hotaks444
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रात साडे बारह बाज चुके थे....और जब मैं कमरे में दाखिल हुआ तो माँ को शादी के जोड़ो में पाया....उसने हल्का सा घूँघट कर रखा था....वो गहनो में जैसे लदी हुई थी....उसके हसीन चेहरे को देख एका एक मैं उसके पास आया उसने नज़रें झुकाए रखा था फिर उसने मुझे देखा और
हल्का सा मुस्कुराया..उसने अपने पाओ को पीछे कर लिया जैसे मुझे छूने ना देना चाह रही हो
आदम : अंजुम आज तो तुम कमाम्ल की लग रही हो तुम्हें इस दुल्हन के जोड़े में देख तो ऐसा लग रहा है जैसे कोई 25 वर्षीए लड़की की नयी नयी शादी हुई है
अंजुम : अच्छा जी अब मैं तुझे 25 वर्ष की लगने लगी हूँ और अब तू मुझे मेरे नाम से पुकार रहा है
आदम : और नही तो किस नाम से तुझे पुकारू?
अंजुम : हट बेशरम शादी का मतलब ये नही कि तू मेरी उमर का हो गया है
आदम : हा हा हा हा
मैं हंस पड़ा तो माँ भी खिलखिलाए हंस पड़ी...फिर उसने कहा कि सोफीया और समीर सो गये....तो मैने कहा हां अपने कमरे में चले गये है.....अंजुम ने कहा देख आदम अब तो तेरी सारी ख्वाहिश मैने क़बूल कर ली अब तुझे ये अहसास होना चाहिए कि तू अब अकेला नही रहा अब तुझपे मेरा और ज़्यादा हक़ हो गया है...
आदम : बीवी की हैसियत से
अंजुम शर्मा गई फिर मैने धीरे धीरे उसकी घूँघट को खोले पूरा सरका दिया....फिर उसके जेवरातो को उसके गले और हाथो से उतारने लगा....माँ के हाथो पे काफ़ी सुंदर मेहेन्दि का रंग चढ़ा हुआ था....धीरे धीरे मैने माँ की साड़ी धीरे धीरे उसके बदन से अलग कर दी जिससे माँ अब सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में आ गयी..
माँ ने कस कर मुझे अपने बाहों में भीच लिया और मुझे बेतहाशा चूमने लगी....उसके होंठो पे लगी लिपस्टिक गले गाल नाक माथे जहाँ जहाँ उसने चूमा वहाँ वहाँ लग गया था....मैने कस कर उसके चेहरे को दोनो हाथो से थामा और उसके तपते होंठो पे अपने होंठ रख दिए.....हम दोनो एकदुसरे को दीवानो की तरह स्मूच करने लगे....एकदुसरे के मुँह में ज़ुबान धकेलने लगे....एकदुसरे के होंठो को चाटने और चूसने लगे....
हल्का सा मुस्कुराया..उसने अपने पाओ को पीछे कर लिया जैसे मुझे छूने ना देना चाह रही हो
आदम : अंजुम आज तो तुम कमाम्ल की लग रही हो तुम्हें इस दुल्हन के जोड़े में देख तो ऐसा लग रहा है जैसे कोई 25 वर्षीए लड़की की नयी नयी शादी हुई है
अंजुम : अच्छा जी अब मैं तुझे 25 वर्ष की लगने लगी हूँ और अब तू मुझे मेरे नाम से पुकार रहा है
आदम : और नही तो किस नाम से तुझे पुकारू?
अंजुम : हट बेशरम शादी का मतलब ये नही कि तू मेरी उमर का हो गया है
आदम : हा हा हा हा
मैं हंस पड़ा तो माँ भी खिलखिलाए हंस पड़ी...फिर उसने कहा कि सोफीया और समीर सो गये....तो मैने कहा हां अपने कमरे में चले गये है.....अंजुम ने कहा देख आदम अब तो तेरी सारी ख्वाहिश मैने क़बूल कर ली अब तुझे ये अहसास होना चाहिए कि तू अब अकेला नही रहा अब तुझपे मेरा और ज़्यादा हक़ हो गया है...
आदम : बीवी की हैसियत से
अंजुम शर्मा गई फिर मैने धीरे धीरे उसकी घूँघट को खोले पूरा सरका दिया....फिर उसके जेवरातो को उसके गले और हाथो से उतारने लगा....माँ के हाथो पे काफ़ी सुंदर मेहेन्दि का रंग चढ़ा हुआ था....धीरे धीरे मैने माँ की साड़ी धीरे धीरे उसके बदन से अलग कर दी जिससे माँ अब सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकोट में आ गयी..
माँ ने कस कर मुझे अपने बाहों में भीच लिया और मुझे बेतहाशा चूमने लगी....उसके होंठो पे लगी लिपस्टिक गले गाल नाक माथे जहाँ जहाँ उसने चूमा वहाँ वहाँ लग गया था....मैने कस कर उसके चेहरे को दोनो हाथो से थामा और उसके तपते होंठो पे अपने होंठ रख दिए.....हम दोनो एकदुसरे को दीवानो की तरह स्मूच करने लगे....एकदुसरे के मुँह में ज़ुबान धकेलने लगे....एकदुसरे के होंठो को चाटने और चूसने लगे....