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वो मन से सलमान के लंड का ख्याल निकाल कर राजेश का लंड हिलाना शुरू करती है. राजेश को लगता है की वो ऐसे ही झड जायेगा तो वो दिव्या को अपने नीचे ले आता है और उसके बदन को चूमते हुए नीचे जाने लगता है.

दिव्या अपनी टाँगे इस आस में फैला देती है की आज शायद राजेश उसकी चूत चाट लेगा. वो अपने हाथ राजेश के बाल में डाल कर उसे अपनी चूत की तरफ धकेलती है लेकिन राजेश उसकी नाभि चूम कर वापस उपर बढ़ने लगता है. दिव्या राजेश से खुल कर अपनी चूत चाटने को नही कह पाती.

राजेश दिव्या की गर्दन पर किस करता हुआ अपना हाथ दिव्या की साड़ी में डाल कर उसकी चूत सहलाने लगता है. दिव्या सिसकिया भरने लगती है. राजेश दिव्या का पेटीकोट ऊपर करके अपना लंड दिव्या की चूत में डाल देता है.
आज दिव्या को सलमान और राजेश के लंड के बीच का अंतर अच्छी तरह समझ आ जाता है. सलमान का लंड दिव्या की चूत की जिन गहराईयों में उतर जाता था राजेश का उन जगहों को छू भी नहीं पाता. दिव्या अपने मन में चल रही इस तुलना को रोकने की बहुत कोशिश करती है लेकिन वो नाकाम रहती है. उसे बार बार लगता है की जो मजा सलमान देता है वो राजेश के साथ नहीं आ रहा.
अचानक राजेश बहुत तेज़ झटके मारने लगता है और अपना लंड जड़ तक दिव्या की चूत में डालने की कोशिश करता है. दिव्या को अब थोडा मजा आना शुरू होता है लेकिन तभी राजेश अपना रस दिव्या की चूत में छोड़ देता है.
राजेश रुक जाता है तो दिव्या अपने चूतड़ उठा कर लंड अन्दर बाहर करने की कोशिश करती है लेकिन तब तक राजेश का लंड ढीला पड़ जाता है. राजेश दिव्या के ऊपर से हट कर उसके बगल में लेट जाता है.
दिव्या की प्यास अधूरी रह जाती है.