hotaks444
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मनु फिर से अपनी माँ की चूत के पास आया तो उसने देखा कि ये तो उसकी माँ पिशाब कर रही,और उसका दिल उसको पीने का नही था,पर क्यूंकी आरती उसके सिर को लगातार अपनी चूत पर ही लगा रही थी,फिर अपनी माँ की गुलाबी चूत से निकलते हुए मूत को देख कर उसकी वासना ने अंगडाई ली और उसका दिल किया कि इसको पी ही लेना चाहिए तो उसने अपना मूह अपनी माँ की पिशाब करती हुई चूत पर लगा दिया और वो आरती के सारे पिशाब को पी गया,जब वो मूत पी रहा था तो उसको वो अपने गले से पेट में जाता हुआ गरम-2 लग रहा था,जब उसने अपनी माँ का सारा मूत पी लिया तो आरती ने उसका सिर छोड़ दिया,अब आरती के जिस्म की आग भी थोड़ी सी कम हो गयी थी.
पर मनु ने जब देखा कि उसकी माँ का सारा मूत ख़तम हो गया तो वो उठा और उसने आपनी माँ को वहीं गीले बेड पर लिटा दिया और उसके मूह पर अपना मूह रख दिया,और जो आरती का पिशाब उसके मूह मे था वो सारे का सारा आरती के मूह में डाल दिया,अब बारी आरती की थी जब मनु ने ऐसे किया और उसका ही मूत उसको ही पिलाया तो उसको बहुत ही अजीब लगा पर मनु ने भी अपनी माँ का सिर कस के पकड़ रखा था और उसने भी अपने मूह का सारा मूत आरती के मूह में जाने तक उसका सिर नही छोड़ा.
अब दोनो मा-बेटे को मूत का ही नशा चढ़ गया था,और उन दोनो को चुदाई की इच्छा बहुत बढ़ गयी थी तो मनु ने जल्दी से अपनी माँ को लिटा कर उसके उपर आ कर अपना लंड एक ही धक्के में उसकी चूत में बाड़ दिया और जल्दी-2 धक्के मारने लगा,आरती भी उसके साथ-2 धक्के लगा रही थी,दोनो माँ बेटे जबरदस्त चुदाई में मगन हो गये और कुछ ही देर में दोनो झड़ने लगे.
जब दोनो जने अच्छी तरह से झड गये तो वहीं पर गीले बेड पर ही ढेर हो गये.
और इसी तरह आरती रमण और मनु के साथ चुदाई करके अपनी प्यास बुझा लेती थी मनु भी खुश था कि अब उसे चूत के लिए कोई समस्या नही थी आरती की चुदास इतनी बढ़ चुकी थी कि वो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती थी बस इसी तरह उनकी जिंदगी मज़े से चलती जा रही थी . पर कहते हैं ना कि पाप का घड़ा जल्दी ही भर जाता है एक दिन अरविंद जल्दी घर आ गया और उसने आरती को रमण और मनु के साथ नंगी अवस्था में चुदाई करते हुए देख लिया . उस दिन अरविंद ने आरती और मनु की खूब पिटाई की . फिर आरती को तलाक़ देकर अपने से अलग कर दिया . ऐसी खबरें जल्दी ही फैल जाती है आरती ने आत्मग्लानी से आत्महत्या कर ली . मनु आज भी उस दिन को कोसता है जब उसे अपनी माँ के प्रति आकर्षण पैदा हुआ था ..
एंड.
पर मनु ने जब देखा कि उसकी माँ का सारा मूत ख़तम हो गया तो वो उठा और उसने आपनी माँ को वहीं गीले बेड पर लिटा दिया और उसके मूह पर अपना मूह रख दिया,और जो आरती का पिशाब उसके मूह मे था वो सारे का सारा आरती के मूह में डाल दिया,अब बारी आरती की थी जब मनु ने ऐसे किया और उसका ही मूत उसको ही पिलाया तो उसको बहुत ही अजीब लगा पर मनु ने भी अपनी माँ का सिर कस के पकड़ रखा था और उसने भी अपने मूह का सारा मूत आरती के मूह में जाने तक उसका सिर नही छोड़ा.
अब दोनो मा-बेटे को मूत का ही नशा चढ़ गया था,और उन दोनो को चुदाई की इच्छा बहुत बढ़ गयी थी तो मनु ने जल्दी से अपनी माँ को लिटा कर उसके उपर आ कर अपना लंड एक ही धक्के में उसकी चूत में बाड़ दिया और जल्दी-2 धक्के मारने लगा,आरती भी उसके साथ-2 धक्के लगा रही थी,दोनो माँ बेटे जबरदस्त चुदाई में मगन हो गये और कुछ ही देर में दोनो झड़ने लगे.
जब दोनो जने अच्छी तरह से झड गये तो वहीं पर गीले बेड पर ही ढेर हो गये.
और इसी तरह आरती रमण और मनु के साथ चुदाई करके अपनी प्यास बुझा लेती थी मनु भी खुश था कि अब उसे चूत के लिए कोई समस्या नही थी आरती की चुदास इतनी बढ़ चुकी थी कि वो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती थी बस इसी तरह उनकी जिंदगी मज़े से चलती जा रही थी . पर कहते हैं ना कि पाप का घड़ा जल्दी ही भर जाता है एक दिन अरविंद जल्दी घर आ गया और उसने आरती को रमण और मनु के साथ नंगी अवस्था में चुदाई करते हुए देख लिया . उस दिन अरविंद ने आरती और मनु की खूब पिटाई की . फिर आरती को तलाक़ देकर अपने से अलग कर दिया . ऐसी खबरें जल्दी ही फैल जाती है आरती ने आत्मग्लानी से आत्महत्या कर ली . मनु आज भी उस दिन को कोसता है जब उसे अपनी माँ के प्रति आकर्षण पैदा हुआ था ..
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