Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है - Page 6 - SexBaba
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Mastram Kahani यकीन करना मुश्किल है

अगली सुबह जब मैं अपने कमरे में गयी तो देखा कि इनायत तैय्यार हो रहे थे, मुझे देखते ही उन्होने
पून्छा कि मेरी तबीयत कैसी है, जिसके जवाब में मैने कहा ठीक है, अब बेहतर महसूस कर रही हूँ.

सबने एक साथ नाश्ता किया, फिर ताबू और साना ने मेरी सास की पॅकिंग शुरू कर दी. कुछ वक़्त बाद मेरी सास
अपने मिया के साथ रेलवे स्टेशन जाने को तैयार थीं, उन्होने मेरी तरफ देख कर कहा कि अपना और अपने
ससुर का ख़याल रखना. मैं समझ गयी कि वो क्या कहना चाहती हैं.इनायत और शौकत पहले ही जा चुके
थे. अब बारी साना और ताबू को चलता करने की थी सो मैने ताबू और साना से अपनी तबीयत का बहाना किया
और उनसे अपने लिए कुछ अंडरगार्मेंट्स की शॉपिंग के लिए कहा. पहले तो साना राज़ी नही थी लेकिन बाद
में मैने उससे कहा कि मैं उसको कुछ नही सिखाने वाली तो वो मान गयी और साथ मे ताबू को भी ले गयी.

अब मैं इंतेज़ार कर रही थी अपने ससुरजी का, मैने एक प्लान बनाया और मुझे लगा कि वो प्लान ज़रूर सक्सेस
फुल होगा.
करीब 1 घंटे बाद डोर बेल बजी. हमारे घर का मेन डोर आँगन के बाहर था. मैं धीरे धीरे गयी
और डोर खोला. मैने चेहरे पर दर्द के एहसास दिखाए तो मेरे ससुर मुझसे पूंछ ही पड़े.

ससुरजी:"आरा ठीक तो हो और ये साना और ताबू कहाँ गये हैं?"

मैने कराह कर जवाब दिया

मैं:"जी वो कल कुछ कपड़े लाए थे जो फिट नही हो रहे थे इसलिए वो लौटाने गये हैं आअहह"
ससुर:"तुम्हे क्या हुआ, तबीयत ठीक नही हुई"
ये कहकर उन्होने दरवाज़ा बंद किया और मेरे पीछे पीछे आने लगे, मैने लंगड़ा कर चलना शुरू किया
तो उन्होने मेरा बाज़ू पकड़ कर मुझे सपोर्ट दिया. मैं धीरे धीरे बरामदे मे आकर बैठ गयी. मैने
आज ऐसी नाइटी पहनी थी वो घुटनो के नीचे से डिवाइडेड थी और इसमे मेरे ससुर को मेरी गोरी गोरी टाँगें
सॉफ नज़र आ रही थी.

मैं:"माफ़ कीजिएगा आपको तकलीफ़ हुई मेरी वजह से"
ससुर:"कमाल करती हो तकलीफ़ क्या हुई मुझे, लेकिन इन दोनो को तुमको अकेला छोड़ कर नही जाना चाहिए था"
मैं:"नही ठीक हो जाएगा ये दर्द"
ससुर:"कहाँ दर्द है आरा"
मैं:"जी वो, जी वो,,,,,"
ससुर:"क्यूँ क्या हुआ बोलो ना"
मैं:"मेरी शरमगाह मे,,,,"

ये कहकर मैने सर झुका लिया और शरमाने लगी

ससुर:"क्या हुआ"
मैं:"जी ये कैसे कहूँ मैं"
ससुर:"बोलो , शरमाओ मत आरा"
मैं:"वो परसो रात को इनायत ने मुझे... वो"
ससुर:"समझ गया, ऐसी भी क्या हैवानियत कि किसी को तकलीफ़ पहुचाई जाए"
मैं:"जी अब मैं क्या कहूँ"
ससुर:"इसलिए तुम कल अपनी सास के साथ सोई थीं"
मैं:"हां लेकिन अब दर्द कम है, सिर्फ़ चलने से थोड़ा दर्द होता है,मैने एक क्रीम लगाई थी, उससे काफ़ी
आराम मिला है"
ससुर:"तो फिर क्रीम लगा लो"
मैं:"वही लगा रही थी कि आप आ गये"
ससुर:"कहाँ है वो क्रीम मैं लेकर आता हूँ"
मैं:"नही मैं खुद ले लूँगी आप बस मुझे सहारा दे कर मेरे कमरे तक पहुँचा दें"
ससुर:"ठीक है"

अब मैं खड़ी हो गयी और बजाए उनके आगे चलने के मैं उनके कंधे से चिपक गयी, अब मेरी गर्म गर्म
चूचिया उनसे चिपटि हुई थीं.

मैं बेडरूम मे जाकर सीधा बेड पर लेट गयी वो भी इस तरहा से कि मेरी टाँगें फैल गयी और मेरी नाइटी
के बीच से मेरी चूत का नज़ारा सीधा मेरे ससुर के सामने था. मैने दर्द के दिखावा किया और आँखें
बाद कर ली, मुझे यकीन था कि मेरे ससुर अभी सिर्फ़ मेरी चूत देख रहे होंगे. मैने अब आँखें
खोली और अपने पैर सीधे कर लिए और देखा कि मेरे ससुर मेरी चूत ही देख रहे थे.उन्होने ने हड़बड़ा
कर अपनी नज़रें दूसरी तरफ की और मुझसे पूछा

ससुर:"कहाँ है वो क्रीम"
मैं:"जी वो माय्स्चराइज़िंग क्रीम जो ड्रेसिंग टेबल पर है वो दे दीजिए"
ससुर:"अच्छा, लेकिन इस क्रीम से फ़ायदा हुआ तुमको"
मैं:"जी वो परसो रात को इनायत की रगड़ की वजह से मेरी शरमगाह छिल गयी थी, इससे फ़ायदा हुआ है"
ससुर:"अच्छा ठीक है, ये लो क्रीम"

ये कह कर वो बेडरूम से बाहर चले गये,मुझे झटका सा लगा कि ये क्या हुआ, मेरा प्लान तो फैल हो रहा था,
लेकिन मैने भी प्लान तुरंत बदल लिया.
थोड़ी देर बाद मैने डिसाइड किया कि मैं खुद टाय्लेट तक जाउन्गि जो आँगन मे था और तब अपने नेक्स्ट मूव
दिसाइड करूँगी.

मैं अब बाहर आ गयी थी, देखा तो मेरे ससुर तैय्यार होकर कहीं बाहर जाने की तैय्यारि मे थे, शायद
वो काम पर जा रहे थे. मैने आँगन मे आकर फिसलने का नाटक किया और ज़ोर से चिल्ला उठी आअहह

मेरी आवाज़ सुन कर वो दौड़ कर मुझे उठाने आए.

ससुर:"आरा तुम बाहर क्यूँ आई, आराम करना चाहिए था ना तुमको"
मैं:"जी मुझे ज़ोर से पेशाब लगा है इसलिए टाय्लेट जा रही थी, आआआआआहह उई माआ, मर गयी"
ससुर:"लगता है तुम्हारे पैर मे मोच आ गयी है"
मैं:"आआआआः हान, अब मैं पेशाब करने कैसे जाउन्गि"
ससुर:"चलो मैं उठा कर तुमको वहाँ पहुँचा दूँ"
मैं:"नहीं, मुझसे बैठा नही जाएगा, आहह हााआययययययी"
ससुर:"तो तुम यहीं कर लो आँगन में बाद में मैं पानी डाल दूँगा"
मैं:"नही, बदबू की वजह से सबको मालूम पड़ जाएगा, आप मुझे टाय्लेट तक ले चलो"

ये कहना ही था कि मेरे ससुर मे मुझे गोद में उठा लिया, अब मेरी नाइटी सरक कर मेरी चूत तक आ गयी
थी और मेरी क्रॉच सॉफ सॉफ नज़र आती थी, जब वो टाय्लेट तक पहुँचे तो उन्होने एक हाथ से डोर खोला
और मुझे नीचे उतारने लगे. हमारे घर में इंडियन टाइप टाय्लेट है.लेकिन मैने नीचे उतरने से मना
कर दिया

मैं:"नहीं मैं नीचे नहीं बैठ पाउन्गि, या रब आहह बहुत दर्द है मेरे पैर में"
ससुर:"तो पेशाब कैसे करोगी"
मैं:"आप मेरी नाइटी उपर उठा दीजिए और मुझे ज़मीन के करीन अपनी गोद में बिठा दीजिए जैसे बच्चो
को पेशाब करवाते हैं"

ससुर:"अच्छा ठीक है"

मेरे सुसुर की तो जैसे लॉटरी निकल आई थी,उन्होने मेरी नाइटी उपर की तो मैने शरमाने की एकटिंग की.
अब मेरे चुतड सॉफ नज़र आ रहे थे और मेरी चूत खुल कर उनके सामने थी, उनके हाथ काँप रहे थे
और मैं ये साफ महसूस कर सकती थी.

उन्होने मुझे गोद मे लेकर ज़मीन से नीचे किया और मैने मूतना शुरू कर दिया, मैने सोचा नहीं था
कि कभी ऐसा भी दिन आएगा जब मुझे पेशाब खुद अपने ससुर के सामने करना पड़ेगा.

ज़रा ही देर में मैं पेशाब कर लिया था, और मैने शरमा कर अपने ससुर से कहा

मैं:"थोड़ा पानी से नीचे धो दीजिए"
ससुर:"ठीक है"
 
मेरे ससुर को अब मज़ा आ रहा था, वो पानी लेकर आराम आराम से मेरी चूत मसल रहे थे, काफ़ी देर
तक उन्होने यही किया यहाँ तक कि मुझे कहना पड़ा कि अब बस, फिर वो मुझे लेकर वापस बेडरूम में
आ गये और मुझे मेरे बेड पर लिटाने के बाद वो काफ़ी देर तक मेरी चूत को देखते रहे और मैने भी
कोई ऐतराज़ नही जताया. मैने उनसे फिर बात करना शुरू कर दी

मैं:"पेशाब की वजह से सारी क्रीम धूल गयी है, अगर आप बुरा ना मानें तो क्या आप क्रीम लगा देंगे"
ससुर:"हां क्यूँ नही"
मैं:"मेरी वजह से आपको देर हो रही है"
ससुर:"कोई बात नही, जबतक साना और ताबू नही आते मैने तुम्हारे साथ ही रहूँगा"
मैं:"ठीक है"
अब मैने अपनी नाइटी पूरी तरहा अपनी टाँगो के उपर कर ली थी और अपनी चूत अपने हाथो से फैला कर
अपने ससुर को क्रीम लगाने को कहा. वो अब भी मेरी चूत को एक भूके जानवर की तरहा देख रहे थे
और उनकी हार्ड बीट्स काफ़ी तेज़ हो चुकी थी. उन्होने क्रीम लेकर मेरी चूत के अंदर लगाना शुरू कर दिया
और मेरे मूह से आअहह सीईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफ्फ़ की आवाज़ें निकलने लगी, मैं जान बूझ कर और
ज़्यादा आवाज़ निकाल रही थी. मैने देखा कि पॅंट के उपर से मेरे ससुर जी का खड़ा हो चुका था.

मैं:"आपके हाथ मे तो जादू है, उफ़फ्फ़ क्या असर हो रहा है"
ससुर:"तुम बहोत खूबसूरत हो, तुम्हारे चुतड और बुर तो वाकई शानदार है, इनायत बहुत ख़ुसनसीब है"
मैं:"तो आप भी तो ख़ुसनसीब हैं, मैं आपकी भी तो बहू हूँ"
ससुर:"लेकिन बीवी तो नही हो"
मैं:"आप मेरे ससुर हैं, मैं आपकी हर तरहा से खिदमत करने को तैय्यार हूँ"
ससुर:"बहू लेकिन कुछ खिदमत तो सिर्फ़ बीवी ही कर सकती है"
मैं:"आप कह कर तो देखिए, मैं हर तरहा से आपकी खिदमत करूँगी"
ससुर:"अच्छा तो क्या मैं तुमको अपनी बीवी की तरहा प्यार कर सकता हूँ"
मैं:"हां बिकुल, अभी कीजिए ना, वैसे भी आपकी उंगलियो ने मुझे दीवाना कर दिया है"

ये सुनते ही ससुरजी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मुझे बहुत ख़ुसी हुई कि एक स्टेप और आगे
बढ़ चुकी हूँ.

मैने भी अपनी नाइटी उतार दी. मेरे ससुर जो जैसे मुझपर टूट ही पड़े. उन्होने मेरे सीने को दबोच लिया
और मेरे होंठ चूसने लगे. उनकी हालत देख कर मुझे हसीं आ रही थी.

मैं:"धीरे धीरे मेरे राजा, आराम से, मैं यहीं हूँ, आराम से करो"
ससुर:"तुम जानती नही आरा जबसे तुम यहाँ आई हो मेरे दिल में तुम्हे नंगी देखना का मन था"
मैं:"नंगी क्या मेरे यार आज जी भर कर चोद भी लो"
ससुर:"मुझे लगता है कि तुम तो जैसे पहले से ही तैय्यार थीं"
मैं:"हां शूकर कीजिए कि ये सब हुआ वरना मैं कभी भी आपसे चुद नही पाती"
ससुर:"तो पेल दूँ तुम्हारी चूत मे अपना लंड"
मैं:"हां बरकत, मेरे यार चोद दे आज अपनी बहू को, रंडी बना ले साले"
ससुर:"और बोलो तुम्हारे मूह से ये अच्छा लगता है"

मेरे ससुर ने ज़्यादा टाइम वेस्ट नही किया और सीधा अपना दुबला पतला लंड मेरी चूत मे घुसा दिया.

मैं:"रुक यार साले तुझे बड़ी जल्दी है मेरी चूत मारने की, ज़रा फोन तो उठा ड्रेसिंग टेबल से"
ससुर:"क्यूँ, क्या हुआ"
मैं:"मेरी वीडियो बना तू, मुझे चोद्ते हुए ताकि खाली टाइम मे मैं इसको देख कर अपना टाइम पास कर सकूँ"
ससुर:"ऐसा मत करो किसी ने फोन में देख लिया तो"

मुझे अब अपने ससुर से गंदी बात करने मे मज़ा आ रहा, मैने सोचा कि उनको थोड़ा और तडपाऊ और अपना गुलाम
सा बना लूँ, मैने सोचा कि चलो थोड़ा और गंदे लहजे में बात करूँ
 
मुझे ना जाने क्या हुआ कि मैने अपने ससुर के सीने पे लात मार दी जिससे वो हड़बड़ा गये, मैने बनावटी गुस्सा
दिखा कर कहा

मैं:"अबे साले, मा के लौडे मेरी चूत भी चाहिए और मेरे कहना भी नही मानेगा, चल लेकर आ फोन"

ससुर:"आरा मेरी जान इतना गुस्सा मत करो, लाता हूँ फोन"

वो उठे और मेरा फोन लाकर वीडियो बनाने लगे.

मैं:"ये वीडियो फाइल मैं लॉक कर के रखूँगी, समझा, टेन्षन मत ले और इस तरहा वीडियो बना कि तेरा
चेहरा भी आ जाए."

ससुर:"ठीक है, जैसे कहो"

मेरे ससुर बरकत अब मेरी चूत मे अपने लॉडा समा चुके थे और मेरी वीडियो बना रहे थे.

मैं:"बरकत साले वीडियो ही बनाता रहेगा की चोदेगा भी मुझे भडवे"
ससुर:"हां अभी शुरू करता हूँ मेरी जान"
मैं:"हां इसी तरहा कर,तेरी तो लार टपक रही है पहले ही दिन से मुझे देख कर"
ससुर:"सच कहा मेरी जान"
मैं:"तू साला पक्का बेटी चोद है, क्यूँ है ना"
ससुर:"नही बेटी चोद नही, बहू चोद हूँ"
मैं:"अच्छा गान्डू कुत्ते, मैं तेरी बेटी की उमर की नही हूँ क्या, सच बता अपनी बेटी पर नज़र रखी
है क्या तूने"
मेरे ससुर अब धक्के लगा रहे थे और मुझे उनको ज़लील करने मे मज़ा आ रहा था.

ससुर:"नही, अपनी बेटी पर कभी नही"
मैं:"देख मेरे राजा, सच बोल, अगर सच बोलेगा तो मैं ताबू को भी तेरे लंड का स्वाद चखवा दूँगी"

ससुर:"क्या ताबू, सच में, ऐसा हो सकता है"
मैं:"हां मेरे कुत्ते, सब हो सकता है, तू बता तो सही कि तुझे साना अच्छी लगती है कि नही"
ससुर:"हां वो खूबसूरत है"
मैं:"टेन्षन मत ले यार, साना को भी मैं तेरे लौडे से चुदवा सकती हूँ"
ससुर:"अच्छा अब ज़्यादा डींग मत मारो, मुझे अपने काम करने दो"

ये सुनते ही मैने उनको एक बार फिर लात मारी लेकिन इस बार वो भी गुस्से मे आ गये और मेरे बाल पकड़ कर
मुझे ज़बरदस्ती चोदने लगे. मुझे मज़ा आ रहा था, इस एहसास पर लेकिन मैने भी और गुस्सा दिखाया
और उनके चेहरे पर थूक दिया और एक थप्पड़ खींच कर मारा.

मैं:"साले, कमीने, अपनी औकात भूल गया है तू, तुझे तो कभी मेरी चूत सूंघने को नही मिलती अगर
मेरे साथ ये सब ना होता, तू भड़वा है, भूल जा अब मेरी और ताबू की चूत को"

मेरे इस सख़्त रवैय्ये से ससुर जी डर से गये और लगभग गिडगिडाने से लगे.उन्होने मेरे बाल छोड़ दिए.


मैं:"तुझे अपनी औकात याद आ गयी ना, चल ठीक है माफ़ किया,तू बस इतना याद रख कि मुझे खुश
रख और सबकी चूत लेले और अगर मुझे दुखी किया सो समझ लेना तेरी क्या हालत करती हूँ"

अभी ससुरजी ने कुछ झटके ही मारे थे उनका पानी निकल गया.

मैं:"बस इतना ही दम है तेरे लौडे मे"

ससुरजी शर्मिंदा से हो गये. अब मैं भी फ्रस्टेट हो गयी. लेकिन मैने सोचा कि ज़्यादा गाली गलोच
से बात बिगड़ जाएगी इसलिए मैने अपने ससुर को गले से लगा लिया.मेरे इस रवैय्ये से वो हैरान से हो गये.

मैं:"ससुरजी क्या आप मेरे गाली गलोच से नाराज़ है, मुझे लगा कि शायद आपको मज़ा आ रहा है,मैं
आपकी इज़्ज़त करती हूँ, अगर आपको ये मेरे गाली देना पसंद नही है तो मुझे बोल देते"
ससुर:"नही बेटा मुझे काफ़ी अच्छा लगा, तुम्हारी सास तो एक लाश की तरहा पड़ी रहती है, काफ़ी उकसाने
पर वो थोड़ा आक्टिव होती है सेक्स के टाइम पर,लेकिन मैं आज ज़्यादा ही एग्ज़ाइटेड था, इसलिए मेरा पानी
बहोत जल्दी निकल गया"
मैं:"आप टेन्षन मत लीजिए, बस मुझपर प्रॅक्टीस करते रहिए, जल्दी ही आप ठीक हो जायेंगे"

मैने डोर पर डोर बेल सुनी, और ससुरजी को अपने कपड़े उठा कर जल्दी से डोर खोलने को कहा.

वो अपने कपड़े ठीक करके डोर खोलने चले गये और मैं बेड पर आराम करने लगी.
 
मैने आँखें बंद कर ली थी कि ताबू और साना मेरे कमरे मे आ चुके थे. मुझे ध्यान आया कि मेरे फोन पर शायद वीडियो अब भी चालू हो, लेकिन देखा तो पता चला कि वीडियो क्लिप सेव हो चुकी है, मैने राहत की साँस ली. ताबू और साना मुझे मेरे लिए लाए हुए अंडरगार्मेंट्स दिखाने लगे. ताबू और साना से काफ़ी देर तक बात करने के बाद मैने उनसे कहा कि मुझे आराम करना है.इस पर ताबू ने भी कहा कि उसको भी नींद का रही है, क्यूंकी वो दोनो बाहर से ही कुछ खा कर आए थे इसलिए उन्हे भूक नही थी और मैं जिसकी भूक अभी अभी ससुरजी मिटाए बिना चले गये तो मैं दोनो तरह से भूकि थी, मैने साना से कहा कि वो मेरे लिए कुछ हल्का सा खाने के लिए किचन से ले आए.

तोड़ा सा खाने के बाद मैने साना से कहा कि वो देख कर आए कि क्या ताबू सो गयी है. वो गयी और मुस्कुराते हुए वापस आई और कहने लगी कि हां ताबू भाभी सो गयी हैं. साना मुझसे सेक्स की जानकारी लेने के लिए बड़ी उतावली थी इसलिए उससे रुका नही जा रहा था. वह तुरंत बोल पड़ी

साना:"भाभी अब सिख़ाओ मुझे सब कुछ"
मैं:"क्या सीखना चाहती हो ये तो बताओ"
साना:"सब कुछ शुरू से और डीटेल में"
मैं:"तो ठीक है दरवाज़ा बंद करो और मेरे पास आओ"
साना:"ठीक है"

वो झट से उठ कर गयी और उसने दरवाज़ा लॉक कर दिया. मैने भी सोच लिया था कि आज साना की चूत का स्वाद लेकर ही रहूंगी.

साना:"अब बताओ भाभी"
मैं:"देखो ये सब जानने के लिए ज़रूरी है कि तुम्हारी सारी झिझक ख़तम हो जाए"
साना:"ठीक है मैं तैय्यार हूँ, आप कहिए तो सही"
मैं:"तो चलो ठीक है अपने सारे कपड़े उतार दो"

ये कहते ही मैने भी अपनी नाइटी उतार दी. साना ने भी बिना हिचके अपनी शलवार और कमीज़ उतार दी, उसने ब्रा भी उतार दी थी.

मैं:"साना अपनी टाँगें खोलो तो ज़रा"
साना ने बिना झिझके अपनी टाँगें खोल दी, साना मेरी सास की जवानी की तस्वीर थी, दोनो का ढाँचा एक सा था, चूत की बनावट भी एक जैसी थी. मैने साना की चूत के अंदर तीन उंगली डाल कर देखा तो पता चला कि उसकी चूत की सील टूटी नही है.उसमे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोका. उसके दर्द से ही मुझे एहसास हो गया कि वो कुँवारी है.साना मेरी तरफ सवालिया नज़रो से देख रही थी.

मैं:"मैं देख रही थी कि तुम वर्जिन हो या नही"
साना:"तो आप मुझ से पूंछ लेती"
मैं:"चलो अच्छा है,मर्द कुँवारी बीवी पाकर खुश होते हैं"
साना:"मैं तो चाहती हूँ कि मेरी शादी आपके भाई आरिफ़ से हो"
मैं:"तो मेडम की चूत मे पानी आरिफ़ के नाम से आता है"
साना:"हां भाभी, मुझे वो पसंद है"
मैं:"लेकिन तुम्हारे भाई इनायत को पसंद नही"
साना:"क्यूँ, आरिफ़ तो अच्छा कमाता है, अच्छी फॅमिली है, उसमे शराब जुआँ या कोई जिस्मानी बीमारी भी नहीं है,वो खूबसूरत जवान है"
मैं:"हां लेकिन शायद ये काफ़ी नही"
साना:"क्यूँ भाय्या को और क्या चाहिए"
मैं:"वर्जिनिटी"
साना:"क्या?"
मैं:"हां उन्हे लगता है कि जब उनकी बहन वर्जिन है तो उसका हज़्बेंड भी वर्जिन होना चाहिए"
साना:"लेकिन उन्हे कैसे पता कि आरिफ़ वर्जिन नही है?"
मैं:"उन्हे मैने बताया है"
साना:"क्या आरिफ़ की कोई गर्ल फ्रेंड है?"
मैं:"नही कोई नही है, दर असल ये ऐसी बात है जो मुझे तुमसे कह देनी चाहिए लेकिन वादा करो कि ये राज़ सिर्फ़ हम दोनो मे रहेगा"
साना:"आप मुझे डरा क्यूँ रही हैं"
मैं:"इसमे डरने की कोई बात नही है, आरिफ़ शादी नही करना चाहता था क्यूंकी उसको लगता था कि वो नामर्द है, इसलिए वो एक डॉक्टर के पास गया, वो एक लेडी डॉक्टर थी,उस लेडी डॉक्टर का दिल आरिफ़ पर आ गया और उसने आरिफ़ को कई बार अपने क्लिनिक मे बुलाया और फिर आरिफ़ को ट्रीटमेंट के बहाने से अपने साथ सेक्स करने को उकसाया, आरिफ़ यही समझता रहा कि उसका ट्रीटमेंट हो रहा है फिर आख़िर कार डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट से उसको बताया कि वो अब ठीक है, मैने ये बात इनायत को बता दी है और इसीलिए वो नही चाहते कि आरिफ़ से तुम्हारी शादी हो"

साना:"लेकिन आपको इतनी टॉप सीक्रेट बात कैसे पता है"
मैं:"आरिफ़ हमेशा दुखी रहता था और इसलिए मैने एक दिन उससे पूंछ ही लिया, पहले वो उसने ना नुकुर की लेकिन सख्ती से पूछने पर वो टूट गया और रोने लगा और उसने मुझे सब बता दिया,बाद में मुझे भी इस बात का अफ़सोस हुआ की आख़िर मैने उससे ये सब क्यूँ पूंच्छा, लेकिन मैं क्या करती , आख़िर वो मेरा भाई है और मुझे उसको दुखी देखा नही जाता"
साना:"इन सब बातो में आरिफ़ का क्या कुसूर है, अगर उसके दिल में कोई खोट होता तो वो ये बात किसी को नही बता पाता और उस डॉक्टर से रिलेशन कायम रखता, लेकिन उसको अपने किए पर शर्मिंदगी है, मुझे आरिफ़ से अब भी प्यार है"
मैं:"अच्छा तो ठीक है, मैं इनायत से ये कह दूँगी कि तुम्हे ये बात मालूम है कि आरिफ़ वर्जिन नही है और उसने अपने ही रीलेशन की औरत से सेक्स किया है, और तुम्हे अब भी इनायत से शादी करने में कोई हिचक नही है"
साना:"रीलेशन की औरत??"
मैं:"हां वो डॉक्टर हमारे दूर की रिलेटिव लगती है"
साना:"क्या?"
मैं:"हां वो मेरी अम्मा की बहेन लगती है, यानी आरिफ़ की खाला"
साना:"ये तो बड़ा अजीब है"
मैं:"हां है तो अजीब लेकिन मेरी जान तुम्हे अभी बहोत कुछ सीखना है"
साना:"क्या यही सब सीखना है"
मैं:"हहाहहाहहा"
साना:"आप हंस क्यूँ रही हैं?"

मैं:"अच्छा ये सब छोड़ो, कुछ सीख लो, ताबू जागने ही वाली होगी"
साना:"हां कहिए"
मैं:"तुम मेरी चूत चाटो"
साना:"छि नही, ये क्या कह रही हैं आप"
मैं:"अच्छा और आरिफ़ कहेगा कि मेरा लॉडा चूसो तो क्या करोगी"
साना:"आरिफ़ क्या कहेगा ये आपको कैसे पता है"
मैं:"आज कल के लड़के पॉर्न फिल्म्स देखते हैं और वही सब अपनी बीवी से भी चाहते हैं, आरिफ़ के पास भी कई सीडीज़ हैं जो वो छिपा कर रखता है लेकिन मुझे उसके सारे अड्डे पता हैं चीज़े छिपाने के"
साना:"अच्छा, तो क्या सब लड़के पॉर्न देखते हैं"
मैं:"हां आज कल तो ये कामन है, तुम्हारे अब्बू के पास भी एक न्यूड मॅगज़ीन है, तुम्हारे भाई शौकत के पास भी है, तुम्हारे
भाय्या इनायत भी सीडीज़ और इंटरनेट पर पॉर्न देखते हैं, मुझे तो उन्होने पॉर्न फिल्म की हेरोयिन बना रखा है,ना जाने कैसे
कैसे चोदा है, इसलिए कह रही हूँ सीख लो, मेरी चूत चाटोगी तो सब सीख जाओगी"
साना पहले झिझकी लेकिन फिर उसको मेरी चूत चाटने मे मज़ा आने लगा. मैने उसको बिस्तर पर लेट जाने को कहा और मैं फिर 69 की पोज़िशन में गयी. वो अब पूरे शबाब पर थी. मैने कयि तरीके और पोज़िशन उसको सिखा दी और इनायत की कुछ सीडीज़ भी उसको दे दी. अब वो मुझसे काफ़ी खुल चुकी थी, इसलिए मैने सोचा कि अब प्लान का नेक्स्ट फेज़ शुरू किया जाए.

मैं:"साना तुम जानती हो कि मैं और इनायत दो जिस्म ज़रूर हैं लेकिन एक जान हैं"
साना:"हां"
मैं:"हम लोग सेक्स को सेक्स की तरहा नही करते बल्कि इसको पूरी तरहा एंजाय करते हैं, वो मेरे शौहर भी हैं और मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी हैं,वो मुझसे कभी कुछ नही छिपाते और मैं भी उनसे कभी कुछ नही छिपाती, हम ने रोल प्ले भी शुरू कर दिया है
 
साना:"वो क्या होता है, क्या कोई नयी सेक्स पोज़िशन है"
मैं:"नही, तुम्हे नहीं पता?"
साना:"नहीं"
मैं:"हम लोग दिल मे कभी कभी किसी और के लिए भी सेक्षुयली अट्रॅक्टेड होते हैं लेकिन ये पासिबल नहीं होता कि अपने पार्ट्नर्स के अलावा भी किसी और से सेक्स कर सके इसलिए हम उस पार्ट्नर को वही सख्स के तौर पर देखने लगते हैं और अस्यूम करते हैं कि हम उसी के साथ सेक्स कर रहे हैं"
साना:"क्या कहा आपने? क्या इनायत भाई किसी और के साथ सेक्स अस्यूम करते हैं जब वो आपके साथ सेक्स कर रहे होते हैं? और क्या आप भी यही अस्यूम करती हैं?"
मैं:"हां और मैं वो बन जाती हूँ जिसे इनायत प्यार करना चाहते हैं और वो खुद मेरे ख्यालो वाला सख्स बन जाते हैं, वो मुझे उसी नाम से पुकारते हैं जिसके बारे में वो इमॅजिन कर रहे होते हैं"
साना:"अच्छा तो तुम लोग किस के बारे में इमॅजिन करते हो?"
मैं:"तुम अभी बच्ची हो इसलिए तुम्हारे इतना जानना ही काफ़ी है, तुम मेच्यूर नहीं हो शायद इसको समझ ना पाओ और इमेच्यूर्ली रिक्ट करो"
साना:"नहीं भाभी, मैं कोई बच्ची नहीं हूँ, आप ट्रस्ट तो करें एक बार"
मैं:"अच्छा ठीक है तो सुनो इनायत तुम्हें और तुम्हारी अम्मी को इमॅजिन करते हैं और मैं तुम्हारा और अम्मी का रोल प्ले करती हूँ"
साना:"क्या कह रही हैं आप, हाय ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई भाई अपनी मा और बहेन के बारे में ऐसा सोचे, मुझे यकीन नहीं होता, आप बकवास कर रही हैं"
मैं:मुझे मालूम था कि तुम ऐसे ही इमेच्यूर्ली रिक्ट करोगी, इसलिए तुम्हे तुम्हारे हाल पर छोड़ना ठीक था"

ये कह कर मैने अपने कपड़े पहेनना शुरू करने का नाटक किया और साथ मे थोड़ा सा गुस्सा भी दिखाया.

साना:"अर्रे भाभी, आप नाराज़ हो गयी क्या, ओ.के बाबा सॉरी प्लीज़, आप अपनी बात को ख़तम करिए ना, मैं अब शांत होकर आपकी बात सुनूँगी"
मैं:"प्रॉमिस"
साना:"हां हां प्रॉमिस"

अब मैं फिर बिस्तर पर उसकी तरफ मूह करके बैठ गयी थी और उसके मम्मे दबा रही थी, उसकी आँखो मे नशा सा नज़र आता था, यही सही मौका भी था, मुझे तब्बू के उठने से पहले ये काम ख़तम करना था.

मैं:"मेरी जान अगर तुम थोड़ा मेच्यूर बनोगी तो तुमको लाइव सेक्स दिखाउन्गि समझी"
साना:"किसका सेक्स "
मैं:"मेरा और इनायत का, हां इनायत को कानो कान खबर नही होगी"
साना:"मुझे नहीं देखना ये सब आप अपनी बात पूरी करो"
मैं:"अच्छा तो मैं कह रही थी कि इनायत तुम्हारी चूत मे लंड इमॅजिन करते है और तुम्हारी मा की भी"
साना:"आप इतनी खूबसूरत हैं, फिर भी वो मुझे और अम्मी को ही क्यूँ इमॅजिन करते हैं"
मैं:"क्यूंकी ऐसी किसी चीज़ का मज़ा ही निराला होता है जिसको करना नामुमकिन और मना होता है, लड़के तो वैसे भी अपनी मा की तरफ बचपन से अट्रॅक्ट होते हैं और तुम अपनी मा की फोटो कॉपी हो इसलिए तो वो तुमको भी अपनी इम्जिनेशन में शामिल कर लेते हैं , जब वो तुमको इमॅजिन कर रहे होते हैं तो जल्दी ही झाड़ जाते हैं, वो तुम्हारे सीने और चुतड से बहुत अट्रॅक्ट हुए हैं"

साना:"मुझे समझ नही आ रहा कि क्या कहूँ, ये कोई कॉंप्लिमेंट है कि क्या है"
मैं:"क्यूँ कॉंप्लिमेंट क्यूँ नही है, एक बहेन होकर तुम्हारी खूबसूरती ने खुद तुम्हारे भाई को जाकड़ किया है, इनायत के लंड में
बहुत सख्ती आ जाती है जब वो तुम्हारे बारे में सोचते हैं"
साना:"और अम्मी का क्या पसंद आता है उनको"
मैं:"हर चीज़"
साना:"अच्छा तो आप किस के बारे मे इमॅजिन करती हैं?"
मैं:"अपने भाई और अपने ससुर के बारे में"
साना:"क्यूँ"
मैं:"क्यूँ क्या, मेरा भाई हॅंडसम है और तुम्हारे अब्बू मुझे अच्छे लगते हैं"
साना:"अच्छा क्या अगर आपको इनायत भाई ने और सिचुयेशन्स ने मौका दिया तो क्या आप सच मे इन्ही लोगोसे साथ सेक्स करना पसंद करेंगे"


दर_असल ये सवाल उसने अपने और इनायत के बारे मे किया लेकिन उल्टी तरह से किया ताकि वो अंदाज़ा लगा ले कि उसका क्या चान्स है.


मैं:"इनायत तो मुझे पहले ही कह चुके हैं,लेकिन मैने ही ट्राइ नहीं किया"
साना:"क्यूँ?"
मैं:"तुम ही सोचो कि अगर मैं खुद अपने भाई को अपनी चूत दिखा दूँ तो क्या उसकी होने वाली बीवी को ये कभी क़ुबूल होगा?"
साना:"हो सकता है कि उसको कोई दिक्कत ना हो तो?"
मैं:"मैं ये कैसे मान लूँ कि उसकी होने वाली बीवी को कभी बुरा नहीं लगने वाला"
साना:"मैं अगर आरिफ़ की बीवी बन जाउ तो मुझे तो इसमे कोई ऐतराज़ नही होगा"
मैं:"ये सिर्फ़ कहने वाली बात है साना, जब तुम उसकी बीवी बन जाओगी तो तुमको ये कभी मंज़ूर नहीं होगा"
साना:"आप ऐसे कैसे कह सकती हैं"
मैं:"इनायत अपनी खुद की बहेन की चूत मे लंड डालने के लिए तो राज़ी है लेकिन मेरे भाई का वर्जिन ना होना उसको पसंद नही"
साना:"मैं आप कह चुकी हूँ कि मुझे इससे कोई फ़र्क नही पड़ता"
मैं:"अच्छा ठीक है फिर अगर मैं आरिफ़ का लंड अपनी चूत मे डलवा लूँ तो क्या तुम आरिफ़ से शादी कर पाओगि"

ये बात मैने थोड़ा तल्ख़ लहजे में कही. साना थोड़ी देर सोचती रही फिर बोली.

साना:"हां तब भी, क्यूँ कि आप उसकी बहेन हैं और बहेन ही रहेंगी, आप उसकी बीवी नही बन सकती हैं"
मैं:"हो सकता है तुम ऐसा ही सोचती हो,मुझे राहत मिली कि तुम मेच्यूर हो रही हो,खैर अब ये सब छोड़ो और ये बताओ की कुछ और जानना चाहती हो"
साना:"आपको शौकर भाई की याद आती है"
मैं:"हां वो मेरा पहला प्यार थे, उनके साथ गुज़री हर रात मुझे याद है, मैं कई बार इनायत से उनका रोल भी प्ले करवाती हूँ"
साना:"आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया अभी तक"
मैं:"यही कि मौके मिले तो क्या मैं अपने भाई से और तुम्हारे अब्बू से चुदना चाहूगी, हां उन दोनो के लिए मेरी चूत के दरवाज़े हमेशा खुले हैं, मैं ये सोच रही थी कि पहले तुम्हारे अब्बू से शुरू करूँ, लेकिन तुम्हारी अम्मी से डरती हूँ"
साना:"काश कि आप अम्मी को भी मेरी तरहा समझा पाती"
मैं:"तुम्हारी अम्मी भी सेक्स के लिए परेशान रहती हैं, शायद तुम्हारे अब्बू उनपर अब ध्यान नही देते"
साना:"क्या"
मैं:"हां, जब कल रात मैं सो रही थी तो मुझे तुम्हारे अम्मी की करहाने जैसी आवाज़ आई तो मैं जाग गयी, देखती हूँ कि तुम्हारी अम्मी अपनी चूत में उंगली कर रही हैं और दूसरे हाथ से अपने सीने को मसल रही हैं, मैने जब उनको देखा तो वो घबरा सी गयी, लेकिन मैने उनसे कहा कि आप डरें नही, मैं किसी से कुछ नही कहने वाली,तब उनकी आँखें नम सी हो गयी"
साना:"वाकई"
मैं:"हां, तो मैने उनसे बात की, पहले तो वो काफ़ी हिचक रही थीं लेकिन फिर वो उन्होने मुझे सारी बात बताई कि अब शायद उनके मिया को उनमे कोई दिलचस्पी नही रही. मैने उनसे कह दिया कि आप उंगली कर लिया करें इसमे कोई हर्ज़ नहीं है"
साना:"बहोत अफ़सोस हुआ सुनकर"
मैं:"हां इसलिए मैं सोच रही थी कि उनको इनायत से चुदवाने के लिए राज़ी कर लूँ ताकि घर की बात घर में ही रहे"
साना:"भाभी, क्या कह रही हैं आप, अम्मी कभी नही राज़ी होंगी"
मैं:"ये मुश्किल ज़रूर है लेकिन मैने जब इनायत की चोदने की ज़िद्द और मुझे रफ्ली चोदने का इन्सिडेंट बताया तो वो बड़े ही गौर से सुनने लगी और मेरे सामने अपनी चूत में उंगली करने लगी, मैने भी उनकी मदद करने के लिए उनकी चूत को मसलना शुरू कर दियाँ, वो मुझसे इनायत के और शौकत के लंड के साइज़ के बारे में भी पूछ रही थी"
साना:"आप एक के बाद एक बॉम्ब फोड़ रही हैं"
मैं:"अच्छा ठीक है, आज रात मैं तुमको अपनी और तुम्हारी अम्मी की बात सुना दूँगी,मैं तुमको फोन करूँगी और चुपके से तुम मेरी और अपनी मा की सारी बात सुन लेना फिर तुमको यकीन आएगा, मुझे खुद तुम्हारी अम्मी ने तुम्हे सेक्स के बारे मे बताने के लिए भेजा है,आज रात तुम्हारा ये डाउट क्लियर हो जाएगा और अगर कल रात टाइम मिला तो तुमको तुम्हारे भाय्या की तुमको चोदने की ख्वाइश के बारे मे पता चल जाएगा"
साना:"अच्छा मैं भी इंतेज़ार करूँगी"


जाल बिछ चुका था,अब एक तीर से मुझे कई शिकार करने थे. मुझे उस टाइम का इंतेज़ार था जब मैं इस घर मे दिन के उजाले में नंगी घूम सकु और जब चाहे इनायत,शौकत,बरकत और आरिफ़ का लंड अपनी चूत मे ले सकूँ.
 
साना के जाने के बाद मैने अपने कपड़े पहेन लिए और शाम का इंतेज़ार करने लगी. शाम को मेरी सास वापस आ गयी और उन्होने मुझे अपने कमरे में बुलाया. उनके चेहरे पर एक बच्ची की तरहा उतावला पन था ये जानने के लिए कि क्या मैने अपने ससुर से अपनी चूत मरवाई या नहीं.

सास:"आरा, क्या हुआ तुम्हारे चेहरे से तो लग रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं"

मैने बिना कुछ कहे अपने फोन से ससुरजी और अपनी सेक्स की वीडियो दिखा दी लेकिन वॉल्यूम कम कर दिया ताकि कोई और सुन ना सके. उसमे से वो सीन आ रहा था जब ससुरजी मेरी चूत मे लॉडा डाल चुके थे लेकिन मेरी वीडियो बनाने मे मसरूफ़ थे, तभी मेरी आवाज़ गूँज पड़ी "बरकत साले वीडियो ही बनाता रहेगा कि चोदेगा भी मुझे भडवे",ये सुनकर तो मेरी सास की आँखे चढ़ गयी लेकिन वो ये देखने में बड़ी मसरूफ़ हो गयी और शुरू से लास्ट तक सब देख डाला.मैं उनके चेहरे को देख कर खिलखिला पड़ी और मेरी हँसी बाहर के कमरो मे गूँज गयी.

सास:"आरा मुझे यकीन नही होता कि तुमने ये कर दिखाया,मेरे शौहर इतनी जल्दी फिसल गये और तुम उनसे ये कैसे बात कर रही थीं"
मैं:"माफ़ कर दीजिए अगर आपको बुरा लगा हो"
सास:"नहीं मुझे बुरा नहीं लगा बल्कि हैरानी हुई कि एक चूत के लिए आदमी गुलाम तक बन सकता है"
मैं:"वो मेरे गुलाम ज़रूर हैं लेकिन आप टेन्षन ना लें वो रहेगे तो आपके ही शौहर और आप जैसे चाहे मैं वैसे करूँगी"
सास:"शाबाश आरा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी"
मैं:"मैं जल्द ही इनायत का लंड आपकी चूत मे डलवाती हूँ"
सास:"तुमको यकीन है कि मेरे शौहर इस बात के लिए मान जायेंगे"
मैं:"आप देखती रहिए,वो बिल्कुल मान जायेंगे, उनको मेरी चूत का ऐसा चस्का लगा है कि वो कुछ भी कर सकते हैं"
सास:"तो ठीक है आरा तुम जल्दी से सब करो"
मैं:"अच्छा ठीक है लेकिन इसके लिए आपको थोड़ी आक्टिंग करनी होगी"
सास:"वो क्या"
मैं:"कल मैं साना और ताबू को फिर शॉपिंग पर भेज दूँगी और इस बार साना से कह दूँगी कि वो आपके लिए कुछ अंडरगार्मेंट्स ले आए और आप पड़ोस मे ये कहकर चली जाना कि मैं दोपहर तक आउन्गि. कल मैं ससुरजी को रोक लूँगी और फिर आप 10 मिनिट्स मे लौट आपना, दरवाज़ा लॉक नही करूँगी.आप हम दोनो को रंगे हाथ पकड़ लेना लेकिन बिना कुछ बोले कमरे से बाहर आ जाना,

मुझे यकीन है कि इससे ससुरजी के तोते उड़ जायेंगे.
सास:"अच्छा फिर मैं क्या करूँगी"
मैं:"आप नाराज़गी दिखाना और चुप चाप अपने कमरे में चले जाना, लेकिन शोर मत करना, मुझे यकीन है कि बरकत साहब यानी मेरे ससुर ज़रूर आपके पीछे आयेंगे और आप से माफी माँगेंगे तब आप ये कह देना कि आप उन्हे रोक नही सकती हैं क्यूंकी वो एक मर्द हैं लेकिन आपको इस बात का अफ़सोस है कि उन्होने ये बात आपसे छिपाई,आप उनसे कहना कि वो मेरे पास वापस जाकर पहले अपना काम ख़तम कर के आयें,पहले तो वो मना करेंगे लेकिन फिर आप बार बार इसरार करना जिससे वो मेरे पास वापिस आ सके और तब मैं उनको शीशे मे उतार लूँगी"
सास:"तुमको यकीन है ये सब काम करेगा"
मैं:"आप देखते तो जायें"
सास:"क्या तुमने बताया साना को सेक्स के बारे में?"
मैं:"हां सब बता दिया है और उसको कुछ सीडीज़ भी दे दी हैं देखने के लिए, लेकिन मुझसे एक ग़लती हो गयी"
सास:"क्या?"
मैं:"मैं जोश मे आकर ये कह गयी कि आप सेक्स के लिए तरसती रहती हैं और मैं और आप एक दूसरे को उंगली करते हैं"
सास:"क्या? आरा तुमने मुझे मेरी बच्ची के सामने शर्मिंदा कर दिया है, आख़िर ये कहने की ज़रूरत क्या थी"
मैं:"आप टेन्षन मत लीजिए, साना मेच्यूर हो गयी है, उसने तो ये कहा कि उसको बहोत अफ़ोसोस हुआ ये जानकार कि आप की ऐसी हालत है और फिर उसने मुझसे रिक्वेस्ट की, कि मैं आपके साथ उंगली करती रहूं ताकि आपकी ख्वाइश पूरी होती रहे"
सास:"सच में, थोड़ा सुकून मिला ये जानकार और क्या बात हुई"
मैं:"बस बाकी सब बातें तो इनायत और शौकत के लंड के बारे में और चुदाई के बारे में हुई,मैने उसको ये भी कह दिया कि
इनायत नहीं चाहते कि आरिफ़ की शादी साना से हो"
सास:"क्या, लेकिन क्यूँ"
मैं:"यही कि आरिफ़ शायद किसी लड़की के साथ सेक्स कर चुका है और साना कुँवारी है"
सास:"इनायत को कैसे मालूम ये सब और आरिफ़ क्या किसी और लड़की के चक्कर में है?"
मैं:"आरिफ़ ने ही बताया है, दर_असल आरिफ़ को लगता था कि वो नमार्द है और इसलिए वो एक डॉक्टर के पास गया, वो एक लेडी डॉक्टर थी , उसने आरिफ़ को इलाज के बहाने अपनी चूत मारने के लिए कहा, आरिफ़ समझता रहा कि डॉक्टर उसकी मदद कर रही है लेकिन वो अपना मतलब पूरा कर रही थी, बाद में उसने आरिफ़ से कहा कि वो नमार्द नहीं है बस थोड़ी टेन्षन की वजह से उसको सेक्स का मन नही था"
सास:"अगर आरिफ़ ने खुद ये बातें इनायत से कही तो मुझे लगता है कि आरिफ़ सच बोल रहा है"
मैं:"अगर आपको आरिफ़ साना के लिए ठीक लगता है तो आप इनायत को मना लें"
सास:"लेकिन क्या वो मेरी बात मानेगा"
मैं:"हां, आप एक बार उसको अपनी चूत का नज़ारा दिखा दें फिर तो उसका बाप भी मानेगा, हाहहाहाहाहा"
सास:"हाहाहाहा, हां ये तो है, ठीक है फिर तुम कल सुबह अपने प्लान के मुताबिक सब करना"


तभी साना की आवाज़ आई और मैं बाहर चली आई,दिन ढल गया था और मैं रात को बेचैन थी अपना अगला प्लान एक्सेक्यूट करने के लिए.
 
सुबह प्लान के मुताबिक मैने साना और ताबू को भेज दिया शॉपिंग के लिए और मेरी सास भी पड़ोस में चली
गयी थीं. मैं पहले ही ससुरजी को रुकने के लिए कह दिया था. वो बिना किसी इसरार किए रुक गये थे.
मैने सास के जाते ही सास के कमरे मे झाँका, ससुरजी बैठे मेरे इंतेज़ार कर रहे थे.वो बेड पर बैठे
थे, मैने उनके पास गयी और उनसे लिपट गयी और उनको गले लगा कर अपने होंठ उनके होंटो पर रख दिए और
उनके पाजामे के उपर से ही उनका लंड सहलाने लगी.उनका लंड पहले से ही सलामी दे रहा था,मैने उनसे हट कर
उनका पाजामा और उनका अंडरवेर उतार दिया और खुद अपनी नाइटी जिस्म से अलगकर के बिस्तर पर रख दी.

मैं:"बरकत ज़रा बिस्तर पर पीठ के बल लेट जा"
ससुर:"जैसा तुम कहो मेरी जान"

वो जैसे ही बेड पर लेटे मैं 69 पोज़िशन मे आ गयी, ससुर जी को थोड़ा टाइम लगा ये सब समझने में, वो
पॉर्न मॅगज़ीन्स मे शायद ये पहले ही देख चुके थे, हम लोग इस तरहा बिस्तर पर थे कि ससुर जी का सर
कमरे के दरवाज़े की तरफ था और मेरे चुतड दरवाजे की तरफ और इसलिए हम कुछ भी देख नही सकते
थे, काफ़ी टाइम हो चुका था लेकिन सास अभी तक नही आई थी, सुसुरजी बड़े प्यासे कुत्ते की तरहा
मेरी चूत तो कभी मेरे चुतड के होल को चाट रहे थे और किसी बच्चे की तरह आवाज़ निकाल रहे थे
जिस तरहा कोई बच्चा लॉलीपोप अपने मूह मे लेकर आवाज़ निकालता है. मेरे बड़े बड़े सफेद चूतड़ और पिंक
चूत ने उनको मदहोश कर दिया था. मेरे ससुर ना दुबले पतले थे और ना ही मोटे,वो एक दरमियाने कद काठी
के आदमी हैं और उनके बालो में हल्की सी सफेदी आई है, वो हमेशा एक भरे फ्रेम का स्क्वेर चस्मा पहेन्ते
है,शौकत उनकी ही तरह दिखता है. उनके आँखें बड़ी बड़ी और चेहरा लंबा है. उनकी पर्सनॅलिटी
अभी भी काफ़ी रुबाबदार है. लेकिन मेरे भरे हुए जिस्म और कातिलाना अंदाज़ के सामने उनकी कोई औकात
नहीं थी. मुझे अब अपने जिस्म पर नाज़ था और मैं अपनी चूत उनके मूह पर बार बार रगड़ रही थी और
उनके लंड को रुक रुक कर चूस रही थी कि ना जाने कब झाड़ जाए.

मैं:"साले कुत्ते की तरहा चाट रहा है अपनी बहू की चूत, कुछ तो शरम कर हरामी"
ससुरजी:"तू है ही कुतिया तो मैं क्या करूँ"
मैं:"साले भडवे, शरम आनी चाहिए कि अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है"
ससुरजी:"तुझे शरम आनी चाहिए कि अपने बाप के उमर के आदमी से चुदवा रही है"
मैं:"ओये सूअर कहीं के, ज़्यादा मत बोल,मेरी बेज़्जती करेगा ना तो मैं जाती हूँ अभी अपने कमरे में
और तू चोद अपनी बुढ़िया को"

ये कहकर मैं सच मे उठने लगी मेरा उतना था कि ससुरजी का रंग ही बदल गया

ससुरजी:"आरा क्या हुआ, बुरा मान गयी क्या"
मैं:"देख मेरी बेज़्जती करेगा तो मैं यहाँ रुकने वाली नही, तुझे इस तरह की बातें पसंद हैं सेक्स
के टाइम पर इसलिए मैं करती हूँ और तू उल्टा मुझे ही सुना रहा है साले"

मेरा ये अंदाज़ ससुरजी को डरा गया

ससुरजी:"ठीक है आरा, आगे से मैं ख़याल रखूँगा"
मैं:"तुझे मेरा कुत्ता बनना होगा तभी तुझे मैं अपनू बुर के दर्शन करवाउंगी"
ससुरजी:"जैसा कहो मेरी रानी"
मैं:"थोडा रुक ज़रा मुझे मूत आ रहा है"
ससुरजी:"थोड़ा और रोक लो ज़रा मैं करीब ही हूँ झड़ने को"
मैं:"नहीं रुक सकती जाने दे साले"

मुझे सच मुच बहोत तेज़ी से पेसाब आ रहा था, ना जाने क्यूँ सासू जी कहाँ रह गयी थी, मुझे आइडिया
आया कि क्यूँ ना मैं ससुरजी के मूह में ही मूत दूं,इसके बारे मे मैने कई मूवीस मे देखा था इसको
गोल्डन शवर भी कहते हैं.मैने सोचा कि लाओ ये अड्वेंचर भी कर के देख लूँ.हमारी सोसाइटी में
बहू कभी ससुर को अपना मूह भी नही दिखाती हैं और सास और ससुर का बहोत डर होता है और बड़ी
इज़्ज़त होती है लेकिन मैने मूह क्या चूत तक दिखा दी थी अपना ससुर को और उनको गाली देने में और
ज़लील करने मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.मैने अपना पेसाब छोड़ दिया. मेरे पेसाब से वो थोड़ा चौंक
गये लेकिन मैने अपनी चूत उनके मूह से नही हटाई, वो भी मेरे पेसाब को अपनी ज़बान निकाल कर चाट
रहे थे.


मैं:"अब चाट मेरा मूत साले,पी इसको"

जब मेरा पेसाब निकल गया तो पूरा बिस्तर मेरे पेसाब से भीग गया था.ससुरजी को बाद मे ये ख्याल
आया.तभी हम लोगो को पीछे से आवाज़ सुनाई दी.ये मेरी सास की आवाज़ थी. जब हम लोगो ने पलट कर देखा तो
वो बाहर खड़ी थी और उनकी आँखो मे बनावटी दुख और गुस्सा था,वो बोल उठी थी "चीईईईईईइ"
उनकी आवाज़ सुन कर ससुरजी के तोते ही उड़ गये और मैने अपनी नाइटी उठाई और मैं अपने कमरे से बाहर आ गयी
और अपनी नाइटी पहनने लगी. मुझे किस का डर था इसलिए मैने बाहर छुप कर दोनो की बात सुन रही थी.

ससुरजी की घिग्गी बन गयी थी.
मुझे यहाँ से हर बात सॉफ सुनाई दे रही थी.मेरी सास प्लान के हिसाब से ही, दिखावे का रोना रो रही थी

सास:"मुझे बड़ा अफ़ोसोस है कि मैं आपको मैं खुश नही रख पाई कि आपको अपनी ही बहू के पास जाना
पड़ा, आप सेक्स के लिए इतने बेताब हैं कि आप अपनी बहू की बुर मे मूह लगा कर उसका पेसाब पी रहे
थे, हाय ये सब देखने से पहले मैं मर क्यूँ ना गयी,हाययययी हायययी रे मेरी किस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्माआआआत"

ससुरजी:"शौकत की मा, मुझे माफ़ करदो, ना जाने मुझे क्या हो गया था लेकिन मैं दिल से तुम ही से
प्यार करता हूँ, मुझे माफ़ करदो, प्लीज़ रोना बंद करो"

सास:"लेकिन आपने ये तो सोचा होता कि ये आपके बेटे की बीवी है, आप मर्द हैं चाहे तो किसी और से ताल्लुक
बना लेते, कहीं आपने आरा को धमका कर या डरा कर तो ताल्लुक नही बनाया"

ससुरजी:"नही मेरी जान, बिल्कुल नहीं"

सास:"सेक्स का दिल तो मेरा भी करता है लेकिन मैं किसी और के सामने अपनी चूत नही फैला सकती क्यूँ कि
मैं आप की तरह मर्द नहीं हूँ ना, मैं अगर ऐसा करती तो आप मुझे मार ही डालते, चलो ये ठीक ही हुआ कि आपकी ख्वाइश घर मे ही पूरी हो रही है"

ससुरजी:"तुम यकीन करो मैं आइन्दा से ऐसा नही करूँगा"

सास:"आप घर में नही करेंगे तो बाहर करेंगे और इस उमर में बदनाम होंगे, उससे तो अच्छा है कि
आप घर में ही ये सब करते रहें लेकिन अगर इनायत और शौकत या साना को मालूम हुआ तो वो क्या
करेंगे"

ससुरजी:"इसलिए मैं कह रहा हूँ कि आइन्दा ऐसा नही करूँगा"

सास:"मुझे कोई ऐतराज़ ना होता लेकिन आपने मुझे भी अंधेरे मे रखा इस बारे में, क्या मैने कभी
आप को किसी चीज़ के लिए मना किया है क्या?"

ससुरजी:"नही कभी नही किया लेकिन मैं ये तुमको कैसे बता देता"

सास:"जाइए आप पहले अपनी भूख मिटा कर आइए, नहीं तो आप दिन भर परेशान रहेंगे"

ससुरजी:"कैसी बात कर रही हो"

सास:"मैं जानती हूँ आपको, जाइए आप, मैं खुद ही आरा को बुला देती हूँ"

ससुरजी:"ये क्या कर रही हो तुम, आरा कैसे आएगी वो भी तुम्हारे सामने, मेरा मतलब उसको भी शायद
पछतावा हो रहा होगा"

सास:"अब कैसे पछतावा, अगर आप लोग एक दूसरे से खुश हैं तो मैं क्या कर सकती हूँ, लेकिन आप
जल्दी करो, साना और ताबू बाज़ार से वापिस आते ही होंगे."
 
सास:"आरा कहाँ तो तुम"

वो बाहर आई और प्लान के मुताबिक मुझे कहने लगी कि मैं खुद ससुरजी के पास जाउ और उनको खुश करूँ

सास:"आरा जाओ अपने ससुर के पास और जल्दी करो"

मैं:"मुझे माफ़ कर दीजिए"

सास:"अर्रे भाई जल्दी करो आरा, जाओ जल्दी जाओ"

मैं धीरे धीरे ससुरजी के कमरे मे आ गयी वो अब भी जैसे यकीन नहीं कर पा रहे थे कि उनकी बीवी
ने उनकी बहू को उनके पास चुदने के लिए भेज दिया है. मैं ससुरजी के पास आई और मुस्कुरा कर उनका
चेहरा अपने हाथो से उपर किया और फिर उनसे लिपट गयी.

मैं:"बरकत तेरी बीवी ने तो कमाल ही कर दिया,अच्छा अब जल्दी कर मेरी चूत कुलबुला रही है तेरा लौडे
के लिए"
ससुरजी:"मुझे यकीन नही होता,ये सब असल मे हो रहा है"
मैं:"गान्डू, तू यकीन करने मे टाइम लगा और तेरी बेटी आ जाएगी फिर अपने हाथ से हिलाना बैठ कर"

अब सुसुरजी ने कुछ सोचा और मुझे किस करने लगे, मैने भी अपनी बाँहे उनकी बाहों मे डाल दी और
उनसे लिपट गयी, बाहर मेरी सास हमारे सेक्स ख़तम होने का वेट कर रही थी.

ससुरजी:"चलो अच्छा हुआ, अब मैं बेफिकर हो कर तुमसे प्यार कर सकता हूँ, अब डर नहीं है"
मैं:"साला तू मर्द है ना इसलिए सिर्फ़ अपने बारे में हो सोचेगा, सोच अगर तेरी बेटी या तेरे बेटों को
मालूम पड़ा तो क्या होगा"

ससुरजी ने मेरी नाइटी उतारनी चाही और मैने भी अपने दोनो हाथ उठा दिए ताकि मेरी नाइटी मेरी बाहो
से निकल सके, ससुरजी अब भी वैसे ही नंगे थे और उन्होने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया और मेरे पैर
हवा मे उठा दिए और मेरी टाँगो से बीचे मे आकर मे चूत मे लंड डालने लगे और एक धक्का सा दिया
, इससे उनका लॉडा मेरी बुर मे घुस गया.अब वो मेरी कमर पकड़ कर धक्के दे रहे थे, मेरी चूत मे पहले
से ही काफ़ी पानी आ गया था और पूरा कमरा पच पुच की आवाज़ से गूँज रहा था.


ससुरजी:"उनको कैसे मालूम पड़ेगा"
मैं:"अच्छा चलो ठीक है, मान ले कि नही मालूम पड़ता तो तेरी बीवी का क्या, वो बेचारी कैसे अपनी प्यास
बुझाएगी"
ससुरजी:"इसमे मैं क्या कर सकता हूँ"
मैं:"तू तो अपनी बेटी की उमर की लड़की को चोद रहा है तो उसके लिए भी कोई जवान लड़का ढूँढ दे या उससे
खुद कह दे कि वो भी मज़े करे"
ससुरजी:"देखो आरा इसमे ख़तरा बहोत है, जवान लड़के ब्लॅक मैल करने लगते हैं, वीडियो बना कर इंटरनेट
पर डाल देते हैं, इससे सब बर्बाद हो जाएगा"
मैं:"तो घर में ही कुछ इंतेज़ाम कर दे, आआहह उहह धीरे साले फाड़ देगा क्या मेरी चूत को, ज़ालिम आराम से,रंडी नही हूँ तेरी बहू हूँ कुत्त्तीए आआआअहह"

मैने जान बूझ कर ज़ोर से चिल्ला कर कहा ताकि मेरी सास तक आवाज़ चली जाए


सास:"आरा धीरे, पूरे मोहल्ले तक पहुँच जाएगी तुम्हारी आवाज़"
मैं:"साली, मुझसे क्या कह रही है, अपने मिया से कह ना, साला पागल हो जाता है मेरी बुर देख कर"

मैने ये बात चिल्ला कर कही, मुझे बड़ा अच्छा लगा, मैने आज पहली बार अपनी सास को गाली दी थी.

सास:"अजी धीरे करो ना,आज दुनिया ख़तम नही हो रही है"

ससुरजी:"अच्छा मेरी जान"

मैं:"तो क्या सोचा हैं, अपनी बीवी के लिए"
ससुरजी :"क्या कहना चाहती हो सॉफ कहो ना"
मैं:"अपनी बीवी के लिए तू इनायत या शौकत के लंड की पर्मिशन दे दे"
ससुरजी:"पागल हो क्या, वो उसके बेटे हैं, ये कैसे किसी को क़ुबूल होगा"
मैं:"अच्छा तो बहू की बुर मे अपना केला पसंद है लेकिन बीवी की चूत मे बेटे का नही पसंद"
ससुरजी:"तुम मेरी बेटी नही हो"
मैं:"अच्छा अगर तुझे अपनी बेटी चोदने को मिले तो क्या तू उसको नही चोदेगा"
ससुरजी:"हरगिज़ नहीं"
मैं:"बेटा एक बार जब अपनी बेटी की चूत देख ली ना तो सब भूल जाओगे"
ससुरजी:"तुमने कब देखी उसकी"
मैं:"मैं और वो सहेली जैसी हैं इसलिए हम मे कुछ नही छिपा है, मैं अपने सेक्स के बारे में उसको सब
बताती रहती हूँ और मैने कई बार उसको नहलाया है, सब जानती हूँ, वो तेरी बीवी की जवानी है
, समझा"
ससुरजी:"अच्छा"
मैं:"क्यूँ आ गया ना मूह मे पानी, सोच अगर मेरी जगह खुद तेरी बेटी जो तेरे लंड से पैदा हुई है,
खुद तेरे ही लंड को चूस रही हो"


इन बातों से सुसुरजी काफ़ी गरम हो गये थे और उनकी स्पीड बढ़ चुकी थी


ससुरजी:"ये सब कभी मुमकिन नहीं है"
मैं:"मैं मुमकिन बना सकती हूँ लेकिन तुझे अपनी बीवी के बारे मे सोचना होगा, उसके लिए मैं
इनायत को राज़ी कर लूँगी"
ससुरजी:"अगर साना मान जाती है तो ठीक है, मुझे कोई ऐतराज़ नही है"
मैं:"इसके फ़ायदे भी तो सोच,मैं और तू बिना किसी झंझट के सबके सामने दिन दहाड़े खुले मे चुदाई का
ये खेल खेल सकते हैं"
ससुरजी:"शौकत और ताबू को भूल गयी क्या?"
मैं:"शौकत और ताबू को तू मेरे उपर छोड़ दे, मैं उनको भी मना लूँगी लेकिन इसमे टाइम लगेगा"
ससुरजी:"फिर हो सकता है कि ताबू को भी मैं चोद सकूँ"
मैं:"साला तू है मर्द,पक्का कुत्ता, एक बहू की चूत मे लंड डाले है और अपनी बेटी और दूसरी बहू
के बारे में सोच रहा है हाहहाहहाहहाहा हीहेहेहीहीह"


अब ससुरजी झाड़ चुके थे, वो कुछ मेरे उपर लेट गये और मैं भी उनके सर के बालो में उंगलिया कर
रही थी. ये एक अजीब एहसास था कि मैं अपने ससुर से चुदवा रही हूँ और उनकी बीवी बाहर पहरा दे
रही है. कुछ देर तक इसी तरहा रहने के बाद उन्होने और मैने कपड़े पहेन लिया और मैं कमरे के बाहर
गयी. मेरी सास ने मुझे आँख मारी और उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी.


सास:"आरा कहाँ जा रही हो, वो जो मेरे बेड पर तुमने पेसाब किया है वो कौन सॉफ करेगा?"
मैं:"ठीक है अम्मी, मैं अभी वॉशिंग मशीन मे डाल देती हूँ"
सास:"जल्दी करो, ताबू और साना आते ही होंगे"

फिर कुछ देर बाद साना और ताबू भी आ गये. हम दोपहर के काम मे लग गये.मैने सोचा था कि आज
इनायत को अपनी मा की चूत के डीटेल्स दे दूँगी और एक बार फिर रोल प्ले के ज़रिए उसको उसकी अपनी
मा की चूत तक पहुँचा दूँगी. मैं बेसब्री से रात का इंतेज़ार कर रही थी.
 
रात तो खाने के बाद मैं और इनायत रूम मे थे. इनायत कोई न्यूसपेपर पढ़ रहे थे कि मैने अपनी नाइटी उतार दी और उनके राइट मे नंगी लेट गयी, इनायत ने मेरी तरफ देखा और चौंक से गये और बोल पड़े

इनायत:"आरा, ये क्या है, दरवाज़ा तो लॉक कर दो, कोई आ गया तो क्या होगा"
मैं:"कौन आ सकता है"
इनायत:"साना आ जाए, या अम्मी आ जायें या हो सकता है कि अब्बू ही आ जायें"
मैं:"तुम्हारे अब्बू सो रहे हैं और अगर साना या तुम्हारी अम्मी आएगी तो क्या फ़र्क पड़ता है, उन्होने तो मुझे पहले ही नंगा देखा है"
इनायत:"क्या बात है आज बहोत मूड मे हो"
मैं:"बहोत दिन हो गये हैं, तुम तो वापिस आकर अपनी बुक्स मे खो जाते हो,शौकत भी ताबू की चूत मे घुसा रहता है तो कौन मर्द बाकी है घर में?"

इनायत:"अच्छा मेरी जान मैं खुद दरवाज़ा बंद कर लेता हूँ"

शौकत ने दरवाज़ा बंद करते ही अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरी टाँगो के बीच मे आकर मेरी चूत चाटने लगा.

मैं:"बेटा अपनी अम्मी की चूत को प्यार से चॅटो और धीरे धीरे"

इनायत मेरी तरफ देखा फिर वो वापिस अपनी लंबी ज़बान से मेरी चूत चाटने मे लग गया और फिर मेरी तरफ देख कर बोला

:"अच्छा मेरी प्यारी अम्मी, आज मैं आपकी ऊट चाट कर अपनो खूब मज़ा दूँगा"

इनायत काफ़ी देर कर मेरी बुर से ज़बान रगड़ता रहा फिर वो मुझ पर आकर लेट गया और हम किस करने लगे. अब वो मेरी बुर मे अपना लौडा पेलने के लिए तैय्यार था. उसने धीरे से अपने मूसल मेरे अंदर घुसाया. उसका मूसल अंदर जाते ही मेरी चूत मे धँस जाता था और मैं कसमसा कर रह जाती.


मैं:"इनायत मैं कुछ दिनो से तुमसे एक बात कहना चाहती हूँ लेकिन वादा करो कि तुम एक मर्द की तरहा नही एक इंसान की तरहा इस बात को सुनोगे"

इनायत ने धक्के लगाना शुरू कर दिया था और मेरी चूत मे हलचल शुरू हो गयी थी, वो दोनो हाथो से मेरी बड़े बड़े चुचियों
को मसल रहा था.

इनायत:"आरा मैं तुम्हारा दोस्त भी हूँ ,मुझसे कुछ कहने के लिए तुम्हे वादे की ज़रूरत नहीं है"

मैं:"जानते हो जिस रात मेरी तबीयत ठीक नही थी, इस रात मैं तुम्हारी अम्मी के रूम मे सोई थी."
इनायत:"हां तो"
मैं:"तो रात को कराहने की आवाज़ आई जिससे मेरी आँख खुल गयी, कमरे मे 0 वॉट का बल्ब जल रहा था, मैने देखा की अम्मी अपनी सलवार के अंदर उंगली कर रही थीं, जैसे ही उनकी नज़र मुझ पर पड़ी तो वो चौंक पड़ी और उंगली निकाल ली, फिर उनकी आँखो मे आँसू आगये, मुझे बुरा लगा, मैने उनसे कहा कि आप शर्मिंदा ना हो, इसमे कोई हर्ज नही है तो उन्होने मुझे बताया की काफ़ी टाइम से उनके मिया उनसे सेक्स नही कर पा रहे हैं और जल्दी झाड़ जाते हैं जिसकी वजह से वो काफ़ी परेशान रहने लगी है, मुझे उनपर काफ़ी तरस आया, अगली सुबह उन्होने ही मुझे नहलाया, उनके कपड़े भीग गये थे तो मैने उनसे भी मेरे साथ नहाने के लिए कह दिया,उफ़फ्फ़ जब उन्होने अपने कपड़े उतारे तो मैं उनकी चूत देखती ही रह गयी,हम दोनो अपने उपर कंट्रोल खो बैठे,मैं और तुम्हारी अम्मी ने फिर एक दूसरे के जिस्म से अपनी हसरत को पूरा किया "

इनायत:"क्या, क्या कह रही हो?"

इनायत का लंड अब मेरी चूत से निकल चुका था और उसका मूह खुला हुआ था, वो मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रहा था.


मैं:"हां इनायत ये सच है"
इनायत: "मेरी माँ ये सब कभी नही कर सकती"
मैं:"मैं जानती हूँ इसका यकीन करना मुश्किल है, लेकिन तुम एक सेक्स से लिए तरसती औरत की बात भी कर रहे हो"
इनायत:"लेकिन फिर भी वो ऐसा कैसे कर सकती हैं, क्या उन्हे अपनी उमर और रिश्ते का ख़याल नही रहा"
मैं:"वाह मेरे शौहर, आख़िर आप मर्द की तरह बात करने ही लगे, खुद आप दिल मे अपनी सग़ी मा और बहेन के लिए जज़्बात रखते हैं और ये आपको बुरा नहीं लगता लेकिन एक औरत जिसके कुछ ख़ास ज़रूरतें भी होती है अगर वो अपने लिए कुछ करे तो आपको उमर और रिश्ता नज़र आने लगता है"
इनायत:"लेकिन आरा...."
मैं:"जाइए इनायत साहब सो जाइए, मुझे सोना है"
इनायत:"आरा सुनो तो, सॉरी मुझे लगता है मैं ओवर रिक्ट कर गया,,, "
मैं:"मुझे आपसे यही उम्मीद थी जनाब"
इनायत:"देखो हो सकता है कि अम्मी को बाद मे पछतावा हुआ हो अपने किए पर"
मैं:"हां हुआ था और वो शर्मिंदा भी थीं लेकिन मैने उनसे कहा कि इसमे शर्मिंदा होने को कोई ज़रूरत नहीं है, मैने उनसे कह
दिया है कि अगर मेरे ज़रिए उनकी कोई ज़रूरत पूरी हो रही है तो मैं इसके लिए तैय्यार हूँ"
इनायत:"तुमने ठीक किया"
मैं:"जानते हो मैने उन्हे ये बता दिया कि हम रोल प्ले करते हैं और ये भी कि तुम मुझे उनका रोल प्ले करने के लिए कहते हो"
इनायत:"आआर, क्या तुम्हारा दिमाग़ ठीक नहीं था उस वक़्त, तुमने मुझे शर्मिंदा कर दिया, अब मैने उनके सामने कैसे जाउन्गा"

मैं:"इनायत वो मेरी सास ही नही बल्कि मेरे सबसे अच्छी दोस्त भी हैं अब, तुम्हे ये याद रखना चाहिए, उनको पहले बहोत अटपटा सा लगा लेकिन फिर वो इसको क़ुबूल कर बैठी, उन्होने खुद कहा कि अकसर ऐसा होता है, लड़के अपनी मा से अट्रॅक्ट हो जाते हैं

, मैने ये भी बताया कि कैसे तुम उनके बारे में इमॅजिन करके एग्ज़ाइट हो जाते हो"

इनायत:"फिर"

मैं:"फिर क्या, उन्होने मुझसे पूछा कि उनमे ऐसा क्या है"

इनायत:"फिर"

मैं:"इनायत तुम नहीं जानते कि तुम्हारी मा कितनी खूबसूरत हैं, उनकी चूचियाँ, उनके चुतड और उनकी जांघे सब बड़े दिलकश हैं,मैने आज दोपहर ही जब घर में कोई नही था,उनके साथ तुम्हारा रोल प्ले किया, जब मैं उनकी दिलकश चूत चाट रही थी तो वो तुम्हारा नाम लेकर एग्ज़ाइटेड थीं"

इनायत के चेहरे पर ऐसे एमोशन थे जैसे किसी इंसान को किसी बड़े ख़ज़ाने का नक्शा मिल गया हो, वो मेरी तरफ किसी मूरत की तरहा देख रहे थे.

मैं:"इनायत, कर दो अपनी मा की ख्वाइश पूरी, वो ना जाने कब से एक लंड के लिए तरस रहीं हैं, मैने उनसे कहा था कि मैं इस बारे में तुमसे बात करूँगी,लेकिन वो ये मान ही नही पा रही थी कि तुम कभी इस बात के लिए राज़ी होगे, लेकिन
मैने उनसे वादा कर लिया कि मैं तुमको राज़ी कर के ही रहूंगी"

इनायत:"लेकिन ये कैसे हो पाएगा"
मैं:"उसकी फिकर तुम मत करो,आज शायद अब्बू को बुखार है और उनको डॉक्टर ने नींद की गोली दी है तो वो गहरी नींद मे सो रहे हैं

, मैं अम्मी को बुला लेती हूँ और फिर मैं अब्बू के कमरे मे चली जाउन्गि, पहरा देने को, तुम आज उनकी सारी हसरतें पूरी
कर लेना "
 
इनायत:"लेकिन अगर अब्बू जाग गये तो?"

मैं:"तो मैं हूँ ना,उनको मैं पहले ही पसंद हूँ, मैं कॉसिश करूँगी कि मैं उनको अपनी बातों मे फुस्लाये रखूं, वो मेरी अदा से
वहीं पर जमे रहेंगे, लेकिन तुम अपनी मा की ज़रूरत का पूरा ध्यान रखना"

इनायत:"ठीक है तुम उनको बुला लाओ, फिर तुम ही पहले बात शुरू करना, मैं पहले कुछ नहीं करूँगा"

मैं:"ठीक है, मैं उनको अभी बुला लाती हूँ"


ये कहकर मैं सास के कमरे मे चली गयी, वो लोग सोने की तैय्यारि कर रहे थे, मुझे देख कर ससुरजी की आँखो मे चमक आ गयी

मैं:"अम्मी आज रात मैं अब्बू के पास सोना चाहती हूँ"
सास:"क्या? और इनायत?"

मेरी बात सुनकर तो जैसे ससुरजी खिल उठे लेकिन मेरी सास थोड़ा टेन्षन मे आ गयी

मैं:"हां अम्मी, अब्बू मुझे बहुत अच्छी तरहा प्यार करते हैं, मैने इनायत से कह दिया है कि अब्बू बीमार हैं और अम्मी दिन भर की थकि हैं, दोनो एक दूसरे की देख भाल नही कर सकते, और इसलिए मैं अब्बू को सारी रात देखती रहूंगी और अम्मी चाहे तो मेरे कमरे मे सो जायें"

ससुरजी:"हां आरा कोई बात नही तुम मेरे साथ सो जाओ"

सास:"अर्रे लेकिन मैं इनायत के कमरे के कैसे सोने जाउ"

मैं:"अम्मी वो नींद की दवा लेते हैं कभी कभी तो वो पहले ही सो गये हैं"

सास:"और शौकत, ताबू और साना"

मैं:"साना को तो आप जानती ही हैं कि जल्दी सोती है और सुबह ही उठती है, शौकत और ताबू चुदाई का खेल खेल रहें हैं"
सास:"लेकिन तुम्हारे यहाँ सोने के ख़तरा है"
मैं:"कोई ख़तरा नहीं है, मैं फिर वापस अपने कमरे में चली जाउन्गि, अगर किसी ने पूछा तो कह दूँगी कि अब्बू को बुखार और और मैं उनके लिए जाग रही हूँ"

सास:"आरा आज तो मैं चली जाती हूँ लेकिन कल ऐसा दोबारा नहीं होगा"

मैं:"ठीक है मेरी अच्छी सासूजी, आप कितनी अच्छी हैं,चलिए मैं आपको छोड़ आती हूँ अपने कमरे में"

ससुरजी:"वो खुद चली जाएगी, आरा तुम मेरे पास आओ"

मैं:"मेरे राजा थोड़ा वेट करो ना, मैं अभी आती हूँ"

सास:"चलो, ठीक है"

मैने बाहर आकर अपनी सास को सारा मामला समझा दिया कि कैसे इनायत उनकी चूत लेने के लिए बेताब है.पहले तो वो ना नुकुर करने लगी कि तुम्हारे ससुर को मालूम पड़ जाएगा लेकिन मैने भरोसा दिलाया कि मैं आज रात ससुरजी को बाहर आने का मौका ही नही दूँगी तो वो राज़ी हो गयी.मैं जैसे ही अपने कमरे मे आई तो इनायत और मेरी सास दोनो एक दूसरे को देख कर थोड़ा शरमा से गये लेकिन मैने सिचुयेशन को हॅंडल कर लिया.

मैं:"आरे आप लोग एक दूसरे को देखते ही रहोगे कि कुछ आगे भी बढ़ोगे,चलो अपने कपड़े उतारो"
सास:"आरा, तुम कितनी बेशरम होती जा रही हो"
मैं:"जिसने की शरम उसके फूटे करम, चलो इनायत जल्दी करो, मुझे अब्बू के पास भी जाना है, कहीं वो जाग ना जायें"

वो लोग कभी एक दूसरे को देखते तो कभी दीवार या छत को तो मैने सोचा कि मैं ही कुछ करूँ.मैने अपनी सास की नाइटी के बटन खोलने शुरू कर दिए और उनसे कहा कि वो अपने दोनो हाथ उपर कर लें, पहले तो उन्होने बनावटी नखड़ा दिखाया लेकिन फिर मेरे इसरार करने पर हाथ उपर उठा लिए, मैने उनकी नाइटी उनके जिस्म से अलग कर दी, अब वो एक हाथ से अपने सीने को छिपा रहीं थी और दूसरे हाथ से अपनी चूत ढक रही थी,उनका सिर झुका हुआ था और वो शर्म से लाल हो रही थी, उधर इनायत का मूह खुला था और वो साँस थामे ये सब बे यकीनी से देख रहा था.अब मैने अपनी सास के दोनो हाथ हटा दिए और इनायत की तरफ आँख मार कर कहा

मैं:"देखो मैने कहा था ना कि तुम्हारी मा बड़ी खूबसूरत हैं"
इनायत:"हां"
मैं:"अम्मी आप बिस्तर पर लेट जाओ"

मेरी सास बिस्तर पर लेट गयी उन्होने अपनी आँखें बंद कर रखी थी, मैने इनायत से कहा कि वो दरवाज़ा लॉक कर ले लेकिन जाते जाते मैं अपनी सास की टाँगो को चौड़ा किया और उनकी चूत पर एक ज़ोर दार किस कर लिया, इससे ये हुआ कि उन्होने अपनी हालत खोल ली, उन्होने देखा कि मैं हूँ तो वो बोल पड़ी.

सास:"आरा शरारत मत करो"
मैं:"शरारत तो आज आपका बेटा करेगा आपकी चूत मे अपना लॉडा पेल कर"

ये कह कर मैं बाहर आ गयी और इनायत ने डोर लॉक कर दिया अब मैं अपने ससुर के कमरे में आ चुकी थी.
 
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