hotaks444
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मैं डरते-डरते पलंग के पास पहुँची और पलंग के ऊपर बैठ गई। ससुरजी पलंग के ऊपर लेटे हुए सो रहे थे। मैं डरते हुए उनके पाँव को सहलाते हुए लण्ड को सहलाने लगी। लण्ड थोड़ी ही देर में खड़ा होने लगा। मैंने उसे धोती के बाहर निकाला और हाथ से सहलाने लगी। मेरे ससुरजी का लण्ड अभी पूरा खड़ा भी नहीं हुआ था और ये तो मेरे देवर से भी बड़ा दिख रहा था। बाप रे.. ये लण्ड तो सचमुच में मजा की जगह सजा देने वाला है। लण्ड अपने जोर पे आ चुका था।
और मैंने सोचा- ससुरजी तो सो रहे हैं। थोड़ा चूसकर देख लेती हूँ कि कितना मजा आता है। मैंने लण्ड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया।
वाह रे चम्पारानी... दिन में देवर का लण्ड चख लिया। शर्म नहीं आई अब ससुर के लण्ड को।
हाँ... पर मजा भी तो आ रहा है कितना... और मैंने अपनी आवाज को दबाते हुए लण्ड को चूसना जारी रखा।
ससुर- अरे वाह... मुन्ने की अम्मा, आ गई तू। मैं तो उम्मीद हार चुका था। मैंने सोचा तू नहीं आयेगी पर तूने अपना वादा निभाया। मैं भी वादा करता हूँ कि सिर्फ एक घंटा ही चोदूंगा। फिर मेरा पानी निकले ना निकले तुझे नहीं चोदूंगा बस। तू मुँह में भले ना लेना, हाथ से ही निकाल देना।
मैं घबराते हुए- क्या? क्या कहा आपने? एक घंटा चुदाई करेंगे?
ससुर- हाँ... सिर्फ एक घंटा ही चोदूंगा मेरे रानी। वैसे तेरी आवाज को क्या हो गया?
मैं- वो थोड़ी हरारत थी ना... इसीलिए।
ससुर- “अच्छा... अच्छा, पर आज तुझे मेरा लण्ड चूसना कैसे सूझा मुन्ने की अम्मा...”
और मैंने सोचा- ससुरजी तो सो रहे हैं। थोड़ा चूसकर देख लेती हूँ कि कितना मजा आता है। मैंने लण्ड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया।
वाह रे चम्पारानी... दिन में देवर का लण्ड चख लिया। शर्म नहीं आई अब ससुर के लण्ड को।
हाँ... पर मजा भी तो आ रहा है कितना... और मैंने अपनी आवाज को दबाते हुए लण्ड को चूसना जारी रखा।
ससुर- अरे वाह... मुन्ने की अम्मा, आ गई तू। मैं तो उम्मीद हार चुका था। मैंने सोचा तू नहीं आयेगी पर तूने अपना वादा निभाया। मैं भी वादा करता हूँ कि सिर्फ एक घंटा ही चोदूंगा। फिर मेरा पानी निकले ना निकले तुझे नहीं चोदूंगा बस। तू मुँह में भले ना लेना, हाथ से ही निकाल देना।
मैं घबराते हुए- क्या? क्या कहा आपने? एक घंटा चुदाई करेंगे?
ससुर- हाँ... सिर्फ एक घंटा ही चोदूंगा मेरे रानी। वैसे तेरी आवाज को क्या हो गया?
मैं- वो थोड़ी हरारत थी ना... इसीलिए।
ससुर- “अच्छा... अच्छा, पर आज तुझे मेरा लण्ड चूसना कैसे सूझा मुन्ने की अम्मा...”