Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला - SexBaba
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Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला

desiaks

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Aug 28, 2015
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Maa Chudai Story सौतेली माँ से बदला

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और मस्त कहानी लेकर हाजिर हूँ दोस्तो वैसे तो मेरी तीन चार कहानियाँ अभी अधूरी पड़ी हैं जैसा कि मैने आपको बताया था कि अभी थोड़े वक्त की और बात है फिर मैं अपनी कहानियो को पूरी करूँगा

दोस्तो काफ़ी दिनो से मैने कोई नई कहानी पोस्ट नही की है इसीलिए मैं आपके लिए ये कहानी लेकर आया हूँ ये कहानी एक ऐसे लड़के की कहानी है जिसने अपनी सौतेली माँ, मौसी और सौतेली बहनों से बदला लेने के लिए मुझसे चुदवाया और खुद भी चोदा . तो दोस्तो कहानी कुछ इस तरह है..........................................
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ये उस वक़्त की बात है, जब मैं शहर में नया नया आया था और अपने एक दोस्त के यहाँ रहता था।
जिस कॉलेज में पढ़ता था, वहां मेरा जो सबसे पहला दोस्त बना वो वसीम था।
आहिस्ता आहिस्ता, हम दोनों की दोस्ती गहरी हो गई और हम दोनों बहुत ही अच्छे दोस्त बन गये।
मेरा उसके घर, बहुत आना जाना था।
वसीम के घर में, सिर्फ़ तीन लोग थे – वसीम, उसके पिता और उसकी माँ।
वसीम के पिता, बहुत ही अमीर आदमी थे.. (वो अब इस दुनिया में नहीं हैं।)
वो, बहुत शराब पीते थे और रोज़ वसीम की माँ को मारते थे।
इधर, वसीम के पिता रोज़ शाम को एक औरत के पास जाते थे…
ये तो आप समझ ही गए होंगें की उनके उस औरत से “नाजायज़ संबंध” थे!!!
उस औरत का नाम, सलमा था और वो शादीशुदा थी। मगर, वसीम के पापा की वजह से, उसने अपने पति को छोड़ दिया था।
सलमा की दो बेटियाँ थीं – गुलबदन और गुलनार..
दोनों बहनें, जुड़वा थीं और उनकी उम्र लगभग 15 साल थी..
सलमा की एक छोटी बहन भी थी – नीलोफर, जो लगभग हमारी उम्र की ही थी..
इधर, वसीम के पिता ने सलमा को एक फ्लैट दिया था। जिस में, ये सभी चार लड़कियाँ रहती थीं।
वसीम के पिता का सलमा के साथ, उसकी शादी के पहले से ही चक्कर था।
शादी के बाद भी सलमा, ज़्यादातर टाइम अपने मायके में ही बिताती थी।
हर कभी वसीम के पिता, उसे अपने फार्म हाउस में बुलवा कर चूत चोदते थे…
इधर, सलमा अपने पति से ज़्यादा नहीं चुदवाती थी।
सलमा की दोनों बेटियाँ, वसीम के पिता की चुदाई से ही हुई थी..
सलमा ने दोनों लड़कियों को जन्म देने के बाद, अपने ससुराल में सिर्फ़ एक साल बिताया था…
जब सलमा की माँ की मौत हुई, उसने अपने पति को छोड़ दिया..
फिर वसीम के पिता ने उसे एक फ्लैट खरीद के दिया। जहाँ वो, अपनी दोनों बेटी और बहन के साथ रहने लगी..
वसीम, अपने पिता की चौथी पत्नी का बेटा था..
उसके पिता की पहली पत्नी, किसी के साथ भाग गई और बाकी दोनों ने उसके पिता को शराब और उनके रसिक व्यवहार के चलते, छोड़ दिया..
फिर वसीम के पिता ने कहीं से वसीम की माँ को पटाकर, उनसे शादी कर ली..
पहली तीन पत्नियों से, उनको कोई औलाद नहीं थी।
वसीम के पिता, उसकी माँ को रोज़ बुरी तरह मारते थे। इसीलिए, बिना कुछ कहे एक दिन वसीम की माँ, घर छोड़ कर चली गईं।
उनके जाने के बाद, वसीम चुपचाप सा रहने लगा था…
एक दिन, हम दोनों उसके कमरे में बैठे थे तो बाहर से कुछ आवाज़ें आईं।
हम लोगों ने बाहर आकर देखा तो उसके पिता सलमा, उसकी दोनों बेटियाँ और बहन को साथ लेकर घर आये थे।
फिर, वसीम के पिता ने वसीम को पास बुलाया और कहा – ये आज से, तेरी नयी माँ है… ये दोनों लड़कियाँ, तेरी छोटी बहन हैं… और ये (नीलोफर को दिखाते हुए) तेरी मौसी है… ये लोग आज से, हमारे साथ ही रहेंगी…
ये सुनकर, वसीम गुस्से से लाल हो गया और अपने कमरे में चला गया।
तो, उसके पिता ने मुझे कहा – तुम जाकर, अपने दोस्त को समझाओ…
फिर मैं वसीम के कमरे में आया, तो देखा की वसीम रो रहा था।
मैंने उसे समझाया.. लेकिन, वो समझने को तैयार ही नहीं हुआ।
आख़िर, वो समझता भी क्या और मैं समझता भी क्या… ??
कुछ देर बाद, मैं वहां से चला गया।
 
दूसरे दिन, जब मैं वसीम के घर गया तो वसीम कुछ बदला बदला सा लग रहा था।
मेरे पूछने पर उसने मुझे कहा की वो, अपने पिता और सोतेली माँ से बदला ज़रूर लेगा.. मगर, सही समय आने पर..
खैर, ऐसे ही तीन-चार महीने बीत गये और एक दिन वसीम के पिता को अस्पताल में भरती कराना पड़ा।
वहां पता चला की उनका लिवर बिल्कुल खराब हो गया है और वो बस कुछ ही दिनों के मेहमान हैं।
फिर कुछ दिन बाद, उनकी मौत हो गई।
वसीम, उनसे इतनी नफ़रात करता था की उसने उन्हें “दफ़नाने” को भी मना कर दिया पर बाद में, मेरे बहुत समझाने से वो मान गया।
उसने विधिवध, अपने पिता का सारा क्रियाकरम किया।
हालाकी, उसके पास बहुत पैसा था पर पिता की गंदी आदतों की वजह से सारे रिश्तेदारों ने, उससे नाता तोड़ दिया था…
एक बात ये अच्छी हुई की वसीम के पिता ने सारी प्रॉपर्टी वसीम के नाम कर दी थी..
समय यूँही बीतता रहा और फिर एक दिन वसीम ने मुझसे कहा की आज मैं उस साली सलमा को नहीं छोड़ूँगा।
उस दिन रात को, जब वसीम घर गया तो सब लोग सो चुके थे।
उसने सलमा के कमरे का दरवाज़ा खोला और अंदर गया तो देखा की वो सो रही है।
वसीम, तुरंत उसके ऊपर चढ़ने लगा तो वो जाग गई…
सलमा ने कहा – ये क्या कर रहे हो… ??
तो वसीम ने कहा – साली, तुझे चुदवाने में बड़ा मज़ा आता है ना… चल, आज तुझे मैं दिखता हूँ की चूत चोदना किसे कहते हैं…
सलमा – बेटा, मैं तेरी माँ जेसी हूँ… तू मेरे साथ, ये सब नहीं कर सकता…
वसीम – साली, दो कौड़ी की रंडी… मेरी माँ सात जन्म में भी, तेरी जैसी नहीं हो सकती… तू तो वो छीनाल है, जिसने ना जाने कितनी ज़िंदगियाँ बरबाद की हैं… अपने पति की, उसके पूरे परिवार की, मेरी, मेरी माँ की… अगर तुझे मार भी दूं तो शायद ऊपर वाला, मुझे जन्नत नसीब करा दे… साली, तुझे तो रंडी भी नहीं बोल सकता… रंडी समाज, बदनाम हो जाएगा… चुड़ेल, जब तुझे मेरे पिता से चुदवाने में कोई शरम नहीं आई, फिर मुझ से क्यूँ नौटंकी कर रही है… वैसे भी ना जाने, किस किस से चुदवाया होगा, पता नहीं… नाटक मत कर नहीं तो खुशी खुशी तेरा गला दबा कर, फाँसी चढ़ जाऊंगा…
 
फिर सलमा वसीम के पैर पकड़ कर, कहने लगी – मुझे माफ़ कर दो… प्लीज़, मुझे जाने दो…
वसीम ने उसके गाल पर एक ज़ोरदार तमाचा मारा और बोला – जाने दूँ… कुतिया की औलाद, तेरी वजह से मेरी माँ, मुझे छोड़ कर चली गई और तू कहती है की मैं तुझे छोड़ दूँ… अगर ऐसी बात है, तो अभी के अभी मेरा घर छोड़ के चली जा… जा निकल जा, मेरे घर से…
मगर, सलमा मजबूर थी…
अब उसकी दोनों बेटियाँ बड़ी हो गईं हैं तो वो, जाए तो कहाँ जाए…
इसके बाद, वसीम ने सलमा की मैक्सी को फाड़ के फेंक दिया..
अब वो, सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।
सलमा, दोनों हाथों से अपने बदन को छुपाते हुए वसीम के सामने गिडगिड़ा रही थी की उसे छोड़ दे..
मगर, वसीम ने उसकी बातों को इग्नोर करके, उसे कस के एक और चांटा मारा तो वो रोने लगी..
फिर वसीम ने उसकी ब्रा-पैंटी को भी, फाड़ के फेंक दिया…
अब सलमा बिल्कुल नंगी, वसीम के सामने खड़ी थी…
पंद्रह साल की बेटी होने के बावजूद, सलमा के “हुस्न” में कोई कमी नहीं आई थी..
मोटे मोटे मम्मे.. एकदम सपाट पेट.. पतली कमर.. चूत पर, हल्की हल्की झांट.. गोल गाण्ड..
हाँ!! उसके निप्पल औसत से थोड़े बड़े थे…
वसीम ने अब उसे, अपने कपड़े उतारने को कहा।
सलमा ने रोते रोते, वसीम के सारे कपड़े उतार दिए।
अब दोनों ही नंगे हो गये!!!
वसीम का लण्ड, बहुत ही बड़ा था..
इतना बड़ा के, मैंने आज तक किसी “ब्लू फिल्म” में भी, इतना बड़ा और मोटा लण्ड नहीं देखा..
उसका लण्ड, करीब 8-9 इंच से भी बड़ा और काफ़ी मोटा था…
वसीम ने अब, सलमा के बालों को पकड़ा और कहा की बैठ नीचे और चूस मेरे लण्ड को।
वो, मना करने लगी तो उसने उसके गाल पर फिर से एक तमाचा मारा और मुँह में ज़बरदस्ती लण्ड ठूस दिया…
लेकिन, सलमा अब भी रो रही थी..
इसके बाबजूद, वसीम ने उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया।
 
वसीम का लण्ड इतना बड़ा था की सलमा के गले तक घुस जाता था।
फिर मजबूरी में सलमा ने, उसके लण्ड को चूसना शुरू कर दिया..
करीब 15 मिनट के बाद, जब वसीम झड़ने वाला था तो सलमा ने उसकी लण्ड को मुँह से निकालने की कोशिश की.. मगर, वसीम ने उसके मुँह को ही पकड़ लिया और ढेर सारा मूठ उसके मुँह में छोड़ दिया।
वसीम का मूठ, इतना निकला की सलमा को उल्टी आने लगी.. तो वसीम ने उसके मुँह और नाक को, अपने दोनों हाथों से बंद कर दिया।
जैसे तैसे, सलमा ने सारा माल गटक लिया.. मगर, उसे अब भी उल्टी हो गई..
वसीम ने फिर उसे उठा के बेड पर फेंक दिया।
अब वो, उसकी दोनों चुचियों को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा तो सलमा को दर्द होने लगा..
उसने उसकी दोनों निप्पल को, इतना ज़ोर से दो उंगलियों से दबाया के वो चीखने लगी।
वसीम ने उसकी दोनों चुचियों और निप्पल को रगड़ रगड़ के लाल कर दिया।
सलमा दर्द के मारे, छटपटा रही थी।
अब वसीम उसकी दोनों टांगें फैला के, चूत के दाने को रगड़ने लगा..
उसने देखा की सलमा को थोड़ी मस्ती चढ़ने लगी, तो उसने चूत के दोनों होंठों को खोल के, एक साथ अपनी चार उंगलियों को ज़ोर से, एक झटके में, अंदर घुसेड दिया..
सलमा ऐसी चीखी के मानो, उसकी चूत में किसी ने “जलता हुआ एसिड” डाल दिया..
वसीम उसकी चूत में जितना हो सके, अपना हाथ घुसाता चला गया और वो चीखती रही – नहीं ही ही ही ही ही… निकाल ल ल ल ल ल… आह ह ह ह ह ह… माँ न न न न न… प्लीज़… आआआआआआआआहह…।
लेकिन वसीम उसकी चीख को इग्नोर करते हुए, अपने हाथ को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।
दूसरे हाथ की उंगली को वो, सलमा की गाण्ड के छेद में डालने लगा..
सलमा की गाण्ड का छेद, थोड़ा कसा था।
मगर, वसीम पर वासना से कहीं ज़्यादा हैवान हावी था..
बिना कुछ सोचे, उसने ज़बरदस्ती एक उंगली सलमा की गाण्ड में घुसा दी।
थोड़ा उसे अंदर बाहर करने के बाद, उसने अपनी बाकी तीन उंगलियों को भी अंदर घुसा दिया।
इधर सलमा चिल्लाती रही – माररररररररररर गईईईईईईईईईई माआआआआआअराआआअ गाआआआआइईईई… छोड़ दे मुझे, प्लीज़… आह हहहहहहह… माफ़ कर देदे…
पर वसीम बेदर्दी से उसकी गाण्ड और चूत अपनी उंगलियों से चोद्ता रहा!!!
कुछ 5-7 मिनट के बाद, वसीम उठा और किचन में गया..
इधर, सलमा को दर्द इतना था की वो उठ नहीं पा रही थी..
इसीलिए, वो कहीं भाग नहीं सकती थी और वैसे ही बेड पर तड़पति हुई बेसाहरों की तरहा पड़ी रही..
 
किचन से वसीम, दो “बहुत ही बड़े बैंगन” लेकर आया..
ये देख कर, सलमा और भी डर गई..
मगर, वो कुछ नहीं कर सकती थी।
फिर वसीम ने एक बैंगन को सलमा की चूत में घुसेड दिया।
फिर उसने अपना लण्ड निकाल के एक ही झटके में सलमा की गाण्ड में घुसेड दिया और ज़ोर ज़ोर से दोनों तरफ से चोदने लगा..
सलमा चिल्लाती रही।
कुछ देर बाद, वो दूसरे बैंगन को भी सलमा की चूत में घुसाने लगा तो नहीं घुसा..
फिर, उसने अपने लण्ड को बाहर निकाला और सलमा की चूत को फैलाते हुए, ज़बरदस्ती दोनों बैंगन घुसेड दिए।
बैंगन बहुत ही मोटा था और एक साथ दो मोटे बैंगन चूत में घुसने की कारण से उसकी चूत फट गई और खून निकलने लगा..
इधर बिना कुछ लगाए, वसीम ने उसकी गाण्ड में जो अपना लण्ड घुसेड़ा था उससे सलमा की गाण्ड पहले ही फट चुकी थी..
सलमा की चूत और गाण्ड दोनों खून से तरबतर थीं..
सलमा बुरी तरह चिल्लाती रही, मगर आज उसकी बात सुनने वाला कोई नहीं था..
वसीम ने उसकी चीख को अनसुना करते हुए, फिर से अपना लंडा उसकी खून भरी गाण्ड में घुसा दिया और “भड़ाभड़” चोदने लगा..
अब सलमा की हालत, बहुत ही खराब हो गई थी!!!
उसकी साँस उखड़ने लगी थी, दिल की धड़कन धीमी पड़ने लगी..
 
उसकी चूत से, लगातार खून बह रहा था.. ..
इधर वसीम को कोई मतलब नहीं था, वो जिए या मरे..
नफ़रत, उसके सिर चढ़ कर बोल रही थी…
हर बार वो अपना लण्ड बाहर निकाल के एक ज़ोर का झटका देते हुए, उसकी गाण्ड में घुसा देता।
ऐसे ही करीब 10-15 मिनट चलने के बाद, आख़िर वसीम झड़ गया और सारा मूठ उसकी गाण्ड में डाल दिया।
झड़ते ही, वो 3-4 मिनट तक उसके ऊपर ही लेटा रहा..
फिर वो उठा और उसने दोनों बैंगन सलमा की चूत से बाहर निकाले और खड़ा हो गया..
इतनी “भीषण चुदाई” से सलमा, अब तक बेहोश हो गई थी..
वसीम को अब भी उस पर तरस नहीं आया और उसने उसके मुँह पर पानी मारा तो उसे थोड़ा होश आया..
मगर, वो हिल नहीं पा रही थी…
अब वसीम ने उसे बोला के – साली, कुतिया इसे कहते हैं, चुदाई… आज से, तू मेरी रखैल है और मैं तुझे हर रात को, इसी तरह चोदूंगा… अब तुझे दुनिया की कोई ताक़त, मुझसे नहीं बचा सकती.. समझी…
अधमरी सलमा को वसीम ने एक जोरदार तमाचा दिया और पूछा – समझी की नहीं…
और उसके चेहरे पर थूक कर, वो वहां से चला गया…
सलमा ऐसे ही पूरी रात, दर्द से तड़पति रही…
जब सुबह हुई, तो उसकी बहन नीलोफर कमरे में आई।
उसने सलमा को इस हालत में देखा, तो बहुत डर गई…
नीलोफर ने सलमा से पूछा – ये सब क्या हुआ… ?? कैसे हुआ… ?? तो सलमा ने उसे रात की सारी बात बताई..
नीलोफर के पैरों तले, ज़मीन खिसक गई।
नीलोफर ने उसे कपड़े पहनाते हुए कहा – हम लोग यहाँ से, आज ही कहीं चले जाएँगे..
मगर, सलमा को ये मंजूर नहीं था!!!
उसके सिर पर “वसीम की प्रॉपर्टी” का भूत, जो सवार था…
उसने, नीलोफर को जाने से मना कर दिया और समझाया..
फिर नीलोफर किचन में गई और गरम पानी करके लेकर आई।
नीलोफर ने उसकी चूत, गाण्ड, दोनों चुचियों और लगभग जिस्म के सारे हिस्से को गरम पानी से सेंका..
फिर उसने, उसकी गाण्ड और चूत से बहे खून को साफ किया..
 
साफ सफाई करने के बाद, उसने सलमा को एक पेनकिलर देकर सुला दिया…
नीलोफर, वहां से सीधा वसीम के कमरे में गई, जहाँ वसीम नंगा ही सो गया था..
उसने वसीम को उठाया और बोला की तुमने ये ठीक नहीं किया…
वसीम तो गुस्से में ही था, उसने नीलोफर के गाल पर एक ज़ोर का तमाचा मारा और बोला – चुप, बहन की लौड़ी… अगर बुरा लग रहा है, तो निकल जा मेरे घर से… नहीं तो, चिंता मत कर… बहुत ही जल्द, तेरी भी बारी आएगी… उस वक़्त में तुझे बताऊँगा, मैं क्या क्या कर सकता हूँ और कितना बड़ा कमीना हूँ… समझी… चल निकल, यहाँ से…
ये सुनकर नीलोफर के पैर काँपने लगे और वो, वहां से चली गई…
10 बजे, मैंने वसीम के घर जाकर डोर बेल बजाया तो नीलोफर ने दरवाजा खोला…
वो, बहुत घबराई हुई सी थी…
उसने मुझे अपने साथ, सलमा के कमरे में बुलाया।
मुझे पहले तो थोड़ा अजीब लगा तो मैंने मना कर दिया। लेकिन, वो मेरे पैरों पर गिर गई तो मैं बिना कुछ कहे, उसके पीछे चला गया..
वसीम अभी तक सो रहा था और सलमा की दोनों बेटियाँ स्कूल जा चुकीं थीं…
मैं जैसे ही कमरे में घुसा तो नीलोफर ने दरवाजा बंद कर दिया तो मैंने नीलोफर से कहा – ये क्या कर रही हो… ??
आज तक नीलोफर, सलमा या उसकी दोनों बेटियों में से किसी ने भी मुझसे बात नहीं की थी..
नीलोफर ने फिर से मेरे पैर पकड़ लिए और बोली – बचा लीजिए, हम सबको..
मैंने उसे ऊपर उठाया और पूछा की किससे बचाऊँ… ??
तो उसने कहा – “आपके दोस्त वसीम से”…
ये सुनते ही, मैंने पूछा – क्यूँ… ?? क्या किया, वसीम ने… ??
उस वक़्त सलमा सो रही थी और नीलोफर ने उसके उपर, एक रज़ाई डाल दी थी..
लेकिन समझ आ रहा था की वो, अंदर बिना कपड़ो के ही रज़ाई में सो रही थी…
नीलोफर ने सलमा के जिस्म से रज़ाई हटा दी…
मैं उसके बदन को देख कर चीख पड़ा और अपनी आँखे बंद कर लीं…
नीलोफर ने कहा – देखिए, आपके दोस्त की करतूत…
क्यूंकि सलमा बहुत गोरी थी तो इसीलिए वसीम ने, जो उसके पूरे बदन का भरता बना दिया था। वो, बिल्कुल साफ साफ दिखाई दे रहा था…
उसका पूरा बदन “लाल और नीला” हो गया था..
फिर नीलोफर ने मुझे, उसके जिस्म की सारी जगह दिखाई। (चूत, गाण्ड, बूब्स, सभी।)
सलमा के दोनों बूब्स फूल के वॉटरमेलन, जितना बड़ा हो गया था.. ..
उसकी दोनों निपल्स, सूज के नींबू जीतने हो गये थे.. ..
फिर मैंने उसकी चूत देखी.. अभी भी, उसकी चूत का मुँह खुला हुआ था.. जिसमे कम से कम दो लण्ड तो आराम से घुस सकते थे और चूत सूज कर कूपा हो गई थी..
चूत खुली होने के कारण, अंदर तक दिखाई दे रहा था..
अभी भी, थोड़ा थोड़ा खून निकल रहा था।
ठीक यही हालत, गाण्ड की भी थी.. ..
उसका भी छेद, सूज गया था!!!
फिर, मैंने नीलोफर से पूछा – ये सब आख़िर कैसे हुआ… ??
तो उसने मुझे रात की सारी बात बताई, जिसे सुन कर मेरे भी होश उड़ गये.. क्यूंकि वसीम, बहुत ही संत किस्म का लड़का था।
 
कॉलेज में, अगर उसे कोई छेड़ दे तो वो तब भी उसे कुछ नहीं कहता था।
बल्कि, कभी कभी मैं गुस्सा होता था तो वो मुझे समझता था। लेकिन, आज उसके ये शैतानी रूप देख कर, मुझे भी हैरनी हुई..
मैं समझ गया के अब तक उसकी जिंदगी में जो कुछ भी हुआ है, उस से वो बहुत ज़्यादा “डिस्टर्ब” हो गया था..
नहीं तो, जिस लड़के को अगर कोई एक तमाचा भी मार दे तो वो तब भी कुछ नहीं कहेगा और आज वो इतने गुस्से में है की किसी का खून भी कर सकता है…
मैं तो ये सब देख के और सुन के, दंग रह गया था..
फिर, मैंने नीलोफर और सलमा को वसीम के “संत नेचर” के बारे में बताया तो वो लोग, यकीन नहीं कर रहे थे..
जब मैंने उन दोनों को सारी बात बताई तो सलमा समझ गई के उससे कितनी बड़ी भूल हुई है..
वो, मेरे सामने फूट फूट कर रोने लगी और कहा के वो, इस भूल का प्राश्चित ज़रूर करेगी..
उसने कहा के आगे से उस घर में वसीम जो कहेगा, वही होगा और घर के सभी लोगों को वसीम की बात माननी पड़ेगी।
मैंने उनसे कहा के मैं वसीम को समझाने की कोशिश ज़रूर करूँगा।
ये सब सुन के उन दोनों ने कहा के हम सब आपको बहुत ही ग़लत समझते थे.. लेकिन, आज आपकी बातें सुनकर हमारी नज़रों मे आपकी इज़्ज़त बढ़ गई है… अब आप जो कहेंगे, हम वही करेंगे..
फिर मैं वहाँ से, वसीम के कमरे में गया और उसको उठाया।
मैंने वसीम से कहा – यार, तुमने कल रात कैसे इतना बड़ा कांड कर लिया, मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है की तू वही वसीम है, जिससे मैंने दोस्ती की थी…
उसने मुझे कहा के वो जानता है की उसने ग़लती की है.. लेकिन, अब वो पीछे नहीं हटेगा।
मेरे समझाने से वो कुछ तो समझ गया और बोला की आज के बाद वो, उनमे से किसी को नहीं मारेगा, ना ही कोई तकलीफ़ पहुँचायेगा.. मगर, वो अपना बदला लेके ही रहेगा.. ..
उसके बाद, में वसीम को सलमा के कमरे में लेके गया और उसे सलमा की हालत दिखाई, तो उसे भी बुरा लगा..
फिर उसने डॉक्टर को फोन कर के बुलाया, उसके इलाज़ के लिए।
उसके बाद डॉक्टर रोज़ आके सलमा के सारे जख्मों को ड्रेसिंग करने लगे..
सलमा को ठीक होने के लिए, 10 से 15 दिन लग गये…
सलमा, ठीक हो गई तो एक रात को वो खुद ही वसीम के कमरे में गई और उस से माफी माँगी…
सलमा ने वसीम को, अपनी बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगी और बोली – मैं आज से तुम्हारी हूँ… तुम मेरे साथ, जो चाहो वो कर सकते हो… …
ऐसे में वसीम, कहाँ पीछे हटने वाला था!! !!!
उसने उसे बेड पर लिटके, उसके कपड़े उतारने चालू कर दिए..
उसकी चुचियों को मसलने और चूसने लगा.. मगर, इस बार पूरा मज़ा लेते हुए..
उस दिन, उसने सलमा को रात भर चोदा!!!
उसके बाद, तो वो सलमा को लगभग हर रात चोदता रहा… …
वो, दोनों बिल्कुल “पति पत्नी” की तरह रहने लगे..
ये बात, नीलोफर को पता चलनी ही थी..
और तो और, उसने एक दिन उन दोनों को रात में चुदाई करते हुए देख लिया..
फिर क्या था, जवान तो वो थी ही… वो भी, गरम हो गई और चुदने के लिए तरसने लगी.. ..
इस बीच वसीम ने मुझे सारी बात बताई के कैसे वो रोज़ सलमा को चोदता है।
उसने मुझे कहा के मैं भी आके उसके साथ उसके घर में रहने लगूँ और उसकी दोनों बहन या मौसी, जिसको चाहे पटा लूँ और मज़े लूँ…
मगर, मैंने उसे मना कर दिया और कहा के – यार, अगर कभी मुझे इसकी ज़रूरात पड़ी तो मैं ज़रूर तेरे घर पर आ जाऊंगा… क्यूंकी मैं अपनी प्रेमिका के साथ बहुत खुश था.. ..
इधर, सलमा को नीलोफर के ऊपर थोड़ा शक हुआ के वो किसी लड़के के चक्कर में पड़ी है.. ..
एक दिन, नीलोफर उस लड़के से फोन पर बात कर रही थी के अब वो, बिना चुदाई के नहीं रह सकती और वो लड़का उसे जहाँ लेजा कर चोदना चाहे, वो आ जाएगी.. ..
किसी से भी चुदने से उसे ऐतराज़ नहीं था क्यूंकि उसे तो बस अपनी चूत की खुजली को मिटाने के लिए, एक लण्ड की ज़रूरत थी…
ये सुन के, सलमा दंग रह गई!!!
 
बात ये भी थी की अगर कहीं बाहर जा के नीलोफर, किसी से चुदने लगी तो उसकी बदनामी होगी… नाम उसका, वैसे भी कम खराब नहीं था…
सलमा ने रात को वसीम से चुदते चुदते ये बात उसे बताई तो वसीम ने कहा के वो नीलोफर को समझाएगा के वो ये सब बंद कर दे… लेकिन, सलमा ने उसे ये सब करने के लिए मना कर दिया क्यूंकि नीलोफर आज तक किसी से नहीं चुदी है…
वो, दिखने में भी बहुत ही खूबसूरात है तो कहीं चूत की आग के चलते, कुछ ग़लत कम ना कर बैठे…
फिर, सलमा के दिमाग़ में एक आइडिया आया!!
उसने वसीम से कहा के वो अगर, नीलोफर को चोदे तो उसे कहीं बाहर जाके चुदाई नहीं करना पड़ेगा… घर की बात, घर में ही रह जाएगी और नीलोफर को अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए एक लण्ड भी मिल जाएगा और इसमे किसी की बदनामी भी नहीं होगी…
वसीम क्यूँ मना करता, वो तुरंत मान गया क्यूंकि उसे तो एक लड़की की “कुँवारी चूत” को फाड़ने का, मज़ा मिलेगा…
लेकिन, वसीम ने सलमा से कहा – क्या, नीलोफर इस के लिए राज़ी हो जाएगी..
तो सलमा ने कहा – ये सब, तुम मुझ पर छोड़ दो… मैं उसे तुमसे चुदने के लिए तैयार कर लूँगी…
दूसरे दिन सुबह, जब नीलोफर बाहर जाने के लिए निकली तो सलमा ने उसे कहीं भी जाने के लिए मना कर दिया.. ..
ये सुन कर, नीलोफर को बुरा लगा और वो अपने कमरे में जा के रोने लगी।
फिर सलमा ने उसके कमरे में जा के उससे, उस लड़के के बारे में पूछा तो नीलोफर घबरा गई..
फिर सलमा ने कहा – देख नीलोफर, मुझे तेरे और उस लड़के के बारे में सब पता है की तू उससे चुदना चाहती है… मैंने तुमको फोन पर, उस लड़के से बात करते हुए सुन लिया था… ये सुन के नीलोफर, डर के मारे चुप हो गई..
सलमा ने उस से पूछा के क्या वो उस लड़के से प्यार करती है या वो लड़का उससे प्यार करता है, तो इस पर नीलोफर ने उसे सारी बात बताई के कैसे वो वसीम को और सलमा को रोज़ रात में चुदाई करते हुए देखती है और इससे उसकी चूत मचल उठी है… उसने कहा की अब उससे भी बर्दाशत नहीं होता और वो भी, किसे से चुदना चाहती है… उस लड़के से वो प्यार नहीं करती, उसे तो बस उसके साथ चुदाई करके, चूत की प्यास बुझानी है..
जैसे ही, सलमा ने उसकी बात सुनी तो उसने नीलोफर से कहा के ऐसा है तो उसे कहीं बाहर जा के चुदने की ज़रूरात नहीं है क्यूंकि जब घर में ही, उसे एक “तगड़ा लण्ड” मिल जाएगा…
नीलोफर कुछ नहीं समझी और पूछा – दीदी, घर में कहाँ से, मुझे लण्ड मिलेगा…क्यूंकि हमारे घर में तो बस एक ही लड़का है और वो वसीम है जो की तुम्हें चोदता है तो मैं कैसे उससे चुद सकती हूँ… ??
ये सुन कर, सलमा ने उसे कहा – मैंने वसीम को मना लिया है, तुम्हारी चुदाई करने के लिए और वो मान भी गया है… आज रात, जब गुलबदन और गुलनार सो जाएँ, तो चुप चाप तू वसीम के कमरे में आ जाना… मैं वहाँ, तेरा इंतज़ार करूँगी…
ये सुन कर नीलोफर खुश हो गई और उसने उस लड़के को फोन कर के कह दिया की उसके (नीलोफर के) घर वालों ने उसे उससे बात करते, सुन लिया है इसलिए अब वो आइन्दा, उसे फोन ना करे…
फिर रात को खाना खाने के बाद, सब लोग अपने अपने कमरे में चले गये, सोने के लिए…
घर बहुत ही बड़ा था.. लेकिन, फिर भी नीलोफर गुलनार और गुलबदन के कमरे में ही, उनके साथ सोती थी..
ठीक रात के 12 बजे, जब गुलबदन और गुलनार सो गये तो नीलोफर चुप चाप उठ कर वसीम के कमरे में चली गई।
वहां पहले से ही, सलमा और वसीम का प्रोग्राम चालू था!!!
जैसे ही नीलोफर अंदर गई तो सलमा ने उठ कर दरवाजा बंद कर दिया।
उसने नीलोफर को, वसीम के पास जाने के लिए कहा तो नीलोफर थोड़ा शरमाई क्यूंकि एक तो वो कुँवारी थी.. दूसरे, उसने पहले कभी वसीम से बात नहीं की थी और आज सीधे चुदवाने चली आई.. ..
फिर सलमा ने नीलोफर का हाथ पकड़ कर, वसीम के साइड में बिठा दिया।
 
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