desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
“कल । सुबह-सवेरे । बाइस सैक्टर में मेरे घर के करीब से ही सुबह छ: बजे एक डीलक्स टूरिस्ट बस चलती है । उसमें मेरी सीट बुक है ।”
“तू गोवा तक बस पर जायेगी ?”
“ईडियट ! दिल्ली तक बस पर जाऊंगी । आगे आई.जी. एयरपोर्ट से पणजी की फ्लाइट पकडूंगी ।”
“वहां पार्टी में तेरी कैब्रे परफारनेंस है ?” - तीसरा बोला ।
“नैवर ।” - फौजिया आंखें तरेरकर उसको घूरती हुई बोली - “वो एक इज्जतदार आदमी की इज्जतदार पार्टी है और मैं वहां की इज्जतदार मेहमान हूं । समझे !”
“अपनी प्रिंसेस शीबा ! लीडो की कैब्रे डांसर ! इज्जतदार मेहमान !”
“नो शीबा । लीडो । नो कैब्रे । नो नथिंग । सिर्फ फौजिया खान ।” - वो गर्व से बोली - “फौजिया खान । सतीश की खास मेहमान । जिसे उसने स्पेशल अर्जेन्ट टेलीग्राम देकर इनवाइट किया । मेरा दर्जा उधर गोवा में वी.वी.आई.पी. का है । समझे तुम उछलने-कूदने वाले बंदर लोग !”
तत्काल सबको सांप सूंघ गया । फौजिया के मिजाज में आया वो बदलाव उनके लिए अप्रत्याशित था ।
फिर सिर झुकाये, एक-एक करके वो वहां से खिसकने लगे ।
***
“तू गोवा तक बस पर जायेगी ?”
“ईडियट ! दिल्ली तक बस पर जाऊंगी । आगे आई.जी. एयरपोर्ट से पणजी की फ्लाइट पकडूंगी ।”
“वहां पार्टी में तेरी कैब्रे परफारनेंस है ?” - तीसरा बोला ।
“नैवर ।” - फौजिया आंखें तरेरकर उसको घूरती हुई बोली - “वो एक इज्जतदार आदमी की इज्जतदार पार्टी है और मैं वहां की इज्जतदार मेहमान हूं । समझे !”
“अपनी प्रिंसेस शीबा ! लीडो की कैब्रे डांसर ! इज्जतदार मेहमान !”
“नो शीबा । लीडो । नो कैब्रे । नो नथिंग । सिर्फ फौजिया खान ।” - वो गर्व से बोली - “फौजिया खान । सतीश की खास मेहमान । जिसे उसने स्पेशल अर्जेन्ट टेलीग्राम देकर इनवाइट किया । मेरा दर्जा उधर गोवा में वी.वी.आई.पी. का है । समझे तुम उछलने-कूदने वाले बंदर लोग !”
तत्काल सबको सांप सूंघ गया । फौजिया के मिजाज में आया वो बदलाव उनके लिए अप्रत्याशित था ।
फिर सिर झुकाये, एक-एक करके वो वहां से खिसकने लगे ।
***