desiaks
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प्रवींद्र समझता था कि नेहा अपने पापा को चाहती है और उसके साथ सेक्स अपनी खुशी से ही किया होगा उसने। खुद को बेबस और लाचार महसूस कर रहा था उस वक्त प्रवींद्र। वो सोचने लगा अपने दिमाग में दृश्य बनाते हए कि कहाँ दोनों ने इश्क फरमाया होगा? और किस तरह से नेहा ने एंजाय किया होगा अपने पापा के साथ?
फिर अचानक उसको नेहा को अपने पिता के साथ इश्क करते हुए देखने का मन हुआ। उसके मन के अंदर जो नेहा को दूसरों से चुदवाने की फैंटेसी था, वो उभर आया और वो अब नेहा को अपने पिता से चुदते हुए देखना चाहता था। वो अब नेहा से कहना चाहता था कि उसको अपने पापा के साथ चुदते हुए देखने का मौका दे। प्रवींद्र वापस किचेन में गया और नेहा से अपने पापा को आज रात को ठहराने को कहा और उसको उसे चोदने का मौका देने को कहा रात को ही ताकी वो भी देख सके।
मगर नेहा ने कहा- “अगर उसके पापा ठहरेंगे भी तो वो रात को इस घर में उसके साथ करने का रिस्क नहीं लेगा, इस घर में तीन मर्दो के होने के बावजूद..."
मगर प्रवींद्र ने नेहा से कहा- “वो अपने पापा से कहे कि वो रात को उससे मिलने आएगी गेस्टरूम में जब सब सो रहे होंगे तब..."
फिर भी नेहा ने कहा- “अगर उसका ससुर जाग गया या कुछ ऐसा वैसा हुआ तो? बहुत रिस्की होगा...” फिर नेहा
ने कहा- “वो वैसा कुछ नहीं करेगी, बहुत खतरा होगा वैसा करने में..."
प्रवींद्र किसी भी कीमत पर वो सब करवाना चाहता था। वो लाउंज में गया नेहा के पापा और पिता के साथ बातचीत करने के लिए। उसने अपने पिता से कहा- “पिताजी अंकलजी से आज रात यहीं ठहरने को कहिए, कल सुबह चले जाएंगे। अभी काफी देर हो गई है...”
तो प्रवींद्र के पिता ने नेहा के पापा से कहा- “हाँ दोस्त, आज रात यहीं ठहर जाओ कल सुबह चले जाना..'
नेहा के पापा राजी हो गये तो प्रवींद्र ने कहा- “ग्रेट, तो मैं चला गेस्टरूम को ठीक करने अंकल के लिए..."
तो प्यारे पाठकों, आप लोगों ने अगर मेरी कहानी को गौर से फालो किया तो आप सबने देखा होगा कि प्रवींद्र का कमरा और गेस्टरूम कहाँ स्थित है, तो आप सबने देखा कि प्रवींद्र का कमरा
और गेस्टरूम एक दूसरे के बगल में हैं। इसलिये अब प्रवींद्र ने यह बंदोबस्त किया, वहाँ सब ठीक ठाक करने के बहाने।
जिन दिनों नेहा अपने बाप के गाँव गई हुई थी उन दिनों में प्रवींद्र ने अपने कमरे की उस दीवार पर एक होल ड्रिल किया था यह सोचकर कि क्या पता किसी रात को उसका बाप नेहा को उस गेस्टरूम में चोदने को लेकर जाए, अपने कमरे की बजाए। तो ऐसी के पास से जो नजारा देखने को मिलता है वो तो नहीं मिलेगा देखने को उसे इसलिए उसने अपने कमरे में से एक होल ड्रिल किया था गेस्टरूम वाले कमरे के अंदर देखने के लिए। उसने दोनों कमरे में उस होल के पास एक फोटो फ्रेम लगा दिया था, याने एक अपने कमरे में और एक गेस्टरूम में। अब जबकि वो उस गेस्टरूम को तैयार करने गया तो उसने वहाँ से फोटो फ्रेम हटा दिया और वहाँ एक तौलिया लटका दिया ताकी अपने कमरे के अंदर से वो एक तार से उस तौलिया को हटा करके गेस्टरूम के अंदर झाँक सके।
गेस्टरूम में बिस्तर ठीक उस होल के अपोजिट में था और उसको सब कुछ बहुत साफ दिखाई देता। उसने वो सब कछ अपने बाप को नेहा के साथ देखने के लिए किया था। मगर उसने कभी नहीं सोचा था कि आज वो काम आएगा नेहा को अपने पिता के साथ देखने के लिए।
तब प्रवींद्र किचेन में गया नेहा को बताने कि उसका पापा रात को ठहर रहा है। और उसने यह भी कहा कि वो रात को नेहा को चोदेगा क्योंकी उसने सब बंदोबस्त कर दिया है नेहा के लिए अपने पापा के साथ रात बिताने के लिए।
नेहा नहीं मान रही थी मगर प्रवींद्र ने उसको दिलाशा दिलाया कि सब ठीक होगा, कुछ गड़बड़ नहीं होगा। किसी को भी उसके इलावा कुछ पता नहीं चलेगा। नेहा को बहुत फिकर हो रही थी क्योंकी रातों को तो ससुर उसकी लेता है।
अब प्रवींद्र का क्या प्लान था? कैसे वो सब संभाल सकता था? चलें सब साथ मिलकर देखते हैं क्या होता है?
प्रवींद्र गया लाउंज में अपने पिता और नेहा के पापा के साथ बैठने को। प्रवींद्र विस्की सर्व करता गया दोनों बूढ़ों को, और अपने पिता के ग्लास में ज्यादा डालता गया और नेहा के पिता के ग्लास में कम धालता गया। एक घंटे के बाद उसने अपने पिता को बिल्कुल नशे में धुत्त कर दिया। बीच-बीच में नेहा आकर उन लोगों को खाना परोस रही थी। प्रवींद्र ने सिर्फ एक या दो सिप विस्की के लिए थे। नेहा के पिता को भी ज्यादा नशा नहीं हआ था। मगर प्रवींद्र के पिता को उठाकर उसके बेडरूम तक ले जाना पड़ा प्रवींद्र को। वो बिल्कुल धरासाइ हो गया था, लुढ़क गया था बिल्कुल।
फिर अचानक उसको नेहा को अपने पिता के साथ इश्क करते हुए देखने का मन हुआ। उसके मन के अंदर जो नेहा को दूसरों से चुदवाने की फैंटेसी था, वो उभर आया और वो अब नेहा को अपने पिता से चुदते हुए देखना चाहता था। वो अब नेहा से कहना चाहता था कि उसको अपने पापा के साथ चुदते हुए देखने का मौका दे। प्रवींद्र वापस किचेन में गया और नेहा से अपने पापा को आज रात को ठहराने को कहा और उसको उसे चोदने का मौका देने को कहा रात को ही ताकी वो भी देख सके।
मगर नेहा ने कहा- “अगर उसके पापा ठहरेंगे भी तो वो रात को इस घर में उसके साथ करने का रिस्क नहीं लेगा, इस घर में तीन मर्दो के होने के बावजूद..."
मगर प्रवींद्र ने नेहा से कहा- “वो अपने पापा से कहे कि वो रात को उससे मिलने आएगी गेस्टरूम में जब सब सो रहे होंगे तब..."
फिर भी नेहा ने कहा- “अगर उसका ससुर जाग गया या कुछ ऐसा वैसा हुआ तो? बहुत रिस्की होगा...” फिर नेहा
ने कहा- “वो वैसा कुछ नहीं करेगी, बहुत खतरा होगा वैसा करने में..."
प्रवींद्र किसी भी कीमत पर वो सब करवाना चाहता था। वो लाउंज में गया नेहा के पापा और पिता के साथ बातचीत करने के लिए। उसने अपने पिता से कहा- “पिताजी अंकलजी से आज रात यहीं ठहरने को कहिए, कल सुबह चले जाएंगे। अभी काफी देर हो गई है...”
तो प्रवींद्र के पिता ने नेहा के पापा से कहा- “हाँ दोस्त, आज रात यहीं ठहर जाओ कल सुबह चले जाना..'
नेहा के पापा राजी हो गये तो प्रवींद्र ने कहा- “ग्रेट, तो मैं चला गेस्टरूम को ठीक करने अंकल के लिए..."
तो प्यारे पाठकों, आप लोगों ने अगर मेरी कहानी को गौर से फालो किया तो आप सबने देखा होगा कि प्रवींद्र का कमरा और गेस्टरूम कहाँ स्थित है, तो आप सबने देखा कि प्रवींद्र का कमरा
और गेस्टरूम एक दूसरे के बगल में हैं। इसलिये अब प्रवींद्र ने यह बंदोबस्त किया, वहाँ सब ठीक ठाक करने के बहाने।
जिन दिनों नेहा अपने बाप के गाँव गई हुई थी उन दिनों में प्रवींद्र ने अपने कमरे की उस दीवार पर एक होल ड्रिल किया था यह सोचकर कि क्या पता किसी रात को उसका बाप नेहा को उस गेस्टरूम में चोदने को लेकर जाए, अपने कमरे की बजाए। तो ऐसी के पास से जो नजारा देखने को मिलता है वो तो नहीं मिलेगा देखने को उसे इसलिए उसने अपने कमरे में से एक होल ड्रिल किया था गेस्टरूम वाले कमरे के अंदर देखने के लिए। उसने दोनों कमरे में उस होल के पास एक फोटो फ्रेम लगा दिया था, याने एक अपने कमरे में और एक गेस्टरूम में। अब जबकि वो उस गेस्टरूम को तैयार करने गया तो उसने वहाँ से फोटो फ्रेम हटा दिया और वहाँ एक तौलिया लटका दिया ताकी अपने कमरे के अंदर से वो एक तार से उस तौलिया को हटा करके गेस्टरूम के अंदर झाँक सके।
गेस्टरूम में बिस्तर ठीक उस होल के अपोजिट में था और उसको सब कुछ बहुत साफ दिखाई देता। उसने वो सब कछ अपने बाप को नेहा के साथ देखने के लिए किया था। मगर उसने कभी नहीं सोचा था कि आज वो काम आएगा नेहा को अपने पिता के साथ देखने के लिए।
तब प्रवींद्र किचेन में गया नेहा को बताने कि उसका पापा रात को ठहर रहा है। और उसने यह भी कहा कि वो रात को नेहा को चोदेगा क्योंकी उसने सब बंदोबस्त कर दिया है नेहा के लिए अपने पापा के साथ रात बिताने के लिए।
नेहा नहीं मान रही थी मगर प्रवींद्र ने उसको दिलाशा दिलाया कि सब ठीक होगा, कुछ गड़बड़ नहीं होगा। किसी को भी उसके इलावा कुछ पता नहीं चलेगा। नेहा को बहुत फिकर हो रही थी क्योंकी रातों को तो ससुर उसकी लेता है।
अब प्रवींद्र का क्या प्लान था? कैसे वो सब संभाल सकता था? चलें सब साथ मिलकर देखते हैं क्या होता है?
प्रवींद्र गया लाउंज में अपने पिता और नेहा के पापा के साथ बैठने को। प्रवींद्र विस्की सर्व करता गया दोनों बूढ़ों को, और अपने पिता के ग्लास में ज्यादा डालता गया और नेहा के पिता के ग्लास में कम धालता गया। एक घंटे के बाद उसने अपने पिता को बिल्कुल नशे में धुत्त कर दिया। बीच-बीच में नेहा आकर उन लोगों को खाना परोस रही थी। प्रवींद्र ने सिर्फ एक या दो सिप विस्की के लिए थे। नेहा के पिता को भी ज्यादा नशा नहीं हआ था। मगर प्रवींद्र के पिता को उठाकर उसके बेडरूम तक ले जाना पड़ा प्रवींद्र को। वो बिल्कुल धरासाइ हो गया था, लुढ़क गया था बिल्कुल।