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Hindi Sex मेरा एक दोस्त साहिल था जिसकी बहन का नाम सना था. Stories वो 18 साल की थी.. बहुत खूबसूरत थी। उसका रंग एकदम गोरा.. और उसका फ़िगर 34-24-32 का बहुत ही मस्त था। उसको देख कर किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए.. मेरा लण्ड हमेशा उसके नाम पर सलामी देता था।
हमारे एग्जाम ख़तम हो चुके थे.. हम लोग गर्मी की छुट्टियाँ मना रहे थे। एक दिन साहिल को किसी काम से जबलपुर जाना पड़ा। वो अपने पापा के साथ चला गया। अब घर में उसकी अम्मी और सना अकेले थे। पहले मैं सना को सिर्फ दोस्त मानता था। उसके बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा था।
एक दिन उसकी अम्मी ने मुझे बुला कर कहा- जुनेद तू नहाने का साबुन लाकर जरा सना को दे दो.. वो नहाने जा रही है..।
मैं दुकान से साबुन लेकर उसे देने घर आया.. तो उसकी अम्मी ने कहा- वो नहाने चली गई है.. बाथरूम में जाकर दे दो..।
इतना कह कर वो छत पर कपड़े डालने चली गईं। चूंकि मैं अम्मी के सामने शरीफ और अच्छा लड़का था.. तो उनके कहने पर मैं बाथरूम में चला गया। जैसा कि मैं बता चुका हूँ.. कि सना बहुत सेक्सी दिखती थी। मैं उसे नंगा देखना चाहता था और उस दिन मेरी किस्मत खुल गई। मैंने बाथरूम के बाहर जाकर बोला- सना.. ये साबुन ले लो..
तभी वो चीखी और दरवाज़ा खोल कर बाहर आ गई और मुझसे लिपट गई..
वो डरते हुए कहने लगी- अन्दर छिपकली है.. मुझे डर लग रहा है..
तभी उसकी माँ आ गईं और कहने लगी- जुनेद अन्दर जा कर छिपकली भगा दो..।
मैंने ऐसा ही किया और फिर वो नहाने लगी.. तब बाहर आकर मैंने सोचा कि जब वो मुझसे लिपटी थी तो उसके दूध मेरे सीने से टकरा रहे थे और वो सिर्फ अपनी ब्रा और सलवार में थी। मेरे दिमाग में बस वो ही सीन चल रहा था। रात भर मैं उसके बारे में सोच रहा था और बेचैनी में 2 बार उसके नाम से मुठ मारी।
कुछ दिन बाद मेरे घर वाले घूमने के लिए बाहर गए.. तो मैं घर में अकेला ही रह गया था। सभी के जाने के बाद सना कि अम्मी आईं।
बोलीं- मैं भी जरा बाहर किसी काम से जा रही हूँ.. तुम सना को अपने घर में रोक लो..। मुझे आने में शाम में हो जाएगी।
फिर वो भी चली गईं.. मैंने सना को अपने पास बुला लिया।
तब मैं टीवी में कार्टून लगा कर नहाने चला गया और तौलिया बाहर ही भूल गया था। मैं तौलिया लेने बाहर आया तो देखा सना इंग्लिश चैनल पर सेक्सी मूवी देख रही है..।
मैं चुपचाप चला गया लेकिन मेरा दिल नहीं कर रहा था कि वहाँ से जाऊँ।
फिर मैंने कमरे की खिड़की से देखा कि वो अपनी सलवार में हाथ डालकर मज़े ले रही है और टीवी पर एक किसिंग सीन चल रहा है।
वो सिसकियां भर रही थी। तब मैंने थोड़ी आवाज़ की.. तभी उसने चैनल बदल दिया।
मैंने अन्दर आकर कहा- मैंने देखा है कि तुम क्या कर रही थीं..
तो वो बहुत डर गई.. बोली- किसी से मत कहना..
वो रोने लगी.. मैंने उससे वादा किया- मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा।
फिर वो चुप हुई.. तब मैंने बोला- सिर्फ किसिंग सीन देखती हो..?
तो बोली- टीवी पर पूरा सीन नहीं आता लेकिन मेरी सहेलियों ने मुझे बताया था कि सुहागरात में क्या-क्या होता है..
तब मैंने कहा- अगर तुम्हें पूरा सीन दिखाऊँ तो देखोगी..?
तो वो बोली- तुम्हारी मर्ज़ी..
और शर्मा गई..
मैं समझ गया कि ये पट जाएगी। मैं जल्दी से मार्किट से जाकर एक पोर्न फ़िल्म की सीडी ले आया और उसे प्लेयर पर लगा दिया। वो फ़िल्म देख कर बहुत गरम हो गई और मेरे सामने ज़ोर-ज़ोर से सिस्कारियां भरने लगी। वो अपनी सलवार में हाथ डाल कर हिलाने लगी।
फिर मैं उसे उठा कर अपने बिस्तर पर ले आया और उसे लेटा दिया। मैं उसके होंठों पर किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ दे रही थी। तो मैंने देर न करते हुए उसके कपड़े उतार दिए.. वो सिर्फ ब्रा-पैन्टी में रह गई थी। मैं उसके दूध चूसने लगा.. साली के क्या मस्त दूध थे.. साथ ही मैं हाथ से उसकी चूत पर ऊपर से ही हाथ रगड़ने लगा।
क्या गुलाबी कोमल चूत थी.. अभी चूत पर हल्के-हल्के बाल आने शुरू हो ही रहे थे। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उससे खेलने लगी। मैंने जोश में आकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी भी ब्रा-पैन्टी भी उतार दी।
वो बहुत तड़प रही थी.. और सीत्कार कर रही थी। क्या आवाज़ निकाल रही थी उसकी "आह.. आह.. आअह्ह.." से मेरा लौड़ा लपलपा रहा था।
फिर वो बोली- जानूँ.. अब डाल दो.. अब सब्र नहीं होता.. जल्दी करो..
मैं उसे जानबूझ कर तड़पा रहा था पहले मैंने मेरा 7 का लण्ड उसके मुँह में भर दिया। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसे उल्टा लेटा कर उसकी टांगें अलग की.. और उसकी कुँवारी चूत पर पहली बार अपना 7 इंच का लम्बा लण्ड रख दिया। सुपारे को चूत के छेद के निशाने पर टिका कर एक तगड़ा झटका मारा.. पर पहले झटके में लंड फिसल गया फिर दूसरे झटके में लण्ड आधा अन्दर घुसता चला गया।
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई.. उसकी चूत से खून निकलने लगा था। वो रोने लगी.. बोली- इसे बहार निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है..।
मैंने बोला- पहली बार है.. इसलिए ऐसा हो रहा है थोड़ा करवाने के बाद आदत हो जाएगी।
लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.. पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैं उसकी चूत में झटके पर झटके मारता जा रहा था। थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो आवाज़ निकालने लगी।
"आह.. आह आह.. ओह.. आअह.."
थोड़ी देर बाद वो अकड़ने लगी.. उसकी चूत में से गरम पानी निकलने लगा। वो झड़ गई थी। लगभग 8-10 झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने लौड़ा चूत से खींच कर उसके मुँह में लण्ड डाल दिया। वो मेरा सारा माल पी गई.. सारे लण्ड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
उसके बाद हम दोनों साथ में जाकर बाथरूम में नहाए.. और वहाँ पर एक बार फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया.. तो उधर ही फर्श पर लिटा कर फिर से उसकी चुदाई की.. उस दिन हमने 3 बार चुदाई की। उसकी चूत सूज चुकी थी.. इतनी अधिक कि उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।
उसकी कुंवारी चूत को मैंने जवान बना दिया था।
फिर उसे मैं बाइक से बाहर घुमाने ले गया और हम दोनों ने खाना भी वहीं खाया।
घर आकर मैंने उसे एक बार और चोदा.. अभी चोद चाद कर मैं फारिग ही हुआ था कि थोड़ी देर बाद उसकी अम्मी आ गईं और वो अपने घर चली गई।
अब जब भी हमें मौक़ा मिलता है.. हम चुदाई का खेल खेलते हैं और मज़े करते हैं।
ये स्टोरी अभी कुछ महीने पहले की ही है।
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यह मेरी पहली Kahani है जो मैं आप सब को बताने जा रहा हूँ। अभी मेरी.
हमारे एग्जाम ख़तम हो चुके थे.. हम लोग गर्मी की छुट्टियाँ मना रहे थे। एक दिन साहिल को किसी काम से जबलपुर जाना पड़ा। वो अपने पापा के साथ चला गया। अब घर में उसकी अम्मी और सना अकेले थे। पहले मैं सना को सिर्फ दोस्त मानता था। उसके बारे में ऐसा कभी नहीं सोचा था।
एक दिन उसकी अम्मी ने मुझे बुला कर कहा- जुनेद तू नहाने का साबुन लाकर जरा सना को दे दो.. वो नहाने जा रही है..।
मैं दुकान से साबुन लेकर उसे देने घर आया.. तो उसकी अम्मी ने कहा- वो नहाने चली गई है.. बाथरूम में जाकर दे दो..।
इतना कह कर वो छत पर कपड़े डालने चली गईं। चूंकि मैं अम्मी के सामने शरीफ और अच्छा लड़का था.. तो उनके कहने पर मैं बाथरूम में चला गया। जैसा कि मैं बता चुका हूँ.. कि सना बहुत सेक्सी दिखती थी। मैं उसे नंगा देखना चाहता था और उस दिन मेरी किस्मत खुल गई। मैंने बाथरूम के बाहर जाकर बोला- सना.. ये साबुन ले लो..
तभी वो चीखी और दरवाज़ा खोल कर बाहर आ गई और मुझसे लिपट गई..
वो डरते हुए कहने लगी- अन्दर छिपकली है.. मुझे डर लग रहा है..
तभी उसकी माँ आ गईं और कहने लगी- जुनेद अन्दर जा कर छिपकली भगा दो..।
मैंने ऐसा ही किया और फिर वो नहाने लगी.. तब बाहर आकर मैंने सोचा कि जब वो मुझसे लिपटी थी तो उसके दूध मेरे सीने से टकरा रहे थे और वो सिर्फ अपनी ब्रा और सलवार में थी। मेरे दिमाग में बस वो ही सीन चल रहा था। रात भर मैं उसके बारे में सोच रहा था और बेचैनी में 2 बार उसके नाम से मुठ मारी।
कुछ दिन बाद मेरे घर वाले घूमने के लिए बाहर गए.. तो मैं घर में अकेला ही रह गया था। सभी के जाने के बाद सना कि अम्मी आईं।
बोलीं- मैं भी जरा बाहर किसी काम से जा रही हूँ.. तुम सना को अपने घर में रोक लो..। मुझे आने में शाम में हो जाएगी।
फिर वो भी चली गईं.. मैंने सना को अपने पास बुला लिया।
तब मैं टीवी में कार्टून लगा कर नहाने चला गया और तौलिया बाहर ही भूल गया था। मैं तौलिया लेने बाहर आया तो देखा सना इंग्लिश चैनल पर सेक्सी मूवी देख रही है..।
मैं चुपचाप चला गया लेकिन मेरा दिल नहीं कर रहा था कि वहाँ से जाऊँ।
फिर मैंने कमरे की खिड़की से देखा कि वो अपनी सलवार में हाथ डालकर मज़े ले रही है और टीवी पर एक किसिंग सीन चल रहा है।
वो सिसकियां भर रही थी। तब मैंने थोड़ी आवाज़ की.. तभी उसने चैनल बदल दिया।
मैंने अन्दर आकर कहा- मैंने देखा है कि तुम क्या कर रही थीं..
तो वो बहुत डर गई.. बोली- किसी से मत कहना..
वो रोने लगी.. मैंने उससे वादा किया- मैं किसी को कुछ नहीं कहूँगा।
फिर वो चुप हुई.. तब मैंने बोला- सिर्फ किसिंग सीन देखती हो..?
तो बोली- टीवी पर पूरा सीन नहीं आता लेकिन मेरी सहेलियों ने मुझे बताया था कि सुहागरात में क्या-क्या होता है..
तब मैंने कहा- अगर तुम्हें पूरा सीन दिखाऊँ तो देखोगी..?
तो वो बोली- तुम्हारी मर्ज़ी..
और शर्मा गई..
मैं समझ गया कि ये पट जाएगी। मैं जल्दी से मार्किट से जाकर एक पोर्न फ़िल्म की सीडी ले आया और उसे प्लेयर पर लगा दिया। वो फ़िल्म देख कर बहुत गरम हो गई और मेरे सामने ज़ोर-ज़ोर से सिस्कारियां भरने लगी। वो अपनी सलवार में हाथ डाल कर हिलाने लगी।
फिर मैं उसे उठा कर अपने बिस्तर पर ले आया और उसे लेटा दिया। मैं उसके होंठों पर किस करने लगा.. वो भी मेरा साथ दे रही थी। तो मैंने देर न करते हुए उसके कपड़े उतार दिए.. वो सिर्फ ब्रा-पैन्टी में रह गई थी। मैं उसके दूध चूसने लगा.. साली के क्या मस्त दूध थे.. साथ ही मैं हाथ से उसकी चूत पर ऊपर से ही हाथ रगड़ने लगा।
क्या गुलाबी कोमल चूत थी.. अभी चूत पर हल्के-हल्के बाल आने शुरू हो ही रहे थे। उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और उससे खेलने लगी। मैंने जोश में आकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी भी ब्रा-पैन्टी भी उतार दी।
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फिर वो बोली- जानूँ.. अब डाल दो.. अब सब्र नहीं होता.. जल्दी करो..
मैं उसे जानबूझ कर तड़पा रहा था पहले मैंने मेरा 7 का लण्ड उसके मुँह में भर दिया। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसे उल्टा लेटा कर उसकी टांगें अलग की.. और उसकी कुँवारी चूत पर पहली बार अपना 7 इंच का लम्बा लण्ड रख दिया। सुपारे को चूत के छेद के निशाने पर टिका कर एक तगड़ा झटका मारा.. पर पहले झटके में लंड फिसल गया फिर दूसरे झटके में लण्ड आधा अन्दर घुसता चला गया।
उसकी दर्द भरी चीख निकल गई.. उसकी चूत से खून निकलने लगा था। वो रोने लगी.. बोली- इसे बहार निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है..।
मैंने बोला- पहली बार है.. इसलिए ऐसा हो रहा है थोड़ा करवाने के बाद आदत हो जाएगी।
लेकिन वो ज़ोर से चिल्लाने लगी.. पर मैं कहाँ रुकने वाला था। मैं उसकी चूत में झटके पर झटके मारता जा रहा था। थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो आवाज़ निकालने लगी।
"आह.. आह आह.. ओह.. आअह.."
थोड़ी देर बाद वो अकड़ने लगी.. उसकी चूत में से गरम पानी निकलने लगा। वो झड़ गई थी। लगभग 8-10 झटकों के बाद मैं भी झड़ गया और मैंने लौड़ा चूत से खींच कर उसके मुँह में लण्ड डाल दिया। वो मेरा सारा माल पी गई.. सारे लण्ड को चाट-चाट कर साफ़ कर दिया।
उसके बाद हम दोनों साथ में जाकर बाथरूम में नहाए.. और वहाँ पर एक बार फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया.. तो उधर ही फर्श पर लिटा कर फिर से उसकी चुदाई की.. उस दिन हमने 3 बार चुदाई की। उसकी चूत सूज चुकी थी.. इतनी अधिक कि उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।
उसकी कुंवारी चूत को मैंने जवान बना दिया था।
फिर उसे मैं बाइक से बाहर घुमाने ले गया और हम दोनों ने खाना भी वहीं खाया।
घर आकर मैंने उसे एक बार और चोदा.. अभी चोद चाद कर मैं फारिग ही हुआ था कि थोड़ी देर बाद उसकी अम्मी आ गईं और वो अपने घर चली गई।
अब जब भी हमें मौक़ा मिलता है.. हम चुदाई का खेल खेलते हैं और मज़े करते हैं।
ये स्टोरी अभी कुछ महीने पहले की ही है।
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यह मेरी पहली Kahani है जो मैं आप सब को बताने जा रहा हूँ। अभी मेरी.