hotaks444
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रश्मि- मुस्कुराते हुए, पर मम्मी कहीं भैया ने आपके चूचे को भी दबा दिया तो, आपके चूचे तो मुझसे भी बड़े-बड़े है और वह जिस तरह उन किताबो की औरतो को देख रहे थे वह औरते बिल्कुल तुम्हारे जैसे गदराए बदन की और तुम्हारी उमर की थी, मुझे तो लगता है भैया को तुम्हारी उमर की भारी शरीर वाली औरते पसंद है, मुझे तो लगता है वह तुम्हारे जैसे भरे बदन की औरत को चोदना चाहते है
रजनी- क्या तू सच कह रही है, उन फोटो में मेरी उमर की औरते थी
रश्मि- हाँ मम्मी एक औरत तो पूरी नंगी बिल्कुल ऐसी नज़र आ रही थी जैसी तुम नंगी नज़र आती हो, और भैया उसी औरत की फूली हुई चूत और मोटी गान्ड देख कर सबसे ज़्यादा लंड हिला रहे थे
रजनी- अपनी चूत का पानी पोछती है और रश्मि उसको देख लेती है,
रश्मि- अब बताओ मम्मी भैया कितने गंदे है ना
रजनी- गहरी सांस लेकर नही बेटी राज अब जवान हो गया है उसका भी मन वह सब करने का करता होगा
रश्मि- मम्मी तुम मुझे भी तो कहती हो कि तू अब जवान घोड़ी हो गई है,
रजनी- आँखे निकल कर रश्मि को देखती हुई, जवान हो गई है तो
रश्मि- मम्मी जैसे भैया जवान हो गये है और उनका मान वह सब करने को करता है वैसा ही मेरा मन भी वह सब करने का होने लगा है
रजनी- उसकी पीठ में हँस कर मारती हुई, चुप कर कामिनी, में जानती हूँ तेरा मन तो कुछ ज़्यादा ही करता होगा
रश्मि- मम्मी भैया का लंड देख कर तो सचमुच मेरा मन करने लगा है
रजनी- चुप कर दुष्ट कही की अपने भैया के बारे में ऐसा सोचती है
रश्मि- मुस्कुराते हुए, मम्मी अगर तुम भैया का मोटा लंड देख लेती तो तुम्हारा मन भी करने लगता
रजनी- चुप हो जा और यह बता फिर और कुछ तो नही किया तेरे भैया ने
रश्मि- सड़ा सा मुँह बनाते हुए, नही मम्मी वह तो सिर्फ़ मेरे चूचे को दबाते हुए मुझे अपने से चिपका कर सो गये
रजनी- तो तू क्या चाहती थी कि वह तेरी छूट अपने लंड से मार दे
रश्मि- मम्मी उनका लंड इतना मस्त है कि अगर वह मुझे चोदते तो में बड़े प्यार से चुदवा लेती
रजनी- चुप कर बेशरम, वह तेरी हरकते देख-देख कर ही यह सब सोचने लगा है, में कहती थी ना कि कपड़े ज़रा ढंग से पहना कर, अगर तू अपनी ब्रा पहन कर अपने चूचे इतना ना दिखाती तो वह यह कभी ना करता
रश्मि- रहने दो मम्मी, में तो फिर भी ठीक कपड़े पहनती हूँ, पर तुम देखो तुम्हारी साड़ी तुम्हारे पूरे नंगे पेट के कितना नीचे है थोड़ा और सरका दो तो तुम्हारी चूत दिखने लगे और चूचे देखो इतना छोटा ब्लौज पहनती हो की आधे से ज़्यादा बाहर आए जा रहे है, मुझे तो लगता है भैया तुम्हे ही अधनंगी देख-देख कर पागला रहे है, और तो और फोटो भी तो वो तुम्हारी उमर की और तुम्हारे जैसे गदराए भारी बदन वाली औरतो के देखते है, मुझे तो लगता है तुम उन्हे बहुत अच्छी लगती हो कहीं भैया तुम्हे ही तो नही चोदना चाहते है
रजनी- अंदर ही अंदर रश्मि की बात सुन कर मुस्कुराते हुए अपनी मुस्कान को अपने चेहरे पर लाने से नही रोक पाती है और रश्मि उसकी खुशी को महसूस करके खुद भी मुस्कुराने लगती है
रजनी- चुप कर रश्मि ज़रा तो सोच समझ कर बोला कर, में उसकी मम्मी हूँ क्या वह मुझे चोदना चाहेगा
रश्मि- मम्मी तुम लगती ही इतनी गदराई और सेक्सी हो कि अगर में तुम्हारा बेटा होती तो कब का तुम्हे रगड़-रगड़ कर चोद चुकी होती,
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई चुप कर घोड़ी, कहीं तू मत चुद जाना अपने भैया से, बड़ी बेशरम हो गई है तू
रश्मि- मम्मी ऐसा मोटा लंड देख कर तो कोई भी बेशरम हो जाएगा
रजनी- चल अब चुप हो जा और चल किचन में चल कर मेरे काम में हाथ बटा और एक बात ध्यान से सुन ले यह बात कभी किसी से नही करना और ना अपने भैया को ही मालूम पड़ने देना कि तू सब जानती है
रश्मि- पर मम्मी अगर भैया ने फिर से मेरे चूचे दबाए तो
रजनी- अब में उसे तेरे पास सोने ही नही दूँगी आज से वह मेरे साथ सोएगा
रश्मि- मुस्कुराते हुए, अच्छा तो आज से तुम भैया से अपने चूचे दबवाओगी
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, कमिनि कहीं की जो मुँह में आता है बोल देती है, चल उठ अब यहाँ से और मेरी बात ध्यान रखना यह बात किसी को भी नही बताना
रश्मि- ठीक है मम्मी में किसी को भी नही बताउन्गी पर मम्मी कभी-कभी तो भैया को मेरे साथ सोने दोगि ना
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, हाँ ठीक है सो जाना अब चल, कमिनि कहीं की
और फिर दोनो माँ बेटी मुस्कुराती हुई किचन में आ जाती है.
रजनी अपने काम में लग जाती है और रश्मि उसके पास खड़ी हुई फिर से शुरू हो जाती है
रश्मि- मम्मी तुम पेंटी क्यो नही पहनती हो
रजनी- तू भी तो अपनी ब्रा नही पहनती है
रश्मि- मुझे तो ब्रा मेरे चूचे में बहुत कसी हुई लगती है तो मुझे अच्छा नही लगता है इसलिए में अपने चूचे हमेशा खुले रखना पसंद करती हूँ
रजनी- मुस्कुराते हुए मुझे भी पेंटी कसी हुई लगती है इसलिए मुझे भी अच्छा नही लगता है
रश्मि- मुस्कुराते हुए मम्मी भैया को जाकर बता दूं कि मम्मी पेंटी नही पहनती है साड़ी के अंदर पूरी नंगी रहती है
रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए अपनी आँखे दिखा कर रश्मि तू मेरे हाथ से बहुत मार खाएगी
रश्मि- अच्छा मम्मी जब कोई अपने चूचे दबाता है तो कितना अच्छा लगता है ना
रजनी- तेरे भैया ने बहुत देर तक तेरे चूचे दबाए थे क्या
रश्मि- हाँ मम्मी भैया बहुत कस-कस कर मेरे चूचे दबा रहे थे और उपर से मेरी गान्ड में अपने मोटे लंड को भी ज़ोर से दबा कर मुझसे कस कर चिपके हुए थे, क्या बतौ मम्मी मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था
रजनी- चल अब चुप हो जा कोई सुन ना ले,
रश्मि- अरे मम्मी यहा कौन सुनने वाला है, अच्छा मम्मी एक बात बताओ भैया तुम्हारी उमर की औरतो के नंगे फोटो क्यो देख रहे थे
रजनी-मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता
रश्मि- मम्मी बताओ ना तुम्हे सब पता है
रजनी- अरे पागल उसे बड़ी-बड़ी औरते अच्छी लगती होगी इसलिए देख रहा होगा
रश्मि- पर मम्मी भैया को बड़ी उमर की औरते क्यो अच्छी लगती है
रजनी- क्या तू सच कह रही है, उन फोटो में मेरी उमर की औरते थी
रश्मि- हाँ मम्मी एक औरत तो पूरी नंगी बिल्कुल ऐसी नज़र आ रही थी जैसी तुम नंगी नज़र आती हो, और भैया उसी औरत की फूली हुई चूत और मोटी गान्ड देख कर सबसे ज़्यादा लंड हिला रहे थे
रजनी- अपनी चूत का पानी पोछती है और रश्मि उसको देख लेती है,
रश्मि- अब बताओ मम्मी भैया कितने गंदे है ना
रजनी- गहरी सांस लेकर नही बेटी राज अब जवान हो गया है उसका भी मन वह सब करने का करता होगा
रश्मि- मम्मी तुम मुझे भी तो कहती हो कि तू अब जवान घोड़ी हो गई है,
रजनी- आँखे निकल कर रश्मि को देखती हुई, जवान हो गई है तो
रश्मि- मम्मी जैसे भैया जवान हो गये है और उनका मान वह सब करने को करता है वैसा ही मेरा मन भी वह सब करने का होने लगा है
रजनी- उसकी पीठ में हँस कर मारती हुई, चुप कर कामिनी, में जानती हूँ तेरा मन तो कुछ ज़्यादा ही करता होगा
रश्मि- मम्मी भैया का लंड देख कर तो सचमुच मेरा मन करने लगा है
रजनी- चुप कर दुष्ट कही की अपने भैया के बारे में ऐसा सोचती है
रश्मि- मुस्कुराते हुए, मम्मी अगर तुम भैया का मोटा लंड देख लेती तो तुम्हारा मन भी करने लगता
रजनी- चुप हो जा और यह बता फिर और कुछ तो नही किया तेरे भैया ने
रश्मि- सड़ा सा मुँह बनाते हुए, नही मम्मी वह तो सिर्फ़ मेरे चूचे को दबाते हुए मुझे अपने से चिपका कर सो गये
रजनी- तो तू क्या चाहती थी कि वह तेरी छूट अपने लंड से मार दे
रश्मि- मम्मी उनका लंड इतना मस्त है कि अगर वह मुझे चोदते तो में बड़े प्यार से चुदवा लेती
रजनी- चुप कर बेशरम, वह तेरी हरकते देख-देख कर ही यह सब सोचने लगा है, में कहती थी ना कि कपड़े ज़रा ढंग से पहना कर, अगर तू अपनी ब्रा पहन कर अपने चूचे इतना ना दिखाती तो वह यह कभी ना करता
रश्मि- रहने दो मम्मी, में तो फिर भी ठीक कपड़े पहनती हूँ, पर तुम देखो तुम्हारी साड़ी तुम्हारे पूरे नंगे पेट के कितना नीचे है थोड़ा और सरका दो तो तुम्हारी चूत दिखने लगे और चूचे देखो इतना छोटा ब्लौज पहनती हो की आधे से ज़्यादा बाहर आए जा रहे है, मुझे तो लगता है भैया तुम्हे ही अधनंगी देख-देख कर पागला रहे है, और तो और फोटो भी तो वो तुम्हारी उमर की और तुम्हारे जैसे गदराए भारी बदन वाली औरतो के देखते है, मुझे तो लगता है तुम उन्हे बहुत अच्छी लगती हो कहीं भैया तुम्हे ही तो नही चोदना चाहते है
रजनी- अंदर ही अंदर रश्मि की बात सुन कर मुस्कुराते हुए अपनी मुस्कान को अपने चेहरे पर लाने से नही रोक पाती है और रश्मि उसकी खुशी को महसूस करके खुद भी मुस्कुराने लगती है
रजनी- चुप कर रश्मि ज़रा तो सोच समझ कर बोला कर, में उसकी मम्मी हूँ क्या वह मुझे चोदना चाहेगा
रश्मि- मम्मी तुम लगती ही इतनी गदराई और सेक्सी हो कि अगर में तुम्हारा बेटा होती तो कब का तुम्हे रगड़-रगड़ कर चोद चुकी होती,
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई चुप कर घोड़ी, कहीं तू मत चुद जाना अपने भैया से, बड़ी बेशरम हो गई है तू
रश्मि- मम्मी ऐसा मोटा लंड देख कर तो कोई भी बेशरम हो जाएगा
रजनी- चल अब चुप हो जा और चल किचन में चल कर मेरे काम में हाथ बटा और एक बात ध्यान से सुन ले यह बात कभी किसी से नही करना और ना अपने भैया को ही मालूम पड़ने देना कि तू सब जानती है
रश्मि- पर मम्मी अगर भैया ने फिर से मेरे चूचे दबाए तो
रजनी- अब में उसे तेरे पास सोने ही नही दूँगी आज से वह मेरे साथ सोएगा
रश्मि- मुस्कुराते हुए, अच्छा तो आज से तुम भैया से अपने चूचे दबवाओगी
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, कमिनि कहीं की जो मुँह में आता है बोल देती है, चल उठ अब यहाँ से और मेरी बात ध्यान रखना यह बात किसी को भी नही बताना
रश्मि- ठीक है मम्मी में किसी को भी नही बताउन्गी पर मम्मी कभी-कभी तो भैया को मेरे साथ सोने दोगि ना
रजनी- मुस्कुराकर उसे मारती हुई, हाँ ठीक है सो जाना अब चल, कमिनि कहीं की
और फिर दोनो माँ बेटी मुस्कुराती हुई किचन में आ जाती है.
रजनी अपने काम में लग जाती है और रश्मि उसके पास खड़ी हुई फिर से शुरू हो जाती है
रश्मि- मम्मी तुम पेंटी क्यो नही पहनती हो
रजनी- तू भी तो अपनी ब्रा नही पहनती है
रश्मि- मुझे तो ब्रा मेरे चूचे में बहुत कसी हुई लगती है तो मुझे अच्छा नही लगता है इसलिए में अपने चूचे हमेशा खुले रखना पसंद करती हूँ
रजनी- मुस्कुराते हुए मुझे भी पेंटी कसी हुई लगती है इसलिए मुझे भी अच्छा नही लगता है
रश्मि- मुस्कुराते हुए मम्मी भैया को जाकर बता दूं कि मम्मी पेंटी नही पहनती है साड़ी के अंदर पूरी नंगी रहती है
रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए अपनी आँखे दिखा कर रश्मि तू मेरे हाथ से बहुत मार खाएगी
रश्मि- अच्छा मम्मी जब कोई अपने चूचे दबाता है तो कितना अच्छा लगता है ना
रजनी- तेरे भैया ने बहुत देर तक तेरे चूचे दबाए थे क्या
रश्मि- हाँ मम्मी भैया बहुत कस-कस कर मेरे चूचे दबा रहे थे और उपर से मेरी गान्ड में अपने मोटे लंड को भी ज़ोर से दबा कर मुझसे कस कर चिपके हुए थे, क्या बतौ मम्मी मुझे तो बहुत ही मज़ा आ रहा था
रजनी- चल अब चुप हो जा कोई सुन ना ले,
रश्मि- अरे मम्मी यहा कौन सुनने वाला है, अच्छा मम्मी एक बात बताओ भैया तुम्हारी उमर की औरतो के नंगे फोटो क्यो देख रहे थे
रजनी-मुस्कुराते हुए मुझे क्या पता
रश्मि- मम्मी बताओ ना तुम्हे सब पता है
रजनी- अरे पागल उसे बड़ी-बड़ी औरते अच्छी लगती होगी इसलिए देख रहा होगा
रश्मि- पर मम्मी भैया को बड़ी उमर की औरते क्यो अच्छी लगती है