल क्या होगी.

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अब तक आपने पढ़ा की डॉली ने इलेक्शन जीतने के बाद अपन घर वालो से फिर रिश्ते सुधारने की कोषिश की पर मामला और बिगड़ गया.
अब आगे…
सुहानी के प्रयासो से उसके पिता आरके को जमानत मिल गयी और वो जैल से बाहर आ गया. सुहानी ने उसको बताया की उसके साथ क्या बीता था और डॉली ने उसको बेइज्जत किया था.

आरके गुस्से मे भर गया और डॉली के पास पहुचा. उसको मारने की धमकी भी दी. डॉली की सेक्यूरिटी ने आरके को पकड़ कर पोलीस को सौंप दिया.

आरके फिर से जैल पहुच गया. सुहानी एक बार फिर डॉली के पास पहुचि और उसको रिक्वेस्ट की ताकि वो अपनी कंप्लेंट वापिस ले और आरके बाहर आ पाए.

डॉली: “बोल चुदवायेगी? वरना मैने पूरा इंतज़ाम कर लिया हैं की तेरा बाप कभी बाहर नही आ पाएगा”

सुहानी: ‘प्लीज़, आप हमारी सारी प्रॉपर्टी ले लो मगर कंप्लेंट वापिस ले लो”

डॉली: “मुझे सिर्फ़ आरके के घर की इज़्ज़त लुटनी हैं जैसे उसने मेरे घर की इज़्ज़त लूटी थी”

सुहानी: “ठीक हैं मैं रेडी हूँ”

डॉली: “पहले पूरा सुन तो ले. तुझे एक से ज़्यादा मर्दो के साथ चुदवाना होगा और वो भी अपने बाप की नज़रो के सामने. बोल मंजूर हैं!”

सुहानी: “क्या! प्लीज़ ऐसा मत करो”

डॉली: “तेरे बाप ने भी कभी मेरी मा की इज़्ज़त उच्छाली थी, उसको भी अहसास तो हो की कैसा लगता हैं जब किसी अपने की इज़्ज़त इस तरह नीलम होती हैं”

सुहानी: “प्लीज़, मैं अकेले मे चुदवाने को तैयार हूँ पर मेरे पापा के सामने मैं यह सब नही करवा सकती”

डॉली: “मैने जो बोला वो मंजूर हैं तो ठीक हैं वरना मैं तेरे बाप पर और भी इल्ज़ाम लगाने वाली हूँ, जिसकी वजह से वो बाहर ही नही आ पाएगा”
सुहानी रोने लग गयी.

सुहानी: “मेरा इस दुनिया मे मेरे पापा के अलावा कोई नही हैं. मा बहुत पहले ही मार चुकी हैं, कौशल भय्या भी दुनिया से चले गये. मेरे पापा मुझे दे दो”

डॉली: “तू मुझे अपनी इज़्ज़त दे, और मैं तुझे तेरा बाप दे दूँगी”

थोड़ी देर रोने के बाद सुहानी ने आँसू पोंछते हुए डॉली को हा बोल दिया.

डॉली: “तू अपने बाप की जमानत की रिक्वेस्ट डाल, मेरा आड्वोकेट कोई विरोध नही करेगा. उसके बाहर आते ही तुझको मेरे हिसाब से अपने बाप की आँखों के सामने चुदवाना पड़ेगा. उसके बाद मैं अपनी कंप्लेंट वापिस ले लूँगी और तुझे तेरा बाप वापिस मिल जाएगा”

सुहानी: “ठीक हैं”

डॉली: “मेरी एक और शर्त हैं. तू अपने बाप को दिखाएगी की तू खुद अपनी मर्ज़ी से चुदवा रही हैं. तेरे चेहरे पर कोई शिकन नही आनी चाहिए की तू यह सब मजबूरी मे कर रही हैं”

सुहानी: “मैं कोशिश करूँगी”

डॉली: “तो फिर मैं भी सिर्फ़ कोशिश करूँगी की तेरी बाप के खिलाफ कंप्लेन वापिस ले लू”

सुहानी: “नही ठीक हैं, मैं पूरा ध्यान रखूँगी की मेरे चेहरे पर शिकन ना आए”

डॉली: “एक काम कर, जब तेरी चुदाई हो रही होगी तब तू खुद मज़े लेते हुए आहें भरना. तुझे अपनी परेशानी च्छुपाने की कोशिस भी नही करनी पड़ेगी, सब कुच्छ नॅचुरल लगेगा. कोई गंदी मूवी मे सेक्स का वीडियो देख कर सीख लेना की लड़किया चुदते हुए कैसे बोलती हैं और ठीक वैसे ही करना”

सुहानी: “मैं कर लूँगी”

डॉली: “जितनी अच्छी आक्टिंग करेगी, उतना जल्दी मैं कंप्लेन वापिस ले लूँगी”

सुहानी फिर भारी दिल से वहाँ से चली गयी. सुहानी ने जमानत की अर्जी डाली और डॉली के वकील ने कोई विरोध नही किया.

आरके जैल से जमानत पर बाहर आया. वहाँ पर राज खड़ा इंतेजार कर रहा था. वो आरके को लेकर सीधा उनके फार्महाउस पर आया.
फार्म हाउस पर डॉली पहले ही उनका वेट कर रही थी.

आरके: “तू यहा? और तेरा यह आदमी राज मुझे यहा क्यू लाया हैं. मेरी बेटी कहाँ हैं. क्या किया तुमने उसके साथ”

डॉली: “मैने कुच्छ नही किया. जो भी कर रही हैं, तेरी बेटी ही कर रही हैं. चल बताती हूँ, तुम्हारी बेटी क्या स्टंट कर रही हैं. तू देख कर हैरान रह जाएगा”

डॉली के कहने पर आरके के हाथ पीछे बाँध दिए और मूह पर भी पट्टी बाँध दी ताकि वो बोल ना पाए. फिर उसको एक सेक्यूरिटी गार्ड की मदद से घर के अंदर दूसरी मंज़िल पर ले गये.

उपर ले जाकर आरके को बाल्कनी मे कुर्सी पर बैठाया और बाँध दिया. फिर आरके को उपर से नीचे हॉल का नज़ारा दिखाया. वहाँ हॉल मे सुहानी एक आदमी का हाथ पकड़े आई.

डॉली ने पीछे से इशारा किया और सुहानी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए. उपर से उसके बाप आरके ने चिल्लाना चाहा पर कपड़ा बँधा होने से नही बोल पाया.

सुहानी ने अपने कपड़े उतारना जारी रखा. सुहानी पूरी नंगी हो चुकी थी और साथ जो आदमी था वो भी नंगा हो गया. अपनी बेटी को नंगी हालत मे देख कर आरके दंग रह गया. फिर ज़ोर ज़ोर से कुर्सी पर बँधा हिलने लगा.

डॉली: “दूसरो की बहन बेटियो को इस तरह नंगा करते तो बड़ा मज़ा आता था तुझको, आज तेरी बेटी इस तरह नंगी दिखी तो तिलमिला उठा.”
 
आरके की आँखे भर आई थी और अपना सर हिलाए जा रहा था.

डॉली: “अभी तूने देखा ही क्या हैं”

डॉली ने राज को फोन मिलाया और कहा: “घर के सारे नौकरो को बुलाओ, और उनको भी दिखाओ की आरके की बेटी की जवानी कैसी हैं”

आरके वही बैठा रोने लगा. सारे घर के नौकर बाहर आए और अपनी छोटी मालकिन को नंगी हालत मे देखा.

आज तक नौकरो ने अपने मालिक की लाई गयी लड़कियो को ही नंगा देखा था. आज उसकी बेटी को नंगा देख रहे थे तो वो भी दंग थे.

वो नंगा आदमी अब नंगी खड़ी सुहानी के छोटे बूब्स और निपल्स को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा. एक हाथ से सुहानी की चूत मे उगली भी करता रहा.

सुहानी को दिए डाइरेक्षन के हिसाब से वो आहें भरने लगी थी. आरके ने अपनी नज़रे फेर ली. डॉली ने उसका चेहरा फिर उधर घुमा दिया. आरके ज़ोर ज़ोर से रोने लगा.

डॉली ने इशार किया और सारे नौकरो को बाहर निकाल दिया गया. सुहानी के साथ वाला आदमी नंगा होकर नीचे लेट गया और सुहानी डरते हुए उस आदमी के लंड पर सवार हो गयी.

फिर सुहानी ने उस आदमी का लंड अपनी चूत मे लेते हुए उपर नीचे होकर चुदना शुरू किया और साथ मे “अयाहा आह ” करते सिसकिया भरते आवाज़े करती रही जैसे उसको मज़ा आ रहा हो.

आरके ने अपनी आँखें तो बंद कर ली पर बेटी की मादक सिसकिया उसके कानो मे फिर भी पड़ रही थी.

सुहानी के नीचे लेटे आदमी ने अपनी हथेली मे सुहानी के छोटे से बूब्स भर कर निचोड़ दिए थे. सुहानी के मूह से एक दर्द भरी आ आह निकली और फिर सिसकिया लेते हुए मज़े लेते रही.

डॉली ने उपर बैठे आरके के मूह पर बँधी पट्टी खोल दी. आरके सिर्फ़ रोते हुए बीच बीच मे अपनी बेटी को चुदाई करते देखता रहा.

थोड़ी देर बार सुहानी जिस आदमी को चोद रही थी उसने सुहानी को अपने उपर से हटाया और सुहानी को नीचे लेटा कर खुद उस पर लेट कर चोदने लगा.

उस आदमी की स्पीड बहुत तेज थी और सुहानी जो की कमजोर काया की थी वो यह सब बर्दाश्त नही कर पाई और चिल्लाने लगी. फिर कुच्छ याद कर उसने अपने डाइयलोग बोलने शुरू किए.

सुहानी: “कम ओंन … फक मे … फास्ट .. फास्ट … हा ऐसे … .अया अया … ह्म्‍म्म्म … ज़ोर से चोद …. चोद दे …. वाआहह … आआययईईए … उम्म्म्म .. कम ओंन … फास्टर ..”

उपर बैठा आरके अब तक शांत हो चुका था. उसकी नज़रे कही और थी और किसी सोच मे डूब गया. उसके कानो मे उसकी बेटी की चुदाई की आवाज़े बराबर आ रही थी.

सुहानी के मूह से आती मादक आवाज़ो से उसको चोदता हुआ आदमी और भड़काने लगा था और वो तेज तेज झटके मारता सुहानी को चोदने लगा.
सुहानी हाथ पैर दोनो फेला कर चौड़े कर चुदवाती रही. उसके मूह से आवाज़े आनी और भी तेज हो गयी थी.

थोड़ी देर बाद वो नंगा आदमी दहाड़े मार कर चीखने लगा और सुहानी की चूत मे झटका मारते हुए अपना लंड अंदर ही रखे रहा और और सुहानी की चूत से जैसे चिपक गया.

सुहानी की भी एक लंबी चीख निकली क्यूकी उस आदमी ने अपना लंड सुहानी की चूत की गहराइयो मे डाल दिया था.

3-4 सेकेंड्स के बाद उस आदमी ने अपना लंड थोड़ा बाहर खींचा और फिर एक तेज झटके के साथ अपना लंड सुहानी की चूत मे उतार कर कड़ा हो गया.

उसके बाद उस आदमी के लंड ने अपना सारा जूस खाली कर दिया. सुहानी और वो आदमी दोनो ही तेज तेज हाँफ रहे थे. उस आदमी ने फिर अपना लंड सुहानी की चूत से निकाला और फिर कपड़े पहन कर चलता बना.
 
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