desiaks
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मैंने अपने बिखरे कपडे उठाये और वो मुझे दूसरे कमरे में ले आया जहा, मैंने सुबह कपडे चेंज किये थे। आते वक़्त उसने उन लोगो को बैडरूम में बाहर से बंद कर दिया था।
अपने भाई के साथ करने का बहुत दुःख था मगर ग्रुप सेक्स का मजा लेने की ख़ुशी भी थी। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपडे पहने और पहले जिस तरह आयी थी वैसे तैयार हो गयी।
तैयार होते होते मैं संजू को बहुत भला बुरा सुनाये जा रही थी, कि उसकी वजह से मुझे अपने भाई के साथ सोना पड़ा।
मेरे तैयार होते ही संजू हँसते हुए बोला “चिंता मत कर वो तेरा भाई अमित नहीं, ये बस डील डोल में तुम्हारे भाई जैसा दीखता हैं। इसका नाम कुछ ओर हैं, और इस घर का मालिक हैं। इसकी बीवी कुछ दिन के लिए बाहर गयी हुई हैं इसलिए हम यहाँ हैं, वरना हम किसी होटल में जाते।”
मैं संजू की तरफ आश्चर्य से देख रही थी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था। अमित के कपडे वो नहीं थे जो सुबह भाई पहन कर गया था और आवाज में भी थोड़ा अंतर था।
जब मुझे अहसास हुआ उसने क्या बोला हैं, तो मैं ख़ुशी के मारे कूद कर उसकी गोद में उछल बैठ गयी और उसने भी मुझे लपक लिया।
मैंने उसको टाइट हग किया और फिर उसके होठों को अपने होठों में दबा एक थैंक यू किस भी किया।
उसने कहाँ “कभी कभी मजा दुगुना करने के लिए और उत्तेजना बढ़ाने के लिए झूठ भी बोलना पड़ता हैं। अब देखो तुम्हारी भाभी क्या इतने ज्यादा मजे ले पाती। कल रात को ही वो बोल रही थी कि उसको अपने पति के सामने कभी चुदवाने का बहुत मन हैं, तो मैंने नकली में ही सही उसकी इच्छा पूरी कर दी”।
उसने कहना जारी रखा “इस सब चक्कर में तुम पीस गयी पर उन दोनों आदमियों को तुम्हारे नखरो की वजह से मजा आ गया” ।
मैं उसकी गोद से उतरी, मेरे ऊपर से गुनाह का बोझ उतर गया था। मैंने उसको शिकायत की कि तुमने किसी भी ऐरे गेरे आदमी के साथ मुझे सुला दिया।
उसने कहा “मैंने तो तुम्हे बहुत बचाने की कोशिश की पर तुम हो ही इतनी सेक्सी कोई कण्ट्रोल कैसे करे। तुम्हारे लिए अपने भाई के साथ सोना बेटर था ये इस ऐरे गेरे के साथ? वैसे भी ये अच्छे घर का हैं, पहली बार अपनी बीवी के अलावा किसी ओर के साथ कर रहा था”।
उसने मुझको बोला “ग्रुप सेक्स में ऐसा होता हैं कि अनजान लोगो के साथ भी करना पड़ता हैं। तुम अब यहाँ से बिंदास निकलो तुमको अभी तक किसी ने पहचाना नहीं हैं।”
हम दोनों कमरे से बाहर निकले, बैडरूम के सामने से निकलते हुए अंदर से भाभी के चीखने चिल्लाने की आवाजे आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हँसे।
संजू बोला “आज तुम्हारी भाभी की हम लोग मिलकर अच्छे से लेंगे।”
मैं घर से बाहर आ कर रिक्शा पकड़ अपने घर की तरफ निकल पड़ी। पुरे रास्ते मैं ये ही सोचती रही कि संजू ने जो पहले बोला था वो सच था या वो जो उसने आखिर में बोला।
घर पहुंचने के एक घंटे बाद भाभी भी थकी हारी लुकी पीटी घर पहुंची। उसके आधे घंटे बाद पति भी घर पहुंचे, उनमे थकान कम और संतुष्टि ज्यादा नजर आ रही थी।
शाम को भैया घर आये, हम तीनो ही चोरो की तरह उनसे अपना मुंह छुपाये फिर रहे थे। भैया हमेशा की तरह एक दम नार्मल बीहेव कर रहे थे। मुझे बिलकुल नहीं लगा कि दोपहर वाला अमित ये ही था।
हालांकि संजू चाहता तो मुझे और भाभी को एक्सपोज़ कर सकता था, पर जिस तरह मैं एक बुरी स्तिथि फंसी थी मैंने सोच लिया था कि मुझे संजू और इस तरह की परिस्थितियों से हमेशा दूर ही रहना हैं।
मैं ये आपके विवेक पर छोड़ती हूँ कि आपको क्या लगता हैं, संजू ने जो पहले कहा वो सच था या वो जो उसने बाद में कहा। मैंने उसके बाद वाले कथन को ही सच माना हैं।
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अपने भाई के साथ करने का बहुत दुःख था मगर ग्रुप सेक्स का मजा लेने की ख़ुशी भी थी। मैंने जल्दी जल्दी अपने कपडे पहने और पहले जिस तरह आयी थी वैसे तैयार हो गयी।
तैयार होते होते मैं संजू को बहुत भला बुरा सुनाये जा रही थी, कि उसकी वजह से मुझे अपने भाई के साथ सोना पड़ा।
मेरे तैयार होते ही संजू हँसते हुए बोला “चिंता मत कर वो तेरा भाई अमित नहीं, ये बस डील डोल में तुम्हारे भाई जैसा दीखता हैं। इसका नाम कुछ ओर हैं, और इस घर का मालिक हैं। इसकी बीवी कुछ दिन के लिए बाहर गयी हुई हैं इसलिए हम यहाँ हैं, वरना हम किसी होटल में जाते।”
मैं संजू की तरफ आश्चर्य से देख रही थी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था। अमित के कपडे वो नहीं थे जो सुबह भाई पहन कर गया था और आवाज में भी थोड़ा अंतर था।
जब मुझे अहसास हुआ उसने क्या बोला हैं, तो मैं ख़ुशी के मारे कूद कर उसकी गोद में उछल बैठ गयी और उसने भी मुझे लपक लिया।
मैंने उसको टाइट हग किया और फिर उसके होठों को अपने होठों में दबा एक थैंक यू किस भी किया।
उसने कहाँ “कभी कभी मजा दुगुना करने के लिए और उत्तेजना बढ़ाने के लिए झूठ भी बोलना पड़ता हैं। अब देखो तुम्हारी भाभी क्या इतने ज्यादा मजे ले पाती। कल रात को ही वो बोल रही थी कि उसको अपने पति के सामने कभी चुदवाने का बहुत मन हैं, तो मैंने नकली में ही सही उसकी इच्छा पूरी कर दी”।
उसने कहना जारी रखा “इस सब चक्कर में तुम पीस गयी पर उन दोनों आदमियों को तुम्हारे नखरो की वजह से मजा आ गया” ।
मैं उसकी गोद से उतरी, मेरे ऊपर से गुनाह का बोझ उतर गया था। मैंने उसको शिकायत की कि तुमने किसी भी ऐरे गेरे आदमी के साथ मुझे सुला दिया।
उसने कहा “मैंने तो तुम्हे बहुत बचाने की कोशिश की पर तुम हो ही इतनी सेक्सी कोई कण्ट्रोल कैसे करे। तुम्हारे लिए अपने भाई के साथ सोना बेटर था ये इस ऐरे गेरे के साथ? वैसे भी ये अच्छे घर का हैं, पहली बार अपनी बीवी के अलावा किसी ओर के साथ कर रहा था”।
उसने मुझको बोला “ग्रुप सेक्स में ऐसा होता हैं कि अनजान लोगो के साथ भी करना पड़ता हैं। तुम अब यहाँ से बिंदास निकलो तुमको अभी तक किसी ने पहचाना नहीं हैं।”
हम दोनों कमरे से बाहर निकले, बैडरूम के सामने से निकलते हुए अंदर से भाभी के चीखने चिल्लाने की आवाजे आ रही थी। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हँसे।
संजू बोला “आज तुम्हारी भाभी की हम लोग मिलकर अच्छे से लेंगे।”
मैं घर से बाहर आ कर रिक्शा पकड़ अपने घर की तरफ निकल पड़ी। पुरे रास्ते मैं ये ही सोचती रही कि संजू ने जो पहले बोला था वो सच था या वो जो उसने आखिर में बोला।
घर पहुंचने के एक घंटे बाद भाभी भी थकी हारी लुकी पीटी घर पहुंची। उसके आधे घंटे बाद पति भी घर पहुंचे, उनमे थकान कम और संतुष्टि ज्यादा नजर आ रही थी।
शाम को भैया घर आये, हम तीनो ही चोरो की तरह उनसे अपना मुंह छुपाये फिर रहे थे। भैया हमेशा की तरह एक दम नार्मल बीहेव कर रहे थे। मुझे बिलकुल नहीं लगा कि दोपहर वाला अमित ये ही था।
हालांकि संजू चाहता तो मुझे और भाभी को एक्सपोज़ कर सकता था, पर जिस तरह मैं एक बुरी स्तिथि फंसी थी मैंने सोच लिया था कि मुझे संजू और इस तरह की परिस्थितियों से हमेशा दूर ही रहना हैं।
मैं ये आपके विवेक पर छोड़ती हूँ कि आपको क्या लगता हैं, संजू ने जो पहले कहा वो सच था या वो जो उसने बाद में कहा। मैंने उसके बाद वाले कथन को ही सच माना हैं।
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