desiaks
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मिली को तो इस लंड की आदत थी इसलिए उसका न चौकना स्वाभाविक था और न ही वो पहली बार सहाय की पतलून उतार रही थी | फिर भी चुदाई और सेक्स का हर एक अनुभव अपने आप में अलग होता है | मिली सहाय का तना लंड देख उत्तेजना और खुसी से भर गयी | उसने झट से सहाय के लंड को अपनी नाजुक हथेली से थाम लिया | सहाय का लंड इतना मोटा था कि बमुश्किल उसकी हथेली में समां पा रहा था | उसने सहाय को लंड को पांच छह बार मुठियाया, और अपने गुलाबी रस भरे ओठो से उसका फूला सुपाडा मुहँ में जकड़ लिया | सहाय के लंड के सुपाडे से जब मिली की गीली जीभ टकराई तो उसने ने एक लम्बी आह भरी | मिली ने अपना सर हिलाते हुए किसी लोलीपोप की तरह लंड को अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | अपने रसीले ओंठो को सख्त जकड़न से उसके लंड पर स्ट्रोक लगाने लगी | उसका एक हाथ लंड पर फिसल रहा था और दूसरा हाथ उसकी गोटियों से खेल रहा था | मिली एक हाथ से सहाय के लंड को मसलते हुए अपने रसीले होंठो से चूस चूस कर उसे अपने मुहँ में ले रही थी | मिली के रस टपकाते ओंठो की लाल लिपस्टिक सहाय के लंड पर फ़ैल गयी थी |
मिली सहाय के लंड पर अपने रसीले ओंठो को सरपट दौड़ा रही थी | कभी कभी बीच में उसके लंड को मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को टॉफी की तरह चूसने लगती | कभी उसके सुपाडे पर अपनी गीली जीभ गोल गोल घुमाने लगती | अपने सर को हिलाकर लंड को मुहँ में ले रही थी | जब वो लंड को अपने सख्त ओंठो की जकड़न से रगड़ते हुए मुहँ के अन्दर ले जाती, और जब वो उसी तरह से लंड को ओंठो से रगड़ते हुए बाहर की तरफ लाती, तो साथ ही साथ उसका एक हाथ भी लंड पर उसी लय में फिसलता | जब सहाय का आग में तपता जलता लंड, मिली के नाजुक रसीले ओंठो की जकड़न में रगड़ता मसलता उसके मुहँ की गीली सुरंग में जाता और वहां रस भरी जीभ उसे अपनी गीली लार से नहला देती, तो सहाय के आनंद की सीमा नहीं रहती | सहाय ने उत्तेजना और आनंद से अपनी आंखे बंद कर ली थी और वो मिली द्वारा लंड चुसे जाने से मिलने वाले परमानन्द में डूबा हुआ था | बीच बीच में मिली उसके लंड को दोनों हथेलियों में भरकर मुठीयाने लगती और सहाय के रिएक्शन के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगती | मिली का चेहरा लार से सान गया था | वो सहाय के लंड को हाथ से मुठिया रही थी मुहँ में भर कर उसे चूस रही थी |
सहाय भी उत्तेजना से भर गया था | वो भी मिली के मुहँ से लगाते स्ट्रोक्स के साथ ही अपनी कमर हिलाने लगा | मिली उसके लंड को मुहँ से निकालकर दोनों हाथो से मुठीयाने लगी, उसके लंड का निचला हिस्सा चटाने लगी | उसकी गोलियां मुहँ से भरने लगी | उसके लंड पर उसने ढेर सारी लार उड़ेली और दोनों हाथो से उसके गरम तपते खड़े लंड पर ठंडी लार की लिसलिसी मालिश करने लगी | उसने गप्प से मुहँ में लंड लेकर फिर स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय भी कमर हिलाकर उसके मुहँ में लंड ठेलने लगा | मिली ने लंड पर से हाथ हटा लिया और अपने ओंठ चौड़े कर दिए ताकि सहाय आराम से उसके मुहँ को चोद सके | मिली के मुहँ से लार निकल निकल कर उसकी ठोड़ी से होती हुई उसके सीने को भिगो रही थी | थोड़ी देर कमर हिलाने के बाद सहाय थम गया, मिली ने फिर से लंड को थमते हुए उस पर ढेर लार लगा दी, और उसके लंड की लार से मालिश करने लगी, फिर मुहँ में लेकर सर हिलाकर हिलाकर उस पर अपने नरम ओंठो का स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय से अब बर्दाश्त नहो हो रहा था | मिली काफी देर से उसका लंड चूस रही थी और उसका लंड भी पत्थर की तरह कठोर हो गया था | उसका बदन पूरी तरह उत्तेजना से भरा हुआ था, उसकी सांसे भी तेज थी, अब उसे चूत की दरकार होने लगी थी |
उसने मिली की गर्दन थाम उसे उठाया और उसके लार से सने ओंठो को बुरी तरह चूमने लगा | वो भी सहाय का पूरा साथ देने लगी | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसल दिया , जिससे वो चिहुंक उठी लेकिन उसकी आवाज उसके मुहँ में ही घुट गयी क्योंकि सहाय उसके ओंठो को बुरी तरह चूम रहा था | उसने एक हाथ से उसके चूत दाने को बुरी तरह से रगड़ने लगा, ताकि ठन्डे हो गए उसके शरीर में थोड़ी गर्मी आ जाये और उसकी चूत में गीली हो जाये | सहाय बिना रुके कुछ देर तक उसके चूत दाने को बेदर्दी से मसलता रहा और उसके रसीले ओंठो का रसपान करता रहा | चूत दाने पर हो रहे भीषण मर्दन से मिली फद्फड़ाने लगी | सहाय के ओंठो से अपने ओंठ अलग करते हुए - आआआह अब सर मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अपना मुसल लंड घुसा ही दीजिये मेरी गीली चूत में, जमकर चोद दीजिये, चूत में बहुत पनिया रही है |
सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा |
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |
सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |
मिली सहाय के लंड पर अपने रसीले ओंठो को सरपट दौड़ा रही थी | कभी कभी बीच में उसके लंड को मुहँ में भरकर उसके सुपाडे को टॉफी की तरह चूसने लगती | कभी उसके सुपाडे पर अपनी गीली जीभ गोल गोल घुमाने लगती | अपने सर को हिलाकर लंड को मुहँ में ले रही थी | जब वो लंड को अपने सख्त ओंठो की जकड़न से रगड़ते हुए मुहँ के अन्दर ले जाती, और जब वो उसी तरह से लंड को ओंठो से रगड़ते हुए बाहर की तरफ लाती, तो साथ ही साथ उसका एक हाथ भी लंड पर उसी लय में फिसलता | जब सहाय का आग में तपता जलता लंड, मिली के नाजुक रसीले ओंठो की जकड़न में रगड़ता मसलता उसके मुहँ की गीली सुरंग में जाता और वहां रस भरी जीभ उसे अपनी गीली लार से नहला देती, तो सहाय के आनंद की सीमा नहीं रहती | सहाय ने उत्तेजना और आनंद से अपनी आंखे बंद कर ली थी और वो मिली द्वारा लंड चुसे जाने से मिलने वाले परमानन्द में डूबा हुआ था | बीच बीच में मिली उसके लंड को दोनों हथेलियों में भरकर मुठीयाने लगती और सहाय के रिएक्शन के लिए उसके चेहरे की तरफ देखने लगती | मिली का चेहरा लार से सान गया था | वो सहाय के लंड को हाथ से मुठिया रही थी मुहँ में भर कर उसे चूस रही थी |
सहाय भी उत्तेजना से भर गया था | वो भी मिली के मुहँ से लगाते स्ट्रोक्स के साथ ही अपनी कमर हिलाने लगा | मिली उसके लंड को मुहँ से निकालकर दोनों हाथो से मुठीयाने लगी, उसके लंड का निचला हिस्सा चटाने लगी | उसकी गोलियां मुहँ से भरने लगी | उसके लंड पर उसने ढेर सारी लार उड़ेली और दोनों हाथो से उसके गरम तपते खड़े लंड पर ठंडी लार की लिसलिसी मालिश करने लगी | उसने गप्प से मुहँ में लंड लेकर फिर स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय भी कमर हिलाकर उसके मुहँ में लंड ठेलने लगा | मिली ने लंड पर से हाथ हटा लिया और अपने ओंठ चौड़े कर दिए ताकि सहाय आराम से उसके मुहँ को चोद सके | मिली के मुहँ से लार निकल निकल कर उसकी ठोड़ी से होती हुई उसके सीने को भिगो रही थी | थोड़ी देर कमर हिलाने के बाद सहाय थम गया, मिली ने फिर से लंड को थमते हुए उस पर ढेर लार लगा दी, और उसके लंड की लार से मालिश करने लगी, फिर मुहँ में लेकर सर हिलाकर हिलाकर उस पर अपने नरम ओंठो का स्ट्रोक लगाने लगी | सहाय से अब बर्दाश्त नहो हो रहा था | मिली काफी देर से उसका लंड चूस रही थी और उसका लंड भी पत्थर की तरह कठोर हो गया था | उसका बदन पूरी तरह उत्तेजना से भरा हुआ था, उसकी सांसे भी तेज थी, अब उसे चूत की दरकार होने लगी थी |
उसने मिली की गर्दन थाम उसे उठाया और उसके लार से सने ओंठो को बुरी तरह चूमने लगा | वो भी सहाय का पूरा साथ देने लगी | सहाय ने उसके उरोजो को कसकर मसल दिया , जिससे वो चिहुंक उठी लेकिन उसकी आवाज उसके मुहँ में ही घुट गयी क्योंकि सहाय उसके ओंठो को बुरी तरह चूम रहा था | उसने एक हाथ से उसके चूत दाने को बुरी तरह से रगड़ने लगा, ताकि ठन्डे हो गए उसके शरीर में थोड़ी गर्मी आ जाये और उसकी चूत में गीली हो जाये | सहाय बिना रुके कुछ देर तक उसके चूत दाने को बेदर्दी से मसलता रहा और उसके रसीले ओंठो का रसपान करता रहा | चूत दाने पर हो रहे भीषण मर्दन से मिली फद्फड़ाने लगी | सहाय के ओंठो से अपने ओंठ अलग करते हुए - आआआह अब सर मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अपना मुसल लंड घुसा ही दीजिये मेरी गीली चूत में, जमकर चोद दीजिये, चूत में बहुत पनिया रही है |
सहाय - हाँ साली रंडी की जनी, तुझे ही चोदने जा रहा हूँ, साली तूने भी तो चूस चूस के मेरी गांड फाड़ रखी थी, अब इस लंड को लोहे की राड की सख्त बना दिया है अब इसे तेरी चूत की भठ्ठी की आग ही पिघला कर नरम करेगी | जब तक तक ये लोगे जैसा सख्त लंड नरम नहीं होता तेरी चूत में की भट्ठी को चोद चोदकर उसमे हवा भरता रहूँगा और तेरी गुलाबी गरम चूत की भट्ठी की आग बढाता रहूँगा |
मिली कामवासना की उत्तेजना से बडबडाती - ओह्ह्ह्ह्ह्ह सरररर अब लंड घुस ही दो इस मुई चूत में, देखो कैसे फड़क रही है लंड लेने को |
सहाय - हाँ साली कुतिया, पता है तू बहुत गरम हो चुकी है इस वक्त, बस तेरी ही चूत फाड़ने जा रहा हूँ |
मिली - सर थोड़ा आराम से करना, आप एक बार चूत में लंड घुसाने के बाद कोई रहम नहीं दिखाते हो |
सहाय - साली चूत भी चुदवायेगी रंडियों की तरह और कहती है आराम से करना, एक बार चूत में घुसने तो दे फिर देख तेरी कैसी चीखे निकलता हूँ | साला लंड चूस चूस के मेरी गांड ही फाड़ दी | बिलकुल रंडियों की तरह चूसा है लंड तूने , तो अब रंडियों से भी बुरी तरह से चोदुंगा तुझे हरामजादी | तेरी चूत के चीथड़े न उड़ा दिए तो मै भी तेरा चूत खोर बॉस नहीं | साला कह रही है बहुत फड़क रही है, अभी फाड़ता हो तेरी फडकती चूत |
मिली - हाँ सर बहुत फड़क रही है |
सहाय - साली कुतिया, उसके चुताड़ो पर एक जोरदार चमाट मारते हुए, साली अभी देख कसी तेरी नाजुक चूत को चीर के भोसड़ा बनाता हूँ |