non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार - Page 4 - SexBaba
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non veg kahani कभी गुस्सा तो कभी प्यार

पूनम अपने पेरेंट्स के साथ रात का खाना खा रही थी की फ़ोन आया की पूनम के मामा का एक्सीडेंट हो गया है और वो लोग हॉस्पिटल में हैं.. सब लोग परेशान हो गए. उसकी मम्मी का तो रो रो कर बुरा हाल था. उसके मम्मी पापा अभी ही वहां के लिए निकल पड़े. दोनों ने जाने से पहले पूनम को बहुत कुछ समझा दिया था की सारे गेट, खिड़की अच्छे से बंद कर लेना और लाइट ऑफ रखना, कोई कितना भी आवाज़ दे गेट मत खोलना इत्यादी. वो अपनी बेटी को अकेली छोड़कर जाना भी नहीं चाहते थे और ऐसे में रात में ले जाना भी ठीक नहीं था.

मम्मी पापा के जाते ही पूनम घर में अकेली हो गयी. इससे पहले भी वो 2-3 बार अकेली रही थी, लेकिन आज उसके मन में एक अनजानी ख़ुशी थी. मम्मी पापा के जाते ही वो अपने घर के सारे खिड़की दरवाजे को चेक की की वो ठीक से बंद हैं की नहीं और फिर सबसे पहले अपने सारे कपड़े उतर कर वो नंगी हो गयी और फिर अमित को कॉल लगायी. अमित तो शॉक्ड हो गया की इतनी रात में पूनम उसे कॉल की है. थोड़ी देर अमित को परेशान करने के बाद वो अमित को बताई की वो घर में अकेली है और सारी रात अकेली ही रहने वाली है. अमित तो आने के लिए उतावला हो गया. पूनम उसे बताई की सामने के गेट से मत आना, पीछे का जो रास्ता है उधर से आना. अमित भी अपने घर में किसी दोस्त के एक्सीडेंट का बहाना बनाकर घर से निकल पड़ा अपनी प्रेमिका के साथ रात बिताने, उसकी चुदाई करने.

अभी अमित के आने में टाइम था तो वो इधर से उधर घूमने लगी। उसे नंगी रहने में बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी चुत फिर से गीली होने लगी और वो चाह रही थी की जल्दी से अमित आये और उसकी इस गीली चुत को रौंद कर चोद डाले. वो सोफे पे अपने पैरों को फैलाये हुए बैठी थी और अपनी हसीं चुत को सहलाती हुई सोच रही थी की आज कैसे कैसे अमित से चुद्वायेगी. आज उसके पास पूरा टाइम था.

थोरी देर बाद घर का फ़ोन बज उठा. वो कॉल रिसीव की तो अमित का फ़ोन था की वो आ रहा है और उसके घर के पास आ चूका है. पूनम उसे पीछे के गेट का रास्ता समझाई। पहले तो वो सोंची थी की नंगी ही अमित के लिए गेट खोलेगी, ताकि अमित उसे देख कर शॉक्ड हो जाये, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाई. एक बार की चुदाई में वो इतनी बेशर्म नहीं बनी थी.

वो अपनी मम्मी की एक नाइटी पहल ली. उसे वो नाइटी ढीली हो रही थी, लेकिन पूनम को इससे कोई प्रॉब्लम नहीं था. कौन सा इसे पहन कर कहीं उसे बाहर जाना था. बस गेट खोलना था और कुछ ही देर में तो अमित इसे उतार कर उसके बदन से अलग कर फेंक देता. नाइटी फुल गाउन स्टाइल का था और सामने में चैन लगा हुआ था छाती तक.
थोरी देर बाद फिर पूनम के घर का फ़ोन बजा. फिर से अमित था और वो पीछे के गेट तक पहुँच गया था. पूनम एक लम्बी साँस ली और गेट खोलने चल दी. वो नाइटी के अंदर और कुछ नहीं पहनी थी। उसे आज रात भर अपने यार के साथ मस्ती करना था. खूब चुदवाना था. वो गेट का लॉक खोली और गेट को हल्का सा खोल कर धीरे से बोली “अमित?” अमित “ह्म्म्म” बोलता हुआ गेट को धक्का दिया और पूनम गेट खुलने दी. अमित आधा गेट खोल कर ही अन्दर आ गया और उसके अन्दर आते ही पूनम तुरंत गेट बंद कर दी.

अमित की सांसे तेज़ चल रही थी. वो मुस्कुराता हुआ पूनम को देखने लगा. पूनम भी उसे देख कर मुस्कुराते हुए शर्मा दी और नज़रें नीची कर ली. अमित ने अपनी बाँहों को फैलाया और पूनम उसमे सिमट गयी. पूनम को आज कुछ जयादा ही शर्म महसूस होरहा था. वो अपनी चुदाई के लिए आज अमित को बुलाई थी.

अमित ने पूनम का चेहरा ऊपर उठाया और उन पंखुरियों पे अपने होठ रख दिए और उस फूल का रसपान करने लगा. अमित का हाथ पूनम की पीठ और गांड पे घूम रहा था और उसने कस के पूनम को अपने बदन से चिपकाया हुआ था। पूनम भी अमित के बदन से चिपकी हुई अपनी मुलायम आज़ाद चुच्चियों को अमित के सीने से दबाये हुए उसके होठों को चूस रही थी। अमित अपनी जानेमन के जिस्म को सहलाता हुआ नाइटी को ऊपर उठाता गया. पूनम को उम्मीद भी यही थी और वो भला क्यू उसे रोकती. जब नाइटी कमर तक आ गयी तो अमित को ये देख कर बहुत ख़ुशी हुई की उसकी रानी ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ है. उसके हाथों में पूनम की नंगी मुलायम गांड थी जिसे हुए वो दबाता हुआ मसल रहा था।

 
पूनम ने अमित का हाथ पकड़ लिया और “ये सब कुछ नहीं होगा” बोलते हुए वो अमित से छिटक कर दूर हो गयी. अमित बस खड़ा देखता रह गया. उसे पूनम से इस हरकत की उम्मीद नहीं थी. पूनम मुस्कुराती हुई बोली “बैठो, कॉफी बनाती हूँ.”
“तुमने मुझे कॉफी पिलाने बुलाया है इतनी रात में “ बोलता हुआ अमित फिर से पूनम की तरफ बढ़ा ताकि फिर से उसे अपनी बाँहों में भर सके और उसके हसीं बदन का मज़ा ले सके. वो अभी भी अपने हाथों में उसके गुदाज नितम्बों की छुअन महसूस कर रहा था.

पूनम मुस्कुराती हुई किचन की तरह चल पड़ी. “तुमने कभी मेरे हाथ का बना कुछ टेस्ट नहीं किया है न, तो सोची की आज अच्छा मौका है, तुम्हे टेस्ट करा देती हूँ आज.” अमित थोड़ी देर तो यु ही खड़ा रहा. उसे पूनम पे गुस्सा भी आ रहा था और वो खीज भी रहा था. लेकिन वो कर ही क्या सकता था। अभी कुछ दिन पहले तक तो वो पूनम को गले लगाने से भी डरता था और अब तो इतना कुछ हो रहा था। उसके पास तो पूरी रात पड़ी थी। वो भी किचन की तरफ चल पड़ा.

पूनम किचन स्लैब के पास खड़ी थी और कॉफी बनाने के लिए बर्तन में पानी और दूध डाल रही थी. अमित पूनम के बदन को गौर से निहारा और पीछे आकर उसकी गांड पे अपना हाथ सहलाया. पूनम का रोम रोम हिल गया लेकिन वो अमित की हरकत का कोई विरोध नहीं की. अमित नाइटी के ऊपर से उसकी गांड को सहला रहा था और अन्दर कोई और कपड़ा न होने से उसके चिकनेपन का मज़ा ले रहा था.

वो फिर से नाइटी को ऊपर करने लगा और पूनम के बदन से सट कर उसके गर्दन और कान पे किस करता हुआ “आई लव यू मेरी जान” बोला. पूनम बहुत रोमांचित महसूस कर रही थी. अमित की हरकतों से ज्यादा मज़ा उसे ये महसूस करके आ रहा था की वो किचन में बस नाइटी पहने खड़ी है और उसका BF उसके बदन से खेल रहा है.

अमित फिर से नाइटी को कमर तक उठा चूका था और अब उसका हाथ फिर से पूनम की चिकनी गांड पे था। गांड को सहलाता हुआ अमित अब अपना हाथ सामने लाया तो उसका हाथ चिकने पेट से फिसल कर चुत पे पहुँच गया जहाँ अभी हल्की हल्की झांटें उग आई थी. पूनम का बदन सिहर रहा था और उसकी चुत गीली हो चुकी थी. पूनम अमित का हाथ पकड़ ली और उसे अपने बदन से हटाते हुए बोली “तुम फिर शुरू हो गए.”

अमित ने अपना हाथ हटा लिया नाइटी फिर से नीचे हो गयी. अब अमित का एक हाथ सामने से नाइटी के ऊपर से ही पूनम के पेट पे था और दूसरा हाथ वो गर्दन को सहलाता हुआ सामने ला रहा था. अब उसे पूनम से कोई डर नहीं लगता था क्यू की को अपनी GF की एक बार चुदाई कर चुका था. उसका नीचे वाला हाथ और गर्दन के पास वाला हाथ दोनों बीच में आये और अब उसके दोनों हाथों में पूनम का एक एक लड्डू था जिसे वो बड़े प्यार से सहला रहा था. अमित से ज्यादा मज़ा पूनम ले रही थी नाइटी के ऊपर से अपनी खुली चूचियां मसलवा कर। अमित भी बिना ब्रा वाली चूचियों को नाइटी के ऊपर से मसल कर बहुत खुश था। पहले तो अमित चूचियों को बस सहला रहा था, लेकिन थोड़ी ही देर में वो नाइटी के ऊपर से ही उन गोल मुलायम और अब भारी हो गयी चूचियों को मसल रहा था।

अमित का मुंह पूनम के कान पे किस कर रहा था और उसका बदन पीछे से पूनम के जिस्म में पूरी तरह सटा हुआ था. पूनम अपनी गांड पे अमित के लण्ड के उभार को महसूस कर रही थी. वो अभी अमित को रोक नहीं रही थी। अमित अपना हाथ नाइटी के अन्दर डालना चाह रहा था लेकिन उसे रास्ता नहीं मिल रहा था. नाइटी फुल नेक वाली थी और गर्दन के पास तक थी. तभी अमित को सामने सीने पे लगा चेन दिखा और उसने चेन को खोल कर नीचे कर दिया.

अब उसे पीछे से ही पूनम की चूचियां नाइटी में झूलती हुई दिख रही थी. उसने अपने हाथों से नाइटी को साइड किया और अब आराम से नंगी चुचियों को हाथ में लेकर हल्के हाथों से मसलने लगा. उसे बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन अभी भी उसे अपने हाथों और चुचियों के बीच में कुछ रुकावट लग रहा था. वो नाइटी को कंधे से नीचे करने लगा और नाइटी अब कमर पे आकर पूनम के हाथ पे अटकी हुई रुकी थी. अमित ने उसे उतार देना चाहा लेकिन पूनम फिर से अपनी नाइटी को कंधे पे कर ली और बोली “मम्म अमित, ये क्या कर रहे हो तुम.” पूनम की आवाज़ में खुमारी साफ झलक रही थी.

अमित फिर से चूच्ची मसलता हुआ नाइटी नीचे करने लगा. नाइटी बस कंधे पे अटकी थी तो अमित ने जरा सा नीचे खिंचा ही था की नाइटी वापस से पूनम के कमर के पास पहुँच गयी और पूनम के कलाई के वजह से नीचे नहीं गिरी थी. अमित ने पूनम के कान में कहा “गिरने दो न उसे, क्यू रोक रही हो जानू.” अमित ने बहुत प्यार से ये अल्फाज़ पूनम के कानो में धीरे से कहा था. उसने पूनम को अपनी तरफ घुमाया और उसके होठ चूसने लगा.

अब पूनम की नंगी चुच्ची अमित के सीने से दब रही थी। पूनम के बदन को सहलाता हुआ अमित नाइटी को फिर से नीचे खिंचा और पूनम अपने हाथ को सीधी कर दी, नाइटी नीचे गिर गयी और पूनम नंगी होकर अपने प्रेमी की बाँहों में समां गयी. अमित पूनम के होठों को चुसे जा रहा था और उसकी चूची और गांड को कमर को सहलाता मसलता जा रहा था. पूनम अमित की बाँहों में समाती जा रही थी। आज उसे कोई हड़बड़ी नही थी। आज तो उसे रात भर इसी तरह नंगी होकर जी भरकर मस्ती करना था।
 
अब पूनम की नंगी चुच्ची अमित के सीने से दब रही थी। पूनम के बदन को सहलाता हुआ अमित नाइटी को फिर से नीचे खिंचा और पूनम अपने हाथ को सीधी कर दी, नाइटी नीचे गिर गयी और पूनम नंगी होकर अपने प्रेमी की बाँहों में समां गयी. अमित पूनम के होठों को चुसे जा रहा था और उसकी चूची और गांड को कमर को सहलाता मसलता जा रहा था. पूनम अमित की बाँहों में समाती जा रही थी। आज उसे कोई हड़बड़ी नही थी। आज तो उसे रात भर इसी तरह नंगी होकर जी भरकर मस्ती करना था।

पूनम वापस अपने होश में आई जब उसे कॉफी के उबलने का एहसास हुआ. वो अमित की पाकर से खुद को छुड़ाई और बोली “छोड़ो, कॉफी गिर जायेगा.” अमित ने भी अपनी पकड़ को ढीला कर दिया और पूनम जल्दी से वापस किचन स्लैब की तरफ घूम कर गैस को बंद की और फिर कॉफी को कप में डालने लगी. अमित पीछे से पूनम के नंगे गोरे, चिकने मुलायम जिस्म को निहार रहा था.

पूनम को एहसास था की वो किस अवस्था में है और उसे शर्म आ रही थी. वो अमित से एक बार चुद चुकी थी और उसके साथ मस्ती भी कर चुकी थी, लेकिन फिर भी इस तरह पूरी नंगी रहने में उसे शर्मिंदगी का अनुभव हो रहा था. वो एक हाथ से कलाई से अपनी चुचियों को ढंकी और एक कप अमित के हाथ में पकड़ाती हुई बोली “लो, चलो बहार.”

पूनम झुक कर अपनी नाइटी उठाने लगी. अमित ने पैर से पूनम की नाइटी को दबा दिया और बोला “नहीं, अब इसे उठाने की जरूरत नहीं है, ऐसे ही रहने दो.” पूनम शर्माती हुई मुस्कुराती हुई बोली “अच्छा मिस्टर, खुद तो पुरे सूट बूट में हो और मैं ऐसे ही रहूँ.” वो अमित के पैर के निचे से नाइटी खिंच ली और उसे अपने बदन पे रख ली.

अमित ने अपने कॉफी को स्लैब पे रख दिया और पूनम के बदन से सट कर नाइटी हटाने लगा. बोला “नहीं, इसे रहने दो. मैं भी हटा देता हूँ अपने सारे कपड़े, प्लीज़ तुम ऐसे ही रहो. ऐसा मौका हमें फिर कहाँ मिलेगा.” वो फिर से पूनम के लिप को चूसने लगा तो पूनम उसे रोक दी और बोली “ठीक है, नहीं पहनूंगी, कम से कम शरीर पे ऐसे ही तो रहने दो. मुझे ऐसे नंगी रहने में शर्म आती है.”

अमित कुछ नहीं बोला और अपना कॉफी का कप हाथ में ले लिया. पूनम भी अपना कप हाथ में ले ली. अमित वहीं खड़ा था की कहीं पूनम वापस से नाइटी पहन न ले. लेकिन पूनम नाइटी को पहनी नहीं थी, बस अपने कंधे पे रखे हुए थी. पूनम बोली “चलो बाहर.” तो अमित बोला “नहीं, पहले तुम चलो. मैं बाहर जाऊंगा तो तुम नाइटी वापस पहन लोगी.” पूनम शरमाते हुए बोली “बोली न, नही पहनूंगी. लेकिन तुम पहले जाओ. मैं आगे रहूंगी तो तुम्हे पीछे से सब दखता रहेगा.”

अमित आगे चल दिया और बाहर हाल में आकर सोफे पे बैठ गया. पूनम भी उसके पीछे ही आकर दुसरे सोफे पे बैठ गयी. वो नाइटी को कंधे पे ही रखे थी, लेकिन वो ऐसे रखा हुआ था की अमित को कुछ दिख नहीं पा रहा था. अमित अपने शर्ट के बटन को खोल कर शर्ट को ढीला कर दिया बेल्ट को खोल कर जीन्स के बटन को भी खोल दिया था.

वो उठ कर पूनम के बगल में बैठने आ गया तो पूनम फिर से मुस्कुराती हुई बोली. “कॉफी पियो न चुपचाप. जब से आये हो शैतानी ही कर रहे हो.” उसकी आवाज़ में शरारत भरी हुई थी. अमित कॉफी को टेबल पे रखता हुआ बोला “जिसके सामने इतनी रसीली जानेमन बैठी हो, उसे कॉफी पीने में मज़ा आएगा क्या?”

 
वो पूनम से सट कर बैठ गया और उसके बदन को सहलाता हुआ उसके बदन को चूमने लगा और फिर पूनम की नाइटी को उसके बदन से हटाकर दूर फेंक दिया. पूनम अब नंगी बैठी थी और अब अमित भी पूनम के जिस्म से खेलता हुआ अपने शर्ट को उतार दिया और फिर गंजी भी उतार कर अपने जिस्म से पूनम के जिस्म को सटा कर कोमलता का मज़ा लेने लगा. पूनम नंगी थी और अमित का साथ दे रही थी. वो बोली “पहले कॉफी तो पी लो.” अमित खड़ा हो गया और अपनी जीन्स को उतारने लगा.

पूनम उसके सामने नंगी बैठी थी और वो अपना कप हाथ में लेकर कॉफी पीने लगी थी। अमित जीन्स तो उतार चुका था, लेकिन उसे अपनी चड्डी उतारने में शर्म आ रही थी. वो पूनम के पास बैठने आने लगा तो पूनम बोली “इसे क्यू नहीं उतारे, मेरा उतारने में तो बहुत मज़ा आ रहा था.” अमित पूनम के बगल में बैठ गया और बोला "तुम्हारा मैंने उतारा था, इसलिए बहुत मज़ा आ रहा था। अपना भी मैं ही उतारूँ क्या!!!" अमित ने पूनम का हाथ पकड़ कर अपनी जांघों पे रख लिया और पूनम कॉफी पीती हुई हाथ आगे बढ़ा कर चड्डी के ऊपर लण्ड पे ले आयी। अमित इस तरह बैठ गया कि पूनम आसानी से अपना हाथ चड्डी के अंदर कर दी लण्ड सहलाते हुए और चड्डी नीचे करने लगी। अमित कमर ऊपर कर दिया और अपनी चड्डी नीचे कर उतार दिया। उसका लंड अभी पुरा टाइट नहीं था और उसकी जांघों के बीच में झूल रहा था.
दो जवान नंगे जिस्म आपस में सट कर कॉफी पी रहे थे. अमित का कॉफी पीने में कोई इंटरेस्ट नहीं था, लेकिन कहीं पूनम नाराज़ न हो जाये इस डर से वो कॉफी पी रहा था और पूनम के जिस्म को सहला रहा था. उसने पूनम को उठा कर अपनी जांघों पे बिठा लिया और एक हाथ से उसके कमर, पीठ और चूची को सहला रहा था और दुसरे हाथ से कोफ्फी पी रहा था. अमित का लंड करवट लेने लगा था तो उसने पूनम का एक हाथ अपने लंड पे रख दिया. अब दोनों जवान जोड़े एक एक हाथ से कॉफी पी रहे थे और दुसरे हाथ से एक दुसरे के बदन को सहला रहे थे.

अमित ने जल्दी से अपना कॉफी ख़तम कर लिया और अब दोनों हाथों से पूनम की जवानी के मज़े लूटने लगा. उसका हाथ अब पूनम की चुत के पास था उसकी उँगलियाँ पूनम के जवानी के रस में भीग रही थी. पूनम की भी कॉफी ख़तम हो गयी थी तो वो अब सिसकारी लेने लगी थी. अमित उसकी चूच्ची को चूस रहा था और चुत में ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था. पूनम अपने पैरों को अच्छे से फैला दी थी और अमित के लंड पे अपने हाथ को अच्छे से ऊपर नीचे कर रही थी. वो पूरी तरह गरमा गई थी और अब उसे अपनी चुत में ऊँगली नहीं, अमित का लण्ड चाहिए था।

वो अमित की गोद से उठ खड़ी हुई और अपने बेड रूम की तरफ चल पड़ी. अमित भी उसके पीछे आने लगा. बेड के पास पहुँचने से पहले ही अमित ने पूनम को अपनी बाँहों में पकड़ लिया और एक साथ ही दोनों बेड पे आ बैठे. अमित ने पूनम को बेड पे सीधा लिटा दिया और उसके दोनों पैरों के बीच में आता हुआ उसकी चुत को चूसने लगा. अमित का हाथ पूनम की चूचियों को मसल रहा था और पूनम आह आह करती हुई अपने दोनों पैरों को अच्छे से मोड़ कर फैला दी थी और अमित पुरे मज़े से पूनम के जवानी के मज़े ले रहा था.

वो पूनम के बगल में लेट गया और उसके चूच्ची को मुंह में भरता हुआ लंड को चुत के पास रगड़ने लगा. अब अमित पूनम के ऊपर आ गया और लण्ड को चुत से रगड़ता हुआ अंदर डालने की कोशिश करने लगा। जो लंड अभी कुछ देर पहले तक पूरा टाइट था, अभी अचानक ढीला हो गया. पूनम अपने पैरों को पूरा फैलाये इस इंतज़ार में थी अब अमित उसपे हमला करेगा और वो उस दर्द को बर्दाश्त करेगी. पूनम खुद को कंट्रोल किये हुए थी की कहीं उस दिन की तरह ऐसा न हो की लण्ड चुत से सटे और वो पानी छोड़ दे। अमित लंड को चुत से सटा कर दबा रहा था, लेकिन लंड में अब इतनी अकड़ नहीं थी की पूनम के चुत के किले को भेद सके.

अमित परेशान हो गया की ये क्या हो रहा है. जिस लड़की के बारे में सोच कर उसका लंड टाइट हो जाता था, जिसकी सील को वो तोड़ चुका है, वो सामने चुत फैलाये नंगी लेटी है और मेरा लंड ढीला पड़ रहा है. उसने फिर से कोशिश किया लेकिन कोई फायदा नहीं. वो अपने लंड को हाथो से रगड़ कर टाइट करने लगा, लेकिन जैसे उसके लंड ने कसम खा रखी हो की आज वो खड़ा नहीं होगा. उसे बहुत गुस्सा आ रहा था. ऐन मौके पे उसका लंड उसे धोखा दे रहा था.

पूनम को समझ में नहीं आया की हुआ क्या है जो अभी तक अमित ने उसकी चुत पे धावा नहीं बोला है. वो नीचे देखी तो अमित परेशानी से अपने लुंज पुंज लंड को जगाने की कोशिश कर रहा था. पूनम भी चिड़चिड़ा गयी की ये क्या हो रहा है और वो अपना हाथ बढा कर लंड को हाथ में ले ली. पूनम का हाथ लगते ही लंड में थोड़ी जान तो आई, लेकिन अभी भी वो पूरी तरह खड़ा होने के मूड में नहीं था.
 
पूनम उठ कर बैठ गयी. वो चुत में लंड लेने के लिए पूरी तरह तैयार थी लेकिन लंड तो जैसे लड़ाई से पीछे भाग रहा था. पूनम लंड को सहलाने लगी और फिर जब लंड थोड़ा टाइट हुआ तो वो लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. उसे भी समझ में नहीं आ रहा था की अचानक ये क्या हुआ है, उस दिन वो इसी लंड से चुदी थी और इसी लण्ड ने उसकी कुँवारी चुत की सील तोड़कर खून निकाला था और उस दिन रेस्टुरेंट में इसी लंड को चूस कर वो इसका वीर्य पीई थी. अमित सीधा लेट गया था और पूनम उसके लंड पे झुक कर उसे चूस रही थी.

लंड टाइट हो गया था तो पूनम उसके ऊपर आकर बैठने लगी जिससे की लंड उसकी चुत में आ जाये, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था. लण्ड टाइट हो गया था तो अमित ने पूनम को सीधा लिटा दिया और चुत पे धक्का लगाने लगा. लेकिन फिर से लंड ढीला हो गया था. पूनम पुरी तरह से गर्म थी तो वो चिड़चिड़ा रही थी। अमित को अपने एक दोस्त की बात याद आ गयी जो वो लोग आपस में अक्सर करते थे की "देख लेना बेटा, कहीं ऐसा न हो की चोदने जाओ तो लंड खड़ा ही न हो.

“चोदन चोदन सब करे चोद सके न कोई,
जब चोदन की बारी आई, लंड खड़ा न होए.”

अभी यही हालत अमित की थी. पूनम को अजीब सी चिड़चिड़ाहट हो रही थी की इतना अच्छा मौका मिला, सोची की रात भर हर तरह से चुदवाऊँगी, तो अब इसका लंड ही किसी काम का नहीं हो रहा है. पूनम फिर से अमित का लंड चूसने लगी तो फिर से अमित का लंड टाइट हो गया लेकिन पूनम के छोड़ते ही वो फिर से ढीला हो गया. अमित बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा था।

पूनम भी आज चुदवाने के पुरे मूड में थी. इतना अच्छा मौका उसे पता नहीं फिर मिलता की नहीं। वो बेड से उतर कर वेसिलीन ले आई और उसे अपनी चुत पे लगा ली और फिर से अमित को सीधा लिटा कर उसका लंड चूसने लगी. अब जब लंड टाइट हुआ तो वो लंड पे भी वेसलीन लगा दी और फिर लण्ड को हाथ से पकड़ कर उसके ऊपर बैठ गयी और उसे अपनी चुत पे दबाने लगी. उसकी चूत तो ऐसे ही गीली थी, वेसिलीन ने उसे पूरी तरह चिकना कर दिया था. लंड को चूत के छेद पे सटा कर वो रगड़ने लगी और फिर जब रास्ता बन गया तो उसे अन्दर लेने लगी.

उसकी इस हरकत से लंड भी और टाइट हो गया था और लंड उसके हाथ में था तो सुपाड़ा अन्दर आने लगा. सुपाड़ा के अन्दर आते ही वो लंड को हाथ से छोड़ दी और उसे दबाने लगी. लंड टाइट हो गया था तो सरसराता हुआ अन्दर पहुँच गया. पूनम आनंद से लबरेज़ हो गयी। पूनम खुद को एडजस्ट की और लण्ड को पूरी तरह अपनी चुत में समा ली। लंड चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ पूरा अंदर पहुँच गया। पूनम अपना हाथ अमित के सीने पे रखी और अपनी कमर को ऊपर उठा कर वापस से नीचे करने लगी। लण्ड अब पूरी तरह से टाइट होकर अन्दर बाहर हो रहा था और पूनम अपने BF से चुद रही थी।

अब अमित जोश में आ गया और वो पूनम की चुच्ची पे हाथ रख कर उसे मसलने लगा। पूनम अमित के ऊपर लेट गयी और उसकी चुच्ची अमित के सीने से दब रही थी। अब अमित पूनम की पीठ और गांड को सहला रहा था और पूनम अपनी कमर को जोर जोर से ऊपर नीचे करती हुई अमित के होठों को पागलों की तरह चूस रही थी। उसे बहुत मज़ा आ रहा था। वो पूरी नंगी होकर पुरे मज़े से चुद रही थी। जोर जोर से धक्के लगाने से लण्ड बाहर निकल गया तो पूनम वापस से उसे चुत में डाल ली। जब दूसरी बार लण्ड चुत से बाहर निकला तो अमित पूनम को नीचे करके खुद उसके ऊपर आ गया और चूत पे फुल स्पीड में धक्के लगाने लगा. पूनम को और मज़ा आने लगा था और तभी अचानक अमित ने लंड बाहर निकल लिया और उसकी चुत के ऊपर पेट पे वीर्य गिराने लगा. पूनम कुछ समझ नहीं पाई.
 

अमित अपना वीर्य पूनम के जिस्म के ऊपर गिरा कर बगल में निढाल होकर लेट गया और पूनम को अब समझ आया की क्या हुआ है. उसकी चूत की प्यास अभी बुझी नहीं थी, लेकिन अब हो क्या सकता था. उसे बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन वो भला क्या बोलती अमित को. उसकी चूत से काम रस बहकर बाहर आ रहा था और चादर पे गिर रहा था.

पूनम बेड से उठी और एक तोलिया से अपने पेट पे लगे अमित के वीर्य को पोछ ली. वो अमित को देखी तो उसका लंड सिकुड़ कर उसकी जांघों के बीच में पड़ा हुआ था. अमित भी उठा और पूनम से तोलिया लेकर अपने लंड को पोछने लगा. पूनम उसे बस देख रही थी. अमित पूनम को देख कर मुस्कुराता हुआ बोला “एक गिलास पानी पिलाओ न.” पूनम हॉल में आ गयी और पानी का बोतल लेकर अमित को दे दी जिसे अमित एक साँस में पीने लगा.

पूनम भी थोड़ा सा पानी पीने लगी. अमित उसके बगल में ही बैठा था तो उसने पूनम को पकड़ लिया और उसके बदन को सहलाने लगा. पूनम उसे कुछ नहीं बोली. अमित ने उसे अपने गले से लगाया और कहा “I Love You.” इस लाइन को अमित ने इतने रोमांटिक अंदाज़ में कहा था की पूनम अपना गुस्सा भूल गयी और वो भी अमित के बदन से चिपकते हुए बोली “I Love You Too.”

अमित उसे किस करने लगा तो पूनम भी उसका साथ देने लगी. वो तो अभी तक चुत में आग लगाये बैठी थी. पूनम का हाथ अमित के लंड पे चला गया लेकिन अभी उसमे कोई जान नहीं थी. वो उसे जोर से हाथ से खिंची की अमित की चीख निकल गयी. उसने पूनम को छोड़ दिया और दर्द और गुस्से से बोला “उफ़... ये क्या कर रही हो.” पूनम बेड पे लेटती हुई बोली “ये तो मर गया है.”

अमित भी उसके बगल में बदन से चिपक कर लेट गया और बोला “तुम्ही ने तो इसकी जान निकली है.” दोनों एक दुसरे की तरफ मुंह करके करवट लेते हुए थे और एक दुसरे की बाँहों में थे. अमित ने पूनम को अपने बदन से चिपका लिया था और उसके होठो को चुसता हुआ उसकी पीठ और गांड को सहला रहा था. पूनम की चुचियां अमित के सीने से दब रही थी. पूनम पूरी तरह से अमित का साथ दे रही थी.

उसकी चूत की आग और बढ़ गयी थी. अमित का लंड पूनम की चूत के पास ही रगड़ रहा था. वो अपनी जांघों को एडजस्ट करके लंड से बिल्कुल सटा ली और रगड़ने लगी. लंड टाइट होने लगा था. अमित का हाथ पूनम की चुच्ची पे था. पूनम किस से अपने मुंह को अलग की और वासना भरी मादक आवाज़ में धीरे से अमित को बोली “और करो न.”

बगल में नंगी लेटी हुई पूनम के मुँह से ये सुनकर अमित का लंड भी टाइट होने लगा था. वो थोड़ा नीचे हुआ और निप्पल को मुंह में भरकर चूसने लगा और पूनम को सीधा लिटा करके उसके ऊपर आ गया. पूनम आह करती हुई अपने पैरों को पूरा फैला ली ताकि अमित आसानी से अन्दर आ सके. वो अमित के सर को अपनी चूच्ची पे दबा रही थी. वो फिर से अमित को बोली “मसलो ना इसको.” अमित तुरंत अपना हाथ दूसरी चूची पे रखकर जोर से मसलने लगा. वो समझ रहा था की पूनम के अंदर ये आग क्यू है। क्यों की उसकी चुत से अभी तक काम रस नहीं छोड़ा था।

अमित जोर से चुच्ची मसल दिया जिससे पूनम के मुंह से चीख निकल गयी लेकिन ये आनंद की चीख थी. अमित ने अपने लंड को चूत के छेद पे सटाया और अन्दर दबाने लगा. उसके मन ये डर अभी भी था की कहीं उसका लंड फिर से छोटा न हो जाये. लेकिन लंड अभी टाइट था और गीली गरम चूत में सरसराता हुआ उतर गया. पूनम मज़े से आह करती हुई अमित को कस कर पकड़ ली.

अमित भी ठीक से खुद को एडजस्ट किया और लंड को चुत के अन्दर पूरा उतार दिया और फिर धक्के लगाने लगा. पूनम आह्ह ऊह्ह किये जा रही थी. अभी उसे मज़ा आ रहा था. वो अमित से रिक्वेस्ट की कि “मुझे ऊपर आने दो.” अमित लंड को चूत के अन्दर किये हुए ही करवट हो गया और फिर पूनम उसके ऊपर आ गयी.

पूनम हाथ से लंड को पकड़ कर अपनी चुत में कर ली. लंड अन्दर जाते ही पूनम के मुंह से सिसकारी निकलने लगी. वो अपने जिस्म को हिलाने लगी और अमित उसकी चूच्ची पे हाथ रख मसलने लगा. पूनम जोर से झटका मार रही थी और फिर वो अमित के बदन पे लेट गयी. आखिरकार उसकी चुत चरम पर पहुँच ही गयी थी। उसकी सांसे तेज़ थी. उसे बहुत मज़ा आया था. वो अभी बस लेटी हुई थी। शांति से, सुकून से।

अमित पूछा “क्या हुआ?” पूनम पहले तो कुछ नहीं बोली फिर जब अमित ने दुबारा पूछा तो बोली “कुछ नहीं, बस ऐसे ही लेटे रहो.” अमित थोड़ी देर तो इसी तरह लेटा रहा लेकिन फिर पूनम उसे भारी लगने लगी. उसका लंड छोटा हो रहा था. उसने पूनम को नीचे कर दिया और फिर से लंड को चूत में डाल कर धक्के लगाने लगा. पूनम को अभी चुदवाने में कोई मज़ा नहीं आ रहा था. वो एक बार सोंची की आज तो रत भर चुदवाती ही रहूंगी, लेकिन चूत से पानी निकल जाने के बाद अब चुदाई में कोई मज़ा नहीं था.

थोड़ी देर तक तो वो अमित को धक्के लगाने दी की उसके लण्ड से भी वीर्य निकल जाये, लेकिन फिर पूनम बोली “अब कितना करोगे. अब रहने दो.” लेकिन अभी अमित भला कहाँ रुकने वाला था. वो धक्के लगता रहा. पूनम उसे फिर से मना की. अमित को भी अब मज़ा नहीं आ रहा था क्यू की पूनम साथ नहीं दे रही थी. अमित बगल में लेट गया. पूनम उसके तरफ करवट करके लेट गयी और अपने बदन को उससे सटा दी और अमित का लंड हाथ में पकड़ ली. लंड पूरा टाइट था और पूनम के चूत के रस से गीला था.

अमित उठ बैठा. उसके लंड से वीर्य नहीं गिरा था तो अभी उसे शांति कहाँ मिलने वाली थी. वो पूनम क पीछे आ गया और पूनम को उल्टा लिटा कर उसके पैरों के बीच में आने लगा. पूनम को भी याद आया की उसे इस तरह भी तो चुदवाना था. वो तुरंत ही अपनी गांड ऊपर उठाती हुई डौगी स्टाइल में हो गयी. अमित पूनम को इस तरह देखकर और उत्तेजित हो गया और पीछे से चूत में लंड डालने लगा लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था.
 
उसने पूनम को ठीक से एडजस्ट किया और लंड को चुत में डालने लगा. लंड थोड़ा सा अन्दर गया ही था की पूनम दर्द से छिटक कर दूर हो गयी. अमित ने फिर से पूनम को पकड़ा और फिर से लंड अन्दर डालने लगा. इस बार पूनम तैयार थी और वो तो दर्द को सहती हुई अपनी जगह पे ही रही, लेकिन लंड पूरा डालने के साथ ही चूत की रगर से लंड पूरा टाइट हो गया और 2 धक्का लगाने के बाद ही लंड वीर्य उगलने लगा. अमित इतना उत्तेजित था की लंड ठीक से बाहर निकाल भी नहीं पाया.

पूनम को फिर कुछ समझ नहीं आया और पीछे मुड़ी तो लंड चूत से बाहर आ गया और पूनम लंड से वीर्य को चादर पे गिरते देखते रही. वो सीधा होकर लंड को झटके मारते और वीर्य टपकाते देखने लगी. वीर्य को चादर पे गिराने के बाद अमित बेड से उतर गया और तोलिये से लंड को पोछने लगा. पूनम तोलिया ले ली और उसी से चादर भी पोंछी और अपनी चूत भी।

दोनों बाथरूम गए और पूनम बेड को ठीक की और फिर दोनों प्रेमी जोड़े एक दुसरे को बाँहों में लेकर एक दुसरे के नंगे बदन से चिपक कर रोमांटिक बातें करते हुए सो गए. 4 बजे पूनम अमित को जगाई और फिर अमित अपने कपडे पहन कर वहां से चल दिया. पूनम गेट बंद की और फिर नंगी हो सो गयी.

पूनम की नींद फ़ोन की घंटी बजने से खुली. सुबह के 8 बज रहे थे और रात में मज़े से चुदी हुई पूनम अभी तक नंगी सो रही थी. वो नंगी ही हॉल में आई और बातें करने लगी. फ़ोन उसकी माँ का था और वो मामा का हालचाल बता रही थी. पूनम के मामा ठीक थे और उसकी मम्मी पापा रात तक वापस आने वाले थे.

पूनम नंगी ही अपने लिए नाश्ता बनायीं और फिर फ्रेश होकर रेडी होकर ऑफिस के लिए निकल पड़ी. उसे नंगी रहने में और सारे काम करने में बहुत मज़ा आ रहा था. वो रोड पे आई तो वो लड़के फिर से वहीँ खड़े थे और अपनी होने वाली रंडी के बदन को घूर रहे थे.

उन लडको को देखकर पूनम का मन गुस्से और घृणा से भर गया. लेकिन अभी बहुत लोग थे तो उन लडको ने कोई ऐसी वैसी हरकत नहीं की और पूनम चुपचाप अपने रस्ते ऑफिस आ गयी. लंच टाइम में वो ऑफिस से बाहर निकली और वो भी अपने लिए एक मोबाइल खरीद ली. अमित भी उसके साथ था, लेकिन आज वो लोग कहीं गए नहीं. वैसे भी अब भला रेस्तौरेंट में उन लोगों को कहाँ मन लगना था. उन्हें तो अब खाली घर चाहिए था जहाँ दोनों बिंदास होकर एक दुसरे के नंगे बदन का मज़ा ले सकें. दोनों तो मना रहे थे की पूनम के पेरेंट्स आज रात भी घर नहीं आयें तो वो लोग आज भी पूरी रात चुदाई के मज़े ले सके.

पूनम जब ऑफिस से वापस लौट रही थी तो आज फिर से वो लड़का गली के कार्नर पे था और फिर से आसपास कोई नहीं था. पूनम डर गयी क्यू की उसके घर पे भी कोई नहीं था और अगर उस लड़के ने कुछ किया तो वो क्या करेगी। वो खुद की हिम्मत बढाई की घर पे कोई नहीं है तो उसे डर नहीं है की कहीं मम्मी सुन ना ले या पापा को पता न चल जाये.

पूनम जैसे ही गली में मुड़ी, जैसा की वो उम्मीद कर रही थी, वो लड़का उसके पास आया और बोला “क्या सोची हमारे बारे में.” लड़के के तेवर से पूनम का डर और बढ़ गया लेकिन वो हिम्मत करते हुए गुस्से में बोली “तुम्हे कल समझाई तो तुम्हे समझ नहीं आया. बोली ना की मैं ऐसी वैसी लड़की नहीं हूँ. जाओ और जाकर अपनी माँ बहन से पूछो की वो क्या सोची है और जो मुझे दिए वो उन सबको दे दो.” बोलती हुई पूनम आगे बढती रही.

वो लड़का भी पूनम के साथ चलता हुआ बोला “मुझे पता है की कैसी लड़की हो. नखरे तो ऐसे कर रही हो जैसे कूँवारी कलि हो और किसी ने छुआ ही नहीं है तुम्हे.” पूनम का गुस्सा अब तेज़ हो गया. बोली “तुम्हे इससे मतलब. किसने मुझे छुआ या किसने क्या किया तुम्हे इससे क्या. तुम जाओ और अपना काम करो. नहीं तो ऐसी हालत करवाउंगी की सोच लेना तुम.”

वो लड़का चिढाने के अंदाज़ में हँसता हुआ बोला “हाह.., क्या करोगी, उस हिज़ड़े अमित से पिटवाओगी. उसकी औकात है मेरे सामने सर उठाने की. तुम्हे बहुत घमंड है न उस पे। अब तुम देखो की मैं क्या करता हूँ. वैसे तो मैं कभी किसी चुत के बारे में इतना सीरियस नहीं होता, लेकिन तुम्हारी झूठी अकड़ तोड़ना बहुत जरूरी है। और अब चाहे जो भी हो जाये, तुम्हे हमारे नीचे आना है ही.” पूनम उस लड़के का गुस्सा देख कर डर गयी. वो अभी तक चलते चलते घर के नजदीक तक पहुँच गयी थी और वो लड़का अभी तक गया नहीं था. क्या होता अगर अभी उसकी मम्मी घर पे होती तो.

पूनम डर कर गेट का लॉक नहीं खोल रही थी, क्यू की तब उस लड़के को पता चल जाता की पूनम घर में अकेली है. पूनम रूक गयी तो वो लड़का भी उसके साथ ही खड़ा हो गया. बोला “तुम्हे क्या लगता है मुझे नहीं मालूम की तुम उस लौंडे के साथ क्या क्या की हो. किस रेस्तौरेंट में और क्या करती हो, सब मुझे मालूम है. मैंने तो बस इतना कहा की जो उस हिज़ड़े गांडू के साथ कर रही हो, वो मेरे साथ भी कर लो. वो भी बस एक बार. इसमें कुछ घिस नहीं जायेगा और उससे ज्यादा मज़ा आएगा.”

 
पूनम का दिमाग अब काम नहीं कर रहा था. वो एक गुंडे टाइप के लड़के के साथ सुनसान गली में अकेली खड़ी थी. वो लड़का जाने का नाम ही नहीं ले रहा था. पूनम उसकी बात को काटती हुई बोली “बोली न मैं वैसी लड़की नहीं हूँ. मैं अमित से शादी करुँगी. आई लव हिम. तुम जाओ यहाँ से प्लीज़. मेरे घर में किसी को पता चल जायेगा तो गजब हो जायेगा.” वो लड़का फिर उसी तरह चिढाने के अंदाज़ में हंसा “हाह... शादी..... और वो फट्टू.... तुमसे..... हाहाहा...... अमित के बारे में घर में बता दी हो क्या? मुझे पता है डार्लिंग की तुम घर में अकेली हो, लेकिन घबराओ मत, मैं जबर्दस्ती नहीं करता। मैं तो ये मस्ती के लिए करता हूँ और ऐसे करता हूँ की तुम्हे भी बहुत मज़ा आये। मुझे पता है कि रात में तुमने उस लड़के को भी यहाँ बुलाया था. मुझे इस से कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन तुम ग़लतफ़हमी में हो. जब लड़का किसी लड़की की चूत ले लेता है न, तो फिर कभी उससे शादी नहीं करता. वो भी उस जैसा फट्टू. तुमसे ज्यादा मैं उसे और उसके घरवालों को जानता हूँ। उसने तुमसे झूठ कह कर, मोहब्बत के नाम पर तुम्हारे जिस्म का मज़ा लूटा, मैं सीधी बात कह रहा हूँ, सच कह रहा हूँ की एक बार हमारे साथ भी मज़े कर लो बस. ”

पूनम कुछ नहीं बोली. वो शॉकड हो गयी थी की इसे इतना कुछ कैसे मालूम है और खास कर रात के बारे में कैसे मालूम है. लड़का आगे बोला “वो प्यार और शादी की बात करके पता नहीं कितनी बार क्या करेगा और तुम ख़ुशी ख़ुशी करवओगी की ये तो मुझसे प्यार करता है, मैं तो उससे शादी करुँगी. और मैं सच कह रहा हूँ तो मुझसे भाग रही हो. मेरे से डरने जैसी कोई बात नहीं है. मैं अगर दिन में भी रोड पे तुम्हारा हाथ पकड़ लूँ तो कोई माई का लाल नहीं, जो तुम्हारा हाथ छुड़ाने आएगा. लेकिन मैं अकेले में भी ऐसा नहीं करता. जो भी करूँगा तुम्हारी मर्ज़ी से और पसंद से. बस एक बार मुझे भी अपने हसीं जिस्म का मज़ा ले लेने दो. तुम्हे भी इसमें बहुत मज़ा आएगा.” पूनम फिर से गुस्से में बोली “भागो यहाँ से. और जा कर अपनी बहन को यही बात बोलो. उसे भी बहुत मज़ा आएगा.” बोलती हुई पूनम अपने घर का लॉक खोलने लगी. उसे अब बचने का एक ही उपाय नज़र आ रहा था की घर के अन्दर हो जाना.

वो लड़का गुस्से में पूनम को घूरते हुए बोला “चुदेगी तो तू जरूर मेरे से. हमने जिस चूत के बारे में सोच लिया, उसे बिना चोदे रहते नहीं. तू खुद आएगी हमसे चुदवाने. तुमसे ज्यादा शरीफ चूत को हमने अपनी रंडी बनाया है. तू भी बनेगी। बस तू अब देखती जा की मैं क्या क्या करता हूँ।” पूनम अपने घर का लॉक खोल चुकी थी. वो जल्दी से अन्दर हो गयी और गेट बंद कर ली.

वो लड़का फिर बोला “तू डर मत, रेप नहीं करूँगा तेरा.” उसने गेट क नीचे से एक एन्वेलोप सरका दिया. बोला “ये तेरे लिए ही लाया था. पढ़ लेना और चूत को मेरे लिए रेडी कर के रखना.” वो लड़का वहां से चल दिया. पूनम एन्वेलोप को गेट से वापस बाहर सरकाती हुई बोली "जाकर अपनी माँ बहन को दे दो।" और घर के अन्दर जाकर गेट को लॉक कर ली थी. वो अन्दर आई तो उसे बहुत डर लग रहा था. वो बैग को रखी और किचन में जाकर पानी पीने लगी. उसके दिमाग में अभी की सारी बातें गूँज रही थी.

आज कोई लड़का उसके सामने खड़ा था और उसे चोदने की बात कर रहा था. पूनम का दिमाग काम नहीं कर रहा था. जब 10 मिनट हो गए और पूनम थोडा स्थिर हुई तो वो चुपके से पहले गेट से बाहर झांक कर देखी और जब कोई नहीं दिखा तो फिर बाहर आकर मेन गेट से झांक कर देखने लगी. बाहर कोई नहीं था. वो उस एन्वेलोप को उठा कर अन्दर आ गयी. उसे पता था की अन्दर क्या होगा और साथ ही मन में ये डर भी था की कहीं इसे कोई और न देख ले.

पूनम अपने कपडे चेंज कर ली. उसका मन तो नंगी रहने का था, लेकिन वो इस डर से नंगी नहीं रह पाई की कहीं कोई आ ना जाये. वो अपने मोबाइल से अमित को कॉल लगायी तो अमित खुश हो गया की शायद पूनम आज रात भी अकेली ही रहने वाली है. लेकिन पूनम थोड़ी देर तो सिंपल बात की और फिर उन लडको के बारे में अमित को बताई. पहले तो अमित ने पूछा की क्या हुआ तो पूनम बस उसे इतना ही बताई की रस्ते में मेरे पे कमेंट कर रहा था.

अमित बोला “वो तो हैं ही साले हरामी, मैंने तो पहले ही तुम्हे कहा था की उनसे दूर रहा करो. हरामियों का काम ही यही है. मार पिट करना तो शौक है इन लोगों का. तुम उन सबसे दूर रहना.” पूनम बांकी बात नहीं बताई की वो लोग किस हद तक पहुँच चुके हैं।

पूनम अमित से बात करते हुए एन्वेलोप खोल रही थी. उसमे फिर से आज वोही था. चुदाई की पिक्स और पेपर पे प्रिंट की हुई चुदाई की कहानी. कॉल कट करके पूनम पिक्स को देखने लगी और उसकी चूत गीली होने लगी.

पूनम पिक्स देखती हुई अमित को बोली की “अगर वो लोग मेरे साथ कुछ बदतमीज़ी करेंगे तो?” अमित उधर गुस्से से बोला “अगर उन सालों ने तुम्हारे साथ कुछ ऐसा वैसा किया तो फिर तो मैं उन्हें उनकी औकात बता दूंगा. लेकिन तुम उनसे थोड़ा दूर ही रहना. उनका काम ही यही है।” अमित की बात सुनकर पूनम थोड़ी रिलैक्स हुई.

उसकी चूत गीली होने लगी थी तो वो अपने ट्राउजर और पैंटी को नीची कर दी थी और अपनी चूत सहलाते हुए बात कर रही थी. वो कहानी पढने लगी थी तो उसका ध्यान अमित से हट गया. वो कॉल रख दी और उन लड़कों की भेजी हुई कहानी पढने लगी. अब पूनम खुद को रोक नहीं पाई और सारे खिड़की दरवाजे अच्छे से चेक कर ली की ठीक से बंद हैं न , और फिर वो नंगी हो गयी.

अब उसे अच्छा लग रहा था और अब वो सोफे पे अपनी टांगों को अच्छे से फैला कर स्टोरी पढने लगी. चुदाई की कहानी पढ़ रही थी पूनम. उसकी उँगलियाँ चूत की दरारों को सहला रही थी. स्टोरी पढने में उसे मज़ा आ रहा था और वो चूत में ऊँगली अन्दर बाहर करती जा रही थी. स्टोरी ख़तम होने से पहले उसकी चूत ने काम रस छोड़ दिया और वो सोफे पे फ़ैल कर हांफते हुए उस मज़े को महसूस करने लगी.

वो अपनी पैंटी से अपनी चुत को पोछी और फिर नंगी ही बाथरूम चली गयी. वो बाथरूम में ही थी की उसका फ़ोन बजने रहा था. अमित का फ़ोन था. वो कॉल नहीं रिसीव की. वो किचन में चली गयी और खाना बनाने लगी. वो नंगी ही थी और कल रात में अमित के साथ बिताये पलों को याद कर रही थी की कैसे अमित ने उसे किचेन में नंगी किया था.

थोड़ी देर बाद फिर से उसकी चूत में गुदगुदी होने लगी तो वो फिरसे पिक्स देखने लगी और इसबार वो चूत में बेलन अन्दर डालने लगी. बेलन अन्दर जाता हुआ उसे बहुत अच्छा लग रहा था. वो बेलन को सोफे पे सीधा करके रख दी और एक हाथ से उसे पकड़ कर ऊपर नीचे होने लगी. वो ऐसा महसूस कर रही थी जैसे वो अमित के लंड पे बैठ कर चुद रही हो. कल रात इसी तरह उसने अमित के लण्ड को अपने अंदर लिया था। ये अलग बात थी की अमित का लण्ड न तो इतना लम्बा था और न ही इतना टाइट। उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी फिर से उसका फ़ोन बजने लगा.
 
वो बेलन को उसी तरह चूत में किये हुए ही कॉल देखि. कोई अनजान नंबर था. वो अपनी सांसो को कण्ट्रोल की और फिर कॉल रिसीव कर हेलो बोली की उधर से आती हुई आवाज़ ने उसके पुरे नशे को उतार दिया. दूसरी तरफ वही लड़का था जो बोल रहा था “कैसी हो जान? फोटो और कहानी पसंद आई?” पूनम कुछ भी नहीं बोल पाई. क्या बोलती की उसी कहानी और पिक्स के मज़े ले रही है. उसी की वजह से बेलन से चुदवा रही है.

वो लड़का फिर से बोला “क्या हुआ डार्लिंग. चुप क्यू हो. अभी तो मैंने लंड मुंह में डाला नहीं है तो फिर आवाज़ क्यू नहीं निकल रही.” पूनम अब तक अपने होश सम्हाल चुकी थी. बोली “तुम्हे ये नंबर कहाँ से मिला?” उधर से उस लड़के के हंसने की आवाज़ आई. बोला “मुझे तुम्हारे बारे में बहुत कुछ पता है. पता है की तुम अभी घर में अकेली ही हो और ये भी पता है की तुम्हे वो फोटोज और वो कहानी बहुत अच्छी लगी है.”

पूनम अब कण्ट्रोल में आ चुकी थी. वो बेलन को चूत से निकाल ली और गुस्से में बोली “मैंने कहा है न मुझसे दूर रहने. तुम ऐसे नहीं मानोगे लगता है. तुम्हे तुम्हारी औकात......” पूनम अभी पूरी बात बोल भी नहीं पायी थी की वो लड़का बोला “तुम इस तरह झूठ क्यू बोलती रहती हो. तुम्हारी कांपती सांस बता रही है की तुम अभी नंगी होकर अपनी चूत में ऊँगली कर रही हो और फिर भी तुम इस तरह के तेवर दिखा रही हो. मैं आराम से बात कर रहा हूँ, तुम भी आराम से बात करो. फ़ोन पे तो नहीं चोद रहा न मैं तुम्हे.” पूनम को चुप हो जाना पड़ा.

पूनम हारती हुई सी महसूस कर रही थी. वो लड़का बहुत प्यार से बोला “चूत से पानी निकाल ली या अभी बचा हुआ है?” पूनम परेशान होने के टोन में बोली “प्लीज मुझे परेशान मत करो. मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ.” वो लड़का बोला “अरे... मैंने क्या परेशान किया. जब कहानी और फोटो अच्छी लगी है और चूत में ऊँगली कर रही हो तो मैंने बस ये पूछा की पानी निकाल ली हो या अभी बांकी है.

पूनम कुछ नहीं बोली. वो लड़का फिर से आगे बोला “जितना मज़ा ऊँगली करके चूत से पानी निकालने में आया, उससे ज्यादा मज़ा मेरे लंड से चुदवा कर आएगा मेरी जान. और अगर मेरे लंड के मज़े ले लोगी फिर तो जन्नत पहुँच जाओगी.” पूनम कुछ बोल नहीं रही थी लेकिन उसे कुछ हो रहा था. वो एक अनजान लड़के से फ़ोन पे बात कर रही थी जो खुलेआम लंड चूत की बातें कर रहा था. पूनम को शर्म भी बहुत आ रही थी. वो कॉल कट कर दी.

पूनम अपनी हालत देखी. वो नंगी सोफे पे बैठी हुई थी और उसके चूत के रस से आधा गीला बेलन बगल में रखा हुआ था. और ये सब नतीजा था उस फोटो और कहानी का जो उस लड़के ने दिया था और जो अभी फ़ोन पे भी उसे चोदने की बात कर रहा था. पूनम अभी सोच ही रही थी की फिर से कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव ही नहीं की. फिर दुबारा कॉल आया और पूनम फिर से रिसीव नहीं की.

पूनम को डर भी लगने लगा था तो वो अपने कपडे पहनने लगी. तभी उसके मोबाइल पे मैसेज आया. ये मैसेज भी उसी लड़के का था. लिखा था “अगर कॉल रिसीव नहीं की तो मैं घर पे आ जाऊंगा.” पूनम अभी मैसेज पढ़ ही रही थी की फिर से कॉल आ गया. पूनम कॉल रिसीव की लेकिन कुछ बोली नहीं.

वो लड़का बोला “मुझसे भाग क्यू रही हो जान. बोला न की जो करूँगा तुम्हारी रज़ामंदी से करूँगा। जब तुम खुद टाँगे फैलाकर चोदने बोलोगी, तभी लण्ड डालूंगा तुम्हारी चुत में। लेकिन सोचो की तुम अभी अकेली हो घर में और पूरी नंगी हो. अभी तुम मेरे लंड की फोटो देखी हो न. सोचो की जब मैं तुम्हारी टाइट कमसिन चूत में लंड डालकर तुम्हे चोदुंगा तो तुम्हे कितना मज़ा आएगा. तुम्हारी सॉफ्ट छोटे निप्पल को मुंह में पूरी तरह भरकर चुसुंगा तो तुम्हे कितना मज़ा आएगा.” पूनम कुछ नहीं बोल रही थी. हालाँकि उसका दिमाग उसी तरह इमेजिन कर रहा था और वो कपडे पहनना कैंसिल कर दी और नंगी ही रही.

वो लड़का आगे बोला “सोचो की मैं सीधा लेटा हुआ हूँ और तुम मेरे लंड को अपनी चूत में पूरी तरह भरकर मेरे ऊपर बैठी हो और ऊपर नीचे कर कर चुदवा रही हो तो तुम्हे कितना मज़ा आएगा.” पूनम अभी भी कुछ नहीं बोली लेकिन उसकी ऊँगली फिर से उसके चूत के ऊपर इधर उधर हो रहा था.

“तुम कुछ बोल क्यू नहीं रही हो. मैं वहां आ जाऊँ क्या?” उस लड़के की ये बात सुनते ही पूनम तुरंत बोल पड़ी “नहीं, प्लीज नहीं. देखो प्लीज इस तरह मत करो. मैं सीधी शरीफ लड़की हूँ. तुम जिसके साथ करते हो उसके साथ करो न ये सब. प्लीज मुझे परेशान मत करो.”
“शरीफ हो तभी तो अकेली में रात में अपने गांडू यार को घर में बुलाती हो. तभी तो उसके साथ रेस्टुरेंट के बंद केबिन में चूचियां मसलवाती हो. मैं तो बस ये कह रहा हूँ की जो उसके साथ कर रही हो, वही बस मेरे साथ भी एक बार कर लो. उससे ज्यादा मज़ा आएगा. और कौन सा मैं बार बार कह रहा हूँ. बस एक बार. बांकी तुम उसके साथ जितनी मर्ज़ी उतनी बार चुदो, जिससे मर्ज़ी हो उससे करो, मुझे कोई मतलब नहीं.” उस लड़के की इन बातों ने पूनम को चुप कर दिया.

इससे पहले की पूनम और कुछ बोलती, वो लड़का आगे बोला “देखो, तुम उससे अपनी मर्ज़ी से चुदवाई प्यार के नाम पर, लेकिन क्या गारंटी है की वो तुमसे प्यार करता ही रहेगा और शादी करेगा ही. कल कोई नयी चूत मिल जाएगी तो तुम्हे छोड़ कर उसकी चूत के पीछे लग जायेगा.” पूनम तुरंत बोली “अमित ऐसा नहीं है. वो मुझसे बहुत प्यार करता है और सिर्फ मेरे से ही शादी करेगा. अभी तक उसने मुझे छुआ भी नहीं था, हमारा प्यार बहुत बेशकीमती है.”

वो लड़का बोला “छुआ नहीं था तो रात भर क्या आरती उतारा तुम्हारे चूत का. और रेस्टुरेंट में पूजा करता है क्या तुम्हारी?”

“वो सब तो तुम्हारी वजह से हुआ है. तुम्हारे दिए हुए फोटो और कहानी की वजह से जब उससे मिली तो मैं बहक गयी और मैं उसे छूने दी तब वो कुछ किया. और मैं ही उसे घर बुलाई थी. वो नहीं बोला था. मैं उससे......” पूनम की बात ख़तम भी नहीं हुई थी की वो लड़का बोल पड़ा “जब मेरे दिए हुए फोटो की वजह से तुम उससे चुदवा ली तो एक बार मेरे से भी चुद लो. बस तुम भी खुश और मैं भी खुश.”

पूनम बरस पड़ी “मैं अमित से प्यार करती हूँ और वो मुझसे भी ज्यादा मुझे चाहता है. तुम हरामी कमीने किस्म के अय्याश आदमी हो. जिसका काम ही बस यही है. तुम्हे तो बस जिस्म से मतलब है। मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ. मैं अमित से बहुत प्यार करती हूँ और उसी से शादी भी करुँगी।”

वो लड़का बोला “ठीक है, तो देखते हैं तुम्हारा अमित तुमसे कितना प्यार करता है.” बोलता हुआ उस लड़के ने कॉल कट कर दिया. पूनम को समझ नहीं आया. वो उसी तरह नंगी बैठी बैठी बहुत सारी बातें सोचने लगी और फिर उन पिक्स और पेपर को उठा कर अपने आलमारी में रख दी और फिर नंगी ही खाना बनाने लगी. हालाँकि उसकी चूत का नशा उतर चूका था.
 
रात में 10 बजे के करीब पूनम के पापा आ गए थे. उसकी मम्मी वहीँ रह गयी थी. पूनम सुबह जग कर घर का सारा काम की और फिर अपने पापा को ऑफिस भेज कर खुद भी ऑफिस आ गयी. घर से निकलते वक़्त उसे डर लग रहा था की पता नहीं कहीं वो लड़का कुछ बोल न दे या कुछ कर न दे. वो दोनों लड़के रोड पे ही थे और पूनम को देख रहे थे. पूनम उन दोनों को पूरी तरह से इग्नोर करती हुई रोड पे आ गयी और ऑफिस की ओर चल दी.

लंच टाइम में जब पूनम अमित को कॉल की तो उसे पता चला की अमित की कुछ लड़कों के साथ मारपीट हो गयी है. पूनम घबरा गयी और ऑफिस से छुट्टी लेकर अमित से मिलने हॉस्पिटल जा पहुंची. बैंडेज पट्टी करने के बाद अमित एक बेड पे लेटा हुआ था और थोड़ी ही देर में उसे घर भेज दिया जाता. अमित को ज्यादा चोट नहीं आई थी लेकिन उसकी बाइक पूरी तरह से टूट गयी थी. पूनम अमित से पूछी तो पहले तो अमित कुछ नहीं बोला लेकिन फिर गुस्से से बोला “पूनम, प्लीज मुझसे दूर रहो, तुम्हे जिसके साथ जो करना है वो करो, लेकिन बस मुझसे दूर रहो।”

पूनम अवाक रह गयी अमित के मुंह से ऐसा सुन कर. अमित गुस्से से बोला “ये सब तुम्हारी वजह से हुआ है। क्या जरूरत थी ऐसा करने की। मुझे बता देती, मैं खुद तुमसे दूर हो जाता।" पूनम शॉक्ड सी खड़ी थी। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि अमित को हुआ क्या है और वो क्या बोल रहा है। लेकिन अमित ने आज तक उससे इस तरह बात नहीं किया था। पूनम उदास और रुआंसी होती हुई बोली "ये क्या बोल रहे हो अमित। मैं क्या की हूँ !"

अमित और गुस्से में फट पड़ा। "तुम उस गुंडे से प्यार करती हो तो मुझे अपनी ज़िंदगी में क्यू आने दी। मुझसे क्यू प्यार की। और अगर की भी तो मुझे बोल देती की तुम्हे अब उनसे प्यार है तो मैं तुमसे अलग हो जाता। उन लड़कों को मुझे मारने और धमकाने के लिए भेजने की क्या जरूरत थी।" अब पूनम को कहानी समझ में आ रही थी। समझ में आ रहा था की रात में कॉल कट करते वक़्त उस लड़के ने क्या कहा था।

पूनम कुछ बोलती उससे पहले अमित आगे बोला “जब तुम्हे मुझे धोखा देना ही था तो पहले बता देती, मैं तुमसे प्यार ही नहीं करता. लेकिन इस....” पूनम अमित की बात को बीच में ही काटती हुई बोली “मैं सिर्फ तुमसे प्यार करती हूँ जानू. तुम्हे लगता है की तुम्हारे अलावा मैं किसी और के बारे में कुछ सोच भी सकती हूँ। वो भी उन लड़कों के बारे में जिनसे मैं परेशान हूँ, जो पता नहीं कितनी तरह की धमकी दे चुके हैं मुझे, वो लोग मुझे परेशान कर रहे हैं और इसलिए वो चाहते हैं की तुम मुझसे अलग हो जाओ. ताकी कोई न रहे जो मुझे उनसे बचा पाए।”

अमित अपने बेड पर से उठता हुआ बोला “देखो, मुझे किसी चक्कर में नहीं पड़ना. तुम्हे उसी के साथ खुश रहना है तो उसी के साथ रहो, जिसके साथ रहना है उसके साथ रहो, लेकिन मुझे माफ़ कर दो. बहुत बड़ी गलती की मैंने तुमसे प्यार करके. मैं अगर तुम्हारे आस पास भी रहा तो वो दोनों मुझे बर्बाद कर देंगे। और मैं बर्बाद नहीं होना चाहता।” अमित बाहर निकलता हुआ बोला. पूनम उसके रास्ते में आती हुई बोली “ये कैसी बातें कर रहे हो तुम, कल रात तो तुमने कहा था की अगर उन लड़कों ने मुझे परेशान किया तो तुम उन्हें उनकी औकात दिखा दोगे. और आज पल भर में ही बदल गए. यही तुम्हारा प्यार है. थोड़ी सी आफत आई तो मुझे अकेले छोड़ कर चल दिए. अब तो वो मुझे और परेशान करेंगे.” अमित ने पूनम को कोई जवाब नहीं दिया और बाहर निकल गया. पूनम हॉस्पिटल के उस कमरे में अकेली खड़ी थी और लग रहा था वो जैसे सारी कायनात में बस वही अकेली खड़ी है। इतना अकेलापन उसे आज तक नहीं लगा था.

पूनम बाहर आई तो अमित अपने दोस्तों के साथ बाइक पे बैठ कर जा रहा था और उसने पलट कर भी पूनम की तरफ नहीं देखा। जिस लड़के के साथ वो एक दिन पहले अपने घर में रात भर नंगी होकर चुदी थी, वो उसे छोड़कर जा चूका था। पूनम वापस ऑफिस जाने लगी लेकीन उसे लगा की वो आज काम कर नहीं पाएगी. वो अमित को 2-3 बार कॉल लगायी लेकिन अमित ने उसका कॉल रिसीव ही नहीं किया. पूनम ऑफिस नहीं जा पाई तो वो घर ही आ गयी. वो लड़के अभी रोड पे नहीं थे. पूनम घर में अकेली ही थी तो वो गेट खोली और अन्दर आते ही गेट बंद करके जोर जोर से रोने लगी. अमित ने जिस तरह से उससे बात किया था और जैसे उसे बोला था, उसे यकीं नहीं हो रहा था की ये हकीक़त है.

शाम तक वो रोती ही रही और जब उसे लगा की अब उसके पापा के आने का वक़्त हो गया है तो वो अपने आंसू पोंछी और फिर किचन में जाकर रात का खाना बनाने लगी. वो बार बार अपने मोबाइल की तरफ देख रही थी की कहीं अमित का कॉल आ जाये, लेकिन अब अमित को कॉल नहीं करना था. पूनम के पापा ने उससे पूछा भी की वो उदास क्यू है, लेकिन पूनम उनकी बात को सर्दी का बहाना बनाकर टाल गयी. अगर उसकी मम्मी होती तो शायद समझ जाती की ये सर्दी नहीं कुछ और है.

रात भर पूनम सो नहीं पायी और कई तरह की बातें सोंचती रही. वो रात में बस एक हल्का सा मिस्ड कॉल की अमित को और एक मैसेज “गेट वेल सून. गुड नाईट.” की. उसे लग रहा था की अमित की तबियत ख़राब है तो वो सो रहा होगा, इसलिए वो उसे पूरा कॉल नहीं की.

सुबह पूनम फिर से ऑफिस आ गयी. वो लड़के आज भी रोड पे नहीं थे. पूनम दिन में 4-5 बार अमित को कॉल लगायी तो अमित ने कॉल रिसीव किया और बोला “देखो पूनम, मुझे परेशान मत करो. मैं तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता. मैं नहीं चाहता की तुम्हारी वजह से मेरी लाइफ बर्बाद हो जाये.” पूनम बोली “और मेरी लाइफ जो बर्बाद हो रही है, उसका क्या.” अमित बोला “तुम्हारी लाइफ क्या बर्बाद हो रही है! तुम्हारे ज़िन्दगी में तो अभी भी बहार है। दो दो अमीर और ताकतवर BF हैं अब तुम्हारे पास। तुम्हारी लाइफ तो मस्त है। जाओ, खुश रहो उनके साथ.”

पूनम को समझ नहीं आया की अचानक अमित को हो क्या गया है. जो कल तक उससे इतने प्यार से बात करता था, कभी ऊँची आवाज में बात नहीं किया, आज ऐसे बात कर रहा है जैसे वो कोई रोड की भिखारन हो. पूनम फिर से लगभग गिडगिडाते हुए बोली “प्लीज अमित, मेरे साथ ऐसे मत करो. मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ. तुम्हारे बिना मैं जिन्दा नहीं रह पाऊँगी.” अमित चिढ़ते हुए बोला “और तुमसे प्यार करके मैं मरना नहीं चाहता.” बोलता हुआ अमित ने कॉल कट कर दिया.
 
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