desiaks
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वसीम ने परी कोशिश की और फिर मूठ मारकर वीर्य को पैटी पे गिरा दिया और टांगकर रूम में चला गया। आज उसका मन तो नहीं था लेकिन इस चीज को वो छोड़ नहीं सकता था। शीतल की पेंटी बा पें वीर्य गिराना उसके प्लान का मुख हिस्सा है।
इधर शीतल अंदाजे से कम से निकली की अब बसीम लण्ड को पैंटी ब्रा पे रगड़ रहा होगा। वो आगे बढ़ने के लिए हुई लेकिन उसकी हिम्मत ही नहीं हुई। कल रात की ही तरह आज भी उसके पैर नहीं बढ़े। कल रात में और अभी में अंतर बस इतना था की कल शीतल एक सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाईधी और रूम में सोने चली गई थी। आज पहले दो सीढ़ी, फिर चार सौदी और फिर छत के दरवाजे तक जाकर शीतल रुक गई थी। उसके मन में उठा तूफान शांत ही नहीं हो रहा था, और फिर वो नीचे आ गई। शीतल बेचैन सी रही।
शीतल थोड़ी देर बाद हिम्मत करके उठी और सीधे धड़धड़ाते हए छत पे चली गई, लेकिन तब तक वसीम रगम में जा चुका था। शीतल अपनी पैटी ब्रा को उठाई और वहीं में उसे देखते हुए सूंघने लगी की अगर वसीम देख रहा हो तो उसकी हिम्मत उससे बात करने की हो जाए। शीतल पैटी को सूंघते हए वहीं पे वीर्य को चाटने लगी। उसकी हिम्मत ने जवाब दे दिया और वो नीचे आ गई, और अपनी पहनी हुई पैंटी को उतार दी और वसीम के बीर्य लगी पैटी को पहन ली। वो पैंटी के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी। वसीम का वीर्य उसकी चूत को भिगा रहा था और शीतल के हाथों में भी लग गया था, जिसे शीतल चाट ली।
शीतल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और- "आह्ह... वसीम। आप इतने शरीफ क्यों हैं? क्यों नहीं मुझे देखते, क्यों नहीं मुझसे बात करते? आपको क्या लगता है मैं गुस्सा करेंगी? बिल्कुल नहीं करेंगी। मैं तो आपकी मदद करना चाहती हैं। उफफ्फ... बसीम आपको लगता है की मेरे जैसी पढ़ी-लिखी शरीफ घर की औरत आप जैसे इतने बड़े उम्र के इंसान से दोस्ती क्यों करेंगी? ऐसा नहीं है वसीम अंकल। मैं चाहती हैं की आपसे बातें करी। अब आप ऐसे नहीं मानेंगे। अब मैं भी आपको मनाकर ही रहंगी। आप मुझे शरीफ समझते हैं इसलिए बात नहीं करते ना? तो अब में रंडियों की तरह बिहेव करगी आपके सामने। तब तो आप मानेंगे ना?" शीतल की चूत में पानी छोड़ दिया और वो निटाल होकर साफे में पड़ी रही।
वसीम ने शीतल को छत में आता देखकर और पैटी बा लें जाता हआ देखकर थोड़ी राहत की सांस ली। शीतल को अपना वीर्य सूंघता और चाटता हुआ देखकर वसीम के मुर्दा लण्ड में फिर से जान आ गई थी। लेकिन फिर भी उसने सोचा की अब जल्दी ही कुछ कर लेना चाहिए।
आज विकास को भी आफिस में मन नहीं लग रहा था। वो अपनी बीवी की हरकतों के बारे में सोच रहा था। उसे शीतल पे बहुत गुस्सा आ रहा था। कैसे शीतल वसीम को डिनर पे बुलाई और कैसे उसके लिए तैयार हुई? कैसे बो उसके सामने खुद को पेश कर रही थी? और कल रात तो बो रडियों की तरह बिहेव कर रही थी। मादरचोद कभी ब्रा पहन रही है तो कभी खोल रही है। अरे कुतिया चूत में इतनी ही आग है तो सीधे-सीधे जाकर चुदवा क्यों नहीं लेती हरामजादी। और क्या पता चुदवाती भी हो, और चुदवा रही हो अभी। दोपहर में दो घंटे रोज अकेले रहते हैं दोनों। और सिर्फ दोपहर को ही क्यों, मेरे आते ही तो पूरा घर उनका, उछल-उछलकर चुदवाती होगी।
वसीम तो शरीफ इंसान है, लेकिन है तो मर्द। अगर किसी मर्द को कोई इसके जैसी हसीन रडी पटाए तो उसका लण्ड तो ऐसे ही टाइट हो जाएगा। वसीम भी अब तक चढ़ गया होगा रंडी पै। सोचते-सोचते विकास गुस्से में ही शीतल और वसीम की चुदाई सोचने लगा। इंटरनेट पे उसने कई तरह के पोर्न देखें थे और स्टोरीस पड़ी थी। उसका लण्ड टाइट हो गया और वो अपनी बीवी की चुदाई वसीम के साथ एंजाय करने लगा। वो मन में सोचने लगा की वसीम में चोद रहा होगा तो वैसे चाद रहा होगा।
विकास बाथरूम में जाकर मूठ मारने लगा, अपनी रंडी बीवी शीतल शर्मा के वसीम खान से चुदाई के नाम पे। उसका शीतल से गुस्सा खत्म हो गया था और उसने सोच लिया था की शीतल को जो करना है करने देगा। घर में कुछ जाससी कैमरे लगवाकर वो अपनी बीवी को चुदवाते हये देखेंगा और जब उससे मन भर जाएगा तो उसे छोड़ देगा।
इधर शीतल अंदाजे से कम से निकली की अब बसीम लण्ड को पैंटी ब्रा पे रगड़ रहा होगा। वो आगे बढ़ने के लिए हुई लेकिन उसकी हिम्मत ही नहीं हुई। कल रात की ही तरह आज भी उसके पैर नहीं बढ़े। कल रात में और अभी में अंतर बस इतना था की कल शीतल एक सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाईधी और रूम में सोने चली गई थी। आज पहले दो सीढ़ी, फिर चार सौदी और फिर छत के दरवाजे तक जाकर शीतल रुक गई थी। उसके मन में उठा तूफान शांत ही नहीं हो रहा था, और फिर वो नीचे आ गई। शीतल बेचैन सी रही।
शीतल थोड़ी देर बाद हिम्मत करके उठी और सीधे धड़धड़ाते हए छत पे चली गई, लेकिन तब तक वसीम रगम में जा चुका था। शीतल अपनी पैटी ब्रा को उठाई और वहीं में उसे देखते हुए सूंघने लगी की अगर वसीम देख रहा हो तो उसकी हिम्मत उससे बात करने की हो जाए। शीतल पैटी को सूंघते हए वहीं पे वीर्य को चाटने लगी। उसकी हिम्मत ने जवाब दे दिया और वो नीचे आ गई, और अपनी पहनी हुई पैंटी को उतार दी और वसीम के बीर्य लगी पैटी को पहन ली। वो पैंटी के ऊपर से अपनी चूत को सहला रही थी। वसीम का वीर्य उसकी चूत को भिगा रहा था और शीतल के हाथों में भी लग गया था, जिसे शीतल चाट ली।
शीतल ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और- "आह्ह... वसीम। आप इतने शरीफ क्यों हैं? क्यों नहीं मुझे देखते, क्यों नहीं मुझसे बात करते? आपको क्या लगता है मैं गुस्सा करेंगी? बिल्कुल नहीं करेंगी। मैं तो आपकी मदद करना चाहती हैं। उफफ्फ... बसीम आपको लगता है की मेरे जैसी पढ़ी-लिखी शरीफ घर की औरत आप जैसे इतने बड़े उम्र के इंसान से दोस्ती क्यों करेंगी? ऐसा नहीं है वसीम अंकल। मैं चाहती हैं की आपसे बातें करी। अब आप ऐसे नहीं मानेंगे। अब मैं भी आपको मनाकर ही रहंगी। आप मुझे शरीफ समझते हैं इसलिए बात नहीं करते ना? तो अब में रंडियों की तरह बिहेव करगी आपके सामने। तब तो आप मानेंगे ना?" शीतल की चूत में पानी छोड़ दिया और वो निटाल होकर साफे में पड़ी रही।
वसीम ने शीतल को छत में आता देखकर और पैटी बा लें जाता हआ देखकर थोड़ी राहत की सांस ली। शीतल को अपना वीर्य सूंघता और चाटता हुआ देखकर वसीम के मुर्दा लण्ड में फिर से जान आ गई थी। लेकिन फिर भी उसने सोचा की अब जल्दी ही कुछ कर लेना चाहिए।
आज विकास को भी आफिस में मन नहीं लग रहा था। वो अपनी बीवी की हरकतों के बारे में सोच रहा था। उसे शीतल पे बहुत गुस्सा आ रहा था। कैसे शीतल वसीम को डिनर पे बुलाई और कैसे उसके लिए तैयार हुई? कैसे बो उसके सामने खुद को पेश कर रही थी? और कल रात तो बो रडियों की तरह बिहेव कर रही थी। मादरचोद कभी ब्रा पहन रही है तो कभी खोल रही है। अरे कुतिया चूत में इतनी ही आग है तो सीधे-सीधे जाकर चुदवा क्यों नहीं लेती हरामजादी। और क्या पता चुदवाती भी हो, और चुदवा रही हो अभी। दोपहर में दो घंटे रोज अकेले रहते हैं दोनों। और सिर्फ दोपहर को ही क्यों, मेरे आते ही तो पूरा घर उनका, उछल-उछलकर चुदवाती होगी।
वसीम तो शरीफ इंसान है, लेकिन है तो मर्द। अगर किसी मर्द को कोई इसके जैसी हसीन रडी पटाए तो उसका लण्ड तो ऐसे ही टाइट हो जाएगा। वसीम भी अब तक चढ़ गया होगा रंडी पै। सोचते-सोचते विकास गुस्से में ही शीतल और वसीम की चुदाई सोचने लगा। इंटरनेट पे उसने कई तरह के पोर्न देखें थे और स्टोरीस पड़ी थी। उसका लण्ड टाइट हो गया और वो अपनी बीवी की चुदाई वसीम के साथ एंजाय करने लगा। वो मन में सोचने लगा की वसीम में चोद रहा होगा तो वैसे चाद रहा होगा।
विकास बाथरूम में जाकर मूठ मारने लगा, अपनी रंडी बीवी शीतल शर्मा के वसीम खान से चुदाई के नाम पे। उसका शीतल से गुस्सा खत्म हो गया था और उसने सोच लिया था की शीतल को जो करना है करने देगा। घर में कुछ जाससी कैमरे लगवाकर वो अपनी बीवी को चुदवाते हये देखेंगा और जब उससे मन भर जाएगा तो उसे छोड़ देगा।