desiaks
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मेरे मुख से अनायास ही ‘हाय ढिल्लों, हाय मेरी माँ, धुन्नी तक जाता है, मेरी माँ, हाये!’ की अलग अलग तरह की आवाज़ें निकल रही थीं। इन तीक्ष्ण तेज़ घस्से मारने के बाद ढिल्लों रुका और बोला- काले, डाल इसकी गांड में भी लौड़ा, बड़ी करारी औरत है साली।
यह सुनकर काला मेरे पीछे आया और उसने अपना काला भुजंग लौड़ा मेरी गांड में जड़ तक पेल दिया।
इसके बाद वो खड़े खड़े ही मुझ शराबी को हब्शियों की तरह चोदने लगे। मेरे मुंह से तरह तरह की बकवास निकलने लगी- मर गयी, फट गई, हूँ हूँ हूँ … एक साथ दो मां … हाये मेरी मां हो हो हो।
दोस्तो, मैं इसी तरह की पता नहीं क्या क्या बकवास लगातार ऊंची आवाज में करती चली गई। दोनों छेदों में चुदने के दौरान मुझे अपना निचला हिस्सा पूरी तरह भरा भरा लग रहा था और मुझे अब कोई कमी महसूस नहीं हो रही थी।
दरसअल इतनी घनघोर चुदाई कोई भी औरत सिर्फ मेरी तरह डबल डबल नशे करके ही करवा सकती है, नहीं तो कोई भी औरत बेहोश हो सकती है। चुदने के दौरान मेरी चूत और गांड से ‘पुच्च … पुच्च …’ की बहुत ही तेज़ आवाज़ें निकल रहीं थीं।
कुछ देर बाद मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मैं हवा में उड़ने लगी और मैंने ढिल्लों के मुंह को अपने मुंह में भर लिया और उसे पीने लगी।
दोस्तो, इसी तरह मैं पता नहीं कितनी देर ताड़ ताड़ करके चुदती रही। आखिर मेरे मज़े का बांध एक बार फिर टूट गया और मेरा फिर काम हो गया, लेकिन इस बार बहुत ही मामूली सा काम रस फुद्दी से निकला था। उन दोनों ने शाम से मुझे पूरी तरह निचोड़ दिया था। मेरे काम होने के वो दोनों हांफते हुए मुझे अपनी पूरी ताकत इकठ्ठी करके चोदने लगे।
ढिल्लों के सांस में सांस ही नहीं आ रही थी क्योंकि मेरा लगभग सारा भार उसकी बांहों में था। उसने काले को रुकने के लिए कहा। काला गांड में जड़ तक लौड़ा पेल कर रुक गया और ढिल्लों मुझे अंधाधुंध चोदने लगा जब तक उसका काम नहीं हो गया।
जब ढिल्लों ने उसे पूरी तरह हांफते हुए देखा तो उसने कहा- रुक जा अब, निकालना मत।
यह कहकर काले ने मेरे दोनों चूतड़ों का भार अपने हाथों में ले लिया और बुरी तरह जोश में आकर मेरी गांड की ऐसी तैसी करने लग गया।
कुछ देर बाद ही उसका सारा मेरी गांड में था। उन दोनों के झड़ने के बाद मेरी जान में जान आयी। जब उन्होंने मुझे नीचे उतारा तो काले का ढेर सारा गाढ़ा वीर्य मेरी गांड से बाहर रिस कर, मेरी टाँगों तक गया।
पीछे हाथ लगा कर देखा तो गांड का मुंह बुरी तरह से खुला था। मैंने ज़ोर लगा कर उसे बंद करने की कोशिश भी की ताकि वीर्य बाहर निकलना बंद हो जाये, लेकिन गांड थी कि पूरी तरह बंद नहीं हुई।
मैं बाथरूम में जाने लगी तो मुझे चक्कर से आ गया, टाँगें बुरी तरह कांप गयीं और उन्होंने मेरे जिस्म का भार उठाने से मना कर दिया, मैं धड़ाम करके फर्श पर गिर गयी। मेरा सारा जिस्म नशे और हैवानी पंजाबी चुदाई से कांप रहा था।
यह देख कर काला आया और उसने नैपकिन से मेरी चूत और गांड पोंछते हुए कहा- तुझे चलने के लिए किसने कहा था, बेड पर लेट जाती, पता भी है किस तरह से चुदी है।
यह कहकर उसने मुझे अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर जाकर लेटा दिया।
दोनों ने मेरे जिस्म को चेक किया कि कोई चोट तो नहीं आयी लेकिन घुटनों पर कुछ खरोंचों के बिना मुझे कुछ नहीं हुआ था और मैं ठीक थी।
इसके बाद दोनों मेरे गिर्द मेरी तरह नंगे ही लेट गए।
पंजाबी गांड चूत चुदाई कहानी जारी रहेगी.
यह सुनकर काला मेरे पीछे आया और उसने अपना काला भुजंग लौड़ा मेरी गांड में जड़ तक पेल दिया।
इसके बाद वो खड़े खड़े ही मुझ शराबी को हब्शियों की तरह चोदने लगे। मेरे मुंह से तरह तरह की बकवास निकलने लगी- मर गयी, फट गई, हूँ हूँ हूँ … एक साथ दो मां … हाये मेरी मां हो हो हो।
दोस्तो, मैं इसी तरह की पता नहीं क्या क्या बकवास लगातार ऊंची आवाज में करती चली गई। दोनों छेदों में चुदने के दौरान मुझे अपना निचला हिस्सा पूरी तरह भरा भरा लग रहा था और मुझे अब कोई कमी महसूस नहीं हो रही थी।
दरसअल इतनी घनघोर चुदाई कोई भी औरत सिर्फ मेरी तरह डबल डबल नशे करके ही करवा सकती है, नहीं तो कोई भी औरत बेहोश हो सकती है। चुदने के दौरान मेरी चूत और गांड से ‘पुच्च … पुच्च …’ की बहुत ही तेज़ आवाज़ें निकल रहीं थीं।
कुछ देर बाद मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मैं हवा में उड़ने लगी और मैंने ढिल्लों के मुंह को अपने मुंह में भर लिया और उसे पीने लगी।
दोस्तो, इसी तरह मैं पता नहीं कितनी देर ताड़ ताड़ करके चुदती रही। आखिर मेरे मज़े का बांध एक बार फिर टूट गया और मेरा फिर काम हो गया, लेकिन इस बार बहुत ही मामूली सा काम रस फुद्दी से निकला था। उन दोनों ने शाम से मुझे पूरी तरह निचोड़ दिया था। मेरे काम होने के वो दोनों हांफते हुए मुझे अपनी पूरी ताकत इकठ्ठी करके चोदने लगे।
ढिल्लों के सांस में सांस ही नहीं आ रही थी क्योंकि मेरा लगभग सारा भार उसकी बांहों में था। उसने काले को रुकने के लिए कहा। काला गांड में जड़ तक लौड़ा पेल कर रुक गया और ढिल्लों मुझे अंधाधुंध चोदने लगा जब तक उसका काम नहीं हो गया।
जब ढिल्लों ने उसे पूरी तरह हांफते हुए देखा तो उसने कहा- रुक जा अब, निकालना मत।
यह कहकर काले ने मेरे दोनों चूतड़ों का भार अपने हाथों में ले लिया और बुरी तरह जोश में आकर मेरी गांड की ऐसी तैसी करने लग गया।
कुछ देर बाद ही उसका सारा मेरी गांड में था। उन दोनों के झड़ने के बाद मेरी जान में जान आयी। जब उन्होंने मुझे नीचे उतारा तो काले का ढेर सारा गाढ़ा वीर्य मेरी गांड से बाहर रिस कर, मेरी टाँगों तक गया।
पीछे हाथ लगा कर देखा तो गांड का मुंह बुरी तरह से खुला था। मैंने ज़ोर लगा कर उसे बंद करने की कोशिश भी की ताकि वीर्य बाहर निकलना बंद हो जाये, लेकिन गांड थी कि पूरी तरह बंद नहीं हुई।
मैं बाथरूम में जाने लगी तो मुझे चक्कर से आ गया, टाँगें बुरी तरह कांप गयीं और उन्होंने मेरे जिस्म का भार उठाने से मना कर दिया, मैं धड़ाम करके फर्श पर गिर गयी। मेरा सारा जिस्म नशे और हैवानी पंजाबी चुदाई से कांप रहा था।
यह देख कर काला आया और उसने नैपकिन से मेरी चूत और गांड पोंछते हुए कहा- तुझे चलने के लिए किसने कहा था, बेड पर लेट जाती, पता भी है किस तरह से चुदी है।
यह कहकर उसने मुझे अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर जाकर लेटा दिया।
दोनों ने मेरे जिस्म को चेक किया कि कोई चोट तो नहीं आयी लेकिन घुटनों पर कुछ खरोंचों के बिना मुझे कुछ नहीं हुआ था और मैं ठीक थी।
इसके बाद दोनों मेरे गिर्द मेरी तरह नंगे ही लेट गए।
पंजाबी गांड चूत चुदाई कहानी जारी रहेगी.