- Joined
- Dec 5, 2013
- Messages
- 11,369
कर्नल और रेणुका के जाने के बाद रोते रोते दिव्या सोफे पर ही सो जाती है. सुबह उसको उठने में काफी देर हो जाती है तो वो जल्दी जल्दी तैयार होकर स्कूल पहुँचती है. स्कूल पहुँचते ही उसको मदन अपने ऑफिस में बुला लेता है.
दिव्या: सॉरी सर, आज थोडा लेट हो गयी.
दिव्या को देखकर मदन का लंड खड़ा हो जाता है लेकिन फिर उसको वो थप्पड़ याद आ जाता है और वो अपने पर कण्ट्रोल करके कहता है.
मदन: मैंने तो आपको इसलिए बुलाया था की रश्मि मैडम ने भी पेपर दे दिया है लेकिन मैंने आपसे कहा था की आपके सब्जेक्ट के फाइनल पेपर आपको ही देने होंगे वो अभी तक नहीं आये है. आज तो पेपर्स प्रिंटिंग के लिए भेजने है वरना समय पर नहीं मिलेंगे.
दिव्या: सर वो लगभग रेडी हैं. मैं एक बार और देख कर आधे घंटे में आपको दे देती हूँ.
मदन: गुड. लेकिन मुझे कहीं जाना है तो आप ये स्पेयर चाभी ले लीजिये और पेपर्स मेरे कबर्ट में रख दीजियेगा. मैं शाम को आकर अपनी चाभी से पेपर्स निकाल लूँगा और प्रिंट के लिए भेज दूंगा. आप चाभी संभाल कर रखियेगा और मुझे कल वापस कर दीजियेगा.
दिव्या: ओके सर.
मदन चाभी देकर निकल जाता है और एक घंटे बाद दिव्या अपना फाइनल पेपर लाकर उसकी कबर्ट में रख देती है. अपना पेपर रखते वक़्त वो देखती है की बाकी सब्जेक्ट के फाइनल पेपर्स भी मदन ने वही रखे हैं. दिव्या फ़ौरन ऑफिस अन्दर से बंद करती है और जल्दी जल्दी सारे पेपर्स को अपने फोन से स्कैन कर लेती है.
वो सारे पेपर्स करीने से लगा कर वापस रख देती है और ताला लगा कर वहां से निकल जाती है. वो आज मन ही मन बहुत खुश थी कई दिनों बाद आज उसके साथ कुछ ठीक हुआ था और अब वो ये पेपर्स सलमान को देकर उससे अपना पीछा छुड़ा सकती थी.
दिव्या फ्री होकर लाइब्रेरी में चली जाती है और इंतज़ार करने लगती है की जब सारे लोग निकल जाएँ तो वो ये पेपर्स सलमान को देकर मुक्त हो जाए तभी वहां मनीष पहुँच जाता है. दिव्या उसे अपने पास आता देख कर रोक देती है.
मनीष: क्या हुआ मैम.
दिव्या: तुमको घर नहीं जाना क्या?
मनीष: मैम कल अचानक चली गयीं आप.
दिव्या: वो नेट डाउन हो गया था.
मनीष: फिर तो पनिशमेंट लेनी होगी.
दिव्या: देखो मनीष हमारे बीच जो है वो सिर्फ वर्चुअल दुनिया में है. रियल में कुछ नहीं है तो जो बात करनी है वहीँ करना.
मनीष: वो सब मैं नहीं जानता मैम. आप बस अपनी ब्रा मुझे दे दीजिये.
दिव्या: व्हाट?
मनीष: हाँ यही आपका पनिशमेंट है.
दिव्या: तुम फौरन चले जाओ वरना आज के बाद मैं कभी तुमसे बात नहीं करूंगी.
मनीष: ठीक है लेकिन प्रॉमिस कीजिये की रात को ऑनलाइन आएँगी वरना कल अपनी पहनी हुई ब्रा मुझे देंगी.
दिव्या: वो देखंगे फ़िलहाल तुम जाओ.

दिव्या: सॉरी सर, आज थोडा लेट हो गयी.
दिव्या को देखकर मदन का लंड खड़ा हो जाता है लेकिन फिर उसको वो थप्पड़ याद आ जाता है और वो अपने पर कण्ट्रोल करके कहता है.
मदन: मैंने तो आपको इसलिए बुलाया था की रश्मि मैडम ने भी पेपर दे दिया है लेकिन मैंने आपसे कहा था की आपके सब्जेक्ट के फाइनल पेपर आपको ही देने होंगे वो अभी तक नहीं आये है. आज तो पेपर्स प्रिंटिंग के लिए भेजने है वरना समय पर नहीं मिलेंगे.
दिव्या: सर वो लगभग रेडी हैं. मैं एक बार और देख कर आधे घंटे में आपको दे देती हूँ.
मदन: गुड. लेकिन मुझे कहीं जाना है तो आप ये स्पेयर चाभी ले लीजिये और पेपर्स मेरे कबर्ट में रख दीजियेगा. मैं शाम को आकर अपनी चाभी से पेपर्स निकाल लूँगा और प्रिंट के लिए भेज दूंगा. आप चाभी संभाल कर रखियेगा और मुझे कल वापस कर दीजियेगा.
दिव्या: ओके सर.
मदन चाभी देकर निकल जाता है और एक घंटे बाद दिव्या अपना फाइनल पेपर लाकर उसकी कबर्ट में रख देती है. अपना पेपर रखते वक़्त वो देखती है की बाकी सब्जेक्ट के फाइनल पेपर्स भी मदन ने वही रखे हैं. दिव्या फ़ौरन ऑफिस अन्दर से बंद करती है और जल्दी जल्दी सारे पेपर्स को अपने फोन से स्कैन कर लेती है.
वो सारे पेपर्स करीने से लगा कर वापस रख देती है और ताला लगा कर वहां से निकल जाती है. वो आज मन ही मन बहुत खुश थी कई दिनों बाद आज उसके साथ कुछ ठीक हुआ था और अब वो ये पेपर्स सलमान को देकर उससे अपना पीछा छुड़ा सकती थी.
दिव्या फ्री होकर लाइब्रेरी में चली जाती है और इंतज़ार करने लगती है की जब सारे लोग निकल जाएँ तो वो ये पेपर्स सलमान को देकर मुक्त हो जाए तभी वहां मनीष पहुँच जाता है. दिव्या उसे अपने पास आता देख कर रोक देती है.

मनीष: क्या हुआ मैम.
दिव्या: तुमको घर नहीं जाना क्या?
मनीष: मैम कल अचानक चली गयीं आप.
दिव्या: वो नेट डाउन हो गया था.
मनीष: फिर तो पनिशमेंट लेनी होगी.
दिव्या: देखो मनीष हमारे बीच जो है वो सिर्फ वर्चुअल दुनिया में है. रियल में कुछ नहीं है तो जो बात करनी है वहीँ करना.
मनीष: वो सब मैं नहीं जानता मैम. आप बस अपनी ब्रा मुझे दे दीजिये.
दिव्या: व्हाट?
मनीष: हाँ यही आपका पनिशमेंट है.
दिव्या: तुम फौरन चले जाओ वरना आज के बाद मैं कभी तुमसे बात नहीं करूंगी.
मनीष: ठीक है लेकिन प्रॉमिस कीजिये की रात को ऑनलाइन आएँगी वरना कल अपनी पहनी हुई ब्रा मुझे देंगी.
दिव्या: वो देखंगे फ़िलहाल तुम जाओ.