Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति - Page 7 - SexBaba
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Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति

अब तक आपने पढ़ा की शमित को पाने के लिए डॉली ने राज से समझौता किया और कुतिया बनकर राज से चुदवाने लिए मान गयी थी. राज ने डॉली के नंगे बदन के बहुत मज़े लिए.

अब आगे…

राज ने अपने लंड को डॉली से चुसवाने के मज़े लिए. डॉली अब कुल्ला करने के बाद नंगी हालत मे चलते हुए राज के पास आई.
राज: “चल अब मेरे होंठो को चूस और फिर मैं तेरे होंठो को चुसूगा”

राज सोफे पर बैठा था और डॉली आगे बढ़कर एक बार फिर राज की तरफ मूह किए उसकी गोद मे सोफे पर चढ़ कर बैठ गयी.
राज का लंड इस ब्रेक के दौरान थोड़ा नरम पड़ गया था पर अभी भी काफ़ी लंबा था. लंड के लचीलापन डॉली ने अपनी चूत पर भी महसूस किया, जिस पर वो बैठी थी.

डॉली ने आगे बढ़कर अपना सीना राज के नंगे सीने से चिपकाया और अपनी दोनो बाहें राज के सर और गर्दन के पीछे ले जाकर पकड़ते हुए अपने होंठ राज के होंठो पर रखे.

डॉली ने फिर राज के मोटे सूखे हुए होंठो को चूसना शुरू किया. डॉली ने अपनी मूह की लार से राज के होंठो को गीला और लचीला कर दिया था.

चप्प चप्प करते हुए डॉली ने राज के होंठो को चूसा और अपने होंठो का रस राज को पिलाया. कुच्छ ही सेकेंड्स मे उसका असर दिखने लगा था.

थोड़ी देर पहले राज का नरम लचीला लंड डॉली की चूत को छू रहा था जो की अब कड़क हो चुका था और डॉली की चूत मे चुभने लगा था.

डॉली ने ना चाहते हुए भी राज को खुश करते हुए उसके होंठो को थोड़ी देर चूसा और फिर पीछे हटी.

डॉली: “मैने तुम्हारे होंठ चूम लिए, अब तुम्हे भी मेरे होंठ चूसने थे तो चूस लो”

डॉली ने अपने होंठ थोड़े खोल दिए. पर राज स्माइल करने लगा और सर हिला कर ना बोला.

राज: “यह होंठ नही, तुम्हारी चूत के होंठ चूसने हैं”

डॉली वही सोफे पर खड़ी हो गयी और अपना एक पाव उठा कर सोफे के हेडरेस्ट पर रखते हुए अपनी चूत को राज के मूह के करीब ले आई.

राज ने अपने होंठ खोले और डॉली की चूत के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और चूसने लगा. राज ने डॉली की चूत के एक होंठ को एक बार मे निशाना बनाया और अपने मूह मे भरा.

राज के होंठ डॉली की चूत की दरार मे भी जा रहे थे और गीले हो रहे थे. एक एक कर राज ने डॉली की चूत के दोनो होंठो को अपने होंठो मे भरे दबा कर चूसा.\

डॉली की ना चाहते हुए भी आहें निकालने लगी थी. राज के मोटे होंठ चूत मे बड़ी सफाई से चल रहे थे और डॉली की चूत को र्गदते हुए मज़ा दिला रहे थे.

मज़े के मारे डॉली ने अपनी चूत को टाइट करते हुए सकडा कर दिया था मगर फिर भी थोड़ी ही देर मे डॉली की चूत ने थोड़ा थोड़ा पानी निकलना शुरू कर दिया था.

राज ने भी चूत को चाटते हुए अंदर से निकले पानी का थोड़ा स्वाद चख लिया था. डॉली की आती सिसकियो से राज और भी उत्साहित होकर चूत को चूस्ता रहा.

राज फिर थोड़ा पीछे हटा और फिर एक बार अपनी जीभ बाहर निकाल कर डॉली की चूत की दरार मे उपर नीचे रगड़ने लगा.

डॉली: “आआआईए … उम्म्म्म … ईईएह”

डॉली की आहें सुनकर राज ने अपनी ज़ुबान और भी चूत मे अंदर घुसाते हुए रूपर नीचे रगड़ना जारी रखा.

राज ने डॉली को उसकी गान्ड से पकड़ रखा था जहाँ अब वो पकड़ और टाइट हो गयी थी और डॉली की गान्ड के दोनो गाल दब गये थे.

डॉली की चूत का और भी पानी निकलने लगा था और चूत के होंठो की दीवार पर आ गया जो राज चाट रहा था. ज़्यादा पानी ज़ुबान पर लगने से राज ने चूत को चाटना बंद किया.
 
डॉली फिर सोफे से उतार कर नीचे खड़ी हो गयी. राज भी उठ खड़ा हुआ और डॉली की कमर और गान्ड को पकड़ कर घुमाया.
राज: “सोफे पर चढ़ कर फिर से कुतिया की तरह बैठ जा. अब तेरी चुदाई का टाइम आ गया हैं”

डॉली ने वही पड़ा कॉंडम का पॅकेट उठा कर राज को दिया और राज ने वो कॉंडम पहन लिया.

डॉली 3-सीटर सोफे पर चढ़ि और घोड़ी की तरह बैठ गयी. राज का एक पैर ज़मीन पर था और दूसरा घुटनो के बल मुड़कर डॉली की टाँगो के पास खड़ा था.

राज ने डॉली की गान्ड को दोनो तरफ से पकड़ा और अपने लंड की पोज़िशन डॉली के पिच्छवाड़े की तरफ की.

राज ने अपने लंड को डॉली की चूत के छेद पर सेट कर दिया और हल्का सा पुश करते हुए अपने लंड की टोपी को चूत मे उतारा.
डॉली थोड़ा सा कराह उठी. राज ने थोड़ा और पुश करते हुए अपने लंड का 3-4 इंच हिस्सा चूत मे उतार दिया.

डॉली: “आआआःः .. ऊओई माआ … उम्म्म्मम”

डॉली की एक बार तो साँसे बंद हो गयी. एक मोटा सा लंड डॉली की चूत मे फिर धीरे धीरे पूरा काफ़ी अंदर तक उतर चुका था.

राज ने डॉली की गान्ड को दोनो तरफ से पकड़े हुए अब धक्के मारने शुरू किए और डॉली की आहें आनी शुरू हो गयी आआआआईई … ऊऊओ … ओई मा .. हाः .. अया

राज के लंड के धक्को के साथ ही डॉली का बदन आगे पीछे हिल रहा था और उसके खुले बाल हवा मे नाच रहे थे.

राज ने एक हाथ आगे बढ़ा कर डॉली के खुल्ले बाल अपनी मुट्ठी मे पकड़ लिए और फिर थोड़ी थोड़ी देर मे उस छोटी को घोड़ी की लगाम की तरह खींचने लगा.

डॉली दाँत भींचते हुए कराह रही थी. राज के मोटे और लंबे लंड की रगड़ उसके चूत मे एक सनसनी पैदा करते हुए काफ़ी मज़ा दिला रही थी.

डॉली की चूत उसके जूस से अब काफ़ी गीली और चिकनी हो चुकी थी. राज ने अपना लंड डॉली की चूत से बाहर निकाला. उसका कॉंडम भी चिकना और गीला था.

राज ने अपना लंड पकड़े रखते हुए डॉली की चूत मे डाला, फिर बाहर निकाला. 2-3 बार यह करने के बाद उसने अचानक अपना लंड डॉली की गान्ड के छेद पर सेट कर दिया.

कुच्छ ज़्यादा ही ज़ोर लगा कर राज ने एक झटके मे अपना लंड डॉली की गान्ड मे 2 इंच तक घुसा दिया. डॉली एक तेज चीख के साथ उछल पड़ी. मगर राज ने एक हाथ से डॉली के बालो को पकड़ रखा था.

राज का आधा लंड डॉली की गान्ड घुस कर साँस ले रहा था. डॉली की गान्ड दर्द से फटी जा रही थी और अभी भी कराह रही थी.

डॉली: “बाहर निकाल …. कुत्ते …. दर्द हो रहा हैं”

राज: “बोल तू मेरी कुतिया हैं”

डॉली: “आआईई … ह्म … बाहर निकाल”

राज ने डॉली के बाल पकड़े थोड़े अपनी तरफ खींचा. डॉली का चेहरा खिचाव से उठ कर छत की तरफ हो गया और एक कराह निकली.

राज: “बोल तू मेरी कुतिया हैं”

डॉली: “आआईईए … हाराामी .. .”

राज ने अपने लंड को डॉली की गान्ड मे थोड़ा हिला दिया और डॉली की हालत फिर से खराब हो गयी और हल्का चिल्लाने लगी.

राज: “गान्ड मारू तेरी या बोलेगी की तू मेरी कुतिया हैं ”

डॉली: “हाअ .. हाा .. मैं तेरी कुतिया हूँ … अब बाहर निकाल”

राज: “अच्छे से बोल … की तू मेरी कुतिया हैं और मुझसे चुदवायेगी”

डॉली: “मैं तेरी कुतिया हूँ राज … अपनी कुतिया को चोद दे ”

राज: “और बोल … बोलती रह”
 
डॉली: “चोद दे अपनी कुतिया को … तेरी कुतिया की चूत अपने कुत्ते के लंड के लिए तड़प रही हैं … गान्ड मे से …. बाहर निकााल … मेरी चूत मे डाल … मैं तेरी कुतिया … अब तो निकाल ..”

राज ने अपना लंड डॉली की गान्ड से बाहर निकाला और एक कराह के बाद डॉली का सर फिर नीचे झुक गया और अपनी गान्ड मे होते दर्द से उसको आराम मिला.

राज ने डॉली को संभलने का मौका नही दिया और तुरंत अपना लंड एक बार फिर से डॉली की चूत मे डाल दिया.

राज: “बोल मेरी कुतिया चोदु तुझे”

डॉली: “चोद दे साले … और ख़त्म कर … आआईईए .. .ह्म्‍म्म्म .. उई .. उई .. मम्मी … धीरे चोद …. अयाया अया … ईईईह ”

राज: “साली कुतिया … बड़ा तड पाया तूने … यह ले मेरा लंड तेरी चूत मे …. अया अयाया आहह … कैसा लगा बोल … उहह ऊऊपप … यह ले”

डॉली: “आआ हााह .. उम्म्म्म … चोद दे साले …. चोद दे अपनी कुतिया को ….. अब कहाँ गया तेरा ज़ोर … मार चोदु … चोद अपनी कुतिया को ”

राज: “हाः अया हाआह आआए .. मेरी कुतिया … आआव आआव आआव … ऑश यह ले …. यह ले .. ईईईई”

राज थोड़ी देर और चोदता रहा और इस बीच डॉली झड़ने लगी.

डॉली: “आआआईईए .. .उहहुउऊुुउउ … आह आह ईईईईहह … चोद दे … मैं तेरी कुतिया … चो… द … दे … यह कुतिया … उम्म्म .. .ईईईह … हाआह ”

डॉली झड़ गयी और राज ने अपने मोटे लंड मे भरा सारा माल अपने कॉंडम मे खाली किया और वो भी झड़ गया.

राज ने अपना लंड बाहर निकाला और वही सोफे पर बैठ कर कॉंडम निकालने लगा. दूसरी तरफ डॉली पूरी तरह तक चुकी थी और और वही ज़मीन पर हाथ पैर फेलाए लेटी रही.

राज ने अपना कॉंडम निकाल कर डॉली की चूत पर रगड़ कर रख दिया. फिर अपने मूह मे डॉली के निपल और बूब्स भर भर कर चूसने लगा.

थोड़े दाँत रगड़ कर बूब्स को काट भी लिया. डॉली वही पड़ी रही और उसको मना नही किया. फिर राज खुद ही उठ खड़ा हुआ.

राज: “बोल मेरी कुतिया .. कैसी लगी मेरी चुदाई?”

डॉली ने एक हाथ से हल्का सा चांटा राज के मूह पर मारा. राज हँसने लगा.

राज: “बोला था ना जान निकाल दूँगा चोद चोद कर और तू मुझे फिर से चोदने को बोलेगी”

डॉली भी स्माइल करने लगी पर फिर अपनी गान्ड मे हल्के से दर्द के मारे थोड़ी कराह निकालते हुए उसको बोली.
डॉली: “ख़ाता क्या हैं तू कुत्ते .. इतना मोटा लंड तेरी बीवी सहती कैसे होगी?”

राज: “मेरी बीवी बहुत खा खा कर मोटी चमड़ी की हो गयी हैं, सब सह लेती हैं. तू कमजोर नाज़ुक कली हैं. तेरी मा ज्योति की सेक्सी बॉडी भी मेरे लंड को सहन नही कर पाई थी. ऐसे ही हालत खराब की थी मैने”

डॉली: “चुप कर कुत्ते”

राज: “पर मज़ा तो तुझे चोदने मे ही आया. बोल कुतिया और चुदवायेगी मुझसे?”

डॉली: “तूने जो मेरी गान्ड मार कर दर्द दिया हैं, अगर तू थोड़ी देर और यहा रुका तो तेरा लंड काट कर यही रख लूँगी”

राज: “तेरे मे उठने की हिम्मत हैं अभी?”

डॉली: “नही”

राज ने अपनी उंगलियो से डॉली की चूत को थोड़ी देर रगड़ा. फिर डॉली के गालो को दबा कर उसके होंठ थोड़े से खोले. और अपने होंठ वहाँ रख कर डॉली के होंठ चूसने लगा.

डॉली मूह से आवाज़ निकाले मना कर रही थी पर हाथ पैर नही हिल रहे थे. राज ने चूमना छोड़ा और वहाँ चूत के थोड़ा उपर रखा हुआ गंदा कॉंडम उठाया और डॉली के होंठो के उपर रख दिया.

कॉंडम से जैसे डॉली की मुच्छे बन गयी थी. कॉंडम से थोड़ा वाइट जूस निकल कर रीस्ता हुआ डॉली के होंठो और गालो पर आ गया.
डॉली ने अपना चेहरा घुमाते हुए उस कॉंडम को नीचे गिराया.

डॉली: “साले हरामी .. एक बार चोद कर समझता हैं की मुझे अपनी कुतिया बना दिया तूने .. भाग यहा से ”

राज वहाँ से हटा और अपने कपड़े पहनने लगा. कपड़े पहनते वो वहाँ पड़े डॉली के नंगे बदन को देख रहा था जिसको अभी अभी उसने चोदा था मगर फिर भी लालच आ रहा था.

राज: “बोल मेरी कुतिया .. मैं जाऊ की और चोदु तुझे?”

डॉली: “भाग जा कुत्ते”

राज वहाँ से निकल गया. डॉली कुच्छ देर वही ज़मीन पर लेटी रही.

डॉली: “हैं तो हरामी यह राज, पर चुदाई जबरदस्त करता हैं. कमीना इंसान नही होता तो साले से और कभी चुदवाने का सोचती भी सही”

नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए क्या डॉली का यह त्याग उसको शमित से मिलवा पाएगा.
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अब तक आपने पढ़ा की राज ने डॉली की ज़िद का फ़ायदा उठाते हुए डॉली को बुरी तरह से चोद दिया.
अब आगे…

अपने प्लान के मुताबिक डॉली को पायल को चोरी के इल्ज़ाम मे फसाना था. डॉली ने पायल को ऑफीस मे एक्सट्रा काम दिया ताकि वो देर शाम तक काम करे.

वहाँ के पीओन ने डॉली के कहने पर पायल को ऑफीस की चाबी दे दी ताकि देर शाम वो ऑफीस लॉक करके घर जाए.

अगले सुबह जब पायल ऑफीस आई तो वहाँ हंगामा मचा था. ऑफीस मे पड़ी तिजोरी से रुपये चोरी हुए थे. पायल के आते ही सभी उस से एंक्वाइरी करने लगे.

पायल पर चोरी का इल्ज़ाम लगा दिया गया. पोलीस को बुलाने की बात होने लगी. डॉली ने राज को वहाँ बुला लिया. राज पायल को अलग लेकर अंदर रूम मे बात करने लगा जहाँ डॉली भी थी.

डॉली: “राज तुम और यह लड़की मिलकर डिसाइड कर लो, मेरे चोरी हुए रुपये कौन लौटाएगा. वरना मैं इस लड़की को अंदर करवा दूँगी”

डॉली यह कह कर चली गयी. राज ने पायल को समझाना और डराना शुरू किया.

राज: “तुम जब यहा से गयी थी तो लॉक बंद किया था तुमने!”

पायल: “हा”

राज: “सुबह जब लोग आए तो लॉक खुला था, टूटा भी नही था. मतलब चाबी से खोला गया था. चाबी तो सिर्फ़ तुम्हारे पास ही थी. तुमने चाबी किसी को दी?”

पायल: “नही”

राज: “देखो, अब सारे सबूत तुम्हारे ही खिलाफ हैं”

राज ने डराया की भले ही पायल ने चोरी नही की पर पोलीस केस बना तो पायल का करियर खराब हो जाएगा और जैल भी जाना पड़ेगा.

राज ने पायल को बहुत डराया. पायल रोने लगी की उसने चोरी नही की हैं. राज ने पायल को समझाया की जीतने रुपये गायब हैं अगर वो कही से इंतज़ाम कर दे तो मामला रफ़ा दफ़ा हो जाएगा.

पायल: “मैं ग़रीब हूँ, इतने रुपये कहाँ से लाऊ

राज ने पायल का हाथ अपने हाथ मे लिया और उसको थोड़ा शांत करवाया.

राज: “मैं तुम्हारा सारा पैसा उतार दूँगा, एक बार तुम मुझे चोदने दो”

पायल यह सुनकर एकदम सकते मे आ गयी और अपना हाथ पीछे खींच लिया.

पायल: “यह क्या कह रहे हो आप? मैं ऐसा नही करवाउन्गी”

राज: “मैं तुम्हारे बदले पैसा ऐसे ही भर दूं तो मुझे इसमे क्या मिलेगा?”

पायल: “मैं आपका अहसान कभी नही भूलूंगी.”

राज: “अहसान का क्या आचार डालना हैं. वैसे ही तुम्हारे साथ चुदवाने को कोई इतने रुपये नही देगा. मैं देने को तैयार हूँ. एक बार चुदवा ले, कुच्छ नही होगा. किसी को पता नही चलेगा. ज़्यादा सोच मत”

पायल ने थोड़ा सोचा और रुआसी हो गयी. उसको भी लगा की बचने का और कोई तरीका नज़र नही आ रहा हैं. पायल ने फिर हा बोल दिया.

राज ने डॉली को इशारा कर दिया. राज अंदर के कमरे मे पायल को ले आया. डॉली ने पहले ही अंदर कॅमरा फिट करवा दिया था.

राज ने पायल का दुपट्टा निकाल दिया. फिर एक एक करके पायल के सारे कपड़े निकाल दिए. पायल वहाँ नंगे खड़े शर्मा रही थी और चेहरा रोने जैसा था.

राज: “अब ऐसी शकल बनाएगी तो मेरा चोदने का भी मन नही करेगा. सारा मूड खराब हो जाएगा. थोड़ी हँसी रख अपने चेहरे पर, लगना चाहिए की तू अपनी इक्षा से करवा रही हैं ना की कोई ज़बरदस्ती हो रही हैं. समझी?”

पायल ने हा मे सर हिला दिया, पर बिना कपड़ो के शरमाती रही.

राज: “एक स्माइल बनाए रख और मेरे उपर चढ़ कर मुझे चोद दे”

पायल: “मुझे नही आता”

राज: “तूने आज तक नही चुदवाया! चल आज मैं तेरी सील खोल देता हूँ. एक लड़की से औरत बना देता हूँ. कुच्छ नही करना हैं, मेरे लंड के उपर बैठ जाना और अपनी चूत के छेद मे डाल देना. फिर उपर नीचे उछलते हुए चुदती रहना. चल अब खुश हो जा, तेरी पहली चुदाई हैं. करना तो हैं ही, तो मज़े लेकर कर”

पायल ने एक सुखी सी स्माइल दी. राज अपने कपड़े उतार कर नंगा लेट गया. पायल ने पहली बार बड़े आदमी का लंड देखा था और थोड़ी घबरा रही थी की इतना मोटा लंड अपनी चूत मे कैसे लेगी!
 
पायल जाकर राज के लंड पर बैठ गयी. राज पायल की मदद करते हुए अपना लंड उसकी चूत मे उतारने लगा. पायल एक दर्द के साथ थोड़ी चीख उठी.

राज ने पायल के मूह पर हाथ रख उसको कम चिल्लाने को बोला. पायल ने अपने मूह पर हाथ रखा और आँखें गीली हो गयी. उसकी चूत मे बहुत जलन और दर्द हो रहा था.

राज ने पायल की कमर पकड़ी और उसके शरीर को उपर नीचे करने को कहा. दर्द से आहत पायल अब उपर नीचे होने लगी.

राज बार बार पायल को खुश होने को कह रहा था. पायल थोड़ी स्माइल देती पर फिर उस लंड की अपनी चूत मे होती रगड़ से उसके हाव भाव बदल जाते.

पायल के हाथ पैर बुरी तरह से काँप रहे थे और वो अपनी पहली चुदाई मे नर्वस थी. राज के मोटे लंड की चूत मे रगड़ से पायल को एक मीठा दर्द हो रहा था.

पायल अपनी कराहटो पर फिर काबू पा लिया था और अपने दोनो हाथ राज की छाती पर रखे अपनी गान्ड को उपर नीचे पटकते हुए चुद रही थी.

पायल की आहें चल रही थी और राज एक स्माइल के साथ बीच बीच मे पायल की गान्ड पर एक हल्का सा हाथ मार देता.

पायल की चूत थोड़ी ही देर मे पूरी तरह अड्जस्ट हो चुकी थी और उसकी उच्छालने की स्पीड बढ़ गयी. चुदाई की स्पीड बढ़ने के साथ ही राज का मज़ा भी बढ़ने लगा और वो आहें भरने लगा.

पायल भी अब आहें भरते हुए पूरा मज़ा ले रही थी. उसको भी लग गया की चुदाई का कितना नशा हैं. राज ने पायल को पीठ उसकी तरफ कर चुदने को बोला.

पायल ने अपनी पोज़िशन बदल ली. अब पायल की पीठ नीचे लेते हुए राज के चेहरे की तरफ थी और उसके लंड पर बैठी थी.

पायल ने एक बार फिर राज का लंड अपनी चूत मे लिया और चोदना चालू किया. पायल को कोई आइडिया नही था की जिस तरफ वो देख रही थी उसी तरफ कॅमरा लगा था.

राज को चोदने के मज़े देते हुए पायल का नशीला चेहरा उस कमेरे मे रेकॉर्ड होने लगा. पायल को सिर्फ़ यह महसूस हुआ की एक अच्छी चुदाई के साथ उसका चोरी का इल्ज़ाम मिट जाएगा.

फ़चक्क फ़चाक की आवाज़ो के आने के साथ राज को लग गया की पायल की चूत मे उन दोनो का पानी बनने लगा हैं. पायल को यह तक ध्यान नही था की बिना प्रोटेक्षन चुदाई हो रही थी.

अपनी चूत से आती उन नशीली आवाज़ो के साथ पायल भी उनमे घूम गयी और तेज आहें भरते वो ज़ोर लगा कर चोदती रही.

थोड़ी देर बाद पायल की चूत फफकने लगी. उसकी चूत मे जैसे चीटियाँ चल रही थी. उसकी चुदाई की खुजली बढ़ने लगी थी.

एक नशे मे घूम होते हुए उच्छलते हुए पायल अपने चरम पर पहुचने लगी. वही नीचे लेटे राज पर भी एक कसी हुई चूत को चोदने का नशा सवार था.

बिना कॉंडम के एक कच्ची कली को चोदते हुए लंड का जूस कुच्छ ज़्यादा ही तेज़ी से बन कर छूटने लगा था. राज ने नीचे लेटे ही पायल की चूत मे झटके मारने शुरू किए.

एक सुई की तरह राज के लंड के झटके अब पायल की चूत मे पड़ रहे थे और पायल बदहवास सी हो चुकी थी. अपना मूह खोले आहें भरते पायल झड़ने लगी थी.

राज ने भी पायल की तीखी आहें सुनी और अपने लंड का पूरा ज़ोर लगाते हुए अपनी पिचक्कारी चला दी और पायल की कुँवारी चूत को अपने जूस से पूरा गंदा कर दिया.

चुदाई का नशा उतरा तो पायल को अहसास हुआ की वो कहा हैं. उसने और राज ने अपने कपड़े पहनने शुरू किए.

पायल ने अपने कपड़े पहने तब तक राज बाहर आकर डॉली से मिला. राज फिर पायल को लेकर वहाँ से चला गया की अब वो उसके लिए कही और नौकरी ढूंढेगा.

डॉली ने कमरे मे जाकर वो कॅमरा ले लिया और वीडियो देख लिया. डॉली ने फिर शमित को मिलने के लिए बुलाया ताकि वो उसको उसकी गर्ल फ्रेंड का सेक्स वीडियो दिखा सके.

पिच्छली बार की घटना याद कर शमित ने मिलने से इनकार कर दिया. शमित ने डॉली को मिलने के लिए लाइब्ररी मे आने को कहा. डॉली खुद शमित से मिलने के लिए निकली.

शमित अधिकतर एक लाइब्ररी मे आता था. डॉली भी उस से मिलने वहाँ पहुच गयी. वहाँ पहुच कर डॉली ने देखा की शमित किसी औरत से बैठ कर बात कर रहा हैं.

डॉली ने च्छुपकर देखना शुरू किया. जब उसने उस औरत की शकल देखी तो उसके पैरो तले ज़मीन खिसक गयी. शमित के साथ वाली औरत डॉली की मम्मी ज्योति थी.

ज्योति ने शमित का हाथ अपने हाथ मे पकड़ रखा था और स्माइल करते हुए बड़े प्यार से धीरे धीरे बातें कर रहा था.

कभी कभी ज्योति ने शमित के कंधे पर भी हाथ रखा था. इतने प्यार मे लग रहे थे की एक दूसरे से नज़रे नही हट रही थी.

डॉली को आश्चर्य हुआ की उसकी मा ज्योति का एक जवान लड़के के साथ चक्कर चल रहा हैं. वो भी ऐसा लड़का जो डॉली को पसंद हैं.

ज्योति इतनी कॅरक्टरलेस निकलेगी इसका उसको यकीन नही हो रहा था. लोगो से छिपने के लिए वो दोनो एक सुनसान लाइब्ररी मे मिलते थे और अपना प्यार बढ़ा रहे थे.

डॉली का दिल टूट गया. पहले वो जय से प्यार करने लगी तो ज्योति ने उस रिश्ते को इनकार कर दिया यह बोलकर की जय उसका भाई हैं. अब जब शमित पसंद आया तो वो भी ज्योति के प्यार मे पड़ा था.

वो यही सोच रही थी की अगर शमित ज्योति को प्यार करता हैं तो पायल के साथ उसका क्या रिश्ता हैं. डॉली को लग गया की शमित एक जवान लड़की पायल के साथ साथ ज्योति को भी प्यार कर रहा हैं. मगर डॉली को यह समझ नही आया की शमित ने उसके जैसी सुंदर लड़की को चोदने से मना क्यू कर दिया.

नेक्स्ट एपिसोड मे पढ़िए क्या शमित और ज्योति आशिक़ थे.
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अब तक आपने पढ़ा की एक तरफ डॉली ने राज के साथ मिलकर पायल को चुदवा कर शमित के रास्ते से हटाना चाहा. दूसरी तरफ लाइब्ररी मे शमित को ज्योति के साथ नज़दीक देखकर उसको आश्चर्य हुआ.
अब आगे…

डॉली ने वेट किया. ज्योति के जाने के बाद जब शमित भी लाइब्ररी से बाहर आया तो डॉली ने उसको रोक दिया और उस से बात शुरू की.

डॉली: “तुम्हे मुझमे कोई इंटेरेस्ट नही हैं पर एक साथ दो से इश्क़ लड़ा रहे हो. एक तरफ पायल तो दूसरी तरफ यह अपने से ज़्यादा उम्र की औरत!”

शमित: “मैं किसी पायल को नही जानता”

डॉली ने शांति को पायल का फोटो दिखाया.

शमित: “इसको मैने कही देखा हैं. शायद राज के साथ. वो वहाँ नौकरी के लिए आई थी”

डॉली: “तो यह तुम्हारी गर्ल फ्रेंड नही हैं!”

शमित: “मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही हैं, मेरा काम ही मेरी गर्ल फ्रेंड हैं”

डॉली: “तो फिर तुम मेरी जैसी जवान खूबसूरत लड़की को छोड़कर एक ज़्यादा उम्र की औरत के पीछे क्यू पड़े हो. क्या कमी हैं मुझमे?”

शमित: “प्राब्लम तुम्हारे आटिट्यूड की हैं. तुम्हे लगता हैं की तुम जिस चीज़ पर हाथ रख दोगि वो तुम्हारी हो जाएगी”

डॉली: “मैं तुम्हे पसंद करने लगी थी इसलिए अपने आप को तुम्हे सौंप रही थी. इसमे क्या ग़लत हैं!”

शमित: “ग़लत यह हैं की मेरे मना करने के बाद भी तुम मुझ पर चढ़े जा रही थी”

डॉली: “ऐसा कैसे चुदवाती हैं वो औरत की तुम पर उनका जादू चढ़ा हुआ हैं”

शमित: “कुच्छ तो शर्म करो, वो मेरी मा की उम्र की होगी”

डॉली: “मगर मा तो नही हैं ना! मम्मी की उम्र की औरत के साथ क्या कर रहे थे!”

शमित: “अगर वो मेरी मा भी हैं तो तुम्हे इन सब से क्या लेना!”

शमित वहाँ से चला गया. डॉली सोच मे पड़ गयी. कही यह वोही बच्चा तो नही हैं जो ज्योति की शादी के पहले प्रेग्नेंट होने की वजह से हुआ था!

डॉली ने अपने दिमाग़ पर ज़ोर डाला. ज्योति ने जब अपनी कहानी बताई थी तो कहा था की उनके बाय्फ्रेंड शांतनु से एक बच्चा पैदा हुआ था. शायद यह वोही बच्चा हैं जो ज्योति के पास लौट आया हैं.

डॉली ने शमित के नाम पर भी गौर किया. शमित का नाम अपने पापा और मम्मी के नाम से जोड़ कर बनाया गया हो सकता हैं. शांतनु+ज्योति से मिलकर शा+ज्योति नाम बना होगा. जैसा की ज्योति ने पहले बताया था की होने वाले बच्चे का नाम वो मम्मी पापा के नाम से मिलकर रखने वाले थे.

डॉली के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी. शमित की ज़िंदगी मे कोई लड़की नही थी. पायल तो कभी उसकी गर्लफ्रेंड थी ही नही और ज्योति तो शमित की मम्मी हैं.
 
डॉली फिर थोड़ा निराश भी हुई. ज्योति उन दोनो के रिश्ते को कभी स्वीकार नही करेगी. डॉली ने कुछ दिन तक सोचा और फिर एक प्लान बनाया. डॉली एक बार फिर शमित के सामने आई.

डॉली: “मैं तुम्हे पाने के लिए जो कहोगे करूँगी. मुझे अपने घर परिवार के बारे मे बताओ”

शमित: “तुम्हे क्यू जानना हैं, प्यार तो मुझसे किया हैं ना!”

डॉली: “तुम्हारे पापा शांतनु कहा हैं आजकल?”

शमित को थोड़ा आश्चर्य हुआ.

शमित: “तुम मेरे पापा को कैसे जानती हो!”

डॉली: “तुम्हारे मा बाप की शादी नही हो सकी थी. मैं तो तुम्हारी मा को भी जानती हूँ जो तुम्हे बचपन मे ही छोड़ चुकी हैं”

शमित: “क्या! कौन हैं वो”

डॉली: “मुझे पता हैं की तुम्हारी मम्मी का नाम ज्योति हैं और तुम उनके नाजायज़ बच्चे हो”

शमित फिर से सोच मे पड़ गया.

शमित: “तुम्हे कैसे पता?”

डॉली: “तुम्हारे जनम को छिपाने के लिए तुम्हारी मम्मी ज्योति ने मुझे गोद लिया था और तुम्हारी जगह मैने उनकी ज़िंदगी मे ले ली थी”

शमित: “कहा हैं वो?”

डॉली: “ज़्यादा अंजान मत बनो. तुम्हे नही पता! तुम जिनसे लाइब्ररी मे मिलते हो वोही ज्योति हैं, मुझे पालने वाली मेरी मम्मी और तुम्हारी असली मम्मी. तुम्हे सच मे नही पता?”

शमित: “नही. वो तो मुझे मेरे सोशियल वर्क के लिए हेल्प करती हैं बस, अपने बेटे की तरह मानती हैं. मुझे नही पता था की वो मेरी असली मा ज्योति हैं”

डॉली: “अब तो पता चल गया!”

शमित एक गहरी सोच मे डूब गया. डॉली ने उसको जगाया “क्या सोच रहे हो”. तो फिर शमित विचारो से बाहर आया.

शमित: “मैं उनको मा नही मानता. उन्होने मुझे पैदा करके हमेशा के लिए अपने से दूर कर दिया. मा का प्यार नही दिया. मुझे उनसे नफ़रत हैं”

डॉली: “तुम मेरी ज़िंदगी मे आ जाओ, मैं तुम्हे प्यार दूँगी”

शमित: “मैं एक वर्जिन हूँ. क्या तुम वर्जिन हो?”

डॉली: “मेरी शादी हो चुकी हैं, मैं एक विधवा हूँ”

शमित: “तो तुमने अपने पति के अलावा किसी के साथ नही चुदवाया?”

डॉली की अब बोलती बंद हो गयी. वो तो पहले ही कॉलेज मे लड़को के साथ चुदवा चुकी थी, और फिर अमर, आरके, जय और राज के साथ भी चुदवा चुकी हैं.

डॉली: “कई लोगो के साथ चुदवाया हैं. पर एक बार तुम मुझे मिल जाओ तो मैं ऐसी ग़लती कभी नही करूँगी. मैं अब एक सीधी और अच्छी ज़िंदगी जीना चाहती हूँ”

शमित: “तुम मे इतनी ख़ामिया हैं फिर भी तुम चाहती हो की मैं तुम्हे अपना लू?”

डॉली: “मैं भी तुम्हारी ग़लतिया माफ़ कर दूँगी, तुम मेरी ग़लतिया माफ़ कर दो”

शमित: “मैं तुम्हारी सारी ग़लतिया माफ़ कर तुमको अपना सकता हूँ, मगर मेरा एक काम करना होगा”

डॉली: “मैं अपनी ज़िद के लिए कुच्छ भी कर सकती हूँ”

शमित: “मेरी मम्मी ज्योति मुझे बचपन मे ही दूर चली गयी, इनसे मुझे मेरा बचपन खराब करने का बदला लेना हैं. बचपन से यही सोचता था की जिस दिन मेरी मम्मी मिलेगी उस दिन उनको चोद कर अपनी भडास निकालूँगा”

डॉली: “क्या!! तुम अपनी मम्मी को चोदना चाहते हो?”

शमित: “हा, वैसे भी मैं उनको अपनी मम्मी नही मानता हूँ. मेरे पापा शांतनु मेरे लिए एक सौतेली मा लाए. उसने मुझे बचपन से मारा पीटा. जब मैं जवान होने लगा तो मेरी सौतेली मा ने मेरे साथ भी संबंध बना लिया. मेरे लिए मा को चोदना कोई नयी बात नही होगी”

डॉली: “तुम तो अभी बोल रहे थे की तुम वर्जिन हो”
 
शमित: “झूठ बोला था; यह पता लगा रहा था की तुम कितनी दूध की धूलि हुई हो! मैने अपनी सौतेली मा को चोदने का पाप किया, मैं अशुद्ध हूँ इसलिए लड़कियो से दूर रहता हूँ. तुम भी दूसरे मर्दो से चुदवा चुकी हो और अशुद्ध हो चुकी हो. हम एक जैसे हैं”

डॉली: “मुझे तुम मंजूर हो”

शमित: “तुम मेरी हेल्प करोगी की मैं अपनी मम्मी ज्योति को चोद पाऊ. मुझे अपनी मम्मी ज्योति से बदला लेना हैं”

डॉली को लगा की अपनी ज़िद पूरी कर शमित को पाने का एक यही आख़िरी तरीका बचा हैं. हालाँकि इसके लिए उसो अपनी मम्मी ज्योति को उनके ही बेटे से चुदवाने को मनाना होगा.

डॉली: “मैं तुम्हारी मम्मी को तुम्हारे सामने लेकर आउन्गी, वो मान जाए तो तुम उन्हे चोद लेना. मगर मैं कब से तड़प रही हूँ, पहले तुम मुझे चोद कर मेरी प्यास बुझा दो”

शमित:”मैने आज तक सिर्फ़ अपनी सौतेली मा को ही चोदा हैं. एक बार अपनी असली मा ज्योति को चोदना हैं, फिर मुझे सुकून मिलेगा. फिर ही मैं तुम्हारे साथ अपना नया जीवन शुरू कर पाउन्गा ”

डॉली: “ठीक हैं, मैं आज रात ही तुम्हारी मम्मी को अपने घर बुलाती हूँ”

डॉली ने शमित की मम्मी ज्योति को फोन लगाया.

डॉली: “आपने अपने पहले बच्चे के बारे मे बताया था, मुझे वो बच्चा मिल गया हैं. उस से मिलना हैं तो मेरे घर आ जाओ”

ज्योति बहुत खुश हुई और तुरंत डॉली के घर पर पहुच गयी. वहाँ पर शमित पहले ही बैठा था. ज्योति ने शमित को पहचान लिया था, उस से वो लाइब्ररी मे मिली थी.

ज्योति: “तुम! तुम यहा! ”

डॉली: “यह शमित ही आपका वो बिछडा हुआ बेटा हैं”

ज्योति: “क्या!”

शमित: “हा, मुझे भी डॉली ने पूरी कहानी बताई तो मुझे पता चला की आप मेरी मा हो”

ज्योति आगे बढ़ी और शमित के माथे पर चूमा और फिर उसको अपने गले से लगा लिया. ज्योति जब गले लगकर शमित से दूर हुई तो शमित ने पीछे हटते हुए हुए ज्योति की सारी का पल्लू भी अपने साथ खींच किया. पल्लू गिरते ही ज्योति के ब्लाउस से दो गोल गुंबद दिखने लगे.

ज्योति थोड़ा सकते मे आ गयी. मगर शमित के चेहरे पर एक कुटील मुस्कान थी. ज्योति ने अपना पल्लू फिर से अपनी तरफ खींचना चाहा पर शमित ने पल्लू दूसरी तरफ खिचना जारी रखा.

ज्योति: “यह क्या कर रहे हो शमित?”

शमित: “अपने उजडे हुए बचपन का बदला आज मैं आपकी इज़्ज़त उजाड़ कर लूँगा”

ज्योति फिर डॉली की शकल देखने लगी, उसको देख कर ज्योति को लग गया की डॉली पहले ही यह जानती थी की शमित ज्योति के साथ क्या करना चाहता था. ज्योति ने अपना पल्लू छोड़ कर शांति से खींचने दिया.

ज्योति: “एक तरफ मेरा बेटा मेरी इज़्ज़त लूटना चाहता हैं और दूरी तरफ जिसको मैने अपनी बेटी की तरह पाला हैं वो भी उसका साथ दे रही हैं! कर लो जो भी करना हैं मेरे साथ. मैं तुम्हारी गुनहगार हूँ”

शमित: “मेरे एमोशन तो कब के मर चुके हैं. आप मुझे एमोशनली ब्लॅकमेल नही कर सकती”

शमित ने ज्योति की सारी को बदन से पूरा निकाल दिया. ज्योति अब ब्लाउस और पेटीकोट मे खड़ी थी.

शमित: “डॉली मेरी हेल्प नही करोगी अपनी मा को नंगा करने मे!”

डॉली थोड़ा संकोच करते हुए आगे आई. ज्योति ने डॉली की आँखों मे झाँका, डॉली ने अपनी नज़रे चुरा ली. डॉली फिर ज्योति के ब्लाउस के हुक खोलने लगी. ब्लाउस का हर हुक खुलने के साथ ही ज्योति एक कड़वा घूँट पी रही थी. जल्दी ही डॉली ने ज्योति का ब्लाउस निकाल दिया.

तेज साँसें भरती हुई ज्योति की भारी हुई छाती उपर नीचे हो कर फूल रही थी और ब्रा से झाँकते मम्मे लुभा रहे थे. डॉली ने ज्योति का ब्रा भी निकालते हुए ज्योति को टॉपलेस कर दिया. शमित फिर आगे बढ़ा.\

शमित: “बचपन मे आपने मुझे अपने मम्मों का दूध नही पिलाया. आज वो कमी पूरी करते हुए मैं आपके मम्मे चुसूगा. मेरे लिए इन मम्मों मे दूध बचा कर रखा हैं ना आपने!”

शमित ने अपने होंठ खोल कर ज्योति के एक निपल को अपने मूह मे दबा लिया और चूसने लगा. ज्योति ने आँखें बंद कर ली और उसकी एक आ निकली और शमित ने ज्योति के बड़े से बूब्स को अपने होंठो से चूस्ते हुए निचोड़ना शुरू कर दिया.

ज्योति की लगातार दर्द भरी आहें निकल रही थी. ज्योति की यह मानसिक हालत देखकर डॉली को भी बुरा लग रहा था पर वो भी लाचार थी.

शमित ने एक मम्मा छोड़ा और दूसरे मम्मे को चूसने लगा. दोनो मम्मों को अच्छे से चूस कर निचोड़ने के बाद शमित अपने मूह पर हाथ फेरते हुए पीछे हटा जैसे सचमुच उसने मा का दूध पी लिया हो.

शमित: “बहुत रसीले हैं आपके मम्मे. अब आपके नीचे के कपड़े कौन खोलेगा चुदाई के लिए?”

शमित ने पहले डॉली की तरफ देखा. डॉली को फिर से संकोच हुआ पर फिर वो ज्योति की तरफ बढ़ने लगी ताकि ज्योति को पूरा नंगा कर पाए.

शमित: “नही नही, मेरी मा खुद अपने नीचे के कपड़े निकाल कर अपने बेटे से चुदने के लिए तैयार होगी”

अगले एपिसोड मे पढ़िए शमित अपनी बिछडी मा की इज़्ज़त को कैसे तार तार करेगा!

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अब तक आपने पढ़ा की शमित को अपनी असली मा ज्योति के बारे मे पता चला और अब वो ज्योति को चोद कर बदला लेना चाहता था इसलिए डॉली से ज्योति को टॉपलेस करवाया और फिर ज्योति को नीचे के कपड़े खोल कर पूरा नंगा होने को बोला.
अब आगे…
ज्योति ने शमित की और देखते हुए बिना पालक झपकाए अपने पेटीकोट की डोरी खोल दी और पेटीकोट नीचे कदमो मे गिर गया और पैंटी मे आ गयी. ज्योति की नज़रे शमित के चेहरे पर थी जिस पर कोई शिकन नही थी.

ज्योति के साथ साथ डॉली को भी बहुत दुख हुआ. फिर ज्योति ने अपनी पैंटी भी खोलते हुए अपने दोनो बच्चो के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गयी थी. डॉली ने तो एक बार अपनी आँखें ही बंद कर ली.’

शमित: “शरमाओ मत मा. ज़रा अपनी चूत को अच्छे से दिखाओ”

ज्योति ने अपने पाव थोड़े चौड़े कर लिए और फिर शमित के कहने पर अपनी एक टाँग उठा कर दूसरे से दूर कर अपनी खुली चूत भी दिखाई.

शमित: “अब आकर मेरा लंड चूस लो मेरी मम्मी”

ज्योति अब पूरी नंगी आगे बढ़ी और शमित के सामने आकर घुटनो के बल बैठी और शमित की पैंट खोला. शमित का कड़क लंड अंडरवेर से एक झटके मे उछलता हुआ बाहर आ गया. ज्योति ने फिर लंड बाहर पकड़ लिया.

शमित: “ज़्यादा सोचो मत, डाल दो अपने मूह मे”

अगले ही पल शमित का लंड ज्योति के मूह मे समा गया और शमित की एक गहरी आ निकली. डॉली गंभीरता से वो नज़ारा देख रही थी. ज्योति शमित का लंड अपने मूह मे अंदर बाहर कर चुस्ती रही और शमित की आहें निकलती रही.

शमित: “कैसा लगा रहा हैं मम्मी! पापा का लंड तो आपने चूसा ही होगा, वैसा ही स्वाद आ रहा हैं ना!”

पीछे खड़ी डॉली ने अपनी नज़रे फिरा ली. शमित ने उसको देखा और उसको टोक दिया.

शमित: “डॉली, तुमने अपनी आँखें क्यू बंद कर ली. तुम्हारी भी मम्मी हैं यह, देखो कैसे जबरदस्त लंड चुस्ती हैं. तुम भी सीखो कुच्छ इनसे”

डॉली ने ना चाहते हुए भी उसको पालने वाली मम्मी के नंगे बदन को देखा जो भारी मन से शमित का लंड चूस रही थी.

ज्योति ने शमित का लंड छपर्र छपर्र करते हुए चूसना जारी रखा और डॉली यह सब देख तड़पति रही. शमित के लंड का थोड़ा पानी भी निकलने लगा था. मगर ज्योति फिर भी नही रुकी.

शमित: “मेरे लंड का दूध निकाल दिया मेरी मा ने, जब की मैं इनके मम्मे को चूस कर दूध नही निकाल पाया. कोई बात नही, अब मैं इनकी चूत का दूध निकालता हूँ”

शमित ने ज्योति का सर पकड़ा और अपने लंड से दूर किया. शमित का लंड चिकना हो चुका था.

शमित: “मेरा लंड गंदा कर दिया आपने मम्मी. अब आप इसको चाट कर सॉफ करो”

ज्योति ने शमित का लंड अपने हाथ मे पकड़ा और ज़ुबान बाहर निकाल कर चाटने लगी. शमित इस बीच ज़ोर ज़ोर से नकली आहें भरता रहा और ज्योति को अपमानित करता रहा जब तक की लंड पूरा सॉफ नही हो गया.

इस दौरान डॉली अपनी आँखों पर हाथ रखे इस गंदे दृश्य को देखना नही चाहती थी पर शमित ने उसको देखने को मजबूर किया और डॉली को वो सब देखना पड़ा.
 
शमित: “चलो मम्मी अब आप घोड़ी बन जाओ”

ज्योति अपने घुटनो और हाथ के पंजो के बल बैठ कर घोड़ी बन गयी. ज्योति के बड़े बूब्स उसकी छाती से लटक गये. शमित पास मे आया और अपनी उंगलिया ज्योति की नंगे बदन पर फेरने लगा.

फिर अपनी उंगलिया ज्योति की गान्ड की दरार मे फेरने लगा और गान्ड के गाल भी थोड़ा दबा कर देखने लगा. दूसरे हाथ से ज्योति के लटके बोबोस को दबाने और दबोचने लगा.

शमित ने अपनी एक उंगली अचानक से ज्योति की गान्ड के छेद मे उतार दी और ज्योति की एक आ निकल गयी. यह देखकर डॉली भी थोड़ा ऊच्छल पड़ी. शमित ने अपनी उंगली को ज्योति की गान्ड मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. ज्योति भी गुदगुदी के मारे हल्की सिसकी मार रही थी.

शमित: “क्या हुआ मम्मी, कभी अपनी गान्ड मे उंगली नही करवाई क्या!”

शमित ने एक हाथ से ज्योति के बूब्स को दबाना अभी भी जारी रखा था. फिर अपनी उंगली ज्योति की गान्ड से बाहर निकाली और घोड़ी बनी हुई ज्योति के सामने पैर चौड़े कर लेट गया.

शमित: “चलो मम्मी, अब मेरी गोटिया को चाटो”

शमित ने अपने पाव खोल कर अपने लंड को ज्योति की चूत के सामने कर दिया. डॉली अपन सर ना मे हिला रही थी. ज्योति ने सर नीचे करते हुए अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और शम्मित की गोटियो को चाटना शुरू कर दिया.

शमित का लंड फिर से कड़क होने लगा और गोटिया भी कड़ी होती रही. शमित “आ, अया, मज़ा आ रहा हैं मम्मी, करते रहो “ बोलता रहा. ज्योति कुच्छ देर तक शमित की गोटियों को चाटती रही.

शमित ने ज्योति को फिर वहाँ पड़े सोफे पर उपर टांगे कर बैठा दिया. दोनो पाव चौड़े हो गये और ज्योति की बालो भारी चूत खुल गयी. शमित ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और चूत की दरार मे नीचे से उपर की तरफ एक बार चाटा.

ज्योति ने एक गहरी साँस ली और उसकी आवाज़ सबको सुनाई दी. शमित ने अपनी उंगली से ज्योति की चूत के बाहरी हिस्से को रगड़ा.

शमित: “चूत पर बाल बहुत हैं आपके मम्मी. लगता हैं आपको कोई रेग्युलर्ली चोदता नही हैं. डॉली तुम अपनी चूत दिखाओ”

डॉली ने थोड़ी हिचकिचाहट के साथ अपनी लेगिंग नीचे की और अपनी चूत दिखाई जो सफाचट थी.

शमित: “देखो मम्मी, तुम्हारी बेटी ने चूत कैसी सॉफ रखी हुई हैं”

डॉली ने अपनी लेगिंग फिर से उपर कर दी. शमित ने थोड़ी देर और ज्योति की बालो भरी चूत पर हाथ रगड़ते हुए सहलाया. फिर अपनी उंगली थोड़ी से चूत के छेद मे उतार कर हल्का सा अंदर बाहर किया.

ज्योति की चूत गीली हो चुकी थी और उसकी आहें निकलने लगी. शमित ने फिर अपनी उंगली पूरी जितना चूत के अंदर उतार सकता था उतनी अंदर उतार दी. ज्योति की आँख बंद हो गयी और गहरी साँस लेने लगी.

शमित: “मम्मी, मज़ा आ रहा हैं ना!”

मगर ज्योति ने कोई जवाब नही दिया क्यू की सारे जवाब ज्योति की आहों से आ रहे थे. शमित ने अपनी पूरी उंगली को ज्योति की चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो ज्योति की लगातार आआहएं बढ़ने लगी.

शमित: “देखो तो मम्मी के मम्मे कितने टाइट हो गये हैं और रोंगटे खड़े हो गये हैं. डॉली इसका क्या मतलब हैं ज़रा बताओ तो?”

डॉली थोड़ा सकुचा सी गयी. मगर शमित ने उसको फिर से पूछा तो डॉली को जवाब देना पड़ा.

डॉली: “मम्मी की चुदने की इक्षा हो रही हैं”
 
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