hotaks444
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मनु जल्दी से अपने कमरे मे आ गया,और सोचने लगा कि ये कुछ दिन से उसको क्या हो गया है,और वो क्यों आपनी मा को सेक्स की नज़र से देखने लगा है,कहीं उसका दिमाग़ तो खराब नही हो गया है,पर वो जितना आपनी मा की सेक्सी छवि को अपने दिमाग़ से निकालने की कोशिस करता वो उतनी ही ज़्यादा उसकी आँखों के सामने आ जाती.
पर अब उसको एक बार फिर से मूठ मारने की ज़रूरत महसूस होने लगी थी.वो जल्दी से बाथरूम मे घुस गया और अपने लंड को हिलाने लगा,वो अपनी मा के बारे मे सोच रहा था और अपना लंड हिला रहा था,उसे अपनी मा सेक्सी रूप मे सामने नज़र आ रही थी,वो अपना लंड तेज़-2 हिलाने लगा और फिर थोड़ी देर मे ही झाड़ गया.फिर वो लंड को और हाथों को धो कर बाहर आया.
अब मनु का नज़रिया अपनी मा के प्रति बिल्कुल बदल गया था और वो उसको एक सेक्स की देवी नज़र आ रही थी,पर वो अपनी सोच से आगे नही बढ़ सकता था,क्यूंकी वो हिम्मत उसमें नही थी.
तब मनु ने रमण को फोन किया,रमण ने फोन उठाया और पूछा कि मनु भाई क्या हाल चाल है,मनु ने कहा कि रमण भैया हाल चाल बढ़िया है और आप सूनाओ,क्या कर रहे हो,रमण बोला कि भाई आज तो रेस्ट कर रहा हूँ कल की पार्टी मे काफ़ी थक गया था तो आज तो रेस्ट ही करूँगा,और बोलो कैसे याद किया,क्या प्रिया की याद आ रही है.
मनु इस बात से थोड़ा सा शर्मा गया,वो बोला कि ऐसी कोई बात नही है,उसने तो ऐसे ही फोन मिला लिया था,अच्छा अब रखता हूँ ,कल तो आप आएँगे ही.
रमण बोला हां यार कल मिलते हैं
उधर रमण का भी हाल कुछ अच्छा नही था रात भर उसके सपनो मे आरती ही आती रही,और अब उसको लग रहा था कि अगर जल्दी से आरती उसको नही मिली तो उसका हाल खराब हो सकता है.
पर कल के आरती के हाव भाव से रमण को लग रहा था कि उसकी मंज़िल ज़्यादा दूर नही है,पर आरती अभी मनु के कारण थोडा सा झिझक रही है.
उसने सोच लिया था कि अब पहले मनु को अपने साथ अच्छी तरह से मिला कर उसको राज़ी करेगा फिर आरती को उसके बेटे के साथ मिल कर चोदेगा.
इसके लिए ही उसने मनु के सामने प्रिया नाम का चारा फेंका था,और मनु उस जाल मे फँस गया था,अब वो जैसे चाहेगा मनु को चला सकता था.
पर अब उसको एक बार फिर से मूठ मारने की ज़रूरत महसूस होने लगी थी.वो जल्दी से बाथरूम मे घुस गया और अपने लंड को हिलाने लगा,वो अपनी मा के बारे मे सोच रहा था और अपना लंड हिला रहा था,उसे अपनी मा सेक्सी रूप मे सामने नज़र आ रही थी,वो अपना लंड तेज़-2 हिलाने लगा और फिर थोड़ी देर मे ही झाड़ गया.फिर वो लंड को और हाथों को धो कर बाहर आया.
अब मनु का नज़रिया अपनी मा के प्रति बिल्कुल बदल गया था और वो उसको एक सेक्स की देवी नज़र आ रही थी,पर वो अपनी सोच से आगे नही बढ़ सकता था,क्यूंकी वो हिम्मत उसमें नही थी.
तब मनु ने रमण को फोन किया,रमण ने फोन उठाया और पूछा कि मनु भाई क्या हाल चाल है,मनु ने कहा कि रमण भैया हाल चाल बढ़िया है और आप सूनाओ,क्या कर रहे हो,रमण बोला कि भाई आज तो रेस्ट कर रहा हूँ कल की पार्टी मे काफ़ी थक गया था तो आज तो रेस्ट ही करूँगा,और बोलो कैसे याद किया,क्या प्रिया की याद आ रही है.
मनु इस बात से थोड़ा सा शर्मा गया,वो बोला कि ऐसी कोई बात नही है,उसने तो ऐसे ही फोन मिला लिया था,अच्छा अब रखता हूँ ,कल तो आप आएँगे ही.
रमण बोला हां यार कल मिलते हैं
उधर रमण का भी हाल कुछ अच्छा नही था रात भर उसके सपनो मे आरती ही आती रही,और अब उसको लग रहा था कि अगर जल्दी से आरती उसको नही मिली तो उसका हाल खराब हो सकता है.
पर कल के आरती के हाव भाव से रमण को लग रहा था कि उसकी मंज़िल ज़्यादा दूर नही है,पर आरती अभी मनु के कारण थोडा सा झिझक रही है.
उसने सोच लिया था कि अब पहले मनु को अपने साथ अच्छी तरह से मिला कर उसको राज़ी करेगा फिर आरती को उसके बेटे के साथ मिल कर चोदेगा.
इसके लिए ही उसने मनु के सामने प्रिया नाम का चारा फेंका था,और मनु उस जाल मे फँस गया था,अब वो जैसे चाहेगा मनु को चला सकता था.