desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
फिर राज आईने को अपनी पसंदीदा ड्रेस भेंट चढ़ा कर एक और तिलिस्म से झोपड़े से बाहर निकलता है। राज झोपड़े से बाहर आकार जब नानी के घर पहुंचता है तो वहां पहले से मौजूद अपने पिता को देख कर चोंक जाता है। राज के पिता गिरधारी राज को देखते ही बरस पड़ते है। और राज को उसके कॉलेज शुरु होने की बात बताते है। फिर राज को उसका समान तैयार करने का वक़्त देकर राज को लेकर शहर पहुंच जाते है।।
पिछले अध्याय मैं आपने देखा की राज के पास आईने किस प्रकार से आया लेकिन अभी तब राज उस आईने की शक्तियों से अनभिज्ञ है। ना ही राज को उस आईने का इस्तेमाल करना आता है। अब आगे क्या होता है ये तो अगले अध्याय- 2 मैं पता लगेगा। प्रथम अध्याय मैं मेरे साथ बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आगे भी इसी प्रकार से साथ बने रहे
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पिछले अध्याय मैं आपने देखा की राज के पास आईने किस प्रकार से आया लेकिन अभी तब राज उस आईने की शक्तियों से अनभिज्ञ है। ना ही राज को उस आईने का इस्तेमाल करना आता है। अब आगे क्या होता है ये तो अगले अध्याय- 2 मैं पता लगेगा। प्रथम अध्याय मैं मेरे साथ बने रहने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आगे भी इसी प्रकार से साथ बने रहे
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,