hotaks444
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मै - वो।। अपने पापा का लंड देख क्या तुम्हारे बुर में पानी आया था?
सरोज - छी: बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं वो मेरे पापा है।
मै - मैं नहीं मानता, सच सच बताओ बहु अपने पापा के बारे में जानकार क्या अभी तुम्हारे बुर में पानी नहीं आ रहा?
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - सच कह रहा हूँ बहु, क्या तुम अभी गरम नहीं हो? अपनी ऊँगली डाल के देखो।
सरोज - नहीं मैं गरम नहीं हू।
मै - अगर नहीं हो तो अपनी ऊँगली अपनी बुर में डाल के दिखाओ
सरोज - (छुपाते हुए अपनी गिली पेन्टी हटाती है अपनी एक ऊँगली बुर में डाल बहार निकालती है)
सरोज - (झिझकते हुए। ) ओह बाबूजी चलिये अब सोते है।
मै - नहीं बहु पहले तुम अपनी ऊँगली दिखाओ
सरोज - (अपनी नज़र झुकाये अपने हाथ दिखाती है।। ) उसकी २ उँगलियाँ बुर के पानी से पूरी तरह गिली होकर चमक रही थी।
मै - (मैंने वो दो ऊँगली अपने मुह में ले ली) देखा बहु तुम्हारे बुर से कितना पानी निकल रहा है (मैं तेज़ी से ब्लैंकेट के अंदर मुट्ठ मारने लगा)
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे हो?
मै - मुठ मार रहा हूँ बहु।।।
सरोज - प्लीज बाबूजी ये मत करिये प्लीज प्लीज प्लीज।।
मै - (मैंने अपना लंड बहार निकाल बहु को दिखा दिया ) नहीं बहु तुमने जब बताया की तुम्हारे पापा तुम्हारी पेंटी में मुठ मारे थे तबसे मैं एक्साइटेड हो गया हूं।। ओह बहु।। मेरा लंड छुओ बहु।। (मैंने बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया)
सरोज - (हाथ हटाते हुए।। ) नहीं बाबूजी
मै- बहु।।। बहु।। मेरा पानी निकाल दो बहु।।
(तभी बगल में शमशेर के कमरे से कुछ आवज़ आयी।।)
सरोज - शह्ह्हह्ह्।।। बाबूजी।। शायद शमशेर अंकल जगे है। आप प्लीज रुक जाइये।
मै - नहीं बहु मैं नहीं रुक सकता।
सरोज - छी: बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं वो मेरे पापा है।
मै - मैं नहीं मानता, सच सच बताओ बहु अपने पापा के बारे में जानकार क्या अभी तुम्हारे बुर में पानी नहीं आ रहा?
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कह रहे हैं?
मै - सच कह रहा हूँ बहु, क्या तुम अभी गरम नहीं हो? अपनी ऊँगली डाल के देखो।
सरोज - नहीं मैं गरम नहीं हू।
मै - अगर नहीं हो तो अपनी ऊँगली अपनी बुर में डाल के दिखाओ
सरोज - (छुपाते हुए अपनी गिली पेन्टी हटाती है अपनी एक ऊँगली बुर में डाल बहार निकालती है)
सरोज - (झिझकते हुए। ) ओह बाबूजी चलिये अब सोते है।
मै - नहीं बहु पहले तुम अपनी ऊँगली दिखाओ
सरोज - (अपनी नज़र झुकाये अपने हाथ दिखाती है।। ) उसकी २ उँगलियाँ बुर के पानी से पूरी तरह गिली होकर चमक रही थी।
मै - (मैंने वो दो ऊँगली अपने मुह में ले ली) देखा बहु तुम्हारे बुर से कितना पानी निकल रहा है (मैं तेज़ी से ब्लैंकेट के अंदर मुट्ठ मारने लगा)
सरोज - बाबूजी ये आप क्या कर रहे हो?
मै - मुठ मार रहा हूँ बहु।।।
सरोज - प्लीज बाबूजी ये मत करिये प्लीज प्लीज प्लीज।।
मै - (मैंने अपना लंड बहार निकाल बहु को दिखा दिया ) नहीं बहु तुमने जब बताया की तुम्हारे पापा तुम्हारी पेंटी में मुठ मारे थे तबसे मैं एक्साइटेड हो गया हूं।। ओह बहु।। मेरा लंड छुओ बहु।। (मैंने बहु का हाथ अपने लंड पे रख दिया)
सरोज - (हाथ हटाते हुए।। ) नहीं बाबूजी
मै- बहु।।। बहु।। मेरा पानी निकाल दो बहु।।
(तभी बगल में शमशेर के कमरे से कुछ आवज़ आयी।।)
सरोज - शह्ह्हह्ह्।।। बाबूजी।। शायद शमशेर अंकल जगे है। आप प्लीज रुक जाइये।
मै - नहीं बहु मैं नहीं रुक सकता।