hotaks444
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जब हम उन लड़कियों के कमरे पे पहुँचे तो रीता ने दरवाज़ा खोला. वो पूरी तरह नंगी थी. कमरे मे आने के बाद मेने देखा की अनीता भी नंगी ही सोफे पर बैठी थी. रश्मि ने तुरंत अपनी शॉर्ट और टीशर्ट उतार कर कमरे के एक कौने मे फैंक दी. तीनो लड़कियाँ मेरी तरफ देख इस बात का इंतेज़ार कर रहीं थी कि में कब कपड़े उतारती हूँ. मेने रश्मि की नकल करते हुए अपने कपड़े उतार दिए.
मेने नंगी लड़कियों की ओर देखा. सब अपने आप में सुंदरता की मूरत थी. रीता के लंबे बदन की लड़की थी, सुडौल कमर लंबी टाँगे और भरे भरे चुतताड. अनीता उसके मुक़ाबले थोड़ी भरे बदन की थी, भारी भारी चुचियाँ और मसल जंघे. दोनो ने अपनी चूत के बालों को तराशा हुआ था जिससे उनकी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी.
रीता और अनीता मेरे पास आई और बोली, "शरमाने की ज़रूरत नही है."
फिर उन्होने रश्मि को पकड़ कर बिस्तर पे बिठा दिया और खुद उसके अगल बगल बैठ गयी. फिर सब बातें करने लगे. ऊन्दोनो ने मुझे भी अपने बगल मे बीत लिया और बातें करने लगे. थोड़ी देर में ही बातों का विषय सेक्स पर आ गया.
रीता और अनीता बताने लगे कि किस तरह उन्हे मर्दों से ज़्यादा आपस मे सेक्स करने में मज़ा आता है. में समझ गयी कि ये दोनो लेज़्बीयन है. और इन्हे औरतों के साथ सेक्स में अच्छा लगता है. मेने आज तक रश्मि के अलावा किसी और औरत के साथ सेक्स नही किया था, और आज में एक नही तीन लड़कियों के साथ इस कमरे मे थी. तीन लड़कियों के साथ सेक्स का अनुभव ये सोच कर ही मेरे बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गयी.
"तुम कितनी सेक्सी लगती हो?" कहकर रीता राशिम के बदन पर अपने हाथ फिराने लगी.
अनीता भी अब मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगी. उसने मेरी चुचियों के भींचते हुए कहा, "क्या आपने कभी नकली लंड यानी डिल्डो का मज़ा लिया है?"
"नही हमने ये मज़ा आज तक नही लिया पर राज और रवि ने एक साथ हमे मज़ा ज़रूर दिया है." रश्मि ने जवाब दिया.
अनीता ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और घूम कर मेरे उपर आ गयी. उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर रखी और खुद मेरी टाँगो को फैला मेरी चूत को चूसने लगी. में भी अपने अंदर की उत्तेजना को रोक नही पाई और उसके चुतताड पकड़ अपनी जीभ उसकी चूत मे घुसा दी.
वही हाल रश्मि का था. रीता उसके उप्पर लेट उसकी चूत को चूस रही थी और रश्मि नीचे से अपनी जीभ रीता की चूत के अंदर घुसाए हुए थी.
अनिता अपनी जीभ को मेरी गांद के छेद तक ले जाती और फिर अपनी जीब को रगड़ते हुई मेरी चूत तक ले आती. जब वो अपनी नुकीली जीभ से मेरी गांद के छेद पे घूमती तो अजीब सी गुदगुदी और सनसनी मच जाती. मैं जोश मे ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रही थी. हम दोनो की रफ़्तार बढ़ी हुई थी और मेरे सब्र का बाँध छूटने वाला था. मेने अपने हाथों से उसके सिर को अपनी चूत पर और दबा दिया और मेरी चूत ने तभी पानी छोड़ दिया. अनीता की चूत ने भी पानी छोड़ा तो मेरा मुँह पूरा का पूरा भर गया. बड़ी मुश्किल से में उसके पानी को गटक पाई.
अनीता मेरी चूत को इस तरह चूस रही थी जिससे एक बूँद भी अंदर ना रह जाए. रश्मि की भी यही हालत थी. अब रीता और अनीता ने अपनी जगह बदल ली. रीता नीचे लेट गयी और मुझे खुद के उप्पर कर लिया.
फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि रीता मेरी चूत चूसने के साथ साथ मेरी गांद मे अपनी उंगली डाल अंदर बाहर कर रही थी. इस दोहरे मज़े ने मुझे और उत्तेजित कर दिया था. तभी मेने देखा की अनीता अपनी जांघों पर नकली लंड लपेटे मेरी गांद मे पीछे आ गयी है.
अनीता ने थोडा थूक अपनी उंगलियों पे लिया और मेरी गांद को चिकना करने लगी, वहीं रीता की जीब मेरी चूत मे खलबली मचाए हुए थी. अनिता ने अब डिल्डो को मेरी गांद के छेद पे रखा और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगी.
में नही देख पा रही थी, पर लंड के घुसने से मुझे आससास हुआ कि नकली लंड रवि के लंड से भी मोटा है. वो मेरी गांद की दरारों को चीरता हुआ अंदर घुस रहा था और में दर्द से चिल्ला पड़ी, "उउउइईई माआर गयययी."
अनीता ने मेरी चीख पर ध्यान नही दिया और एक ही धक्के मे पूरा लंड मेरी गांद मे पेल दिया. रीता की जीभ मेरी गांद के छेद के पास से होती हुई मेरी चूत पर आती तो उस मज़े ने मेरा दर्द कम कर दिया. मैं भी अपनी गांद पीछे कर मज़े लेने लगी.
ये खेल पूरी रात चलता रहा. मेने भी अपनी कमर पर नकली लंड बाँध रश्मि की गांद की धुनाई की और अनीत और रीता उसकी चूत को साथ चूसी. ना जाने कब तक कर हम चारों सो गये.
दूसरे दिन की सुबह
सुबह हम उठे और अपने कमरे मे आ गये. राज और रवि गहरी नींद मे सोए हुए थे. मेने घड़ी मे समय देखा सुबह के 11.30 बज चुके थे. मेने उन दोनो को उठाया और तय्यार होने को कहा जिससे हम चारों नाश्ता कर सके.
तयार होते होते नाश्ते का समय निकल चुका था. हम चारों खाने की टेबल पर बैठे थे और एक दूसरे को अपनी रात के किस्से सुना रहे थे. राज और रवि बताने लगे कि किस तरह उन दोनो ने शीला की चूत चोदि.
राज ने कहा, "सबसे पहले मेने शीला की चूत चोदि फिर उसके पति विनोद ने. जब रवि ने अपना लंड उसकी चूत मे घुसाया तो उत्तेजना में इतना पागल हो गयी कि उछल उछल कर मज़े लेने लगी. वो तब तक चुदति रही जब तक रवि ने अपना वीर्य उसकी चूत मे नही छोड़ दिया."
राज ने फिर कहा, "फिर मेने अपनी जिंदगी की पहली कुँवारी गांद मारी. रवि और विनोद ने मिलकर उसे घोड़ी बना दिया और फिर विनोद ने उसकी गांद को वॅसलीन से एक दम चिकना कर दिया. रवि के मुक़ाबले मेरा लंड छोटा है इससे उसकी गांद को ज़्यादा दर्द नही हुआ."
"हां पहले तो वो थोड़ा चीखी थी फिर उसे भी मज़ा आने लगा. राज के बाद विनोद ने और फिर मेने उसकी गांद मारी. कसम से क्या कमसिन और कसी कसी गांद थी. मैं तो पागल ही हो गया था उसकी गांद मे लंड घुसा कर." रवि अपने लंड पर हाथ फेरते हुए बोला.
"शीला ने पहले कभी गांद नही मरवाई थी. और काफ़ी दिनो से वो ऐसा करना चाहती थी. जब राज के लंड ने उसकी गांद को थोड़ा ढीला कर दिया तो उसे इतना मज़ा आया कि वो मेरे और राज के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस्ति रही और उसका पति उसकी गांद मे अपना लंड डाले पेलता रहा." रवि ने कहा.
राज ने कहना शुरू किया "शीला का पति देखना चाहता था कि उसकी पत्नी तीन लंड को एक साथ कैसे लेती है, इसलिए रवि बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया. फिर शीला रवि की कमर के अगाल बगल टाँगे रख बैठ गयी और उसका लंड अपनी चूत मे डाल लिया. फिर मेने पीछे से अपना लंड उसकी गांद मे डाल दिया और विनोद सामने से उसके मुँह मे लंड दे दिया. वो अपना लंड चूसाते हुए पूरा नज़ारा देख रहा था."
मेने नंगी लड़कियों की ओर देखा. सब अपने आप में सुंदरता की मूरत थी. रीता के लंबे बदन की लड़की थी, सुडौल कमर लंबी टाँगे और भरे भरे चुतताड. अनीता उसके मुक़ाबले थोड़ी भरे बदन की थी, भारी भारी चुचियाँ और मसल जंघे. दोनो ने अपनी चूत के बालों को तराशा हुआ था जिससे उनकी चूत बड़ी प्यारी लग रही थी.
रीता और अनीता मेरे पास आई और बोली, "शरमाने की ज़रूरत नही है."
फिर उन्होने रश्मि को पकड़ कर बिस्तर पे बिठा दिया और खुद उसके अगल बगल बैठ गयी. फिर सब बातें करने लगे. ऊन्दोनो ने मुझे भी अपने बगल मे बीत लिया और बातें करने लगे. थोड़ी देर में ही बातों का विषय सेक्स पर आ गया.
रीता और अनीता बताने लगे कि किस तरह उन्हे मर्दों से ज़्यादा आपस मे सेक्स करने में मज़ा आता है. में समझ गयी कि ये दोनो लेज़्बीयन है. और इन्हे औरतों के साथ सेक्स में अच्छा लगता है. मेने आज तक रश्मि के अलावा किसी और औरत के साथ सेक्स नही किया था, और आज में एक नही तीन लड़कियों के साथ इस कमरे मे थी. तीन लड़कियों के साथ सेक्स का अनुभव ये सोच कर ही मेरे बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गयी.
"तुम कितनी सेक्सी लगती हो?" कहकर रीता राशिम के बदन पर अपने हाथ फिराने लगी.
अनीता भी अब मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगी. उसने मेरी चुचियों के भींचते हुए कहा, "क्या आपने कभी नकली लंड यानी डिल्डो का मज़ा लिया है?"
"नही हमने ये मज़ा आज तक नही लिया पर राज और रवि ने एक साथ हमे मज़ा ज़रूर दिया है." रश्मि ने जवाब दिया.
अनीता ने मुझे बिस्तर पर धकेल दिया और घूम कर मेरे उपर आ गयी. उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर रखी और खुद मेरी टाँगो को फैला मेरी चूत को चूसने लगी. में भी अपने अंदर की उत्तेजना को रोक नही पाई और उसके चुतताड पकड़ अपनी जीभ उसकी चूत मे घुसा दी.
वही हाल रश्मि का था. रीता उसके उप्पर लेट उसकी चूत को चूस रही थी और रश्मि नीचे से अपनी जीभ रीता की चूत के अंदर घुसाए हुए थी.
अनिता अपनी जीभ को मेरी गांद के छेद तक ले जाती और फिर अपनी जीब को रगड़ते हुई मेरी चूत तक ले आती. जब वो अपनी नुकीली जीभ से मेरी गांद के छेद पे घूमती तो अजीब सी गुदगुदी और सनसनी मच जाती. मैं जोश मे ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत को चूस रही थी. हम दोनो की रफ़्तार बढ़ी हुई थी और मेरे सब्र का बाँध छूटने वाला था. मेने अपने हाथों से उसके सिर को अपनी चूत पर और दबा दिया और मेरी चूत ने तभी पानी छोड़ दिया. अनीता की चूत ने भी पानी छोड़ा तो मेरा मुँह पूरा का पूरा भर गया. बड़ी मुश्किल से में उसके पानी को गटक पाई.
अनीता मेरी चूत को इस तरह चूस रही थी जिससे एक बूँद भी अंदर ना रह जाए. रश्मि की भी यही हालत थी. अब रीता और अनीता ने अपनी जगह बदल ली. रीता नीचे लेट गयी और मुझे खुद के उप्पर कर लिया.
फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि रीता मेरी चूत चूसने के साथ साथ मेरी गांद मे अपनी उंगली डाल अंदर बाहर कर रही थी. इस दोहरे मज़े ने मुझे और उत्तेजित कर दिया था. तभी मेने देखा की अनीता अपनी जांघों पर नकली लंड लपेटे मेरी गांद मे पीछे आ गयी है.
अनीता ने थोडा थूक अपनी उंगलियों पे लिया और मेरी गांद को चिकना करने लगी, वहीं रीता की जीब मेरी चूत मे खलबली मचाए हुए थी. अनिता ने अब डिल्डो को मेरी गांद के छेद पे रखा और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगी.
में नही देख पा रही थी, पर लंड के घुसने से मुझे आससास हुआ कि नकली लंड रवि के लंड से भी मोटा है. वो मेरी गांद की दरारों को चीरता हुआ अंदर घुस रहा था और में दर्द से चिल्ला पड़ी, "उउउइईई माआर गयययी."
अनीता ने मेरी चीख पर ध्यान नही दिया और एक ही धक्के मे पूरा लंड मेरी गांद मे पेल दिया. रीता की जीभ मेरी गांद के छेद के पास से होती हुई मेरी चूत पर आती तो उस मज़े ने मेरा दर्द कम कर दिया. मैं भी अपनी गांद पीछे कर मज़े लेने लगी.
ये खेल पूरी रात चलता रहा. मेने भी अपनी कमर पर नकली लंड बाँध रश्मि की गांद की धुनाई की और अनीत और रीता उसकी चूत को साथ चूसी. ना जाने कब तक कर हम चारों सो गये.
दूसरे दिन की सुबह
सुबह हम उठे और अपने कमरे मे आ गये. राज और रवि गहरी नींद मे सोए हुए थे. मेने घड़ी मे समय देखा सुबह के 11.30 बज चुके थे. मेने उन दोनो को उठाया और तय्यार होने को कहा जिससे हम चारों नाश्ता कर सके.
तयार होते होते नाश्ते का समय निकल चुका था. हम चारों खाने की टेबल पर बैठे थे और एक दूसरे को अपनी रात के किस्से सुना रहे थे. राज और रवि बताने लगे कि किस तरह उन दोनो ने शीला की चूत चोदि.
राज ने कहा, "सबसे पहले मेने शीला की चूत चोदि फिर उसके पति विनोद ने. जब रवि ने अपना लंड उसकी चूत मे घुसाया तो उत्तेजना में इतना पागल हो गयी कि उछल उछल कर मज़े लेने लगी. वो तब तक चुदति रही जब तक रवि ने अपना वीर्य उसकी चूत मे नही छोड़ दिया."
राज ने फिर कहा, "फिर मेने अपनी जिंदगी की पहली कुँवारी गांद मारी. रवि और विनोद ने मिलकर उसे घोड़ी बना दिया और फिर विनोद ने उसकी गांद को वॅसलीन से एक दम चिकना कर दिया. रवि के मुक़ाबले मेरा लंड छोटा है इससे उसकी गांद को ज़्यादा दर्द नही हुआ."
"हां पहले तो वो थोड़ा चीखी थी फिर उसे भी मज़ा आने लगा. राज के बाद विनोद ने और फिर मेने उसकी गांद मारी. कसम से क्या कमसिन और कसी कसी गांद थी. मैं तो पागल ही हो गया था उसकी गांद मे लंड घुसा कर." रवि अपने लंड पर हाथ फेरते हुए बोला.
"शीला ने पहले कभी गांद नही मरवाई थी. और काफ़ी दिनो से वो ऐसा करना चाहती थी. जब राज के लंड ने उसकी गांद को थोड़ा ढीला कर दिया तो उसे इतना मज़ा आया कि वो मेरे और राज के लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस्ति रही और उसका पति उसकी गांद मे अपना लंड डाले पेलता रहा." रवि ने कहा.
राज ने कहना शुरू किया "शीला का पति देखना चाहता था कि उसकी पत्नी तीन लंड को एक साथ कैसे लेती है, इसलिए रवि बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया. फिर शीला रवि की कमर के अगाल बगल टाँगे रख बैठ गयी और उसका लंड अपनी चूत मे डाल लिया. फिर मेने पीछे से अपना लंड उसकी गांद मे डाल दिया और विनोद सामने से उसके मुँह मे लंड दे दिया. वो अपना लंड चूसाते हुए पूरा नज़ारा देख रहा था."