hotaks444
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इसके अतिरिक्त, उसकी मालकिन के ऊपर उसकी हम-उम्र सहेली झुकी हुई, उल्टी हो कर उनहत्तर की मुद्रा में सवार थी। उसने देखा कि शाजिया मैडम की जीभ अपनी सहेली नजीबा की रसभरी चूत में लपलपा रही थी और अपना सिर एक तरफ तिरछा करके राज ने देखा कि नजीबा की जीभ भी लोलुप्ता से गधे के लौड़े और शाजिया की चूत पर फिर रही थी। वो खुद भी चूत चाटने का शौकीन था, इसलिये चूत के चाटने का मोह समझ सकता था - लेकिन वो उन दोनों औरतों के संबंध से जरूर चकित था। राज की आँखें पूरा रस ले रही थीं और उसका दिमाग उस कामुक विकृत दृश्य में बह रहा था। लेस्बियन और पशु-मैथुन जैसी विकृत यौन-क्रियायें एक साथ उसके सामने थी।
अब वो हक्काबक्का नौकर मुस्कुराया और उनके करीब बढ़ गया। अपनी चुदाई में लीन, दोनों औरतों को उसकी उपस्थिति का आभास नहीं हुआ और, हालांकि उस गधे ने उसे देखा पर उस मुर्ख जानवर ने उसकी परवाह नहीं की। राज उनके और भी करीब आ गया।
उसके कानों में खून जोर से प्रवाहित हो रहा था और उसे अपनी मालकिन की चूत में आ गधे के लंड के ऊँफकारने की आवाज़ सुनायी दी। एक-दूसरे की चूत में राल टपकाती
हुई उन औरतों के सुड़कने की आवाज़ भी उसे सुनायी दी। एक बात राज के ज़हन में शीशे की तरह साफ थी... उसके सामने चल रही चुदाई जितनी विकृत, पतित और अश्लील थी, इस समय राज के उसमें शरीक होने से वो चुदाई और अधिक विकृत नहीं हो सकती थी।
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हालांकि उसे खुद से अपनी मालकिन के साथ चुदाई की पहल करने की छूट नहीं थी पर दो जवान चुदक्कड़ औरतें जो जानवरों के लंड चूसती हों और उनसे चुदवाती हों -- और एक दूसरे को भी चूसती और चोदती हों, ऐसी औरतों के सामने होने से राज को काफी हिम्मत मिली। राज ने अपनी पैंट की ज़िप खोली और धीरे से आगे बढ़ते हुए उसने अपना लंड और गोटियाँ बाहर निकाल लीं। वो एक अज्ञात डर और उत्तेजना से बूरी तरह काँप रहा था। राज आकर नजीबा के पीछे खड़ा हो गया। उसका लंड नजीबा की झटकती हुई गाँड के ठीक ऊपर टॉर्च की तरह खड़ा था। सुबह जब नजीबा आयी थी तो उसकी सुंदरता और उसका सुडौल जिस्म देख कर राज का लंड खड़ा हो गया था पर उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस सुंदरी को चोदने का मौका मिलेगा।
अब अपनी शाजिया मैडम के ऊपर घूमे हुए सिर के दोनों तरफ अपने टाँगें रख कर झुकते हुए उसका दिल उत्तेजना से जोर से धड़क रहा था। उसका लंड जब नजीबा के चुतड़ से छुआ तो नजीबा के चिकने चुतड़ उस दहकते लंड की गर्मी से तमतमा गये। राज ने उसे उसके कसमसाते चूतड़ों से पकड़ लिया।।
नजीबा ने चौंक कर अपनी सहेली की टाँगों के बीच में से अपना सिर उठाया तो उसका चेहरा शाजिया के चुत रस से सना हुआ था।
राज???” नजीबा जोर से किकियाई।
शाजिया ने भी अपनी आँखें खोलीं तो अपने चमकते चेहरे के ठीक ऊपर अपने अर्दली के बड़े टट्टों को झूलते हुए पाया। उसने चौंक कर चखना शुरू किया पर सिर्फ एक शब्दहीन ध्वनि शाजिया के मुँह से निकल कर नजीबा की चूत में ऊपर बुदबुदा गयी।
अब वो हक्काबक्का नौकर मुस्कुराया और उनके करीब बढ़ गया। अपनी चुदाई में लीन, दोनों औरतों को उसकी उपस्थिति का आभास नहीं हुआ और, हालांकि उस गधे ने उसे देखा पर उस मुर्ख जानवर ने उसकी परवाह नहीं की। राज उनके और भी करीब आ गया।
उसके कानों में खून जोर से प्रवाहित हो रहा था और उसे अपनी मालकिन की चूत में आ गधे के लंड के ऊँफकारने की आवाज़ सुनायी दी। एक-दूसरे की चूत में राल टपकाती
हुई उन औरतों के सुड़कने की आवाज़ भी उसे सुनायी दी। एक बात राज के ज़हन में शीशे की तरह साफ थी... उसके सामने चल रही चुदाई जितनी विकृत, पतित और अश्लील थी, इस समय राज के उसमें शरीक होने से वो चुदाई और अधिक विकृत नहीं हो सकती थी।
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हालांकि उसे खुद से अपनी मालकिन के साथ चुदाई की पहल करने की छूट नहीं थी पर दो जवान चुदक्कड़ औरतें जो जानवरों के लंड चूसती हों और उनसे चुदवाती हों -- और एक दूसरे को भी चूसती और चोदती हों, ऐसी औरतों के सामने होने से राज को काफी हिम्मत मिली। राज ने अपनी पैंट की ज़िप खोली और धीरे से आगे बढ़ते हुए उसने अपना लंड और गोटियाँ बाहर निकाल लीं। वो एक अज्ञात डर और उत्तेजना से बूरी तरह काँप रहा था। राज आकर नजीबा के पीछे खड़ा हो गया। उसका लंड नजीबा की झटकती हुई गाँड के ठीक ऊपर टॉर्च की तरह खड़ा था। सुबह जब नजीबा आयी थी तो उसकी सुंदरता और उसका सुडौल जिस्म देख कर राज का लंड खड़ा हो गया था पर उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे इस सुंदरी को चोदने का मौका मिलेगा।
अब अपनी शाजिया मैडम के ऊपर घूमे हुए सिर के दोनों तरफ अपने टाँगें रख कर झुकते हुए उसका दिल उत्तेजना से जोर से धड़क रहा था। उसका लंड जब नजीबा के चुतड़ से छुआ तो नजीबा के चिकने चुतड़ उस दहकते लंड की गर्मी से तमतमा गये। राज ने उसे उसके कसमसाते चूतड़ों से पकड़ लिया।।
नजीबा ने चौंक कर अपनी सहेली की टाँगों के बीच में से अपना सिर उठाया तो उसका चेहरा शाजिया के चुत रस से सना हुआ था।
राज???” नजीबा जोर से किकियाई।
शाजिया ने भी अपनी आँखें खोलीं तो अपने चमकते चेहरे के ठीक ऊपर अपने अर्दली के बड़े टट्टों को झूलते हुए पाया। उसने चौंक कर चखना शुरू किया पर सिर्फ एक शब्दहीन ध्वनि शाजिया के मुँह से निकल कर नजीबा की चूत में ऊपर बुदबुदा गयी।