hotaks444
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नाजायज़-ये एक शब्द उस इंसान को अंदर तक झींझोड़ के रख देता है। आज अमन खुद को वो नाली का कीड़ा समझ रहा था, जिसके बाप का तो पता था पर उसे अपनी माँ पे भरोसा नहीं था कि इसने सिर्फ़ एक के साथ सोकर उसे पैदा किया है, या कइयों के साथ? क्योंकी जो बात रजिया को बतानी चाहिए थी, वो उसे किसी तीसरे के मुँह से सुनने को मिली थी।
रजिया और रेहाना अमन के पास पैरों में बैठ जाती हैं। रजिया कहती है-“अमन, मैं जानती हूँ कि तुम इस वक्त किस दौर से गुजर रहे हो। हाँ… मैंने बहुत बड़ी गलती की वो तुमसे ये राज छुपाया कि तुम ख़ान की औलाद नहीं… बल्की अपने नाना की औलाद हो?
अमन-“चुप कर और निकल जा मेरे रूम से…”
रेहाना-“अमन, एक बार… बस एक बार बाजी की बात सुन लो। उसके बाद तुम वो कहोगे हम वो मानेगी। तुम हमें घर से जाने के लिये कहोगे तो हम चली जाएंगी। बस एक बार हमारी बात सुन लो…”
अमन-“बोल… क्या कहना है तुम्हें अपनी सफाई में?”
रजिया वो अपन चेहरा नीचे झुकाये बैठी थी वो अमन के चेहरे को देखने लगती है। और अपनी बात शुरू करती है-“अमन, आज मैं वो तुमसे कहने जा रही हूँ, वो राज सिर्फ़ मैं जानती हूँ…”
तुम्हारे नाना और नानी कश्मीर के रहने वाले हैं। उनका बचपन वहीं गुज़रा। तुम्हारी नानी तुम्हारे नाना से 3 साल छोटी हैं। जब वो दोनों अपनी जवानी के उस पड़ाव पे थे। वहाँ इंसान को खाना नहीं बल्की कुछ और चाहिए होता है।
तुम्हारे नाना से तुम्हारी नानी बेपनाह प्यार करती थी। वो शादी करना चाहती थी पर उनके घर वाले इस चीज़ के लिये कभी राजी नहीं होते, बल्की अगर उनको इन दोनों के प्यार के बारें में पता चलता तो वो इन दोनों को जान से मार देते।
अमन-क्यूँ? `
रजिया-क्योंकी तुम्हारे नाना और नानी दोनों सगे भाई-बहन हैं।
अमन-क्याअ?
रजिया-हाँ अमन, वो दोनों सगे भाई-बहन है। उन दोनों ने अपने प्यार को अंजाम तक पहुँचाने के लिये कश्मीर छोड़ दिया और भागकर यहाँ आ गये। यहाँ उन्होंने शादी की और शादी के एक साल बाद मैं पैदा हुई-इनके प्यार की निशानी।
ये राज मुझे जिंदगी भर पता नहीं चलता। एक दिन मेरी तबीयत बहुत खराब थी, इसीलिये मैं तुम्हारे नाना और नानी के रूम में ही सो गई। उस वक्त मेरी उमर **** साल थी। पर मुझे सेक्स के बारें में काफी पता था। उस रात अचानक मेरी आँख खुल गई। मैंने वो सुना और देखा, वो देखकर मेरा जिस्म मानो जैसे पत्थर सा हो गया।
मेरी अम्मी अब्बू के नीचे पूरी नंगी सोई हुई थी और तुम्हारे नाना जान उनकी ले रहे थे। मैं अपनी आँखें बंद करके सोना चाहती थी। पर एक शब्द ने मेरी आँखों से नींद उड़ा दी। तुम्हारे नाना अम्मी को पेलते वक्त नाम से पुकार रहे थे और मेरी अम्मी अब्बू को भाईजान कहकर चिल्ला रही थीं।
वो जोर से चिल्ला रही थीं-“भाईजान, मेरे भाईजान मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ मुझे ऐसे ही प्यार करते रहो भाईजान…” ये वो शब्द थे वो मियां-बीवी के बीच नहीं होते।
कुछ महीने के बाद जब मैं उनके रूम के सामने से पानी पीने के लिये गुजरी, तब भी मैंने यही शब्द सुने। जब मैं 18 साल की हुई तो मेरा जिस्म बहुत भर सा गया था, कश्मीरी खून जो था। मैंने एक दिन हिम्मत करके अम्मी से पूछ लिया की अब्बू आपके भाई हैं न?
उन्होंने पहले मना किया पर मेरे दबाओ डालने पे उन्होंने सब कुछ बता दिया।
मैं कभी अपने अब्बू के साथ सोने का सोच भी नहीं सकती थी, पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुझे बुखार आ गया था और पूरा जिस्म बर्फ की तरह ठंडा पड़ गया था। मैं ठंड से काँप रही थी। अब्बू ने डाक्टर को बुलाया तो उसने कहा कि मुझे गर्म रखो, वरना मैं नहीं बच पाऊँगी।
अम्मी ने डाक्टर के जाने के बाद रूम का दरवाजा बंद किए और अब्बू और अम्मी ने अपने सारे कपड़े उतारकर और फिर मेरे कपड़े उतारकर मुझे आगे पीछे से जकड लिया।
रजिया और रेहाना अमन के पास पैरों में बैठ जाती हैं। रजिया कहती है-“अमन, मैं जानती हूँ कि तुम इस वक्त किस दौर से गुजर रहे हो। हाँ… मैंने बहुत बड़ी गलती की वो तुमसे ये राज छुपाया कि तुम ख़ान की औलाद नहीं… बल्की अपने नाना की औलाद हो?
अमन-“चुप कर और निकल जा मेरे रूम से…”
रेहाना-“अमन, एक बार… बस एक बार बाजी की बात सुन लो। उसके बाद तुम वो कहोगे हम वो मानेगी। तुम हमें घर से जाने के लिये कहोगे तो हम चली जाएंगी। बस एक बार हमारी बात सुन लो…”
अमन-“बोल… क्या कहना है तुम्हें अपनी सफाई में?”
रजिया वो अपन चेहरा नीचे झुकाये बैठी थी वो अमन के चेहरे को देखने लगती है। और अपनी बात शुरू करती है-“अमन, आज मैं वो तुमसे कहने जा रही हूँ, वो राज सिर्फ़ मैं जानती हूँ…”
तुम्हारे नाना और नानी कश्मीर के रहने वाले हैं। उनका बचपन वहीं गुज़रा। तुम्हारी नानी तुम्हारे नाना से 3 साल छोटी हैं। जब वो दोनों अपनी जवानी के उस पड़ाव पे थे। वहाँ इंसान को खाना नहीं बल्की कुछ और चाहिए होता है।
तुम्हारे नाना से तुम्हारी नानी बेपनाह प्यार करती थी। वो शादी करना चाहती थी पर उनके घर वाले इस चीज़ के लिये कभी राजी नहीं होते, बल्की अगर उनको इन दोनों के प्यार के बारें में पता चलता तो वो इन दोनों को जान से मार देते।
अमन-क्यूँ? `
रजिया-क्योंकी तुम्हारे नाना और नानी दोनों सगे भाई-बहन हैं।
अमन-क्याअ?
रजिया-हाँ अमन, वो दोनों सगे भाई-बहन है। उन दोनों ने अपने प्यार को अंजाम तक पहुँचाने के लिये कश्मीर छोड़ दिया और भागकर यहाँ आ गये। यहाँ उन्होंने शादी की और शादी के एक साल बाद मैं पैदा हुई-इनके प्यार की निशानी।
ये राज मुझे जिंदगी भर पता नहीं चलता। एक दिन मेरी तबीयत बहुत खराब थी, इसीलिये मैं तुम्हारे नाना और नानी के रूम में ही सो गई। उस वक्त मेरी उमर **** साल थी। पर मुझे सेक्स के बारें में काफी पता था। उस रात अचानक मेरी आँख खुल गई। मैंने वो सुना और देखा, वो देखकर मेरा जिस्म मानो जैसे पत्थर सा हो गया।
मेरी अम्मी अब्बू के नीचे पूरी नंगी सोई हुई थी और तुम्हारे नाना जान उनकी ले रहे थे। मैं अपनी आँखें बंद करके सोना चाहती थी। पर एक शब्द ने मेरी आँखों से नींद उड़ा दी। तुम्हारे नाना अम्मी को पेलते वक्त नाम से पुकार रहे थे और मेरी अम्मी अब्बू को भाईजान कहकर चिल्ला रही थीं।
वो जोर से चिल्ला रही थीं-“भाईजान, मेरे भाईजान मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ मुझे ऐसे ही प्यार करते रहो भाईजान…” ये वो शब्द थे वो मियां-बीवी के बीच नहीं होते।
कुछ महीने के बाद जब मैं उनके रूम के सामने से पानी पीने के लिये गुजरी, तब भी मैंने यही शब्द सुने। जब मैं 18 साल की हुई तो मेरा जिस्म बहुत भर सा गया था, कश्मीरी खून जो था। मैंने एक दिन हिम्मत करके अम्मी से पूछ लिया की अब्बू आपके भाई हैं न?
उन्होंने पहले मना किया पर मेरे दबाओ डालने पे उन्होंने सब कुछ बता दिया।
मैं कभी अपने अब्बू के साथ सोने का सोच भी नहीं सकती थी, पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मुझे बुखार आ गया था और पूरा जिस्म बर्फ की तरह ठंडा पड़ गया था। मैं ठंड से काँप रही थी। अब्बू ने डाक्टर को बुलाया तो उसने कहा कि मुझे गर्म रखो, वरना मैं नहीं बच पाऊँगी।
अम्मी ने डाक्टर के जाने के बाद रूम का दरवाजा बंद किए और अब्बू और अम्मी ने अपने सारे कपड़े उतारकर और फिर मेरे कपड़े उतारकर मुझे आगे पीछे से जकड लिया।