hotaks444
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खानदानी चुदाई का सिलसिला--14
गतान्क से आगे..............
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का चौदहवाँ पार्ट लेकर हाजिर हूँ
टाय्लेट से बाहर आते ही उसने देखा कि तीनो भाई आपस में बाते कर रहे हैं और पेग ले रहे हैं. किरण राजू के पिछे गई और उसकी पीठ से अपने चूचे रगड़ने लगी और उसका लंड सहलाने लगी.
''मुझे भी पेग पिलाओ ..क्या बातें हो रही है...क्या मेरे बारे में हो रही हैं..?'' किरण ने राजू के ग्लास से एक बड़ा घूँट पिया.
राजू ने उसे आगे की तरफ खींच लिया. अब वो तीनो के बीच में थी और राजू के लंड से उसकी गांद सटी हुई थी. संजय और सुजीत ने भी उसे अपने ग्लासस से पेग पिलाए और तीनो भाई उसके जिस्म से खेलने लगे. संजय उसकी चूत सहला रहा था और सुजीत उसके मम्मे हल्के हल्के दबा रहा था.. राजू उसकी गांद पे अपना लंड सहला रहा था और उसके मोटे चूतर को एक हाथ से पकड़े हुए था.
''हम ये सोच रहे थे कि जिसकी वजह से तुम हमें मिली हो उसका धन्यवाद कैसे किया जाए...??'' राजू बोला.
''ह्म्म्म्म...उम्म्म्म अच्छा लग रहा है...संजय थोड़े अंदर उंगली डाल मेरे बच्चे...सुजीत मेरा चूचा चूस दे प्लीज़.....धन्यवाद किसका करना है...इस लंडूरे का..??'' किरण ने संजय का लंड सहलाते हुए और मदमस्त तरीके से मुस्कुराते हुए पुछा.
''हां इस लंडूरे का.....'' सुजीत मम्मे चूस्ते हुए बोला.
''तो फिर तुम क्यों करोगे ..मैं करूँगी ना अपने इस दामाद को खुश आख़िर इसने मेरी चूत तृप्त कराई तुम जैसों से...हाए...क्या हसीन लोडा है तेरा सुजीत...और क्या अंडे हैं...उउम्म्म्म...इसको तो मूह में लूँगी...इसका धन्यवाद मेरी गांद देगी...आज अपनी कुँवारी गांद इस लंड से पिलवाउंगी...दामाद जीि ऊओह लोगे ना मेरी गांद....'' किरण अब फुल मस्ती में आ चुकी थी.
''ओह्ह्ह्ह सासू मा...क्या कह दिया ...देखो मेरा लंड और फूल गया है...तुम जैसी सास हर किसी को मिले....उफफफ्फ़ हां लूँगा तेरी गांद मेरी सासस्स्सुउउ........'' संजय एग्ज़ाइटेड हो गया था.
तीनो भाईओं ने फटाफट बिस्तर सेट किया और संजय बिस्तर पे लेट गया. सुजीत अपने कमरे से चार्मिस क्रीम ले आया और खूब सारी क्रीम किरण की गांद में लगा दी. उसने अपनी उंगलियाँ अच्छे से भिगो के गांद में पूरी अंदर तक ठूँसि. किरण बेड का किनारा पकड़े गांद उचका के क्रीम लगवा रही थी. उधर संजय ने भी अपने लंड को क्रीम से तरबतर कर दिया. लंड के सुपादे पे उसने अच्छे से क्रीम पोत दी. किरण क्रीम लगवा लेने के बाद पीठ के बल उसके सीने पे लेट गई. संजय ने उसके चुम्मे लेते हुए अपने लंड को उसकी गांद के छेद पे सेट किया. सूपड़ा इतना चिकना था कि एक दो बार तो फिसल गया.
किरण ने उसका लंड पकड़ के अपने को थोड़ा रिलॅक्स किया और फिर धीरे धीरे लंड पे अपनी गांद बिठाने लगी. गांद में चिकनाई बहुत थी और किरण को पहले 5 इंच में कोई दर्द नही हुआ. उसके बाद उसको दर्द महसूस होने लगा. एक बार फिर से क्रीम लेके उसने टोपा गीला किया और फिर से लंड अंदर घुस्वाया. हल्के हल्के झटके देते हुए वो करीब 8 - 9 इंच लंड गांद में ले गई और फिर पीठ के बल संजय के सीने पे लेट गई. राजू ने दोनो की टाँगो के बीच जगह बनाई और हल्के हल्के अपना लंड चूत में दबाने लगा. किरण की चूत अब तक काफ़ी खुल चुकी थी और उसे थोड़ा दर्द हुआ. उसके दर्द को कम करने के लए सुजीत ने उसके निपल चूसने शुरू कर दिए और संजय उसके मूह को मोड़ के उसे किस करने लगा. 2 मीं में दोनो लंड उसकी चूत और गांद में सेट हो गए थे. नज़ारा देखते ही बनता था. 2 कद्दावर जवान आदमी उसको पेलने के लिए उत्सुक थे. किरण गांद में पहली बार चुद रही थी पर एग्ज़ाइट्मेंट इतनी ज़ियादा थी कि दर्द का एहसास ख़तम हो चुका था. सुजीत ने उसके सिर के नीचे हाथ रखते हुए उसे प्यार से अपना लंड चाटने का इशारा किया. सुजीत का लंड मूह में भरते ही किरण ने अपनी चूत को थपथपाया और राजू को इशारा किया कि वो चुदाई का कार्यक्रम शुरू करे.
हल्के धक्कों के साथ राजू ने उसको चोद्ना शुरू किया. संजय नीचे पड़ा पड़ा उसकी कमर सहला रहा था. राजू के लंड को वो गांद में पड़े अपने लंड पे महसूस कर रहा था. देखते ही देखते राजू के धक्के तेज़ और लंबे होने लगे. सुजीत के हाथ अब उसकी चूचियो को मसल्ने लगे. गुपप गुपप्प की आवाज़ों के साथ किरण उसका मोटा लंड चूसने लगी. कभी उसके लंड पे थूकती तो कभी उसकी गोटिओं को मूह में भरती. सुजीत अपना लंड साथ साथ मुठिया रहा था. तीनो भाइयो ने एक रिदम के साथ किरण के सभी छेदों को चोद्ना शुरू कर दिया. किरण अब मूह से सिसकियाँ गालियाँ और चूपे लेने की आवाज़े निकाल रही थी. ले लो मेरी....चूदू...फुक्ककक मी...हाऐईयईई.....ऐसे पहले क्यों नही करवाया मैने...इतना सुख ...हरामिी...ऊओ माआ....मदर्चोद.....ऊहह एस्स....मूह भर मेरा....एसस्स...इन्हे भी चाट हरामी...ऊओ एसस्स...गांद ले ली....ऐसे ऐसे बोलते हुए किरण राजू के लंड पे 2 बार झड़ी.
गतान्क से आगे..............
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा इस कहानी का चौदहवाँ पार्ट लेकर हाजिर हूँ
टाय्लेट से बाहर आते ही उसने देखा कि तीनो भाई आपस में बाते कर रहे हैं और पेग ले रहे हैं. किरण राजू के पिछे गई और उसकी पीठ से अपने चूचे रगड़ने लगी और उसका लंड सहलाने लगी.
''मुझे भी पेग पिलाओ ..क्या बातें हो रही है...क्या मेरे बारे में हो रही हैं..?'' किरण ने राजू के ग्लास से एक बड़ा घूँट पिया.
राजू ने उसे आगे की तरफ खींच लिया. अब वो तीनो के बीच में थी और राजू के लंड से उसकी गांद सटी हुई थी. संजय और सुजीत ने भी उसे अपने ग्लासस से पेग पिलाए और तीनो भाई उसके जिस्म से खेलने लगे. संजय उसकी चूत सहला रहा था और सुजीत उसके मम्मे हल्के हल्के दबा रहा था.. राजू उसकी गांद पे अपना लंड सहला रहा था और उसके मोटे चूतर को एक हाथ से पकड़े हुए था.
''हम ये सोच रहे थे कि जिसकी वजह से तुम हमें मिली हो उसका धन्यवाद कैसे किया जाए...??'' राजू बोला.
''ह्म्म्म्म...उम्म्म्म अच्छा लग रहा है...संजय थोड़े अंदर उंगली डाल मेरे बच्चे...सुजीत मेरा चूचा चूस दे प्लीज़.....धन्यवाद किसका करना है...इस लंडूरे का..??'' किरण ने संजय का लंड सहलाते हुए और मदमस्त तरीके से मुस्कुराते हुए पुछा.
''हां इस लंडूरे का.....'' सुजीत मम्मे चूस्ते हुए बोला.
''तो फिर तुम क्यों करोगे ..मैं करूँगी ना अपने इस दामाद को खुश आख़िर इसने मेरी चूत तृप्त कराई तुम जैसों से...हाए...क्या हसीन लोडा है तेरा सुजीत...और क्या अंडे हैं...उउम्म्म्म...इसको तो मूह में लूँगी...इसका धन्यवाद मेरी गांद देगी...आज अपनी कुँवारी गांद इस लंड से पिलवाउंगी...दामाद जीि ऊओह लोगे ना मेरी गांद....'' किरण अब फुल मस्ती में आ चुकी थी.
''ओह्ह्ह्ह सासू मा...क्या कह दिया ...देखो मेरा लंड और फूल गया है...तुम जैसी सास हर किसी को मिले....उफफफ्फ़ हां लूँगा तेरी गांद मेरी सासस्स्सुउउ........'' संजय एग्ज़ाइटेड हो गया था.
तीनो भाईओं ने फटाफट बिस्तर सेट किया और संजय बिस्तर पे लेट गया. सुजीत अपने कमरे से चार्मिस क्रीम ले आया और खूब सारी क्रीम किरण की गांद में लगा दी. उसने अपनी उंगलियाँ अच्छे से भिगो के गांद में पूरी अंदर तक ठूँसि. किरण बेड का किनारा पकड़े गांद उचका के क्रीम लगवा रही थी. उधर संजय ने भी अपने लंड को क्रीम से तरबतर कर दिया. लंड के सुपादे पे उसने अच्छे से क्रीम पोत दी. किरण क्रीम लगवा लेने के बाद पीठ के बल उसके सीने पे लेट गई. संजय ने उसके चुम्मे लेते हुए अपने लंड को उसकी गांद के छेद पे सेट किया. सूपड़ा इतना चिकना था कि एक दो बार तो फिसल गया.
किरण ने उसका लंड पकड़ के अपने को थोड़ा रिलॅक्स किया और फिर धीरे धीरे लंड पे अपनी गांद बिठाने लगी. गांद में चिकनाई बहुत थी और किरण को पहले 5 इंच में कोई दर्द नही हुआ. उसके बाद उसको दर्द महसूस होने लगा. एक बार फिर से क्रीम लेके उसने टोपा गीला किया और फिर से लंड अंदर घुस्वाया. हल्के हल्के झटके देते हुए वो करीब 8 - 9 इंच लंड गांद में ले गई और फिर पीठ के बल संजय के सीने पे लेट गई. राजू ने दोनो की टाँगो के बीच जगह बनाई और हल्के हल्के अपना लंड चूत में दबाने लगा. किरण की चूत अब तक काफ़ी खुल चुकी थी और उसे थोड़ा दर्द हुआ. उसके दर्द को कम करने के लए सुजीत ने उसके निपल चूसने शुरू कर दिए और संजय उसके मूह को मोड़ के उसे किस करने लगा. 2 मीं में दोनो लंड उसकी चूत और गांद में सेट हो गए थे. नज़ारा देखते ही बनता था. 2 कद्दावर जवान आदमी उसको पेलने के लिए उत्सुक थे. किरण गांद में पहली बार चुद रही थी पर एग्ज़ाइट्मेंट इतनी ज़ियादा थी कि दर्द का एहसास ख़तम हो चुका था. सुजीत ने उसके सिर के नीचे हाथ रखते हुए उसे प्यार से अपना लंड चाटने का इशारा किया. सुजीत का लंड मूह में भरते ही किरण ने अपनी चूत को थपथपाया और राजू को इशारा किया कि वो चुदाई का कार्यक्रम शुरू करे.
हल्के धक्कों के साथ राजू ने उसको चोद्ना शुरू किया. संजय नीचे पड़ा पड़ा उसकी कमर सहला रहा था. राजू के लंड को वो गांद में पड़े अपने लंड पे महसूस कर रहा था. देखते ही देखते राजू के धक्के तेज़ और लंबे होने लगे. सुजीत के हाथ अब उसकी चूचियो को मसल्ने लगे. गुपप गुपप्प की आवाज़ों के साथ किरण उसका मोटा लंड चूसने लगी. कभी उसके लंड पे थूकती तो कभी उसकी गोटिओं को मूह में भरती. सुजीत अपना लंड साथ साथ मुठिया रहा था. तीनो भाइयो ने एक रिदम के साथ किरण के सभी छेदों को चोद्ना शुरू कर दिया. किरण अब मूह से सिसकियाँ गालियाँ और चूपे लेने की आवाज़े निकाल रही थी. ले लो मेरी....चूदू...फुक्ककक मी...हाऐईयईई.....ऐसे पहले क्यों नही करवाया मैने...इतना सुख ...हरामिी...ऊओ माआ....मदर्चोद.....ऊहह एस्स....मूह भर मेरा....एसस्स...इन्हे भी चाट हरामी...ऊओ एसस्स...गांद ले ली....ऐसे ऐसे बोलते हुए किरण राजू के लंड पे 2 बार झड़ी.