desiaks
Administrator
- Joined
- Aug 28, 2015
- Messages
- 24,893
बिस्तर पर लेटे-लेटे जब दोनो सुस्ता रहे थे, तो अचानक जय को स्मरण हुआ कि जब सुबह वो उसे खोजने निकला था, तो उसकी बहन अपने बिस्तर से नदारद थी। न जाने सोनिया किधर गायब हो गयी ?', जय ने विचार किया, वो अपनी बहन की शरारती प्रवृत्ति को भली तरह पहचानता था। जय ऐसा सोचते हुए मुस्काने लगा।
75 मेहमान पिछली रात के
थकाने वाले श्रम के बावजूद, सोनिया की आँख सवेरे-सवेरे ही खुल गयी थी, और वो बेहद उतावली होकर दौड़ती हुई पड़ोस में, राज और डॉली को यह बतलाने पहुंची थी, कि उसने अपनी होशियार तरक़ीब के अगले पड़ाव को बड़ी कामयाबी से अंजाम दे दिया था।
राज की दी हुई चाभी से उसने शर्मा परिवार के घर के दर को खोला था। अंदर घुसकर, सोनिया सीधे राज के रूम की ओर सरपट दौड़ी। बड़ी हैरान हुई जब राज के बिस्तर को खाली पाया। तभी अचानक, उसने हॉल के पार मास्टर बेडरूम से कराहती आवाजें सुनी। शैतानी अंदाज में मुस्कुराती हुई, सैक्सी जवान सोनिया दबे पाँव मास्टर बेडरूम के अधखुले दर के करीब पहुंची और अंदर झाँक कर देखा।
राज और उसकी मम्मी बिस्तर पर थे, और शोर मचाते हुए एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे। मोहतरमा रजनी शर्मा अपनी लम्बी पतली टांगें अपने बेटे की कमर पर लपेटे हुए थीं, उनकी ऐड़ियाँ नौजवान राज की पीठ पर अटकी हुई थीं। राज अपने खानदानी लन्ड को उनकी चूत में गहरे, ताक़तवर झटके मार-मार कर ठेल रहा था। रजनी जी अपने लम्बे नाखूनों को अपने बेटे के चौड़े, मजबूत कंधों में गाड़े अपने चूतड़ों को बिस्तर से ऊपर उचकाये जा रही थीं, और अपनी झाँटेदार बुर को बेटे के रौंदते लन्ड पर मसले जा रही थीं।
राज को अपनी खूबसूरत वालिदा को चोदते हुए देख सोनिया की चूत भी रिसने लगी। उनके साथ शामिल होने को वो बेक़रार हो रही थी, पर उसकी हिम्मत नहीं होती थी कि माँ बेटे के बीच कबाब में हड्डी करे। अचानक खुद को कुसूरवार ठहराने लगी, कि कैसी बेशर्मी से वो पराये घर में घुसकर बेहयाई से उनके बेडरूम में तांका-झांकी कर रही थी। पर अपनी चूती बुर में पनपता हुए उकसाने वाले जज्बे ने उसकी सारी झें उड़नछू कर दी, और उसे उमड़ती हवस की दमक में तब्दील कर दिया।
सोनिया ने एक हाथ अपनी जाँघों के बीच घुसाया और उंगलियों को अपनी भीगती पैन्टी के भीतर डालकर अपने गरमाये हुए, चिपचिपे बुर को लगी मसलने रगड़ने। बिस्तर पर चोदते गुनाहगार जोड़े को वो बढ़ती हवस से देख रही थी।
सोनिया ने कमजोरी के मारे दहलीज का सहारा लिया। जिस लहजे में वो अपनी चूत में दो उंगलियाँ घुसेड़े उंगल - चोदी कर रही थी, उसके घुटने रबर की गुड़िया जैसे ढीले पड़ गये थे। उसका चोंचला बेतहाशा फड़क रहा था, और जब भी वो अपने अंगूठे को उसपर सिलसिलेवार मसलती जाती, तो उसके तनबदन में बिजली के छोटे-छोटे जोरदार झटके पड़ते थे। जवान उंगलचोद लड़की अपनी खुद - लुत्फ़ी की खयाली दुनिया में कहीं खो गयी थी। एक इंतेहाई तड़प भरी नजरों से वो राज के लम्बे, मोटे लन्ड को रजनी जी की गरम-गरम मचलती। चूत में चोदते देख रही थी। तभी, अचानक, उसे अपने कानों में पीछे से एक फुसफुसाहट सुनाई दी, जिसने उसे चौंका कर होश में ला दिया।
“थक गयी हो तो मैं भी हाथ बटाऊं तुम्हारा?”
सोनिया ने पलट कर देखा तो डॉली शर्मा को पीछे खड़ा पाया। राज की हसीन जुड़वाँ बहन अपनी वालिदा और भाई की तरह ही पूरी नंगी थी। और अगर आप उसके हाथ में वैसलीन की डिबिया और उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान को देखते, तो पक्का अंदेशा लगा सकते थे कि तीनों नींद से उठने के बाद से लगे हुए हैं। सोनिया ने कुछ बोलने को जैसे ही मुँह खोला, डॉली ने उसके होठों पर एक उंगली रखकर उम्र में उससे कम लड़की को चुप करा दिया।
“श्श्श :: • , वो फुसफुसायी, “चुपचाप खड़ी होकर तमाशा देख , समझी ?”
सोनिया ने सर हिला कर हामी भरी, और वापस पलटी, वो डॉली के नंगे बदन को पीछे से अपने बदन पर दबता महसूस कर रही थी। डॉली ने हाथ आगे घुमा कर सोनिया के पुखता जवान मम्मों को हथेलियों में भरा, और अपनी चूत को उसके नाजुक चूतड़ों पर घुमा-घुमा कर मसलने लगी। सोनिया को भी मस्ती चढ़ी, तो उसने वापस डॉली पर दबाया, और उसकी लचीली नंगी चमड़ी के अपनी पीठ पर अहसास का लुफ्त उठाते हुए हवस भरी नजरों से राज के कसरत करते लन्ड को ताकने लगी।
75 मेहमान पिछली रात के
थकाने वाले श्रम के बावजूद, सोनिया की आँख सवेरे-सवेरे ही खुल गयी थी, और वो बेहद उतावली होकर दौड़ती हुई पड़ोस में, राज और डॉली को यह बतलाने पहुंची थी, कि उसने अपनी होशियार तरक़ीब के अगले पड़ाव को बड़ी कामयाबी से अंजाम दे दिया था।
राज की दी हुई चाभी से उसने शर्मा परिवार के घर के दर को खोला था। अंदर घुसकर, सोनिया सीधे राज के रूम की ओर सरपट दौड़ी। बड़ी हैरान हुई जब राज के बिस्तर को खाली पाया। तभी अचानक, उसने हॉल के पार मास्टर बेडरूम से कराहती आवाजें सुनी। शैतानी अंदाज में मुस्कुराती हुई, सैक्सी जवान सोनिया दबे पाँव मास्टर बेडरूम के अधखुले दर के करीब पहुंची और अंदर झाँक कर देखा।
राज और उसकी मम्मी बिस्तर पर थे, और शोर मचाते हुए एक दूसरे के साथ सैक्स कर रहे थे। मोहतरमा रजनी शर्मा अपनी लम्बी पतली टांगें अपने बेटे की कमर पर लपेटे हुए थीं, उनकी ऐड़ियाँ नौजवान राज की पीठ पर अटकी हुई थीं। राज अपने खानदानी लन्ड को उनकी चूत में गहरे, ताक़तवर झटके मार-मार कर ठेल रहा था। रजनी जी अपने लम्बे नाखूनों को अपने बेटे के चौड़े, मजबूत कंधों में गाड़े अपने चूतड़ों को बिस्तर से ऊपर उचकाये जा रही थीं, और अपनी झाँटेदार बुर को बेटे के रौंदते लन्ड पर मसले जा रही थीं।
राज को अपनी खूबसूरत वालिदा को चोदते हुए देख सोनिया की चूत भी रिसने लगी। उनके साथ शामिल होने को वो बेक़रार हो रही थी, पर उसकी हिम्मत नहीं होती थी कि माँ बेटे के बीच कबाब में हड्डी करे। अचानक खुद को कुसूरवार ठहराने लगी, कि कैसी बेशर्मी से वो पराये घर में घुसकर बेहयाई से उनके बेडरूम में तांका-झांकी कर रही थी। पर अपनी चूती बुर में पनपता हुए उकसाने वाले जज्बे ने उसकी सारी झें उड़नछू कर दी, और उसे उमड़ती हवस की दमक में तब्दील कर दिया।
सोनिया ने एक हाथ अपनी जाँघों के बीच घुसाया और उंगलियों को अपनी भीगती पैन्टी के भीतर डालकर अपने गरमाये हुए, चिपचिपे बुर को लगी मसलने रगड़ने। बिस्तर पर चोदते गुनाहगार जोड़े को वो बढ़ती हवस से देख रही थी।
सोनिया ने कमजोरी के मारे दहलीज का सहारा लिया। जिस लहजे में वो अपनी चूत में दो उंगलियाँ घुसेड़े उंगल - चोदी कर रही थी, उसके घुटने रबर की गुड़िया जैसे ढीले पड़ गये थे। उसका चोंचला बेतहाशा फड़क रहा था, और जब भी वो अपने अंगूठे को उसपर सिलसिलेवार मसलती जाती, तो उसके तनबदन में बिजली के छोटे-छोटे जोरदार झटके पड़ते थे। जवान उंगलचोद लड़की अपनी खुद - लुत्फ़ी की खयाली दुनिया में कहीं खो गयी थी। एक इंतेहाई तड़प भरी नजरों से वो राज के लम्बे, मोटे लन्ड को रजनी जी की गरम-गरम मचलती। चूत में चोदते देख रही थी। तभी, अचानक, उसे अपने कानों में पीछे से एक फुसफुसाहट सुनाई दी, जिसने उसे चौंका कर होश में ला दिया।
“थक गयी हो तो मैं भी हाथ बटाऊं तुम्हारा?”
सोनिया ने पलट कर देखा तो डॉली शर्मा को पीछे खड़ा पाया। राज की हसीन जुड़वाँ बहन अपनी वालिदा और भाई की तरह ही पूरी नंगी थी। और अगर आप उसके हाथ में वैसलीन की डिबिया और उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान को देखते, तो पक्का अंदेशा लगा सकते थे कि तीनों नींद से उठने के बाद से लगे हुए हैं। सोनिया ने कुछ बोलने को जैसे ही मुँह खोला, डॉली ने उसके होठों पर एक उंगली रखकर उम्र में उससे कम लड़की को चुप करा दिया।
“श्श्श :: • , वो फुसफुसायी, “चुपचाप खड़ी होकर तमाशा देख , समझी ?”
सोनिया ने सर हिला कर हामी भरी, और वापस पलटी, वो डॉली के नंगे बदन को पीछे से अपने बदन पर दबता महसूस कर रही थी। डॉली ने हाथ आगे घुमा कर सोनिया के पुखता जवान मम्मों को हथेलियों में भरा, और अपनी चूत को उसके नाजुक चूतड़ों पर घुमा-घुमा कर मसलने लगी। सोनिया को भी मस्ती चढ़ी, तो उसने वापस डॉली पर दबाया, और उसकी लचीली नंगी चमड़ी के अपनी पीठ पर अहसास का लुफ्त उठाते हुए हवस भरी नजरों से राज के कसरत करते लन्ड को ताकने लगी।