hotaks444
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अच्छा ऐसा नही है तो फिर मेरे चूतादो और दूध को क्यो घूरता रहता है, घूरता है कि नही, अजय ने अपनी गर्देन नीचे झुका ली, आरती अजय से सतते हुए अजय के कान के पास अपने रसीले होटो को ले जाकर धीरे से बोली अजय… जी भाभी…. अपनी भाभी को चोदेगा और अजय का लंड कस कर पकड़ लिया, बस फिर क्या था अजय ने अपनी भाभी को अपनी बाँहो मे दबोच कर उसके रसीले होटो को अपने होटो से चूसने लगा , और दूसरे हाथ से आरती की मदमस्त चुचियो को कस कस के दबाने लगा, ओह भाभी कितना गदराया और मखमली जिस्म है तुम्हारा मे तुम्हे कब से चोदने के लिए तड़प रहा था, तभी देवेर जी रूको ज़रा अभी यह सब नही अभी मा जी घर पर ही है, ओ भाभी फिर कब मे तो तुम्हे नंगी देखने के लिए मरा जा रहा हू, देवेर जी मे भी तुम्हारे मोटे लंड से अपनी चूत कुटवाने के लिए तरस रही हू और तुमसे खूब खुल कर चुदवाना चाहती हू पर घर पर मज़ा नही आ पाएगा यहाँ कोई ना कोई रहता ही है, तो फिर भाभी हम कैसे कर पाएगे, आरती एक काम करते है मैं मा जी से कुछ शापिंग का बहाना कर के तुम्हे अपने साथ ले जाने के लिए कहूँगी फिर हम किसी होटेल मे चल कर खुल कर 3-4 घंटे मज़ा करेगे और शाम तक वापस आ जाएगे, जी भाभी यह ठीक रहेगा, और फिर दोनो ने एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे.
उधर रश्मि अपनी सहेली नेहा के बेडरूम मे, अरे रश्मि तूने कभी सेक्स की किताबे पढ़ी है, रश्मि नही यार क्यो तेरे पास है क्या, नेहा हाँ है तो और एक किताब देते हुए ले तू पढ़ तब तक मे चाइ लेकर आती हू और नेहा रूम से बाहर जाने लगी, रश्मि ने किताब पढ़ना शुरू की दरअसल वह राज शर्मा की एक इंसेंट स्टोरी की बुक थी जिसमे अपने रीलेशन मे चुदाई की काफ़ी गरम कहानिया थी, रश्मि उसमे से एक भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगी, स्टोरी काफ़ी गरम थी जिसमे एक छोटे भाई ने अपनी जवान बहन को बड़ी बुरी तरह से नंगी करके खूब चोदा था, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते उसे अपने भाई अजय का लंड ध्यान आने लगा और उसकी पैंटी गीली होने लगी, कहानी को पढ़ कर उसे एसा लग रहा था जैसे उसका भाई उसे ही चोद रहा हो, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते कभी अपनी मोटी फूली हुई चुचिया दबाती कभी अपनी चूत पैंटी के उपर से मसल देती, रश्मि काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसका चेहरा लाल हो चुक्का था, तभी नेहा चाइ लेकर आई और रश्मि को देखते ही समझ गई कि वह गरम हो चुकी है, दरअसल नेहा काफ़ी चुड़क्कड़ लोंड़िया थी और कई बार अपनी चूत मरवा चुकी थी,
रश्मि अपने आप को अड्जस्ट करते हुए, नेहा अरे क्या हुआ मेरी जान तेरा चेहरा इतना लाल क्यो हो गया, रश्मि यार यह तो बहुत गरम कहानी की किताब है, नेहा तुझे अच्छी लगी तो तू उसे ले जा आराम से घर पर पढ़ लेना, रश्मि अच्छा ठीक है, और नेहा ने चाइ का कप आगे बढ़ा दिया, नेहा अच्छा बता कोन सी कहानी पढ़ी अभी तूने, रश्मि वो एक भाई और बहन के बारे मे, नेहा अच्छा तो अब तेरा क्या मन कर रहा है, रश्मि कुछ भी नही, नेहा झूठ मत बोल क्या तेरा मन चुदने का नही कर रहा है और रश्मि की मोटी चुचियो को दबा देती है, अरे नेहा तू भी ना अपनी हर्कतो से बाज नही आएगी, सच सच बता पढ़ते पढ़ते ऐसा लगता है ना कि अपनी ही चुदाई हो रही है, रश्मि हाँ, नेहा तो तू किससे चुदने के ख्याल से पढ़ रही थी, रश्मि किसी से नही, नेहा कही तू अपने भाई अजय से ही ख्यालो ख्यालो मे तो नही चुद रही थी, रश्मि तू भी नेहा क्या बात करती है वो मेरा भाई है मे ऐसा कैसे सोच सकती हू, कहानी पढ़ना एक अलग बात है,
नेहा भाई मुझसे तो नही रहा जाता मुझे तो अपने भाई का लंड बड़ा प्यारा लगता है, रश्मि हाय राम तो क्या तू अपने भाई के साथ, नेहा क्या करू मेरा भाई भी मेरी मस्त जवानी को देख कर अपना हथियार मसलता रहता था सो मुझे उस पर दया आ गई और मैने ईक दिन अपनी चूत का रस उसे भी चखा दिया, रश्मि क्या बात कर रही है नेहा, नेहा रश्मि की चुचियो को दबाते हुए अरे मेरी जान इस दुनिया मे अपने भाई के लंड से चुदने मे जो मज़ा आता है वो और किसी के लंड से नही आता है मे तो कहती हू तू भी अजय को अपनी जवानी कपड़े खोल कर दिखा दे फिर देख वो कैसे तेरी चूत चाटने के लिए कुत्ते की तरह तेरी गंद के पीछे घूमने लगेगा और रश्मि के मोटे आमो को कस कर दबा देती है, रश्मि अंदर ही अंदर नेहा की बातो को सुन कर पूरी पानी पानी हो जाती है, नेहा अच्छा रश्मि सच सच बता कुछ महीनो से तेरी चुचिया और गंद कुछ ज़्यादा ही मोटी हो गई है कही तू अजय से अपनी चुचिया दब्वाती तो नही है, रश्मि अरे नेहा क्या उल्टा सीधा बोले जा रही है, नेहा अच्छा क्या तुझे मेरी बातो मे मज़ा नही आ रहा है, रश्मि आ रहा है पर, अरे पर क्या एक बार अपने भाई से चुद कर देख फिर तुझे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और रश्मि के गालो को चूम लिया, रश्मि का चेहरा शर्म से लाल हो गया, और मन ही मन अपने भाई के लंड से चुदने के लिए उसकी चूत तड़प उठी. रश्मि अच्छा नेहा मे चलती हू तेरी किताब मे पढ़ कर लोटा दूँगी, नेहा अरे लोटाने की ज़रूरत नही है अपने पास ही रख लेना. ओके बाइ.
उधर रश्मि अपनी सहेली नेहा के बेडरूम मे, अरे रश्मि तूने कभी सेक्स की किताबे पढ़ी है, रश्मि नही यार क्यो तेरे पास है क्या, नेहा हाँ है तो और एक किताब देते हुए ले तू पढ़ तब तक मे चाइ लेकर आती हू और नेहा रूम से बाहर जाने लगी, रश्मि ने किताब पढ़ना शुरू की दरअसल वह राज शर्मा की एक इंसेंट स्टोरी की बुक थी जिसमे अपने रीलेशन मे चुदाई की काफ़ी गरम कहानिया थी, रश्मि उसमे से एक भाई बहन की चुदाई की कहानी पढ़ने लगी, स्टोरी काफ़ी गरम थी जिसमे एक छोटे भाई ने अपनी जवान बहन को बड़ी बुरी तरह से नंगी करके खूब चोदा था, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते उसे अपने भाई अजय का लंड ध्यान आने लगा और उसकी पैंटी गीली होने लगी, कहानी को पढ़ कर उसे एसा लग रहा था जैसे उसका भाई उसे ही चोद रहा हो, रश्मि कहानी पढ़ते पढ़ते कभी अपनी मोटी फूली हुई चुचिया दबाती कभी अपनी चूत पैंटी के उपर से मसल देती, रश्मि काफ़ी गरम हो चुकी थी और उसका चेहरा लाल हो चुक्का था, तभी नेहा चाइ लेकर आई और रश्मि को देखते ही समझ गई कि वह गरम हो चुकी है, दरअसल नेहा काफ़ी चुड़क्कड़ लोंड़िया थी और कई बार अपनी चूत मरवा चुकी थी,
रश्मि अपने आप को अड्जस्ट करते हुए, नेहा अरे क्या हुआ मेरी जान तेरा चेहरा इतना लाल क्यो हो गया, रश्मि यार यह तो बहुत गरम कहानी की किताब है, नेहा तुझे अच्छी लगी तो तू उसे ले जा आराम से घर पर पढ़ लेना, रश्मि अच्छा ठीक है, और नेहा ने चाइ का कप आगे बढ़ा दिया, नेहा अच्छा बता कोन सी कहानी पढ़ी अभी तूने, रश्मि वो एक भाई और बहन के बारे मे, नेहा अच्छा तो अब तेरा क्या मन कर रहा है, रश्मि कुछ भी नही, नेहा झूठ मत बोल क्या तेरा मन चुदने का नही कर रहा है और रश्मि की मोटी चुचियो को दबा देती है, अरे नेहा तू भी ना अपनी हर्कतो से बाज नही आएगी, सच सच बता पढ़ते पढ़ते ऐसा लगता है ना कि अपनी ही चुदाई हो रही है, रश्मि हाँ, नेहा तो तू किससे चुदने के ख्याल से पढ़ रही थी, रश्मि किसी से नही, नेहा कही तू अपने भाई अजय से ही ख्यालो ख्यालो मे तो नही चुद रही थी, रश्मि तू भी नेहा क्या बात करती है वो मेरा भाई है मे ऐसा कैसे सोच सकती हू, कहानी पढ़ना एक अलग बात है,
नेहा भाई मुझसे तो नही रहा जाता मुझे तो अपने भाई का लंड बड़ा प्यारा लगता है, रश्मि हाय राम तो क्या तू अपने भाई के साथ, नेहा क्या करू मेरा भाई भी मेरी मस्त जवानी को देख कर अपना हथियार मसलता रहता था सो मुझे उस पर दया आ गई और मैने ईक दिन अपनी चूत का रस उसे भी चखा दिया, रश्मि क्या बात कर रही है नेहा, नेहा रश्मि की चुचियो को दबाते हुए अरे मेरी जान इस दुनिया मे अपने भाई के लंड से चुदने मे जो मज़ा आता है वो और किसी के लंड से नही आता है मे तो कहती हू तू भी अजय को अपनी जवानी कपड़े खोल कर दिखा दे फिर देख वो कैसे तेरी चूत चाटने के लिए कुत्ते की तरह तेरी गंद के पीछे घूमने लगेगा और रश्मि के मोटे आमो को कस कर दबा देती है, रश्मि अंदर ही अंदर नेहा की बातो को सुन कर पूरी पानी पानी हो जाती है, नेहा अच्छा रश्मि सच सच बता कुछ महीनो से तेरी चुचिया और गंद कुछ ज़्यादा ही मोटी हो गई है कही तू अजय से अपनी चुचिया दब्वाती तो नही है, रश्मि अरे नेहा क्या उल्टा सीधा बोले जा रही है, नेहा अच्छा क्या तुझे मेरी बातो मे मज़ा नही आ रहा है, रश्मि आ रहा है पर, अरे पर क्या एक बार अपने भाई से चुद कर देख फिर तुझे मज़ा ही मज़ा मिलेगा और रश्मि के गालो को चूम लिया, रश्मि का चेहरा शर्म से लाल हो गया, और मन ही मन अपने भाई के लंड से चुदने के लिए उसकी चूत तड़प उठी. रश्मि अच्छा नेहा मे चलती हू तेरी किताब मे पढ़ कर लोटा दूँगी, नेहा अरे लोटाने की ज़रूरत नही है अपने पास ही रख लेना. ओके बाइ.